राज्य सरकार गैरसैंण के विकास के लिए संकल्पबद्ध-धामी

75वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) विधानसभा परिसर में ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, रूद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, विधायक महेश नेगी, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं स्कूली बच्चे मौजूद रहे।
स्वतंत्रता दिवस पर सरस्वती विद्या मंदिर गैरसैण की छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई।
मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करते हुए प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता दिवस एवं आजादी के अमृत महोत्सव की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना अमूल्य बलिदान देने वाले शहीदों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा राज्य आज युवा अवस्था में है। सरकार विकास योजनाओं को तेजी से आगे बढाते हुए उत्तराखंड राज्य को पूरे देश में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। विकास कार्याे को लेकर सरकार ने जो घोषणाएं की है उनको पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम के लिए भी मास्टर प्लान लगभग तैयार हो चुका है। मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ के विकास कार्याे के लिए लोक निर्माण विभाग का अलग से एक डिवीजन यहां पर बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बने इसके लिए स्वरोजगार योजनाएं शुरू की गई है और स्वरोजगार के लिए एक ही छतरी के नीचे सभी सुविधाएं युवाओं को मुहैया कराई जा रही है। इसके अलावा सरकार द्वारा विभागों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने का काम भी किया जा रहा है। कोविड के चलते सरकारी नौकरी के लिए युवाओं को आयु सीमा में एक वर्ष की छूट भी प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि पयर्टन, परिवहन, राफ्टिंग व्यवसाय को उभारने के लिए इन व्यवसायों से जुड़े लगभग 1.64 लाख लोगों को आर्थिक सहायता के रूप में डीबीटी के माध्यम से 200 करोड़ जारी किए गए है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए राज्य सरकार ने 205 करोड़ का पैकेज दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद सैनिकों के आश्रितों को भी रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले चार महीनों में पूरे राज्य में शत प्रतिशत वैक्सीनेशन करना है। इसके अलावा तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा की पूरी व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कोरोना वारियर्स को प्रशस्ति पत्र तथा विगत स्वतंत्रता दिवस में विधानसभा परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति देने स्कूली बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने प्रदेश की जनता को स्वतंत्रता पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए आन-बान और शान से देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले शहीदों को नमन किया। विधानसभा परिसर में स्वतंत्रता दिवस पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने वाले प्रत्येक छात्रा को दो-दो हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की।
इस अवसर पर जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान, मुख्य विकास अधिकारी वरूण चौधरी, एसडीएम कौशतुभ मिश्रा आदि सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक व स्कूली बच्चे मौजूद रहे।

जनसंख्या नियंत्रण और भूकानून पर कमेटी का गठन-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस लाईन में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में ध्वजारोहण किया। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों, सैन्य और अर्धसैन्य बलों के जवानों को नमन करते हुए उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और आंदोलनकारियों को भी श्रद्धापूर्वक नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम जिस खुली हवा में सांस ले रहे हैं, वह महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान का प्रतिफल है। इसी त्याग एवं बलिदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और देश को एक नये संकल्प के साथ आगे बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का आह्वान किया है। हम सभी 130 करोड़ भारतवासियों को अपना हाथ बढ़ाना होगा, तभी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव का उद्देश्य पूर्ण होगा।

सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने उद्बोधन में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कहा कि विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा जी का प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी स्मृति में हम 2 लाख रूपए राशि का ‘‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’’ प्रारम्भ करने जा रहे हैं।

राज्य भाषा एवं संस्कृति अकादमी की स्थापना
राज्य की स्थानीय संस्कृति और भाषाओं के अध्ययन एवं शोध के लिए राज्य भाषा एवं संस्कृति अकादमी की स्थापना की जाएगी।

प्रदेश के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाईल टैबलेट
ऑन लाईन पढ़ाई को और सुगम बनाने के लिए राज्य के राजकीय स्कूलों के कक्षा 10 और 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क मोबाईल टैबलेट प्रदान करेंगे। इन मोबाईल टैबों में सभी शिक्षण सामग्री पहले से लोड रहेंगी। यही नही कोरोना की तीसरी लहर से अपने बच्चों को बचाने के लिये हमने यह निर्णय लिया है कि हम बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने वाले खाद्य सामग्री का वितरण करेंगे।

बड़े शहरों में ट्रैफिक समस्या के निस्तारण के लिए आउटर रिंग रोड़
मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी, देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर शहरों की ट्रैफिक समस्या के निराकरण के लिए आउटर रिंग रोड का निर्माण कराया जाएगा। स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जाएगा। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में राज्य के नगरीय क्षेत्रों में बेघर लोगों के लगभग 25 हजार घर बनाएंगे।

पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मे पलायन और भूमि की अनाधिकृत खरीद-फरोख्त के सम्बन्ध में जनता द्वारा चिंता प्रकट की जा रही है, इस विषय में हमारी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव शूरू करने जा रही है। इस वेरिफिकेशन के माध्यम से हम ये सुनिश्चित करेंगे कि पहाड़ की संस्कृति एवं सामाजिक परिवेश को सुरक्षित रखा जा सके।

हिम प्रहरी योजना, भू कानून पर उच्च स्तरीय समिति
पलायन की समस्या की रोकथाम के लिये हम शीघ्र ही उत्तराखण्ड के नौजवानों एवं पूर्व सैनिकों की सहायता से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर हिम प्रहरी योजना लागू करेंगे। भू-कानून को लेकर जो आशंकायें व्यक्त की गई हैं, उन पर समग्र रूप से विचार के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जायेगा, जो एक ओर उत्तराखण्ड की भूमि के संरक्षण का ध्यान रखेगी वहीं दूसरी ओर रोजगार एवं निवेश सम्बन्धी विषयों का भी ध्यान रखेगी।

देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थपुरोहितों के अधिकारों और जनभावनाओं का रखा जाएगा ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की गयी है। हमारी सरकार तीर्थपुरोहितों के अधिकारों तथा जनभावनाओं का हमेशा ध्यान रखेगी। प्रदेश के वरिष्ठ नेता श्री मनोहरकांत ध्यानीजी से इस विषय पर आग्रह किया गया है कि वे देवस्थानम बोर्ड के बारे में सभी वर्गों से राय लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में जनभावनाओं के अनुरूप एक सुविचारित निर्णय लिया जा सके।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून हेतु उच्च स्तरीय समिति
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज की चुनौती के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और जनसंख्या वृद्धि इस समस्या को और अधिक बढा रही है। प्रदेश की जनता भी इसको लेकर विशेष रूप से चिंतित है। हमारी सरकार जनसंख्या नियंत्रण के लिये एक उच्चस्तरीय समिति का गठन कर एक प्रभावी कानून लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठायेगी।

अल्मोड़ा और पौड़ी को परस्पर रेलमार्ग से जोडने की सम्भावना तलाशी जाएगी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी ने हमारी लोक संस्कृति और सामाजिक सरोकारों को अपने गीत-संगीत के माध्यम से देश दुनिया तक पहुंचाने का काम किया है। नरेंद्र सिंह नेगी जी को पद्म पुरस्कार दिए जाने की संस्तुति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा और पौड़ी को परस्पर रेलमार्ग से जोड़ने की सम्भावना तलाशी जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक देश-एक विधान-एक निशान का संकल्प साकार किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और संकल्प शक्ति से पिछले 7 वर्षों में देश ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां प्राप्त की हैं। हमारा देश कई ऐसे महान निर्णयों का साक्षी बना है, जिनकी कल्पना भी इससे पहले मुश्किल थी। सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या में हम सभी के आराध्य भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह माननीय प्रधानमंत्री की संकल्प शक्ति है कि हमारे जम्मू कश्मीर के भाई बहनों को धारा 370 और 35ए से आजादी मिली। एक देश, एक विधान और एक निशान का संकल्प साकार हुआ है। मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से हो रहे शोषण से आजादी मिली। भारत विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।

दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीनेशन अभियान भारत में
आज देश का हर घर बिजली से रोशन है। करोड़ों परिवारों को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, आयुष्मान योजना से स्वास्थ्य रक्षा कवच मिला है। उज्जवला योजना से हमारी माताओं-बहनों का जीवन आसान हुआ है। कोरोना के इस मुश्किल दौर में आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने एक सफल लड़ाई लड़ी है। दुनिया का सबसे बड़ा निःशुल्क वैक्सीनेशन अभियान हमारे देश मे चल रहा है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए उत्तराखण्ड की समस्त जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी के लिए इकोसिस्टम विकसित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री हमारी युवा शक्ति पर पूरा विश्वास है। देश के युवा खुलकर अपनी प्रतिभा और अपने सपनों के अनुसार खुद को विकसित कर सके इसके लिए प्रधानमंत्री की प्रेरणा से एक इकोसिस्टम तैयार किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था हो, सामाजिक व्यवस्था हो या कानूनी बारीकियां, हर चीज में इन बातों को केंद्र में रखा जा रहा है। प्रधानमंत्री का कहना है कि देश और समाज में बहुत से बदलाव लाने हैं, और ये बदलाव देश के युवाओं को ही करने हैं। मुख्यमंत्री ने देश के युवाओं पर इतना विश्वास जताने और देश की प्रगति में भागीदारी के लिए युवाओं को अवसर देने के लिए युवाओं की ओर से प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।

प्रदेश में युवाओं को रोजगार के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने युवाओं को रोजगार के सर्वश्रेष्ठ अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिज्ञा की है और इस दिशा में मजबूत कदम भी उठाए हैं। विभिन्न विभागों में लगभग 22 से 24 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग की रिक्तियों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है। सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं हम युवाओं को स्वरोजगार के लिये भी प्रेरित कर रहे हैं। हमारा मानना है कि हमारे युवा साथी रोजगार मांगने वाले के स्थान पर रोजगार देने वाले बनें। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो उद्यम योजना भी प्रारम्भ की गई है।

युवाओं के हित में लिए महत्वपूर्ण निर्णय
अतिथि शिक्षकों का वेतन 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने का निर्णय लिया है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस इन्टर्न के स्टाईपेंड को 7500 रूपए से बढ़ाकर 17 हजार रूपए प्रतिमाह किया है। संघ लोक सेवा आयोग, पी.सी.एस., एन.डी.ए., सी. डी. एस और उसके समकक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जायेगी।

सैनिकों का किया सम्मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड, वीर भूमि भी है, जिसे प्रधानमंत्री जी ने सैन्य धाम की संज्ञा भी दी है। यहां लगभग प्रत्येक परिवार का कोई न कोई सदस्य देश की रक्षा के लिये सैन्य अथवा अर्द्धसैन्य बलों में तैनात रहता है। सरकार शहीद सैनिकों के परिवारजनों के साथ खड़ी है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने का प्राविधान किया गया है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकों को अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोत्तरी की गई है। उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगनाओं एवं पूर्व सैनिकों को प्रतिमाह दी जाने वाली पेंशन को 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का भी निर्णय लिया गया है।

कोविड प्रभावितों को राहत के लिए दिए पैकेज
कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं। सभी जिला अस्पतालों, सी. एच. सी., पी. एच. सी. में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन, आई.सी.यू., वेंटिलेटर, जरूरी दवाईयों के साथ ही बच्चों के अलग से वार्ड की व्यवस्था की गई है। सबको मुफ्त कोविड वैक्सीनेशन अभियान में उत्तराखण्ड देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। अगले 4 माह में प्रदेश में शत् प्रतिशत वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हमने कोविड से प्रभावित लोगों को जितना सम्भव हो सकता है, राहत पहुंचाने की कोशिश की है। प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन एवं परिवहन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ रूपये का पैकेज दे रहे हैं। इससे लगभग 01 लाख 64 हजार लोग लाभान्वित होंगे। स्वास्थ्यकर्मियों को प्रोत्साहन देने और स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करने के लिये 205 करोड़ रूपये का पैकेज दे रहे हैं। कोविड प्रभाव को देखते हुए लोक सेवा आयोग की परिधि के अंतर्गत एवं लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर समूह-ग के पदों पर चयन में अभ्यर्थियों को अधिकतम आयु सीमा में एक वर्ष की छूट दी गई है।

किसान कल्याण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के किसानों की आय को दोगुना करने का संकल्प लिया है। उत्तराखण्ड इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुगंधित और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर सरकार कार्य कर रही है।
प्रदेश में लगभग 650 खाद्य प्रसंस्करण केन्द्र हैं, जिनकी संख्या को बढ़ाने पर भी कार्य किया जा रहा है। बागवानी को बढ़ावा देने के लिये सरकार विभिन्न योजनाओं में अनुदान दे रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से अब तक प्रदेश के लगभग 9 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता योजना के अन्तर्गत किसानों को 3 लाख रूपए और महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक हो रही है।

होमस्टे से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रही मजबूती
पर्यटन का क्षेत्र भी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसको ग्रामीणों एवं युवाओं की आजीविका से जोड़ने में हमने कामयाबी प्राप्त की है। हमारी होम स्टे योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। ट्रैकिंग मार्गों पर भी होम स्टे को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसकी अलग से विंग बनाई गई है।

मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना
प्रधानमंत्री जी के ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए हमने मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की शुरूआत की है। इसके तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत राज्य के लगभग 63 लाख लोगों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो राशन मिल रहा है।

अटल आयुष्मान योजना
अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं।

विकास की राह पर प्रदेश
पिछले साढ़े चार वर्षों में सरकार ने विकास के हर फ्रंट पर उल्लेखनीय कार्य किये हैं। सतत् विकास लक्ष्य सूचकांक में वर्ष 2018 में हम 10वें स्थान पर थे और आज हमारा स्थान तीसरा हो गया है। ऊर्जा और कानून व्यवस्था संबंधी इंडेक्स में हमारा राज्य प्रथम स्थान पर है। जहां पिछली सरकार ने 1639 किलोमीटर लम्बाई की सड़कों को अपग्रेड करते हुए 23 नये राज्य मार्ग बनाये थे, हमारी सरकार ने वर्ष 2017 के बाद से 5000 किलोमीटर से भी अधिक लम्बाई के मार्गों को अपग्रेड करके 250 से भी अधिक मार्ग निर्मित किये हैं।

केंद्र का मिला सहयोग, इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिली मजबूती
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न के परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और 889 किलोमीटर की ऑल वेदर रोड परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। बी. आर. ओ द्वारा पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी आदि सीमांत जनपदों में सड़कों और पुलों का निर्माण किया जा रहा है।
प्रदेश में नये राष्ट्रीय राजमार्गों के लिये 01 हजार करोड़ और केन्द्रीय सड़क निधि के अन्तर्गत लगभग 915 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है। वह समय दूर नहीं जब दिल्ली से देहरादून केवल 2 घंटे में आ सकेंगे। हरिद्वार-देहरादून का सफर अब केवल 45 मिनिट में पूरा किया जा रहा है। देहरादून से टिहरी झील के लिए 2-लेन टनल और पीलीभीत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए भी केंद्र से सहमति मिली है। वर्षों से रुके हुए डोबरा चांठी पुल के पूरा होने से प्रतापनगर और टिहरी के बीच 80 किलोमीटर की दूरी कम हुई है, और क्षेत्र की जनता को राहत मिली है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। ऊधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरू की गई है।

प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में भव्य केदारपुरी का पुनर्निर्माण
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण करते हुए इसे पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान की गई है। बद्रीनाथ धाम के लिए भी कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसके अतिरिक्त भारतमाला परियोजना, भारत नेट फेज-2, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट जैसी कई परियोजनाएं उत्तराखण्ड के विकास में अपना योगदान दे रही हैं।

अनेक परियोजनाओं को मिली केंद्र से मंजूरी
दिल्ली-रामनगर कॉर्बेट इको ट्रेन चलाने की भारत सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी है। टनकपुर बागेश्वर के ब्राडगेज सर्वे और डोईवाला से गंगोत्री यमुनोत्री के रेललाइन के सर्वे की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। हरिद्वार-देहरादून रेललाइन के दोहरीकरण का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा। पिछले 4 वर्षों में केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड में अनेक उच्च स्तरीय संस्थाओं की स्थापना हुई है।

नई खेल नीति लाई जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की बेटी वंदना कटारिया ने महिला हॉकी टीम में शानदार प्रदर्शन करते हुए हम सभी का सर गर्व से ऊंचा किया है। इससे उत्साहित होकर हमने प्रदेश में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये नई खेल नीति लाने का निर्णय लिया है। देहरादून में खेलो इंडिया स्टेट लेवल सेंटर और स्पोर्ट्स साइंस सेंटर का निर्माण किया जाएगा। उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों में न्यूनतम एक सेंटर स्थापित किया जायेगा ।

कोविड काल में निराश्रित बच्चों को मिला मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का सहारा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड काल में प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया है। ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रुपये प्रति माह दिये जायेंगे। राज्य सरकार इन बच्चों का एक अभिभावक की तरह पूरा संरक्षण करेगी।

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। हमारी सरकार अन्त्योदय की भावना के अनुरूप विकास का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। हमारा एजेंडा विकास का एजेंडा है। मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर संकल्प लेने का आह्वान किया कि राष्ट्र निर्माण और राष्ट्र सेवा के लक्ष्य में अपना शत्-प्रतिशत योगदान देंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों, खिलाड़ियों, पर्वतारोहियों, चिकित्सकों, पर्यावरण मित्रों एवं विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया। उन्होंने चयनित किसानों को सम्पत्ति कार्ड भी वितरित किए। जिनको पुरस्कृत किया गया उनमें पुलिस से उप निरीक्षक निशांत कुमार, कृष्ण चन्द्र भट्ट, उमेश कुमार, मुख्य आरक्षी राधे बल्लभ राणा, सुनील तोमर, भगवती प्रसाद, पुलिस उपाधीक्षक राजन सिंह रौतेला, अंशुल मिश्रा शामिल हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा उत्कृष्ट कार्यों के लिए पर्वतारोहण के क्षेत्र में कर्नल आई.एस. थापा, कर्नल अमित बिष्ट, हवलदार अनिल कुमार, नायक चन्द्र सिंह नेगी को पुरस्कृत किया गया। खेल के क्षेत्र में हॉकी में वन्दना कटारिया, फुटबॉल में अनिरुद्ध थापा, बॉक्सिंग में निवेदिता कार्की एवं उप क्रीडाधिकारी द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त प्रशिक्षक के.जे.एस. कलसी को पुरस्कृत किया गया। कोविड काल में सराहनीय कार्यों के लिए चिकित्सा के क्षेत्र में निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. एस.के. गुप्ता, प्रभारी निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, सहायक निदेशक व राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. कुलदीप मार्ताेलिया, संयुक्त निदेशक डॉ. हरीश चन्द्र मार्ताेलिया को सम्मानित किया गया। कोविड काल में सराहनीय कार्य के लिए पर्यावरण मित्र सोनू पाल, मनोज, रमन एवं रवि को पुरस्कृत किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कोविड काल की द्वितीय लहर के दौरान सराहनीय योगदान देने के लिए सिविल डिफेंस, राधा स्वामी सत्संग, देहरादून, संत निरंकारी मिशन मसूरी, दून व्यापार मण्डल से रवि आनन्द, वाणा फाउण्डेशन से बीर सिंह, रामकृष्ण मिशन सोसायटी देहरादून एवं लिण्डे इंडिया सेलाकुई को भी पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, शासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं गणमान्य उपस्थित थे।

कार्मिकों को राज्य की उन्नति और कर्तव्यों के प्रति जागरुक किया

मुख्य सचिव डॉ एस.एस.संधु द्वारा सचिवालय में उच्चस्थ अधीनस्थ कार्मिकों और अन्य नागरिकों की उपस्थिति में ध्वजारोहण करते हुए सभी को 75वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस दौरान देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए मुख्य सचिव ने लोगों से अपील की कि देश के बलिदानियों ने जिस मकसद से आजादी के लिए असहनीय कष्ट सहे-संघर्ष किया हमें उस मकसद को नहीं भूलना चाहिए। शहीदों ने जिस भारत की परिकल्पना की थी हम उसको पूरा करने में कितने सफल हुए, हम कहाँ पहुँचे, आगे क्या कुछ किया जाना है इस पर सभी लोग इस अवसर पर मंथन करें। देश का नागरिक संपूर्ण देश का प्रतिनिधित्व करता है इसलिए हमें ऐसे राष्ट्रीय पर्व को मात्र औपचारिकता के तौर पर ना देखकर देश सेवा अर्थात् अपने नागरिकों के जीवन को ऊँचा उठाने के बारे में सोचना चाहिए।
उन्होंने उदाहरण दिया कि 1947 से पहले प्रत्येक भारतीय नागरिक के पास केवल 2 विकल्प थे, पहला आसान रास्ता जिसमें कुछ लोग अंग्रेजों से मिल गये। उन्होंने उपाधियां पाई, जमीन-जायदाद बनाई तथा बाकि भारतीय नागरिकों को गुलाम बनाने में अंग्रेजों का साथ दिया। लेकिन कुछ ऐसे फ्रीडम फाइटर थे जिन्होंने दूसरा कठिन रास्ता चुना जिनको अंग्रेजों और उनके समर्थक आतंकवादी कहते थे। याद करो अंडमान निकोबार (कालापानी की सजा) की वो सलाखें जहाँ पर अंगेज इन देशभक्तों को अनन्त यातनायें देते थे। रोजाना असंभव टास्क दिया जाता था जिसको पूरा करना संभव ही नहीं होता था तथा पूरा ना कर पाने पर रोंगटे खड़े करने वाला दर्द दिया जाता था। मुख्य सचिव ने कहा कि उन लोगों को क्या पड़ी थी इतना दर्द सहने की, वे भी अन्य चाटूकारों की तरह अंग्रेजों से मिल सकते थे। लेकिन उन्होंने राष्ट्र निर्माण के लिए सोचा। कहा कि इनके जीवन से हम क्या सीख पाये।
कहा कि सचिवालय शीर्ष कार्यालय होता है जहाँ देश-प्रदेश की नीतियां बनती है यहाँ पर भी फाइल को डील करते समय 2 विकल्प होते है पहला आसान विकल्प-रूकावट डालने वाला। एक व्यक्ति ने नीचे से टिप्पणी लिख दी और ऊपर के सब उसी अनुसार चलते गये कि ये काम नहीं हो सकता। इस कार्यप्रणाली से फाइलों का बोझ कम होता जरूर दिखता है लेकिन नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने वाला मकसद तो अधूरा रह जाता है। एक दूसरा विकल्प भी होता है कठिन विकल्प जिसमें फाइल को डील करते समय थोड़ा चिन्तन मनन की जरूरत होती हैं। इसमें इस भावना से काम किया जाता है कि यदि प्रस्ताव अच्छा है तो यदि नियम भी आड़े आ रहे है। तो नियमों को परिवर्तित भी कराया जा सकता है। कहा कि आजकल बहुत लोग सोशल मीडिया में तो बहुत देशभक्ति दिखाते हैं किन्तु व्यावहारिक जीवन में वे उस पर खरे नहीं उतरते उसके विपरीत आचरण करते नजर आते हैं। हमें समाधान का हिस्सा बनना है, समस्या का नहीं। कहा कि ऐसा नहीं कि देश में अच्छे लोग नहीं है, देश में बहुत से अच्छे लोग भी हैं जिनके चलते ये देश मजबूती से प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
इस दौरान मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय में कोविड-19 के दौरान टीकाकरण में उत्कृष्ट सेवाएं दे रहे कार्मिकों को सम्मानित भी किया गया। इनमें वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ0 विमलेश जोशी, चीफ फार्मासिस्ट एम.पी. रतूड़ी, ए0एन0 एम0 वन्दना रावत, सुनीता सिंह व सुनीता चमोली, एम्बुलेंस चालक पिताम्बर चमोली, सहायक समीक्षा अधिकारी चारूचन्द्र गोस्वामी, कम्प्यूटर सहायक गुमन सिंह व अनूप सिंह नेगी, सुपरवाइजर रतन सिंह रावत, प्रवीण सिंह व भगवती प्रसाद, सफाई कर्मी राधे व अक्षम शामिल थे। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव ने एथलीट व फिटनेस क्लब के उन सदस्यों को जिन्होंने 15 कि0मी0 दौड़ राष्ट्रीय ध्वज के साथ पूरी की थी उनका आभार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाई दी।
इस दौरान ध्वजारोहण के अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, व आनन्द बर्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु व एल. फेनई, सहित सभी सचिव, प्रभारी सचिव, उच्चस्थ-अधीनस्थ कार्मिक व अन्य नागरिक उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का सितंबर माह में शुभारंभ

विधानसभा स्थित सभागार में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत के द्वारा सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में सहकारिता मंत्री ने कहा कि महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना और 670 बहुउद्देश्यी सहकारी समिति का कम्प्यूटराइजेशन सितबंर माह में किया जायेगा। इसका उद्धघाटन केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। उद्धघाटन पौड़ी गढ़वाल या अल्मोडा में से एक स्थान पर किया जायेगा। इस उद्धघाटन कार्यक्रम में 20 हज़ार महिलाएं शामिल होंगी। इन दो योजनाओं की लॉन्चिंग की पूरी तैयारियां करने के निर्देश सहकारिता मंत्री ने अधिकारियों को दिए।
अपर निबंधक आनंद शुक्ला ने बताया कि घसियारी योजना की लॉन्चिंग के लिए 20-20 केजी के 500 बैग बना दिए गए हैं। घसियारी किट बनाये जाने का इन दिनों लगातार काम चल रहा है इसके लिए पहाड़ के 4 जिलों पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा व चंपावत में 50 सेंटर बना दिए हैं। यहां समिति के जरिये महिलाओं को साइलेज घसियारी किट इी जायेगी।

सरकार की यह योजना पहाड़ पर महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध होने जा रही है। महिलाओं को घास के लिए जंगल नहीं जाना पड़ेगा। बैठक में अपर निबंधक ईरा उप्रेती ने बताया कि कंप्यूटराइजेशन के लिए पैक्स समितियां में कार्य पूरा हो गया है। 390 समितियां पूरी तरह तैयार है और शेष समितियों का कंप्यूटराइजेशन 10 दिन में पूरा कर लिया जायेगा।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को ऋण देने के लिए कार्यक्रम हर ब्लॉक मुख्यालय में 15 सितंबर से 30 अक्टूबर तक चलाई जाएगी। महिला समूह को ऋण दिया जायेगा। गौरतलब है कि 5 लाख किसानों को जीरो प्रतिशत पर किसानों को सरकार और सहकारी बैंक ऋण दे चुके हैं।
मंत्री डॉ रावत ने कहा की सरकारी बैंकों की 20 नई शाखाओं का सितंबर में उद्घाटन किया जाएगा और इस माह 20 तारीख को नई एटीएम बैंक का उद्घाटन किया जाएगा। गौरतलब है कि कोऑपरेटिव बैंक की एटीएम वैन कोविड-19 में मददगार हुई थी।

बैठक में सहकारिता सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, निबंधक सहकारिता समितियां आनंद स्वरूप, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, अपर निबंधक आनंद शुक्ला, उपनिबंधक नीरज बेलवाल, उप निबंधक एमपी त्रिपाठी, उप निबन्धक मान सिंह सैनी, बैंक के महाप्रबंधक देहरादून वंदना श्रीवास्तव, अपर जिला निबंधक देहरादून राजेश चौहान सहित अपर जिला निबंधक टिहरी सुभाष गहतोडी आदि जिलों के अधिकारी मौजूद रहे।

कोरोना से बचाव में सहयोग करने वाली संस्थाओं का सम्मान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम में शहीद सैनिकों के परिजनों तथा कोरोना से बचाव में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। शहीद सैनिकों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने वीर सैनिकों की शहादत पर नाज है। शहीद परिवारों की सहायता के लिये राज्य सरकार उनके साथ है। मुख्यमंत्री ने कोरोना के काल में सराहनीय कार्य एवं सहयोग करने वाली संस्थाओं आदि के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से हम इस महामारी को रोकने में सफल हो पाये हैं। राज्य के समग्र विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन, सबका साथ सबका विकास एवं सबका विश्वास की भावना के साथ हम राज्य के विकास के लिये प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव होने के कारण राज्य का हर क्षेत्र में विकास हुआ है।

युवा रोजगार देने वाले बने
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवा रोजगार देने वाले बने इसके लिये कारगर योजना बनायी गई है। सरकारी क्षेत्र में सेवा के अवसर सीमित है इसलिये रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी आरम्भ करने के साथ ही स्वरोजगार योजना को प्रभावी बनाया जा रहा है। प्रदेश में रेल, सड़क व हवाई सेवा को व्यापक विस्तार दिया जा रहा है। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है इस दिशा में भी पहल की गई है। प्रदेश में और अधिक उद्यौगों की स्थापना हो इसके लिये नीतियों को अनुकूल बनाया जा रहा है। पलायन रोकने की दिशा में भी प्रभावी योजना बनायी जा रही है। पर्यटन व्यवसायियों एवं कोरोना के बचाव में लगे लोगों की मदद के लिये आर्थिक पैकेज स्वीकृत कर मदद की जा रही है। केन्द्र एवं राज्य की योजनाये शीघ्र धरातल पर दिखाई दे इसके लिये कारगर व्यवस्था की गई है।

हमारा एजेण्डा राज्य का समग्र विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा एजेण्डा विकास है। जन सेवा का हमारा भाव है हम बोलने में कम काम ज्यादा करने में विश्वास करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़कों के विकास के लिये केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के लिये डाटकाली से आगे एलिवेटेड रोड़ के लिये 12 हजार करोड़ की स्वीकृति के साथ ही राज्य की अन्य महत्वपूर्ण सड़कों के लिये लगभग 50 हजार करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं के हित में कोरोना के कारण पिछले एक वर्ष के दौरान प्रतियोगिता परीक्षा अधिकतम आयु पूरी करने वालों को आयु में एक वर्ष की छूट प्रदान की जाने की व्यवस्था की है। लोक सेवा आयोग, संघ लोक सेवा आयोग, एन.डी.ए, सीडीएस आदि प्रतियोगिता की प्रारम्भिक परीक्षा पास करने वाले युवाओं को मेन परीक्षा की तैयारी के लिये 50 हजार की धनराशि प्रदान किये जाने का निर्णय किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पदचिन्हों पर चलते हुए प्रदेश में जीरो पेंडेंसी पर ध्यान देते हुए शासन से लेकर जिलों तक सुशासन पर ध्यान दिया गया है। जिलों के कार्य जिलों में ही हों तथा जिलों के कार्य अनावश्यक रूप से शासन को सन्दर्भित न किया जाये, इसके सख्त निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के कारण किसी के भी हक हकूक बाधित न हो, इसके लिये उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य मन्दिरों पर अधिकार करना नही बल्कि वहां पर अवस्थापना सुविधाओं का विकास करना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिन शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया उनमें मेजर चित्रेश बिष्ट, नीरज थापा, संदीप रावत, अनिल सेठी आदि के परिजन शामिल थे।

नरेन्द्र सिंह नेगी के जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक ‘‘सृजन से साक्षात्कार’’ का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रसिद्ध लोक गायक एवं गीतकार नरेन्द्र सिंह नेगी के जीवन दर्शन कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तक ‘‘सृजन से साक्षात्कार’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी, मोहन उप्रेती, गिरीश तिवारी गिरदा, हीरा सिंह राणा, शमशेर सिंह, जीत सिंह नेगी, चन्द्र सिंह राही सहित प्रदेश के अन्य प्रमुख लोक संस्कृति के रचनाकारों, लोक गायकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं का अभिलेखीकरण कर पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जायेगा। यह कार्य सूचना विभाग अथवा संस्कृति विभाग द्वारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि नरेन्द्र सिंह नेगी को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने के लिये राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को अपनी संस्तुति प्रेषित की जायेगी। नरेन्द्र सिंह नेगी को उनके 73वें जन्मदिन की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश व दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी जी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्य वासियों को अपनी परम्पराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं। नेगी जी ने गढ़वाल कुमाऊं, जौनसार क्षेत्र ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड की पहचान बनायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नेगी जी अपनी विशिष्ट रचना धर्मिता से समाज को और बेहतर दिशा देने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि नेगी जी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सही को सही और गलत को गलत बताने का भी संदेश दिया। ऐसे प्रयासों की समाज को जरूरत भी रहती है।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने भी लोक संस्कृति को बढ़ावा देने में नरेन्द्र सिंह नेगी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय में 25 करोड़ लागत से हिमालयन शोध संस्थान की स्थापना के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अनेक पहल की गई है।
लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का उनका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका सदैव प्रयास रहा कि प्रदेश के बाहर नहीं अपने प्रदेश में रहकर अपने लोगों की दुस्वारियों एवं पीड़ा को समाज के सामने ला सकूं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी वे अपने गीतों के माध्यम से समाज की सेवा करते रहेंगे। मौके पर डॉ योगेश धस्माना, डॉ. नंद किशोर हटवाल, गणेश खुगसाल गणी, संजय दरमोड़ा ने भी नेगी के कृतित्व एवं व्यक्तिव पर प्रकाश डाला तथा उन्हें शुभकामनायें दी।
इस अवसर पर दिनेश शास्त्री, विपिन बलूनी, रामचरण जुयाल, ओ.पी बेंजवाल, मनोज इष्टवाल, कीर्ति नवानी के साथ ही बड़ी संख्या में संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित थे।

नारी शक्ति के मन में जो इच्छा होती है वह साकार करती है-पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियों कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से देश के विभिन्न प्रान्तो से जुड़ी महिला स्वंय सहायता समूह के साथ मन की बात में आत्म निर्भर नारी शक्ति से सीधे संवाद कर उनके द्वारा चलाये जा रहे ग्रोथ सेन्टर एवं अन्य क्षेत्र में किये जा रहे उत्पादों व उससे होने वाली आमदनी के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होने सभी महिलाओं को आगामी रक्षाबंधन की शुभकामनाऐं व बधाई दी।
उन्होने कहा कि इस योजना से देश के 8 करोड़ बहनो को जोड़ा गया है ताकि हमारी माता-बहने आत्म निर्भर बन सकें। प्रधानमंत्री ने ग्रोथ सेन्टरो से जुड़ी महिलाओं से अपने उत्पादो को ऑनलाईन के माध्यम से कम्पनियों के साथ तालमेल बनाये ताकि उत्पादित किये गये उत्पादों को अच्छा बजार मिल सकें। उन्होने कहा कि महिलाऐं अपने-अपने क्षेत्र में जो काम कर रही है उससे अलग भी समाज के लिये कोई नया कार्य करें जैसे स्वच्छता, कुपोषण, शिक्षा, आजीविका आदि के क्षेत्र में लोगों को जागरूक करें ताकि अधिक से अधिक महिलाऐं स्वरोजगार से जुड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति के मन में कुछ करने का इच्छाशक्ति है तो वे कर सकती है। आप लोगों के सहयोग से आने वाले समय में भारत को पूर्ण आत्म निर्भर बनाया जा सकता है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने आत्म निर्भर नारी शक्ति के अन्तर्गत जनपद के उदय स्वंय सहायता समूह की संचालिका चन्द्रमणी दास से बात की। संचालिका द्वारा प्रधानमंत्री से बात करते हुये बताया कि समूह में 35 महिलाएं द्वारा बेकरी में खाद्य उत्पादो को बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत अभी तक 10 लाख से अधिक का समूह को लाभ हुआ है साथ ही कोविड-19 के दौरान महिलाओं द्वारा 08 माह में मंडुऐं से निर्मित 88 हजार बिस्कुट का पैकिट तैयार कर 89 लाख 32 हजार का टर्नओवर किया है। हर्ष जताते हुये समूह की संचालिका ने कहा कि आज समूह में काम करने के कारण प्रधानमंत्री से बात करने का सौभाग्य मिला है।
इस मौके पर जिलाधिकारी श्रीमती रंजना राजगुरू ने उपस्थित समूह की महिलाओं को बधाई दी। उन्होने कहा कि हमे यह गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री ने जनपद की महिला स्वंय सहायता समूह की महिलाओं से सीधे बात कर उन्हे बधाई व शुभकामना देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होने कहा कि इस संवाद से महिलाओं को एक अत्मबल एवं प्रेरणा मिलेगी और वे अपना काम और अधिक उत्साह के साथ करेंगी।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक राजकुमार ठुकराल, मेयर रामपाल सिंह, ब्लाक प्रमुख ममता जल्होत्रा, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगई, पीडी हिमाशु जोशी, डीडीओ डा. महेश कुमार सहित समूह की महिलायें आदि उपस्थित थे।

कुटुम्ब पेंशन अब कहलाएगी सम्मान पेंशन-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम टाऊन हॉल देहरादून में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों के प्रांतीय सम्मेलन तथा श्रद्धांजलि सभा में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के उत्तराधिकारियों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को दी जाने वाली कुटुंब पेंशन का नाम बदलकर सम्मान पेंशन किया जाएगा। हरिद्वार में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सेवा सदन बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लंबे संघर्षों के परिणामस्वरूप भारत को आजादी मिली। देश की आजादी के लिए हमारे इन वीरों ने अपना सब कुछ समर्पित किया। 9 अगस्त 1942 की घटना भारत के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। अगस्त क्रांति की शुरुआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी। भारत की आजादी में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। आज भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। सेनानियों के आश्रितों को सरकार द्वारा हर संभव सहायता देने का प्रयास किया जाएगा। जिन उद्देश्यों के लिए देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गई, आज उन उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुपोषण मुक्त भारत की दिशा में देश आगे बढ़ा है।
इस अवसर पर विधायक आदेश चौहान, मेयर सुनील उनियाल गामा, अशोक वर्मा, मथुरा दत्त जोशी, भारत भूषण विद्यालंकर, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति से जितेन्द्र रघुवंशी, संतोष गोविल, राजकुमार अग्रवाल, शशांक गुप्ता, अवधेश पंत उपस्थित थे।

तीलू रौतेली पुरस्कार और आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार की धनराशि 51 हजार रूपये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अगले वर्ष से तीलू रौतेली पुरस्कार एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार की धनराशि बढ़ाकर 51 हजार रूपये किया जायेगा। भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वन्दना कटारिया उत्तराखण्ड में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ब्रांड एम्बेसेडर होंगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी सभागर में ‘‘तीलू रौतेली पुरस्कार एवं ‘‘आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार‘‘ हेतु चयनित राज्य की महिलाओं को सम्मानित किया। इस वर्ष 22 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार एवं 22 महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। तीलू रौतेली पुरस्कार प्राप्तकताओं को 31 हजार रूपये की सम्मान धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। जबकि आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार के तहत 21 हजार रूपये की सम्मान राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में हर क्षेत्र में मातृ शक्ति की बड़ी भूमिका रही है। उत्तराखण्ड अलग राज्य निर्माण की मांग हेतु महिलाओं ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने मातृ शक्ति को नमन करते हुए कहा कि कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना शुरू की गई है। कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या सरंक्षक को खोया है, उनको राज्य सरकार प्रति माह 3 हजार रूपये एवं निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थित मजबूत होनी जरूरी है। बच्चों के शुरूआती चरण के विकास में आंगनबाडियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। माता-पिता के बाद बच्चों को संस्कार देने के शुरूआत आंगनबाड़ी से ही होती है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जो लोग सीमित संसाधन होने पर बड़ी उपलब्धि हांसिल करते हैं, उनकी अलग ख्याति होती है। प्रधानमंत्री का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का जीवन सामान्य परिस्थितियों में बीता, लेकिन आज उनकी कार्यशैली से भारत को वैश्विक पटल पर एक अलग पहचान मिली है। आज देश हर क्षेत्र में तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने अपने बचपन के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा के दौरान हम भी तख्ती (पाटी) पर लिखते थे। जिसके लिए चूने का घोल इस्तेमाल किया जाता था।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि मातृ शक्ति को इन योजना का लाभ मिले। राज्य में मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना चलाई जा रही है। जिसमें गर्भवती महिलाओं एवं नवजात कन्या शिशु के लिए किट दी जा रही है। राज्य सरकार जनता के साथ साझीदार की भूमिका में कार्य कर रही है। समाज के हर वर्ग के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखण्ड की वीरांगना तीलू रौतेली के जन्म दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाली राज्य की चयनित महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार एवं आंगनबाड़ी में अच्छा कार्य करने वाली महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मात्र 15 वर्ष की आयु में ही वे रणभूमि में कूद पड़ी थी। उन्होंने बहुत कम आयु में सात युद्ध लड़े। यह दिन प्रदेश की महिलाओं को सम्मानित करने का सबसे अच्छा दिन है। तीलू रौतेली ने जिस वीरता का परिचय दया, आज यह हमारे सामने एक इतिहास है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने में आंगनबाड़ी कार्यकत्रयों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कोविड के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की वेशभूषा में प्रतिभाग किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के पिताजी ने आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए अपनी जमीन दान दी थी।।

इनको किया गया सम्मानित-तीलू रौतेली पुरस्कार
डॉ. राजकुमारी भंडारी चौहान, श्यामा देवी, अनुराधा वालिया, डॉ. कंचन नेगी, रीना रावत, वन्दना कटारिया, चन्द्रकला तिवाड़ी, नमिता गुप्ता, बिन्दुवासिनी, रूचि कालाकोटी, ममता मेहता, अंजना रावत, पार्वती किरौला, कनिष्का भण्डारी, भावना शर्मा, गीता जोशी, बबीता पुनेठा, दीपिका बोहरा, दीपिका चुफाल, रेखा जोशी, रेनू गडकोटी, पूनम डोभाल।

राज्य स्तरीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार
गौरा कोहली, पुष्पा प्रहरी, पुष्पा पाटनी, गीता चन्द, गलिस्ता, अंजना, संजू बलोदी, मीनू, ज्योतिका पाण्डेय, सुमन पंवार, राखी, सुषमा गुसांई, आशा देवी, दुर्गा बिष्ट, सोहनी शर्मा, वृंदा, प्रोन्नति विस्वास, हन्सी धपोला, गायत्री दानू, हीरा भट्ट, सुषमा पंचपुरी, सीमा देवी।

मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी के अधिकारियों की पासिंग आउट परेड में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईटीबीपी एकेडमी, मसूरी में आईटीबीपी के 42 सहायक सेनानी (जी.डी.) एवं 11 सहायक सेनानी (अभियन्ता) की पासिंग आउट परेड समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने सभी 53 प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें आईटीबीपी जैसे उत्कृष्ट बल में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। जिसके हिमवीर लद्दाख के कराकोरम पास से अरुणाचल प्रदेश के जेचप ला तक 3488 कि०मी० की अति दुर्गम सीमा की सुरक्षा पूरी मुस्तैदी के साथ कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हर संघर्ष में अप्रतिम शौर्य का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने बल के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं।
“ये देश चैन से सोता है, वो पहरे पर जब होता है,
जो आँख उठाता है दुश्मन तो अपनी जान वो खोता है, उनकी वजह से आज सुरक्षित ये सारी आवाम है,
सरहद पर खड़े रखवालों को दिल से मेरा सलाम है।”

आईटीबीपी के हिमवीरों का सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे स्वयं एक पूर्व सैनिक के पुत्र हैं और इस कार्यक्रम में प्रतिभाग कर उन्हें गर्व की अनुभूति हो रही है। हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ’वीर भोग्या वसुन्धरा’। हमारे आईटीबीपी के हिमवीर हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा, अपने ध्येय वाक्य “शौर्य दृढ़ता, कर्म निष्ठा के साथ करते है। हिमालय में माउन्टेन क्लाईमबिंग हो या रीवर राफ्टिंग जैसे साहसिक खेल-कूद या फिर सीमावर्ती क्षेत्रों में लोगों के लिये कल्याणकारी गतिविधियों का आयोजन, प्रत्येक क्षेत्र में इस बल ने न केवल अमिट छाप छोड़ी है, बल्कि अन्य बलों के लिए उदाहरण भी प्रस्तुत किये है।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में आपदा के दौरान सहायता के लिए आईटीबीपी का आभार व्यक्त किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि बल द्वारा आपदा प्रबंधन में उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। बल के हिमवीरों ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों को बेहद तत्परता एवं कुशलता के साथ किया है। 2013 की केदारनाथ आपदा तथा 2021 में तपोवन आपदा के समय आईटीबीपी के द्वारा आपदा प्रबंधन हेतु किये गये प्रयासों से जान माल की क्षति को काफी हद तक कम किया जा सका। इस बल द्वारा हमारे राज्य में कैलाश मानसरोवर यात्रा, चार धाम यात्रा तथा राज्य के सुदूर व दुर्गम क्षेत्रों में यात्रियों एवं आम जनमानस को सुरक्षा एवं मेडिकल कवर प्रदान करवाने की जिम्मेदारी को लगातार कई वर्षों से सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राज्य की समस्त जनता की ओर से बल कर्मियों के इस अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।

सैनिकों के परिजनों के दर्द को महसूस किया है-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सैनिक की वीरता तो बाल्यकाल से देखी ही है पर उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है। उस माँ बाप का दर्द देखा है जिसका बेटा सीमा पर देश की आन, बान शान के लिये लड़ रहा है। उस पत्नी के आँखों की विकलता देखी है जो पति के आने की बाट जोहते-जोहते कब बूढी व बीमार हो जाती है पता ही नही चलता। उन बच्चों की सिसकती हुई किलकारियों को सुना है जो अपने पिता से गले मिलने को व्याकुल हों। कितना संघर्ष है एक सैनिक के जीवन में परन्तु इसके बावजूद भी वो दृढता पूर्वक अपने देश के स्वाभिमान को बचाने के लिये हमेशा तत्पर रहता है। मुख्यमंत्री ने प्रशिक्षणार्थी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे पूरे समर्पण के साथ कार्य करेंगे और हमेशा अपने मातहतों के कल्याण को ध्यान में रखेंगे। एक कुशल और योग्य लीडर के रूप में अपने आपको साबित करेंगे। मुख्यमंत्री ने अकादमी के प्रशिक्षण स्टाफ को भी उत्कृष्ठ स्तर का प्रशिक्षण देने के लिए बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी इसी प्रकार का बेहतरीन प्रशिक्षण प्रदान करते रहेंगे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, श्री सुरजीत सिंह देसवाल, महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, एडीजी अभिनव कुमार, दलजीत सिंह चौधरी, मनोज रावत एडीजी आईटीबीपी, निलाभ किशोर, महानिरीक्षक/निदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी, अजयपाल सिंह, ब्रिगेडियर डॉ रामनिवास सहित अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे।