ऋषिकेश महाविद्यालय में ही बने श्रीदेव सुमन का मुख्य कैंपस

ऋषिकेश महाविद्यालय में ही श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का मुख्य कैंपस बनाने को लेकर छात्र नेताओं ने आज सांकेतिक धरना दिया। छात्रों का कहना था कि उन्हें विश्वविद्यालय संबंधी छोटे कार्यों को टिहरी जाना पड़ता है, इससे काफी दिक्कतें होती हैं।

आज छात्रसंघ महासचिव दीपक भारद्वाज के नेतृत्व में छात्र नेता पीजी कॉलेज परिसर में पहुंचे। यहां उन्होंने प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए। छात्र नेताओं ने बताया कि मॉर्क्स शीट, शुल्क जमा करने आदि कार्य को लेकर ऋषिकेश से विवि के मुख्य कैंपस टिहरी जाना पड़ता है, इससे समय बर्बाद होता है। कई बार मुख्य कैंपस में एक दिन में कार्य नहीं होने पर दूसरे दिन चक्कर लगाना पड़ता है। इससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित होती है। आक्रोशित छात्र नेताओं ने एक स्वर में कहा कि विवि के मुख्य कैंपस को ऋषिकेश में शिफ्ट करें या फिर ऋषिकेश कैंपस को सभी अधिकार दें, जिससे छात्र-छात्राओं को टिहरी नहीं जाना पड़े। छात्रसंघ महासचिव ने सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है। मौके पर रोहित सोनी, आशुतोष सैनी, आयुष चैहान, दीपक कुमार, चेतन, मोहित शर्मा, अनिरुद्ध शर्मा, हिमांशु, रोहित नेगी आदि मौजूद रहे।

सरकार चारों धामों में मास्टर प्लान के जरिए स्थानीय को करना चाहती है बेघरः तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी

चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक घाटी महापंचायत की एक अनौपचारिक बैठक कृष्णकांत कोठियाल जी की अध्यक्षता में भगवान आश्रम में संपन्न हुई जिसमें निम्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई सर्वप्रथम सरकार हमारे लोगों को आपस में तोड़ने की जो कोशिश कर रही है, महापंचायत उसका घोर विरोध करती है हमारे लोग-बगाहे सरकार हमारे लोगों को प्रलोभन दे रही है ऐसा हम होने नहीं देंगे। चार धाम के लोग सरकार की भाषा का विरोध करेंगे सरकार सभी चारों धामों में मास्टर प्लान ठोक कर वहां के स्थानीय लोगों को बेघर करना चाहती है उनके रोजगार को सुनना चाहती है।

स्थानीय स्तर पर चारों धामों में देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ जन जागरण अभियान चलाया जाएगा सरकार तानाशाही रवैया के अनेक काले कानून बना रही है। लेकिन चारों धामों में स्थानीय लोगों से कोई भी खुश नहीं है तानाशाही रवैया द्वारा सरकार अपनाएं अपनाया जा रहा है जो ठीक नहीं है नहीं है जनता इसका घोर विरोध कर रही है। भविष्य में आगे की रणनीति के लिए शीघ्र महापंचायत की विशाल बैठक बुलाई जाएगी और हक हकूक दार महापंचायत सभी जनमानस को एकत्र कर इसका घोर विरोध करेगी।

इस बैठक में कृष्ण कांत कोठियाल अध्यक्ष चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूक जाति महापंचायत, हरीश डिमरी सचिव, विनोद शुक्ला उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष केदार सभा, लक्ष्मीनारायण कोषाध्यक्ष, विनोद उपाध्यक्ष पंचायत, आचार्य नरेश आनंद ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित, पुरुषोत्तम तिवारी महामंत्री केदार सभा, पंडित रवि शास्त्री अध्यक्ष तुलसी मानस मंदिर, अभिषेक शर्मा अध्यक्ष आश्रम धर्मशाला प्रबंधन समिति, रमाकांत भारद्वाज महामंत्री आश्रम प्रबंधन समिति, नरोत्तम दास, आनंद तिवारी, संतोष तिवारी, प्रकाश कोटियाल आदि उपस्थित थे।

मकर सक्रांति के बाद ऋषिकेश में काॅलेज में होगा कैंपस का उद्घाटन

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल से उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने शिष्टाचार भेंट की। भेंटवार्ता के दौरान उन्होंने अवगत कराया है कि जनवरी माह में मकर संक्रांति पर्व के बाद ऋषिकेश स्थित श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कैंपस का विधिवत उद्घाटन किया जाएगा।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया कि विश्वविद्यालय के छात्रों को डीजी लॉकर के माध्यम से डिग्री प्राप्त होगी इससे अब कोरोना संक्रमण के चलते छात्र-छात्राओं को घर पर ही ऑनलाइन माध्यम से डिग्री प्राप्त होगी।इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्रों की सुविधा को देखते हुए सभी विश्वविद्यालयों को डीजी लॉकर व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को अपनी मार्कशीट और डिग्री के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन डिजिटल लॉकर की व्यवस्था से छात्रों का कोई परेशानी नहीं होगी।डिजिटल लॉकर पर मार्कशीट और डिग्री अपलोड करने के बाद छात्र घर बैठकर निर्धारित कोड लगाकर अपने दस्तावेज डाउनलोड कर सकेंगे।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा है कि ऋषिकेश में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय परिसर स्थापित करने को लंबे समय से कवायद चल रही थी जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में विधिवत इसका शिलान्यास हो जाएगा। अग्रवाल ने कहा है कि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय का विधिवत उद्घाटन होने से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। अग्रवाल ने कहा कि ऋषिकेश के निकटवर्ती क्षेत्र के बच्चों को अब महाविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए समस्या नहीं होगी। अग्रवाल ने इसके लिए उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का भी आभार व्यक्त किया।

मंत्री ने सचिव को लिखा पत्र, कार्रवाई के दिए निर्देश

सहकारिता, उच्च शिक्षा, दुग्ध विकास एवं प्रोटोकाॅल मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सड़को की समीक्षा बैठक ली। जिसमें नए मोटर मार्गों की प्रगति के साथ ही पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी गति पर विभागीय अधिकारियों से नाराजगी व्यक्त की। यही नहीं उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बैठक से वापस भेजते हुए सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश भी दिये।

विधानसभा सत्र के भोजनावकाश के दौरान डाॅ. रावत ने अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं पीएमजेएसवाई के अंतर्गत निर्माणाधीन एवं पुरानी सड़कों के मरम्मत एवं डामरीकरण की धीमी प्रगति को लेकर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। बैठक के दौरान डाॅ. रावत द्वारा लोनिवि के अधिकारियों से देघाट-समैया-जगतपुरी-बूंगीधार मोटर मार्ग, बूंगीधार-बीरू की धुनी-नक्चुलाखाल मोटर मार्ग, उफरैंखाल-सराईखेत मोटर मार्ग एवं चैखाल-उफरैंखाल मोटर मार्गों के मरम्मत एवं डामरीकरण की प्रगति रिपोर्ट जाननी चाही तो विभागीय अधिकारी बगलें झांकने लगे। जिस पर डा. रावत ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए बैठक से चले जाने के निर्देश दिये।

उनका कहना था कि उक्त सड़कों के संदर्भ में इससे पूर्व भी दो बैठकें हो चुकी है जिसमें स्वयं विभागीय सचिव आर.के. सुधांशु भी मौजूद थे। इसके बावजूद उक्त सड़कों के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हो पाया। जिस पर उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अंतर्गत आने वाले पुलों एवं मोटर मार्गों की भी समीक्षा की गई। जिनमें ईडा-नौगांव मोटर मार्ग सौंठी बैंड तक मिलाने एवं थलीसैण-जखोला मोटर मार्ग पर आ रहे राजकीय महाविद्यालय थलीसैण के खेल मैदान की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दीवार लगाने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने चाकीसैण-जाख मोटर मार्ग को पीएमजेएसवाई से लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। वहीं माजरामहादेव -नौलीसैण मोटर मार्ग, समैया-बसोला मोटर मार्ग के डामरीकरण एवं सौन्दर-ऐंठी मोटर मार्ग पर पुल के डीपीआर बनाने निर्देश भी अधिकारियों को दिये।

बैठक में पीएमजेएसवाई के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास सड़कों के मरम्मत हेतु बजट की भारी कमी है जिसके लिए राज्य सरकार को अलग से व्यवस्था करनी होगी।

बैठक में प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग हरिओम शर्मा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी अयाज अहमद, मुख्य अभियंता पीएमजेएसवाई के.पी. उप्रेती, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग पौड़ी राजेश चंद्र शर्मा, अधिशासी अभियंता पाबौं दिनेश मोहन गुप्ता, अधिशासी अभियंता श्रीनगर प्रत्यूष कुमार, अधिशासी अभियंता बैजरों आदर्श गोपाल सिंह, अधिशासी अभियंता पीएमजेएसवाई महेन्द्र सिंह, सहायक अभियंता पीडब्ल्यूडी श्रीनगर मुकेश सकलानी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

सोशल डिस्टेंसिंग व रोग प्रतिरोधक क्षमता से बीमारियों से लड़ने में होते हैं सक्षम

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एवं एपेडिमिलॉजिकल फाउंडेशन ऑफ इंडिया एएफआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एफिकॉन 2020 के दूसरे दिन आयोजित कार्यशाला में देश-दुनिया के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एंटी मायोब्रिल रेजिस्ट्रेंस के बढ़ते प्रभावों पर प्रभावी नियंत्रण के तौर तरीकों और महामारी विज्ञान के अध्ययन का महत्वपूर्ण मूल्यांकन पर मंथन किया।
एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने कोविड-19 के बढ़ते मरीजों व वायरस संक्रमण की रोकथाम में विटामिन-ए की भूमिका के संदर्भ में जानकारी दी। बताया कि सोशल डिस्टेंसिंग व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से हम बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं। उन्होंने हाथ को ठीक तरीके से धोने के तौरतरीकों पर चर्चा करते हुए बताया कि हैंड हाईजीन के प्रति गंभीरता से हम 80 प्रतिशत तक एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से बच सकते हैं।
कांफ्रेंस में निदेशक एसएचएसआरसी पंजाब के निदेशक डा. राजेश कुमार, पीजीआई चंडीगढ़ की डा. पीवीएम लक्ष्मी, एचआईएमएस देहरादून के डा. अशोक श्रीवास्तव, पीजीआई चंडीगढ़ की डा. नीलम तनेजा, एम्स नागपुर के डा. जया प्रसाद त्रिपाठी, एम्स दिल्ली की डा. आरती कपिल, आईसीएमआर दिल्ली की डा. कामिनी वालिया, जिपमर व पांडिचेरी की डा. अपूर्वा एस. शास्त्री ने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय एफिकॉन 2020 कांफ्रेंस में देशभर के सभी एम्स संस्थान, पीजीआई चंडीगढ़ समेत करीब 25 से अधिक मेडिकल संस्थान के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता जी, डा. आरके श्रीवास्तव, डा. वीके श्रीवास्तव, आयोजन समिति की सचिव व एम्स आईबीसीसी की प्रमुख प्रो. बीना रवि, माइक्रो बायोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. प्रतिमा गुप्ता, सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सेना, आईबीसीसी के डा. प्रतीक शारदा, आयोजन सह सचिव डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. योगेश बहुरुपी, डा. रुचिका गुप्ता, डा. श्रेया अग्रवाल, डा. नंदिता, डा. अंजलि आदि मौजूद थे।

बाघ बाड़े का निरीक्षण कर स्पीकर ने जानी वनाधिकारियों से बाघों को लाने की प्रक्रिया

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने राजाजी नेशनल पार्क मोतीचूर रेंज में बन रहे बाघ बाड़े का निरीक्षण किया। उन्होंने वन अधिकारियों से बाघ बाडे की प्रगति के बारे में जानकारी ली।

अवगत करा दें कि राजाजी नेशनल पार्क का 550 वर्ग किमी का मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र वीरान सा है। वहां पिछले सात साल से सिर्फ दो बाघिनें ही हैं। दरअसल, पार्क से गुजर रहे हाइवे और रेल लाइन के कारण बाघों की आवाजाही एक से दूसरे क्षेत्र में नहीं हो पाती। यही वजह है कि गंगा के दूसरी तरफ के चीला, गौहरी और रवासन से बाघ मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में नहीं आ पाते।इस सबको देखते हुए कॉर्बेट या दूसरे क्षेत्रों से मोतीचूर- धौलखंड क्षेत्र में बाघ शिफ्ट करने की योजना बनी। जिसके मद्देनजर मोतीचूर रेज में बाघ बाड़ा बनाया जा रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा निरीक्षण के दौरान पूछने पर रेंजर महेंद्र गिरी ने बताया कि बाघ शिफ्टिंग के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बाघों को यहां लाकर मोतीचूर में बनाए गए बाड़े में रखा जाएगा। वहां इनके व्यवहार पर नजर रखी जाएगी और फिर इन्हें मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। रेडियो कॉलर से इन पर निरंतर नजर रखी जाएगी। बताया कि बाघ बाड़े की हाथियों से सुरक्षा के दृष्टिगत इसके चारों तरफ सोलर पावर फेंसिंग भी की जा रही है।रेंजर ने बताया कि बाड़े में पाँच बाघों को लाने की योजना बनायी गई है जिन्हें चरणबद्ध तरीके से बाड़े में लाया जाएगा।

स्पीकर ने जंगल सफारी का लुप्त भी उठाया। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने वन अधिकारियों से राजाजी नेशनल पार्क में आने वाले सैलानियों एवं पर्यटक की संख्या के बारे में जानकारी ली।

इस अवसर पर मोतीचूर रेंज के रेंजर महेंद्र गिरी, वन दरोगा देवी प्रसाद, वन दरोगा उदय सिंह, वन दरोगा नरेंद्र सिंह, वन आरक्षी नवीन ध्यानी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

भरतघाट और अयोध्या आस्थापथ का कृषिमंत्री ने किया लोकापर्ण

मुनिकीरेती का पूर्णानंद खेल स्टेडियम को अब विश्व स्तरीय मैदान के रूप में विकसित करने की कवायद शुरू हो गई। स्टेडियम में राज्य नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेगी। मुनिकीरेती स्थित गंगा तट पर भरतघाट और अयोध्या आस्थापथ का लोकार्पण कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने किया। उन्होंने कहा की अब पूर्णानंद मैदान मं बने खेल स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर को बनाने की तैयारी चल रही है। प्रदेश सरकार से इस पर वार्ता चल रही है। यहां पर अंतरराष्ट्री स्तर के टूर्नामेंट का आयोजन किया जायेगा। इसे क्षेत्र को पहचान तो मिलेगी। साथ ही उत्तराखंड के युवाओं के लिए बेहत्तर सुविधा मिलेगी।
मौके पर नगर पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी, एसडीएम नरेंद्रनगर युक्ता मिश्रा, मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती, सभासद गजेंद्र सजवाण, वीरेंद्र चैहान, मनोज बिष्ट धर्म सिंह, सचिन रस्तोगी, रोशनी रस्तोगी, मनीष डिमरी, तहसीलदार अयोध्या प्रसाद उनियाल, सिंचाई विभाग अधीक्षण प्रेम सिंह पंवार, अधिशासी अभियंता कमल सिंह, सहायक अभियंता मंगल सिंह, लोनिवि के अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान आदि थे।

35 लाख के बजट से जानकीझूला पुल रोशनी से होगा जगमग
कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने विधयाक निधि से जानकीझूला पुल पर लाइट लगाने के 35 लाख दिए हैं। इस बजट से झला पुल अत्याधुनिक लाइटे लगाई जायेगगी।

निशुल्क गर्म वस्त्र कैंप का किया उद्घाटन
कृषिमंत्री सुबोध उनियाल पूर्णानंद पाकिंग में क्रेजी फेडरेशन संस्था के गर्म कंबल निशुल्क बांटने के कैंप का उदघाटन किया। कहा कि संस्था की ओर से चलाया जा रहा अभियान काबिलेतौर है। इस मौके पर मनीष डिमरी ने बताया कि कंबल गरीब व असहाय को लोगों निशुल्क वितरित किये जायेंगे।

झुला पर पर बनेगी दुकानें
नवनिर्मित्त जानकी झूला पुल के आसपास मुनिकीरेती पालिका दुकाने बनायेगा। इस दुकानों को बेराजगार युवाओं को प्रोवाइड कराया जायेगा। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि बेरोजगार युवाओं रोजगार उपलब्ध कराया। पुल के बनने से यहां पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय युवाओं के लिए यह पहल शुरू की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने अपने जन्म दिवस के कार्यक्रम में वर्चुअली किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जन्म दिवस पर देहरादून के बालावाला में आयोजित कार्यकम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव के नियमों का अनुपालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है। आप भी अपना ध्यान रखें। बता दें कि गत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत जी कोरोना पाजिटिव आ गए थे और अब होम आइसोलेशन में हैं। आवास से ही उन्होंने अपने शुभचिंतकों को संबोधित किया।
अपने वर्चुअल संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में हमने जो वादे किए थे हम उन पर खरे उतरे हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार मिटाने का जो हमने संकल्प लिया था उस पर पूरी ताकत के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। प्रदेश में महिलाओं की आर्थिकी मजबूत करने के लिए उन्हें स्वरोजगार की दिशा में अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश में कई ग्रोथ सेंटरों में महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं। ग्रोथ सेंटर में बेहतर कार्य करने वाली लोहाघाट की महिलाओं का सीएम ने उदाहरण दिया तो पहाड़ी रसोई के जरिए पचास लोगों को रोजगार देने वाली पूजा तोमर की भी बात कही। वहीं प्रदेश की उर्गम घाटी में संचालित महिला समूह का भी मुख्यमंत्री ने जिक्र किया। कहा कि लीसा और प्लास्टिक के बेहतर उपयोग पर भी काम हो रहा है। सरकार का लक्ष्य शहर से लेकर दूरस्थ गांवों का भी विकास करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मां बहनों का आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना जरूरी है। सरकार ने स्वामित्व योजना के जरिए महिलाओें को पति की सम्पत्ति में सहभागी बनाया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसोई गैस कनेक्शन देकर महिलाओं के सिर से लकड़ी की गठरी हटा दी है। हमने प्रदेश में महिलाओं की सिर से घास की गठरी हटाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। स्वरोजगार अपनाकर महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। तो घास इकट्ठा करने के सभी जोखिम खत्म हो जायेगे। कहा कि राज्य में 40 फीसद बजट स्वरोजगार के क्षेत्र में खर्च किया जा रहा है।
कोरोना से बचाव का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करें। अगर किसी को लक्षण महसूस होते हैं तो डाक्टर का परामर्श लें। और नियमों का पालन करें। तभी जाकर हम कोरोना को हरा पायेंगे।

जीएमओयू की बसें दौड़ेंगी कंडी रोड, रामनगर व कोटद्वार के बीच सफर होगा आधा


देहरादून। कोटद्वार से लेकर रामनगर तक की जनता के लिए अच्छी खबर है। कोटद्वार-रामनगर जाने वाले कंडी मार्ग पर जीएमओयू की बस का संचालन फिर से किया जाएगा। यह फैसला को वन मंत्री हरक सिंह रावत ने वन मुख्यालय में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में लिया।

कंडी मार्ग पाखरों-मोरघट्टी-कालागढ़-रामनगर के बीच अब गढ़वाल मोटर्स ऑनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) की बस सेवा शुरू होगी। शुक्रवार को वन मुख्यालय में वन मंत्री हरक सिंह की बैठक में यह फैसला किया गया। इस मार्ग के शुरू होने पर कोटद्वार और रामनगर के बीच दूरी आधी रह जाएगी।

वन मुख्यालय में इस सड़क पर जीएमओयू की बसों के संचालन का फैसला होने के बाद मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग की ओर से कांर्बेट पार्क प्रशासन से भी बस संचालन की अनुमति का आदेश जारी करने का निर्देश जारी किया। पहले इस रूट पर जीएमओयू की बस का संचालन होता था। हाईकोर्ट के आदेश पर बसों का संचालन रोक दिया गया।

वन मंत्री हरक सिंह के मुताबिक हाईकोर्ट ने निजी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई थी। जीएमओयू की बसें सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा हैं। इसके बावजूद इन बसों के संचालन पर अधिकारियों ने रोक लगाई। इस रूट से रामनगर और कोटद्वार के बीच करीब 80 किलोमीटर का ही फासला रह जाता है। यूपी होते हुए जाने पर यह रूट 160 किलोमीटर का है।

निजी वाहनों को अनुमति नहीं

निजी वाहन से इस रूट का इस्तेमाल करने के लिए अभी अनुमति की जरूरत पड़ेगी। वन मंत्री के मुताबिक इस रूट पर बस संचालन होने पर सामान्य यात्रियों का सबसे अधिक राहत मिलेगी। पर्यटकों के लिए पाखरों से अब जिप्सियों का संचालन किया जा रहा है। अब तक 15 जिप्सियों का पंजीकरण भी हो चुका है।

कोटद्वार-कांडा-ढिकाला रूट को भी मंजूरी, 25 से संचालन शुरू

कोटद्वार से कांडा होते हुए कार्बेट के ढिकाला जोन तक अब आसानी से पहुंचा जा सकेगा। यह रूट भूस्खलन के कारण वन क्षेत्र में आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। हरक सिंह के मुताबिक कार्बेट फाउंडेशन से मिले फंड से इस रूट की मरम्मत कराई गई। अब यह मार्ग आवाजाही के लिए खोला जाएगा। 25 दिसंबर को खुद वे इस रूट पर परिवहन संचालन का शुभारंभ करेंगे।

आरएलडीए और एमडीडीए के सहयोग से पुनर्विकसित होगा देहरादून का रेलवे स्टेशन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देहरादून रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना की स्थिति की समीक्षा करते हुए रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) के अधिकारियों को समयबद्धता एवं गुणवतत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने को कहा। आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा ने परियोजना के विकास के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया और 83.5 मीटर ऊंची बिल्डिंग समेत डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के लिए मंजूरी मांगी।

ज्ञातव्य है कि देहरादून रेलवे स्टेशन को आरएलडीए और एमडीडीए द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है और इस संबंध में दोनों संस्थाओं के बीच पिछले साल एमओयू साइन किया गया था। पुनर्विकास का उद्देश्य यात्री सुविधा के अनुरूप स्टेशन को अलग-अलग प्रवेश और निकास, फूड आउटलेट्स, अंडरग्राउंड पार्किंग समेत अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ अपग्रेड करना है। इस योजना में देहरादून स्टेशन में प्रवेश-निकास के लिए वर्तमान यातायात समस्याओं को दूर किया जाएगा। यात्री-आगंतुक हाई-राइजिंग टॉवर के ऊपर रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट से लगभग एक घंटे में पूरे दून घाटी के 360 डिग्री बर्ड आई व्यू का आनंद ले सकते हैं। यह उत्तराखंड राज्य में अपनी तरह का पहला रिवॉल्विंग रेस्टोरेंट होगा। प्रस्तावित स्टेशन की लागत स्टेशन के लिए 125 करोड़ व कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए 400 करोड़ रुपया होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एमडीडीए को कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्ताव को जनवरी 2021 के तीसरे सप्ताह में होने वाली अगली कैबिनेट बैठक में रखने की सलाह दी। रेल भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन डुडेजा ने कहा कि हमने राज्य सरकार से देहरादून रेलवे स्टेशन की डीपीआर पर जल्द मंजूरी के लिए अनुरोध किया है, ताकि जल्द से जल्द आरएफपी मंगाई जा सके। देहरादून रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास, वैश्विक मानकों के अनुरूप किया जाएगा और यह यात्रियों को सुखद अनुभव प्रदान करेगा। स्टेशन का पुनर्विकास रियल एस्टेट की कीमतों को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यटन की क्षमता और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। साथ ही यह सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए भी फायदेमंद होगा।

बैठक में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के वाइस-चेयरमैन रणवीर सिंह चैहान, उत्तराखंड के आवास सचिव शैलेश बगौली और देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।