चंद्रयान-2 के उतरने का लाइव प्रसारण देखेंगे प्रधानमंत्री

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार सुबह 8.50 बजे चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को पहली बार सफलतापूर्वक डि-ऑर्बिट किया। यानी अब यह ऑर्बिटर की कक्षा को छोड़कर चांद के दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ चला है। इसे बुधवार सुबह फिर एकबार डि-ऑर्बिट किया जाएगा। अभी लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 104 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 128 किलोमीटर है।
बुधवार को डि-ऑर्बिट किए जाने के बाद इसकी चांद से न्यूनतम दूरी 36 किलोमीटर और अधिकतम दूरी 110 किलोमीटर होगी। इसके बाद विक्रम सीधे चांद पर उतरेगा।
विक्रम 7 सितंबर को देर रात 1.55 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इसके बाद 7 सितंबर की सुबह 5.30 से 6.30 बजे के बीच प्रज्ञान रोवर विक्रम से बाहर आएगा। यहां से प्रज्ञान एक लूनार डे के लिए अपने मिशन पर आगे बढ़ जाएगा। लूनार डे पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। लैंडर भी इतने ही दिनों तक काम करेगा। हालांकि, आर्बिटर एक साल तक इस मिशन पर काम करता रहेगा।
6-7 सितंबर की दरमियानी रात 1ः40 बजे लैंडर चंद्रमा पर उतरना शुरू करेगा। यह प्रक्रिया करीब 15 मिनट की होगी। लैंडिंग के दो घंटे बाद तड़के 3ः55 बजे लैंडर से रोवर बाहर निकलेगा। 5ः05 बजे रोवर के सोलर पैनल खुलेंगे। 5ः55 बजे रोवर चंद्रमा पर उतर जाएगा। रोवर के चंद्रमा पर उतरते ही वह लैंडर और लैंडर रोवर की सेल्फी लेगा जो उसी दिन 11 बजे के आसपास उपलब्ध होगी।
चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के उतरने की घटना के गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इसरो मुख्यालय में मौजूद रहेंगे। मोदी के साथ स्पेस क्विज जीतने वाले देशभर के 50 बच्चे व उनके माता-पिता को भी इसरो ने आमंत्रित किया है। नासा के पूर्व एस्ट्रॉनॉट डोनाल्ड ए. थॉमस ने रविवार को कहा कि चंद्रयान-2 के चंद्रमा पर लैंडिंग का नजारा अमेरिकी एजेंसी नासा के साथ ही पूरी दुनिया के लोग देखेंगे।

निवेश के लिए उत्तराखंड सबसे उपयुक्त राज्य, तेजी से बढ़ रही उत्तराखंड की अर्थव्यवस्थाः त्रिवेन्द्र रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बैंगलोर में आयोजित आठवें इनवेस्ट नाॅर्थ कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखण्ड में निवेश के लिए उद्यमियों को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में सेवा क्षेत्र विशेष तौर पर पर्यटन, बायो टेक्नोलाॅजी, नवीकरणीय ऊर्जा, फिल्म शूटिंग व सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश की काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड सरकार, निवेशकों को आवश्यक सुविधायें प्रदान करने के लिए तत्पर है। गत दो वर्षों राज्य में निवेश के लिए सुनियोजित प्रयास किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य तेजी से निवेश के लिये मुख्य गंतव्य स्थल के रूप में विकसित हुआ है। यह देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। राज्य सरकार ने डीपीआईआईटी और विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित विभिन्न व्यावसायिक सुधार किए हैं। पर्वतीय राज्यों द्वारा किए गए व्यापार सुधारों के मामले में उत्तराखण्ड अग्रणी है। लाॅजिस्टिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए अनेक बुनियादी अवसंरचनात्मक परियोजनाएं प्रारम्भ की हैं। राज्य में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आईसीडी और एलसीएस की स्थापना की गई हैं। आल वेदर रोड़ व जौलीग्रांट एयरपोर्ट की क्षमता विस्तार का काम प्रगति पर है। केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अमृतसर-कोलकाता इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर से उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड में स्थित उद्योगों को लाॅजिस्टिक्स के लिए सुगमता होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में अक्टूबर, 2018 में प्रथम इन्वेस्टर्स समिट ‘‘डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड’’ का आयोजन किया गया था, जिसमें देश व विदेश के 4000 से अधिक प्रतिनिधियों, निवेशकों, उद्योगपतियों ने प्रतिभाग किया था। शिखर सम्मेलन के दौरान 600 से अधिक निवेशकों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश के लिए रू. 1,24,000 करोड़ (एक लाख चैबिस हजार करोड़) से अधिक के प्रस्तावों के एमओयू किये गये। इन एमओयू के क्रियान्वयन के लिए ठोस पहल की गई है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद के 10 माह में लगभग रू. 17 हजार करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्तावों की ग्राउण्डिंग की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का ध्यान ऐसी परियोजनाओं पर भी केंद्रित है, जिससे राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सके। पाइन निडिल से ऊर्जा उत्पादन इनमें से एक है, जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को रोजगार के अवसर सुलभ हो सकें। राज्य सरकार ने अब तक 20 परियोजनाआं की स्थापना के लिए विकासकर्ताओं का चयन किया है, जो लगभग 675 किलोवाट की बिजली उत्पादन कर सकेंगे और आने वाले समय में इस परियोजना की क्षमता को 5 मेगावाट तक बढ़ाये जाने की योजना है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नयी पर्यटन नीति-2018 लागू की गयी है, जिसका मुख्य उद्देश्य रिवर्स माइग्रेशन को सुगम बनाने, ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने और पारिस्थितिक पर्यटन, वैलनेस व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। राज्य के प्रत्येक जनपद में एक नया थीम बेस्ड डेस्टिनेशन विकसित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटक रोप-वे निर्माण की व्यापक सम्भावनायें हैं, जिनमें से कुछ चिन्हित परियोजनायें देहरादून-मसूरी, जानकी चट्टी-यमुनोत्री, गोविन्दघाट-हेमकुण्ड साहिब, भैरव गढ़ी, देव का डाण्डा, बिनसर प्रमुख हैं। हाल ही में देहरादून को मसूरी से जोड़ने वाले रोप-वे प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया गया है, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा मंे लगने वाला समय एक घण्टा तीस मिनट से घटकर केवल 15-20 मिनट हो जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा 66 वें राष्ट्रीय फिल्म फेयर अवाड्र्स में उत्तराखण्ड का चयन मोस्ट फिल्म फेंडली स्टेट के लिए किया गया है। राज्य सरकार की फिल्म नीति के कारण ही पिछले वर्ष 180 से अधिक फिल्मों की शूटिंग राज्य में की गईं, जो एक समर्पित क्षेत्र नीति का ही परिणाम है। उत्तराखण्ड, सूचना प्रौद्योगिकी एवं समर्थित सेवाओं के क्षेत्र के विकास पर भी अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष पहल की है। राज्य ने अपनी सूचना प्रौद्योगिकी नीति को अधिसूचित कर दिया है। इस अवसर पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी सम्बोधित किया।

’’फिट इंडिया अभियान’’ देश में कुशल खिलाड़ियों को अवसर देगाः मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि फिट और स्वस्थ राष्ट्र नये भारत की पहचान है। आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर देशव्यापी फिट इंडिया अभियान की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि फिटनेस भारत में जीवन का अनिवार्य हिस्सा रहा है, लेकिन समय के साथ लोग इसके प्रति उदासीन हो गये हैं। उन्होंने कहा कि टैक्नोलॉजी के आने के साथ ही शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं।
फिटनेस अभियान को जन-आंदोलन बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अनियमित जीवन शैली से मधुमेह और रक्तचाप से संबंधित बीमारियां हो रही हैं, जो जीवनशैली में परिवर्तन से ठीक हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि फिट इंडिया अभियान लोगों को इन बदलावों के लिए प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री ने लोगों से इस अभियान से जुड़ने को कहा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये पहल समय की जरूरत है और इससे देश का स्वस्थ भविष्य होगा। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा आज का दिन भारत के नौजवान खिलाडियों को बधाई देने का है, जो विश्व मंच पर देश के तिरंगे को लगातार नया गौरव प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे बैडमिंटन, टेनिस, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, कुश्ती या अन्य कोई भी खेल हो, भारतीय खिलाड़ी देश की आशाओं और आकांक्षाओं को नये पंख दे रहे हैं।
मेजर ध्यानचन्द की जयंती राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाई जाती है। खेलमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि देशवासियों के सहयोग से यह अभियान नई ऊंचाइयां छूएगा। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने आज फिट इंडिया अभियान का नेतृत्व किया। इस अभियान की शुरूआत प्रधानमंत्री ने की है। मुख्यमंत्री ने शिलांग में अपने निवास स्घ्थान से मुख्य सचिवालय कार्यालय तक दो किलोमीटर पैदल चलकर वॉक टू वर्क मेघालय अभियान की शुरूआत की।

स्व. जेटली की अस्थियां हरिद्वार गंगा में प्रवाहित

सोमवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. अरूण जेटली की अस्थियां ब्रह्मकुण्ड, हरिद्वार में विसर्जित की गई। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी अस्थि विसर्जन के अवसर पर मौजूद रहे। उन्होंने स्व. जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके निधन को देश के लिये अपूरणीय क्षति बताया।

स्व0 जेटली के पुत्र रोहन जेटली ने धार्मिक रीति के साथ अपने पिता की अस्थियाँ गंगा में विसर्जित की। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, डॉ0 हरक सिंह रावत, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत, विधायक यतीश्वरानंद, देशराज कर्णवाल, पुष्कर सिंह धामी, आदेश चौहान, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अजय भट्ट तथा जनमानस ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

संकटमोचक को विदाई देने पहुंचे दिग्गज भाजपा नेता

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली आज अपने अनंत सफर पर रवाना हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके शव का अंतिम संस्कार किया गया। भाजपा के संकटमोचक को अंतिम विदाई देने के लिए उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, योग गुरु बाबा रामदेव और विपक्ष के कई दिग्गज नेता भी पहुचे। सभी ने नम आंखों से जेटली को विदाई दी। विदेश यात्रा पर होने की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुण जेटली के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि उन्होंने शोकाकुल परिवार से फोन पर बात की थी। बहरीन में अपना दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा था कि मैं यहां इतनी दूर हूं और मेरा दोस्त अरुण चला गया।
भाजपा मुख्यालय में दी श्रद्धांजलि
इससे पहले दिवंगत नेता अरुण जेटली का पार्थिव शरीर भाजपा मुख्यालय लाया गया जहां केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और वरिष्ठ पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भी जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित की। जेटली के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर उनके कैलाश कॉलोनी स्थित आवास से दीन दयाल उपाध्याय स्थित भाजपा मुख्यालय लाया गया। भाजपा मुख्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ता अपने नेता को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए कतार में खड़े थे और ‘जब तक सूरज चांद रहेगा जेटली तेरा नाम रहेगा’ तथा ‘जेटली जी अमर रहें’ जैसे नारे लगा रहे थे।

जेटली के परिवार से की बात
प्रधानमंत्री ने यूएई से ही जेटली की पत्नी संगीता और बेटे रोहन से बात की और उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान जेटली के परिवार ने उनसे विदेश दौरा रद्द नहीं करने को कहा। दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत करने वाले जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। उनकी गिनती देश के बेहतरीन वकीलों के तौर पर होती रही। 80 के दशक में ही जेटली ने सुप्रीम कोर्ट और देश के कई हाई कोर्ट में महत्वपूर्ण केस लड़े। 1990 में उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट ने सीनियर वकील का दर्जा दिया। वीपी सिंह सरकार में वह अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का पद संभाला था।

विदेश में की घोटालों की पड़ताल
पिछले बीस वर्षों के दौरान जेटली ने वाणिज्य, सूचना प्रसारण, कानून, कंपनी मामले, वित्त, रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले। चाहे 1989 में बोफोर्स घोटाले की विदेशों में जाकर पड़ताल करनी हो, 2002 में गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का साथ देना हो या फिर 2009 से 2014 के दौरान राज्यसभा में बतौर नेता विपक्ष मनमोहन सिंह सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करना, वे हर बार नई ऊर्जा और रणनीति के साथ भाजपा की राजनीति को नई धार प्रदान करते नजर आते। इस साल मई में जेटली ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कारणों से नई सरकार में कोई जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था।

अरुण जेटली की मौत का सच
पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली लंबे समय से चली आ रही गंभीर बीमारियों को हर बार मात देते थे। मधुमेह, मोटापा, गुर्दा, कैंसर, पेट और फेफड़े से जुड़े रोगों का उन्होंने डटकर सामना किया। निधन से पहले 12 घंटे के भीतर दो बार हार्ट अटैक भी आया। आंतों में रक्तस्त्राव होने के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वर्ष 2014 में जेटली ने एम्स में गैस्ट्रो यानि पेट से जुड़ा एक ऑपरेशन कराया था। जिसके बाद उनका वजन भी काफी कम हुआ था। चूंकि वह मधुमेह रोग से लंबे समय से ग्रस्त थे।
ऑपरेशन के बाद से डॉक्टरों ने स्वास्थ्य को लेकर उन्हें खास सतर्कता बरतने की सलाह दी थी, जिसके बाद सुबह से लेकर रात तक जेटली संतुलित आहार का सेवन करते थे। सात्विक भोजन के लिए उनका टिफन बाकायदा घर से बनकर वित्त मंत्रालय और सदन तक आता था। हालांकि वर्ष 2017 में उन्हें किडनी (गुर्दे) से जुड़ी तकलीफ शुरू हो गई। कई बार डायलिसिस के बाद वर्ष 2018 में एम्स में किडनी प्रत्यारोपण कराया। प्रत्यारोपण के करीब छह माह तक जेटली काफी स्वस्थ्य रहे। हालांकि डॉक्टरों ने आइसोलेशन में ही रहने की सलाह दी थी लेकिन फिर भी वह जरूरतमंद लोगों को पूरा वक्त देते थे। दिसंबर 2018 में उनकी तबियत में गिरावट आई।
जांच करने पर फेफड़े में एक प्रकार के कैंसर की पुष्टि हुई। इसके बाद जनवरी में न्यूयॉर्क के डॉक्टरों से ऑपरेशन भी कराया। इस ऑपरेशन के बाद से जेटली का स्वास्थ्य लगातार गिरता चला गया। वे पहले से काफी कमजोर हो गए थे। बीते 9 अगस्त को उन्हें सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों में पानी भरने की शिकायत हुई थी जिसके बाद से एम्स में भर्ती थे।

रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन की जटिलताओं में आती है कमीः एम्स निदेशक

एम्स ऋषिकेश में पहली मर्तबा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में देश-दुनिया के विशेषज्ञों ने यूरो ओंकोलॉजी एवं यूरोगाइनीकोलॉजी से संबंधित सभी प्रकार की जटिल सर्जरियों पर विस्तृत चर्चा की और अपने अनुभवों को साझा किया।
इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि संस्थान के यूरोलॉजी विभाग की ओर से पहली अंतरराष्ट्रीय रोबोटिक यूरोलॉजी कांफ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें देश के ही नहीं अपितु अन्य देशों के भी प्रसिद्ध रोबोटिक शल्य चिकित्सकों द्वारा अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश हमेशा बेहतर उपचार परिणामों के साथ रोगियों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए समर्पित है, इस श्रंखला में यूरोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित कांफ्रेंस में शनिवार का दिन गुर्दे के कैंसर के इलाज एवं महिला पैल्विक रोगों के उपचार व विचार विमर्श के लिए समर्पित रहा। निदेशक प्रो. रवि कांत बताया कि रोबोटिक सर्जरी से पारंपरिक सर्जरी की तुलना में बेहतर परिणाम मिलते हैं,इससे .शरीर से रक्त का बहाव कम होता है और छोटे छोटे चीरे लगने से कम निशान पड़ते हैं एवं घाव आसानी से भर जाते हैं। साथ ही बताया कि रोबोटिक सर्जरी से बेहतर सूचरिंग के कारण सर्जरी में आसानी होती है और ऑपरेशन से संबंधित जटिलताओं में कमी आती है। उन्होंने बताया कि कांफ्रेंस में खासतौर से आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय रोबोटिक सर्जन डा. डेविड गिल्लाट ने प्रतिभागियों को रोबोटिक सर्जरी की बारिकियों से अवगत कराया। निदेशक प्रो. रवि कांत ने उम्मीद जताई कि यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा किए गए मंथन से आने वाले समय में मरीजों को लाभ मिलेगा।


एम्स के यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष व आयोजन सचिव डा. अंकुर मित्तल ने बताया कि यूरोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल काफ्रेंस के दूसरे दिन शनिवार को डा. रवि मोहन ने एक मरीज के गुर्दे को बचाते हुए गुर्दे की गांठ की सर्जरी का प्रदर्शन किया। कांफ्रेंस के दौरान यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. अंकुर मित्तल ने वेसिको वेजाइनल फिस्टुला रिपेयर ऑपरेशन का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद दोनों मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं। इस अवसर पर उन्होंने एम्स संस्थान की ओर से प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। यूरोलॉजी विभाग के डा. सुनिल कुमार ने प्रतिभागियों को रोबोट पर सिमुलेशन के द्वारा प्रशिक्षण दिया।
सम्मेलन के आयोजन में डा. किम जैकब मैमन, डा. सुनील कुमार, डा. विकास कुमार पंवार, डा. शिव चरण नावरिया, डा. तुषार नारायण आदित्य,डा. निशित के अलावा यूरोलॉजी व गाइनेकोलॉजी टीम ने सहयोग किया।

सरकार ने भेजा नोटिस, हाईकोर्ट से भी नही मिली डाॅक्टरों को राहत

उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कालेजों से बांड के तहत एमबीबीएस करने वाले गैरहाजिर डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग ने ज्वाइनिंग का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद बांड की शर्तों के मुताबिक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं न देने वाले बांड धारक डॉक्टरों से 18 प्रतिशत ब्याज के साथ फीस की वसूलने की कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कालेजों में बांड योजना शुरू की थी। जिसमें बांड भरकर एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को फीस में भारी छूट दी गई। लेकिन एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ डॉक्टर ने युवाओं ने दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने से इनकार कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सख्ती करने पर ऑल इंडिया रैकिंग से बांड के तहत एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
जिसमें हाल ही में हाईकोर्ट ने बांड की शर्त के अनुसार ज्वाइनिंग न करने वाले डॉक्टरों से 18 प्रतिशत ब्याज के साथ फीस वसूलने के आदेश दिए। अपर सचिव, स्वास्थ्य विभाग, युगल किशोर पंत ने बताया स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों से गैरहाजिर चल रहे बांड धारक डॉक्टरों का रिकॉर्ड तैयार कर नोटिस जारी किए गये हैं। जिसमें ऑल इंडिया रैकिंग के करीब 22 डॉक्टर हैं। वहीं राज्य कोटे की सीट से बांड भरने वाले डॉक्टरों को नोटिस संबंधित कालेजों को भेजे गए हैं।
वहीं, इस साल से सरकार ने दून और हल्द्वानी मेडिकल कालेज में बांड के माध्यम से एमबीबीएस करने की योजना को समाप्त कर दिया है। अब श्रीनगर मेडिकल कालेज और अगले साल से अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में ही बांड भरकर कम फीस पर एमबीबीएस की सुविधा मिलेगी।
बांड से प्रशिक्षित डॉक्टरों से एमबीबीएस की 15, 25, 50 हजार रुपये की फीस ली जाती है। जबकि बिना बांड के फीस चार लाख रुपये सालाना देनी होती है। बांड से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को एक साल तक मेडिकल कालेजों में सेवाएं देनी होती हैं। इसके बाद दो साल तक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों और दो वर्ष तक जिला चिकित्सालयों में सेवाएं देनी अनिवार्य हैं।

तो मोदी के समर्थन में हैं कांग्रेस के दिग्गज नेता, पार्टी फैसलों से जता रहे नाराजगी

पिछले कुछ समय से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा लगातार अपनी ही पार्टी के फैसलों से किनारा किया जा रहा है या तो फैसलों पर सवाल खड़े किए जा रहे है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश का भी नाम इस लिस्ट में जुड़ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है और ऐसा करके विपक्ष एक तरह से उनकी मदद करता है।
सिंघवी ने जयराम रमेश के एक बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं, बल्कि ऐसा करके एक तरह से विपक्ष उनकी मदद करता है। उन्होंने कहा, काम हमेशा अच्छा, बुरा या मामूली होता है। काम का मूल्यांकन व्यक्ति नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर होना चाहिए। जैसे उज्ज्वला योजना कुछ अच्छे कामों में एक है। आपको बता दें कि इससे पहले जयराम रमेश ने राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब मेलिवॉलेंट रिपब्लिकः ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया का विमोचन करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा था कि यह वक्त है कि हम मोदी के काम और 2014 से 2019 के बीच उन्होंने जो किया उसके महत्व को समझे, जिसके कारण वह सत्ता में दोबारा लौटे। इसी के कारण 30 प्रतिशत मतदाताओं ने उनकी सत्ता वापसी करवाई।

अब वैदिक शिक्षा बोर्ड से पढ़ाई करते नजर आएंगे बच्चे, अगले सत्र से लागू

देश का पहला वैदिक शिक्षा बोर्ड तैयार हो चुका हैं। इसके लिए पाठ्यक्रम भी बनकर तैयार हो चुका हैं। योग गुरू बाबा रामदेव वैदिक शिक्षा बोर्ड के आजीवन अध्यक्ष रहेंगे। अगले वर्ष से यह बोर्ड लागू किया जाएगा। यह बोर्ड सीबीएसई की तर्ज पर होगा।

बोर्ड से जुड़े विद्यालयों में प्राच्य और आधुनिक शिक्षा समान रूप से दी जाएगी। बाबा रामदेव पहले ही प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा पद्धति देने के लिए आठवीं कक्षा तक के लिए आचार्यकुलम की स्थापना कर चुके हैं।

पहले योजना थी कि इसी आचार्यकुलम को बड़ी कक्षाओं तक आगे बढ़ाया जाएगा। बाद में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने देश के अनेक शिक्षाविदों के साथ बैठक कर भारतीय वैदिक शिक्षा बोर्ड का ढांचा तैयार किया।

इस बोर्ड का मुख्यालय फिलहाल पतंजलि योगपीठ में चल रहा है। शीघ्र ही इस बोर्ड का कार्य संचालन देश की राजधानी दिल्ली से किया जाएगा। वैदिक शिक्षा बोर्ड देश का एकमात्र ऐसा बोर्ड होगा, जो अपने से जुड़े विद्यालयों में वेदों की शिक्षा भी देगा।

साथ ही धनुर विद्या जैसे अनेक प्राचीन अवमान बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं। इस समय सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित जितने भी पाठ्यक्रम मान्य हैं, वे सभी विषय वैदिक शिक्षा बोर्ड में समाहित कर लिए जाएंगे।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि देश का पहला बोर्ड अब पूर्णरूप से कार्य करने के लिए तैयार है। प्राचीन शिक्षा के जो विषय जोड़े जाएंगे, उनका पाठ्यक्रम बन चुका है।

विश्वास दिलाया कि इस बोर्ड की शिक्षा पद्धति से निकले छात्र विश्व स्तर की किसी भी शैक्षणिक प्रतियोगिता में भाग लेने के अधिकारी बनेंगे। वैदिक शिक्षा बोर्ड के छात्र इंटर के बाद जिस भी क्षेत्र में जाना चाहेंगे उन्हें प्रवेश हासिल होगा।

पाकिस्तान की ओर से सीजफायर के जवाब में देहरादून का लाल शहीद

देहरादून का जवान बेटा संदीप थापा शनिवार को पाकिस्तान की ओर से किए गए सीजफायर के जवाब में शहीद हो गए। वह 3-5 गोरखा राइफल में लांस नायक के पद पर तैनात थे। मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित तमाम लोगों ने उनकी शहादत को नमन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।

शनिवार सुबह साढ़े छह बजे जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में भारी शेलिंग की गई। जिसका जवाब देते हुए लांस नायक संदीप थापा घायल हो गए। घायल जवान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान वह शहीद हो गए। रविवार की सुबह 11 बजे सैन्य सम्मान के साथ उनके पार्थिव शरीर को हवाई सेवा से जॉलीग्रांट एयपोर्ट लाया जाएगा। जहां से उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा। रविवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें प्रेमनगर स्थित घाट पर अंतिम विदाई दी जाएगी।

2004 में हुए सेना में शामिल
शहीद संदीप थापा 33 वर्ष के थे। वर्ष 2004 में वह भारतीय सेना में शामिल हुए थे। जून माह में वह आखिरी बार अपने घर आए थे। जिसके बाद से उनके परिवार का उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ। वर्ष 2012 में उनका विवाह दुधली डोईवाला निवासी निशा थापा के साथ हुआ था।

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
उनका तीन साल का छोटा बेटा भी है। संदीप थापा के छोटे भाई नवीन थापा भी उक्त बटालियन में राजौरी में तैनात हैं। दोपहर करीब ढाई बजे परिजनों को लांस नायक संदीप के शहीद होने की सूचना मिली। जिसके बाद से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मां राधा देवी, पत्नी निशा और बहन अनिता का रो-रो कर बुरा हाल है।

मुख्यमंत्री और विस अध्यक्ष ने शहादत पर किया नमन
संदीप की शहादत की सूचना मिलने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा श्कि सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में उत्तराखंड के सपूत संदीप थापा देश के लिए कुर्बान हुए हैं। मैं लांस नायक थापा की शहादत को कोटि कोटि नमन करता हूं। उनके परिजनों को सांत्वना प्रदान करने की प्रार्थना करते हुए, विश्वास दिलाता हूं हम सब हर समय शहीद के परिजनों के साथ खड़े रहेंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने संदीप थापा की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहीद के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। समूचा राष्ट्र संदीप थापा के प्रति कृतज्ञ रहेगा। शहीद के इस बलिदान को प्रदेश और देश के लोग हमेशा याद रखेंगे।

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