हरिनाम कथा जीवन की व्यथाओं का हरण करती हैं-कथा व्यास

गुमानीवाला कैनाल रोड़ गली नम्बर 6 में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास वैष्णवाचार्य पंडित शिव स्वरूप नौटियाल ने द्वितीय दिवस की कथा में कहा कि हरिनाम कथा जीवन की व्यथाओं का हरण करती हैं। जो सच्चे मन से प्रभु नाम का स्मरण करता है, उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
कथा श्रवण करने वालों में धनी राम नौटियाल, नन्द लाल यादव, उदय पैन्यूली, जगदीश नौटियाल, रोशन लाल बेलवाल, विजय राम जोशी, प्रमोद चौहान, पुष्कर सिंह रावत, मंगला देवी, अनुराधा नौटियाल, रेखा सिलस्वाल, शोभा नेगी, मंगसीरी रावत सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

काशी विश्वनाथ धाम की भव्यता देखते ही बन रही-मोदी

भारत की सभ्यागत धरोहर की जीवटता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि औरंगजेब जैसे आततायियों ने इस धरोहर को ध्वस्त करने के प्रयास किए, लेकिन आतंक के वे पर्याय इतिहास के काले पन्नों तक सिमट कर रह गए, जबकि पवित्र नगरी काशी अपने गौरव को फिर से नई भव्यता दे रही है। काशी विश्वनाथ धाम का उद्घाटन करने के बाद मोदी ने कहा कि भारत सदियों की गुलामी से उत्पन्न हीनभावना से बाहर निकल रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि नया गलियारा देश को एक निर्णायक दिशा देगा तथा इसे एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगा। देश के एक नए इतिहास के रचनाकाल से गुजरने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। और अंग्रेजों के दौर में भी, (ब्रिटिश गर्वनर जनरल) वारेन हेस्टिंग्स का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं। आततायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए!
उन्होंने काशी की धरोहर के वैभव का जिक्र करते हुए कहा, कितनी ही सल्तनतें उठी और मिट्टी में मिल गई लेकिन बनारस बना हुआ है। मोदी ने कहा, औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है… जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है। उन्होंने हर-हर महादेव का उद्घघोष करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा, देखिए, कैसे समय बदल गया। आज, आंतक के पर्याय रहे लोग इतिहास के काले पन्नों तक सिमट कर रह गये, जबकि काशी आगे बढ़ रही है और वह अपने गौरव को फिर से नयी भव्यता दे रही है।

कई इतिहासकारों का मानना है कि औरंगजेब ने मंदिर को ध्वस्त कर एक मस्जिद बनाने का आदेश दिया था। मोदी ने मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए रानी अहिल्याबाई होल्कर और मंदिर के गुंबद पर स्वर्ण आवरण (प्लेटिंग) चढ़ाने को लेकर सिख शासक रणजीत सिंह की सराहना की। मोदी ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का पूरा परिसर महज एक भव्य भवन नहीं है बल्कि भारत की सनातन संस्कृति, इसकी आध्यात्यिमक आत्मा और परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यदि भारत राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम बना रहा है तो वह समुद्र में हजारों किमी लंबी ऑप्टिकल फाइबर भी बिछा रहा है, गरीबों के लिए लाखों मकान बना रहा है और लोगों को अंतरिक्ष में भेज रहा है।
उन्होंने बौद्ध और सिख तीर्थ यात्रा केंद्रों के लिए किये गये कार्य का भी उल्लेख किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्राचीन और नवीनता का समन्वय है। यह हमारी ताकत का और इस बात का भी गवाह है कि यदि एक दृढ़ संकल्प हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री ने लोगों से स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास करने की भी अपील की। मोदी ने गुलामी की लंबी अवधि का उल्लेख करते हुए कहा, इसने हमारे विश्वास को इस कदर तोड़ दिया कि हमने अपनी सृजन क्षमता में विश्वास खो दिया। उन्होंने कहा, आज इस हजारों साल पुरानी काशी से मैं हर देशवासी से पूरे विश्वास के साथ सृजन और नवोन्मेष करने की अपील करता हूं।
उन्होंने काशी के गौरव का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नगर अविनाशी है और यह भगवान शिव के संरक्षण में है। मोदी ने भव्य मंदिर परिसर के निर्माण कार्य में शामिल श्रमिकों का भी आभार प्रकट किया। उन्होंने उनसे मुलाकात की और उन पर फूल बरसाए। बाद में उनके साथ भोजन भी किया। उन्होंने भाषण के बीच में स्थानीय बोली का भी उपयोग किया।

ऋषिकेश में राष्ट्रपति ने परिवार सहित गंगा आरती की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द रविवार सायं को भारत की पहली महिला सविता कोविंद तथा अपनी पुत्री के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के पावन सान्निध्य में ऋषिकुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से सभी का दिव्य स्वागत किया।
स्वामी चिदानंद मुनि ने पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। आरती के पश्चात राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद और उनकी बेटी ने गंगा में दीप प्रवाहित किये तत्पश्चात भारत के राष्ट्रगान के गायन के साथ गंगा आरती समारोह का समापन हुआ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सायंकाल परमार्थ निकेतन की विश्व विख्यात मां गंगा जी की आरती में सहभाग कर वैश्विक परिवार को सम्बोधित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि काफी वर्षों से उनकी काफी इच्छा थी कि वह गंगा आरती में शामिल हो सकें, फिर कोरोना महामारी के कारण भी कार्यक्रम टलता गया, आज उन्हें अपार खुशी है कि उनकी अधूरी इच्छा पूर्ण हुई है, यह हद्वय को स्पर्श करने वाला क्षण है। राष्ट्रपति ने कहा कि मां गंगा के बारे में जितना भी कहा जाए वह कम है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मां गंगा भारत की अस्मिता है, गंगा मां के बिना भारत वर्ष अधूरा है व भारत के बिना मां गंगा अधुरी है। यह मिश्रण अथवा एक दूसरे के पूरक रूपी वरदान सृष्टि कर्ता ने केवल और केवल भारत मां को दिया है।
कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के साथ चर्चा करते हुये राष्ट्रपति ने स्वामी जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में चलाए जा रहे विभिन्न सेवा कार्याे पर विस्तृत चर्चा की।
स्वामी मुनि ने माननीय राष्ट्रपति का स्वागत करते हुये उनके जीवन की अविश्वसनीय जीवन यात्रा, राष्ट्र की सेवा के लिए उनकी प्रतिबद्धता और उनके अद्भुत नेतृत्व के साथ कुम्भ मेला प्रयागराज यात्रा की स्मृतियों को ताजा किया। यह यात्रा स्वयं से वयं की यात्रा है, अनेकता से एकता की यात्रा है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद और डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वर्ष 2019 प्रयागराज कुम्भ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनन्दन और सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
आज के दिव्य कार्यक्रम में मां गंगा, सभी जल निकायों और हमारी प्रकृति, पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु पूज्य स्वामी से प्रेरित होकर विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी पुरस्कार नामांकित, भक्ति गायिका स्नातम कौर द्वारा लिखित और उनके साथ ही ग्रैमी पुरस्कार नामांकित देवा प्रेमल और मितेन, कृष्णा दास, सीसी व्हाइट और अन्य साथियों द्वारा गाया गया एक दिव्य गान ‘गंगा गान’ (गंगा एंथम) गंगा आरती के दौरान प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री/सांसद गढ़वाल तीरथ सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी, मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डॉ. साध्वी भगवती सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

धामी ने प्रतापनगर क्षेत्र के विकास के लिए की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद के प्रतापनगर के सेम-मुखेम स्थित गड़वागीसौड़ मैदान में आयोजित श्री सेमनागराजा त्रिवार्षिक मेला एवं जात्रा सेममुखेम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री सेमनागराजा को नमन करते हुए कहा कि जब से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने है तब से भारत का पूरे विश्व में वर्चस्व बढ़ा है। आज पूरी दुनिया योग को स्वीकार करती है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही जाता है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत की पूरी दुनिया में एक नई पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा हमारे राज्य में भी धार्मिक पर्यटन सहित राज्य की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्ग का निर्माण एवं रेलवे लाइन निर्माण जैसे प्रमुख कार्य इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जब हमारे राज्य को 25 वर्ष होंगे तब हमारा राज्य एक युवा राज्य होगा। डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का एक सर्वश्रेठ राज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सेवक का पदभार संभालने के बाद मेरे द्वारा राज्य हित व जनहित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गये हैं। राज्य का वित्तीय आंकलन करने के बाद ही राज्य हित व जनहित में निर्णय लिये जाते हैं तथा घोषणाएं की जाती है। उन्होंने कहा कि जो घोषणाएं की जा रही हैं, उन्हें पूरा भी जरूर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नयी खेल नीति, आयुष्मान कार्ड योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना, महिला स्वयं सहायता समूहों को सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने, वर्तमान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन निशुल्क किये जाने, आंगनबाडी कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि किये जाने जैसी उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने मेले में देव डोलियों का आशिर्वाद लिया तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने श्री सेमनागराजा के त्रिवार्षिक मेले को राज्य स्तरीय मेला घोषित किये जाने, मड़वागीसौड़ से सेम नागराजा मन्दिर तक रास्ते में टिनशेड का निर्माण, राइका गरवाण गांव के अधूरे भवन निर्माण हेतु अवशेष धनराशि अवमुक्त किये जाने, ग्रामसभा पडिया में मिनी स्टेडियम का अवशेष कार्य पूर्ण कराये जाने, डोबरा-चांठी पुल से लम्बगांव तक मोटर मार्ग का डामरीकरण व चौड़ीकरण किये जाने, जाख से डोबरा पुल तक मोटर मार्ग का डामरीकरण व चौड़ीकरण किये जाने, माजफ इण्टर कॉलेज को प्रान्तीयकरण किये जाने की प्रक्रिया में शामिल करने सेम-मुखेम जाने वाले मार्ग का निर्माण किये जाने ओणेश्वर महादेव में पर्यटन विभाग का अतिथि गृह बनाये जाने, लम्बगांव-रैका-दिन्याली मोटर मार्ग का निर्माण किये जाने लम्बगांव से जाखणी गांव 6 किमी मोटर मार्ग का निर्माण एवं लम्बगांव में सार्वजनिक शौचालय बनाये जाने घोषणा की।
इस अवसर पर अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण. विधायक प्रतानगर विजय सिंह पंवार, जिलाधिकारी इवा अशीष श्रीवास्तव, एसएसपी तृप्ति भट्ट, ब्लाक प्रमुख प्रतापनगर प्रदीप रमोला व जाखणीधार सुनीता देवी, विनोद रतूड़ी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

खटीमा में गंगा स्नान मेले का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर खटीमा स्थित 22 पुल झनकईया में लगने वाले गंगा स्नान मेले का शुभारंभ किया तथा शारदा के गंगा घाट पर गंगा आरती की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हमारी कला एवं संस्कृति को संजो कर रखने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं उन्होंने कहा कि बचपन से ही मेले का लगाव रहा है, जिस कारण मैं कक्षा चार से ही 22 पुल झनकईया मेले में शामिल होता रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस मेले से मेरा बचपन से ही लगाव एवं जुड़ाव होने के कारण समिति के कहने पर व्यस्ततम कार्यक्रम के बावजूद मेले में शामिल हुआ हूँ। यह मेरा सौभाग्य है कि गंगा स्नान पर्व यहाँ मना रहा हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 21 सालों से उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर वार्ताएं चल रही थी परंतु समाधान तक नहीं पहुंच पा रही थी। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कि मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में एक-एक करके परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर एक-एक बिंदु पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के बंटवारे से उत्तराखंड व क्षेत्र को होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मेला कमेटी ने मोमेंटो भेंट कर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने बगूलिया दुर्गा मन्दिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की तथा प्रदेश वासियों की सुख-समृद्धि एंव खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने वन शक्ति मन्दिर में भी पूजा की।
इस अवसर पर विधायक नानकमत्ता प्रेम सिंह राणा ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान मेला कमेटी अध्यक्ष शेर सिंह दानू, उपाध्यक्ष ओमनाथ यादव, प्रबन्धक पूरन सिंह धामी, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर रंजना राजगुरु, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह सहित क्षेत्रीय जनता उपस्थित रहीं।

गुरु नानक सिखों के ही गुरु ही नहीं, पूरे विश्व के भी गुरु है-विस अध्यक्ष

श्री गुरुनानक देव महाराज का 552वां प्रकाश उत्सव श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में धूमधाम से मनाया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया तथा प्रदेश के खुशहाली की कामना की।
गुरुद्वारा सिंह साहिब के तत्वावधान में रेलवे रोड़ स्थित नानक निवास में दोपहर को दीवान सजाया गया। हजारों लोगों ने गुरुग्रंथ साहिब के सम्मुख मत्था टेका व गुरु की अमृत वाणी सुनी। गुरु का अटूट लंगर भी छका। भक्तों ने शंख ध्वनि और घंटा घडियालों के साथ पूजन अर्चन की गई। इसी बीच गुरुनानक देव के जयकारों से जहां प्रांगण गूंज उठा, वहीं भक्ति भजनों से कार्यक्रम स्थल गुंजायमान रहा। भक्ति भजनों से समां बांधा।
इस अवसर पर विस अध्यक्ष अग्रवाल ने गुरुपर्व दी सुब नु लाख लाख बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जंयती कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है। आज के दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक सिखों के ही पहले गुरु ही नहीं है, बल्कि पूरे विश्व के भी गुरु हैं। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव ने अपने उपदेशों से साम्प्रदायिक एकता और सद्भाव की ज्योति जलाई थी। गुरू नानक देव का जीवन एवं उनके सिद्धान्त हमें उदारता अपनाने और अहंकार से दूर रहने की सीख देते हैं। गुरु नानक ने सार्थक जीवन के तीन संदेश दिए, जिसमें भगवान के नाम का जप करना, कड़ी मेहनत करना और जरूरतमंदों की मदद करना शामिल है।
इस अवसर पर सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार गोविंद सिंह, सरदार मंगा सिंह, सरदार गोल्डी सिंह पार्षद, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, सरदार इंदर सिंह, सरदार बूटा सिंह, परमवीर सिंघल, इंद्रपाल सिंह, प्रेम सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह, सरदार अमरप्रीत सिंह, सरदार अमनदीप, हरीश आनंद, रामकुमार संगर, सुमित सेठी, सरदार परमजीत सिंह, बिना देवी, कमलेश जैन, कपिल गुप्ता, हैप्पी सेमवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

नानक देव के प्रकाश पर्व पर गुरुदारों में आर्शीवाद लिया

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के 552वें प्रकाश पर्व के अवसर पर ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न गुरुद्वारों (हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, गुरुसिंह सभा गुरुद्वारा, नानक निवास, निर्मल आश्रम गुरुद्वारा, गुरुद्वारा सिंह सभा श्यामपुर, गुरुद्वारा सिंह सभा जोगीवाला माफ़ी छिद्दरवाला) पर माथा टेका और प्रातः 8 बजे प्रभात फेरी से लेकर दोपहर सेवा कर लंगर का प्रसाद ग्रहण तक विभिन्न कार्यक्रमों में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
खरोला ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने वहम, जात पात तथा भ्रम की भावना से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करने को प्रेरित किया था। इसके साथ ही उन्होंने इंसानियत के धर्म की पालना करने का संदेश दिया था। जिस पर चलकर जीवन को कृतार्थ किया जा सकता है।
इस मौके पर सरदार जगजीत सिंह, सरदार मंगा सिंह, राजेन्द्र गैरोला, अभिषेक शर्मा, परवीन बिष्ट भी कार्यक्रमों में मौजूद रहे।

पैतृक गांव में पूजा अर्चना कर सीएम ने प्रदेश की खुशहाली का मांगा आर्शीवाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को पारिवारिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने अपने पैतृक गांव हड़खोला, डीडीहाट, पिथौरागढ़ पहुंचे।
हड़खोला पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्थानीय महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकालकर स्वागत किया गया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पैतृक गांव में स्थित हरीचंद्र देवता मंदिर में पहुंचकर परिवार जनों के साथ पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की खुशहाली की भी कामना की।

छठ पूजा पंडाल में सामाजिक कार्यों के लिए समिति ने किया सम्मानित

सार्वजनिक छठ पूजन समिति द्वारा वैदिक रीति के अनुसार सुबह 4 बजे भगवान सूर्यनारायण व छठ मैया पूजा और उपासना के बाद मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ का आयोजन किया गया। उसके बाद प्रातः 6ः39 पर उषा अर्ध्य व बाद में छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। छठ पूजा के सभी कार्यक्रम विधिवत समापन होने के पश्चात समिति के कार्यकर्ताओं और सदस्यों द्वारा त्रिवेणी घाट में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
समिति के अध्यक्ष राम कृपाल गौतम ने बताया कि सनातन धर्म में इस पर्व की महत्ता त्रेता युग में भगवान राम के समय से ही प्रारंभ हुई। जब प्रभु श्री राम ने महाज्ञानी पंडित रावण के वध के उपरांत ब्रह्म हत्या से छुटकारा पाने हेतु मुंगेर बिहार में मां जानकी के साथ इस व्रत की शुरुआत की थी।
इससे पूर्व कल शाम को 5ः19 मिनट पर सूर्य अर्घ्य देकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम नटराज ग्रुप देहरादून द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई, इसके बाद भजन संध्या में लकी शर्मा व सतीश राजभर द्वारा छठी मैया के गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर किया। भोजपुरी लोकगीत बिरहा मुकाबला छोटे लाल बनारसी, बनारस वाले (महुआ चैनल) व सोनम सरगम, जौनपुर (कलाकार महुआ चौनल) के बीच संपन्न हुआ। कल शाम के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड, विशिष्ट अतिथि दीप शर्मा पूर्व चेयरमैन नगर पालिका ऋषिकेश, विशिष्ट अतिथि ललित मोहन मिश्रा अध्यक्ष व्यापार मंडल ऋषिकेश ने शिरकत की।
इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले समाजसेवियों, चिकित्सकों व प्रशासनिक अधिकारी को सम्मानित करने के क्रम में प्रदीप राय पुलिस अधीक्षक यातायात हरिद्वार, लक्ष्मण सिंह चौहान समाजसेवी, डॉ डीके श्रीवास्तव, डॉ हरिओम प्रसाद, डॉक्टर रितु प्रसाद, डॉ एन बी श्रीवास्तव, डॉक्टर यू पी गुप्ता, डॉक्टर अरुण कुमार, कैप्टन गोविंद सिंह रावत, लक्ष्मी रावत पार्षद, डॉ वरुण चार्टर्ड अकाउंटेंटआशुतोष कुमार पांडे को सम्मानित किया गया।
आयोजन कर्ता मंडल में धर्मदेव राजभर, नरेंद्र गुप्ता, जयप्रकाश नारायण, आशुतोष शर्मा, आदेश शर्मा, पंडित जगमोहन मिश्रा, नागेंद्र सिंह, लल्लन राजभर, ऋषि जयसवाल, बसंत ठेकेदार, परमेश्वर राजभर, वीर बहादुर राजभर, सतीश राजभर, राज कुमार राजभर, राजू गुप्ता, अनूप गुप्ता, सोनू गुप्ता, अमित चौधरी, अमित गुप्ता, वृद्धिचंद गुप्ता, हीरामन राजभर, मनु राजभर, शैलेंद्र गुप्ता, बेचैन गुप्ता, प्रेम राजभर, रामाशीष राजभर, प्रवीण सिंह, बजरंगी पाण्डे, धनंजय गुप्ता, अनिल गुप्ता, राकेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, भोलू गुप्ता, बंटी गुप्ता, नागेंद्र चौरसिया, विनोद भारद्वाज, गोविंद भारद्वाज, अवधेश भारद्वाज, राजा गुप्ता, मुन्ना गुप्ता, बबलू गुप्ता, आदि उपस्थित रहे।

तीर्थनगरी में छठ पूजा की धूम, गंगा घाट श्रद्धालुओं से पैक

आज पूरी तीर्थनगरी छठ पूजा के रंग में रंगी नजर आई। छठ पूजा के महत्वपूर्ण पूजा स्थल त्रिवेणी घाट व मुनिकीरेती के शीशमझाड़ी स्थित छठ पूजा घाट को शानदार ढंग से सजाया गया था। यहां पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने वेदियां तैयार की, जिन पर केले के थंभ से तोरणद्वार बनाए गए।

त्रिवेणी घाट गंगा तट पर शाम चार बजे से ही व्रती महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया था। महिलाएं सिर में प्रसाद की टोकरी लेकर बैंड बाजों के साथ छठ के पारंपरिक लोकगीत कांच रे बांस के बहंगिया, बहंगिया लचकत जाय…., अमर सुहाग होला, दुख जाला तार हो…., निर्धन जानेला, धनवान जानेला महिमा छठी मइया के पार इ जहान जानेला… भी गाते हुए चल रही थीं। अर्घ्य चढ़ाने से पहले व्रती महिलाओं ने गंगा घाट पर विधिवत पूजा-अर्चना की।

तत्पश्चात अस्तांचल को गमन करते दीनानाथ को अर्घ्य चढ़ाया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। छठ पूजा को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। कल गुरुवार को प्रातरूकाल में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रती महिलाएं अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलेंगी।