नई शिक्षा नीतिः इंजीनियरिंग के साथ कला और मानविकी विषयों पर भी रहेगा जोर

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत तकनीकी संस्थानों सहित देशभर के सभी विश्वविद्यालयों में संगीत, थिएटर, कला अ ौर मानविकी के लिए अलग से विभाग बनाया जाएगा। नई नीति के तहत आईआईटी समेत देश के सभी तकनीकी संस्थान होलिस्टिक अप्रोच (समग्र दृष्टिकोण) अपनाएंगे। इसके तहत इंजीनियरिंग के साथ-साथ तकनीकी संस्थानों में कला और मानविकी के विषयों पर जोर दिया जाएगा।

विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों का काम अकादमिक और रिसर्च पर फोकस रहेगा। परीक्षा से लेकर दाखिले तक का काम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के तहत होगा। कौशल आधारित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

लिबरल एजुकेशन में देश की 64 कलाओं को बढ़ावा मिलेगा। विभिन्न विषयों में दक्षता और क्षमता के आधार पर डिग्री की पढ़ाई होगी। इसका मतलब ज्ञान के साथ कौशल विकसित करना है, जिससे रोजगार के मौके मिलें। स्नातक तक कोर्स 3-4 वर्ष का होगा और कभी भी प्रवेश और पढ़ाई छोड़ने का विकल्प सर्टिफिकेट के साथ मिलेगा।

शिक्षा सुधार योजनाओं में हिंदू मठ, आश्रम, गुरुद्वारा, ईसाई मिशनरी संस्थान, इस्लामिक ट्रस्ट, बौद्ध और जैन समुदाय को शामिल करने का प्रस्ताव है। इसका मकसद विभिन्न वर्गों को जोड़ना और वैचारिक मतभेद दूर करना है। स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्त्रस्म में बिजनेस व इंडस्ट्री के सुझाव पर बदलाव होगा, ताकि रोजगार पर फोकस किया जा सके। इसके अलावा पूर्व छात्र और स्थानीय समुदाय से सुरक्षा, सफाई पर मदद ली जाएगी।

सीएम ने दी बधाई, कहा नई शिक्षा नीति से बदलेगा भारत
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश में 28 साल बाद नई शिक्षा नीति लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक को बधाई देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति भारत के भविष्य को संवारने में मददगार होगी। इसमें शिक्षा पर जीडीपी का छह प्रतिशत खर्च करने और कक्षा पांच तक मातृभाषा में शिक्षा देने की बात कही गई है। पारम्परिक मूल्यों का समावेश करते हुए नई शिक्षा नीति को आने वाले समय की चुनौतियों के अनुरूप बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने डोईवाला विधानसभा में करोड़ो रुपये के कार्यो का शिलान्यास किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला में शहीद दुर्गामल्ल की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने डिग्री कॉलेज में छात्रावास एवं तहसील डोईवाला के भवन का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। डोईवाला डिग्री कॉलेज में छात्रावास 2 करोड़ 76 लाख 51 हजार एवं तहसील भवन 4 करोड़ 2 लाख 28 हजार की धनराशि से बनाया जायेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महाविद्यालय की जब शुरूआत हुई थी। तब लच्छीवाला में प्राइमरी स्कूल के दो कमरों में इसकी कक्षाएं चलती थी। बाद में स्थानीय लोगों ने महाविद्यालय को भूमि दान में दी। अनेक प्रयासों के बाद महाविद्यालय में भवन एवं कक्षा कक्षों का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत हैं कि वर्तमान में इस महाविद्यालय में 1600 से अधिक विद्यार्थी अघ्ययनरत है। जिसमें से छात्राओं की संख्या एक हजार से अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 85 प्रतिशत सीएम घोषणाएँ पूर्ण की जा चुकी है। प्राथमिकताओं के आधार पर कार्य किये जा रहे हैं। डोईवाला में सीपैट खोला गया है। हमारा प्रयास है कि यहां पर विभिन्न प्रकार के कोर्स करायें जाय, ताकि युवाओं को अच्छे प्रशिक्षण के साथ रोजगार के अवसर बढ़ें। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भी जल्द राज्य में खुल जायेगी। हर्रावाला में कैंसर एवं जच्चा-बच्चा अस्पताल खोला जा रहा है। कोस्टगार्ड के रिक्रूटमेंट सेंटर की प्रक्रिया भी गतिमान है। उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही नेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोला जायेगा। यह सेंटर हंस फाउण्डेशन के सहयोग से बनाया जा रहा है। इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ ही बेहतर प्रशिक्षकों की व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि क्वान्टिटी के बजाय क्वालिटी पर अधिक ध्यान दिया जाय। राज्य में विज्ञान एवं तकनीकि पर आधारित एक रेजिडेंशियल विद्यालय खोलने की योजना बनाई जा रही है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के युवा साइंस एवं तकनीकि के क्षेत्र में देशभर में अपना योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 5 विश्वविद्यालयों एवं 104 महाविद्यालयों को ई-ग्रंथालय से जोड़ा गया है। 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास शुरू की गई है। जल्द ही 700 और विद्यालयों में वर्चुअल क्लास शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सचिवालय के 16 ऑफिस ई-ऑफिस बन चुके हैं। देहरादून कलक्ट्रेट ई कलक्ट्रेट बन चुका है। देहरादून के सभी एसडीएम कार्यालय भी जल्द ई-कार्यालय बन जायेंगे। राज्य में ई-कैबिनेट का आयोजन किया जा रहा है। गैरसैंण विधानसभा को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया है। कार्य में पारदर्शिता के लिए जनता एवं जन प्रतिनिधियों के बीच विश्वास कायम होना जरूरी है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि छात्रावास एवं डोईवाला तहसील भवन यहां की स्थानीय जनता को बड़ी सौगात मिली है। डोईवाला में यह छात्रावास एक साल के अन्दर बनकर तैयार हो जायेगा। इस छात्रावास में 100 छात्राओं के लिए निःशुल्क छात्रावास की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी डिग्री कॉलेजों में शत प्रतिशत प्राचार्यों की नियुक्ति की गई है। 92 प्रतिशत फैकल्टी डिग्री कॉलेजों में जल्द ही कुछ और असिस्टेंट प्रोफेसर राज्य को मिल जायेंगे। एक माह के अन्दर सभी महाविद्यालयों में नेट कनेक्टिविटी उपलब्ध हो जायेगी।
इस अवसर पर मेयर वन पंचायत सलाहकार परिषद् के उपाध्यक्ष करन बोहरा, भाजपा के देहरादून जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुण्डीर, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनन्द वर्द्धन, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. कुमकुम रौतेला, प्राचार्य शहीद दुर्गामल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डोईवाला डॉ. डी.सी नौटियाल आदि उपस्थित थे।

अपने कॅरियर में देशभक्ति की भावना को भी करें शामिलः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ई-संवाद कार्यक्रम में राज्य के छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशभक्ति सभी सद्गुणों की जननी होती है। जिस भी क्षेत्र में अपना भविष्य बनाएं, उसका उद्देश्य देशभक्ति होनी चाहिए। जो भी कैरियर बनाएं, मकसद एक ही होना चाहिए कि देश के लिए कुछ करना चाहते हैं।

लक्ष्य पूर्ति तक आराम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए हनुमानजी से सीखा जा सकता है। ‘रामकाज किन्हे बिना मोहे आराम कहां’। जब तक लक्ष्य पूर्ति न हो, आराम नहीं करना है। पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज पुण्य तिथि है। हम उन्हें नमन करते हैं। वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। देहरादून में साक्षात्कार के लिए आए परंतु उसमें सफल नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक बने। देश के राष्ट्रपति बने। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है। हमारे प्रदेश में एक आईएएस हैं जो पहले श्रमिक का काम करते थे। उन्होंने मेहनत की और आईएएस बने। सफल होने के लिए जरूरी है कि हमारे प्रयास पूर्ण मनोयाग से हों।

उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का मात्रात्मक प्रसार काफी हुआ है। अब विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। आज का युग कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना की गई। इसके अलावा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भी प्रारम्भ की जाएगी। जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्किल डेवलपमेंट भी शुरू किया जाएगा। उत्तराखण्ड में स्नातकोत्तर और रिसर्च के लिए आवासीय साईंस कॉलेज की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है। राज्य में एक विद्यालय प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक संचालित की जाएंगी। इसमें राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चों से शुल्क लिया जाएगा जबकि निर्धन व प्रतिभावान बच्चों के लिए शिक्षा निशुल्क होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह देखकर बहुत प्रसन्न्ता होती है कि आज के बच्चे अपने कैरियर के संबंध में बहुत जागरूक हैं। उन्हें पता है कि किस क्षेत्र में भविष्य बनाना है। ई-संवाद में बच्चों ने अपनी बातें कहीं हैं। कोई डाक्टर बनना चाहता है तो कोई इंजीनियर और कोई सिविल सर्विसेज में जाना चाहता है। इसी प्रकार किसी ने वैज्ञानिक बनने की बात कही है। एक ने फाईन आर्ट में कैरियर बनाने की इच्छा व्यक्त की है। कोई शिक्षक बनकर और कोई सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहता है।

कैरियर के लिए पूरे मनोयोग से करें प्रयास, सरकार व समाज से मिलेगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे पूर्ण मनोयाग से आगे बढ़ें और मेहनत करें। जरूरत पड़ने पर सरकार और समाज से आवश्यक सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जिले के एक बच्चे का सेलेक्शन लंदन स्कूल ऑफ आर्टस में हुआ। उसे वहां भेजने की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार निर्धन परिवार की एक छात्रा पढ़ाई के लिए न्यूजीलैंड जाना चाहती थी। पता चलने पर इसकी भी व्यवस्था की गई। जो भी पाना चाहते हैं, उसकी पूरी तैयारी करें। जब मदद की जरूरत पड़े, तो बताएं। सरकार के साथ ही व्यक्तिगत तौर पर भी लोग मदद के लिए आते हैं।
ई-संवाद में विधायक पुष्कर सिंह धामी, यूसर्क के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, अन्य वैज्ञानिक, शिक्षक, छात्र-छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया।

इंतजार खत्म, 29 जुलाई को जारी होगा उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट

उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं परीक्षा का परिणाम 29 जुलाई को जारी होगा। उत्तराखंड बोर्ड मुख्यालय रामनगर में सुबह 11 बजे परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा। बोर्ड सचिव नीता तिवारी ने बताया कि बोर्ड सभापति आरके कुंवर और शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की उपस्थिति में परीक्षा परिणाम घोषित किये जायेंगे।
छात्र उत्तराखंड बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ubse.uk.gov.in पर अपना रिजल्ट देख सकेंगे। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। बता दें कि इस वर्ष हाईस्कूल की परीक्षा में 147588 छात्र और इंटरमीडिएट में 119216 छात्र शामिल हुए थे। लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से परीक्षाओं को रोक दिया गया था, छूटी हुई परीक्षाओं को 22 जून से 24 जून के बीच कराया गया। इस दौरान कंटेनमेंट जोन के कई छात्र परीक्षा से वंचित हो गए, इनमें हाईस्कूल के 716, इंटरमीडिएट के 337 परीक्षार्थी शामिल हैं।
बोर्ड ने इन छात्रों को तीन विषयों के अंकों के आधार पर औसत अंक देकर पास किया है। यदि फिर भी कोई छात्र औसत अंक से संतुष्ट नहीं होगा तो वह रिजल्ट आने के एक माह तक आवेदन कर सकेगा।
वहीं, बोर्ड सचिव ने बताया कि ढाई सौ से तीन सौ छात्र ऐसे भी हैं, जिन्होंने एकल विषय से आवेदन किया था। ऐसे में छात्रों को औसत अंक नहीं दिए जाएंगे, क्योंकि इन छात्रों ने केवल एक ही विषय में परीक्षा के लिए आवेदन किया था। इन छात्रों की परीक्षा 29 जुलाई के बाद कराई जाएगी।

छात्र ऐसे देखे अपना परिणाम
– रिजल्ट प्राप्त करने के लिए छात्रों को बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट ubse.uk.gov.in पर क्लिक करना होगा।
– उसके बाद छात्र डाउनलोड रिजल्ट के लिंक पर क्लिक करें।
– पंजीकरण संख्या, रोल नंबर और अन्य मांगी गई जानकारी दर्ज करें।
– उसके बाद छात्रों का परिणाम सामने होगा।
– इसके बाद छात्र अपने परिणाम को डाउनलोड कर ले।

गाइडलाइन जारीः ऑनलाइन क्लास की अवधि 30 मिनट से ज्यादा नही होगी

एचआरडी मंत्रालय द्वारा ऑनलाइन क्लास के लिए जारी गाइडलाइन के बाद उत्तराखंड में भी शिक्षा महकमें ने गाइड लाइन जारी की है। सचिव शिक्षा मीनाक्षी सुन्दरम ने सभी स्कूलों के गाइडलाइन जारी करते हुए स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं की नियमितता् को लेकर अभिभावकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद मंत्रालय ने दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। बता दें कि कोविड-19 महामारी के बाद बच्चे ऑनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। इस दौरान बच्चे स्क्रीन में ज्यादा समय लगा रहे हैं। ऐसे में मांग थी कि क्लास टीचिंग से ऑनलाइन शिक्षण के लिए एक शिफ्ट जरूरी है। लॉकडाउन के बाद से करीब चार महीनों से देशभर के स्कूल बंद होने के बाद से स्कूल ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश में केंद्र सरकार की गाइड लाइन “प्रज्ञाता” को बरकरार रखा गया है। जिसके अनुसार प्री-प्राइमरी छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि 30 मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। कक्षा 1 से 8 के लिए, 45 मिनट तक के दो ऑनलाइन सेशन जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए, 30-45 मिनट के चार सेशन रखे गए हैं। उत्तराखंड में लागू प्रज्ञाता गाइडलाइन के में सचिव मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा है की उत्तराखंड की भोगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए अगर कुछ और बदलाव किये जाने हैं तो उसके लिए सुझाव विभगा से मांगे गए हैं। आपको बताते चलें कि केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, इस गाइड लाइन को पहले ही जारी कर चुके हैं। निशंक ने कहा कि ये दिशा-निर्देश उन छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाए गए हैं, जो घर पर हैं। ये दिशा-निर्देश उन बच्चों के लिए हैं, जो घर पर लॉकडाउन के कारण रह रहे हैं। उन्हें ऑनलाइन, मिश्रित, डिजिटल शिक्षा के जरिये सिखाने की कोशिश की जा रही है। डिजिटल शिक्षा पर तैयार ये दिशा-निर्देश ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप भी हैं। बता दें कि देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया है।

राज्य में जल्द शुरू होगी भूमि बंदोबस्त की प्रक्रियाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को खैरासैंण, सतपुली में राजकीय महाविद्यालय खैरासैंण का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि राज्य में भूमि बन्दोबस्त लंबे समय से नहीं हुआ है। राज्य में जल्द भूमि बंदोबस्त की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। उन्होंने कहा कि भूमि पर अपने पति के साथ महिलाओं का अधिकार भी हो, ताकि उन्हें लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस पर भी सरकार जल्द निर्णय लेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती का अधिकांश कार्य महिलाएं करती हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 07 करोड़ 27 लाख रूपये की योजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें खैरासैंण में डिग्री कॉलेज भवन निर्माण के लिए 03 करोड़ 06 लाख रूपये, कम्यूनिटी टूरिज्म को प्रोत्साहन देने हेतु खैरासैंण (सतपुली) में पर्यटक परिसर के निर्माण हेतु 01 करोड़ 84 लाख रूपये, खैरासैंण-बयाली मोटर मार्ग पर लोडिंग स्टील गर्डर सेतु के निर्माण हेतु 01 करोड़ 74 लाख रूपये एवं खैरासैंण-बयाली मोटर मार्ग के डामरीकरण के लिए 63 लाख रूपये के कार्य शामिल हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने खैरासैंण में डिग्री कॉलेज, इण्टर कॉलेज एवं जवाहर नवोदय विद्यालय के लिए अपनी कीमती भूमि शिक्षा के लिए दान करने पर खैरासैंण की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत छोटे-छोटे सोलर प्रोजक्ट लगाये जायेंगे। इससे 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। 25-25 किलोवाट के छोटे-छोटे प्रोजेक्ट पर कार्य किया जाएगा। इस योजना के तहत 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। इन प्रोजक्ट से उत्पादित बिजली सरकार खरीदेगी। पिरूल की पत्तियों से बिजली बनाने का कार्य शुरू किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लवाड़ गांव में 64 लाख रूपये के कार्यों की स्वीकृति दी गई है। जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल योजना का कनेक्शन 2350 रूपये में दिया जाना था। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि गांवों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन देंगे। मानकों के अनुरूप स्वच्छ जल दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोटद्वार में अर्द्ध सैनिक बलों के लिए कैंटीन के लिए भूमि दी जायेगी। सतपुली में पार्किंग के लिए 3 करोड़ 26 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई। यहां पर भवन एवं पब्लिक यूटिलिटी की व्यवस्थाएं भी की जायेंगी।

मां का सपना था आईएएस बनने का, अब आस्था करेंगी उनका सपना पूरा

मां का सपना पूरा करना ही है लक्ष्यः आस्था
सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में 99.4 प्रतिशत अंक लाकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल करने वाली आस्था आगे चलकर अपनी मां का सपना पूरा करेंगी। उनकी मां शीला कंडवाल आईएएस बनना चाहती थीं। किसी कारणवश पढ़ाई पूरी न होने के कारण अब उनकी बेटी आस्था इस सपने को साकार करेंगी।

डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में अध्ययनरत आस्था कंडवाल ने पूर्णांक 500 में से 487 प्राप्तांक प्राप्त किए हैं। इसमें अंग्रेजी में 100, गणित 100, विज्ञान 100, एसएसटी 99, हिंदी 98 अंक आए हैं। गुड्डू फॉर्म श्यामपुर गली वार्ड नंबर नौ निवासी आस्था ने रोजाना पांच घंटे सभी विषयों को दिया। परीक्षा के दिनों इसमें तीन घंटे का विस्तार किया। आस्था के पिता राजकुमार कंडवाल गुडगांव में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। आस्था को उनकी माता शीला कंडवाल ही घर पर विज्ञान और गणित विषय पढ़ाती हैं। इस कारण उन्हें कभी भी ट्यूशन लेने की जरूरत महसूस नहीं हुई। उनका यह भी कहना है कि जब पढ़ाई भारत से की तो नौकरी भी भारत के लिए ही करूंगी। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बुधवार दोपहर

10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित किया। इसमें तीर्थनगरी की आस्था कंडवाल ने 99.4 प्रतिशत अंक लाकर राज्य में दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि तीर्थनगरी के ही सात बच्चों ने प्रदेश में टॉप-10 में जगह बनाई है।

डीएसबी स्कूल के सागर गर्ग ने हासिल किए 99.6 प्रतिशत अंक, बने स्टेट टॉपर

स्टेट टॉपर सागर गर्ग आगे चलकर आईपीएस बनना चाहते हैं। बातचीत में सागर ने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करेंगे। उन्हें वर्दी से प्यार हैं, वर्दी पहनकर वह पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कार्य करेंगे। परिवार में उनके दादा अशोक कुमार, दादी शशीबाबा, माता सारिका तथा पिता अजय गर्ग हैं। सागर बताते हैं कि पढ़ाई को लेकर उन्हें हमेशा परिवार का पूरा सपोर्ट मिला। खासतौर पर अपनी सफलता का श्रेय सागर प्रधानाचार्य शिव सहगल, क्लास टीचर ईला गैरोला और माता-पिता को देना चाहते है। सागर गर्ग ने पूर्णांक 500 में से 498 प्राप्तांक प्राप्त किए हैं। इसमें अंग्रेजी में 99, अकाउंट 99, बिजनेस स्टीडीज 100, पेंटिंग 100, इकॉनोमिक्स 100 अंक आए हैं। सागर गर्ग ने रोजाना सात घंटे पढ़ाई की। परीक्षा के दिनों में इसमें दो घंटे का विस्तार किया।

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार की सायं 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित किया। इसमें तीर्थनगरी के सागर गर्ग ने 99.6 प्रतिशत अंक लाकर राज्य में पहला स्थान हासिल किया, जबकि तीर्थनगरी की ही सलोनी सिंह ने 97.8 प्रतिशत अंक लाकर प्रदेश के दसवें स्थान में जगह बनाई है। यह दोनों की विद्यार्थी डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश के हैं। उधर, तीर्थनगरी के डीएसबी, फुटहिल्स, एनडीएस, एनजीए, श्री सांई बाबा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, आर्मी पब्लिक स्कूल आदि का शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा।

तीर्थनगरी के टॉप-20 छात्र व छात्राएं

1—सागर गर्ग—99.6—डीएसबी

2—सलोनी सिंह—97.8—डीएसबी

3—अमन अरोड़ा—97.4—डीएसबी

3—वर्णिका गुप्ता—97.4—डीएसबी

4—नितिन द्विवेदी—97.2—एनडीएस

5—आशीष बेदवाल—97—डीएसबी

6—अदिति तड़ियाल—96.8—डीएसबी

7—जयंत बहुगुणा—96.6—डीएसबी

7—स्मृति बोस—96.6—डीएसबी

8—यश आनंद—96.4—एनडीएस

9—अभिनव उनियाल—96.2—डीएसबी

9—प्रतीक्षा पांडेय—96.2—डीएसबी

10—नवीन सिंह—96—डीएसबी

10—विश्रवा तिवारी—96—डीएसबी

10—अदिति बर्थवाल—96—एनडीएस

11—प्रियांशु राणा—95.8—एनडीएस

11—ऋचा सिंह—95.8—एनडीएस

12—राहुल सिंह रावत—95.6—फुटहिल्स एकेडमी

12—यश उप्पल—95.6—एनडीएस

12—ओम शर्मा—95.6—डीएसबी

13—शिखा रावत—95.4—आर्मी पब्लिक स्कूल

13—गार्गी नेगी—95.4—एनडीएस

14—आदि जैन—95.2—डीएसबी

15—अंजली नेगी 95—डीएसबी

16—खुशी यादव—94.8—डीएसबी

17—मृत्युंजय बडोनी 94.6—डीएसबी

17—तन्मय गोयल—94.6—डीएसबी

18—अर्पिता बडोला—94.4—डीएसबी

18—नैना अग्रवाल—94.4—डीएसबी

18—ऋतिक पंवार—94.4—डीएसबी

18—सिया गुसाईं—94.4—डीएसबी

19—मनस्वी जैन—94.2—डीएसबी

19—वंशिका सिंघल—94.2—डीएसबी

19—प्रथम कुमार—94.2—डीएसबी

20—पंकज रमोला—93.8—आर्मी पब्लिक स्कूल

20—ईशा पंत—93.8—आर्मी पब्लिक स्कूल

20—श्रेया अग्रवाल—93.8—एनडीएस

सरकार प्रदेश में खोलने जा रही अंग्रेजी माध्यम के अटल उत्कृष्ट विद्यालय

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने रविवार को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में हरेला पर्व अस्कोट से आराकोट कार्यक्रम के तहत पौधारोपण किया। इसके बाद शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के अभाव में पलायन न हो। इसके लिए जल्द ही अंग्रेजी माध्यम के अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाएंगे। इन विद्यालयों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू होगा। इस विद्यालय में करोड़पति से लेकर गरीब तबके के आदमी का बच्चा भी शिक्षा लेगा। शिक्षा का बाजारीकरण किसी कीमत में नहीं होगा। यदि प्राइवेट स्कूल इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान विस अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि भारत फिर से विश्वगुरू बनने जा रहा है। इसके लिए उन्होंने मौजूदा सभी लोगों को शुभकामनाएं दी। शिक्षकों का वास्तविक सम्मान तभी होगा। जब उनका पढ़ाया हुआ विद्यार्थी एक दिन बड़े मंच पर जाकर कहे कि मैं आज जो कुछ भी हूं। अपने शिक्षक की बदौलत हूं। उन्होंने पौधारोपण को आवश्यक बताते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने बेटे के जन्म पर पौधारोपण करना चाहिए। इससे बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होगा, वैसे ही वह पौधा भी बड़ा होगा और यादगार रहेगा। कहा कि प्रकृति स्वच्छ रहेगी तो मानव भी स्वस्थ रहेगा।

प्रकृति संरक्षण को हरेला एकमात्र त्योहारः स्पीकर
ऋषिकेश। कार्यक्रम के दौरान स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने किया कि लोकपर्व हरेला दुनिया में ऐसा एकमात्र त्योहार होगा जिसमें जीवों के कल्याण के साथ ही प्रकृति संरक्षण की कामना भी की जाती है। पेड़ लगाने और पर्यावरण बचाने की संस्कृति की ऐसी सुंदर झलक देवभूमि उत्तराखंड में ही दिखती है। उन्होंने कहा की उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला पूरी दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश देता है।

यूजीसी की गाइडलाइन के तहत प्रदेश में उच्च शिक्षा में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित बैठक आयोजित की गई।
बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशो के तहत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में परीक्षायें संचालित किये जाने के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर अन्तिम वर्ष एवं अन्तिम सेमेस्टर के छात्र-छात्रों की परीक्षायें 24 अगस्त से 25 सितम्बर तक आयोजित की जायेंगी तथा 25 अक्टूबर तक परीक्षा फल घोषित कर दिया जायेगा जबकि 1 नवम्बर से नया सत्र शुरू कर दिया जायेगा। इसके अलावा पुराने छात्र छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षायें यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार अगली कक्षाओं में प्रोमोट करते हुए 5 अगस्त तक परीक्षा फल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाईन कक्षायें शुरू कर दी जायेंगी। 12वीं के परीक्षाफल घोषित होने के साथ ही समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों बीए, बीएससी, एम, एमएससी आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी जायेगी तथा 1 नवम्बर से कक्षायें प्रारम्भ होंगी।
बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा बताया गया कि राज्य के कई महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को कोविड 19 क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं जिसके चलते परेशानी आ सकती है जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि कोविड-19 के दृष्टिगत जिन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं सम्बन्धित संस्थान के मुखिया के ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 25 जुलाई तक क्वारंटीन सेंटर खाली कराते हुए अन्यत्र शिफ्ट करा दिये जाये तथा वहां पर छात्रों के आने से पहले सेनेटाईजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई कठिनाई न हो।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 3 लाख छात्र-छात्राओं उच्च शिक्षा में अध्यनरत हैं जिनमें से लगभग 80 हजार छात्र-छात्रायें अन्तिम वर्ष/सेमेस्टर के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 25 हजार छात्र-छात्रायें बाहरी राज्यों से अध्यनरत हैं जिनको परीक्षा से पूर्व 1 अगस्त तक सम्बन्धित विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अपनी उपस्थिति देनी होगी, लेकिन उनके लिए शर्त रखी गई है वह अपने प्रदेशों से कोविड-19 का टेस्ट कराते हुए प्रमाण पत्र भी साथ लेकर आयेंगे ताकि क्वारंटीन की अनिवार्यता से बचा जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन ने बताया कि यूजीसी के द्वारा पूर्व में शिक्षको, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय आने सम्बन्धित जो छूट दी गई थी वह समाप्त कर दी गई है। अब सभी प्राचार्यों, शिक्षकों अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। आदेशों का पालन न करने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
बैठक के उपरान्त मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपीएस नेगी द्वारा मुख्यमंत्री को कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु विश्वविद्यालय की ओर से 5 लाख 80 हजार की धनराशि का चेक भेंट किया गया।
बैठक में राज्य मंत्री दिप्ती रावत, मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपी नेगी, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके कर्नाटक, श्रद्धेय सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीपी ध्यानी, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. कुमकुम रौतेला, तकनीकी सलाहकार मुख्यमंत्री डॉ. नरेन्द्र सिंह, रूषा सलाहकार डॉ. एमएसएम रावत, डॉ. के.डी.पुरोहित, पन्तनगर विवि के डीन डॉ. एसके कश्यप, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, एमएस मन्दरवाल, विपिन चन्द जोशी, डॉ. एएस उनियाल आदि विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।