धामों में मोबाइल, पर्स मंदिर के अंदर ले जाने पर पूरी तरह नियंत्रित करने की मांग

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधू को पत्र लिखकर श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाने का सुझाव दिया है, ताकि मंदिर में दर्शन हेतु जा रहे तीर्थयात्रियों के मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैग इत्यादि वहां जमा हो सकें।
उल्लेखनीय है कि विगत दिवस बीकेटीसी ने श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश की छूट दे दी थी। ऐसे में कतिपय शरारती तत्वों द्वारा गर्भ गृह का वीडियो बनाकर इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया। जिस पर श्रद्धालुओं व तीर्थपुरोहितो ने कड़ी आपत्ति जताई है।
वीडियो बनाकर वायरल होने की घटना पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र ने भी कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मामले में मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह को प्रकरण की जांच कर वहां ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही अजेंद्र ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान यात्रा काल में अब तक लाखों लोग दोनों धामों की यात्रा कर चुके हैं। कतिपय यात्री मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैग इत्यादि के साथ मंदिर में प्रवेश कर जाते हैं, जो मंदिर के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उचित नहीं है। लिहाजा, दोनों मंदिरों के निकट क्लॉक रूम बनाया जाए। जहां पर यात्रियों के मोबाइल, बैग इत्यादि सामान जमा कर सकें।

केदारनाथ मंदिर में अब गर्भगृह के भी होंगे दर्शन

केदारनाथ जाने वाले तीर्थ यात्री अब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे। अब तक धाम में भारी भीड़ को देखते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से तीर्थ यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कराए जा रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने के कारण शुक्रवार से उन्हें गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई।
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस वर्ष मई-जून में रिकार्ड तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को केदारनाथ धाम पहुंचे। इसके चलते गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तीर्थ यात्री सभामंडप से ही बाबा के दर्शन कर रहे थे। लेकिन, मानसून सीजन में तीर्थ यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है, लिहाजा अब वे गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया कि शुक्रवार से मंदिर में दर्शनों का समय भी बदल दिया गया है। अब सुबह चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। दोपहर बाद तीन से शाम 4ः45 बजे तक भोग-पूजा व सफाई के लिए मंदिर के कपाट बंद रखे जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात नौ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बदरीनाथ धाम में भी भगवान नारायण की अभिषेक पूजा सुबह पांच बजे से शुरू हो रही है। पूजा के दौरान तीर्थ यात्रियों को धर्म दर्शन की अनुमति है। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात नौ बजे कपाट बंद कर दिए जा रहे हैं। बताया कि दोनों धाम में अब तक 17 लाख 38 हजार 499 तीर्थ यात्री दर्शनों को पहुंच चुके हैं।

कांवड यात्रा की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हो-सुबोध उनियाल

आगामी कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हों, ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मुनिकीरेती स्थित जीएमवीएन के गेस्टहाउस गंगा रिसोर्ट में आगामी कांवड़ यात्रा के मद्देनजर आयोजित बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने आला अधिकारियों को सख्त हिदायत दी।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पार्किंग, सड़कों, पेयजल, चिकित्सा एवं सफाई की व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से पूछताछ की, जिसके बाद उन्होंने शीघ्र ही इन व्यवस्थाओं को दुरस्त करने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार, ऋषिकेश, मुनिकीरेती, रामझूला, स्वर्गाश्रम, तपोवन, नीलकंठ आदि जगहों पर बड़ी संख्या में शिवभक्तों का सैलाब उमड़ता है। बीते दो वर्षों से कोविड-19 महामारी के कारण कांवड़ यात्रा बंद रही, इस वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की उम्मीद की जा रही है। इसके मद्देनजर कांवड़ यात्रा शुरू होने से पूर्व अधिकारियों को तैयारियां पूर्ण करने हेतु निर्देशित किया गया है।
मौके पर जिलाधिकारी टिहरी ईवा आशीष श्रीवास्तव, जिलाधिकारी पौड़ी विजय जोगदंडे, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे, एसएसपी टिहरी नवनीत सिंह, एसपी ग्रामीण देहरादून कमलेश उपाध्याय, एसपी हरिद्वार योगेंद्र सिंह रावत, लोक निर्माण विभाग नरेंद्रनगर के अधिशासी अभियंता मौहम्मद आरिफ खान, सीएमओ टिहरी संजय जैन, चिकित्साप्रभारी फकोट जगदीश जोशी, नगर पालिका मुनिकीरेती-ढालवाला ईओ तनवीर मारवाह आदि उपस्थित रहे।

सीएम ने श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यो का निरीक्षण किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को श्री बदरीनाथ पहुंचकर मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। कहा कि निर्माण कार्याे को गुणवत्ता एवं समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए। इस दौरान सीएम ने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट, एराइवल प्लाजा, झीलों का सौंदर्यीकरण, अस्पताल का विस्तारीकरण, लूप रोड व बीआरओ बाईपास निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और निर्माण कार्याे की प्रगति पर संतुष्टि व्यक्त की। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्यमंत्री को मास्टर प्लान के तहत प्रथम चरण में संचालित कार्याे की प्रगति से अवगत कराया।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के चारों धामों में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। तीर्थयात्रियों की यात्रा सुगम हो, इसके लिए सरकार संकल्पबद्ध है। कहा कि प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बद्रीनाथ धाम में भी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ढांचागत विकास कार्य किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के सहयोग से बद्रीनाथ धाम में विकास कार्य किए जाएंगे। मास्टर प्लान के तहत स्ट्रीट स्कैपिंग, क्यू मैनेजमेंट, मंदिर एवं घाट सौंदर्यीकरण, तालाबों का सौंदर्यीकरण, बद्रीश वन, पार्किंग फैसिलिटी, सड़क एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आदि निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से किए जाएंगे और बदरीनाथ मंदिर के चारों ओर श्रद्धालुओं के आवागमन की सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम को भी विकसित करने हेतु मास्टर प्लान के तहत चरणबद्ध ढंग से बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। जिसमें पहले चरण का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने बद्रीनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान श्री बद्रीनाथ की विशेष पूजा अर्चना करते हुए देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की। बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, एडीएम आशीष त्रिपाठी, एसडीएम कुमकुम जोशी, सीओ धन सिंह तोमर, सीओ नताशा सिंह, सहकारी बैंक अध्यक्ष गजेंद्र रावत, मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित मास्टर प्लान से संबंधित जिला स्तरीय विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री केदारनाथ धाम पहुंचे थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे

थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। इस दौरान उनके साथ सेना के कई अधिकारी मौजूद थे। दर्शन के बाद कुछ देर यहां रुकने के बाद वह वापस हुए। जानकारी के मुताबिक रविवार को सेना के शीर्ष कमांडर थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे सपरिवार सुबह केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। उनके साथ सेना के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इधर, बदरी-केदार मंदिर समिति ने सेनाध्यक्ष का स्वागत किया और उन्हें केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया। इस मौके पर पुजारी टी गंगाधर लिंग, मंदिर समिति प्रभारी अधिकारी आरसी तिवारी, मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, अरविंद शुक्ला ने थलसेनाध्यक्ष को भगवान केदारनाथ का प्रसाद भेंट किया।

थौलधार में नागराजा डोली यात्रा में शामिल हुए सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज ग्राम सभा इडियान ब्लॉक थौलधार में गंगा दशहरा के अवसर पर भगवान कांगुडा नागराजा डोली यात्रा में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने नागराजा मंदिर कांगुडा में पूजा अर्चना कर राज्य की खुशहाली एवं समृद्धि की कामना की।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालय कमान्द में विज्ञान संकाय की कक्षाओं का संचालन करने, इंदिरा कटखेत मोटर मार्ग का डामरीकरण द्वितीय चरण, चापड़ा से अंधियारी तक मोटर मार्ग का निर्माण, कांगुडा पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण,रौतू की बेली चलीधार मोटर द्वितीय चरण, देवभूमि कांगुडा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की। इस अवसर पर कैन्छु गांव के हाई स्कूल टॉपर मुकुल को सम्मानित भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड जब अपनी रजत जयंती मना रहा होगा तब वह देश के एक आदर्श एवं श्रेष्ठ राज्य के रूप में खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने केदारनाथ में जो भविष्यवाणी की थी कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, वह आज सच साबित हो रहा है। आज चारधाम यात्रा पर रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, व्यवस्थाओं को मध्य नजर रखते हुए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री के 8 साल के कार्यकाल में नए-नए परिवर्तन हुए हैं, जितनी भी योजनाएं बनी है वह गरीबों को समर्पित की गई है। धारा 370 को हटाया गया, अयोध्या में मंदिर परिसर बनाया जा रहा है, केदारनाथ आपदा के बाद 400 करोड़ की लागत से पुनर्निर्माण का कार्य किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब को छत मुहैया कराई जा रही है। उज्जवला योजना के तहत महिलाओं को धुआं रहित करने हेतु गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही किसान सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों खातों में धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है, अटल आयुष्मान योजना अंतर्गत 5 लाख तक की निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य चल रहा है, एम्स ऋषिकेश में हजारों लोग ओपीडी में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी विकास के कार्य चलते रहे और प्रथम और द्वितीय डोज का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन का कार्य हुआ है तथा बूस्टर डोज का कार्य भी चल रहा है। देश के बाहर भी वैक्सीन भेजी गई। गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को राशन उपलब्ध कराया गया। आज भारत आत्मनिर्भर देश के रूप में खड़ा हो गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य में भी एक समान कानून बनाने का संकल्प लिया गया है, इसके तहत समिति कार्य कर रही है। इसके साथ ही एक साल में मुफ्त 3 गैस के सिलेंडर गरीब परिवारों को देने का निर्णय लिया गया है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने हेतु टोल फ्री नंबर 1064 जारी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार तीन बिंदुओं सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के अनुसार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के कार्य जिला स्तर पर ही होने चाहिए। जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल इवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि जनता की समस्याओं और शिकायतों के निस्तारण हेतु सोमवार का दिन जनता दर्शन हेतु समर्पित किया गया है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार, जिला अध्यक्ष भाजपा विनोद रतूड़ी,
ब्लाक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट, मंडल अध्यक्ष रामचंद्र खंडूड़ी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर, अपर जिलाधिकारी रामजी चरण शर्मा, एएसपी राजन सिंह, एसडीएम अपूर्वा सिंह सहित जनप्रतिनिधि जिला उपाध्यक्ष वीरेंदर राणा, वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश नौटियाल, प्रधान पढ़ोगी विनोद प्रसाद भट्ट, प्रधान इडियान सरल देवी सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण मौजूद रहे।

पंचस्नान कर शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से लिया आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कनखल स्थित शंकराचार्य आश्रम में जगतगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम से शिष्टाचार भेंट की तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री इसके बाद ओम घाट पहुंचे, जहां उन्होंने पंचस्नान किया तथा देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना करते हुये मां गंगा से आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, दिनेश, भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ जयपाल सिंह चौहान, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, नितिन गौतम, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, एसडीएम पूरन सिंह राणा, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, सीओ सिटी शेखर जुयाल सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

आखिर क्यों हैं वट सावित्री अमावस्या का महत्व, कैसे होती है इसकी पूजा

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या तिथि को हिन्दू महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं। इस बार वट सावित्री अमावस्या 29 मई को है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और संतान सुख प्राप्त होता है। मान्यता है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज के फंदे से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। भारतीय धर्म में वट सावित्री अमावस्या स्त्रियों का महत्वपूर्ण पर्व है। मूलतः यह व्रत-पूजन सौभाग्यवती स्त्रियों का है।

वट वृक्ष का महत्व
’अश्वत्थरूपी विष्णुःस्याद्वरूपीशिवो यतः।’
अर्थात पीपलरूपी विष्णु व जटारूपी शिव हैं। वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा जी, तने में विष्णु और डालियों एवं पत्तों में शिव का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा कहने और सुनने से मनोकामना पूरी होती है। अतः किसी मंदिर में या बरगद (वट) के पेड़ के नीचे बैठ कर ही इस दिन व्रत पूजा करें। अग्निपुराण के अनुसार बरगद उत्सर्जन को दर्शाता है। इसीलिए संतान के लिए इच्छित लोग इसकी पूजा करते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि बड़ अमावश्य के दिन वट वृक्ष की पूजा से सौभाग्य एवं स्थायी धन और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
सावित्री सत्यवान की कथा-इसी दिन ही सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण की रक्षा की। सावित्री और सत्यवान की कथा से वट वृक्ष का महत्व लोगों को ज्ञात हुआ क्योंकि इसी वृक्ष ने सत्यवान को अपनी शाखाओं और शिराओं से घेरकर जंगली पशुओं से उनकी रक्षा की थी। इसी दिन से जेष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन वट की पूजा का नियम शुरू हुआ। शनि देव की कृपा पाने के लिए चाहें तो वट वृक्ष की जड़ों को दूध और जल से सींचें इससे त्रिदेव प्रसन्न होंगे और शनि का प्रकोप कम होगा। तथा धन और मोक्ष की चाहत पूरी होगी। वट वृक्ष की पूजा इसदिन आमतौर पर केवल महिलाएं करती हैं जबकि पुरूषों को भी इस दिन वट वृक्ष की पूजा करनी चाहिए। इसकी पूजा से वंश की वृद्घि होती है।

’कैसे करे वट सावत्री का पूजन-’ सुहागन स्त्रियां वट सावित्री व्रत के दिन सोलह श्रृंगार करके सिंदूर, रोली, फूल, अक्षत, चना, फल और मिठाई से सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करें। वट वृक्ष की जड़ को दूध और जल से सींचें। इसके बाद कच्चे सूत को हल्दी में रंगकर वट वृक्ष में लपेटते हुए कम से कम सात बार परिक्रमा करें। पूजा के बाद सावित्री और यमराज से पति की लंबी आयु एवं संतान हेतु प्रार्थना करें। व्रती को दिन में एक बार भोजन करना चाहिए। वट सावित्री व्रत सौभाग्य को देने वाला और संतान की प्राप्ति में सहायता देने वाला व्रत माना गया है। व्रती को अपनी सास या अन्य सुहागन स्त्री को साड़ी पैसे,श्रंगार पिटारी देना चाहिए।पूजा समाप्ति पर ब्राह्मणों को वस्त्र तथा फल आदि वस्तुएं बांस के पात्र में रखकर दान करें।
भारतीय संस्कृति में यह व्रत आदर्श नारीत्व का प्रतीक बन चुका है। इस व्रत की तिथि को लेकर भिन्न मत हैं। स्कंद पुराण तथा भविष्योत्तर पुराण के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को यह व्रत करने का विधान है, वहीं निर्णयामृत आदि के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को व्रत करने की बात कही गई है।

चारधाम यात्रा में अभी तक लगभग आठ लाख श्रद्धालु पहुंचे

अभी तक आठ लाख लोग चार धाम के दर्शन कर चुके है। लाखों लोगों ने दर्शन हेतु चारधामों के लिए ऑनलाइन ऑफलाइन अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है अभी तक मई माह तक रजिस्ट्रेशन के स्लॉट पूरे हो गये है। 22 मई से श्री हेमकुंट साहिब एवं लोकपाल तीर्थ के कपाट खुल रहे है। सभी तीर्थों में व्यवस्थायें अनुकूल रहे इसके लिए तीर्थयात्रियों की संख्या सरकार ने निर्धारित की हुई है।
विगत 19 मई को प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल ( रिटायर्ड) गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचप्यारों के साथ श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को ऋषिकेश से श्री हेमकुंट साहिब के लिए रवाना कर दिया।
20 मई को पहला जत्था गुरूद्वारा गोविंद घाट पहुंचा। आज जत्था हेमकुंट के लिए प्रस्थान होकर घांघरिया पहुंच रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी तीर्थ यात्री सकुशल तीर्थयात्रा करें यह उनकी प्राथमिकता में है। विगत दिनों कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत को श्री केदारनाथ यात्रा तथा कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बदरीनाथ धाम यात्रा हेतु यात्रा पर्यवेकक्षण का प्रभार दिया गया ताकि तीर्थयात्रियों को किसी भी स्तर पर दिक्कत न हो।
पर्यटन-तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि श्रद्धालु बड़ी संख्या में देवभूमि उत्तराखंड पहुंच रहे है। सरकार का प्रयास है की श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा तीर्थयात्रियों को धामों में सरलता- सुगमता से दर्शन हो इसके लिए समिति ने अपने स्तर पर प्रयास किये है।
धर्मस्व- तीर्थाटन सचिव हरिचंद सेमवाल ने कहा कि सरकार द्वारा तीर्थयात्रियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण के आदेश दिये गये है।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के निर्देशन में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा निरंतर आन लाईन एवं आफ लाईन रजिस्ट्रेशन/ काउंटरों की मॉनिटरिंग की जा रही है।
गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार के निर्दैश पर चारधाम यात्रा प्रशासन संगठन ने ऋषिकेश बस अड्डे पर यात्री हेल्प डेस्क यात्रियों का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
सभी जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, मंदिर समितियों द्वारा संबंधित धामों राज्य चिकित्सा विभाग सहित सभी विभागों के आपसी तालमेल से चारधाम यात्रा संचालित हो रही है। किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ सहित हेली एंबुलेंस की भी सुविधायें दी जा रही है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ द्वारा 20 मई रात्रि तक के चारधाम दर्शन हेतु पहुंचे यात्रियों के आंकड़े जारी किये हैं बताया कि अभी तक आठ लाख तीर्थयात्री चारधाम पहुंच गये है। विस्तृत विवरण निम्नानुसार है।
उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2022
दर्शनार्थियों /तीर्थयात्रियों की संख्या
1-श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 20 मई शाम तक 240064
2- श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 20 मई शायं तक 269169
3-श्री गंगोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 149856
4-श्री यमुनोत्री धाम
कपाट खुलने की तिथि 3 मई से 20 मई तक 116753
20 मई तक श्री बदरीनाथ-केदारनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या का योग- 509233
मई तक श्री गंगोत्री-यमुनोत्री पहुंचे तीर्थ यात्रियों की संख्या 266609
20 मई रात्रि तक उत्तराखंड चारधाम पहुंचे संपूर्ण तीर्थयात्रियों की संख्या 775842 ( सात लाख पिचहत्तर हजार आठ सौ बयालीस ) इस तरह आज शाम तक चारधाम पहुंचनेवाले तीर्थयात्रियों की संख्या आठ लाख से अधिक हो जायेगी।
बताया गया है कि चारधाम तीर्थयात्रियों के आंकड़े श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति/ पुलिस- प्रशासन/ आपदा प्रबंधन के सहयोग से जारी किये जा गये है।

बिना पंजीकरण के वापस लौटेंगे श्रद्धालु, इस लिए इस नियम का करें पालन

चार धाम यात्रा पर जाने के इच्छुक यात्रियों को यह सलाह दी जाती है कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था से बचने के लिए उपलब्ध स्लॉट के अनुसार पंजीकरण करवाने के उपरांत ही अपना टिकट और आवास बुक करें। अगले 7 दिनों की अवधि हेतु चारों धामों के सभी स्लॉट बुक होने के चलते यात्रा के लिए काउन्टर पर पंजीकरण उपलब्ध नहीं है। जैसे ही पंजीकरण के स्लॉट उपलब्ध होंगे, वैसे ही श्रद्धालुओं का पंजीकरण संभव हो सकेगा। साथ ही सभी फिजिकल ऑफलाइन काउंटर यथावत बने रहेंगे।
कुछ दिन पूर्व यह तथ्य संज्ञान में आया था कि कुछ लोग ऑफलाइन माध्यम से अगले महीनों के स्लॉट की बुकिंग कराकर उसी दिन तीर्थ यात्रियों को लेकर दर्शन के लिए रवाना हो रहे हैं। मार्ग में पुलिस द्वारा रजिस्ट्रेशन की जांच किए जाने पर ऐसे वाहनों को रोक दिया गया और तीर्थ यात्रियों को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा होने के कारण धामों में क्षमता से अधिक भीड़ भी पहुंच रही थी। इससे बचने के लिए अगले 7 दिनों के भीतर वाहन क्षमता के अनुसार कोई रजिस्ट्रेशन स्लॉट उपलब्ध ना होने के कारण फिलहाल बुकिंग को अगले 7 दिनों तक के लिए बंद किया गया है, यद्यपि सभी स्थानों पर फिजिकल रजिस्ट्रेशन काउंटर यथावत बने रहेंगे और अगले 7 दिनों के भीतर यात्रा करने वाले श्रद्धालु वहन क्षमता के अनुरूप रजिस्ट्रेशन प्लॉट उपलब्ध होने की दशा में यहां से अपना पंजीकरण करवा सकेंगे।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि ऑफलाइन पंजीकरण का उद्देश्य अगले 7 दिनों की अवधि में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध करवाना है, यद्यपि रजिस्ट्रेशन स्लॉट उपलब्ध ना होने की दशा में ऐसा कर पाना कदाचित संभव नहीं है क्योंकि इससे चार धाम मार्ग पर क्षमता से अधिक लोग पहुंच जाते हैं और पुलिस और प्रशासन को उन पर नियंत्रण पाना मुश्किल होता है। इसके अतिरिक्त स्वयं यात्रियों को भी आवास तथा वाहन की सुविधाएं नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में ऑफलाइन पंजीकरण की सुविधा का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि वाहन क्षमता के अनुरूप चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या को नियंत्रित करने के लिए स्लॉट व्यवस्था लागू की गई है। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से ऑनलाइन और फिजिकल काउंटरों के माध्यम से तीर्थयात्रियों का पंजीकरण कराया जा रहा है। तीर्थयात्रियों को यूटीडीबी की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ऋषिकेश, हरिद्वार, उत्तराखंड की सीमा सहित यात्रा मार्ग पर कुल 18 से 20 केंद्रों में ऑफलाइन पंजीकरण किया जा रहा है।