टिकटॉक को आ गया बाय-बाय करने का समय, स्वदेशी एप मित्रों हो रहा पॉपुलर

भारत में टिकटॉक का बाय-बाय करने का वक्त आ गया है। भारत के युवाओं की जुबां पर अब टिकटॉक नहीं बल्कि स्वदेशी निर्मित एप मित्रों का नाम है। अभी तक इस एप को 50 लाख से ज्यादा युवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर चुके है। इसे आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों ने बनाया है। इसे टिकटॉक का क्लोन भी कहा जा रहा है।

आईआईटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि एप लांच करते समय हमें ऐसे ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी। इसे बनाने के पीछे लोगों को सिर्फ भारतीय विकल्प देना था। आईआईटी रुड़की में वर्ष 2011 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच से पासआउट छात्र शिवांक अग्रवाल ने अपने चार साथियों के साथ मित्रों एप बनाया है।

11 अप्रैल को हुआ था मित्रों एप लांच
पेटीएम के पूर्व सीनियर वाइस प्रेजिडेंट दीपक के ट्वीट के बाद इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के एप डाउनलोड करने से नेटवर्क ट्रैफिक भी प्रभावित होने लगा। टीम मेंबर ने बताया कि वास्तव में 11 अप्रैल को एप लांच करते समय यह नहीं सोचा था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। टिकटॉक को पीछे छोड़ना जैसी कोई बात नहीं है। हमारा उद्देश्य लोगों को सिर्फ एक भारतीय विकल्प देना था। लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे या नहीं यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमें लोगों से जो आशीर्वाद मिला, उससे हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमें किसी ने फंड नहीं दिया है, उनका फंड लोगों का प्यार ही है।

मित्रों स्वदेशी नाम, इसलिए देना उचित
टीम मेंबर ने बताया कि मित्रों का अर्थ मित्र ही है। एक तो यह भारतीय उपभोक्ताओं को भारतीय मंच के जरिए सेवा देने के लिए है। हम स्वदेशी नाम देकर भारतीय नामों के खिलाफ पूर्वाग्रहों को भी दूर करना चाहते हैं।

चारधामः ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड आध्यात्म का केन्द्र है। उत्तराखण्ड के मन्दिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है। इसको बनाये रखने के लिए यह सुनिश्चित किया जाय कि मन्दिरों का प्राचीन स्वरूप बना रहे। जो लोग मन्दिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोङकर बाकी मन्दिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थाम प्रबन्धन बोर्ड में सबके हक-हकूकों का ध्यान रखा जायेगा। बैठक में मन्दिरों एवं उनसे जुड़ी प्रमुख पाण्डुलिपियों एवं अन्य ऐतिहासिक महत्व के सामग्री संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाने की बैठक में चर्चा की गई है।
बोर्ड की इस पहली बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक यात्रा के समुचित संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जायेगा। मन्दिरों की सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में अन्तरित करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया है, इसके लिए कार्यवाही सबंधित जिलाधिकारियों द्वारा की जायेगी। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग बैंक एकाउण्ट होगा। इसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई है। बदरी-केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में ट्रांसफर की जायेगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्मिकों का समायोजन उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में किया जायेगा। बोर्ड के लिए अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी एवं वित्त नियंत्रक का एक पद सृजित किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में विभिन्न न्यायिक मामलों के लिए ट्रिब्यूनल बनाई जायेगी। एनआईसी द्वारा बदरी-केदार मंदिर समिति के लिए बनाई गई वेबसाइट का अधिग्रहण कर इसका अपग्रेडेशन किया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कोविड-19 के दृष्टिगत बदरी-केदार मन्दिर समिति के कार्मिकों द्वार दिये गये एक दिन के वेतन का 5 लाख रूपये का चेक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपा।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से भी बोर्ड को 5 लाख एक रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे।
बैठक में विधायक बदरीनाथ महेन्द्र भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव पर्यटन एवं संस्कृति दिलीप जावलकर, सचिव वित्त सौजन्या उपस्थित थे।

50 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ खुलेंगे सार्वजनिक परिवहन

राज्य सरकार ने ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों में वाहनों को आधी क्षमता के साथ संचालन की अनुमति दे दी है। परिवहन विभाग इसके लिए जल्द ही एसओपी जारी करने वाला है। किसी जिले के रेड जोन में आने की स्थिति में वहां सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह से बंद रहेगा। जबकि इंटर स्टेट परिवहन सामान्य तौर पर प्रतिबंधित है, लेकिन राज्यों की आपसी सहमति के आधार पर प्रवासियों को लाने के लिए बसें चलाई जा सकेंगी।
अभी प्रदेश में कोई भी जिला रेड जोन में नहीं होने से पूरे प्रदेश में बसों सहित अन्य सार्वजनिक परिवहन का संचालन करने का निर्णय ले लिया गया है। एक जिले से दूसरे जिले के बीच बसों के संचालन से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि वाहन की क्षमता से आधी सवारी को ही लेकर जाया जा सकेगा।
राज्य सरकार ने इंटर स्टेट परिवहन के संचालन को भी सहमति दी है, जिसके लिए नोडल अधिकारी, मंडलायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति अनिवार्य है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से जारी आदेश में परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया है कि सार्वजनिक परिवहन की एसओपी (स्टेंडर्ड ऑपरेंटिंग प्रोसिजर) तैयार कर लें, जिसके बाद संचालन शुरू हो सकेगा। संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पूरी तरह से पालन होगा।
इस नियम का करना होगा पालन
उत्तराखंड में लॉकडाउन-4 में अब वाहनों का संचालन होने लगेगा। लेकिन अधिक आबादी वाले आठ शहरों में निजी वाहनों का संचालन ऑड-ईवन नंबर प्लेट के हिसाब से होगा। एक दिन ऑड नंबर और दूसरे दिन ईवन नंबर के चैपहिया वाहन चलाएं जा सकते हैं। वहीं, दोपहिया वाहन सभी दिन चल सकेंगे। उल्लंघन करने वालों पर सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि देहरादून, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, हरिद्वार, कोटद्वार, रुड़की, ऋषिकेश में सरकार ने सड़कों पर वाहनों की सीमित संख्या रखने के लिए ऑड-ईवन की व्यवस्था बनाई है। जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे, जिसके बाद यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। यह व्यवस्था प्राइवेट वाहनों के लिए रहेगी।

लॉकडाउन में भी पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन करे!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि केन्द्र सरकार ने मार्च से जारी लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत 9.13 करोड़ किसानों को कुल 18,253 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। पीएम किसान योजना के तहत सरकार पात्र किसानों को साल में तीन बराबर किस्त में 6,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है। लॉकडाउन की वजह से देश के गरीब किसानों की मुश्किलों को देखते हुए सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत चालू वित्त वर्ष की पहली किस्त को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भेजने का फैसला किया था। अगर आप किसान हैं और इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करना बहुत ही आसान है।

पीएम-किसान योजना के लिए ऐसे करे रजिस्ट्रेशन-
सबसे पहले पीएम-किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करिए।
वेबसाइट पर आपको फारमर्स काॅनर्स पर अपने माउस के कर्सर को ले जाना है।
ड्रॉप डाउन लिस्ट में आपको सबसे ऊपर न्यू फारमर्स कारनर्स का विकल्प मिलेगा।
इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर एवं कैप्चा डालकर आगे बढ़ना होगा।
इसके बाद खुले पेज पर आपको जरूरी जानकारी डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
आप इस वेबसाइट के जरिए ही अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। साथ ही लाभार्थियों की सूची भी देख सकते हैं।
बतातें चले कि सीतारमण ने एक ट्वीट कर जानकारी दी, लॉकडाउन के दौरान मार्च, 2020 से अब तक सरकार ने 9.13 करोड़ किसानों को पीएम-किसान के तहत 18,253 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कुल 4,22,113 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लेने वाले करीब तीन करोड़ किसानों ने लोन पर तीन माह के मोराटोरियम के विकल्प का फायदा उठाया है।

कुंभ क्षेत्र में गैस लाइन डालने को मिली हरी झंडी

राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गेल को गैस पाइप लाइन डालने का काम शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। गेल को कुंभ क्षेत्र और अखाड़ों के अंदर तक गैस पाइप लाइन पहुंचानी है। विदित हो कि लॉकडाउन के चलते कुंभ के सभी काम रोक दिए गए थे। अब तक तो हरकी पैड़ी और व्यस्त बाजार क्षेत्र तक गैस पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो गया होता।
राज्य सरकार के अनुमति पत्र को जिलाधिकारी ने कार्य शुरू की परमिशन देने के लिए मेलाधिकारी कुंभ के पास भेज दिया है। मेन रोड पर आर्यनगर से शहर कोतवाली तक और निष्काम सेवा ट्रस्ट भूपतवाला से कांगड़ा मोड़ हरकी पैड़ी के पास तक गैस पाइप लाइन डाली जा चुकी है।

15 किलोमीटर की लाइन डलवानी है
रेलवे रोड से सप्तसरोवर तक और देश रक्षक से आईटीआई जगजीतपुर तक कुंभ एरिया में लगभग 15 किलोमीटर ट्रंक लाइन दो महीने के अंदर डालनी है। इस काम के लिए मई व जून का ही समय गेल के पास है। इसके बाद मानसून में काम नहीं होगा और मानसून समाप्त होने के तुरंत बाद खुदी सड़कों का पुनर्निर्माण व सुदृढ़ीकरण कार्य किया जाना है।
गेल के परियोजना प्रबंधक प्रंजय जोशी ने बताया कि उत्तरी हरिद्वार में भारतमाता मंदिर से रेलवे रोड तक लगभग आठ किमी और देश रक्षक चैक से आईटीआई जगजीतपुर तक एरिया में लगभग छह किमी मेन ट्रंक लाइन डालने का काम प्राथमिकता में है। राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है और सोमवार तक मेला प्रशासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है। मंगलवार से काम शुरू हो जाएगा।

महापौर ने खुद जांची व्यवस्थाएं, लोगों को जागरुक कर दिलाया भरोसा

कोरोना संकट काल में केन्द्र और राज्य सरकार के दिशा निर्देशानुसार व्यवस्थाओं को बनवाने और उनका अनुपालन कराने के लिए ऋषिकेश नगर निगम प्रशासन कोई कसर नही छोड़ रहा है। आज निगम महापौर अनिता ममगाई ने स्वंय व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।
महापौर के मीडिया समन्यवक अजय बिष्ट ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि श्री रामनवमी पर्व की पूजा के पश्चात लॉकडाउन के दौरान सड़क पर उतर कर महापौर ने वास्तु स्थिति का जायजा लिया। निगम अधिकारियों के साथ दोपहर महापौर ममगाई ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर निगम के भोजन व्यवस्थाओं की जांच की। अभियान पर निकली महापौर ने जहां हैल्पिंग हैंड संस्था के सहयोग से लोगों को लंच पैकेट बांटे। वहीं समाजसेवी राजेश भट्ट और कपिल कुमार के सहयोग से भी गुमानीवाला क्षेत्र में गरीब व असहाय लोगों में 600 भोजन के पेकेट वितरित किये। इस दौरान महापौर ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ख्याल रखा। साथ ही, उन्होंने लोगों को भी जागरूक किया। महापौर ने बताया कि गढवाल के मुख्य द्वार ऋषिकेश में प्रशासन के सहयोग से राशन व सब्जी की आपूर्ति सामान्य रखने की पूरी तैयारी की जा चुकी है। प्रशासनिक अधिकारी लगातार तमाम व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
महापौर ने कहा कि ,प्रशासन के माध्यम से बस्तियों में चिन्हित कर निःशुल्क राशन दिया जा रहा है। उन्होंने हाथ जोड़ते हुए शहरवासियों से अपील की कि अफवाह फैलाकर आग से न खेलें और लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें, ताकि देवभूमि में कोरोना वायरस के खतरों को टाला जा सकेे।

एप्प के जरिए लोगों के घर राशन पहुंचाएगा नगर निगम

नगर निगम अपने 40 वार्डों में एप्प के जरिए लोगों के घर राशन पहुंचाएगा। मेयर अनिता ममगाईं ने हाईटेक तरीके से इस काम पर शुरू कर दिया है।
जरूरतमंदो को राशन और भोजन वितरित कर राहत पहुचाने की कोशिशों में जुटा नगर निगम प्रशासन अब निगम के तमाम चालीस. वार्डों में होम डिलीवरी की व्यवस्था करने जा रहा है। चुनौतीपूर्ण समय पर मेयर अनिता ममगाईं की दूरगामी सोच कोरोना वायरस की जंग में शहरवासियों के लिए वरदान साबित होगी। मेयर अनिता ममगाई ने बताया कि निगम हर मुश्किल हालात से लड़ने की रणनीति तैयार करने में जुटा हुआ है। यदि आने वाले दिनों में प्रदेश में पूर्ण लाँक डाउन भी घोषित हुआ तो ऐसी स्थिति में भी नगर निगम प्रशासन तीर्थ नगरी के लोगों की हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि इसके लिए एप्प लांच किया जाएगा। इसके जरिए लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जायेगी। उन्होंने बताया यह एप्लीकेशन निगम के कम्प्यूटर में रहेगी। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के किसी भी वार्ड में भोजन अथवा राशन के संकट की स्थिति में सूचना मिलने पर तुरंत इस एप्प के माध्यम से संम्बन्धित क्षेत्र के पार्षद तक संदेश पहुंच जायेगा। इसके बाद 12 से 14 घंटे के बीच सामान की होम डिलीवरी की जाएगी।

बच्चों ने मंगलगीत गाकर मनाया फूलदेई का त्योहार

सुख-समृद्धि का प्रतीक फूलदेई त्योहार उत्तराखंड की गढ़ कुंमाऊ संस्कृति की पहचान है। वसंत का ऋतु के आते ही बच्चों को इस त्योहार का खासा इंतजार रहता है। देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बच्चों के साथ यह त्योहार मनाया और उनसे आशीर्वाद लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पौधरोपण भी किया। बच्चें हर घर-घर में फूलों की बारिश करते है और हर घर सुख-समृद्धि से भरपूर हो, ऐसी प्रभु से कामना करते है। इसी भावना के साथ बच्चे अपने गांवों के साथ-साथ आस-पास के गांव में जाकर घरों की दहजीज पर फूल गिराते हैं और उस घर के लिए मंगलमय कामना करते हैं।

साथ ही घर की गृहणी उनको फूल वर्षा के बदले चावल, गुड़ के साथ दक्षिणा के रूप में रुपए भी देती है। यह त्योहार आमतौर पर चैत्र पंचमी को आता है। इस दिन लोग गांवों में अपने घरों को साफ-सफाई कर लाल मिट्टी से सजाते हैं। फिर इसके बाद बच्चे इन घरों में विभिन्न प्रकार के फूलों की वर्षा कर गांव की उन्नति के गीत गाते हैं। फूलदेई त्योहार में बुरांस के फूल विशेष होते हैं। बच्चे एक दिन पहले ही जंगल जाकर बुरांस के फूल एकत्र करते हैं।
इसके साथ ही प्यूंली, हिलांश, सरसौं आदि के फूलों से सजी रिंगाल की टोकरियों को सिर पर रखकर बच्चे गीत गाते हुए आंगन-आंगन जाते हैं। फिर गांव के सार्वजनिक चैक में वसंत ऋतु के आगमन को लेकर गीत गाकर नृत्य करते हैं।

गणेश भगवान के कृपा चाहिए तो करें ये उपाय

घर में सुख-समृद्धि बनी रहे इसके लिए जरूरी है कि हम कुछ उपाय भी किरे। बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित रहता है। इस दिन किए गए उपाय आपको जिंदगी भर फल प्रदान करेंगे। आइए जानते है कि इन उपायो को जो आपकी जिंदगी समृद्ध कर देंगे। प्रत्येक बुधवार को गणेशजी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन मंदिर में जाकर गणेश भगवान को दूर्वा की 11 या 21 गांठ चढ़ाएं। आपको जल्द ही शुभ फल देखने को मिलेंगे।
बुधवार को मूंग की दाल दान करने से कष्टों का निवारण होता है। किसी गरीब अथवा जरूरतमंद को मूंग दान करें और फिर देखें कि कैसे आपके सभी दुख दूर हो जाते हैं। जिनकी कुंडली में बुध ग्रह दोष है वे खासकर इस दिन गणेश भगवान को मोदक का प्रसाद चढ़ाएं। इससे ग्रह के दोष खत्म हो जाएंगे। गाय को हिंदू धर्म में पूजनीय माना गया है। बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। अगर हरी घास खिलाना संभव ंन हो तो गाय को सुबह की पहली रोटी खिलाएं।
बुधवार के दिन गणेश भगवान को सिंदूर चढ़ाने से लाभ मिलता है। ऐसा करने से सभी परेशानियों का भी निवारण होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पर्वतीय जिलों का विकास सरकार की प्राथमिकताः मुख्यमंत्री

चंपावत जिले के भ्रमण पर पंहुचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने चंपावत जिले को कई सौगातें दी। इस अवसर पर उन्होंने जिला मुख्यालय के गोल्ज्यू मैदान में तीन दिवशीय चंपावत महोत्सव में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान उन्होंने जिले के विकास हेतु 116 करोड़ 26 लाख रुपये की लागत के कुल 33 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। जिसमें 64 करोड़ 21 लाख 17 हजार की कुल 17 योजनाओं का शिलान्यास तथा 52 करोड़ 4 लाख 63 हजार रुपये की लागत के 16 कार्यों का लोकार्पण किया गया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा जनपद के विकास हेतु विभिन्न घोषणाएं की जिसमें चम्पावत मुख्यालय में पार्किंग का निर्माण, विकास खण्ड लोहाघाट के विसुंग के टाड़ खेल मैदान में चहार दीवारी का निर्माण, पाटी के राजकीय इंटर कॉलेज मुलाकोट व लोहाघाट के राजकीय इंटर निडिल में दो दो अतिरिक्त कक्षा कक्ष्यों का निर्माण, स्यामलाताल का सौंदर्यीकरण किए जाने, सुखी ढांग डांडामिनार सड़क में 30 किलोमीटर सड़क का डामरीकरण कराए जाने के साथ की चम्पावत को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित किए जाने की घोषणाएं की गईं। इसके अतिरिक्त माननीय मुख्यमंत्री ने जनपद चम्पावत जो लिगांनुपात में पूरे देश में पिछड़ा हुवा था इन वर्षों में जिले में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाकर सभी के सहयोग से वर्तमान में लिंगानुपात प्रति हजार 974 हो जाने पर बधाई देते हुए इस सराहनीय व उल्लेखनीय कार्य करने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, महिलाओं को 10 -10 हजार रुपये पुरुस्कार की घोषणा देते हुए जिलाधिकारी चम्पावत व टीम को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले में विभिन्न विभागों आदि के द्वारा जो भी स्टाल लगाए गए हैं उससे जिले के विकास की झलक दिखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि मेलों का स्वरूप बदलना चाहिए मेले में ग्रामीण क्षेत्र के जो उद्यमी हैं विभिन्न पैदावार कर रहे हैं उनके उत्पाद मेले में प्रदर्शित हों,ताकि मेले में आने वाले युवाओं को वह दिखे ओर उससे प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से लोगों को विशेष रूप से युवाओं को इन उत्पादों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि युवाओं में जो ब्यवसायिकता की कमी व अभाव है इस प्रकार के मेलों के आयोजन से युवाओं में ब्यवसायिकता के गुण सीख सकते हैं, यहां के युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है।
कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री विगत दिनों जनपद के जी.आई.सी रोड निवासी शहीद राहुल रैंसवाल के घर गए जहां उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि उनके पुत्र ने देश की सेवा में अपना जो योगदान दिया उससे सम्पूर्ण राज्य उन्हें हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि वीर सहीद की धर्मपत्नी को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नोकरी प्रदान की जाएगी। इससे पूर्व जनपद आगमन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा न्याय के देवता गोल्ज्यू के मंदिर जाकर पूजा अर्चना कर ईश्वर से प्रदेश की खुशहाली की कामना कर आशीर्वाद लिया ।
इस अवसर पर विधायक चंपावत कैलाश गहतोड़ी, लोहाघाट पूरन फर्त्याल, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, दर्जा राज्य मंत्री हयाद माहरा, जिलाधिकारी सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

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