धामी सरकार को मिली कामयाबी, हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं की संख्या से रोक हटाई

हाइकोर्ट नैनीताल ने बदरीनाथ-केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। हाइकोर्ट ने चारों धाम में श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटा दी है। अब तीर्थ यात्री बेरोकटोक चारधाम यात्रा के लिए जा सकेंगे। साथ ही हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करवाना होगा। कोर्ट के इस आदेश से सरकार सहित दूसरे प्रदेशों से आने वाले तीर्थ यात्रियों, चारधाम यात्रा रूट पर होटलों, दुकानदारों आदि स्थानीय लोगों को भी बड़ी राहत मिली है।
मुख्य न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने उत्तराखंड सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए तीर्थ यात्रियों की सख्यां को निर्धारित किया गया था। साथ ही, तीर्थ यात्रियों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की भी सख्त हिदायत दी गई थी।
माधिवक्ता द्वारा कहा गया कि चारधाम यात्रा करने के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी। लेकिन वर्तमान समय मे प्रदेश में कोविड के केस ना के बराबर आ रहे है। इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।कहा कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा हुआ है।
इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे है उन सबको दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रहे है, वे भी नहीं आ पा रहे हैं। जिसके कारण वहां के स्थानीय लोगो पर रोजी-रोटी का खतरा उत्पन्न हो रहा है। सरकार द्वारा कोर्ट ने पूर्व दिए गए दिशा-निर्देशों का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा। चारधाम यात्रा में सभी सुविधाओं को उपलब्ध करा दिया गया है।
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया है कि चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या से रोक हटाई जाए या फिर श्रद्धालुओं की संख्या तीन से चार हजार प्रतिदिन किया जाए ताकि दूसरे प्रदेशों से भी लोग दर्शन को आ सकें। कहा कि कोरोना महामारी पर कोविड गाइडलाइन का सख्ती से पालन भी किया जा रहा है। सरकार का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने रोक हटा दी गई है।

बाबा के बुलावे पर सीएम केदारनाथ पहुंचे, तीर्थ पुरोहितों ने किया जोरदार स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज प्रातः 9 बजे निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार केदारनाथ धाम पहुंचे। हेली पेड पर देवस्थानम बोर्ड, जिला प्रशासन सहित तीर्थ पुरोहितों ने उनकी अगवानी की तथा स्वागत किया गया।
हेलीपैड से मुख्यमंत्री श्री केदारनाथ मंदिर दर्शन को पहुंचे जहां उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाबा केदारनाथ भगवान के दर्शन किये। उनकी ओर से मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने रुद्राभिषेक का पाठ किया। देश एवं प्रदेश के खुशहाली की मंगलकामना की। देवस्थानम बोर्ड द्वारा उन्हें श्री केदारनाथ भगवान का प्रसाद एवं रुद्राक्ष माला भेंट की।
मुख्यमंत्री आदि गुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल गये और वहां समाधि स्थल पुनर्निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। आदि गुरु शंकराचार्य जी की मूर्ति को हेलीकॉप्टर से कुछ दिनों पूर्व श्री केदारनाथ धाम पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री ने संपूर्ण केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का मौके पर अवलोकन भी किया। उन्होंने पुनर्निर्माण में लगे अधिकारियों, इंजीनियरों, मजदूरों के साथ ही श्रद्धालुओं से भी बातचीत की।
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सदस्य एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी मनुज गोयल, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, उपजिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह, देवस्थानम बोर्ड के मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, प्रबंधक अरविंद शुक्ला, प्रदीप सेमवाल भी मौजूद रहे।

राज्य में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को हर संभव सुविधा दी जाये-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को हर संभव सुविधा दी जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालु एवं पर्यटक देवभूमि उत्तराखण्ड से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह सबकी जिम्मेदारी है। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के प्रति किसी भी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में यदि एक भी यात्री को परेशानी होगी तो प्रदेश का मुख्य सेवक होने के नाते मुझे परेशानी होगी।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े रूद्रप्रयाग, चमोली एवं उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं अच्छी हों। गाईडलाइन के अनुसार श्रद्धालु दर्शन कर सकें। पर्यटक स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को भी कोई परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम यात्रा के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद जिन लोगों को परमिशन मिली है, वही लोग उत्तराखण्ड के चार धाम यात्रा के लिए आयें।
बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, डीजीपी अशोक कुमार, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग, अपर सचिव युगल किशोर पंत उपस्थित थे।

दर्शन करने आ रहे यात्रियों की संख्या बढ़ाने का सरकार हाईकोर्ट से करेगी अनुरोध

उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में चार धाम यात्रा से जुड़े सभी विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी एवं देवस्थानम् बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा रहा है। पंजीकरण कराये जाने हेतु अभिलेख एवं शर्तें दोनों पोर्टलों में समान हैं। यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत देवस्थानम् बोर्ड के ई-पास होल्डर को स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर पंजीकरण की बाध्यता को एसओपी से हटाये जाने पर विचार किया जाय।
देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाईट / पोर्टल खालने में उत्पन्न हो रही समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाय। धामों के चैक प्वाइंट पर ई-पास की चैकिंग हेतु क्यूआर कोड की व्यवस्था की जाय। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि देवस्थानम् बोर्ड के पोर्टल पर यात्रियों के पंजीकरण हेतु One Phone number, one booking, one adhar number की व्यवस्था की जाय। चारों धामों में समस्त प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चत करते हुये मन्दिर खुलने के निर्धारित समय के अन्तर्गत धाम एवं मन्दिर परिसर की वास्तविक क्षमता का आंकलन वीडियोग्राफी सहित शासन को उपलब्ध करायी जाय। माननीय उच्च न्यायालय में अंतरिम एप्लीकेशन दायर करते हुए तत्काल यात्रियों की प्रतिदिन दर्शन की अनुमन्य संख्या को बढ़ाये जाने हेतु अनुरोध किया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि ई-पास को निर्गत किये जाने एवं ई-पास की चैकिंग व्यवस्था को अत्यन्त सरलीकृत किया जाय, जिससे कि तीर्थ यात्रियों को ई-पास हेतु पंजीकरण कराने में किसी तरह की असुविधा न हो। बैठक में बताया गया कि निर्धारित यात्रियों के सापेक्ष पूर्व से पंजीकृत यात्रियों में से अपेक्षाकृत कम यात्री चार धामों में दर्शन आ रहे हैं, इस स्थिति में सम्बंधित जिलाधिकारियों द्वारा उक्त यात्रियों के स्थान पर अन्य पंजीकृत यात्रियों को दर्शन की अनुमति दे सकते हैं। बैठक में चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रविनाथ रमन ने बताया कि चार धाम यात्रा हेतु पंजीकरण एवं ई-पास देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट से निर्गत किये जा रहे हैं। वेबसाइट पर तक चार धाम यात्रा हेतु यात्रियों द्वारा पंजीकरण करा लिया गया चारों धाम में पूजा प्रातः 4.00 बजे से सायं 7.00 बजे तक संचालित की जा रही है।
बैठक सचिव पर्यटन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, चार धाम देवस्थानम् बोर्ड / आयुक्त, गढ़वाल मण्डल, सचिव, आपदा, सचिव, संस्कृति एवं धर्मस्व, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, यूकाडा, उपमहानिरीक्षक, पुलिस, गढ़वाल परिक्षेत्र, अपर सचिव, संस्कृति एवं धर्मस्व, जिलाधिकारी चमोली एवं जिलाधिकारी उत्तरकाशी, जिलाधिकारी, रूद्रप्रयाग, पुलिस अधीक्षक, उत्तरकाशी / रूद्रप्रयाग (वीसी के माध्यम से) सम्मिलित थे।

सबसे ज्यादा बदरीनाथ धाम में श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री सहित चारों धामों में अभी तक 17552 तीर्थ यात्री दर्शन कर चुके हैं। 18 सितंबर से 26 सितंबर के बीच इन श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 26 सितंबर को श्री बदरीनाथ धाम में 750, श्री केदारनाथ धाम में 639, श्री गंगोत्री धाम में 461, श्री यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। श्री हेमकुंड साहिब में 604 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
वहीं, उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष एवं हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनोज तिवारी रविवार सुबह पैदल यात्रा कर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम पहुंचे। जहां उन्होंने परिवार के साथ विधिवत पूजा-अर्चना कर मां यमुना के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने यमुनोत्री यात्रा मार्ग सहित यमुनोत्री धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। न्यायमूर्ति मनोज तिवारी शनिवार को जीआईसी बड़कोट में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तरकाशी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बहुद्देश्यीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ सदस्य सचिव आरके खुल्बे भी मौजूद रहे। वहीं तीर्थ पुरोहितों ने न्यायमूर्ति मनोज तिवारी को ज्ञापन प्रेषित कर धाम में एक हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को भेजने का आदेश पारित करने की मांग की।

त्रिवेणीघाट में गंगा आरती कर अविभूत हुई महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी

भाजपा महिला मोर्चा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को देहरादून में प्रारंभ हुई। वहीं महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं विभिन्न प्रदेशों से पहुँचे प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने त्रिवेणी घाट पर सायंकालीन गंगा आरती में प्रतिभाग किया एवं देश के विकास व सुख समृद्धि के लिए माँ गंगा से प्रार्थना की। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को गंगाजली भेंट की साथ ही अन्य महिला पदाधिकारियों को रुद्राक्ष की माला एवं पट्टा भेंट कर स्वागत किया।
त्रिवेणी घाट पर 200 से अधिक महिला मोर्चा के पदाधिकारियों के पहुंचने पर ऋषिकेश की महिला कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तराखंड के पारंपरिक वेशभूषा में विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत किया गया। साथ ही पुष्प वर्षा कर सभी अतिथियों का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा महिला मोर्चा की कार्य समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन सहित अन्य पदाधिकारियों, महिला सांसदो का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस मौक़े पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा महिलाओं का सम्मान करने वाला संगठन है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उत्थान के लिए कई विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है जिनका लाभ देश भर की महिलाओं को प्राप्त हो रहा है। अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में महिलाओं की भूमिका अग्रणी रही है एवं देव भूमि उत्तराखंड में महिलाओं का सम्मान सर्वाेपरि माना गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि संगठन को मजबूत करने में महिलाओं का विशेष योगदान है।
इस अवसर पर प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महामंत्री दीप्ति रावत, उत्तराखंड महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रितु खंडूरी भूषण, नगर निगम मेयर अनीता मंमगाई, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी, रेखा गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराधा वालिया, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, वीरभद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चौधरी, ज़िला महामंत्री सुदेश कंडवाल, पार्षद शिव कुमार गौतम, सुंदरी कंडवाल, रजनी बिष्ट, उषा जोशी, रीना शर्मा, कविता साह, अनीता तिवारी, सुमित पवार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

अगर आप ने रजिस्ट्रेशन कराया है तो समय से पहले भी कर सकेंगे दर्शन

केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम यात्रा के लिए पंजीकृत यात्री अब यात्रा के लिए तय किए गए दिन से पूर्व भी दर्शन कर सकेंगे। एक दिन में तय संख्या से कम यात्रियों के चारधाम पहुंचने के बाद यह निर्णय लिया गया है। हाईकोर्ट ने बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 तीर्थयात्रियों को दर्शन की इजाजत दी है। लेकिन देवस्थानम बोर्ड से ई-पास लेने वाले सभी यात्री दर्शन को नहीं पहुंच रहे हैं।
इसलिए अब सरकार ने नियमों में बदलाव किया है। सचिव धर्मस्व एवं तीर्थाटन हरिचंद्र सेमवाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यदि किसी धाम में एक दिन के लिए तय सीमा में श्रद्धालु नहीं पहुंचते तो ऐसे तीर्थ यात्रियों को दर्शन का मौका दिया जाएगा जिन्होंने आगे के लिए पंजीकरण कराया है। हालांकि एक दिन में धाम में दर्शन करने वालों की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस संदर्भ में गढ़वाल आयुक्त व सीईओ देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के डीएम और एसपी को कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए हैं।

यहां पंजीकरण जरूरी है
चारधाम यात्रा को उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल http://smartcitydehradun.uk.gov.in में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ई पास को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http:// badrinah- Kedarnath.uk.gov.in पर भी रजिस्ट्रेशन किया सकता है। प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा करना है। उत्तराखंड प्रदेश के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।

बदरी-केदार धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का खुल्बे ने लिया जायजा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार भास्कर खुल्बे आज अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रातः 8.45 बजे श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे। हेलीपैड पर पहुंचने पर केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड, जिला पुलिस-प्रशासन ने उनकी अगवानी एवं स्वागत किया। उनके साथ प्रधानमंत्री कार्यालय में उप सचिव मंगलेश घिल्डियाल भी श्री केदारनाथ पहुंचे।
हेलीपैड से वह मंदिर हेतु रवाना हुए उनकी ओर से केदारनाथ धाम के पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ जी का रूद्राभिषेक पाठ किया तथा देश के खुशहाली की कामना की।
इसके बाद उन्होंने केदारनाथ धाम में निर्माण कार्यों का अवलोकन भी किया तथा पुनर्निर्माण कार्यों हेतु प्रदेश सरकार की सराहना भी की। इस अवसर पर सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल, केदार सभा से उमेश‌पोस्ती, देवस्थानम बोर्ड के मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, अरविंद शुक्ला, प्रदीप सेमवाल आदि मौजूद रहे।
इसके पश्चात करीब सवा 11 बजे श्री बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गये। जोशीमठ से वह सड़क मार्ग से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। श्री बदरीनाथ धाम पहुंच कर भाष्कर खुल्बे ने जिला प्रशासन एवं यात्रा मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी कुमकुम जोशी से मास्टर प्लान के कार्यों की समीक्षा की जानकारी ली और देश के सीमांत पर्यटन ग्राम माणा का भी भ्रमण किया। भगवान बदरीविशाल क्षेत्रपाल श्री घंटाकर्ण जी महाराज मंदिर, श्री गणेश गुफा, श्री ब्यास गुफा मंदिर, श्री सरस्वती नदी भीम पुल पहुंचकर दर्शन किये।

चारधाम यात्रा शुरु, तीर्थयात्रियों के साथ ही कारेाबारियों के खिले चेहरे

केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई है।
देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, केदारनाथ में गर्भ गृह में भी व्यवस्थाएं बहाल कर दी गई हैं। गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नही हैं। सभी यात्रियों को सभा मंडप से ही दर्शन की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ में ब्रह़्म मुर्हुत में भगवान बदरी विशाल का पूजन अभिषेक शुरू हुआ। मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने नियमानुसार भगवान का स्नान, श्रृंगार, अभिषेक किया। धर्माधिकारी भुवन उनियाल अपर धर्माधिकारियों ने वेद ऋचाओं का वाचन किया। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। दोपहर तक 250 श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके थे। अभी सिलसिला जारी है। उधर, उत्तरकाशी में दोपहर तक गंगोत्री धाम में 73 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं ने मां यमुना की पूजा अर्चना की। दोनों धामों में शाम तक 302 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

कोविड जांच के लिए सख्त इंतजाम
भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मोहन खाल, मेहलचौरी से ही बैरियर पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई है। पांडुकेश्वर में भी कोविड जांच यात्रियों की जांच हो रही है । हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की भी कोविड जांच की जा रही है। बदरीनाथ आने वाले यात्रियों कोविड प्रपत्रों की जांच देवदर्शनी में भी हो रही है। उधर,केदारनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले महाराष्ट्र, केरल और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए सोनप्रयाग में आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की अलग से व्यवस्था की है।

इन नियमो का पालन करने से चारधाम यात्रा पर नही करना होगा कठिनाईयों का सामना

चारधामों के कपाट खुलने के लगभग चार महीने के बाद शनिवार से चारधाम यात्रा शुरू होगी। शुक्रवार को सरकार ने चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए आने वाले यात्रियों को पंजीकरण करने के बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिसके बाद ही चारधामों में दर्शन की अनुमति मिलेगी।
राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा। कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाने के 15 दिन के बाद प्रमाण पत्र दिखाने पर यात्रा की अनुमति दी जाएगी। लेकिन केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को दोनों डोज लगवाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड जांच निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। 
सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल ने चारधाम यात्रा की एसओपी जारी की है। इस बीच चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने भी एसओपी जारी कर दी है। दोनों एसओपी में एक समान प्रावधान हैं। चारधामों में यात्रा का संचालन 18 सितंबर से होगा। यात्रा में राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को सशर्त अनुमति दी जाएगी।
धामों में दर्शन करने के लिए यात्रियों को सबसे पहले देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद देवस्थानम बोर्ड की ओर से सीमित संख्या में प्रतिदिन ई-पास जारी किए जाएंगे। मंदिर परिसर के मुख्यद्वार पर दर्शन करने से पहले यात्रियों का ई-पास चेक किया जाएगा। 

मंदिर परिसर में प्रसाद चढ़ाने और तिलक लगाने पर प्रतिबंध
कोविड संक्रमण को देखते हुए चारधामों में दर्शन करने वाले यात्री प्रसाद नहीं चढ़ाएंगे। साथ ही मंदिरों में यात्रियों को तिलक भी नहीं लगेगा। मंदिर में मूर्तियों और घंटियों को छूने, तप्त कुंडों में स्नान पर प्रतिबंध रहेगा। केदारनाथ धाम में एक समय में छह यात्री ही सभामंडप से दर्शन कर सकेंगे। गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं होगी। 

केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मंदिर परिसर में दिन में तीन बार सैनिटाइजेशन और साफ सफाई की जाएगी। मंदिरों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कर मास्क पहनने, सोशल डिस्टेसिंग की निगरानी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी। प्रत्येक धाम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। एसओपी का पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन और एसडीएम की होगी। 
 
यात्रा के लिए ऐसे करेंगे पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए राज्य और बाहर से आने वाले यात्रियों को देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट https://badrinath-kedarnath.gov.in/ पर पंजीकरण करना होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। जबकि राज्य के यात्रियों को इस पोर्टल पर पंजीकरण नहीं करना होगा। यात्रा के लिए ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा। जिसके बाद ई-पास जारी किए जाएंगे। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज 15 दिन पहले लग चुकी है। उन्हें कोविड जांच नहीं करानी होगी। एक डोज लगाने वाले को कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। केरल, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद 72 घंटे पहले की कोविड निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगा। 

चारधामों में दर्शन के लिए ये रहेगी प्रतिदिन संख्या
बदरीनाथ-1000
केदारनाथ-800
गंगोत्री-600
यमुनोत्री-400

यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट के न जाने दें
चारधाम यात्रा के लिए डीआईजी नीरू गर्ग ने रेंज के सभी एसएसपी, एसपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कहा कि कोविड संक्रमण को देखते हुए यात्रियों को बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और देवस्थानम बोर्ड पंजीकरण किए बिना यात्रा पर न जाने दिया जाए। चेकिंग के लिए सभी स्थानों पर चौकपोस्ट बनाकर उनमें पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी जनपदों में यात्रा के लिए सीओ को नोडल अधिकारी बनाया है। 
डीआईजी ने यात्रा के दौरान शासन-प्रशासन और हाईकोर्ट की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन करने और इस संबंध में यात्रियों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक यात्रियों को चार धाम यात्रा के लिए अनुमन्य न किया जाए। यात्रा आरंभ में ही हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनि की रेती, लक्ष्मणझूला आदि स्थानों पर फ्लैक्स आदि के जरिये व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
टिहरी में भद्रकाली, तपोवन, सुवाखोली, कैम्पटी, पौटी में कोटद्वार, श्रीनगर में सघन चेकिंग किया जाए। इस दौरान उन्होंने जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री में सीओ बड़कोट गंगोत्री में सीओ उत्तरकाशी, केदारनाथ में सीओ गुप्तकाशी व बदरीनाथ में सीओ चमोली को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
नोडल अधिकारी जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में रहेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एसएसपी देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली आदि मौजूद रहे।
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि सरकार की ओर से यात्रा शुरू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसके बाद बोर्ड की ओर से चारधामों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए एसओपी जारी की जाएगी। यात्रा के लिए तैयारियां पूरी है। 

धामी सरकार की मजबूत पैरवी से ही खुली चारधाम यात्रा
सरकार की ओर से मजबूत पैरवी होती तो चारधाम यात्रा के द्वार पहले ही खुल जाते। लेकिन यात्रा संचालन करने के लिए सरकार की तरफ से कमजोर होमवर्क भी दिखाई दिया। अब कोर्ट ने रोक हटाई तो यात्रा की राह में मौसम की चुनौतियां भी खड़ी है। चारधाम यात्रा के लिए लगभग डेढ़ माह ही समय बचा है। भारी बारिश से चारधाम यात्रा के सड़क मार्गों की हालत खराब है। कई संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है। 

धामी सरकार के 200 करोड़ के राहत पैकेज से भी मिली राहत
प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा संचालन न होने से पर्यटन क्षेत्र को दो सौ करोड़ का पैकेज देकर राहत का मरहम लगाया था। चारधाम व पर्यटन कारोबार से जुड़े 50 हजार लोगों को छह माह तक प्रति माह दो हजार रुपए की आर्थिक सहायता देेने की घोषणा की थी। अब तक 11813 लाभार्थियों के खाते में कुल 440.54 लाख की राशि दी गई। 655 पंजीकृत टूर ऑपरेटरों एवं एडवेंचर टूर ऑपरेटरों को 10 हजार रुपए प्रति आपरेटर देने की घोषणा की थी। इसमें 208 लाभार्थियों को 20.80 लाख रुपये की राशि दी गई। 630 पंजीकृत रीवर राफ्टिंग गाइड में से 209 को 20.90 लाख, टिहरी झील में 86 मोटर बोट संचालकों को 10 हजार रुपये के अनुसार 8.60 लाख की राशि दी गई।