सोमेश्वर नगर में बाघ की आमद से सहमे लोग, मेयर ने निरीक्षण कर रेंजर को दिए निर्देश

सोमेश्वर नगर क्षेत्र में बाघ की आमद की सूचना पर मेयर अनिता ममगाई ने क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान वन विभाग के रेंजर व अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे।
उत्तराखंड में जंगली जानवर लोगों के लिए दहशत का सबब बने हुए हैं। इस मामले में तीर्थ नगरी ऋषिकेश भी अपवाद नही रही है। रायवाला सहित रिहायशी क्षेत्रों में बाघ की आमद पिछले कुछ वर्षों से क्षेत्रवासियों को दहशतजदा करती रही है। सोमेश्वर नगर क्षेत्र में एक बार फिर से बाघ ने दस्तक दी है। पिछले एक पखवाड़े से क्षेत्र में अनेकों बार बाघ के पदचिह्न देखे गये हैं। नगर निगम के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में बाघ की दहशत ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। बाघ के डर से बच्चों ने जहां सांझ होते ही खेलना छोड़ दिया है वहीं इसका खौफ महिलाओं पर भी गंभीर रूप से बना हुआ दिख रहा है। बाघ की आमद से घबराए क्षेत्र वासियों द्वारा मेयर अनिता से बाघ के आतंक को समाप्त करने के लिए मुकम्मल इंतजाम करने की गुहार के बाद आज दोपहर मेयर अनिता ममगाई ने वन विभाग के रेंजर के साथ क्षेत्र का दौरा किया और अनेकों लोगों से बाघ के सन्दर्भ में आवश्यक जानकारियां जुटाई।

मेयर अनिता ने रेंजर महेंद्र रावत से कहा कि निगम क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जंगली जानवरों से सुरक्षा की जिम्मेवारी वन विभाग की है। बाघ का आतंक लोगों के दिलों दिमाग पर गंभीर असर कर रहा है। क्षेत्रवासी बाघ के संभावित हमले को लेकर सहमें हुए हैं। इससे पहले कि कोई बड़ी घटना हो उससे पूर्व तमाम इंतजाम वन विभाग को पूर्ण कर लेने चाहिए। उन्होन बाघ की आमद को रोकने के लिए तारबाड़ लगाने के लिए रेंजर को आदेशित भी किया। इस दौरान सहायक नगर आयुक्त श विनोद लाल ,राधा रमोला, कमलेश जैन, विजय बडोनी , विजेंद्र मोघा, अनीता रैना , सुजीत यादव, पूरण पवार , प्यारे लाल जुगलान, गोविंद चैहान , मीना रावत, मुरारी सिंह राणा, अनीता रावत आदि मौजूद रहे।

मरीज और तीमारदारों को सरकार ने दिया महंगे इलाज से झटकाः डा. राजे नेगी

आम आदमी पार्टी के नेता डा. राजे नेगी ने सरकार पर तंज कसा है, नेगी ने कहा कि सरकार ने नए साल पर महंगे इलाज का उपहार प्रदेश की जनता को दिया है। कहा कि होना तो इलाज को सस्ता चाहिए था, मगर महंगे इलाज देकर मरीज और तीमारदारों को झटका दिया है, प्रदेश की जनता वैसे ही आर्थिक तंगी से जूझ रही है, ऊपर से अब यह महंगा इलाज।

आज प्रेस नोट जारी करते हुए आप नेता डा. राजे नेगी ने कहा कि इलाज और दवाएं दोनों ही नए साल में महंगे हो गए हैं। सरकारी अस्पतालों में पर्चे और जांच की दरों में 10 फीसदी तक इजाफा हुआ है, तो दवाओं में दो से आठ फीसदी तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनमें अधिकांश बीपी, शुगर, बुखार और दर्द निवारक के अलावा सभी प्रमुख एंटीबायोटिक्स दवाएं हैं।कोरोना काल के बीच सरकार द्वारा उपचार एवं दवाओं में की गई अप्रत्याशित वृद्धि का आम आदमी पार्टी ने पुरजोर विरोध किया है।

उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में नए साल से इलाज महंगा हो गया है। रजिस्ट्रेशन से लेकर भर्ती शुल्क और तमाम जांच के लिए मरीज को दस फीसदी अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में ओपीडी पर्चा पहले 25 रुपये में बनता था। जिसके लिए अब मरीज को 28 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। अल्ट्रासाउंड का शुल्क 518 से बढ़कर 570 रुपये हो गया है। इसी तरह एक्सरे में भी करीब 18 रुपये की वृद्धि हुई है। नए साल से एक्सरे 182 के बजाए 200 रुपये में किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य सभी जांच, आइपीडी शुल्क आदि भी बढा हैं। उन्होंने सरकार से जनभावनाओं के अनुरूप उपचार के पर्चे एवं अन्य जांच की दरों को वापस लिए जाने की मांग की।

सीएम के स्वास्थ्य लाभ को महादेव मंदिर में हुआ हवन यज्ञ

भाजपा वीरभद्र मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वास्थ्य कामना को लेकर के त्रंबकेश्वर महादेव मंदिर में हवन यज्ञ किया।

मंडल महामंत्री सुंदरी कंडवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत कोरोना संक्रमित हुए हैं, भाजपा वीरभद्र मंडल ने उनके जल्द ही स्वस्थ होने की कामना करता है, इसी संबंध में हवन यज्ञ के जरिए पुनः स्वस्थ्य होने की कामना की गई। कार्यकर्ताओं ने भगवान त्रंबकेश्वर महादेव से कामना भी की। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष अरविंद चैधरी, रमेश चंद्र शर्मा, सोशल मीडिया प्रभारी राहुल कुकरेती, जगदम्बा सेमवाल, विनोद मिश्रा, रजनी बिष्ट, रवींद्र कश्यप, आरती दुबे राजकुमार, निर्भय गुप्ता, रविन्द्र शर्मा, युवा मोर्चा से विजय जुगरान आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

एम्स ऋषिकेश में हो रही है बिना हार्ट- लंग मशीन के बीटिंग हार्ट में बाईपास सर्जरी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश में कोरोनरी आर्टरी डिजिज का सफलतापूर्वक इलाज उपलब्ध है। हार्ट ब्लॉकेज या कोरोनरी आर्टरी डिजिज के उपचार में कई मरीजों को बाईपास सर्जरी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कई मरीजों को इस ऑपरेशन के लिए दिल्ली आदि महानगरों में बड़े सरकारी व निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता था, जहां उन्हें अधिक खर्चे के साथ साथ अन्य तरह की दिक्कतें भी उठानी पड़ती थी। लिहाजा एम्स प्रशासन द्वारा ऐसे मरीजों को अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। अस्पताल में यह जोखिमभरी जटिल शल्य क्रिया बिना दिल की गति को रोके की जा रही है।
एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने जटिल शल्य क्रियाओं को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने व मरीजों को बेहतर ढंग से समुचित उपचार देने वाली टीम की प्रशंसा की है। हृदय शल्य चिकित्सक डा. राजा लाहिड़ी ने बताया कि कुछ समय पूर्व अस्पताल में शुरू हुई इस सुविधा के तहत अब तक हमने उत्तराखंड के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान तथा हरियाणा आदि क्षेत्रों से आए कई मरीजों की सफलतापूर्वक बाईपास सर्जरी को अंजाम दिया है।
उन्होंने बताया कि इनमें कई ऐसे मरीज भी शामिल हैं जिनकी हृदय की कार्यक्षमता काफी कम हो गई है। ऐसे मरीजों की हम आईएबीपी मशीन की सहायता से सफलतापूर्वक सर्जरी करते हैं। बताया कि संस्थान में श्टोटल आर्टेरियल बाईपासश् विधि से भी सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

कोरोनरी आर्टरी रोग के बाबत जानकारी देते हुए काॅर्डियक ऐनेस्थेटिस्ट डॉ. अजय कुमार ने बताया कोरोनरी धमनियों में रुकावट होने से दिल के दौरे का खतरा बना रहता है। ऐसे में मरीज को चलने फिरने या काम करने पर छाती में दर्द की शिकायत, तेज पसीना आना, घबराहट होना अथवा सांस फूलने जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में मरीज की समय से जांच एवं इलाज कराने से हृदयाघात के खतरे को टाला जा सकता है तथा इससे मरीज के कार्यक्षमता में भी वृद्धि होती है।

उन्होंने बताया कि ऐसी समस्याओं से ग्रसित रोगी की पहले काॅर्डियोलॉजिस्ट जांच व इसके बाद एंजियोग्राफी की जाती है। इसके उपरांत रोगी की चिकित्सा का निर्णय काॅर्डियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक ऐनेस्थेटिस्ट एवं काॅर्डियक सर्जन एक साथ मिलकर लेते हैं। इसे विदेशों में आमतौर पर श् हार्ट – टीम एप्रोच श् कहा जाता है। इस विधि से रोगी को उसके रोग के अनुरूप उचित उपचार प्राप्त हो जाता है।
कोरोनरी आर्टरी रोग के लक्षणः
० छाती में दर्द
० सांस फूलना
० सूजन
० मिचली
० अनियमित दिल की धड़कन

बाईपास सर्जरी के बाद क्या करें-
० दवा लेना ना भूलें
० नियमितरूप से व्यायाम करें
० वसायुक्त भोजन ना लें
० वजन को नियंत्रण में रखें
० शुगर और बी. पी. की नियमिततौर पर जांच कराएं ।

मंत्री ने सचिव को लिखा पत्र, कार्रवाई के दिए निर्देश

सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़को की समीक्षा बैठक ली। जिसमें नए मोटर मार्गों की प्रगति के साथ ही पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की। यही नहीं उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बैठक से वापस भेजते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश भी दिये।

विधानसभा सत्र के भोजनावकाश के दौरान डाॅ. रावत ने अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं पीएमजेएसवाई के अंतर्गत निर्माणाधीन एवं पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी प्रगति को लेकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। बैठक के दौरान डाॅ. रावत द्वारा लोनिवि के अधिकारियों से देघाट-समैया-जगतपुरी-बूंगीधार मोटर मार्ग, बूंगीधार-बीरू की धुनी-नक्चुलाखाल मोटर मार्ग, उफरैंखाल-सराईखेत मोटर मार्ग एवं चैखाल-उफरैंखाल मोटर मार्गों के मरम्मत एवं डामरीकरण की प्रगति रिपोर्ट जाननी चाही तो विभागीय अधिकारी बगलें झांकने लगे। जिस पर डा. रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए बैठक से चले जाने के निर्देश दिये।

उनका कहना था कि उक्त सड़कों के संदर्भ में इससे पूर्व भी दो बैठकें हो चुकी है जिसमें स्वयं विभागीय सचिव आर.के. सुधांशु भी मौजूद थे। इसके बावजूद उक्त सड़कों के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिस पर उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अंतर्गत आने वाले पुलों एवं मोटर मार्गों की भी समीक्षा की गई। जिनमें ईडा-नौगांव मोटर मार्ग सौंठी बैंड तक मिलाने एवं थलीसैण-जखोला मोटर मार्ग पर आ रहे राजकीय महाविद्यालय थलीसैण के खेल मैदान की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार लगाने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने चाकीसैण-जाख मोटर मार्ग को पीएमजेएसवाई से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। वहीं माजरामहादेव -नौलीसैण मोटर मार्ग, समैया-बसोला मोटर मार्ग के डामरीकरण एवं सौन्दर-ऐंठी मोटर मार्ग पर पुल के डीपीआर बनाने निर्देश भी अधिकारियों को दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास सड़कों के मरम्मत हेतु बजट की भारी कमी है जिसके लिए राज्य सरकार को अलग से व्यवस्था करनी होगी।

बैठक में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग हरिओम शर्मा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी अयाज अहमद, मुख्य अभियंता पीएमजेएसवाई के.पी. उप्रेती, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी राजेश चंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता पाबौं दिनेश मोहन गुप्ता, अधिशासी अभियंता श्रीनगर प्रत्यूष कुमार, अधिशासी अभियंता बैजरों आदर्श गोपाल सिंह, अधिशासी अभियंता पीएमजेएसवाई महेन्द्र सिंह, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी श्रीनगर मुकेश सकलानी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

30 वर्षीय व्यक्ति की एम्स ऋषिकेश में सफल आरएसओवी सर्जरी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने दिल में छेद, आरएसओवी एवं काॅर्डियक वाॅल्व में रिसाव के कारण सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई का सामना कर रहे एक 30 वर्षीय व्यक्ति की सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया गया है। ऑपरेशन के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है,जिसे जल्दी ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने मरीज की सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी करने वाली टीम की प्रशंसा की है।

चमोली जनपद के जोशीमठ निवासी एक 30 वर्षीय व्यक्ति पिछले कई वर्षों से दिल में छेद की समस्या से ग्रसित था। दिल में छेद होने के कारण उसके काॅर्डियक वाॅल्व में रिसाव भी शुरू हो गया, जिससे उसका हार्ट सही ढंग से कार्य नहीं कर पा रहा था। इस पैदायशी समस्या के कारण उम्र बढ़ने के साथ साथ उक्त व्यक्ति की परेशानी भी लगातार बढ़ने लगी थी। जन्मजात दिल में छेद की वजह से उसे सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई होने लगी थी,लिहाजा उसने समस्या से निजात पाने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न छोटे-बड़े अस्पतालों में अपना उपचार कराया, मगर मरीज स्वस्थ होने के बजाए और अधिक गंभीर स्थिति में आ गया। थकहारकर उक्त मरीज ने इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश की ओर रुख किया। जहां सघन परीक्षण के बाद एम्स के काॅर्डियोलाॅजी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने पाया कि उसके दिल में छेद है, जिससे उस स्थान पर दिल के वाॅल्व से रिसाव हो रहा है। इस छेद के कारण मरीज के दिल की बड़ी धमनी का एक हिस्सा भी फट गया था, जिसे रप्चर्ड साइनस ऑफ वॉलसाल्वा (आरएसओवी) कहते हैं। यह स्थिति मरीज के जीवन के लिए बड़ा गंभीर स्तर का था। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार हालांकि उक्त व्यक्ति के दिल में छेद की समस्या जन्मजात थी, लेकिन समय पर उचित इलाज नहीं मिले के कारण मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच गया था। जिसके चलते सांस लेने में कठिनाई और धड़कन तेज चलने के कारण वह कोई भी काम नहीं कर पा रहा था।

एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि संस्थान के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने इस व्यक्ति के दिल का ऑपरेशन कर उसे नया जीवन प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि एम्स में मरीजों को अत्याधुनिक तकनीक से युक्त विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। बताया कि हृदय संबंधी विकारों से जुड़े विभिन्न रोगों के समुचित इलाज व प्रबंधन के लिए ऋषिकेश एम्स में काॅर्डियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक सर्जन, काॅर्डियक एने​स्थिटिक्स व रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों की पूरी टीम उपलब्ध है।

एम्स के काॅर्डियक थोरेसिक सर्जन डाॅ. अनीश गुप्ता के नेतृत्व में काॅर्डियोथोरेसिक विभाग की टीम ने इस जटिल हृदय शल्यक्रिया में सफलता हासिल की। इस बाबत डाॅ. गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन का सबसे कठिन हिस्सा मरीज के हृदय वाॅल्व की मरम्मत करना था। लिहाजा वाॅल्व की मरम्मत में बेहतद गंभीरता बरती गई। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज का यह ऑपरेशन अटल आयुष्मान योजना के तहत निःशुल्क किया गया है। बहरहाल रोगी को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है व वह पूरी तरह से स्वस्थ है। बताया कि इस सर्जरी को आरएसओवी सर्जरी के नाम से जाना जाता है। जिसमें दिल के वाॅल्व एवं एन्यूरिज्म के टूटे हुए हिस्से को शल्य क्रिया विधि द्वारा ठीक किया जाता है।

डाॅ. अजय मिश्रा ने बताया कि यह संपूर्ण उपचार प्रक्रिया काॅर्डियोलॉजिस्ट विशेषज्ञों द्वारा टीम वर्क के आधार पर की गई। टीम में एंजियोग्राफी, रेडियोलॉजिस्ट, काॅर्डियक एनेस्थेटिस्ट आदि शामिल हैं। टीम नियमिततौर से मरीज की मॉनिटरिंग व देखभाल कर रही है। कॉर्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. भानु दुग्गल और डाॅ. यश श्रीवास्तव के अनुसार ऐसे रोगियों के दिल में यदि कोई छेद अथवा वाॅल्व लीक नहीं है, तो एंजियोग्राफी द्वारा इस स्थिति को ठीक किया जा सकता है। लेकिन इस तरह के मामलों में अक्सर ओपन हार्ट सर्जरी ही की जाती है। यह एक असामान्य समस्या है, जो शल्य क्रिया के रूप में एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है।

बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिर्पोट का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को सचिवालय में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की बैठक आयोजित हुई। आयोग में सदस्यों की नियुक्ति के पश्चात आयोग की यह पहली बैठक रही जिसमें उपाध्यक्ष सहित सभी नामित सदस्य एवं उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक व आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन को कम करने हेतु आयोग द्वारा की गई सिफारिशों से सम्बन्धित पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि पलायन आयोग द्वारा पलायन के मूल कारणों से सम्बन्धित दी गई प्राराम्भिक रिपोर्ट से ही स्पष्ट था कि राज्य से पलायन मुख्यतः शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा एवं रोजगार की कमी रही है। उन्होंन कहा कि आयोग के सुझावो पर राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिये जा रहे है। उन्होंने कहा कि आयोग को वर्किंग एजेन्सी के रूप में नहीं अपितु राज्य से पलायन रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लिये थिंकटेक के रूप में कार्य करना होगा। आयोग के सदस्यों को ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्तरों पर कार्य करने का अनुभव है। उनके अनुभव राज्य के समग्र विकास में उपयोगी होंगे इसका उन्होंने विश्वास जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड-19 से पूर्व ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर स्वरोजगार योजना तथा ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना, एलईडी योजना का कार्य गतिमान रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक विकास एवं स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करना इसका उद्देश्य था। सीमान्त क्षेत्रों के समग्र विकास के लिये मुख्यमंत्री सीमान्त सुरक्षा निधि की व्यवस्था की गई है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की सरकारी खरीद के लिये 5 लाख तक की सीमा निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा यूनीफार्म आपूर्ति के क्षेत्र में भी कार्य किया जा रहा है, पर्वतीय क्षेत्रों में इसे और विस्तार दिये जाने की जरूरत है। इनमें आत्मविश्वास जगाने की भी उन्होंने जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिये भी सदस्यों से सुझाव देने को कहा। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के कारगर ढ़ंग से उपयोग की दिशा में पहल की गई है। चीड़ से बिजली व पेलेटस बनाये जा रहे है। एलईडी निर्माण में 15 संस्थाये कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में स्वयं का रोजगार खड़ा कर समाज को प्रेरणा देने वाले युवाओं को प्रोत्साहित करने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर युवाओं को तकनीकि प्रशिक्षण आदि की व्यवस्था पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेन्टरों में क्रेडिट कार्ड योजना आरम्भ किये जाने की भी बात कही।
बैठक में उपाध्यक्ष, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ0 एस0एस0नेगी ने बताया कि आयोग द्वारा अब तक राज्य के पर्वतीय जनपदों, ईको टूरिज्म, ग्राम्य विकास एवं कोविड-19 के प्रकोप के दौरान राज्य में लौटे प्रवासियों एवं उनके पुनर्वास पर आधारित 11 सिफारिशे प्रस्तुत की जा चुकी है।
बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट के सम्बन्ध में डॉ. नेगी ने बताया कि जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार जनपद बागेश्वर की जनसंख्या 2,59,898 है, इनमें 1,24,326 पुरूष तथा 1,35,572 महिलाएं है। पिछले 10 वर्षों में 346 ग्राम पंचायतों से कुल 23,388 व्यक्तियों द्वार अस्थायी रूप से पलायन किया गया है। पिछले 10 वर्षों में 195 ग्राम पंचायतों से 5912 व्यक्तियों द्वार पूर्णरूप से स्थायी पलायन किया गया है। आंकड़े दर्शाते है कि जनपद के सभी विकासखण्डों में स्थायी पलायन की तुलना में अस्थायी पलायन अधिक हुआ है। जनपद की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2016-17 के लिए अनन्तिम रूप से 1,00,117 रूपये है।
आयोग द्वारा जनपद हेतु जो सिफारिशें रखी हैं उनमें प्रमुख रूप से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं कृत्रिम गर्भाधान केन्द्रों की संख्या बढ़ाना, दुग्ध उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादकों की उपज हेतु पनीर, घी आदि बनाने का प्रशिक्षण दिये जाने, दुग्ध समितियों की सक्रियता बढ़ाने एवं दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र खोले जाने। होम स्टे की संख्या बढ़ाये जाने, इकोटूरिज्म गतिविधियों को पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित किए जाने, पर्यटन से जुड़े कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाए जाने, क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं उद्यमिता विकास कार्यक्रम आयोजित किये जाने, मनरेगा में समान अवसर और भागीदारी सुनिश्चित करके महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बनाए रखना, फसलों को बंदरों और जंगली सूअरों जैसे जानवरों से नुकसान से बचाव हेतु वन विभाग की सहायता से बन्दरबाड़ो, सोलर पावर फैन्सिंग का निर्माण कराये जाना, ग्राम पंचायतों में नर्सरियों बनाये जाना तथा औषधीय एवं सुगंधित पौंधों की कृषि को महत्वपूर्ण आजीविका उत्पादन गतिविधियों में विकसित किए जाना, जनपद में जड़ी-बूटी की खेती एवं कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना, जनपद में चाय के क्षेत्रफल को बढ़ावा दिया जाना, जनपद में बागवानी के क्षेत्रों को बढ़ाये जाना शामिल है।
इस अवसर पर आयोग के सदस्यों रामप्रकाश पैन्यूली, सुरेश सुयाल, दिनेश रावत घण्डियाल, अनिल सिंह शाही एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से रूद्रप्रयाग से रंजना रावत ने अपने सुझाव रखे।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने आयोग की सिफारिशों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। आयोग के सदस्य सचिव रोशन लाल एवं अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

निर्धन लोगों में मेयर अनिता ने बांटी रजाई

खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर लोगों को मेयर अनिता ममगाईं ने रजाई वितरित की। इस दौरान रोटरी क्लब का भी सहयोग लिया गया। मेयर अनिता ने ऐसे निर्धन लोगों की मदद करने के लिए संगठनों से आगे आने की अपील की है।

आज शाम अनिता ममगाई ने आईएसबीटी क्षेत्र में गरीब तबके के लोगों को ठंड से राहत पहुंचाने के लिए रजाईयां बांटी। रोटरी क्लब के सहयोग से चले अभियान के प्रथम चरण में पचास से ज्यादा लोगों को रजाईयां वितरित की गई। मौके पर नगर आयुक्त नरेंद्र क्विरियाल, पार्षद चेतन चैहान, पार्षद कमलेश जैन, पार्षद राजू बिष्ट, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद विजेंद्र मोघा, पार्षद अजीत गोलडी, रोटरी क्लब अध्यक्ष नितिन गुप्ता, पवन शर्मा, संजय अग्रवाल, गोविंद अग्रवाल, डॉ हरिओम अग्रवाल, डॉ डीके श्रीवास्तव, नवीन अग्रवाल, संजय बंसल, राकेश फूल, पंकज पावा, गोपाल अग्रवाल, गोपाल डॉ रवि कौशल, डॉ राजेन्द्र गर्ग, मनु कोठारी, सुनील उनियाल, गौरव केन्थुला, नवीन नौटियाल, हेमन्त डंग, नरेंद्र रतूड़ी आदि निगमकर्मी मौजूद रहे।

जलस्तर बढ़ने पर गंगा के बीच बना टापू कराया खाली

बीते रोज गंगा का जलस्तर बढ़ने से नोएडा से ऋषिकेश पहुंचे डेढ़ साल के बच्चे के साथ छह लोगों की सांसे अटक गई थी। त्रिवेणी घाट पर इस घटना से पुलिस प्रशासन के भी हाथ पांव एक बार के लिए फूल गए थे। मगर, इस घटना से पुलिस ने सबक लिया और आज दोपहर गंगा का जलस्तर जैसे ही धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ। जल पुलिस की एक टीम घाट पहुंची और यहां टापू में टहल रहे लोगों को जाने को कहा। बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है, जलस्तर के बढ़ने से टापू कभी भी चपेट में आ सकता है, इससे टापू पर मौजूद लोगों के साथ जानमाल का खतरा भी पैदा हो सकता है। पुलिस के समझाने के बाद लोगों ने टापू को खाली कर दिया। वहीं, कुछ एक लोगों को पुलिस ने चेतावनी देकर भी समझाया।

अपनी मांगों को लेकर उपखंड अधिकारी का ग्रामीणों ने किया घेराव

जिला पंचायत सदस्य संजीव चैहान के नेतृत्व में आज ग्रामीणों ने उप खंड अधिकारी विद्युत वितरण उपखंड का घेराव किया। अपनी मांगों को स्पष्ट शब्दों में रखते हुए इस पर जल्द ही कार्रवाई की मांग भी की।

जिपंस संजीव चैहान ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान बिजली का बिल बिना मीटर चेक किए दिया जा रहा था जो कई गुना अधिक है, अभी तक इसका निस्तारण नहीं किया गया। रजिस्ट्री की जमीन पर 1400 रूपए का होम कनेक्शन होता है, उसके लिए लोगों से छह से सात हजार रूपए तक वसूल किए गए। रसीद कटवाने के छह माह बाद भी कनेक्शन नहीं दिया गया। बताया कि क्षेत्र में कई विद्युत पोल खराब है, इसे लिखित में अवगत कराया गया है, मगर निस्तारण नहीं हो रहा आदि मांगों को लेकर जिपंस संजीव चैहान ने कहा कि जल्द ही इन बिंदुओं पर कार्रवाई की जाए।
घेराव करने वालों में रामरतन रतूड़ी, हरिकृष्ण नौटियाल, दयाल सिंह सजवाण, राहुल, सतपाल सिंह, विरेंद्र प्रसाद लिस्याल, शीशलपाल सिंह, पुष्पा देवी, रेशमा देवी, सुनील चंदोला, हेमंत, रोशन सिंह आदि उपस्थित रहे।