राज्य स्थापना दिवस पर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को तोहफा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड स्थापन दिवस-09 नवंबर से पहले सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को तोहफा दिया है। धामी सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ा दिया है। बढ़े हुए डीए से तीन लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। उत्तराखंड में अब महंगाई भत्ता बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया है।
महंगाई भत्ता बढ़ने से कर्मचारियों की वेतन में हर महीने एक हजार रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक का इजाफा होगा। वित्त विभाग के सचिव दिलीप जावलकर ने इसके आदेश किए हैं। कैबिनेट ने डीए पर फैसले के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अधिकृत किया था। दो दिन पूर्व कर्मचारी संगठनों और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक के दौरान भी डीए को लेकर चर्चा हुई थी।
इसके बाद मंगलवार को इसके आदेश कर दिए गए हैं। सचिव वित्त की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों को एक जुलाई 2022 से 31 अक्तूबर तक का पुनरीक्षित महंगाई भत्ता एरियर के रूप में दिया जाएगा। जबकि एक नवम्बर से महंगाई भत्ते का भुगतान वेतन के साथ किया जाएगा। हालांकि सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों का डीए अभी नहीं बढ़ाया गया है और इनके संदर्भ में अलग से आदेश किए जाएंगे।

शहीदों को श्रद्धाजंलि के साथ शुरू होंगे राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम
सीएम पुष्कर सिंह धमी राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रमों की शुरूआत बुधवार सुबह नौ बजकर दस मिनट पर कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धाजंलि के साथ करेंगे। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इसके बाद भाजपा प्रदेश मुख्यालय में स्थापना दिवस पर आयोजित प्रदर्शन का उदघाटन करेंगे।
दस बजे पुलिस लाइन स्थित रैतिक परेड में भाग लेने के बाद सीएम भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। अपराह्न तीन बजे सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में प्रगति से प्रकृति के पथ तक विषय पर आयोजित सेमीनार में भाग लेंगे। राजभवन और दून विश्वविद्यालय में भी कार्यक्रमों का आयेाजन किया जा रहा है।

एमपी के बाद अब उत्तराखंड में भी मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी

उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में अगले सत्र से एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पढ़ाई अंग्रेजी के साथ ही हिंदी माध्यम में भी होगी। मध्य प्रदेश के बाद ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य होगा। इसके लिए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन कर दिया है। यह समिति मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा महाविद्यालयों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नये पाठ्यक्रम का मसौदा तैयार करेगी।
प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने बताया कि समिति द्वारा मसौदा तैयार करने के उपरांत सभी औपचारिकताएं पूरी कर अगले सत्र से प्रदेश के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में इसे लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा राष्ट्रभाषा हिंदी को दिए जा रहे विशेष महत्व के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है।

मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने की उठ रही थी मांग
रावत ने कहा कि वैसे भी प्रदेश के अधिकतर विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई हिंदी माध्यम से ही कराई जाती है। अक्सर देखने में आया है कि हिंदी माध्यम में अपनी स्कूली शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र-छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से होने वाली मेडिकल की पढ़ाई में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्र समय-समय पर चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिंदी माध्यम में भी उपलब्ध कराने की मांग सरकार से करते रहे हैं।

महिला शक्ति के रुप में उत्तराखंड करेगा देश का नेतृत्व-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सर्वे ऑफ इण्डिया ग्राउण्ड, हाथीबड़कला में आयोजित “लखपति दीदी मेला“ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह के माध्यम से एक वर्ष में एक लाख रुपए से अधिक की आय अर्जित करने वाली महिलाओं को “लखपति दीदी“ के रूप में सम्मानित किया। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभार्थियों को चेक भी प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों को लोकपर्व इगास और बूढ़ी दिवाली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि वर्ष 2025 में जब हमारा राज्य अपनी स्थापना का रजत जयंती वर्ष माना रहा होगा, तब तक हम अपने प्रदेश की सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का कार्य करेंगे। यह प्रयास निश्चित रूप से महिलाओं के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि समाज में महिला शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। महिला सशक्तिकरण के बिना एक आदर्श समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए अनेक प्रयास कर रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत गांव माणा में प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी देशवासियों एवं श्रद्धालुओं से आह्वाहन किया कि अपने यात्रा खर्चे का 5 प्रतिशत धनराशि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों पर खर्च करें। इससे हमारे स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा और मातृ शक्ति की आजीविका में भी तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हमेशा से प्रतिबद्ध रहे हैं। आत्मनिर्भर भारत में मातृशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान होगा। मातृभूमि और मातृशक्ति के सर्वागीण विकास के प्रति सजगता का अनूठा उदाहरण यदि किसी ने दिया है तो वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है। उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में महिला उत्थान की भावना को सर्वाेपरि रखते हुए उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी विशेष योजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप आज महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन की सरकार द्वारा राज्य में ऐसी अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया है, जिससे हर वर्ग के लोगों को आज स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यदि मातृ शक्ति सशक्त होगी तो पूरा समाज सशक्त होगा। लखपति दीदी योजना के माध्यम से राज्य की मातृ शक्ति को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हर प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का आम जन तक अधिक से अधिक लाभ पहुंचे, इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा की प्रदेश मंत्री नीरू देवी, रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष अजीत चौधरी, पूर्व दर्जा धारी कैलाश पंत, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, मुख्य विकास अधिकारी देहरादून झरना कमठान एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

अभिनव पहल-आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा

उत्तराखंड के देहरादून में स्थित CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज ने बड़ी पहल करते हुए उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का फ़ैसला लिया है। CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज न सिर्फ़ उच्च शिक्षा बल्कि सामाजिक सरोकारों में भी अग्रणी भूमिका निभाता रहा है। ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी सजग इंडिया के माध्यम से बीते 15 सालों से नशे के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। वर्तमान में भी संस्थान द्वारा कोरोना काल में अनाथ हुए 100 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है। अपनी इस पहल को आगे बढ़ाते हुए अब उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए उत्तराखंड के आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है।

आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए CIMS & UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा कि प्रायः हमारे प्रदेश में यह देखा गया है कि कई छात्र-छात्राओं की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दसवीं/बारहवीं के बाद वह उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं और कई गलत रास्तों में भटक जाते हैं और कई युवा नशे के जंजाल में फंस जाते हैं। उपरोक्त की स्थिति को देखते हुए CIMS & UIHMT Group of Colleges द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि हम अपने निजी शिक्षण संस्थान में 300 छात्र-छात्राओं को प्रतिवर्ष निःशुल्क शिक्षा प्रदान करेंगे, ताकि वह आगे बढ़कर अपने परिवार के भरण-पोषण के साथ-साथ प्रदेश एवं देश के काम आ सकें एवं व्यसनमुक्त समाज के निर्माण में भागीदार बन सकें। उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर 300 छात्र-छात्राओं को निःशुल्क उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा प्रदान करके उनको शत-प्रतिशत जॉब में लाने का प्रयास किया जाएगा। प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 30 नवम्बर, 2022 तक रखी गई है, जिसमें पहले आओ, पहले पाओ के माध्यम से सीटें आवंटित की जाएगी।

CIMS &UIHMT ग्रुप की इस पहल को राज्य के कई गणमान्य व्यक्तियों का भी सहयोग मिला है। प्रेस वार्ता के दौरान राज्य आंदोलनकारी व जनकवि अतुल शर्मा ने अपना आशीर्वाद देते हुए संस्थान की इस मुहिम को सराहा। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पहले यह राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के लिए बहुत बड़ा तोहफ़ा है। वहीं प्रेस वार्ता में मौजूद बॉलीवुड कलाकार हेमंत पांडे ने भी संस्थान की इस पहल को सराहा, उन्होंने कहा कि वह संस्थान के इस प्रयास का प्रचार-प्रसार ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर निःशुल्क रूप में करेंगे। प्रेस वार्ता को लोकगायिका पद्मश्री डॉ. माधुरी बर्थवाल, सीएमआई अस्पताल के चेयरमैन डॉ. महेश कुड़ियाल ने भी संबोधित किया। उन्होंने CIMS &UIHMT ग्रुप ऑफ कॉलेज के इस प्रयास को सराहते हुए अपना पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।

कार्यक्रम में कुरमांचल परिषद के अध्यक्ष कमल रजवार, गोरखाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा, धात संस्था के महामंत्री तन्मय ममगाई, रिटायर्ड कर्नल ठाकुर सिंह, राज्य आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, बलूनी स्कूल के प्रबंध निदेशक विपिन बलूनी, राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान, प्रेस क्लब के अध्यक्ष जितेंद्र अन्थवाल महासचिव ओपी बिंजवाल, शिक्षाविद ड़ा0 शुशील राणा, बबिता शाह लोहनी, गिरीश सनवाल सहित अनेक सामाजिक लोगों उपस्थित थे।

सत्र 2022-23 के लिए इन पाठ्यक्रमों में दिया जाएगा प्रवेश-

(B.Sc. Medical Microbiology, B.Sc. Optometry, B.Sc.Pathology, Bachelor in Hospital Administration, BBA, BCA, B.Sc.IT, B.A.(Honour), Mass Communication, B.Com (Hons.), BHM, DHM, BA, B.Com, B.Sc.(PCM/ZBC),Master in Public Health, Master in Hospital Administration, Master in Hostel Management, M.Sc. Biochemistry, M.Sc.Microbiology, M.Sc.MLT, P.G. Diploma-Diploma in Yoga Science, Diploma in Yoga, P.G. Diploma in Fitness & Sports Management, P.G. Diploma in Business Accounting & Taxation, P.G. Diploma in Journalism & Mass Communication, P.G. Diploma in Water Sanitization & Hygiene)

उक्त सीटों को भरने हेतु संस्थान द्वारा उन छात्र-छात्राओं को पहले प्राथमिकता दी जाएगी, जो कि निम्नलिखित श्रेणी में आते हैं –

1. कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चे जो कि दसवीं या बारहवीं के बाद आगे की पढ़ाई करना चाहते हैं या कारोनाकाल में उनके घर के कमाऊ व्यक्ति माता या पिता की मृत्यु हो चुकी है।

2. देश एवं प्रदेश के किसी भी फोर्स (आर्मी, पुलिस, अर्धसैनिक अथवा अन्य फोर्स) में शहीद हुए उत्तराखण्ड के जवान के बच्चे जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो।

3. उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों के आश्रित बच्चे, जिनकी आर्थिक स्थित ठीक ना हो, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हों।

4. उत्तराखण्ड के लोक-कलाकर एवं लोक संस्कृति एवं साहित्य को जीवित रखने के लिए जो कलाकार निःस्वार्थ भाव से लगे हैं, अगर उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो उनके ऐसे बच्चों को संस्थान द्वारा दसवीं/बारहवीं बाद निःशुल्क उच्च शिक्षा प्रदान करके उनको रोजगार मुहैया कराया जाएगा।

5. उत्तराखण्ड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे बच्चे जिनकी आपदाओं के कारण आर्थिक स्थिति खराब हो, को भी उच्च शिक्षा एवं रोजगारपरक शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जाएगी।

6. मीडिया देश का चौथा स्तम्भ है, जहाँ पर हमारे मीडियाकर्मी भी एक सैनिक की भांति समाज को एक नई दिशा देने का काम करती है और कोरोना महामारी के बाद हमारे प्रदेश के अनेक मीडिया साथियों (प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया, स्वतंत्र पत्रकार एवं अन्य मीडिया के साथी) जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक ना हो, के परिवार के बच्चों को भी निःशुल्क उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।

बेडू ग्रुप ने सूचना महानिदेशक को भेंट की स्थानीय उत्पादों की ‘समूण‘’

उत्तराखंड के पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के बिजनी छोटी में हर्बल उत्पादों का निर्माण कर रहे बेडू ग्रुप ने इस बार इगास पर स्थानीय उत्पादों की ‘समूण भेंट‘ करने की मुहिम शुरू की हुई है। राज्य सरकार ने जहां इगास पर अवकाश घोषित किया हुआ है वहीं बेडू ग्रुप का प्रयास है लोकपर्व इगास को सभी लोग अपने पारंपरिक रीति रिवाजों के साथ मनाने के अलावा एक-दूसरे को स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट करें। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बेडू ग्रुप की पहल की सराहना करते हुए लोगों से अपील भी कि है कि इगास पर्व की सार्थकता तभी है जब हम इस पर्व को अपनी संस्कृति, प्रकृति और उत्पादकता से जोड़ें।
इसी कड़ी में बेडू ग्रुप के सदस्यों दयाशंकर पांडेय, अमित अमोली और अवधेश नौटियाल ने सूचना महानिदेशक/एमडी जीएमवीएन बंशीधर तिवारी से मुलाकात कर उन्हें बेडू के बने हर्बल उत्पादों के साथ ही स्थानीय उत्पादों की समूण भेंट की। इस समूण में पारंपरिक व्यजन रोट, अरसे, बाल मिठाई, सिंगोरी सहित बेडू ग्रुप के द्वारा तैयार की गई हर्बल उत्पादों की किट है।
बंशीधर तिवारी ने इस पहल की सराहना करते हुए आम जनमानस से इस मुहिम में जुड़ने का आहवान किया ताकि संस्कृति व उत्पादकता के संबर्धन के साथ ही स्थानीय उत्पादों से जुड़े लोगों के चेहरों पर भी इगास में खुशियां देखने को मिले। उन्होंने कहा बेडू ग्रुप के अलावा राज्य की जो सक्षम संस्थाएं अपनी माटी और थाती के लिए समर्पित हैं, उन्हें भी इस तरह का समूण अभियान चलाना चाहिए। इससे स्थानीय लोग अपने घरों में ही अरसा, रोट व अन्य स्थानीय उत्पादों का निर्माण करेंगे तो यह हमारी संस्कृति को बचाने व आर्थिकी को मजबूत करने के लिए सकारात्मक प्रयास होगा।
बेडू द मिशन प्राइवेट लिमिटेड के ट्रेडिंग एंड प्रोडक्शन डायरेक्टर अमित अमोली ने बंशीधर तिवारी जी को अवगत कराया कि हमने लोकपर्व इगास पर समाज के विभिन्न वर्गों के प्रमुख लोगों को बेडू के शुद्ध हर्बल उत्पादों के साथ ही रोट, अरसे और सिंगोरी, बाल मिठाई की कंडी बनाकर समूण के तौर पर देने का अभियान चलाया है। हमारे पास अभी सीमित संसाधन हैं, ऐसे में कम ही लोगों तक पहुंच बन रही है, लेकिन भविष्य में इस अभियान को और विस्तृत किया जायेगा ताकि त्यौहारों पर उत्तराखंडी उत्पादों की भी धूम देखने को मिले।
अमित अमोली ने बेडू ग्रुप द्वारा तैयार किये जा रहे हर्बल प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने यह सब प्रोडक्ट आमजनमानस के स्वास्थ्य औऱ पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाये है, साथ ही जन सामान्य के लिये किफायती दरों में उपलब्ध कराए है। हमारी हर्बल उत्पादों की टीम में स्थानीय 100 से अधिक लोगों की मेहनत जुड़ी हुई है यह सभी पूंजी लगाने के साथ बेडू को ब्रांड बनाने में योगदान दे रहे हैं। बेडू के जो प्रोडक्ट लांच हुए है उनमें सेनेटाइजर, हैंड वाश, बॉडी लोशन, हेयर ऑयल, हैंड मेड गोट मिल्क कोकोनट एंड वनीला साबुन, हैंड मेड चारकोल एंड वनीला साबुन, कंडेशनिंग हेयर क्लीनर, मॉश्चराइजिंग बॉडी वाश, हैड वाश, मॉश्चराइजिंग एंड बॉडी लोशन, फेस वॉश, सनस्क्रीन लोशन, प्यूरिफाइंग उबटन, हिमालयन पिंक साल्ट स्क्रब एंड बॉडी पॉलिशर, वालनट फेस स्क्रब आदि लॉन्च हो गए हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं।
बेडु के उत्पादों की अगर बात की जाय तो इसने शैम्पू, साबुन, तेल इत्यादि के उत्पाद में यहां पर्याप्त मात्रा में होने वाले भेमल के पेड़ के पत्ते, रेशे, बीज इत्यादि का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल करते हुए इन उत्पादों को निर्मित किया है जो यकीनन बेहतरीन माने जा रहे हैं। बेडू द मिशन निकट भविष्य में भेमल, षण, भांग इत्यादि के रेशों से वस्त्र उत्पाद भी करेगी जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में खूब डिमांड है। उन्होंने कहा हमारा मकसद सिर्फ पलायन रोकना नहीं बल्कि रिवर्स माइग्रेशन करवाना भी है ताकि हमारे लोग अपनी जड़ों की ओर वापस लौटे।

धामी सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बनाने जा रही नियम, मिलेगी इतने साल की सजा

भर्तियों में नकल रोकने के लिए बनेगा कानून, मसौदा तैयार, विधानसभा में पास कराने की तैयारी सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
उत्तराखंड में सभी आयोग, बोर्ड, परिषद या विश्वविद्यालय की ओर से होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार इसे पटल पर रखने की तैयारी में है। शासन स्तर पर हुई बैठक में सभी बिंदुओं पर चर्चा के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
सरकार ने किसी एक आयोग के बजाए प्रदेश में सभी भर्ती कराने वाली संस्थाओं के लिए ‘उत्तराखंड सरकारी सेवाओं में नकल निषेध अधिनियम 2022’ तैयार कर लिया है। शासन स्तर पर हुई बैठक में इस अधिनियम के सभी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई बैठक में तय किया गया कि कानून में उम्मीदवारों, परीक्षा कराने वाली संस्थाओं और नकल माफियाओं के लिए सजा के अलग-अलग प्रावधान होंगे।
अपर सचिव कार्मिक कर्मेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेशभर में होने वाली सरकारी भर्तियों के लिए अधिनियम को लेकर हुई बैठक में न्याय विभाग सहित तमाम संबधित विभागों ने अपने सुझाव दे दिए हैं। दरअसल, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय के साथ ही कई भर्तियों में बड़े पैमाने पर नकल सामने आने के बाद प्रदेश में सख्त नकलरोधी कानून की जरूरत महसूस हुई। आयोग ने बोर्ड बैठक में ऐसे कानून का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा था।

प्रदेश में पहली बार ऐसे लागू होगा नकलनिषेध कानून
उत्तराखंड सरकार प्रदेश में पहली बार सख्त नकल निषेध कानून लाने जा रही है। जो मसौदा तैयार हुआ है, उसे कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। यहां से मुहर लगने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान पटल पर रखा जाएगा। पास होने के साथ ही यह अधिनियम कानून के रूप में लागू हो जाएगा।

अभी तक यह है प्रावधान
अभी तक पेपर लीक का कोई भी मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के नकल रोधी कानून के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी या हाईटेक नकल होने पर आईटी एक्ट में ही मुकदमे दर्ज होते हैं। आयोग का मानना है कि इन अपराधियों के लिए कानून के यह प्रावधान कमतर हैं।

अब ये सजा संभव
-उम्मीदवारों पर जुर्माने के साथ ही दो से तीन साल की सजा और परीक्षाओं से दो साल तक डिबार करना।
-संस्था की पेपर लीक में भूमिका होने पर भारी भरकम जुर्माना और पांच से सात साल तक की सजा।
-नकल माफिया या गिरोह की भूमिका पर दस साल तक सजा के अलावा संपत्ति कुर्की व दस लाख तक जुर्माना।
-नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध मानकर इसकी जांच एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी ही करेंगे।

कानून न होने पर पेपर लीक के 42 में से 18 आरोपियों की हो चुकी जमानत
प्रदेश में नकल निषेध का कोई सख्त कानून न होने की वजह से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्तियों में पेपर लीक के 42 आरोपियों में से 18 की जमानत हो चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले से ही भर्तियों का पूर्ण पारदर्शी सिस्टम तैयार करने और नकल-पेपर लीक रोकने के लिए बड़ा फैसला लेने की बात कह चुके हैं।

धामी सरकार का बड़ा फैसला, चीन सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तैनात होंगे हिम प्रहरी

भारत और उत्तराखंड से लगे अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर दुश्मन का आंख दिखाना अब संभव नहीं हो पाएगा। उत्तराखंड में चीन सीमाओं पर सुरक्षा के लिए तैनात उत्तराखंड सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के सीमांत जिलों में तैनात होने वाले हिम प्रहरियों को पांच-पांच हजार रुपये महीने का मानदेय देने का प्लान बनाया है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार सीमांत के जिलों में कुल दस हजार हिम प्रहरियों की तैनाती करने जा रही है। केंद्र से वित्तीय सहायता पर सहमति मिलते ही सरकार योजना को लागू कर दी जाएगी। उत्तराखंड सरकार चीन-नेपाल से सटे गांवों पर पलायन रोकथाम के लिए हिम प्रहरी योजना लागू करने की तैयारी कर रही है।
गृह विभाग ने पिथौरागढ़, चम्पावत, उत्तरकाशी, चमोली और यूएसनगर जिले के सीमांत से सटे ब्लॉकों में प्रस्तावित इस योजना का खाका तैयार कर लिया है। अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि योजना पर प्रति माह पांच करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। केंद्र की अनुमति के बाद योजना लागू हो जाएगी।
देश और उत्तराखंड पर चीन के नापाक इराकों पर नजर रखने को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फुलप्रूफ बनाया है। किसी भी बाहरी आक्रामण को नाकाम करने को सीएम धामी ने उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर इलाकों में सुरक्षा बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके लिए बॉर्डर एरिया पर निगरानी और त्वरित एक्शन के लिए बॉर्डर पर रह रहे युवाओं को हिम प्रहरी योजना से जोड़ा जाएगा।
यही नहीं, सीमांत इलाकों में अभेद सुरक्षा के लिए रिटायर्ड सैन्य कर्मियों की भी मदद ली जाएगी। हिम प्रहरी योजना के तहत करीब 10 हजार सेवानिवृत जवानों, पैरामिलिट्री से रिटायर्ड सैनिक सहित युवाओं को जोड़ा जाएगा। ‘हिम प्रहरी’ योजना से जुड़े लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
यह सभी हिम प्रहरी जरूरत पड़ने पर बाहरी आक्रमण की स्थिति में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगे। सरकार का मानना है कि इसके लिए लिए प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सीएम धामी ने केंद्र सरकार से मांग भी की है।

जलसंस्थान के लोहे के पाइप चुराने में चार आरोपी गिरफ्तार

ऋषिकेश पुलिस ने जल संस्थान के लोहे के पाइप चोरी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनसे घटना में प्रयुक्त ट्रक, चार पाइप और नगदी बरामद की है। पुलिस ने बताया कि मामले में एक आरोपी अभी फरार चल रहा है।
कोतवाली पुलिस के मुताबिक केसीपीएल कंपनी के कांट्रेक्टर प्रदीप कुमार पुत्र ऋषिपाल निवासी आकाशदीप कॉलोनी रुड़की, हरिद्वार ने तहरीर देकर बताया कि 25 अक्तूबर को मालवीयनगर हरिद्वार-ऋषिकेश रोड में सड़क किनारे से जल संस्थान के लोहे के पाइप चोरी हो गए हैं। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इस दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने मंगलवार को रायवाला स्थित मोतीचूर फ्लाईओवर के पास से एक ट्रक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से चार पाइप और 99 हजार 500 रुपये की नगदी भी बरामद की गई। कोतवाल रवि सैनी ने बताया आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र पुत्र रामचंद्र निवासी ग्राम अल्लाहपुर जिला बदायूं, यूपी हाल निवास कृष्णानगर, जगतपुरी, ईस्ट दिल्ली, अजीत कुमार उर्फ पंजाबी पुत्र वीर कांत राय निवासी प्रतापनगर, पटियाला, पंजाब हाल निवासी घाट नंबर एक, झुग्गी झोपड़ी, निगम बोध घाट, आईएसबीटी कश्मीरी गेट नई दिल्ली, मोहित शर्मा पुत्र वीरेंद्र शर्मा निवासी ग्राम भटनी, बसई, मोहम्मदपुरी, विसौली जिला बदायूं, यूपी, धर्मेंद्र पुत्र अमर सिंह निवासी ग्राम कचना कला थाना गोरखी जिला भिंड, मध्यप्रदेश हाल निवासी दिल्ली के रूप के रूप में हुई है। कोतवाल ने बताया कि मामले में विकास उर्फ नाटू फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम जुटी है।

नियमित समीक्षा कर पर्यटन क्षेत्र को पर्यटन उद्योग बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरुवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने विभाग द्वारा कराए जा रहे कार्यों के लिए ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को अपने सिस्टम में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों से सीखते हुए अपने सिस्टम की कमियों को लगातार दूर किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा में बुकिंग सिस्टम को मजबूत किए जाने की भी बात की। कहा कि चारधाम यात्रा के लिए अभी से तैयारियां शुरू की जाएं। उन्होंने चारधाम यात्रा हेतु संचालित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम को सालभर संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में एडवेंचर टूरिज्म की असीम संभावनाओं को देखते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। पूरे विश्व में वाटर स्पोर्ट्स में क्या-क्या चल रहा है, और उसमें यहां क्या-क्या किया जा सकता है? इसके लिए डेडिकेटेड टीम या कन्सल्टेंट लगाया जाए। उन्होंने टिहरी झील में सी-प्लेन, स्कूबा डाईविंग और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स पर भी कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि प्रदेश में लैंड बैंक तैयार कर फाईव स्टार और फॉर स्टार होटेल्स के लिए स्थान चयनित कर निवेशकों को आकर्षित करने पर फोकस किया जाए। इससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश की आर्थिकी के लिए भी लाभप्रद होंगें। उन्होंने प्रदेश में रोप-वे प्रोजेक्ट्स पर तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस एवं अन्य आपत्तियों का निस्तारण प्रतिदिन और वीकली मॉनिटरिंग कर के किया जाए।
मुख्य सचिव ने होमस्टे योजना के सरलीकरण के भी निर्देश दिए। कहा कि होमस्टे योजना का स्थानीय लोग ज्यादा से ज्यादा लाभ ले सकें इसके लिए सरलीकरण आवश्यक है। साथ ही, इस योजना का फीडबैक भी लिया जाना जरूरी है। यदि योजना में सुधार की गुंजाईश है तो उसे भी किया जाए। उन्होंने नए उद्यमियों के लिए मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से स्थानीय लोगों ने होमस्टे खोले हैं, परन्तु मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के लिए उनके पास धन एवं संसाधनों की कमी है। इसके लिए लोगों को नॉमिनल चार्ज पर एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को वेटर, टूर गाईड आदि की फ्री ऑनलाईन ट्रेनिंग की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ट्रेनिंग इसलिए नहीं कर पाते कि उन्हें ट्रेनिंग के दौरान रोजगार और सैलरी का नुकसान होगा। कहा कि छोटे-छोटे वीडियोज के माध्यम से गाईड और वेटर आदि की सर्विस देते समय क्या करें, क्या न करें, जैसे वीडियोज के माध्यम से निशुल्क ट्रेनिंग उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। इसके लिए सिस्टम विकसित किया जाए।
मुख्य सचिव ने पूर्णागिरी क्षेत्र के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने के भी निर्देश दिए। कहा कि यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्राकृतिक सुंदरता एवं शुद्धता ऐस्ट्रो टूरिज्म के अनुकूल है। सम्भावनाओं को तलाशते हुए हर डेस्टीनेशन में ऐस्ट्रो टूरिज्म पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यटन की दृष्टि से युवाओं को आकर्षित करने के लिए नई से नई तकनीक के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराए जाने की बात भी कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुष, योगा और पंचकर्म महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आयुष, योगा और पंचकर्म विभिन्न बीमारियों को जड़ से दूर करने में सक्षम हैं। उत्तराखण्ड योगा कैपिटल के रूप में विश्वविख्यात है। हमारे वेलनेस सेंटर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को आकर्षित कर पर्यटन और रोजगार दृष्टि से प्रदेश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने पर्यटन के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश की योजनाओं में शामिल किए जाने की भी बात कही।
इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

दिवंगत कांस्टेबल की आश्रिता को सीएम ने 50 लाख रुपये का चेक सौंपा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांस्टेबल स्वर्गीय प्रदीप कुमार की पत्नी दीपमाला को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में 50 लाख रुपए का चेक सौंपा। यह चेक एचडीएफसी बैंक की ओर से कांस्टेबल स्वर्गीय प्रदीप कुमार की पत्नी को दिया गया। प्रदीप कुमार का वेतन अकाउंट एचडीएफसी बैंक में संचालित था, जबकि उनका कोई अंशदान भी नहीं कट रहा था।
उधमसिंह नगर के निवासी कांस्टेबल प्रदीप कुमार विकासनगर क्षेत्राधिकारी कार्यालय में तैनात थे। 15 मई 2022 को उनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी अशोक कुमार को निर्देश दिए कि कुछ ऐसी सुदृढ़ व्यवस्था की जाय कि ऐसी घटना होने पर जवानों के परिवारजनों को कुछ आर्थिक मदद मिल सके।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सर्कल हेड एचडीएफसी बैंक बकुल सिक्का मौजूद रहे।