अंकिता हत्याकांड-गैगेस्टर एक्ट के तहत कार्यवाही शुरु

चार्ज सभालते ही पुलिस अधीक्षक जनपद पौड़ी गढवाल श्वेता चौबे द्वारा अंकिता हत्याकांड के मामले में तत्परता दिखाते हुये सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी एवं प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मणझूला को अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। जिसके क्रम में अभियुक्तों गैंग लीडर पुलकित आर्या, गैंग सदस्य सौरभ एवं अंकित द्वारा अपने होटल/रिजोर्ट में व उसके आसपास के क्षेत्र में असामाजिक कृत्य कर अनैतिक व्यापार जैसे अपराधों में संलिप्त होकर अवैध रुप से धन अर्जित कर समाज विरोधी क्रिया कलाप में संलिप्त होकर क्षेत्र में जधन्य अपराध कारित करने की घटना को अन्जाम देकर लोक शान्ति व्यवस्था को अस्त-व्यस्त किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद पौड़ी द्वारा उक्त प्रकरण/अभियोग में तत्परता दिखाते हुये अभियुक्तों के विरुद्ध 2/3 उ0प्र0 गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया। वर्तमान में अंकिता मर्डर से सम्बन्धित अभियोग की विवेचना SIT द्वारा सम्पादित की जा रही है, जो वर्तमान में विवेचनाधीन है।

अभियुक्तों का नाम पताः-
1. गैग लीडर पुलकित (उम्र-35 वर्ष) आर्य पुत्र विनोद आर्य, निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर, थाना ज्वालापुर हरिद्वार
2. गैग सदस्य अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता (उम्र-19 वर्ष) पुत्र राजेन्द्र कुमार, निवासी 42 ए, दयानन्द नगरी, थाना ज्वालापुर हरिद्वार
3. गैग सदस्य सौरभ भाष्कर (उम्र-35 वर्ष) पुत्र शक्ति भाष्कर, निवासी 18 ए, सूरजनगर, थाना ज्वालापुर, जनपद हरिद्वार

पंजीकृत अभियोगः-
मु.अ.सं. 33/2022, धारा-2/3 उ0प्र0 गिरोह बन्द एवं समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986।

रक्षा मंत्रालय कर सकता है लैंसडौंन का नाम परिवर्तन, जानिए क्या हो सकता है नया नाम


देहरादून। रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो उत्तराखंड राज्य के पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम बदलकर ‘कालौं का डांडा (अंधेरे में डूबे पहाड़)’ हो जाएगा। 100 साल से भी अधिक पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय ने लैंसडौन के सैन्य अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। लैंसडौन नाम से पहले इस इलाके को ‘कालौं का डांडा’ नाम से पुकारा जाता था। रक्षा मंत्रालय ने ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे गए नामों को बदलने के लिए उत्तराखंड सब एरिया के साथ सेना के अधिकारियों से प्रस्ताव मांगें हैं।

उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। बता दें कि स्थानीय स्तर पर लंबे समय से लैंसडौन का नाम बदलने की मांग होती आ रही है। स्थानीय लोग लैंसडौन का नाम कालौं का डांडा रखने की मांग करते आए हैं। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय को भी पत्र भेजे जा चुके हैं।

तत्कालीन वायसराय लैंसडौन के नाम से बदल गया नाम
गढ़वाली जवानों की वीरता और अद्वितीय रणकौशल से प्रभावित होकर 1886 में गढ़वाल रेजीमेंट की स्थापना हुई। पांच मई 1887 को ले.कर्नल मेरविंग के नेतृत्व में अल्मोड़ा में बनी पहली गढ़वाल रेजीमेंट की पलटन चार नवंबर 1887 को लैंसडौन पहुंची। उस समय लैंसडौन को कालौं का डांडा कहते थे। इस स्थान का नाम 21 सितंबर 1890 तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडौन के नाम पर लैंसडौन रखा गया।

608 हेक्टेयर में फैला है लैंसडौन
लैंसडौन नगर सैन्य छावनी क्षेत्र है, जो 608 हेक्टेयर में फैला है। नगर के आधे से अधिक भाग में बांज, बुरांस और चीड़ के वृक्षों के सदाबहार वनों का विस्तार है। यह एक प्रसिद्ध और पसंदीदा पर्यटक स्थल भी है।

केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते हैं। ऐसे प्रस्तावों का रक्षा मंत्रालय परीक्षण करता है। देश, काल और परिस्थितियों को देखकर प्रस्ताव पर विचार किया जाता है।

वनंत्रा जा रहे 32 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने किया अरेस्ट

अंकिता हत्याकांड के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर निकाली गई तिरंगा यात्रा को पुलिस ने बैराज सीमा पर रोक दिया। दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़पें हुई। दो आंदोलनकारियों को हल्की चोट आई। पुलिस ने मौके से करीब 32 आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाने के बाद निजी मुचलके पर रिहा किया गया।

गंगाभोगपुर स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट की महिलाकर्मी के गांव डोभ श्रीकोट श्रीनगर से बीते रोज बेटी को न्याय दिलाने और सीबीआई जांच करने की मांग को लेकर युवाओं द्वारा तिरंगा यात्रा शुरू की थी। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे तिरंगा यात्रा जैसे ही जनपद देहरादून की सीमा ऋषिकेश को पार किया तो जनपद पौड़ी की सीमा चीला बैराज के पास बैरियर डालकर रोक दिया गया।

मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी शेखर सुयाल, पुलिस उपाधीक्षक श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल, प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मण झूला विनोद गुसाईं भारी फोर्स के साथ या मौजूद रहे। आंदोलनकारियों का कहना था कि हम शांतिपूर्ण मार्च निकाल रहे हैं, हमें इस तरह रोक कर पहाड़ की बेटी को न्याय की राह में बाधा खड़ी की जा रही है। पुलिस के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को काफी समझाने की कोशिश की मगर वह आगे जाने की जिद पर अड़े रहे।

प्रदर्शनकारियों में मौके से पुलिस ने पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत, एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, स्वराज्य सेवा दल उत्तराखंड के अध्यक्ष रमेश जोशी, कांग्रेस नेता दीपक जाटव और अरविंद हटवाल समेत 32 आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया गया। जिन्हें थाना लक्ष्मणझूला ले जाया गया। शाम को उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।

दो दिवसीय साहित्य सम्मेलन का परमार्थ में आयोजन

परमार्थ निकेतन के गंगा तट पर आयोजित रचना संसार अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन में वक्ताओं ने मानव जीवन में साहित्य की उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की सृजन, मनन एवं मूल्यांकन साहित्य का विमोचन हुआ।
रविवार को सम्मेलन का शुभारंभ हरिद्वार सांसद डा. निशंक ने किया। मौके पर लिखित सृजन, मनन एवं मूल्यांकन का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि साहित्य की सार्थकता इसी में है कि उसमें मानवीय संवेदना के साथ सामाजिक अवयवों का भी उल्लेख किया गया हो। साहित्य संस्कृति का संरक्षक और भविष्य का पथ प्रदर्शक है। हिमालय और गंगा की गोद से सृजित साहित्य में मानव को श्रेष्ठ बनाने के साथ ही मानवीय एवं राष्ट्रीय हित समाहित है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि समाज के नवनिर्माण में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है। साहित्य समाज की उन्नति और विकास की आधारशिला की नींव रखता है। साहित्य के माध्यम से समाज की विविधता और लोक संस्कृतियों का संरक्षण होता है। इस दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने रुद्राक्ष का पौधा भेंट कर डा. रमेश पोखरियाल को सम्मानित किया।

एसआईटी ने अंकिता मर्डर केस में धाराएं बढ़ाई, जांच में और तेजी आई

एसआईटी द्वारा अंकिता मर्डर केस में साक्ष्यों और महत्वपूर्ण गवाहों के आधार पर धारा-354 (क) भा0द0वि0 एवं अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम एक्ट की धारा-5 की बढोत्तरी की गयी है। अभियोग से सम्बन्धित कब्जे लिये सभी बरामद साक्ष्य प्रदर्श/माल जिन्हें विधि प्रयोगशाला परीक्षण हेतु भेजा गया है, के परीक्षण परिणाम को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया गया है। वर्तमान में विवेचनात्मक कार्यवाही जारी है।

एसआइटी ने मुकदमे में बढ़ाई धाराएं
एसआइटी ने आरोपित पुलकित आर्य और उसके साथियों पर दर्ज मुकदमे में यौन उत्पीड़न और देह व्यापार कराने की धाराएं बढ़ा दी है। इस संबंध में पुलकित आर्य के रिसोर्ट में मिले साक्ष्य को विधि प्रयोगशाला भेज दिए हैं।चीला बैराज से युवती का शव एसआइटी ने बरामद किया था। इसके अलावा आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के बाद मुकदमे से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए गए। इसी आधार पर एसआइटी ने शनिवार को उक्त मुकदमे में दो और महत्वपूर्ण धाराएं बढ़ा दी है। एसआइटी के अनुसार महत्वपूर्ण गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर पुलकित और उनके धारा-354 (क) भादवि एवं अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम एक्ट की धारा-5 की बढोत्तरी की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश गैरोला ने इसकी पुष्टि की है।

कॉल सेंटर में कार्य कर रहे कर्मचारियों को बंधक बनाने का आरोप, मुकदमा दर्ज

अंकिता भंडारी मर्डर केस के बाद लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। अब कुनाऊं गांव में संचालित एक कॉल सेंटर में कार्यरत आसाम की एक युवती और दो युवकों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा बुधवार सुबह उस समय हुआ जब तीनों किसी तरह कॉल सेंटर से भागकर पुलिस की शरण में पहुंचे। पुलिस ने कॉल सेंटर संचालक समेत तीन लोगों के खिलाफ संबंधित धारा में केस दर्ज कर लिया है। संचालक मौके से फरार हैं।
लक्ष्मणझूला थाना पुलिस के मुताबिक बुधवार को गुवाहाटी निवासी आरूप (28) पुत्र चितरंजन ने बताया कि कुनाऊं गांव में संचालित कॉल सेंटर में काम के दौरान संचालकों ने उन्हें जबरन बंधक बनाया। संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने आरूप, युवती लिंडा, रिचर्ड निवासी आसाम, मेघालय को जान मारने की धमकी भी दी है। शिकायत में आरोप लगाया कि कॉल सेंटर के संचालक ने आसाम से फ्लाइट से लाने और रहने-खाने ‌‌‌‌‌‌‌‌पर खर्च किए गए करीब ₹एक लाख रुपये मांगे।
आरोप है कि रकम ना देने पर संचालक ने आरूप के मोबाइल को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया। किसी तरह बुधवार की सुबह अंधेरे में यह लोग कॉल सेंटर से भागने में कामयाब हो गए। पहले ऋषिकेश कोतवाली की शरण में पहुंचे। यहां उन्हें लक्ष्मणझूला थाना भेजा गया। यहां तीनों ने अपनी आप-बीती पुलिस को बताई। थाना निरीक्षक विनोद गुसाई ने बताया कि तहरीर के आधार पर कॉल सेंटर संचालक गौरव, वसीम और गुलाम के खिलाफ जान से मारने, जबरन बंधक बनाने और ठगी से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है। कहा कि आरोपी मौके से फरार चल रहे हैं।

अस्पताल पहुंचकर सीएम ने घायलों का समुचित उपचार करने के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को कोटद्वार बेस अस्पताल में सिमड़ी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटनाग्रस्त में घायल हुए लोगों का हालचाल जाना। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार बेस अस्पताल में घायलों के परिवारजनों से मुलाकात कर कहा कि घायलों के ईलाज के लिये सरकार द्वारा पूरी व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में भर्ती घायलों के बारे में डाक्टरों से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने सिमड़ी, पौड़ी बस दुर्घटना में फर्स्ट रेस्पांडर के रूप में घटना स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आस-पास के ग्रामीण पहुँचे और उन्होंने घायलों को बाहर निकालने में मदद की। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी को निर्देशित किया है कि जिन ग्रामीणों ने आपदा की घड़ी में घायलों को और मृतकों को बाहर निकालने में मदद किया है उनकी सूची बनाकर उनको भी प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जाए।

राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव मदद दी जायेगी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सिमडी, पौड़ी में हुई बस दुर्घटना स्थल का जायजा लिया। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद थे। 4 अक्टूबर 2022 की देर सायं को सिमड़ी में हुई वाहन दुर्घटना एवं राहत-बचाव कार्यों की मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से पूरी जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू कर रहे एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, स्थानीय पुलिस, राजस्व पुलिस और इस कार्य में लगे विभिन्न विभागीय कार्मिकों को तेजी से रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को घायलों का त्वरित और समुचित उपचार करने के निर्देश दिए। प्रभावित परिवारों से मुलाकात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घायलों को उचित उपचार दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से प्रभावितों को हर संभव मदद दी जायेगी।
मुख्यमंत्री कल देर सांय से ही अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ले रहे थे। उन्होंने राज्य आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया एवं अधिकारियों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने एवं शासन स्तर से हर संभव सहायता उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये थे।
इस अवसर पर विधायक लैंसडाउन दिलीप रावत, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, डीआईजी करण सिंह नगन्याल, जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान उपस्थित रहे।

आपदा कंट्रोल रुम पहुंचे सीएम, अधिकारियों से पल-पल की जुटाई जानकारी

पौड़ी जिले में बस दुर्घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को देर सांय सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से दुर्घटना के बारे मे विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने डीएम पौड़ी से फोन पर बात कर उन्हें पूरी सतर्कता के साथ राहत और बचाव कार्य करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा कंट्रोल रूम के अधिकारीयों को हालात पर लगातार नजर बनाए रखने और जिले के अधिकारीयों से लगातार सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये। कहा कि शासन स्तर से हर सम्भव सहायता उपलब्ध कराई जाए।
बस दुर्घटना के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने फोन पर विधायक लैंसडाउन से भी वार्ता की तथा स्थिति की पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने बस दुर्घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घायलों का हर संभव उपचार की व्यवस्था तथा राहत एवं बचाव कार्यों में समन्वय के साथ तेजी लाये जाने के निर्देश दिये है।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा डॉ. रणजीत सिन्हा को निर्देश दिये कि आपदा प्रबन्धन तंत्र को निरन्तर सक्रियता से संचालित किया जाए तथा आपदा की स्थिति पर बराबर नजर रखी जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में हुई घटना की भी अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इन दुर्घटनाओं के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने अपने कल के पूर्व प्रस्तावित सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिये हैं।

देश के दूसरे सीडीएस का भी उत्तराखंड से है नाता

केंद्र सरकार सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (रिटायर्ड) को इंडियन डिफेंस फोर्सेज का अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है। यह उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है कि देश का दूसरा सीडीएस भी उत्तराखंड से ही नाता रखता है। मालूम हो कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी पौड़ी जिले के ही रहने वाले थे।
पिछले साल हेलिकॉप्टर हादसे में उनका निधन हो गया था, जिसके बाद से करीब 10 महीने तक सीडीएस पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई थी। अगले सीडीएस पद पर लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के नाम की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह उत्तराखंडवासियों के लिए बहुत ही गर्व की बात है। ले.ज. चौहान मूलतः रामपुर ग्राम सभा ग्वाणा गांव, खिर्सु ब्लॉक, पौड़ी के रहने वाले हैं।
आशा जताई कि ले.ज. चौहान के नेतृत्व में भारतीय सेना हमेशा की तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगी। ले.ज. चौहान उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले में राजपूत परिवार से ताल्लुख रखते हैं। पूर्व प्रधानपति अरिवंद रावत का कहना है कि चौहान की तैनाती से पूरे खिर्सु ब्लाक में खुशी की लहर है। देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास-आउट होने के बाद ले.ज. चौहान को भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स में 1981 में कमीशन प्राप्त हुआ था।
सीडीएस जैसे अहम पद पर नियुक्ति से पहले ले.ज. चौहान ने कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में आतंक विरोधी अभियानों का खासा अनुभव है। ले. जनरल चौहान की संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत अंगोला में भी तैनाती हो चुकी है। 40 साल की सेना में सेवा के बाद ले. जनरल चौहान पिछले साल 31 मई को सेवानिवृत हुए थे।

गांव के लोगों ने जतायी खुशी
लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) अनिल चौहान के देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने पर उनके मूल गाँव खिर्सू ब्लॉक के रामपुर ग्राम सभा के गवाणा गांव में खुशी की लहर है। ग्राम वासियों का कहना है कि यह पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। ग्राम प्रधान ज्योति देवी का कहना है कि अनिल चौहान जी के सीडीएस बनने की खबर उन्हें देर शाम 8 बजे के करीब पता चली।
उन्होंने कहा कि इससे ग्राम सभा का नाम तो रोशन हुआ ही है साथ ही पूरे प्रदेश का नाम भी रोशन हुआ है। गांव के पूर्व प्रधान अनूप, वार्ड सदस्य सुमन देवी ने कहा कि पौड़ी जिले से देश को लगातार दो सीडीएस मिल चके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का सेना के रूप में विशेष पहचान रही है।
जिसका परिणाम है कि देश दुनिया मे उत्तराखंड का नाम गूंज रहा है। गांव के ही दर्शन सिंह, मीना देवी का कहना है कि इससे खिर्सू का देश दुनिया के नक्शे में अलग स्थान बना है। देवलगढ़ राजराजेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी केपी उनियाल व भाजपा के जिला अध्यक्ष सम्पत सिंह रावत व जिला मंत्री जितेंद्र रावत ने भी भी हर्ष जताते हुए इसे पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात कही है।

पौड़ी जिले के रहने वाले थे देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले के रहने वाले थे। उनका पैतृक गांव विरमोली दवारीखाल ब्लॉक में स्थित है। पिछले साल 08 दिसंबर को तमिलनाडू में जनरल रावत उनकी पत्नी सहित 13 लोगों की चॉपर क्रैश में मृत्यु हो गई थी। खराब मौसम को सेना ने हेलीकॉप्टर हादसे की वजह बताई थी। सीडीएस बनने के बाद जनरल रावत अपने पैतृक गांव कई बार आ चुके थे। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने उत्तराखंड में ही बसने की इच्छा जताई थी।