संस्कार भारती के कार्यक्रम से ललित कलाओं को मिला संरक्षण-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को हरिद्वार रोड स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षागृह में संस्कार भारती द्वारा स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित उत्तराखण्ड कला दर्शन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ.रमेश पोखरियाल ‘निशंक‘, विधायक सविता कपूर, ओजस हिरानी, पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि संस्कार भारती के प्रयास राष्ट्रप्रेम, साहित्य कला व पुरातन समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समर्पित भाव से बढ़ावा देने वाले रहे है। संस्कार भारती की ललित कलाओं के संरक्षण क्षेत्र में भी सबसे बड़े केन्द्र के रूप में पहचान बनी है। इस क्षेत्र के कलाकारों को संगठन से जोड़ कर राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का भी कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड कला संस्कृति एवं साहित्य का संगम है, इसके उत्थान के लिये राज्य सरकार कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिये उपयुक्त स्थल की पहचान कर इसके लिये भवन बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में निराशा एवं मायूसी का वातावरण था। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को नई पहचान मिली है। हमारे देश की कला, आध्यात्म व योग के साथ ही सांस्कृतिक पहचान भी बनी है। उन्होंने कहा कि पौराणिक कलाकृतियों एवं परम्पराओं के संरक्षण की दिशा में काशी विश्वनाथ कोरडोर का निर्माण सबके सामने है। उन्होंने कहा कि पहले काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिये एक पतला और संकरा रास्ता हुआ करता था, आज वह दिव्य एवं भव्य रूप ले चुका है। प्रधानमंत्री के दृढ़ निश्चय से हमारी समृद्ध संस्कृति को पूरा विश्व जानने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 90 के दशक में अयोध्या गये थे तो रामलला के टेन्ट में दर्शन होते थे, आज भव्य राममन्दिर का निर्माण प्रारम्भ हो चुका है। राममन्दिर के निर्माण से पूरी अयोध्या का महत्व देश व दुनिया में जा रहा है। इससे पूरे विश्व में हमारी कला व संस्कृति को नई पहचान मिलेगी तथा कला संस्कृति एवं आध्यात्म का समन्वय स्थल बनेगा। इसी प्रकार केदारनाथ मन्दिर परिसर के पुनर्निर्माण से लाखो श्रद्धालु वहां की दिव्यता से अविभूत है। बद्रीनाथ मन्दिर का भी सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।

पंत ने कुली बेगार प्रथा और जमींदारी उन्मूलन के निर्णायक संघर्ष में निभाई अहम भूमिका-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित आई.आर.डी.टी. सभागार में भारत रत्न पं. गोविन्द बल्लभ पंत के 135 वें जन्मदिन समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने पं. गोविन्द बल्लभ पंत के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी एवं कुशल प्रशासक थे। उन्होंने देश को नई दिशा देने के साथ ही कुली बेगार प्रथा तथा जमींदारी उन्मूलन के लिए निर्णायक संघर्ष कर समाज में व्याप्त बुराइयों को मिटाने में अहम भूमिका निभाई। देश की आजादी से पूर्व एवं देश की आजादी के बाद भी उन्होंने देश सेवा के लिए जो कार्य किये, वे सभी कार्य हमें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. गोविन्द बल्लभ पंत का पहाड़ के प्रति विशेष लगाव था। जीवन में तमाम समस्याओं के बावजूद भी वे अपने कर्तव्य पथ से कभी पीछे नहीं हटे। उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री एवं भारत के गृह मंत्री के महत्वपूर्ण दायित्व उनके पास रहे। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के ऐसे महान सपूत से प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड युवा राज्य है। 2025 में हम उत्तराखण्ड राज्य की स्थापना की रजत जयंती मनायेंगे। तब तक उत्तराखण्ड हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में हो, इसके लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हमें विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि पं. गोविंद बल्लभ पंत ने देश की आजादी के लिए पूरा जीवन खपाया। उन्होंने पहाड़ के विकास एवं संस्कृति के संरक्षण का कार्य किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। पं. गोविंद बल्लभ पंत जैसे क्रांतिकारी इसी देवभूमि में पैदा हुए। डॉ. निशंक ने कहा कि भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत ने जो रास्ता दिखाया, उससे प्रेरणा लेकर हमें आगे बढ़ना होगा। वे देवभूमि उत्तराखण्ड के गौरव एवं सम्मान हैं। उन्होंने कहा आज देश ज्ञान-विज्ञान अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, मैती आन्दोलन के प्रणेता पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, दीप्ति रावत भारद्वाज, श्री राकेश डोभाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से मांगे गए हैं सुझाव, जानिए सरकार की ये खास पहल

उत्तराखंड को फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए नई फिल्म नीति-2022 में सरकार कई प्रोत्साहन व वित्तीय सहायता देने जा रही है। नीति के प्रस्तावित ड्राफ्ट पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। नीति में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके अलावा राज्य की गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी बोलियों में बनने वाली फिल्मों पर 40 प्रतिशत अनुदान या अधिकतम दो करोड़ का अनुदान दिया जाएगा।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया कि उत्तराखंड फिल्म नीति-2022 का ड्राफ्ट लोगों के सुझाव के लिए विभागीय वेबसाइट http://www.uttarainformation.gov.in पर प्रकाशित किया गया।
उक्त प्रस्तावित फिल्म नीति-2022 पर यदि अभी भी कोई व्यक्ति सुझाव देने के इच्छुक हो तो दिनांक 15 सितम्बर, 2022 तक विभागीय Email- ufdc2015@gmail.com पर प्रेषित कर सकते हैं। 15 सितम्बर, 2022 तक प्राप्त सुझावों पर विचार करते हुए फिल्म नीति के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने की कार्यवाही की जायेगी।

उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने बताया राज्य के नैसर्गिक सौंदर्य व लोक संस्कृति को विश्व पटल पर लाने के उद्देश्य से देश-विदेश से फिल्म निर्माताओं व निदेशक को शूटिंग के लिए नई नीति में प्रोत्साहन व वित्तीय लाभ देने का प्रावधान किया जा रहा है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार व पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। नीति में फिल्मों को अनुदान, फिल्म पुरस्कार-सम्मान, उत्तराखंड की बोलियों में बनने वाली फिल्मों एवं कलाकारों को प्रोत्साहन के अलावा शूटिंग की अनुमति के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है।

सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग, उत्तराखण्ड के अधीन गठित उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा ‘‘उत्तराखण्ड फिल्म नीति-2022’’ का ड्राफ्ट तैयार कर लोगों के सुझाव प्राप्त करने हेतु दिनांक 20 जुलाई, 2022 का विभागीय वैबसाईट लिंकः
http:// www.uttarainformation.gov.in/images/download/filmpolicydraft2022.pdf पर अपलोड किया गया था। उक्त के क्रम में फिल्म पॉलिसी को लेकर कतिपय व्यक्तियों एवं संस्थाओं के सुझाव प्राप्त हुए है।

नीति में ये मिलेंगे लाभ
– पर्वतीय क्षेत्रों में सिनेमाघरों व स्टूडियो में उपकरण खरीदने पर 25 प्रतिशत या अधिकतम 25 लाख का अनुदान।
– पर्वतीय क्षेत्रों में मोबाइल थियेटर वाहन खरीदने पर 15 लाख का अनुदान।
– फिल्म प्रशिक्षण संस्थान के लिए 25 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख का अनुदान।
– स्थानीय बोली में बनने वाली फिल्मों की शूटिंग के दौरान किए गए व्यय पर 40 प्रतिशत अनुदान।
– स्थानीय व हिंदी में सर्वोत्तम फिल्म को 10 लाख का पुरस्कार
– शूटिंग के दौरान फिल्म यूनिटों को जीएमवीएन व केएमवीएन के रेस्ट हाउस में ठहरने पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।

हमारे खिलाड़ियों का भरोसा बन रही नई खेल नीति-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने तथा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन के लिये खेल पुरस्कारों की धनराशि में बढ़ोतरी की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार युवाओं की खेल प्रतिभा को प्रोत्साहित कर रही है, युवाओं को आगे बढ़ाना चाहती है, हमारे युवा मनोयोग से खेले और अच्छा प्रदर्शन करें तथा देश व प्रदेश के लिये अधिक से अधिक मैडल प्राप्त करें। इस दिशा में उनकी प्रतिभाओं को निखारने का हमारा प्रयास है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं में प्रतिभा की कमी नही है।
राज्य में खिलाड़ियों के लिये बेहतर खेल प्रशिक्षकों की भी व्यवस्था की गई है। खिलाडियों के हित में जो भी बेहतर प्रावधान करने जरूरी होंगे वह किये जायेंगे, हम नई खेल नीति लेकर आये हैं। नई खेल नीति में भी प्रावधान किया गया है जिन बच्चों में प्रतिभा व योग्यता है वह आगे आ सके इसके लिये खेल पुरस्कारों में बढ़ोतरी के साथ ही खिलाड़ियों के हित में अनेक कल्याणकारी कदम उठाये गये हैं।

पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर युवाओं को रोजगार का भरपूर अवसर देगी सरकार-धामी

उत्तराखंड राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा लगभग 7000 पदों पर गतिमान भर्ती प्रक्रिया राज्य लोक सेवा आयोग को हस्तांतरित करने के सम्बंध में आज कैबिनेट से प्रस्ताव पारित हो गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश हैं कि भर्ती परीक्षाओं की शुचिता और गरिमा बनाए रखने के लिए राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी।

इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार ने इन भर्तियों को राज्य लोक सेवा आयोग से कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र ही भर्ती परीक्षाओं का एक कैलेंडर जारी कर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिये
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश है कि वर्तमान विज्ञापित पदों के साथ-साथ राज्य सरकार के सभी विभाग एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपने यहां सीधी भर्तियों के रिक्त पदों की सूची बनाते हुए आयोग को उपलब्ध कराएं जिससे भविष्य की परीक्षाओं का भी एडवांस कैलेंडर जारी किया जा सके।

वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा किसी भी चरण की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया गया है, किन्तु चयन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई है. उन परीक्षाओं की अवशेष कार्यवाही उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा की जायेगी। वे समस्त परीक्षाएं जिनमें अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आवेदन आमंत्रित किये जा चुके हैं तथा कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की गयी है; उनमें लोक सेवा आयोग की परिधि में जाने के पश्चात् पुनः विज्ञप्ति प्रकाशित किए जाने की दशा में अभ्याथियों को आवेदन शुल्क से मुक्त रखा जाएगा। राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और स्वच्छता के लिए प्रतिबद्ध है

शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकताः सीएम
युवाओं का मनोबल बनाए रखने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से शीघ्र से शीघ्र परीक्षाएं कराकर युवाओं को नौकरी देना सरकार की पहली प्राथमिकता है। युवा बेरोजगारों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल देने के लिए सरकार कृतसंकल्प है।

प्रदेश में बनाई जा रही समान नागरिक संहिता अन्य राज्यों के लिए भी होगी अनुकरणीय-सीएम

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने समिति के अध्यक्ष और सदस्य गणो के साथ विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश की जनता से वादा किया था कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू किया जाएगा। पहली कैबिनेट बैठक में समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने समिति के अब तक के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि विशेषज्ञ समिति ने तेजी से काम किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विशेषज्ञ समिति प्रबुद्ध जनो के साथ आम जन से सुझाव प्राप्त कर प्रदेश की जनता के लिये हितकारी समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करेगी। यह दूसरे प्रदेशों के लिये भी अनुकरणीय होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समान नागरिक संहिता के संबंध में उत्तराखण्ड की जनता का सकारात्मक रेस्पोंस है। अच्छी भावना के साथ किये गये कार्य सफल होते हैं।

विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष जस्टिस (से.नि.) रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि समान नागरिक संहिता के संबंध मे सुझाव प्राप्त करने के लिये पोर्टल/वेबसाइट https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्टूबर तक भेज सकते हैं। समिति हर सुझाव पर पूरी गंभीरता से विचार करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समान नागरिक संहिता के रूप में आज़ादी के अमृत काल में एक बड़ी इबारत लिखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपने सुझाव देने का आग्रह करते हुए कहा है कि राज्य सरकार अपने हर वादे को पूरा करने के लिए संकल्पबद्ध है। देश में आज तक किसी भी कानून को बनाते समय इतने बड़े स्तर पर जनता से सुझाव नहीं मांगे गए। प्रदेश के सभी नागरिकों और हितधारकों को एसएमएस और व्हाट्सएप पर पोर्टल के लिंक के साथ अपील भेजी जा रही है। जिसके माध्यम से वे अपने सुझाव एक माह के भीतर दे सकते हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखण्ड के निवासियों के व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले प्रासंगिक कानूनों – विवाह, तलाक, संपत्ति का अधिकार, उत्तराधिकार, विरासत, गोद लेने और रखरखाव व संरक्षता विषयक सहित – पर मसौदा कानून तैयार करने या मौजूदा कानून में संशोधन करने तथा समान नागरिक संहिता के क्रियान्वयन के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था।
समिति की अनेक बैठकें हो चुकी हैं जिनमें व्यापक विचार विमर्श किया गया है। अब https://ucc.uk.gov.in का शुभारंभ किया गया है। इस पर प्रदेश के जनप्रतिनिधि, नागरिक, प्रबुद्धजन, संगठन, संस्थाएं अपने सुझाव अगले 30 दिन अर्थात 7 अक्टूबर तक भेज सकते हैं।

इस दौरान समिति के सदस्य जस्टिस (से.नि.) प्रमोद कोहली, मनु गौड़, शत्रुघ्न सिंह (से.नि. आईएएस), प्रो सुरेखा डंगवाल, सदस्य सचिव एवं अपर स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ एस एस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

अपनों को नौकरी लगाता तो परिवार के ही 20 से 30 बन जाते शिक्षक-पूर्व शिक्षा मंत्री

उत्तराखंड में इन दिनों सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेताओं पर भाई भतीजा वाद को लेकर गंभीर आरोप लग रहे हैं,सत्ता के रूतबे के दम पर नेताओं ने अपने-अपने करीबीयों को नौकरी पर लगाया। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से जहां उत्तराखंड सेवा अधीनस्थ चयन आयोग पेपर लीक मामले की जांच चल रही है। जिसमें केई आरोपियों को पकडा जा चुका हैं, तो वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों को लेकर पूर्व विधान सभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रेमचंद अग्रवाल की मुश्किले बढ़ी हुई है। क्योंकि विधान सभा में बैकडोर से हुई भर्तियों की जांच चल रही है। इन सब के बीच कई पूर्व मंत्रीयों पर भी मंत्री रहते हुए अपने करीबीयों को नौकरी लगाने के आरोप लग रहे है। पूर्व शिक्षा मंत्री और गदरपुर से विधायक अरविंद पाण्डेय पर भी शिक्षा मंत्री रहते अपने करीबीयों को नौकरी लगाने के आरोप लगे हैं,यहां तक कि शोसल मीडिया पर एक लिष्ट वायरल हो रही थी, जिसमें बिहार के रिश्तेदारों को उत्तराखंड नौकरी लगाने के आरोप अरविंद पाण्डेय पर लगे,लेकिन इन्ही आरोप को लेकर भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे अरविंद पाण्डेय से पत्रकारों ने कई तहर के सवालों की बछौर की तो अरविंद पाण्डेय ने बडी सहजता से उनके उपर लग रहे आरापों के जवाब दिए।

नियमों की अनदेखी से हुई हैं नियुक्ति जो जांच के लिए हूं तैयार
अरविंद पाण्डेय का कहना है कि जो लिस्ट शोसल मीडिया में वायरल की गई है,उसको लेकर यहीं कहना चाहता हूं कि यदि अगर नियुक्ति में अगर कहीं कोई अनदेखी हुई है तो दुनियां की कोई भी सबसे बड़ी जांच मेरे उपर कराई जाएं उसके लिए मैं तैयार हूं। ईश्वर को साक्षी मानकर जांच में पूरा सहयोग करूंगा। और अगर जांच में दोषी पाया जाता हूं कि नियमों की अनदेखी कर मेरे कार्यकाल में नियुक्ति हुई है,तो प्रदेश की जनता जो सजा देना चाहेगी उसे हंसकर भुगतने के लिए तैयार हूं।

अपनों को नौकरी लगाता तो परिवार के ही 20 से 30 बन जाते शिक्षक
इतना की नहीं अरविंद पाण्डेय का कहना है कि उनके परिवार में 20 से 30 लोगों ने बीएड किया हुआ है,अगर मैं कोई शिफारिश करता तो प्रदेश में मंत्री रहते हुए मेरे कार्यकाल में 15000 के लगभग भर्ती हुई है,उसमें परिवार के कई लोग शिक्षक बन जाते। लेकिन पूरी पारदर्शिता और नियमों को देखते हुए भर्ती हुई है। यहां तक कि अशासकीय स्कूलों में भर्ती के लिए 25 नम्बर के इंटरव्यू को 5 नम्बर का किया गया ताकि शिक्षकों की भर्ती में पारदर्शिता आएं और आज अशासकीय स्कूलों में योग्य शिक्षक ही भर्ती हो रहे है। क्योंकि आवेदन करने वाले अभियार्थियों में सबसे पहले टॉप सेवन की मैरिड बनती है,जिन्हे इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। जबकि इंटरव्यू में 5 से 3 नम्बर देना अनिवार्य है। यानी के मेरे रहते अनिमियतताओं के जो आरोपा लगते थे। उन आरोपों को दूर किया गया।

उत्तराखंड आन्दोलन में गया हूँ जेल
अरविंद पांडेय का कहना है कि कुछ लोग उनकी छवि यूपी बिहार से होने की भी बताने की कोशिश करते हैं,लेकिन वह साफ कहना चाहते हैं कि वह उधम सिंह नगर के रहने वाले हैं,और उत्तराखंड आंदोलन के दौरान उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया था,यहां तक कि वह कहना चाहते हैं कि जब वह उधम सिंह नगर में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान अलग राज्य उत्तराखंड बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलन करते थे, तो उन्हें स्थानीय जनता भी पीटा करती थी और यूपी में रहने के लिए ही उस समय कहती थी। लेकिन उन्होंने उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर मुखरता से उठाया और जेल तक गई लेकिन अब जब उन्हें इस तरह की बातें सुनने को मिलती है तो उन्हें ठीक नहीं लगता है।

शादाब शम्स का बड़ा बयान, उत्तराखंड में गरजेंगे वक्फ बोर्ड के बुलडोजर

भाजपा के तेजतर्रार नेताओं में शुमार शादाब शम्स के हाथों में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की कमान आ गई है। बोर्ड का अध्यक्ष चुने जाने के बाद शम्स ने बोर्ड के अन्य सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। बाद में उन्होंने बोर्ड के सदस्यों और अधिकारियों के साथ विभिन्न विषयों पर विमर्श किया। मीडिया से बातचीत में शम्स ने कहा कि वर्ष 2000 में उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड की परिसंपत्तियां डेढ़ लाख करोड़ रुपये की थीं, जो अब काफी बढ़ चुकी हैं। उन्होंने बताया कि बोर्ड की जमीनों पर जगह-जगह बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। माफिया के कब्जे से इन जमीनों को मुक्त कराने के लिए बोर्ड के बुलडोजर गरजेंगे। उन्होंने कहा कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था पर भी जोर रहेगा। इसके लिए ऐसे शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे, जिनमें सभी धर्मों के बच्चे पढ़ाई कर सकें। उन्होंने कहा कि बोर्ड की व्यवस्थाओं को भी चुस्त-दुरुस्त किया जाएगा।
बतातें चले कि बुधवार को सचिवालय में हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चुनाव में शम्स को निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया। 10 सदस्यीय बोर्ड शामिल विपक्ष के चार सदस्यों ने भी उनके पर सहमति जताई। बोर्ड के नवनिर्वाचित अध्यक्ष शम्स ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बोर्ड की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराना है। इसके लिए दो बुलडोजर खरीदे जाएंगे। इनमें एक गढ़वाल और दूसरा कुमाऊं क्षेत्र में तैनात रहेगा। वक्फ बोर्ड के चुनाव की प्रक्रिया पिछले आठ माह से चल रही थी। 10 सदस्यीय बोर्ड का गठन होने के बाद इन्हीं में से अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाता है। अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूर्व में चम्पावत उपचुनाव के कारण शुरू नहीं हो पाई थी। बाद में इसके लिए सात सितंबर की तिथि तय की गई। सचिवालय में निर्वाचन अधिकारी एवं प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एल फैनई की देखरेख में चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। बोर्ड के सभी सदस्यों की ओर से शादाब शम्स के नाम पर सहमति जताए जाने के बाद शम्स ने नामांकन भरा। तय समयावधि बीतने पर निर्वाचन अधिकारी ने शम्स के निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रहे शम्स पूर्व में 15 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष का दायित्व भी निभा चुके हैं। बोर्ड के अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्ष का है।

सितंबर को होगी बोर्ड की पहली
नवनिर्वाचित वक्फ बोर्ड की पहली बैठक 15 सितंबर को होगी। बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार बैठक का एजेंडा तय किया जा रहा है। इसमें बोर्ड की जमीनों से अतिक्रमण हटाने समेत अन्य विषय शामिल किए जा रहे हैं।

भाजपा की सक्रिय राजनीति में अहम चेहरा
शादाब शम्स उत्तराखंड भाजपा की सक्रिय राजनीति में एक अहम चेहरा हैं। बता दें 2021 में भाजपा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा उत्तराखंड के भाजपा नेता शादाब शम्स को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया था। भाजपा नेता शादाब शम्स 15 सूत्रीय कार्यक्रम कियान्‍वयन समिति के उपाध्‍यक्ष भी रहे हैं।

वक्फ बोर्ड क्या होता है
वक्फ बोर्ड इस्लामिक इमारतों, संस्थान और जमीनों के सही रख-रखाव के साथ ही इनके इस्तेमाल की व्‍यवस्‍था देखता है। वक्फ बोर्ड न्यायिक व्यवस्था के तहत गठित कानूनी बोर्ड है। वक्फ बोर्ड अपनी संपत्ति का अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन इसके लिए उसे बोर्ड के सदस्यों की मंजूरी लेनी जरूरी होती है।

स्मार्ट सिटी के कार्यो में और तेजी लाई जायेगी-प्रेमचन्द अग्रवाल

देहरादून स्मार्ट सिटी के अंतर्गत वित्त, शहरी विकास व आवास मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने 5 इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही चार विभिन्न स्थानों पर 4 स्मार्ट टॉयलेट का शुभारंभ किया।
गुरुवार को देहरादून स्थित परेड ग्राउंड से कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, सीईओ स्मार्ट सिटी व जिलाधिकारी सोनिका, मेयर सुनील उनियाल गामा, मंडल अध्यक्ष राजपुर रोड विशाल गुप्ता आदि ने संयुक्त रूप से 5 इलेक्ट्रिक बसों को रवाना किया। इसके बाद इलेक्ट्रिक बस पर सवार होकर मंत्री डॉ अग्रवाल स्मार्ट टॉयलेट पहुंचे। यहां रिबन काटकर स्मार्ट टॉयलेट का शुभारंभ किया।
इस दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने स्मार्ट टॉयलेट के संबंध में जानकारी भी प्राप्त की। साथ ही स्मार्ट कॉलेज के लिए सीईओ स्मार्ट सिटी की प्रशंसा भी की।
मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत कुल 27 परियोजनाएं प्रस्तावित थी जिनमें से 5 परियोजनाओं को पूर्व में ही पूर्ण कर जनता को समर्पित किया जा चुका है, अन्य परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि वर्षा काल के कारण बाधित कार्यों की प्रगति में अब तीव्रता आएगी।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 5 इलेक्ट्रिक बसों का आईएसबीटी से सहस्त्रधारा रुट पर संचालन किया जाएगा। जो देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं ईबे ट्रास कंपनी के मध्य अनुबंध के तहत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देहरादून नगर में वर्तमान में कुल 20 की बसों का बेड़ा तैयार हो गया है। डॉ अग्रवाल ने बताया कि कुल 21 किलोमीटर के रूट पर 35 बस स्टॉपेज आएंगे। इसका न्यूनतम किराया 10 रुपए है। बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का मुख्य उद्देश्य वायु एवं ध्वनि प्रदूषण मुक्त तथा बेहतर सुविधा युक्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा आईएसबीटी से राजपुर रोड एवं आईएसबीटी से सेलाकुई व रायपुर तथा एयरपोर्ट रूट में संचालित 15 बसों के माध्यम से अब तक कुल 980474 यात्रियों को सुविधा युक्त यात्रा मिल पाई है। आप ही एक करोड़ 91 लाख रुपए का राजस्व भी प्राप्त हुआ है।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि चार नवनिर्मित की स्मार्ट टॉयलेट जो परेड ग्राउंड, पुरानी तहसील परिसर, सब्जी मंडी परिसर और आईएसबीटी परिसर पर बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी परियोजना में स्वीकृत एक करोड़ 81 लाख रुपए के तहत देहरादून शहर में अभी तक 7 स्मार्ट टॉयलेट का निर्माण किया जा चुका है। जिनमें तीन टॉयलेट्स पूर्व में ही जन सुविधा को देखते हुए शुरू किए गए हैं जबकि चार स्मार्ट टॉयलेट का आज लोकार्पण किया गया।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि इन स्मार्ट टॉयलेट में महिलाओं पुरुषों तथा दिव्यांगों के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। जिनमें चार डब्ल्यूसी महिलाओं के लिए, 4 डब्लयूसी व सात यूरेनील पुरुषों के लिए तथा एक डब्लयूसी दिव्यांगों के लिए होगा। डॉ अग्रवाल ने बताया कि समस्त स्मार्ट टॉयलेट पूर्ण रूप से जीपीआरएस युक्त हैं। इनमें स्वचालित सफाई व्यवस्था जैसे फ्लशिंग, कांटेक्टलैस हैंड वॉशिंग, हैंड ड्रायर, सोप डिस्पेंसर आदि के साथ महिलाओं के लिए विशेष रूप से सेनेटरी वेंडिंग तथा डिस्पोजेबल मशीन लगाई गई है। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस टॉयलेट के प्रयोग में मुफ्त यूरिनल तथा टॉयलेट हेतु सुविधा शुल्क 5 रुपए निर्धारित किया गया है जिसका भुगतान डिजिटल अथवा कैश के माध्यम से किया जाएगा।

40 प्रतिभागियों ने योग क्रियाओं का किया प्रदर्शन

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में नगरस्तरीय योग प्रतियोगिता हुई। इसमें 40 प्रतिभागियों ने योग क्रियाओं का प्रदर्शन किया।
गुरुवार को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में प्रतियोगिता का शुभारंभ प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा कि योग जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इससे शारीरिक, मानसिक समृद्धि तो होती ही है, साथ ही यह रोजगार के साधन के रूप में भी संपूर्ण विश्व मे प्रसारित हो रहा है। यहां तक कि बड़े-बड़े मेडिकल साइंस के कॉलेजों से लेकर पांच सितारा होटलों में भी स्पेशल योगाचार्य नियुक्त किए जाते हैं। योग चित वृति को एकाग्र करने के साथ आरोग्यता प्रदान करने का स्रोत है। यह विधा स्कूलों से ही निरंतर अभ्यास के साथ आगे बढ़ती है। विद्यालय के योगाचार्य जगदम्बा प्रसाद थपलियाल ने कहा कि नगर से चयनित होकर प्रतिभागी जनपद और राज्य स्तर पर प्रतिभाग करेंगे। इस दौरान प्रतियोगिता में नगर क्षेत्र के 6 विद्यालयों से लगभग 40 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया और योग क्रियाओं का प्रदर्शन किया।
मौके पर यमुना प्रसाद त्रिपाठी, विकास नेगी, प्रवीण रावत,पंकज सती, चरणपाल, रवीन्द्र बहुगुणा, मोनिका चौहान, मंगलेश , पूनम बिष्ट आदि उपस्थित रहे।