त्रिवेन्द्र सरकार के पॉलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के प्रयासों की योगी ने की प्रशंसा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के सार्थक प्रयासों के कारण दोनों राज्यों के बीच अनेक मसले सुलझे है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की जमकर तारीफ की। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने भी त्रिवेन्द्र सरकार द्वारा पॉलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी जी की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मध्य नहरों एवं अलकनन्दा होटल के सम्बन्ध में समझौता हुआ है। अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम और सुदृढ़ बनाने के लिए दोनों राज्यों के बीच पारस्परिक समझौता किया गया। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य आपसी तालमेल से शीघ्र ही परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित मामलों में निर्णय लेंगे और उनका निस्तारण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों राज्यों को ज्वाइंट वेंचर बनाकर कार्य करना होगा। जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए दोनों राज्यों को दीर्घकालीन योजना बनानी होगी। जल को संचय करने के लिए वर्षा जल को एकत्रित करना जरूरी है। जल संरक्षण से ईको सिस्टम भी ठीक होगा। जल संरक्षण के लिए दोनों राज्यों को मिल जुलकर प्रयास करने होंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप अलकनन्दा होटल से जुड़ी समस्या का समाधान होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में उत्तर प्रदेश भवन के नाम पर एक नवीन आवास पर्यटक गृह के निर्माण के लिए भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर्यटक आवास का नाम भागीरथी पर्यटन गृह रखा जायेगा। इस आवास को उत्तराखण्ड की वास्तु शैली में बनाया जायेगा। आगामी दो माह में दोनों राज्य परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान आपस में बैठकर करेंगे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड जो भी सार्थक पहल करेगा उत्तर प्रदेश की ओर से उसमें पूरा सहयोग दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखण्ड सरकार की पॉलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गंगा कि अविरलता एवं निर्मलता को बनाये रखने के लिए हम सबको अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। ‘नमामि गंगे’ केवल सरकार का अभियान न रहे, इसमें सबकी भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2019 में इलाहबाद में होने वाले कुंभ से पहले उत्तर प्रदेश में 15 दिसम्बर 2018 तक सीवरेज एवं नालों के पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए गंगा के किनारे उत्तर प्रदेश के सभी 27 जनपदों के 1556 गांवों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच पिछले 17-18 वर्षों से चल रहे विवादों का निपटारा दोनों राज्य सौहार्दपूर्ण माहौल में किया जायेगा। यह कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को लेकर किया जायेगा।

इस अवसर पर हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री प्रो. रीता बहुगुण जोशी, आदि उपस्थित थे।

सीएम ने किया पुस्तक प्राचीन व वर्तमान टिहरी का विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भवानी प्रताव सिंह द्वारा संपादित पुस्तक प्राचीन एवं वर्तमान टिहरी का विमोचन किया। टिहरी महोत्सव कार्यक्रम में पहुंच सीएम में 31 करोड़ 95 लाख रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।

विधानसभा क्षेत्र टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड जाखणीधार के आवासीय भवनों हेतु एक करोड 57 लाख रूपये के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया गया। विकासखण्ड जाखणीधार के कार्यालय भवन हेतु एक करोड़ आठ लाख 55 हजार रूपये के निर्माण कार्य का लोकार्पण किया। इसके अलावा जिन निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया गया। उनमें केन्द्रीय वित्त पोषित योजना ’स्वदेश दर्शन’ के अन्तर्गत कोटी में निर्मित टूरिस्ट पाथवे, पार्किंग, व्यू प्वाइंट, फ्लोटिंग हट तथा सर्विस सेटअप, चम्बा में मल्टी लेवल कार एवं बस पार्किंग एवं सिराई में ईको लॉज, मल्टीपरपस हॉल तथा यूटिलिटी भवन शामिल है।

मुख्यमंत्री ने भवानी प्रताप सिंह द्वारा सम्पादित पुराना दरबार ट्रस्ट की पुस्तक ’प्राचीन एवं वर्तमान टिहरी’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ज्ञान सिंह नेगी को पेंशन का चैक देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि 16 मई को टिहरी झील में कैबिनेट कराने का जो निर्णय लिया, यह निर्णय भविष्य में पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को वैश्विक स्तर पर विशिष्ट पहचान दिलायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिये ’13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन’ की सरकार की परिकल्पना है। जिसमें टिहरी जिले में टिहरी झील को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से टिहरी झील में बड़ा पोटेंशियल दिखता है। इस तरह के आयोजनों से वैश्विक स्तर पर टिहरी झील एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में उभर कर आयेगा। वेलनेस, योगा टूरिज्म, एडवेंचर, फिल्म आदि के क्षेत्र में यहां अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टिहरी झील राज्य में युवाओं को आर्थिक एवं आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत करेगी। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य पर्यटकों को उत्तराखण्ड आने के लिये आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को उत्तराखण्ड को प्रकृति द्वारा दी गई इस देन को समझना होगा।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिये जाने से पर्यटन राज्य की रोजी रोटी का जरिया बनेगा। उन्होंने कहा कि टिहरी महोत्सव के आयोजन से देश व विदेशीयों के लिये टिहरी झील आकर्षण का केन्द्र बनेगी। फ्लोटिंग हट्स यह कि विशिष्ट पहचान है। वॉटर स्पोर्ट्स, पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग एवं अन्य गतिविधियां टिहरी में पर्यटन के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि पर्यटक स्थलों पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है।

राज्य सरकार ने सृजित किये रोजगार के नये मौके

उत्तराखंड को पर्यटन राज्य बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण कदम उठाये है। उन्होंने सैकड़ो रोजगार देने के लिये वीर चंद्र सिंह गंढ़वाली योजना का दायरा बढ़ाकर क्याकिंग, टेरेनबाइकिंग, कैरावेन, एग्लिंग, स्टार गेसिंग, बर्ड वॉचिंग, आदि गतिविधियों को जोड़ा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार को कोटी कॉलोनी क्षेत्र में टिहरी झील में तैरती बोट पर बैठक हुई। बैठक में 13 बिंदु रखे गए। लेकिन थराली उपचुनाव की आचार संहिता लागू होने के चलते जोशीमठ क्षेत्र से जुड़े एक बिंदु को स्थगित कर दिया गया। सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग) पॉलिसी में संशोधन कर पर्यटन से जुड़ी कई गतिविधियों को उद्योग का दर्जा दिया गया। अब कायाकल्प रिजॉर्ट, आयुर्वेद, योग, पंचकर्मा, बंजी जंपिंग, जॉय राइडिंग, सर्फिंग, कैंपिंग, राफ्टिंग जैसे उद्यम एमएसएमई नीति के तहत आएंगे। इस क्षेत्र में आने वाले उद्यमियों को उक्त नीति के तहत तमाम सुविधाएं मिलेंगी।

मेगा इन्वेस्टमेंट इंडस्टियल पॉलिसी के तहत आयुष और वेलनेस को लाया गया है। इससे होटल, रिजॉर्ट, क्याकिंग, सी प्लेन उद्योग, आयुर्वेद, योग जैसी 22 गतिविधियां को शामिल किया गया है। इन गतिविधियों के लिए आने वाले उद्यमों को सरकार की ओर से कई लाभ मिलेंगे।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में 11 नई गतिविधियों के लिए उपकरणों की खरीद के लिए सहायता दी जाएगी। काबीना मंत्री कौशिक ने बताया कि चालू वर्ष को रोजगार वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। सरकार का उद्देश्य पर्यटन और रोजगार को आपस में जोड़कर राज्य के युवाओं को रोजगार से जोड़ना है।

खुरूड़ी डांडा को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करेंगेः सतपाल

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने खुरुड़ी पौराणिक बिस्सू महोत्सव में पहुंचकर कहा कि खुरुड़ी बिस्सू महोत्सव को राज्य स्तर के मेले में शामिल किया जाएगा। साथ ही खुरुड़ी डांडा को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने खुरुड़ी मेले के आयोजन के लिए पांच लाख रुपये देने की घोषणा भी की।

विकासशील युवा समिति खत विशायल द्वारा खुरुड़ी थात में आयोजित महोत्सव के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पर्यटन मंत्री ने कहा कि खुरुड़ी पौराणिक बिस्सू महोत्सव को राज्य स्तरीय मेले में शामिल करने व खुरुड़ी पर्यटन स्थल को विकसित करने की योजना बनाई गई है। विदेशों की तर्ज पर उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा।

जौनसार-बावर को महासू सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सौ करोड़ रुपये भी मिल चुके हैं। पर्यटन मंत्री ने कहा कि वे संत हैं, जो कहते हैं करते भी हैं। उन्होंने रंगकर्मी नंदलाल भारती द्वारा लिखे नमन उत्तराखंड गीत की प्रशंसा भी की। साथ ही रीति रिवाज पर आधारित सांस्कृतिक लोक कला मंच की सीडी का विमोचन भी किया।

आईडीपीएल की भूमि पर बनेगा इंटरनेशनल कन्वेंशनः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने डोईवाला में भाजपा युवा मोर्चा द्वारा आयोजित मिलेनियम वोटर महा अभियान-2018 में मिलेनियम वोटरों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और नए भारत के संकल्प को लेकर कार्य कर रहे हैं। भारत के भविष्य के तय करने में युवा वोटरों को महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। देश और राज्य के समग्र विकास के लिए भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य किया है। एनएच घोटाले में अभी तक 20 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसकी जाँच अभी जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड में पर्यटन का अच्छा भविष्य है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लिए रेल कनेक्टिविटी का विस्तार किया जा रहा है। उड़ान योजना के अन्तर्गत 27 हेलीपैड में सस्ती हवाई सेवाएं प्रारम्भ की जायेंगी। उन्होंने कहा कि पॉवर सेक्टर में प्रदेश को पिछले साल 288 करोड़ रूपये का घाटा हुआ था, जो इस वर्ष केवल 88 करोड़ रूपये है। इस वर्ष पावर सेक्टर में 200 करोड़ रूपये का घाटा कम किया गया। परिवहन में एक साल प्रदेश में एक साल में डेढ़ सौ करोड़ की आय बढ़ी। खनन में भी 28 प्रतिशत राजस्व की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि 2020 तक राज्य के राजस्व को दुगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आगे कहा कि पलायन को रोकने के लिए सभी 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए इस बार के बजट में प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश में आईडीपीएल की 800 एकड़ भूमि पर इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए केन्द्र सरकार से मंजूरी मिल गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जिलों में बाल लिंगानुपात में कमी चिंता का विषय है। इसे संतुलित करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाये जा रहे हैं।

पशु पक्षियों के संरक्षण के लिये जनता को आगे आना होगाः हरक

तीन दिवसीय वर्ल्ड फेस्टिवल का शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में जैव विविधता की दृष्टि से अपार संभावनाएं है। सरकार हर क्षेत्र में आगे बढ़कर कार्य कर रही है। जिससे उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन को बढ़ावा मिल सके।

उत्तराखंड वन विभाग द्वारा थानो वन रेंज में पहली बार आयोजित वर्ल्ड फेस्टिवल का शुभारंभ मुख्यमंत्री व वन मंत्री ने किया। मुख्यमंत्री व वन मंत्री ने वर्ल्ड फेस्टिवल में आयोजित वन विभाग, वन विकास निगम, जिला कारागार, डब्लू डब्लू एफ, सहज योग आदि कई विभागों के अलावा स्थानीय स्तर पर लगाए गए स्टॉलों का भी अवलोकन किया। उन्होंने वर्ल्ड फेस्टिवल में संजय लोधी व अनीति भूषण दत्ता की तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा उत्तराखंड देशी व विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये ईको पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में प्राकृतिक झरने, बुग्याल, जैव संसाधन आदि है। जो पर्यटन की दृष्टि से आय का स्त्रोत बन सकता है। उन्होंने कहा कि गुजरात की दर्ज पर उत्तराखंड में भी ऑप्टिकल पार्क बनाये जा सकते है।

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि देश में पाये जाने वाली करीब 1200 प्रजातियों में से अकेले 710 के लगभग प्रजातियां उत्तराखंड में पाई जाती है। वन विभाग व आम लोगों के बीच आपसी तालमेल अच्छा हो सके, इसके लिये पशु-पक्षियों के संरक्षण के लिये जनता को भी सहयोग करना होगा।

योग के कारण भारत पूरे विश्व में डंका बजा रहाः त्रिवेन्द्र

अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव का विधिवत रूप से शुभारंभ हो गया। तीर्थनगरी ऋषिकेश में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि भारत की भूमि पर ऋषि-मुनियों के अथक प्रयासों से जन्मा योग आज समूचे विश्व में अपनी महत्ता का सिद्ध कर रहा है।

आज पूरा विश्व योग के लिए भारत और खास कर उत्तराखंड की ओर रूख कर रहा है। उनहोंने कहा कि महर्षि पतंजलि योग के परिणेता रहे हैं, उसी योग को कई ऋषि-मुनियों, संतों और योग गुरुओं ने विस्तार देते हुए आज दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह आज विश्व भर मनुष्य का स्वभाव हिंसक हो रहा है, उससे बचने के लिए योग एक बेहतर माध्यम है।

उत्तराखंड पर्यटन विभाग, गढ़वाल मंडल विकास निगम व वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव- 2018 के दूसरे दिन यानी शुक्रवार को योग जिज्ञासुओं ने फूलों की होली खेली। इसके बाद दूसरे दिन योग की कक्षायें चली। आपकों बता दें कि पूरे विश्व के करीब 90 देशों से लगभग 1500 से अधिक योगाचार्य ऋषिकेश में आयोजित योग महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे है। शनिवार को उपराष्ट्रपति परमार्थ निकेतन में योग जिज्ञासुओं को संबोधित करेंगे।

प्रतिदिन चलने वाली योग की 200 से अधिक कक्षाओं में मुख्य रूप से अष्टांग योग, आयंगर योग, विन्यास योग, कुंडलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिंतोह योग, सोमैटिक योग, हठ योग आदि प्रस्तुत किए जाएंगे।

त्रिवेन्द्र ने खिर्सू को पर्यटन मानचित्र पर उतारने का दिया भरोसा

खिर्सू शरदोत्सव के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने राज्यों के डाक्टरों व नर्सों की कमी को जल्द पूरा करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर सरकार गंभीरता से अध्ययन कर रही है। राज्य के सभी अस्पतालों में अगले दो माह के भीतर डॉक्टरों को नियुक्त कर दिया जायेगा। उन्होंने खिर्सू को पर्यटन मानचित्र पर उतारने वाली बात भी कही।

सोमवार को विकास खंड खिर्सू मुख्यालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खिर्सू शरदोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार पर दृढ़ता से कार्य कर रही है। प्रदेश में तबादला व्यवसाय पर पूरी तरह रोक लगा दी है। भ्रष्टाचार में लिप्त 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 14 लोगों को जेल भेज दिया गया है।

रावत ने कहा कि 12 हजार करोड़ से ऑलवेदर रोड, 16 हजार करोड़ से रेल लाइन व 13 हजार करोड़ से प्रदेश की सीमाओं पर भारत माला योजना के तहत सड़कों का निर्माण कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि आईआईटी मुंबई के छात्रों व शिक्षकों ने डिवाइस तैयार की है जिसमें एनसीआरटी का पाठ्यक्रम तैयार है। जिसका शुभारंभ प्रदेश में अनाथ बच्चों की शिक्षा से स्मार्ट क्लास के रूम में किया जाएगा।
जनपद पौड़ी में जीआइसी खिर्सू से इस योजना का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में जल्द ही पिरुल से डीजल व तारपिन का तैल तैयार करने जा रही है। लोगों से सरकार पांच से सात रुपये किलो पिरुल खरीदेगी। जो जंगलों को आग से बचाने, पर्यावरण संरक्षण व लोगों की आय में वृद्धि करने में सहायक होगी। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि खिर्सू को पर्यटन मानचित्र में उभारने के लिए विशेषज्ञों से राय-शुमारी कर ठोस पहल की जाएगी।

चौबट्टा में जल्द ही सहकारी बैंक खोला जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि एनआईटी उत्तराखंड का निर्माण सुमाड़ी व जलेथा में 500 करोड़ की लागत से किया जाएगा। किसान कल्याण योजना के तहत जनपद पौड़ी में 25 हजार किसानों को लाभांवित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पहाड़ में शराब आंदोलन के दौरान महिलाओं पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाने का आदेश दे चुके हैं। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के 300 किसानों को पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के चौक भी वितरित किए

गंगा की स्वच्छता का जिम्मा जर्मनी से आयी टीम के हाथों


जर्मनी के प्रतिनिधिमण्डल नेे सचिवालय में डिप्टी मिशन चीफ डॉ.जेस्पर वेक के नेतृत्व में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से विचार विमर्श किया। मिशन चीफ के साथ फेडरल मिनिस्ट्री के साउथ एशिया डिवीजन हेड डॉ.रोलफ्राम क्लेन, जर्मन डेवलपमेंट बैंक के सीनियर पॉलिसी ऑफिसर, जीआईजेड(जर्मन एजेंसी फॉर इंटरनेशनल टेक्निकल कोऑपरेशन) के कंट्री डायरेक्टर डॉ.यूरिक रिवेरे, सिल्के पालविज सहित अन्य अधिकारी थे। जीआईजेड उत्तराखण्ड में गंगा नदी की स्वच्छता, चिकित्सा, कौशल विकास में तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रदान करेगा।

गंगा नदी की स्वच्छता के लिए जर्मनी के मिशन चीफ के समक्ष 920 करोड़ रूपये के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। जीआईजेड को बताया गया कि हरिद्वार, ऋषिकेश, तपोवन, मसूरी, देहरादून में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नेटवर्किंग का कार्य किया जायेगा। इन शहरों में 265.47 एमएलडी सीवेज निकलता है। इनके नेटवर्किंग 574.26 किमी में की जानी है। जर्मन मिशन ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार द्वारा बनाये गये डीपीआर का मूल्यांकन जर्मन तकनीकी टीम द्वारा किया जा रहा है। जीआईजेड गंगा नदी की स्वच्छता के लिए 920 करोड़ रूपये दिये जाने पर जल्द निर्णय लेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार का संकल्प है कि गंगा नदी स्वच्छ व निर्मल हो। कोई भी नाला गंगा नदी में नही गिरने दिया जायेगा, इसके लिए गंगा किनारे के कस्बों में कार्य चल रहा है। जर्मनी के सहयोग से इस कार्य में और गति मिलेगी।

अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।