प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने कोविड घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने कोरोना जांच घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है। न्यायिक जांच पूरी होने तक चिकित्सकों पर कार्रवाई न करने की भी मांग संघ ने की है। मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव व स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजे ज्ञापन में संघ पदाधिकारियों ने कहा कि सभी कमियों या जांच में ठीकरा हमेशा चिकित्सकों पर ही फोड़ा जाता रहा है। इस एक तरफा कार्रवाई का संघ विरोध करता है। भविष्य में संबंधित चिकित्सकों की वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए प्रकरण में उनसे उच्च स्तर के अधिकारियों से ही जांच कराई जाए।
संगठन के प्रांतीय महासचिव डॉ. मनोज वर्मा ने कहा कि सीडीओ हरिद्वार की जांच के आधार पर मेलाधिकारी डॉ. एएस सेंगर व अपर मेलाधिकारी डा एनके त्यागी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। संघ का मानना है कि डॉ. सेंगर व डॉ. त्यागी ने जो भी निर्णय लिए या कार्य किए वह उच्चाधिकारियों के लिखित व मौखिक निर्देशों के बगैर नहीं किए गए होंगे। ऐसे में संघ इस मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग करता है। कोविड नियंत्रण की विषम परिस्थितियों में इन अधिकारियों की सेवाओं को ध्यान में रखते हुए न्यायिक जांच पूरी होने तक उनपर कार्रवाई ना की जाए। उन्होंने कहा कि एसपीएस चिकित्सालय ऋषिकेश के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एनएस तोमर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया था। फिर संयुक्त चिकित्सालय, नरेंद्रनगर में दो चिकित्सकों के पूरे कोविड-19 नियंत्रण में कार्य करने के बावजूद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए लिख दिया गया। अन्य मामलों में भी चिकित्सकों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जा रही रही है। जबकि कोविड नियंत्रण में सभी चिकित्सकों ने संक्रमण के खतरे के बावजूद, सीमित संसाधनों के साथ पूरे समर्पण से अनवरत अपनी सेवाएं दी है। अभी तीसरी लहर की संभावना भी बनी हुई हैं। इस तरह कार्रवाई से चिकित्सकों का मनोबल गिरेगा और तीसरी लहर के प्रभावी नियंत्रण में भी समस्याएं आएंगी।
बैठक में डॉ नरेश नपलच्याल, डॉ एसएन सिंह, डॉ प्रदीप राणा, डॉ आशुतोष भारद्वाज, डॉ प्रताप रावत, डॉ पंकज शर्मा, डॉ पीयूष त्रिपाठी, डॉ मनु जैन, डॉ आलोक जैन, डॉ आरके टम्टा, डॉ मुकेश राय, डॉ संजीव कटारिया, डॉ परमार्थ जोशी आदि उपस्थित रहे।

एम्स ऋषिकेश में शुरू हुआ 11वां एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में 13वां विश्वस्तरीय एटीएलएस एवं 11वां एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम विधिवत शुरू हो गया। जिसमें एम्स के साथ ही अन्य मेडिकल संस्थानों के 16 चिकित्सक एवं 16 सीनियर नर्सिंग ऑफिसर व नर्सिंग ऑफिसर टर्सरी केयर सेंटर में भर्ती होने वाले दुर्घटना में घायल ट्रॉमा मरीजों के उपचार संबंधी प्रशिक्षण ले रहे हैं।

आज एडवांस सेंटर फॉर कंटिनिवस प्रोफेशनल डेवलपमेंट (एसीसीपीडी विभाग) में एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में तीन दिवसीय एटीएलएस एवं एटीसीएन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है। निदेशक ने कहा कि दुनिया का कोई भी ट्रॉमा सिस्टम ट्रेंड ट्रॉमा चिकित्सकों एवं नर्सिंग ऑफिसर्स के बिना प्रभावी नहीं हो सकता। बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों के लिए इस तरह का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नितांत आवश्यक है, इसकी सबसे मुख्य वजह यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न तरह की दुर्घटनाओं के कारण ट्रॉमा के मामले सर्वाधिक होते हैं, लिहाजा प्रत्येक हैल्थ केयर वर्कर को टर्सरी केयर लेवल पर चिकित्सा कार्य करने के लिए यह प्रशिक्षण लेना जरुरी है, तभी वह दुर्घटना में घायल मरीजों की ठीक प्रकार से देखभाल कर सकते हैं।
उनका कहना है कि ट्रॉमा मैनेजमेंट एक टीमवर्क है, लिहाजा उसकी ट्रेनिंग भी विश्वस्तरीय मानकों के तहत कराई जानी जरुरी है। ट्रेनिंग प्रोग्राम डा. अजय कुमार व दीपिका कांडपाल के संयोजन में आयोजित किया जा रहा है।
ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम की अगुवाई में आयोजित एटीएलएस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बतौर प्रोग्राम डायरेक्टर डा. मधुर उनियाल व ट्रेनिंग फैकल्टी डा. फरहान उल हुदा, डा. अजय कुमार,डा. जितेंद्र चतुर्वेदी, डा. दिवाकर कोयल, डा. अंकिता काबि, दिल्ली एम्स ट्रामा सेंटर से डा. दिनेश बगराई ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया, जबकि एटीसीएन कोर्स में महेश देवस्थले, डा. राजेश कुमार, चंदू राज बी., अरुण वर्गीस, जोमोन चाको ने प्रशिक्षणार्थियों को ट्रॉमा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया।

नेहरू ग्राम में लगा टीकाकरण शिविर, वैक्सीन को बताया आवश्यक

नगर निगम ऋषिकेश पार्षद राजेंद्र बिष्ट ने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए हर हालत में टीकाकरण अनिवार्य है, यही तीसरी लहर को रोकने में कारगर हथियार है। पार्षद ने 400 टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए टीकाकरण शिविर लगाया। 

इंदिरा नगर, नेहरुग्राम में विस्थापित पार्क में आयोजित शिविर का शुभारंभ पूर्व प्रधानाचार्य दिवाकर भानु प्रताप सिंह रावत, ज्योति सजवाण, डॉ एके शर्मा, ब्रज सिंह बिष्ट, घनश्याम अग्रवाल ने संयुक्त रूप से किया। पूर्व प्रधानाचार्य रावत ने कहा कि कोविड-19 लहर को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे अहम हैं। सरकार को जल्द से जल्द बच्चों के लिए भी वैक्सीन बना लेनी चाहिए। जिससे तीसरी लहर को रोका जा सके। पार्षद राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट ने कहा कि आज 400 टीकाकरण का लक्ष्य रखा है जिसे वह लगभग पूर्ण कर चुके हैं और भविष्य में भी इस तरह के शिविर लगाए जाते रहेंगे। इस दौरान घर-घर जाकर भी बुजुर्ग व अस्वस्थ्य लोगों को वैक्सीन लगाई गई।  

इस अवसर पर डॉ दीपक सकलानी, डॉ लवित, डॉ अमन नौटियाल, आशा कार्यकर्ती आशा, रीना, आशा, कमलेश, एएनएम शांति, आशा ,मीरा, आशा, पूनम आदि उपस्थित रहीं। 

छह दिसंबर से एम्स में आयोजित होगी सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स प्रतियोगिता

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में सोसाइटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट्स, भारत के तत्वावधान में 6 से 10 दिसंबर 2021 को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता वार्षिक वैज्ञानिक कार्यक्रम का निदेशक एम्स प्रोफेसर रवि कांत ने पोस्टर जारी किया।

सोसाइटी के अध्यक्ष व आयोजन सचिव रोहिताश यादव ने बताया कि एम्स, ऋषिकेश तथा पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ में सोसाइटी द्वारा आयोजित पहले और दूसरे राष्ट्रीय जैव चिकित्सा अनुसंधान प्रतियोगिता के सफल समापन के बाद एम्स ऋषिकेश में तीसरी वार्षिक अनुसंधान प्रतियोगिता देश के राष्ट्रीय महत्व के 7 अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर आयोजित की जाएगी।

राष्ट्रीय महत्व व युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने वाली उक्त प्रतियोगिता की पहल 15 अक्टूबर 2018 को एम्स ऋषिकेश से शुरू की गई थी, जो आज बहुत बेहतर तरीके से संचालित हो रही है तथा इस आयोजन के जरिए देश के युवा वैज्ञानिकों को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

प्रो. रवि कांत जी ने संस्थान की ओर से इस प्रतियोगिता के पुरस्कार की धनराशि के तौर पर 1 लाख रुपए देने की घोषणा की है।

कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने रखी प्रदेश से बाहर कैशलेस उपचार की मांग

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड के उपयोग में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को दूर करते हुए संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट की अगली बैठक में लाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये साथ ही एनएचएम के तहत स्वीकृत विभिन्न पदों पर की जा रही भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये।
कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा में अपने कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें विभागीय अधिकारियों के साथ ही सचिवालय संघ एवं शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने भी प्रतिभाग किया। कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड के माध्यम से उपचार के दौरान आ रही व्यवहारिक दिक्कतों पर चर्चा के उपरांत विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को गोल्डन कार्ड के उपयोग संबंधी संशोधित प्रस्ताव कैबिनेट की अगली बैठक में लाने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि गोल्डन कार्ड में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों को शीघ्र दूर किया जायेगा। इसके साथ ही आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों के लिए भी नियमों में शिथिलीकरण किया जा रहा है। उन्होंने मिशन निदेशक एनएचएम को राज्यभर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मेडिकल ऑफिसर, नर्सेज, एएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्स-रे टेक्नीशियन आदि की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिये। बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य को महानिदेशालय स्तर पर रिक्त पदों को भरे जाने, चिकित्साधिकारियों के प्रोन्नति संबंधी प्रस्ताव, नर्सिंग भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने तथा सूबे के जिला चिकित्सालयों में रेडियोलॉजिस्ट के रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव शीघ्र शासन को भेजने का निर्देश दिये।
बैठक में सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह माजिला ने राजकीय कर्मचारियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सीजीएचएस कार्ड के समान सुविधाएं प्रदान करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की गलतियों के कारण सेवानिवृत्त कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को राज्य से बाहर के चिकित्सालयों में कैशलेस सुविधा मुहैया कराई जाय।
बैठक में मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा, सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह मांजिला सहित विभागीय अधीकारी उपस्थित रहे।

सांसद बलूनी की पहल ला रही है रंग, कैंसर अस्पताल की होगी स्थापना

उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के प्रयासों से उत्तराखंड में टाटा कैंसर अस्पताल की स्थापना चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है। प्रमाणिक कार्यशैली में विश्वास करने वाले बलूनी उत्तराखंड को शीघ्र ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी सौगात देने वाले हैं। इस संबंध में आज एटॉमिक एनर्जी के मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह के अध्यक्षता में नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित हुई।
टाटा कैंसर अस्पताल प्रबंधन तेजी से उत्तराखंड में कैंसर अस्पताल की स्थापना के लिए कार्य कर रहा है। उनके अधिकारियों के दौरे जारी हैं। राज्य सरकार के साथ निरंतर उनका समन्वय चल रहा है। आज केंद्रीय परमाणु ऊर्जा मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ राजेंद्र अच्युत बड़वे, उपनिदेशक डॉ पंकज चतुर्वेदी, उत्तराखंड शासन के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक रविशंकर और उत्तराखंड कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर उपस्थित थे।
सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी कार्यकाल में पूरे देश में हर क्षेत्र में नए आयाम जुड़े हैं। इससे उत्तराखंड भी अछूता नहीं है। गत 7 वर्षों में उत्तराखंड में आम जनता अपने आसपास बदलते हुए उत्तराखंड को और विकास की हर दृष्टि में बढ़ते उत्तराखंड को अनुभव कर कर रही है। सांसद बलूनी ने कहा कि वह निजी तौर पर जानते हैं कि भले ही कैंसर के क्षेत्र में विज्ञान में बहुत तरक्की कर ली है, अनेक रोगों पर विजय हासिल कर ली है, पर आज भी कैंसर समाज में मानसिक तनाव और भय की दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे में राज्य में टाटा कैंसर इंस्टिट्यूट की स्थापना से हम राज्य की जनता को सस्ता और उच्च कोटि का प्रमाणिक उपचार तो देंगे ही, साथ ही समय पर जांच कराने से रोगी शीघ्र स्वस्थ भी हो सकेगा।

18 प्लस का शत-प्रतिशत टीकाकरण करने वाला पहला जिला बना बागेश्वर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए बताया कि जनपद बागेश्वर एवं जनपद पौड़ी के विकास खण्ड खिर्सू द्वारा 18 वर्ष से अधिक आयु के समस्त नागरिकों का प्रथम डोज कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत किया जा चुका है। जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड खिर्सू को 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों हेतु दिया गया लक्ष्य (2011 सेन्सस के सापेक्ष 2021 की सम्भावित जनसंख्या) क्रमशः 172210 एवं 29374 है। जिसके सापेक्ष दिनांक 12 अगस्त, 2021 तक जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड खिर्सू द्वारा क्रमशः 176776 एवं 37789 लाभार्थियों का प्रथम डोज़ टीकाकरण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश में दुनिया का सबसे बडा कोविड टीकाकरण अभियान चल रहा है। प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड को विशेष सहयोग मिला है। इस महीने अभी तक 17 लाख डोज मिल चुकी हैं। हम दिसम्बर अंत तक उत्तराखंड मे शतप्रतिशत वैक्सीनैशन कर दिया जाएगा।
भारत सरकार के मार्ग दर्शन में 16 जनवरी 2021 से सफलता पूर्वक कोविड-19 टीकाकरण अभियान आयोजित कर रहा है। टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए लगातार राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। दिनांक 17 अगस्त 2021 के कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के अनुसार 45 वर्ष और उससे अधिक के लाभार्थियों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 2326374 (83 प्रतिशत) एवं द्वितीय खुराक 1336923 (48 प्रतिशत) तथा 18 से 44 वर्ष के नागरिकों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 3027666 (61 प्रतिशत) एवं द्वितीय खुराक 211958 (4 प्रतिशत) है।
राज्य में आतिथि तक कोविड-19 टीकाकरण अभियान के अन्तर्गत कुल 7435124 खुराक दी जा चुकी हैं। जिसमें प्रथम खुराक 5661943 (73 प्रतिशत) एवं द्वितीय खुराक 1773181 (23 प्रतिशत) हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा जनपद बागेश्वर एवं विकास खण्ड खिर्सू को जनपदो से प्राप्त सूचना अनुसार राज्य में कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत पूर्ण करने वाले प्रथम जनपद एवं विकास खण्ड के रूप में प्रमाणित किया गया एवं उपरोक्त उपलब्धियों की सराहना की गयी। इसी के क्रम में उक्त अभियान में जनपद बागेश्वर के जिला अधिकारी (विनीत कुमार मीणा), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डॉ सुनीता टम्टा), जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डॉ प्रमोद सिंह जंगपांगी) एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कार्मिकों तथा जनपद पौडी के जिला अधिकारी (डॉ० के. विजय कुमार जोगडण्डे), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डॉ मनोज शर्मा). जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डॉ गम्भीर सिंह तालियान) एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कार्मिकों को बधाई दी। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

धामी सरकार की बड़ी पहल-207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचे अब निःशुल्क

उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं के विकास एवं विस्तार के लिये एक नयी योजना अस्तित्व में आ गयी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की उपस्थिति में निःशुल्क पैथोलॉजी जांच योजना का शुभारम्भ करते हुए इसे राज्य की जनता को समर्पित किया। देहरादून के जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन) अस्पताल) में आयोजित शुभारम्भ कार्यक्रम की अध्यक्षता राजपुर विधायक खजान दास द्वारा की गयी।

निशुल्क जांच योजना से आमजन को मिलेगा लाभः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निःशुल्क जांच योजना का लाभ समाज के अन्तिम छोर पर खड़े लोगों तक पहुंचेगा। अभी तक धन के अभाव में जो लोग अपनी जांच नहीं करा पाते थे, अब उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचे।

दिसम्बर तक शत प्रतिशत कोविड वैक्सीनेशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती पर राज्य सरकार का विशेष ध्यान है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से सुधार हुआ है। राज्य में 72 प्रतिशत लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 23 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। दिसम्बर तक राज्य में शत प्रतिशत कोविड टीकाकरण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पिछले सात सालों में केन्द्र सरकार से उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में मदद मिली है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का प्रधानमंत्री का एजेण्डा रहा है। इस माह केन्द्र से राज्य को काविड की 17 लाख वैक्सीन मिली। अगले माह से और अधिक वैक्सीन केन्द्र से मिलेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में निःशुल्क जांच योजना की अच्छी शुरूआत हुई। इस योजना का लाभ सभी को मिलेगा। इस योजना के प्रसार के लिए हर जिले में बड़े आयोजन किये जायेंगे। अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के तहत सभी परिवारों को 5 लाख रूपये तक का निःशुल्क उपचार दिया जा रहा है। इसस योजना के तहत अभी तक 3 लाख 17 हजार से अधिक लोगों का मुफ्त ईलाज हो चुका है।

मरीजों को जांच संबंधित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध रहेंगी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से राज्य के प्रमुख जिला, उप जिला चिकित्सालयों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर चरणबद्ध तरीके से निःशुल्क जांच योजना आज से लागू हो गयी है। इस योजना के लागू होने से मरीजों को उपचार के दौरान डायग्नोस्टिक एवं जांच संबंधित सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध होगी। यह योजना पूरे वर्ष भर कार्यशील रहेगी, ताकि आईपीडी, ओपीडी एवं इमरजेन्सी में आने वाले मरीजों को पैथोलॉजी जांच के लिए किसी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न हो।

पहले चरण में 6 जिलों की 38 और दूसरे चरण में शेष जिलों की 32 चिकित्सा इकाइयों पर चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही योजना
योजना के प्रथम चरण में निःशुल्क जांच की सुविधा राज्य के 6 जनपदों क्रमशः अल्मोड़ा, टिहरी, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार एवं ऊधमसिंहनगर में स्थित 38 जिला उप जिला चिकित्सालय तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है। द्वितीय चरण में राज्य के शेष जनपदों के 32 चिकित्सा इकाईयों पर यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से लागू होगीं।

योजना में 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचें शामिल
योजना का क्रियान्वयन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा लोक निजी सहभागिता के अनुसार होगा। निःशुल्क जांच योजना के अन्तर्गत 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांच को सम्मिलित किया गया है, जिसके लागू होने से सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी सुविधाओं का सुदृढीकरण होगा।

स्टैंडर्ड डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा सुनिश्चित
सेवा प्रदाता के साथ किए गए अनुबंध के अनुसार लैब, प्रयोगशाला हब मॉडल के अनुसार कार्य करेगी, जिसे कलेक्शन सेंटर एंड टेस्टिंग सेंटर या स्पोक कलेक्शन सेंटर मॉडल अनुरूप क्रियान्वित किया जायेगा। लैब द्वारा की जाने वाली समस्त जांचों एवं वहां पर कार्य करने वाले तकनीशियन, पैथोलॉजिस्ट एवं अन्य मानव संसाधन के संबंध में एनएबीएल गाईडलाईन,, एसओपी का अनुपालन करना आवश्यक किया गया है।
पैथोलॉजी सैम्पल जांच रिपोर्ट के संबंध में आन्तरिक एवं बाह्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सेवा प्रदाता द्वारा स्टैंडर्ड डायग्नोस्टिक प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जायेगा। इसके अतिरिक्त यह लैब समुदाय हेतु प्राइमरी डायग्नोस्टिक टेस्ट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगी।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा इस योजना को संचालित करने के लिए रू० 5 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है। मिशन द्वारा अनुबंधित फर्म के स्तर से लगभग 500 मानव संसाधन का रोजगार सृजन होगा, जिन्हें सेवा प्रदाता की ओर से नियुक्त किया जा रहा है। इस योजना के लागू होने से उपचार के दौरान मरीजों के अतिरिक्त जेब खर्च में कटौती होगी और जन सामान्य को स्वास्थ्य उपचार लेने में सहायता होगी।
योजना के शुभारम्भ अवसर पर सचिव अमित नेगी, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा, निदेशक एनएचएम डॉ० सरोज नैथानी, जिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिखा जंगपांगी, चन्दन हैल्थ केयर के डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव, एनएचएम तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण एवं जिला चिकित्सा के समस्त चिकित्सक एवं अन्य स्टॉफ उपस्थित हुए।

सरकार की योजना हर किसी को मिले बेहतर स्वास्थ्य सुविधा-डॉ. धन सिंह

स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार के लोक कल्याणकारी संकल्प कार्य की विकास यात्रा के इस शृंखला में मुख्य वक्ता के रूप में कैबिनेट मंत्री स्वास्थ्य मंत्री डा. धनसिंह रावत ने कहा कि सरकार बुजुर्गों के द्वारा सरकार ने सभी सीनियर सिटीजन के कुशलक्षेम उनके घर पर डा. पहुंचकर लेंगे।

5 सरकारी मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, रूद्रपुर व श्रीनगर में कार्य आरम्भ व प्रोसेस में है। जहां असिस्टेंट प्रोफेसर के 40 प्रतिशत नियुक्तियां की जा चुकी है। आज सभी विश्वविद्यालयों में 100 प्रतिशत फेकल्टी के साथ विभिन्न विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड की प्रतिभाओं को संवारने का कार्य कर रहे हैं। हर जिला, ब्लॉक तहसील अस्पताल में पर्याप्त डाक्टर नर्स व अन्य स्टाफ कार्यरत है। जिला चिकित्सालयों के डाक्टरों को सख्त हिदायत दी गयी है कि समस्त जांच व दवाईयां अस्पताल में ही उपलब्ध करायी जा रही है कोई भी बाहर से दवाई नहीं लिखी जायेगी। सभी वर्गों को अटल आयुष्मान योजना अन्तर्गत लाभ के रूप में 5 लाख तक का निःशुल्क इलाज की सुविधा के साथ 156 किस्म की जांचें जिला अस्पताल में निःशुल्क करायी जायेगी।

गर्भवती महिलाओं को प्रसूति के समय आने जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा वहन की जा रही है। कन्या का जन्म होने पर उसे महालक्ष्मी योजना को लाभ दिया जा रहा है। लिंगानुपात में उत्तराखण्ड पिछड़े नहीं इसके लिए सख्त कदम सरकार उठा रही है। बड़े कदम के रूप में आशा कार्यकर्तियों को लगभग 5000 प्रतिमाह की सहयोग राशि पर सरकार विचार कर रही है। साथ ही 2000 रूपये प्रतिमाह 5 माह तक सहयोग राशि आशा बहनों को दी जा रही है। साथ ही समिति फोन और टेब सभी को दिये जा रहे हैं। जिनसे वे घर घर जाकर टेलीमेडिसिन के माध्यम से उपचार कर पायेंगी, जिससे मरीज को चिकित्सालय जाने से छुटकारा मिलेगा।

कोरोना काल में डाक्टर व सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने जो सेवा सहयोग से संक्रमितों की प्राण रक्षा की उसके लिए डाक्टर्स व स्टाफ की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी व साथ ही आने वाली सम्भावित तीसरी लहर के प्रति सरकार की तैयारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा की सभी चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लाट, वैंटीलेटरक, सभी औजार बच्चों के वार्ड के साथ ही उनके तिमारदारों की भी सरकार ने पूर्ण व्यवस्था कर रखी है। साथ ही 38 से 40 लाख बच्चों के लिए दवाई के पैकेट की 100 प्रतिशत व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा चुकी है। वैक्सीन के क्षेत्र में सरकार कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है जहां 30 दिसम्बर तक 100 प्रतिशत उत्तराखण्ड की जनता 18$ को टीका लगाने की बात सरकार द्वारा कही गयी थी, जिस तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है, लगता है यह लक्ष्य नवम्बर तक प्राप्त कर लिया जायेगा। 2 जिलों में पूर्ण वैक्सीन किया जा चुका है।

प्रत्येक 14 जिलों में आरटीपीसीआर टैस्टिंग लैब स्थापित की जा रही है। वैक्सीन की कोई कमी राज्य में नहीं है। 77 लाख 18 प्लस में से 71 लाख व्यक्तियों को वैक्सीन दी जा चुकी है पर्वतीय अंचलों में डॉक्टर्स व स्टाफ के लिए रहने को भवन, शिक्षा की व्यवस्था व हिल अलाउंस की भी सरकार ने व्यवस्था की है। ताकि वे सहज स्थिति में कार्य कर स्वास्थ्य सेवाएं दे सके। प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय ने कहा कि डॉक्टर्स व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका इस विपरित परिस्थितियों वाले कोरोनाकाल में महत्वपूर्ण हो गयी है। सरकार अपना कार्य कर रही है और बेहतर कार्य कर रही है। सरकार प्राईवेट पाटर्नर व भाजपा कार्यकर्ता जन सेवा के कार्य में जुटे हुए संक्रमितों को कोरोना राक्षस से इस जंग से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस हाई रिस्क वाले कोरोनाकाल में हमारे कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह भी नहीं करते हुए संक्रमितों की सेवा में जुटा रहा उसके लिए अस्पतालों की व्यवस्था ऑक्सीजन, ब्लड, दवाईयां, औजारें, राशनकिट की व्यवस्था कार्यकर्ताओं द्वारा सुनिश्चित की गई और जनता के प्रति अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया।

संगठन मंत्री अजेय ने कोरोनाकाल में डाक्टर्स के अदम्य साहस, जोखिम उठाकर भी सेव भाव में जुटे रहना यह एक जज्बा जो उनमें रहा उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने हेल्थ वर्कर के रूप में 24000 कार्यकर्ताओं का भी आह्वान किया कि सम्भावित तीसरी लहर को मात देने के लिए हर संभव कदम उठाकर जनसेवा के लिए तैयार रहे, और जन संवेदना का परिचय दें। उन्होंने कहा अटल आयुष्मान बन रही जन सुरक्षा का आधार अभी तक 3 लाख लोग इस योजना का लाभ ले चुके हैं। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक ज्योति प्रसाद गैराला ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से अभिमन्यु कुमार, डा. अरविन्द शर्मा अध्यक्ष आईएमए, अजय खन्ना, डीडी चौधरी सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर्स उपस्थित रहे।

टी.बी. उन्मूलन एवं जागरूकता संबंधी लघु फिल्म का किया अनावरण

सूबे को क्षय रोग से मुक्त करने एवं जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से निर्मित लघु फिल्म का आज सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत द्वारा अनावरण किया गया। लघु फिल्म में टी.बी. के उपचार एवं समाधान के बारे में जानकारी प्रदान की गई हैं। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत की परिकल्पना के क्रम में उत्तराखंड से क्षय रोग के खात्में के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत उपचार की अवधि तक क्षय रोगियों को पोषाहार हेतु प्रत्येक माह डी.बी.टी. के माध्यम से रू0 500 उपलबध कराये जा रहे हैं। जिस तहत 1 अप्रैल 2018 से माह जुलाई 2021 तक रू. 16 करोड़ 90 लाख की धनराशि मरीजों के खातों में भेजी जा चुकी है।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने अपने कैम्प कार्यालय में क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य टी.बी. अनुभाग एवं सूचना विभाग के सहयोग से बनाई गई ‘टी.बी. उपचार एवं समाधान’ लघु फिल्म का आनलाइन अनावरण किया। लघु फिल्म लांचिंग अवसर पर डा. रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत के निर्धारित लक्ष्य से पूर्व उत्तराखंड से क्षय रोग के खात्में के लिए विभागीय अधिकारियों को सघन अभियान संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं। डा. रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा टी.बी. रोगियों को निःशुल्क जांच, उपचार, दवाईयां उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा रोगियों को उपचार अवधि के दौरान पोषाहार हेतु प्रत्येक माह डीबीटी के माध्यम से रूपये 500 की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत 1 अप्रैल 2018 से माह जुलाई 2021 तक 16 करोड़ 90 लाख की धनराशि डीबीटी के माध्यम से मरीजों को दी जा चुकी है। लघु फिल्म लांचिंग अवसर पर मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि राज्य में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग जांच एवं उपचार हेतु 13 जिला क्षय नियंत्रण केन्द्र, 95 टी.बी. यूनिट एवं 154 जांच केन्द्र स्थापित किये गये हैं। जहां भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत क्षय रोगियों का उपचार डेली रेजिमेन पद्धति के द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि डीआरटीबी (ड्रग रेसिस्टेंस ट्यूबरक्लोसिस) रोगियों के निदान हेतु पीएमडीटी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ऐसे रोगियों के ईलाज हेतु हिमालयन इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज जौलीग्रांट एवं राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी मे डीआरटीबी साइट स्थापित हैं। महानिदेशक स्वास्थ्य डा. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में टी.बी. उन्मूलन कार्यक्रम का लाभ लगातार टी.बी. रोगियों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि सूबे में 12289 टी.बी. रोगी चिह्नित किये गये हैं। जिनमें अल्मोड़ा में 355, बागेश्वर में 194, चमोली में 246, चम्पावत में 124, देहरादून में 2824, पौड़ी में 652, हरिद्वार में 2742, नैनीताल में 1975, पिथौरागढ़ में 282, रूद्रप्रयाग में 177, टिहरी में 258, यूएसनगर में 2058, उत्तरकाशी में 402 टी.बी. रोगी है।
इस अवसर पर एसटीओ डा. मयंक बडोला, अनिल सती सहित वर्चुअल माध्यम से मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका, स्वास्थ्य महानिदेशक तृप्ति बहुगुणा, सभी जनपदों के क्षय रोग अधिकारी एवं अन्य सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि ने प्रतिभाग किया।