राज्य स्तरीय कला शिक्षक सम्मान से नवाजी गईं अध्यापिका पुष्पलता जोशी

तीर्थ नगरी के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में कला संकाय की अध्यापिका पुष्प लता जोशी को राज्य स्तरीय पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक की ओर से कला शिक्षक प्रतिभा सम्मान के रूप में दिया गया है।

दरअसल राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से उत्तराखंड राज्य स्तरीय कला शिक्षक प्रतिभा सम्मान का आयोजन किया गया। इसमें गढ़वाल मंडल से अध्यापकों ने पोस्टर, कंपोजीशन तथा लोक कला प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था। उक्त प्रतियोगिता में लोक कला विधा में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज ऋषिकेश की कला संकाय की अध्यापिका पुष्प लता जोशी ने भी प्रतिभाग किया। इसमें इन्हें प्रथम स्थान हासिल हुआ है।

अध्यापिका की इस सफलता पर विद्यालय की ओर से उन्हें शुभकामनाएं दी गई है।

सीमा सड़क संगठन ने रिकाॅर्ड समय में रैणी गांव में तैयार किया सेतु

सात फरवरी को ऋषिकेश गंगा में बर्फीली झील के फटने से आई बाढ़ के क्षतिग्रस्त हुए सेतु के स्थान पर सीमा सड़क संगठन द्वारा मात्र 8 दिनों में 5 मार्च 2020 को पुनः एक नया सेतु बना कर यातायात बहाल कर दिया है।

जोशीमठ मलारी राजमार्ग पर रैणी गांव में नीति सीमा को जोड़ने वाला 90 मीटर लंबा एकमात्र स्थाई सेतु तेज बहाव में बह गया था और यह रास्ता यातायात हेतु बंद कर दिया गया था। सेतू बन जाने से ग्राम वासियों ने खूशी का इजहार किया।

इसी स्थान पर गंगा नदी पर बिजली प्लांट पूर्ण रूप से ध्वस्त होने के साथ-साथ 200 से भी अधिक जान माल का नुकसान हुआ था। सीमा सड़क संगठन अपने सिद्धांत-‘श्रमेण सर्वम् साध्यम’ पर खरा उतरते हुए तुरंत हरकत में आया और इस आपदा से निपटने के लिए आशु सिंह राठौर एवीएसएम-वीएसएम, चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू किए।

सीमा सड़क संगठन ने तुरंत 100 से अधिक संयंत्र उपकरणों/ वाहनों को कार्य पर लगा दिया। जिसमें 15 भारी उपकरण मशीनें जैसे की हाइड्रोलिकएक्सकैवेटर, डोजर, जेसीबी, लोडर, कंप्रेसर, शामिल थे। नदी के किनारे पर स्थित ठोस चट्टानों को काटने हेतु एक चट्टान काटने वाली मशीन को भी हेलीकाप्टर के द्वारा पहुंचाया गया।

क्षेत्र के पूर्ण रूप से 20 से 30 मीटर ऊंचे मलबे में जाने और नदी के किनारों के लुप्त हो जाने के कारण नए सेतु के एबेटमेंट निर्माण हेतु स्थान और उस तक पहुंचने वाली सड़क का स्थान ढूंढना एक भीमकाय कार्य था।

एक आस्था प्रारंभिक रेकी एवं मलबे को हटाने के उपरांत दिनांक 10 फरवरी को वैली सेतु के निर्माण हेतु उचित स्थान ढूंढ लिया और दिनांक 20 मार्च तक ट्रैफिक को सुचारू करने के लक्ष्य के साथ 200 फुट लंबे सेतु के लिए एबेटमेंट का निर्माण प्रारंभ किया।

वैली सेतु की स्थापना हेतु एबेटमेंट के निर्माण एवं सड़क की कटिंग के उपरांत सेतु की स्थापना का कार्य दिनांक 25 फरवरी 2021 को आरंभ किया गया।

सीमा सड़क संगठन ने संपर्क को पुनः स्थापित करने हेतु जाड़े के मौसम एवं अन्य सभी विपरीत परिस्थितियों की परवाह न करते हुए बिना विश्राम किए अथक कार्य किया और निर्धारित तिथि से बहुत पहले दिनांक 5 मार्च को ही इस सेतु का निर्माण पूर्ण करके यातायात को बहाल कर दिया।

सीमा सड़क संगठन सदैव चुनौतियों पर खरा उतरा है, एवं देश को दक्ष एवं उपयुक्त सेवा प्रदान करता आया है।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चैधरी, बीएसएम, सड़क संगठन के महानिदेशक एवं आशु सिंह राठौड़ एवीएसएम-वीएसएम, चीफ इंजीनियर ने इस महत्वपूर्ण एवं अत्यंत आवश्यक संपर्कता को पुनः स्थापित करने हेतु इस कार्य में लगे सभी अधिकारियों एवं श्रमिकों की सराहना की है।

मुनिकीरेती पुलिस की त्वरित कार्यवाही से 30 मिनट में अपहर्ता बरामद, बड़ी वारदात को किया विफल

मुनिकीरेती थाना क्षेत्र के शीशमझाड़ी में एक महिला की सूझबूझ के चलते 13 वर्षीय किशोरी की इज्जत लूटने से पुलिस ने बचा लिया। पुलिस ने अपहरत किशोरी को जंगल से बरामद किया। वहीं, अपहरणकर्ता व पीड़ित का किरायेदार को समय रहते अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने बड़ी वारदात को होने से पहले काबू पाया है। पुलिस ने सूचना देने वाली महिला रजनी का आभार जताया है।

दरअसल, शीशमझाड़ी निवासी व्यक्ति ने बताया कि उनकी 13 वर्षीय बेटी घर से लापता है, काफी तलाश के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। पुलिस ने मामले को गंभीर पाते हुए अज्ञात पर अपहरण का मुकदमा दर्ज किया। इसी दोरान स्थानीय महिला रजनी पत्नी अमित शर्मा निवासी शीशमझाड़ी ने सरकारी नंबर पर फोन पर सूचना दी कि एक छोटी लड़की को एक व्यक्ति जबरन उठाकर वन विभाग कार्यालय के पास जंगल की ओर लेकर गया है। सूचना पाकर मौके पर तुरंत एसआई विपिन कुमार, चैकी प्रभारी कैलाश गेट अमित कुमार, महिला उप निरीक्षक रीना नेगी फोर्स के साथ टोर्च लेकर अंधेरे में पहुंचे।

थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी ने बताया कि जंगल मे 100 मीटर अंदर जब पुलिस सर्च कर रही थी, तभी एक बच्चे की चिल्लाने की आवाज आई। आवाज की ओर जैसे ही पुलिस पहुंची तो झाड़ियों के बीच एक लड़की बदहवास हालत में पड़ी मिली। लड़की ने बताया कि उसने मेरा मुह बन्द कर रखा था आप लोगो को इस ओर आता देख वह मुझे छोड़ कर अभी भागा। इस पर पुलिस द्वारा जंगल को चारों तरफ से घेर लिया और सघन कॉम्बिंग करते हुए उक्त व्यक्ति को पानी की टंकी के पास जंगलात रोड पर भागते हुए पकड़ लिया गया।

थानाध्यक्ष ने आरोपी की पहचान शुभम कुमार पुत्र किशन निवासी प्रतीत नगर रायवाला जिला देहरादून के रूप में कराई है। अपहरत युवती ने बताया कि आरोपी उनके यहां किरायेदार है, जबरन घूमने के बहाने जंगल की ओर ले आया। पुलिस ने आरोपी पर धारा 363,366,376,511 आईपीसी और 7/8 पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी पेशे से ड्राइवर है और शादी शुदा है उसकी पत्नी और 2 बच्चे भी उसी मकान में किराए पर रहते है।
पुलिस द्वारा रजनी को सही समय पर सूचना देने के लिए आभार जताया गया।

त्रिवेन्द्र है तो मुमकिन हैः मुख्यमंत्री ने मौके पर जाकर संभाला मोर्चा तो सरकारी मशीनरी में हुआ ऊर्जा कां संचार

राजेंद्र जोशी (वरिष्ठ पत्रकार)
प्राकृतिक आपदाओं से लड़ा नहीं जा सकता है, लेकिन अगर समय रहते रेसक्यू आॅपरेशन चलाया जाये और जनहानि रोकने की दिशा में कार्य किया जाये तो बड़ी जनहानि को रोका जा सकता है। यह आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साबित किया है। जैसे ही सुबह न्युज फ्लैश हुई कि चमोली जिले में प्राकृतिक आपदा के चलते अलकनन्दा नदी विकराल रुप धारण कर चुकी है, तुरन्त मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरकत में आ गये। उन्होंने तुरन्त अलकनन्दा नदी के पड़ाव के नदी किनारों को खाली कराने के आदेश दे दिये। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासन हरकत में आया और नदी किनारों को खाली कराने का कार्य शुरु हुआ।

मुख्यमंत्री केवल यहीं नहीं रुके। उन्होंने तुरन्त हैलीकाॅपटर से घटना स्थल का जायजा लेने की बात कही। जैसे ही यह न्युज फ्लैश हुई शासन से लेकर प्रशासन में हड़कप मच गया। सरकारी मशीनरी समझ गई कि आपदा के समय मुख्यमंत्री कोताही बर्दाश्त नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को स्वयं राज्य आपदा परिचालन केन्द्र में बैठकर माॅनीटिरिंग करने के निर्देश दिये और स्वयं घटना स्थल के लिए रवाना हुए। हैलीकाॅप्टर में ही मुख्यमंत्री ने श्रीनगर बांध को खाली कराने और टिहरी बांध का पानी रोकने के निर्देश दिये। जिससे मैदानी इलाकों में पानी का प्रवाह कम हो जाये। मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्यों को अजंाम देने के लिए अधिकारियों को अधिकर देते हुए जनहानि रोकने के लिए हर संभव उपाय करने को कहा। जिसके फलस्वरुप आज उत्तराखंड में बड़ी जनहानि रोकने में मदद मिली।

दूरदर्शी और प्रशासनिक सोच से मिली मदद
अलकनन्दा नदी के प्रवाह को समेटने के लिए टिहरी बांध में पानी रोकना और श्रीनगर बांध के पानी को छोड़ना एक दूरदर्शी सोच औश्र प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री लगातार पानी के प्रवाह पर नजर रख रहे थे। ऐसे में उन्होंने यह निर्णय लेकर प्रशासनिक क्षमता को दर्शाया है। जिसकी आज पूरा देश का मीडिया प्रशंसा कर रहा है।

अफवाहों को रोकने में कामयाब रही सरकार
लोगों को पैनिक होने से बचाने के लिए सरकार एक तरफ राहत कार्य में जुटी रही। वहीं, मुख्यमंत्री सोशल मीडिया में लगातार अपने अकाउंट से लोगों को सही जानकारी देते रहे। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान ना देने की अपील की। लगातार उनके द्वारा संपर्क स्थापित किया जाता रहा। जिससे लोगों को भी पल-पल की सही और सटीक जानकारी मिलती रही।

लगातार 24 से 48 घंटे चलेगा राहत कार्य
मुख्यमंत्री जैसे ही आपदा स्थल का जायजा लेकर देहरादून पहंुचे। उन्होंने राज्य आपदा परिचालन केन्द्र का दौरा किया। वहां उन्होंने राहत कार्यों की जानकारी ली। लगातार अधिकारियों से बात कर रहे मुख्यमंत्री ने अपने अगले आदेशों तक राहत कार्य 24 से 48 घंटे चलाने के निर्देश दिये है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने रात को भी सेना और एनडीआरफ की मदद से एसडीआरएफ व स्थानीय प्रशासन को राहत कार्य करने को कहा है। उन्होंने कहा कि हमें अंतिम व्यक्ति तक को राहत देने की दिशा में कार्य करना है। ऐसे में हमें रेसक्यू आॅपरेशन में और तेजी लानी होगी।

संसाधनों की कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों को लेकर साफ निर्देश दिये है कि संसाधनों की कोई कमी नहीं है। ऐसे में संासाधनों की कमी का हवाला देकर राहत कार्य बाधित नही होने चाहिए। उन्होंने बताया कि जरुरत महसूस हुई तो हैली सेवाओं के माध्यम से भी राहत कार्य किये जायेगे। रेसक्यू आॅपरेशन के दौरान मिल रहे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए डाॅक्टरों के टीम भी मौके पर तैनात की गई है। गंभीर लोगों को हायर सेन्टर भेजा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार नजर बनाये हुए है। उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं से लड़ा नही जा सकता है। लेकिन हम राहत कार्य में और तेजी लाकर लोगों की जान बचा सकते है। प्रधानमंत्री भी मुख्यमंत्री से लगातार अपडेट ले रहे है। उन्होंने भी मुख्यमंत्री को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।

यूजेवीएन लिमिटेड की रुद्रप्रयाग में प्रथम लघु जल विद्युत परियोजना का हुआ लोकार्पण

जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित यूजेवीएन लिमिटेड की काली गंगा प्रथम लघु जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। काली गंगा प्रथम लघु जल विद्युत परियोजना जिला रुद्रप्रयाग के उखीमठ विकासखंड में काली गंगा नदी पर कालीमठ कोटमा मार्ग पर स्थित है। उक्त परियोजना दिनांक 15-16 जून, 2013 में आई अतिवृष्टि एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गई थी एवं विद्युत गृह बह जाने के कारण परियोजना से उत्पादन बंद हो चुका था।

सुदूरवर्ती क्षेत्र के लिए परियोजना के महत्व को देखते हुए वर्ष 2016 में परियोजना के पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ किए गए। सुदूरवर्ती एवं दुर्गम क्षेत्र में होने के कारण परियोजना के निर्माण कार्य में कई बाधाओं का सामना भी करना पड़ा। अंततः परियोजना को जुलाई 2020 में सफलतापूर्वक सिंक्रोनाइज कर 33ाअ वितरण लाइन से जोड़ दिया गया था।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा परियोजना स्थल पर परियोजना का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक केदारनाथ मनोज रावत द्वारा की गई। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए समर्पित है एवं विद्युत ऊर्जा हर घर तक पहुंचाने हेतु प्रतिबद्ध है।

परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया की परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 26.18 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जाएगा। परियोजना से उत्पादित विद्युत द्वारा आसपास के जालतल्ला, खुन्नु, कोटमा, कबील्ठा, चैमासी सहित लगभग 25 गांव की विद्युत आपूर्ति में सुधार होगा। लोकार्पण कार्यक्रम में यूजीवीएन लिमिटेड के निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी, निदेशक परियोजनाएं सुरेश चंद्र बलूनी तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ ही बड़ी संख्या में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय जनता उपस्थित रहे।

नोटों की माला पहनाकर सेवानिवृत हुए जवान का हुआ स्वागत

गढ़वाल राइफल में 24 वर्ष अपनी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त होकर आज घर लौटे जवान का स्थानीय लोगों ने पार्षद विपिन पंत के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया।

पार्षद विपिन पंत ने अपने वार्ड निवासी जवान विनोद सेमवाल को नोटों की माला पहनाई। साथ ही गाजे बाजे के साथ वार्ड में स्वागत रैली भी निकाली। पार्षद ने कहा कि एक जवान का अपनी ईमानदारी निष्ठा से 24 वर्ष की देश सेवा कर घर लौटना स्वागत योग्य है। उन्होंने जवान को सैल्यूट करते हुए कहा कि आप जैसे सैनिकों की बदौलत देश की जनता सुरक्षित है।

वही सैनिक विनोद सेमवाल ने कहा कि सेना में जाने का सपना हर युवा का होता है, आखिर देश की सेवा सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, कहा कि उन्हें इस जिम्मेदारी से बड़ी कोई जिम्मेदारी नहीं लगती। कहां कि मुझे इस बात की खुशी वह गर्व दोनों है कि मैं देश की सेवा में 24 साल दे सका। उन्होंने कहा कि देश को आगे भी मेरी जरूरत होगी तो मैं हर समय उपलब्ध रहूंगा। इस मौके पर स्थानीय लोग थिरकते नजर आए। स्वागत रैली के दौरान पार्षद वीरेंद्र रमोला, स्थानीय नागरिक मोर सिंह, अजय उपाध्याय, अवतार सिंह नेगी, प्रेम सिंह राणा, नारद, नंद सेमवाल आदि शामिल रहे।

मुख्यमंत्री ने नेताजी के जन्म दिवस पर छात्रों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। इस प्रतियोगिता में प्रथम तीन विजेताओं को क्रमशः 1 लाख, 75 हजार एवं 50 हजार रूपये की धनराशि का चेक दिया गया। राज्य स्तर पर निबंध प्रतियोगिता में डी.डब्ल्यू.टी कॉलेज की बीएड की छात्रा सौम्या ने प्रथम, डीएवी पीजी कॉलेज के छात्र उज्जवल शर्मा ने द्वितीय एवं बाल गंगा महाविद्यालय सैन्दूल कैमर की छात्रा अंजलि मंमगाई ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। युवा कल्याण विभाग द्वारा ‘‘ नेताजी सुभाष चन्द्र बोस युवाओं की प्रेरणा’’ विषय पर राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें देहरादून के श्री गौतम खट्टर ने प्रथम, अल्मोड़ा की हिमानी दुर्गापाल ने द्वितीय एवं नैनीताल के रोहित सिंह रावत एवं हरिद्वार की कुमारी अक्षी गौड़ ने संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही राज्य में युवा आयोग का गठन किया जायेगा, ताकि हमारे युवा क्या सोचते हैं, अपने लक्ष्यों को पूरा करने की उनकी क्या आकांक्षायें हैं। इसका स्पष्ट रोड मेप तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि आज के युवा हर क्षेत्र में अपडेट हैं वे अपनी आकांक्षाओं को पूर्ण कर स्वयं के भाग्य विधाता बन सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी जो वीर गाथायें तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है उसे हमारे विश्वविद्यालयों को आगे बढ़ाना होगा ताकि हमारी भावी पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़े तथा देश व दुनिया को भी इसकी जानकारी हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने उन्हें जो सम्मान दिया है वह सराहनीय है। वे सच्चे अर्थों में देश के सच्चे सपूत थे। इसी प्रकार स्वामी विवेकानन्द ने तमाम देशों का भ्रमण कर लोगों को भारत की संस्कृति से परिचित कराया। अमेरिका में उनका सम्बोधन भारत की वैश्विक सांस्कृतिक एकता की पहचान बना। वे सच्चे अर्थों में हमारे सांस्कृतिक गुरू थे।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा चेतना दिवस से 23 जनवरी तक युवा चेतना और ऊर्जा में नवीन प्रवाह गतिमान करने के उद्देश्य से युवा पखवाड़ा का आयोजन किया गया। इसमें उच्च शिक्षा विभाग एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किये गये। ’’स्वामी विवेकानन्द जी के विचारों की उत्तराखण्ड राज्य में प्रासंगिकता’’ विषय पर राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें कुल 5229 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस पखवाड़े में 1005 रक्तदाताओं द्वारा 545 यूनिट रक्तदान किया गया।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द जी ने सनातन धर्म की संस्कृति एवं उच्च आदर्शों का परिचय विश्वभर में कराया। उन्होंने भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं का व्यापक स्तर पर प्रसार किया। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने राष्ट्र को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनमें साम्प्रदायिक एकता एवं सबको साथ लेकर चलने की भावना थी।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी साधू सिंह बिष्ट ने अपने विचार व्यक्त किये। स्वामी नरसिम्हानन्द ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन दर्शन एवं प्रो. संजय कुमार ने सुभाष चन्द्र बोस के जीवन दर्शन के बारे में जानकारी दी।

विस्तारीकरण के नाम पर टिहरी बांध विस्थापितों को न किया जाए दुबारा विस्थापित- निशंक

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण देहरादून हवाई अड्डा सलाहकार समिति की राज्य अतिथि गृह भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में समिति के अध्यक्ष देश के शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में हुई। बैठक में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण देहरादून हवाई अड्डा सलाहकार समिति के समक्ष निदेशक डीके गौतम ने एयरपोर्ट के विकास कार्यों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के एजेंडे को रखा।
बैठक में डाॅ. निशंक ने देहरादून एयरपोर्ट के विस्तारीकरण एवं विकास के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने देहरादून एयरपोर्ट को देश का नंबर वन एयरपोर्ट बनाने के लिए हर सम्भव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने सभी फ्लाइट प्रबंधकों को सुझाव दिया कि देहरादून से रात्रि 9 बजे भी फ्लाइट जानी चाहिए। जिससे आम जनमानस को सुविधा मिल सके। उन्होंने जीएमवीएन और केएमवीएन के साथ मिलकर पर्यटन के लिए एक अच्छी सी योजना बनाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड बहुत ही खूबसूरत जगह है इसके लिए एक हिमालय दर्शन योजना बनानी चाहिए। जिससे देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को हिमालय दर्शन का अवसर मिले। बैठक में डीके गौतम ने बताया की अभी आने वाले समय में एयर टैक्सी नामक एक योजना शुरू होने वाली है जो चंडीगढ़ से हिसार के लिए शुरू होगी। इसमें लगभग 3 लोग जा पाएंगे और जिसका किराया लगभग ढाई हजार के करीब होगा।
केन्द्रीय मंत्री डाॅ. निशंक जी ने कहा की एयरपोर्ट को सुंदर और नंबर वन बनाने के लिए हमें पूरा प्रयास करना होगा और एयरपोर्ट विस्तारीकरण, विकास कार्य का कार्य तेजी से हो, इसमें ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि टिहरी बांध विस्थापित पहले ही अपना घर बार छोड़कर यहां विस्थापित हुए हैं, विस्तारीकरण में दोबारा टिहरी बांध के विस्थापितों को घर ना छोड़ना पड़े, इस पर गहनता से विचार होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक हिमालयन लाइब्रेरी, एयरपोर्ट के सौजन्य से किसी स्थान पर बने और सीएसआर फंड द्वारा स्थानीय स्कूलों का विकास किया जाए। जिस पर एयरपोर्ट डायरेक्टर ने माजरी इंटर कॉलेज को गोद लेने को बात कही। उन्होंनेे कहा कि हमारी प्राथमिकता स्थानीय लोगों के प्रति संवेदना होनी चाहिए। स्थानीय लोगों को रोजगार मिले, किसी भी कारण से उनका रोजगार ना छीन पाए। वहीं, सलाहकार समिति सदस्य रविंद्र बेलवाल के द्वारा स्थानीय जन समस्याओं को लेकर केन्द्रीय मंत्री को अवगत कराया गया। जिस पर उन्होंने गंभीरता लेते हुए उक्त मार्ग को चैड़ा करने के लिए शीघ्र प्रयास करने के निर्देश दिए।
केन्द्रीय मंत्री ने एयरपोर्ट पर बीएसएनल की कनेक्टिविटी में सुधार हेतु केन्द्रीय राज्य मंत्री संजय धोत्रे से फोन पर वार्ता की। बैठक में डायरेक्टर ने एयरपोर्ट बिल्डिंग की आख्या प्रस्तुत की। उसके बाद डाॅ निशंक ने निर्माणाधीन नई टर्मिनल बिल्डिंग का भी निरीक्षण किया और कार्य को शीघ्र पूरे करने के निर्देश दिए।
बैठक में सदस्य रविन्द्र बेलवाल, संजीव चैहान, पूर्व मित्तल, राजीव तलवार, मोहन सिंह बर्निया, राजेंद्र सिंह खाती, एसडीएम लक्ष्मी राज चैहान, मनवीर चैहान आदि उपस्थित रहे।

कोटद्वार से श्रीनगर के बीच बनेगी ऑलवेदर रोड

ऑलवेदर रोड की तर्ज पर कोटद्वार से श्रीनगर तक हाईवे का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत कोटद्वार से श्रीनगर तक हाईवे की चैड़ाई 12 मीटर होगी। एनएच के चैड़ीकरण और डामरीकरण का कार्य चार चरणों में किया जाएगा। कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर हाईवे चारधाम यात्रा का वैकल्पिक मार्ग बनेगा और इसके बनने से यूपी, दिल्ली के पर्यटकों को आवाजाही में सुगमता होगी। यह बातें वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने पत्रकार वार्ता में कहीं।

वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पौड़ी गढ़वाल जिले की लाइफ लाइन बनेगी। इस हाईवे के बनने से जिले में पलायन पर रोक लगेगी और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोटद्वार से श्रीनगर तक हाईवे की चैड़ाई 12 मीटर होगी, जबकि मेरठ से कोटद्वार तक एनएच को फोर लेन बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि गत विधानसभा चुनाव के दौरान नितिन गडकरी ने एनएच को आलवेदर रोड की तर्ज पर निर्माण कराने की घोषणा की थी, जिसे सरकार जल्द पूरा करने जा रही है। कहा कि पहले चरण में सतपुली से अगरोड़ा के लिए वन भूमि क्लीयरेंस के साथ ही 82 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति मिल चुकी है। अगले तीन-चार दिनों में टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कहा कि कोटद्वार से दुगड्डा के लिए 196 करोड़, दुगड्डा से गुमखाल के लिए 225 करोड़, गुमखाल से सतपुली के लिए 250 करोड़ और अगरोड़ा से श्रीनगर के लिए 280 करोड़ के प्राक्कलन को भी जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। इस मौके पर वन मंत्री के ओएसडी विनोद रावत, पीआरओ सीपी नैथानी, सुरेंद्र सिंह गुसाईं, मुकेश नेगी आदि मौजूद रहे।

द्वितीय चरण में बनेंगी सुरंग
वन मंत्री ने कहा कि एनएच के चीफ और मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल की बैठक में वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया की जा रही है। द्वितीय चरण में दुगड्डा से सतपुली और सतपुली से खंडाह के लिए सुरंगें प्रस्तावित की जाएगी।

25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे अनुराग रमोला

दून के अनुराग रमोला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के लिए चुने गए हैं। महिलाएं बाल विकास मंत्रालय ने उनका चयन किया है। उत्तराखंड से वह इकलौता छात्र है। जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। 25 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे संवाद करेंगे।

दून निवासी अनुराग रमोला के पिता सीएस रमोला नगर निगम में कार्यरत हैं। इस अवार्ड के लिए केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी में 16 वर्षीय 10वीं के छात्र अनुराग का चयन कला एवं संस्कृति की श्रेणी में किया गया है। मंत्रालय की संयुक्त सचिव आस्था सक्सेना खटवानी ने राज्य की सचिव महिला एवं बाल विकास सौजन्य को पत्र लिखकर अनुराग के चयन की सूचना दी है। उन्होंने लिखा है कि अवार्ड विजेताओं के साथ 25 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉलिंग से बात करेंगे।