सार्वजनिक छठ पूजन समिति ने श्रद्धालुओं के लिए स्वच्दता कार्यक्रम चलाया

सार्वजनिक छठ पूजन समिति त्रिवेणी घाट ऋषिकेश द्वारा त्रिवेणी घाट पर समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा राज्य स्थापना दिवस पर स्वच्छता कार्यक्रम चलाया।
छठ पूजा की तैयारियों के संबंध में जानकारी देते हुए समिति के अध्यक्ष राम कृपाल गौतम ने बताया कि आज उत्तराखंड के शहीदों व पूर्व में रहे के समिति के बैकुंठवासी संस्थापक सदस्यों व अध्यक्षों की सेवाभावी भूमिका को याद करते हुए 1100 की संख्या में दीप जलाकर दीपदान कार्यक्रम किया गया। इस दीपदान के कार्यक्रम में सभी सनातन धर्मावलंबी व छठ व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं ने भाग लिया। अगले दिन के कार्यक्रम व श्रद्धालुओं की सहायता के लिए त्रिवेणी घाट परिसर में पंडाल की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान की जा सके। इस अवसर पर त्रिवेणीघाट में स्वच्छता अभियान भी चलाया गया।
इस अवसर पर समिति के महामंत्री परमेश्वर राजभर, कोषाध्यक्ष वीर बहादुर राजभर, संरक्षक आशुतोष शर्मा, लल्लन राजभर, कार्यक्रम संयोजक नागेंद्र सिंह, सांस्कृतिक सचिव चंद्रेश्वर यादव, दिलीप गुप्ता, राजू गुप्ता, सोनू गुप्ता, अनूप गुप्ता, अमित चौधरी, प्रवीण सिंह, प्रेम राजभर, ऋषि जयसवाल आदि उपस्थित रहे।

नहाय खाय के साथ महापर्व छठ की शुरुआत

लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत सोमवार को नहाय खाय के साथ हो गई। व्रतियों ने सुबह स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण किया। वहीं, सार्वजनिक छठ पूजन समिति त्रिवेणी घाट ऋषिकेश ने सोमवार को त्रिवेणीघाट पर 27वें पूजा महोत्सव के तहत विधिवत ध्वज स्थापित किया। समिति अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने बताया कि बीते 27 वर्षों से समिति यहां छठ महोत्सव मना रही है। कहा कि महोत्सव के तहत बुधवार को छठ मैया की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
सार्वजनिक छठ पूजन समिति त्रिवेणीघाट के अध्यक्ष रामकृपाल गौतम ने बताया कि छठ महापर्व का आगाज हो चुका है। यह चार दिनों तक चलेगा। सोमवार को नहाय खाय के साथ पर्व शुरू हुआ है। अब मंगलवार को सूर्य अस्त होने पर व्रती खरना करेंगे, इसके बाद बुधवार को 5ः19 पर अस्तांचगामी (डूबते हुए सूर्य) भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद गुरुवार को सुबह 6ः43 पर उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर महापर्व का समापन होगा। मौके पर कार्यक्रम संयोजक नागेंद्र सिंह, महासचिव परमेश्वर राजभर, कोषाध्यक्ष वीरबहादुर राजभर, आशुतोष शर्मा, आदेश शर्मा, सतवीर पाल, राजु गुप्ता, सोनू गुप्ता, संगठन मंत्री अतिब चौधरी, सतीश राजभर, अमित गुप्ता, ऋषि जायसवाल, लल्लन भारद्वाज, राजकुमार राजभर, कामेश्वर राजभर, प्रवीण सिंह, पंडित जगमोहन मिश्रा, हीरामन राजभर, मुकेश राजभर आदि उपस्थित रहे।

लोक आस्था का महापर्व छठ
सोमवार को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ शुरू हो गया। पहले दिन व्रतियों ने पूरे घर को साफ सुथरा कर स्नान किया। अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का भोग भगवान सूर्य को लगाया और उसके बाद प्रसाद को स्वयं भी ग्रहण किया और अपने परिवारिक सदस्यों को भी वितरित किया।

हरिद्वार पहुंचे अमित शाह ने लिया संतो का आर्शीवाद

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को श्री हरिहर आश्रम, कनखल, हरिद्वार में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि से भेंट कर देव-दर्शन एवं पूजन-अर्चन किया। आचार्य महामण्लेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ हिंदू धर्म आचार्य सभा के प्रमुख संत एवं शीर्षस्थ गणमान्य विभूतियों से आध्यात्मिक भेंट एवं अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की।
स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि राष्ट्र के सकल अभ्युदय एवं विश्व-कल्याण की मंगलकामना के लिए अमित शाह ने श्री हरिहर आश्रम पधार कर भगवान महामृत्युंजय महादेव एवं श्री पारदेश्वर महादेव के दर्शन और पूजन किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, योगगुरु स्वामी रामदेव, गीता ज्ञान संस्थानम, कुरुक्षेत्र के प्रमुख गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के संयोजक स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती, पूज्य स्वामी निर्मलानंदनाथ महाराज, चुन चुन गिरि मठ (कर्नाटक), आचार्य कृष्णमणि, प्रमुख कृष्ण प्रणामी संप्रदाय (गुजरात-राजस्थान), महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद सरस्वती, मुंबई (सुरत गिरि बंगला, हरिद्वार), उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार, जिला अधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे सहित अनेक गणमान्य विभूतियों की भी उपस्थिति रही।

बदरीनाथ पहुंचे सीएम ने पूजा अर्चना कर कार्यों में तेजा लाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज बद्रीनाथ धाम पहुंचकर भगवान श्री बद्रीनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हुए देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस दौरान रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने पूजा अर्चना कराई। मुख्यमंत्री अपने कार्यक्रम के तहत गुरुवार को बद्रीनाथ धाम पहुॅचे। उन्होंने भगवान बद्रीनारायण की पूजा की। इस दौरान उन्होंने बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों से भी बातचीत करते हुए यात्रा व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी भी ली।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बद्रीनाथ धाम के लिए मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहा है। इसके लिए 250 करोड़ की धनराशि भी प्राप्त हो गई है। मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों का निरीक्षण करते हुए प्रस्तावित कार्याे में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिले-धामी

रामनगरी अयोध्या में प्रवास के दूसरे दिन उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ’दिल्ली सेवा धाम ट्रस्ट’ की प्रस्तावित धर्मशाला के शिलान्यास पूजन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर मंत्रोच्चार के साथ हवन यज्ञ में आहूति दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला के निर्माण के बाद रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले देश और दुनिया के रामभक्तों को विश्व स्तरीय आवासीय सुविधा मिलेगी। इससे पूर्व उन्होंने जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मिलकर उनका हाल जाना और आशीर्वाद लिया।
धर्मशाला के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो चुका है। मंदिर को दिव्य और भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। मंदिर निर्माण से अयोध्या पूरी दुनिया के लिए एक धार्मिक केन्द्र बन जाएगा। उसके बाद यहां रामभक्तों और श्रद्धालुओं की आवाजाही और अधिक बढ़ जाएगी। यहां श्रद्धालुओं को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए सामाजिक संगठनों को भी सामने आना चाहिए। उन्होंने कहा कि रामभक्तों को अयोध्या में ठहरने के लिए उच्चस्तरीय सुविधा मुहैया करवाने के लिए ’दिल्ली सेवा धाम ट्रस्ट’ भव्य धर्मशाला का निर्माण कर रहा है। आगे चलकर यह धर्मशाला एक धरोहर बनने के साथ ही स्थानीय लोगों और रामभक्तों के लिए बहुपयोगी साबित होगी।
इससे पहले सुबह के वक्त मुख्यमंत्री ने मणिराम दास की छावनी पहुंचकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। महंत नृत्य गोपाल दास ने मुख्यमंत्री को रामनामा भेंट कर आशीर्वाद दिया।
इस मौके पर सांसद लल्लू सिंह, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा व अन्य लोग भी मौजूद रहे।

छात्र जीवन में तो कई बार लेकिन आज मुख्यसेवक बनकर आया हुं अयोध्या-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को अयोध्या पहुंचकर रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन कर उत्तराखण्ड राज्य की खुशहाली की प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण कार्य का अवलोकन किया और साधू संतों का आशीर्वाद भी लिया। राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अयोध्या 2 दिन के दौरे पर हैं। अपराह्न लगभग 3 बजे मुख्यमंत्री अयोध्या के नाका एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें उत्तरप्रदेश पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद वह नया घाट स्थित यात्री निवास सरयू होटल पहुंचकर उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। शाम को 4ः30 बजे नया घाट से चलकर हनुमानगढ़ी राम जन्मभूमि तक जाने वाली राम बारात में शामिल होते हुए पुष्कर सिंह धामी हनुमानगढ़ी पहुंचे। हनुमानगढ़ी में उन्होंने विधिविधान के साथ दर्शन पूजन किया। हनुमानगढ़ी पीठ के महंत राजूदास की अगुवाई में पूजन कार्यक्रम संपन्न किया गया। इसके बाद वह सीधे रामलला के दरबार में पहुंचे। उन्होंने पहले रामजन्म भूमि में रामलला की पूजा अर्चना की और फिर उस स्थान को देखने गए जहां रामलला का भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण हो रहा है। इससे पहले यात्री निवास में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उच्च शिक्षा लखनऊ से ग्रहण की है। छात्र जीवन में कई बार उनका अयोध्या आना हुआ, लेकिन उत्तराखण्ड के मुख्यसेवक के रूप में पहली बार उन्हें अयोध्या आने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड महादेव की भूमि है और उत्तर प्रदेश भगवान श्रीराम की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत देश तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया में हमारे देश का मान सम्मान बढ़ा है। उनके दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश की तरह उत्तराखण्ड में भी विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। कर्णप्रयाग ऋषिकेश रेलवे लाइन, चारधाम ऑल वेदर, केदारनाथ पुनर्निर्माण, बदरीनाथ सौंदर्यीकरण महायोजना समेत तमाम परियोजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारा जा रहा है। इस दौरान राज्यसभा सांसद नरेश बंसल भी मौजूद रहे।

रविवार को धर्मशाला के भूमि पूजन में शामिल होंगे धामी
रविवार की सुबह 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री दिल्ली सेवा धाम ट्रस्ट की धर्मशाला के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान यज्ञ में बैठ कर वह आहुति देंगे। मुख्यमंत्री ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट’ के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास से मणिराम छावनी में मुलाकात करेंगे। इसके बाद सुबह 11ः30 बजे वह अयोध्या के नाका एयरपोर्ट से देहरादून रवाना होंगे।

चारधामों के कपाट बंद होने के तिथि की हुई घोषणा

चारधाम यात्रा के लिए अब कम समय बचा है। अगले माह चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसकी औपचारिक घोषणा शुक्रवार को विजयादशमी पर हो गई है। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट छह नवंबर को भैया दूज के दिन बंद होंगे। वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे।

यह रहेगा दिन और समय
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी के दिन शुक्रवार को घोषित की गई। बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शाम 6:45 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूठ के पावन पर्व पर पांच नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर बंद होंगे। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर छह नवंबर को दोपहर साढ़े बारह बजे बंद किए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में गंगा मां की भोग मूर्ति के दर्शन उनके मायके ग्राम मुखबा और मां यमुना के दर्शन खरशाली स्थित उनके शीतकालीन मंदिरों में होंगे।
 
तुंगनाथ के कपाट 30 अक्टूबर व मद्महेश्व के कपाट 22 नवंबर को होंगें बंद
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को प्रातरू साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जाएगे। जबकि डोली आगमन पर मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।

17 अक्तूबर को बंद होंगे चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट
मध्य हिमालय में चतुर्थ केदार के रूप में विख्यात भगवान रुद्रनाथ के कपाट 17 अक्तूबर को कार्तिक संक्रांति के पावन पर्व पर ब्रह्ममुहूर्त में अभिषेक पूजा के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष अनसूया प्रसाद भट्ट, रुद्रनाथ के पुजारी धर्मेंद्र तिवाड़ी, गोपीनाथ-रुद्रनाथ मंदिर के प्रबंधक आशुतोष भट्ट और हक-हकूकधारी देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि उसी दिन भगवान की उत्सव डोली पनार बुग्याल और सगर गांव से होते हुए शीतकालीन गद्दीस्थल गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो जाएगी।

अब तक सवा लाख यात्रियों ने किए चारधामों के दर्शन
त्योहारी सीजन में विश्व प्रसिद्ध चारधामों के दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। अब तक सवा लाख यात्रियों ने बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के दर्शन किए हैं। बाबा केदार के दर्शन के लिए 8354 यात्री हेली सेवा से पहुंचे हैं। 

प्रदेश में अगले महीने चारधामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने से यात्रा भी स्थगित हो जाएगी। यात्रा के अंतिम दिनों में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शनों के लिए तीर्थ यात्रियों की तादाद बढ़ रही है। उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुताबिक गुरुवार को चारधामों में 7823 यात्रियों ने दर्शन किए। अब तक चारधामों में 1,14,195 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। 
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि 18 सितंबर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। अब तक चारधामों में दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या एक लाख पार हो चुकी है। ई-पास की व्यवस्था समाप्त होने से चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए बस टर्मिनल ऋषिकेश में निशुल्क कोविड जांच केंद्र स्थापित किया गया है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चारधामों में नियमों का पालन करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। साथ ही यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

नरेन्द्रनगर को मिली कई योजनाओं की सौगात, सीएम ने की घोषणा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को रामलीला मैदान, नरेंद्रनगर, टिहरी गढ़वाल में उत्तराखंड के प्रसिद्ध 45वां सिद्धपीठ श्री कुंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने नरेंद्रनगर हेतु विभिन्न घोषणाएं की जिनमें नरेन्द्रनगर में सामुदायिक भवन का विस्तारीकरण होगा, नरेन्द्रनगर में बस स्टैण्ड के समीप 70 वर्षीय पुरानी जीर्ण-शीर्ण डबल स्टोरी भवन का निर्माण कार्य किया जाएगा, नरेन्द्रनगर में बाजार लाईन का पुरातत्व विरासत के रूप में संरक्षण होगा, नरेन्द्रनगर में मोटा नाला/पुलिस थाने के समीप पार्किंग निर्माण का कार्य होगा, राजकीय इण्टर कॉलेज बेरनी एवं ओडाडा में 4-4 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कार्य होगा, नगरपालिका परिषद, मुनिकीरेती-ढालवाला के अन्तर्गत स्टेडियम का निर्माण कार्य होगा, नगर पंचायत गजा में मिनी स्टेडियम का निर्माण कार्य होगा, गजा क्षेत्र के अन्तर्गत घण्टाकरण मन्दिर में विश्राम गृह का निर्माण कार्य होगा, विधानसभा क्षेत्र नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत प्राकृतिक आपदा से नुकसान हेतु रू० 2 करोड़ दिए जाएंगे, विधानसभा क्षेत्र नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत दोगी पट्टी में दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त चार पर्वतीय नहरों का पुर्ननिर्माण कार्य होगा ,नरेन्द्रनगर से डौर-गुजाराड़ा मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य होगा , काटल नौदू मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य होगा व सोनी से नरेन्द्रनगर- रानीपोखरी मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य किया जाएगा शामिल है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विद्यालयों एवं विभागों द्वारा निकाली गई झांकियों का अवलोकन किया एवं कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 10वीं 12वीं के मेधावी छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित कर सम्मानित भी किया गया। तत्पश्चात् मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक स्थल पर पहुंचकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मां कुंजापुरी की धरती को नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि जब से मैनें मुख्य सेवक के रूप में जनता की सेवा करने का मौका मिला तब से हमारी सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य कर रही है। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे 24000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है। साथ ही युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में कैंप लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत तमाम युवाओं को ऋण वितरित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की कोरोना की वजह से अनेक लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए 200 करोड़ का राहत पैकेज दिया गया। उन्होंने कहा सरकार ने निर्णय लिया कि सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में आवेदकों को अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी जायेगी। साथ ही मार्च 2022 तक विभिन्न भर्तियों का आवेदन शुल्क माफ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका मिशन, स्वयं सहायता समूहों, कलस्टरों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली प्रदेश की बहनों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज दिया जा रहा है। साथ ही ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रूपये से बढ़ाकर 3500 रूपये किया गया है। समाज के हर वर्गों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज हिन्दुस्तान विकास की नई उचाईयों को छू रहा है। साथ ही भारत का दुनिया में मान-सम्मान बढ़ा रहा है, भारत को सशक्त एवं आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्य कर रहे हैं। उन्हीं के पद्चिन्हों पर चलकर राज्य में विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, राजेंद्र विक्रम सिंह पवार (अध्यक्ष नगर पालिका परिषद नरेंद्र नगर), राजेंद्र भंडारी (ब्लाक प्रमुख नरेंद्र नगर) रोशन रतूड़ी (अध्यक्ष नगर पालिका मुनिकीरेती) एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सनकादिक पीठ में श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के पाचवें दिन नंद महोत्सव मनाया

ब्रह्मपुरी राम तपस्थली सनकादिक पीठ में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ के पाचवें दिन नंद महोत्सव में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पहुंचे और कथा का लाभ उठाया। इस दौरान ऋषि कुमारों ने उनका पुष्प वर्षा और स्वस्तिवाचन से स्वागत किया।
तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष रवि शास्त्री ने बताया कि मदन कौशिक के पहुंचने पर ब्रह्मपुरी राम तपस्थली के संस्थापक अध्यक्ष महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने उत्तरीय एवं तुलसी का पौधा भेंट किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने सभी आए हुए महामंडलेश्वर संत महात्माओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य सतीश कौशिक महाराज को पुष्पहार पहनाकर आशीर्वाद लिया।
उन्होंने कहा कि आज पृथ्वी पर अगर धर्म बचा है तो आज उसका श्रेय घर-घर हो रही भागवत कथा, राम कथाओं को जाता है। जो इन संत महात्माओं के द्वारा की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हमे अपने बच्चों को संस्कार देने चाहिए, जिससे धर्म की रक्षा की सके। हम सभी धर्म अनुरागी भक्तों आज मां गंगा के तट पर संकल्प लें कि गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के साथ-साथ हम अपने क्षेत्र के आसपास पौधारोपण जरूर करेंगे। अपने घर जन्मदिन मनाए किंतु पौधा जरूर लगाएं। कौशिक ने भगवत कथा में सभी भक्तों के साथ मिलकर नंद महोत्सव भी मनाया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर दया राम दास महाराज, संदीप गुप्ता, संजय व्यास, महावीर दास, प्रमोद दास, मीना श्रीवास्तव, डॉ राहुल श्रीवास्तव, आरती श्रीवास्तव, विकास श्रीवास्तव, निधि श्रीवास्तव, गौरव पुष्पेंद्र, राखी, मनीष, सुनील, आहूजा आदि श्रद्धालु उपस्थित रहे।

शारदीय नवरात्रों में कब करनी है घट स्थापना, जानिए पूरी विधि

शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कल से हो रही है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत अधिक महत्व होता है। 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पहला दिन है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और अखंड ज्योत जलाई जाती है। नवरात्रि का दौरान मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और मां दुर्गा की पूजा विधि जानिए।

अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना का विशेष महत्व है। घट स्थापना के दिन चित्रा नक्षत्र जैसे शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। इस दिन कन्या राशि में चर्तुग्रही योग का शुभ संयोग बन रहा है। घट स्थापना मुहूर्त 7 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 17 मिनट से 7 बजकर 7 मिनट तक और अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 38 मिनट के बीच है। जो लोग इस शुभ योग में कलश स्थापना न कर पाएं, वे दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से दोपहर 1 बजकर 42 मिनट तक लाभ का चौघड़िया में और 1 बजकर 42 मिनट से शाम 3 बजकर 9 मिनट तक अमृत के चौघड़िया में कलश-पूजन कर सकते हैं।

पूजा विधि-
इस दिन सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।
मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

पूजा सामग्री-
लाल चुनरी
लाल वस्त्र
मौली
श्रृंगार का सामान
दीपक
घी/ तेल
धूप
नारियल
साफ चावल
कुमकुम
फूल
देवी की प्रतिमा या फोटो
पान
सुपारी
लौंग
इलायची
बताशे या मिसरी
कपूर
फल-मिठाई
कलावा