कार्यों की गुणवत्ता से ना किया जाए समझौता-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ एस.एस. सन्धु ने शुक्रवार को भगवान केदारनाथ के दर्शन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कार्यों में बेहतर गुणवत्ता के साथ ही तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों में गति लाने के लिए आवश्यक मैन पावर, मशीनरी एवं मटीरियल की पर्याप्तता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों में गति लाने के लिए वीकली टारगेट निर्धारित कर अचीवमेंट की समीक्षा नियमित रूप से की जाए।
मुख्य सचिव ने केदार पुरी के दोनों तरफ की पहाड़ियों पर वन विभाग को आकर्षक प्लांटेशन करने के निर्देश दिए। उन्होंने वहां काम कर रही लेबर से भी बात की, मुख्य सचिव ने अधिकारियों को श्रमिकों के लिए उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने चोराबाड़ी ट्रेक रूट को विकसित किए जाने के साथ ही गरुड़ चट्टी से रामबाड़ा तक पुराने मार्ग को सुचारू करने हेतु फॉरेस्ट क्लीयरेंस पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्माणाधीन शंकराचार्य समाधि स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी के संगम पर निर्मित हो रहे स्नान घाटों केदारनाथ गरुड़ चट्टी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल व पहाड़ी शैली में निर्मित हो रहे भवनों का जायजा भी लिया। मुख्य सचिव ने वहां मौजूद अधिकारियों से निर्माण कार्यों में गति एवं समय से पूरा करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सुव्यवस्थित और सुरक्षित चारधाम यात्रा हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर एवं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग भी उपस्थित थे।

सरकार की मजबूत पैरवी से हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा से प्रतिबंध हटाया

उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर लंबे समय से लगी रोक पर गुरुवार को हुई सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को कुछ प्रतिबंधों के साथ हटा दिया है।

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600, यमनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दे दी है।

चारधाम यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को 72 घंटे पूर्व तक की कोविड जांच की नेगेटिव रिपोर्ट अथवा दोहरी वैक्सीन का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा। साथ ही तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। न्यायालय ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान आवयश्यक्तानुसार पुलिस फोर्स लगाने को कहा है। भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने सचिवालय में चारधाम त्यारियो की बैठक के दौरान सम्बंधित सभी विभागों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा के लिए समय काफी कम बचा है वे अपनी सारी तैयारियां पूरी करें। उन्होंने कहा कि चारधाम प्रदेश के लाखों व्यक्तियों के रोजगार और आजीविका का साधन है। चारधाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के मानक का अनुपालन कराना और सैनिटाइजेशन कराना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि माननीय हाईकोर्ट ने स्थानीय लोगों की आजीविका, कोविड नियंत्रण में होने, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाया है। यात्रा शुरू होने से हजारों यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौट सकेगी।

विस अध्यक्ष ने गणपति का किया विसर्जन, सभी के लिए मांगा आर्शीवाद

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने गणपति को घर में स्थापित करने के बाद रविवार को परिवार सहित गंगा में विधि विधान से विसर्जन किया। गणपति जी का विसर्जन करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि, स्वस्थ जीवन की कामना की।
ऋषिकेश स्थित अपने निजी आवाज से विधानसभा अध्यक्ष ने धर्मपत्नी शशिप्रभा अग्रवाल व सुपुत्र पीयूष अग्रवाल सहित गणपति जी को लेकर आस्था पथ पर पहुंचे, जहां गणपति का गंगा में विसर्जन किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि गणपति जी प्रदेशवासियों को कोरोना और जीवन में आई हर विपत्ति का सामना करने की शक्ति दें। उन्होंने कहा श्री गणेश की उपासना से जीवन में स्थायित्व आता है और विघ्नों का नाश होता है। उन्होंने कहा कि बुद्धि और समृद्धि के आराध्य देव भगवान गणेश जीवन में श्रेष्ठ और सृजनात्मक कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। हम सभी को उनका स्मरण और वंदन करना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने प्रदेश की खुशहाली की कामना की

उत्तराखंड कांग्रेस के महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज ऋषिकेश विधासनभा क्षेत्र के अंतर्गत श्री गणपति सेवा मण्डल ऋषिकेश द्वारा गणपति महोत्सव 2021 के दौरान मूर्ति स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पहुँच कर पूरी विधि विधान से भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
श्री गणेश जी के स्थापना दिवस के मौके पर राजपाल खरोला ने कहा की भगवान विघ्नहर्ता से यही प्रार्थना करते है कि प्रदेश की जनता को सुख, समृद्धि व सफलता का आशीर्वाद प्रदान करें और सबकी मनोकामनाएं पूरी करें द्य कार्यक्रम में मनोज धींगरा, नितिन गुप्ता, योगेश कालड़ा, प्रिंस मनचंदा, कमल शर्मा, मुकेश जैन, आलोक चावला, राकेश मनचंदा, योगेश जैन उपस्थित रहे।

सीएम का आग्रह-केदारपुरी में फेज-टू के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करे पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाये जाने तथा वासुकी ताल क्षेत्र के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को भी नये लोकेशन के रूप में विकसित करने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ने स्थानीय जन भावनाओं के अनुरूप ईशानेश्वर मंदिर के पुनर्निर्माण, आस्था चौक पर “ऊँ“ कार की प्रतिमा स्थापित करने, शंकराचार्य समाधि एवं शिव उद्यान के डिजाइन में जन भावनाओं के अनुरूप संशोधन करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारपुरी में फेज-टू के 113.92 करोड़ के प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने हेतु प्रधानमंत्री से समय देने का आग्रह किया। इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री द्वारा शीघ्र समय निर्धारण हेतु आश्वासन दिया गया।

प्रधानमंत्री के विजन एवं मार्गदर्शन में हो रहा है केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केदारनाथ में 2013 में आयी आपदा के बाद प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारपुरी, एक नयी सुरक्षित एवं सुविधा युक्त धार्मिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में निर्मित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि स्थानीय स्थापत्य कला, नवीन तकनीकी के इस्तेमाल, ठोस अपशिष्ट निस्तारण व्यवस्था के साथ केदारनाथ धाम सुनियोजित आधुनिक संसाधनों से युक्त इको फ्रेंडली टाउन के रूप में विकसित हो रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी अवगत कराया कि बद्रीनाथ को स्मार्ट स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिये प्रथम चरण के 245 करोड़ की योजना के कार्यों को शुरू करने के लिये 22 राजकीय भवनों को अन्यत्र स्थानांतरित करने का निर्णय राज्य की कैबिनेट द्वारा लिया जा चुका है। इससे कार्यों में अब तेजी आ सकेगी।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि केदारनाथ पुनर्निर्माण के प्रथम चरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं जिसमें टेम्पल प्लाजा, एराइवल प्लाजा, मन्दाकिनी एवं सरस्वती नदी पर सुरक्षा दीवार निर्माण, 05 घाटों का निर्माण, मन्दाकिनी रिवर फ्रंट के कार्य 5 गेस्ट हाउसों का निर्माण, 3 ध्यान गुफाओं का निर्माण पूर्ण हो चुका है। आदि शंकराचार्य की गुफा का निर्माण कार्य गतिमान है जबकि, द्वितीय चरण में 113.92 करोड़ के 13 कार्यों पर भी कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री ने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ड्रोन के माध्यम से श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट, प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजक्ट है। उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में और तेजी लाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निमाण कार्यों में और तेजी लाने के लिए मानव संसाधन के साथ पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था भी हो।

प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में मास्टर प्लान के अनुरूप श्री केदारनाथ को भव्य बनाया जा रहा है।

समयबद्ध, गुणवत्तायुक्त और प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप कार्य पूरा करने के लिए निर्देश
प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप भव्य केदारपुरी के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री धामी कृतसंकल्प हैं। वे लगातार प्रोजेक्ट की मानिटरिंग कर रहे हैं। खराब मौसम के कारण केदारनाथ न जाने पर उन्होंने ड्रोन के माध्यम से केदारनाथ पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट का निरीक्षण और समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में अवशेष आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल एवं मंदाकिनी नदी पर बन रहे ब्रिज के निर्माण कार्य को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आने वाले दो-तीन माह में श्री केदारनाथ में कार्य करने के लिए अच्छा समय है, इस दौरान तेजी से कार्य किये जायेंगे।

द्वितीय चरण के कामों में तेजी लाने के मुख्यमंत्री ने दिये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्री केदारनाथ में चल रहे द्वितीय चरण के जो कार्य स्वीकृत हो चुके हैं, उनमें भी तेजी लाई जाय। सरस्वती नदी पर घाट एवं आस्था पथ के निर्माण के कार्य जल्द पूर्ण किये जाय।

प्रथम चरण के कार्य लगभग पूर्ण
प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी गई की श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत प्रथम चरण के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं। शंकराचार्य सामधि एवं ब्रिज का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जायेगा। द्वितीय चरण के कार्यों में 116 करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृत हो चुकी है। 08 कार्यों पर कार्य शुरू हो गया है। द्वितीय चरण में संगम घाट का नव निर्माण, आस्था पथ में रेन शेटलर, वाटर एटीएम, कमांड एण्ड कंट्रोल रूम, हॉस्पिटल बिल्डिंग एवं अन्य कार्य किये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री स्वयं केदारनाथ यात्रा के अनेक बार साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से कर चुके हैं विकास कार्यों की समीक्षा
प्रधानमंत्री केदारनाथ आपदा के समय से केदार पुरी के पुनर्निर्माण के लिए चिंतित हैं। प्रधानमंत्री स्वयं केदारनाथ यात्रा के अनेक बार साथ-साथ ड्रोन के माध्यम से विकास कार्यों की समीक्षा कर चुके हैं। 2013 में केदारनाथ आपदा के समय मुख्यमंत्री गुजरात रहते हुए उत्तराखंड सरकार प्रस्ताव दिया था कि केदारनाथ के पुनर्निर्माण में सहयोग करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री बाबा केदार से आध्यात्मिक रूप से जुड़े हैं। स्वयं ध्यान गुफा में बैठकर प्रधानमंत्री जी ने बाबा केदार के प्रति अपनी आस्था सार्वजनिक रूप से प्रकट की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर सचिव पर्यटन युगल किशोर पंत एवं वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल उपस्थित थे।

केदारनाथ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने में जुटी धामी सरकार

विश्व प्रसिद्ध श्री केदारनाथ धाम में यात्रा और पूजा का सफल आयोजन कराने के लिए रावल और पुजारियों को एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेगी। इसके लिए केदारनाथ धाम में रावल व पुजारियों के लिए तीन मंजिला इमारत का निर्माण किया जाएगा। जिसके लिए शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये का बजट जारी किए गए हैं। केदारनाथ के रावल ही धाम में छह माह की पूजा-अर्चना के लिए पुजारी को अधिकृत करते हैं।

श्री केदारनाथ धाम से करीब 300 मीटर सरस्वती नदी समीप बनने वाले तीन मंजिला इमारत में 18 कक्षों का निर्माण किया जाएगा। 6.39 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस इमारत में रावल निवास, पुजारी आवास, भोग मंडी, पंथेर आवास, समालिया आवास, वेदपाठी आवास, पूजा कार्यालय आदि की व्यवस्था की जाएगी। जिसके लिए उत्तराखंड शासन की ओर से 10 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को प्राप्त हो चुकी है। जिसकी पहली किस्त 27 मार्च और दूसरी किस्त 12 जुलाई को जारी की गई।

दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव ने बताया कि तीन मंजिला इमारत का निर्माण होने के बाद यात्रा के साथ पूजा का सफल और आसानी से आयोजन हो सकेगा। शासन की ओर से इसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ रावल व पुजारियों को मिलेगा।

रविनाथ रमन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड ने बताया कि 265 वर्ग मीटर में होने वाले भवन निर्माण के लिए स्थानीय जिलाधिकारी की ओर से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को मंदिर परिसर के समीप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

हक हकूकधारियों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ की बैठक, बयान को बताया बौखलाहट

चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महा पंचायत समिति ने आज पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान का विरोध किया। महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया कि हक हकूकधारी किसी पार्टी विशेष के सदस्य नहीं हैं। ऐसे में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह का यह बयान कि जो लोग देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे हैं कांग्रेसी हैं, सरासर गलत है। कहा कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र जब से कुर्सी से हाथ धो बैठे हैं गलत और बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। यह उनकी बौखलाहट है।

समिति के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान का भी विरोध किया है। बताया कि सतपाल महाराज द्वारा यह कहना कि देवस्थानम बोर्ड में सभी तीर्थ पुरोहितों के हक सुरक्षित हैं, यदि ऐसा होता तो तीर्थ पुरोहित सड़कों पर आंदोलन नहीं करते। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार आश्वासन दे रहे है कि बोर्ड का पुनर्विचार किया जाएगा। मगर बोर्ड को बनाने के लिए हरी झंडी दे दी गई। इससे हक हकूक धारियों में आक्रोश है।

सीएम ने मां गंगा की पूजा अर्चना कर की प्रदेश की खुशहाली की कामना


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरकी पैड़ी हरिद्वार में मां गंगा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने इस अवसर पर संत महात्माओं को सम्मानित कर उनका भी आर्शीवाद प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गंगा हमारी जीवन दायिनी है, हमारी आस्था, श्रद्धा एवं विश्वास का भी प्रतीक है। गंगा हमारे जीवन का आधार भी हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हम सबके सामुहिक प्रयासों से उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास में सफल होंगे। समाज के अन्तिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिये हम सतत प्रयत्नशील रहेंगे।

मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के पश्चात् मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहली बार हरिद्वार पधारे। हरकी पैड़ी पर गंगा पूजा से पूर्व मुख्यमंत्री का भानियावाला, छिद्दरवाला, रायवाला, हरिपुरकला, भोपतवाला में बड़ी संख्या में आम जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओ द्वारा भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने सभी का आभार जताते हुए जन अपेक्षाओं के अनुरूप समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वे जन अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिये निरन्तर प्रयासरत रहेंगे। छिद्दरवाला में मुख्यमंत्री का स्वागत क्षेत्रीय जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा भी किया गया।

हर की पैड़ी में गंगा पूजन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य, स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक प्रणव सिंह चैम्पियन, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, आदेश चैहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, स्वामी चिदानंद मुनि, गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा के साथ सभी अखाड़ों के संत महात्मा उपस्थित थे।

एम्स निदेशक ने किया कुंभ के तहत बनाए गए सैक्टर चिकित्सालय में व्यवस्थाओं का निरीक्षण

महाकुंभ 2021 मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की टीमें चैबीस घन्टे उपलब्ध रहेंगी। इसके अलावा मुख्य स्नान पर्वों पर किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्स ऋषिकेश में डिजास्टर वार्ड और आईसीयू बेड आरक्षित किए गए हैं। संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई गई व्यवस्थाओं का एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बृहस्पतिवार को हरिद्वार के सैक्टर चिकित्सालय पहुंचकर जायजा लिया और इस बाबत उन्होंने चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

कुम्भ स्नान के लिए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को एम्स ऋषिकेश द्वारा चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके लिए हरिद्वार स्थित बैरागी कैम्प में बने सैक्टर चिकित्सालय में एम्स के चिकित्सकों की टीमें तैनात की गई हैं। व्यवस्थाओं को परखने और तैयारियों के मद्देनजर एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत ने बृहस्पतिवार को बैरागी कैम्प में बने सैक्टर चिकित्सालय का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में बनाए गए कोविड टेस्टिंग एरिया, ओपीडी, आईपीडी, रजिस्ट्रेशन काउंटर, डिस्पेंसरी, एमआई रूम आदि क्षेत्रों को सघन जायजा लिया और इस बाबत अधीनस्थों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

गौरतलब है कि कुम्भ के लिए विशेष तौर से तैयार किए गए 50 बेड वाले सैक्टर अस्पताल का संचालन एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जा रहा है। इस बाबत जानकारी देते हुए निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत ने बताया कि कुम्भ में किसी भी तरह की आपात स्थिति अथवा गंभीर किस्म के मरीजों के उपचार के लिए एम्स द्वारा एडवासं लाइफ सपोर्ट एएलएस और बेसिक लाइफ सपोर्ट बीएलएस सेवाएं भी उपलब्ध रहेंगी। उन्होंने बताया कि सैक्टर चिकित्सालय में एम्स द्वारा प्राथमिक चिकित्सा की सभी सुविधाएं संचालित की जा रही हैं। जरूरत पड़ने पर गंभीर किस्म के रोगियों को एम्स ऋषिकेश पहुंचाकर तत्काल इलाज शुरू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यहां श्रद्धालुओं को हरसंभव स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए 24 घन्टे चिकित्सकों की टीमें लगाई गई गई हैं। निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य है कि महाकुम्भ में देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को मेडिकल सुविधा की कोई कमी नहीं हो।
मौके पर मौजूद एम्स के नोडल ऑफिसर सैक्टर चिकित्सालय डा. मधुर उनियाल ने बताया कि मुख्य स्नान पर्वों पर किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए एम्स में आईसीयू बेड और ऑपरेशन थिएटर रिजर्व रखे जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि एम्स में एहतियातन एक डिजास्टर वार्ड भी तैयार रखा गया है। इस अवसर पर संस्थान के डीन ऐकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता और डीन अस्पताल प्रशासन प्रोफेसर यूबी मिश्रा भी मौजूद थे।