सतपाल महाराज पाॅजीटिव, कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री और अधिकारी होंगे क्वारंटीन

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व उनके परिवार और स्टाफ के 23 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। बेटे, बहुएं और पांच साल के पोते में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे का सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। कल पूर्व मंत्री अमृता रावत कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराज और उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही आवास में काम करने वाले कर्मचारियों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
इनमें कैबिनेट मंत्री महाराज, उनके छोटे बेटे सुयश, बड़ी बहू आराध्य, छोटी बहू मोहिनी, पांच साल के पोते श्रेयांश में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे श्रद्धेय का सैंपल दोबारा से जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहीं, महाराज के आवास में काम करने वाले 17 कर्मचारी भी संक्रमित मिले है।
महाराज और उनका परिवार कोरोना संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। महाराज की पत्नी अमृता रावत को रविवार सुबह ही एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, इसके बाद दोपहर में महाराज और अन्य लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद महाराज समेत लोगों को भी एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि कैबिनेट मंत्री महाराज और उनके परिवार के सदस्यों व स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। विभाग की ओर से 41 सैंपल जांच के लिए गए थे। इसमें 22 सैंपल कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सभी को भर्ती कराया गया है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के परिवार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर प्रशासन ने सर्कुलर रोड, डालनवाला स्थित उनके आवास के आसपास का क्षेत्र पाबंद (सील) कर दिया है। क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। अगले आदेश तक यहां के लोग क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान क्षेत्र के बैंक, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन मंत्री के सर्कुलर रोड स्थित आवास के पूरब में कर्जन रोड, पश्चिम में अब्दुल्ला खान का मकान, उत्तर में अमित अग्रवाल का मकान और दक्षिण में 13 म्यूनिसिपल रोड के क्षेत्र को पाबंद किया है। डीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति अब प्रशासन कराएगा।
परिवार का एक सदस्य खरीदारी के लिए बाहर निकल सकता है। मोबाइल वैन के जरिए पाबंद क्षेत्र में दूध की सप्लाई की जाएगी। नगर निगम को क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ मुनादी कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस क्षेत्र की बैरिकेडिंग करेगी। सीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी है तो कंटेनमेंट जोन के लोग पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। आदेश का पालन न करने वाले लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एहतियात बरतते हुए होंगे होम क्वारंटीन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। पॉजिटिव आने से पहले महाराज मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित शासन के अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एहतियात बरतते हुए सभी बैठकें निरस्त कर दी हैं, जबकि कई मंत्री होम क्वारंटीन में चले गए हैं।
हालांकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक जिस फार्मेट में होती है, वह संक्रमण के लिहाज से लो रिस्क श्रेणी में आती है। महाराज के पॉजिटिव आते ही सरकार में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपनी सभी बैठकें निरस्त कर दी। उन्होंने किसी से मुलाकात भी नहीं की।
वहीं अधिकांश मंत्रियों ने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया है। महाराज के साथ बैठक में मौजूद होने से कई मंत्री भी सहमे हुए हैं कि कहीं उनमें कोरोना का लक्षण न आ जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल में जो भी अधिकारी शामिल थे, उनमें से आधे अधिकारी होम क्वारंटीन होंगे और आधे वर्क फ्रॉम होम करेंगे।

पत्नी के पाॅजीटिव होने से एक दिन पहले कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे महाराज

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत कल कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव और अपर सचिव युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमृता रावत की तबीयत खराब थी। शनिवार सुबह देहरादून की एक निजी लैब में उनकी कोरोना जांच की गई, देर शाम रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अमृता रावत की रिपोर्ट पाॅजीटिव आने की खबर से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। एक दिन पहले ही कैबिनेट में सतपाल महाराज शामिल हुए थे। ऐसे में राज्य की कैबिनेट और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों में चिंता होना लाजिमी है। सतपाल महाराज के कोविड टेस्ट के बाद ही कुछ स्थिति साफ हो पायेगी। क्योकि रिपोर्ट अगर पाॅजीटिव आती है तो नियमानुसार सभी को क्वारंटीन करना होगा। बता दें कि कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी शामिल थे। ऐसे में यह देश का पहला राज्य होगा जहां पूरी सरकार को ही क्वारंटीन होना पड़ेगा। लेकिन महाराज की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह सभी के लिए राहत की बात होगी।  
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली से मंत्री सतपाल महाराज से मिलने आए लोगों को मंत्री आवास में ही क्वांरटीन कर दिया गया था। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के घर के बाहर क्वारंटीन का स्टीकर भी चस्पा किया गया था। 
कुछ लोग दिल्ली से सतपाल महाराज से मिलने उनके सर्कुलर रोड स्थित घर पर आए थे। इसलिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से महाराज के घर आए तीन लोगों को प्रशासन ने उनके आवास में ही होम क्वांरटीन कर दिया था। वहीं मंत्री ने अपना ऑफिस भी सरकारी आवास में शिफ्ट कर दिया था।

कांग्रेस के निशाने पर आएं महाराज
कांग्रेस पार्टी की ओर से सतपाल महाराज सहित पूरी कैबिनेट और मुख्यमंत्री को क्वारंटीन करने की मांग की गई है। साथ ही ऐसे अधिकारी जो बैठक में शामिल हुए उन्हें भी ऐतिहातन के तौर पर क्वारंटीन करने और सभी का सैंपल लेने की बात की जा रही है। सोशल मीडिया में भी महाराज की पत्नी के पाॅजीटिव पाये जाने पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली।

मदन कौशिक पर बढ़ा दबाव
उत्तरी हरिद्वार में एक युवक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के उपर दबाव बढ़ गया है। कारण यह कि युवक तीन दिन पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत कई लोगों के संपर्क में आया था। दरअसल, युवक खड़खड़ी में मदद के लिए बांटा गया राशन लेने पहुंचा था। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मंत्री समेत अन्य को भी क्वारंटाइन किया जाएगा। दरअसल, खड़खड़ी क्षेत्र के रामलीला मैदान में गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए राशन बांटा गया था। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के अलावा एक बड़े संत, एक कथावाचक व कई पार्षद और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए थे।

रात्रिकालीन कर्फ्यू रहेगा, रात नौ से सुबह पांच बजे तक पाबंदी

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 68 दिनों की बंदी के बाद चरणबद्ध तरीके से बंदिशें हटाने का एलान कर दिया। 30 जून तक चलने वाले लॉकडाउन-5.0 के दौरान पाबंदियां सिर्फ कंटेनमेंट जोन में रहेंगी। इसके अलावा बाकी जगहों पर सभी गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरू होंगी। एक जून से पूरे देश में कहीं भी लोग आ जा सकेंगे। इसके लिए किसी पास या मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। वहीं, देशभर में रात का कर्फ्यू अब रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक रहेगा। इस दौरान सिर्फ आवश्यक गतिविधियों की मंजूरी होगी।
अनलॉक-1 के पहले चरण में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक आठ जून से सभी धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल खुल सकेंगे। वहीं, दूसरे चरण में स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी है। हालांकि इसकी तारीख राज्यों से पहले चरण के फीडबैक के आधार पर जुलाई में तय होगी। इसके बाद तीसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल, स्वीमिंग पूल, जिम, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल, राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने पर फैसला होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-1 के विस्तृत दिशा-निर्देश के तहत कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां पहले की तरह ही 30 जून तक लागू रहेंगी। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण संक्रमण स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन करेगा। इस जोन में सिर्फ चिकित्सा तथा आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की ही मंजूरी होगी। राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन तय कर हालात के मुताबिक कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जरूरत के हिसाब से पाबंदियां लगाई जा सकेंगी।

दूसरे राज्य में जाने के लिए पास जरूरी नहीं, नियम तोड़ने पर होगी सजा
सोमवार से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने या राज्य के भीतर कहीं भी लोगों और वस्तुओं की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इसके लिए अलग से कोई मंजूरी या ई-पास भी जरूरी नहीं होगा। हालांकि कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अगर स्वास्थ्य कारणों से आवाजाही रोकना चाहता है तो इस बारे में पहले व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना होगा। श्रमिक स्पेशल, विशेष ट्रेनें, घरेलू विमान सेवाएं तथा विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी जारी रहेगी। कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश वस्तुओं की आपूर्ति या आवाजाही पर रोक नहीं लगा सकेगा।

नियम तोड़ने पर सजा का प्रावधान
महामारी के दौरान सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 और आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई करेगी। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत निमभन परिस्थितियों में कार्रवाई की जाएगी।
अकारण किसी अधिकारी या अन्य सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने पर धारा-51 के तहत एक साल की सजा व जुर्माना
केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर भी धारा-51 के तहत एक साल की सजा व जुर्माना
सरकारी राहत कार्यों को लेकर किसी तरह का झूठा दावा करने पर धारा-52 के तहत दो साल की सजा व जुर्माना
राहत अभियान के तहत मिले सामान या पैसे में घपला करने पर धारा-53 की तहत दो साल की सजा व जुर्माना
आपदा या महामारी को लेकर किसी तरह की झूठी अफवाह फैलाने पर धारा-54 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना
किसी सरकारी विभाग की तरफ से किए गए अपराध के लिए विभागीय प्रमुख होगा दोषी, धारा-55 (1) के तहत कार्रवाई
यदि यह साबित हो कि अपराध विभागीय प्रमुख के बजाय अन्य अधिकारी ने किया है तो धारा-55 (2) के तहत कार्रवाई
बिना इजाजत लिए आपदा के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले सरकारी अधिकारी को धारा-56 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना
धारा-65 के तहत दिए गए आदेश का पालन करने में असफल रहने वाले व्यक्ति को एक साल कैद या जुर्माना या दोनों सजा
कंपनियों द्वारा अधिनियम के तहत जारी निर्देशों का पालन नहीं करने पर धारा-58 के तहत आपराधिक कार्रवाई
धारा-55 व धारा-56 के तहत किए गए अपराध में अभियान की कार्रवाई धारा-59 के तहत पूरी की जाएगी
अधिनियम की धारा-60 के तहत कोई भी अदालत कुछ खास परिस्थितियों में मामले का संज्ञान नहीं लेगी

पहला चरण
धार्मिक स्थल, सार्वजनिक पूजा स्थल, होटल, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल आठ जून से खुलेंगे। इनके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय दिशा-निर्देश जारी करेगा।

दूसरा चरण
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि शिक्षण संस्थान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चर्चा के बाद खुलेंगे। राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अभिभावकों तथा शिक्षण संस्थान संचालकों से विचार विमर्श कर केंद्र को फीडबैक देंगे। इसके आधार जुलाई में इन्हें खोलने पर फैसला होगा।

तीसरा चरण
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, मेट्रो रेल, सिनेमाघर, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार, सभागार, सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक समारोह और अन्य बड़े कार्यक्रमों को शुरू करने की तारीखों का फैसला हालात के आकलन के बाद तीसरे चरण में होगा।
कार्य स्थलों के लिए ये हैं दिशानिर्देश, चेहरा ढकना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य
सार्वजनिक जगहों, कार्य स्थलों और सफर के दौरान चेहरा ढकना अनिवार्य होगा।
सार्वजनिक स्थलों पर हर किसी को दो गज (छह फुट) की दूरी का पालन करना होगा।
बड़ी सार्वजनिक सभाओं व कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। शादी में 50 से ज्यादा और अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर पाबंदी।
सार्वजनिक जगहों पर थूकना होगा दंडनीय अपराध, लगेगा जुर्माना।
सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीना, गुटखा और तंबाकू इत्यादि खाने पर रहेगी रोक।
 
कार्यालयों के लिए दिशानिर्देश
यथासंभव वर्क फ्रॉम होम लागू हो
दफ्तरों, कार्यस्थलों, दुकानों, बाजारों, उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बिजनेस ऑवर का पालन हो
कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोने और आने जाने वाले द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था हो
कार्यस्थलों में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन हो। शिफ्ट बदलने के दौरान भी रखें सफाई का ध्यान
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। शिफ्ट के बीच पर्याप्त अंतराल हो
कर्मचारियों के आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाए

प्रवासियों में तेजी से हो रही कोरोना की पुष्टि, एक दिन में 200 पाॅजीटिव केस मिले

राज्य में कोरोना को लेकर स्थिति विकट होने लगी है। हर दिन संक्रमितों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कल राज्य में रेकार्ड 216 नए मरीजों के सामने आने के से राज्य सरकार के साथ ही आमजन की नींद उड़ गई है। सर्वाधिक पॉजिटिव संख्या 85 नैनीताल जिले की है, जबकि 68 मरीज देहरादून से हैं। अल्मोड़ा में 21, बागेश्वर व टिहरी में आठ-आठ, हरिद्वार, पौड़ी व ऊधमसिंहनगर में पांच-पांच, उत्तरकाशी में चार व रुद्रप्रयाग में छह नए मामले सामने आए हैं। संक्रमितों में अधिसंख्य महाराष्ट्र, गुरुग्राम, दिल्ली से लौटे प्रवासी हैं। अभी तक प्रदेश में कोरोना के 726 मामले आए हैं। जिनमें 105 स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में उत्तराखंड में 613 एक्टिव केस हैं। इसके अलावा तीन मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं। कोरोना संक्रमित पांच मरीजों की मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को 1296 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है। जिनमें 1080 की रिपोर्ट निगेटिव व 216 केस पॉजिटिव हैं। सर्वाधिक 85 नैनीताल जिले से हैं। 27 मई महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में प्रवासी ट्रेन से लालकुंआ पहुंचे थे। इनमें से 319 लोगों के सैंपल लिए गए हैं, आज पॉजिटिव आए 80 लोग इन्हीं में शामिल हैं। दिल्ली और गुरुगाम से लौटे दो-दो और रामपुर उप्र से लौटे एक शख्स भी कोरोना संक्रमित मिला। सभी संक्रमित रामनगर में क्वारंटाइन थे, अब उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है। देहरादून में 68 मरीज देहरादून मिले।
इनमें बाहरी राज्यों से लौटे 34 लोगों को क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है। जबकि 11 लोग पूर्व में ही दून मेडिकल कॉलेज के कोरोना संदिग्ध वार्ड में भर्ती हैं। ये निरंजनपुर सब्जी मंडी के संक्रमित मुनीम के संपर्क में आए हैं। सब्जी मंडी के आढ़ती के एक कर्मचारी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। अन्य 22 संक्रमितों में एम्स ऋषिकेश का नर्सिंग ऑफिसर, लैब टेक्नीशियन, सिक्योरिटी गार्ड, वहां भर्ती दो भर्ती मरीज और लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी का एक कर्मचारी, बैराज कॉलोनी निवासी पिता-पुत्र, ऋषिकेश में क्वारंटाइन नरेंद्रनगर निवासी युवक और विकासनगर क्षेत्र के लोग शामिल हैं। ये सभी लोग बाहर से आए हैं और बॉर्डर पर सैंपलिंग के बाद इन्हें क्वारंटाइन किया गया था।
जनपद अल्मोड़ा में 21 प्रवासी बीती 23 मई को मुम्बई से ट्रेन से लालकुआं पहुंचे थे। 24 मई को अल्मोड़ा पहुंचने पर इन्हें क्वारंटाइन किया गया था। इसके अलावा 24 मई को ही गुरुग्राम से लौटे एक युवक को बेस हॉस्पिटल में आइसोलेट किया गया था। इन सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव है। टिहरी में मुंबई से लौटे आठ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है। हरिद्वार में कोरोना संक्रमित मिले पांचों लोग मुंबई से आए हैं।
ऊधमसिंहनगर में मिले कोरोना संक्रमित पांच युवक मुंबई से लौटे हैं, इनमें दो वहां नौकरी करते थे और एक फल बेचता था। रुद्रप्रयाग में कोरोना पॉजिटिव दो युवक 20 मई को दिल्ली से अपने निजी वाहन से यहां पहुंचे थे, इन्हें संस्थागत क्वारंटाइन किया गया था। पौड़ी में संक्रमित मिले पांच युवक गुरुग्राम और मुंबई से लौटे हैं।

आज 73 नए मरीज, अब तक 58 मरीज ठीक, 317 पाॅजीटिव हुए केस

राज्य में आज कोरोना संक्रमण के 73 नए मामले आए हैं। 32 मामले सबसे ज्यादा नैनीताल जिले में मिले हैं। इसके साथ ही अब प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 317 पहुंच गई है। अपर सचिव युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि आज प्रदेश में 943 सैंपल निगेटिव पाए गए हैं। जबकि 1120 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं, 58 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। वहीं, प्रदेश में तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी हो चुकी है। लेकिन तीनों की ही मौत का कारण कोरोना नहीं है। अन्य कारणों से मरीजों की मौत हुई है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, आज आए मामलों में अल्मोड़ा में 5, चमोली में 8, चंपावत में 1, देहरादून में 11, नैनीताल में 32, पौड़ी में एक, टिहरी में तीन , बागेश्वर में दो और ऊधमिसंह नगर में 9 मामले सामने आए हैं। वहीं, एक मामला निजी लैब में पॉजिटिव पाया गया है। लगातार दूसरे दिन नैनीताल में 117 केस सामने आने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है।
अब तक देहरादून में 75, हरिद्वार में 14, उत्तरकाशी में 10, अल्मोड़ा में 12, चंपावत में 8, टिहरी में 9, बागेश्वर में 8, पौड़ी में 7, रुद्रप्रयाग में 3, पिथौरागढ़ में 2, चमोली में 9, नैनीताल में 117, ऊधमिसंह नगर में 43 संक्रमण के मामले सामने आ चुके है। कोरोना संक्रमण के मामले में नैनीताल ने देहरादून को पीछे छोड़ दिया है। शनिवार को संक्रमण में बने नए रिकॉर्ड से नैनीताल जनपद प्रदेश में नंबर वन पर आ गया है। पूरा प्रदेश कोरोना की चपेट में आने से सोमवार को कई जिलों की ऑरेंज और ग्रीन जोन की श्रेणी बदल सकती है।
शुक्रवार तक देहरादून संक्रमित मामलों के आधार पर सबसे आगे था, लेकिन शनिवार को नैनीताल जिले में एक दिन में 57 कोरोना संक्रमित मिलने से देहरादून पीछे छूट गया है। वहीं, आज 32 मामले आए हैं।  नैनीताल में कुल संक्रमितों की संख्या 117 पहुंच गई है, जबकि देहरादून में यह संख्या 71  पर पहुंच गई है।
वर्तमान में प्रदेश के सात जिले हरिद्वार, टिहरी, चंपावत, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व चमोली ग्रीन जोन में है। जबकि देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, पौड़ी और उत्तरकाशी जिला ऑरेंज जोन में है। प्रदेश का कोई भी जिला रेड जोन में नहीं है।
कोरोना संक्रमण की दर, डबलिंग रेट, प्रति लाख सैंपल जांच, सर्विलांस के आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन तय किया जाएगा। अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि सोमवार को जोन को लेकर जिलों की समीक्षा की जाएगी। केंद्र की ओर से तय मानकों के आधार पर जिलों के जोन तय किए जाएंगे।

वहीं, मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिह रावत ने राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में कोविड-19  संबंधी कार्यों, आवश्यकता और तैयारियों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अभी तक 2 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है, लेकिन उनकी मौत की वजह कोविड नहीं था, वह दूसरी बीमारियों से मरे।
रविवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और स्वास्थ्य एवं वित्त सचिव अमित नेगी के साथ श्रीनगर मेडिकल पहुंचे। यहां उन्होंने सभागार में प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के  अधिकारियों की बैठक ली। बैठक की शुरुआत करते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीएम  रावत ने प्रोजेक्टर के माध्यम से  कोविड -19 से बचाव और  कोविड जांच की प्रगति आख्या प्रस्तुत की।
उन्होंने बताया कि कोविड जांच लैब में 3 मई से अब तक पौड़ी, टिहरी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के 670 नमूनों की जांच हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड 19 सिर्फ बीमारी ही नहीं है। बल्कि इस महामारी का असर धीरे-धीरे समाज में आएगा। इसलिए सभी को हर तरह से तैयार रहना होगा। आज से 5 दिन पहले कम कोरोना पॉजिटिव के चलते उत्तराखंड अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में था। लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र हरियाणा व राजस्थान आदि प्रदेशों से प्रवासी आने से चुनौती बढ़ गई है। इसके लिए  हमारी टीम और  हमारी रणनीति बेहतर हो। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए की बाहर से आने वाले लोगों का मानकों के अनुसार परीक्षण हो। सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था हो। जो कोरोना पॉजिटिव नियमों का उल्लंघन करें, उनके खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया जाए।

ऋषिकेश पुलिस ने कोरोना से मृत महिला का कराया दाह संस्कार

राज्य में कोरोना से शुक्रवार की देर रात हुई दूसरी मौत के बाद शनिवार शाम मृतका का अंतिम संस्कार पुलिस ने कराया। मृतका की चिता को मुखाग्नि उनके पति ने दी। कोरोना वायरस (पॉजिटिव) एवं कैंसर से पीड़ित महिला की मृत्यु के पश्चात, पुलिस व प्रशासन द्वारा सुरक्षा के समस्त उपाय व पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार कराया गया।

शनिवार को कोतवाली पुलिस व प्रशासन के द्वारा करोना संक्रमण से बचाव करते हुए उत्त मृतक महिला का अंतिम संस्कार चंद्रेश्वर नगर स्थित मुक्तिधाम में कराया गया। इसके बाद अंतिम संस्कार के पूरे स्थान को सैनिटाइज करवाया गया।

एक ही दिन में नैनीताल से 55 और पूरे प्रदेश में 91 मामले कोरोना पाॅजीटिव

प्रदेश में आज एक ही दिन में 91 कोरोना मरीज सामने आये है। अब राज्य में कुल मरीजों की संख्या 244 हो गई है। वहीं अब राज्य में कोई भी जिला कोरोना संक्रमण से अछूता नहीं रह गया है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रदेश में आज 91 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। एम्स ऋषिकेश में हुई एक कोरोना मरीज की मौत के बारे में स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि उसकी मौत कोरोना से नहीं हुई है। उसकी मौत एसोफैगस कैंसर से हुई है। शनिवार को चंपावत में सात, देहरादून में नौ, हरिद्वार में दो, नैनीताल में 57, अल्मोड़ा में तीन, पिथौराढ़ में दो, उत्तरकाशी में तीन, ऊधमसिंह नगर में तीन, रुद्रप्रयाग में तीन और पौड़ी जिले में दो नए मामले सामने आए हैं।
यह पहली बार है जब राज्य में एक साथ 91 केस सामने आए हैं। इन मामलों के आने के बाद अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 244 हो गई है। रुड़की के आदर्श नगर निवासी 54 वर्षीय व्यक्ति में आज कोरोना की पुष्टि हुई है। ये मुंबई से हरिद्वार में आए थे। अब हरिद्वार जनपद में अब एक्टिव केस छह हो गए हैं। ये सभी रुड़की क्षेत्र से आए हैं। सभी प्रवासी हैं। इससे पहले सात मामले आए थे जो कि सभी ठीक हो चुके थे। लेकिन नए मामले आने से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।

डीएम ने घर-घर जांच करने के निर्देश दिए
देहरादून जिले में कोरोना के मामले बढ़ने पर प्रशासन अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए घर-घर जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब ब्लड प्रेशर, शुगर, सांस, दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को बचाया जाएगा। ऐसे मरीजों का सर्वे कर डाटा तैयार किया जाएगा। जिससे उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इनका डाटा एकत्र करेंगी। फोन के माध्यम से भी संपर्क कर उनकी तबीयत, डॉक्टर के पास कब गए? अब क्या स्थिति है? कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण तो नहीं जैसे सवाल पूछकर रिपोर्ट तैयार करेंगी। डीएम ने बताया कि अभी तक क्वारंटीन लोगों की निगरानी की जा रही थी। लेकिन, अब ऐसे लोगों को भी निगरानी की जाएगी, जो बीमार चल रहे हैं। 

प्रशासन की लापरवाही आई सामने
ऋषिकेश में 13 मई को दिल्ली से लौटने वाली महिला बैंक कर्मी को क्वारंटाइन न करने के मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सकते में आ गया है। जिसके बाद हीरालाल मार्ग स्थित यूको बैंक को प्रशासन ने 14 दिनों के लिए सील कर दिया है। साथ ही सभी कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया गया है। प्रशासन ने पुलिस और मेडिकल टीम की सहायता से कोरोना संक्रमित पाये गए दोनों लोगों के निवास स्थान को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया है। रेड जोन से ऋषिकेश लौटने के बाद भी महिला को क्वारंटाइन नहीं किया गया। वहीं, महिला बैंक कर्मी के दिल्ली से लौटने के बावजूद होम क्वारंटाइन न करने को लेकर स्थानीय लोग अब प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

कोरोना से बचना है तो भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें, जानिए क्यों है जरुरी

कोरोना वायरस आने के बाद सब एक दूसरे से उचित दुरी बना कर रख रहे है। लोगों से कहा जा रहा है कि दूर-दूर रहो. कम से कम एक या दो मीटर की दूरी। लेकिन अब एक अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना से बचने के लिए दो मीटर की दूरी नाकाफी है. क्योंकि इंसान की लार की बूंदें कम गति वाली हवा में भी कुछ नहीं तो छह मीटर तक ट्रैवल तो करती ही हैं।
ये अध्ययन अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिक्स के तहत फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें कहा गया है कि जब हवा की गति जीरो थी, तब लार की बूंदों ने दो मीटर से ज्यादा ट्रैवल नहीं किया। जो कि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के लिए एकदम सही है। लेकिन जब हवा चार किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है, तब ये बूंदें छह मीटर तक ट्रैवल कर लेती हैं।
लार की बूंदों पर ये स्टडी रिसर्चर्स तालिब डीबौक और दिमित्रिस ड्रक्कैकिस ने की है। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के ई-मेल के जवाब में ड्रक्कैकिस ने लिखा है कि ‘चार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा के एक झोंके से भी ये बूंदें पांच सेकंड्स के अंदर छह मीटर तक ट्रैवल कर जाती हैं। इसलिए दो मीटर की दूरी काफी नहीं है। भीड़ वाले इलाके काफी ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।’
लार की बूंदों पर स्टडी करने के लिए रिसर्चर्स ने कम्प्यूटेशनल फ्लुइड्स डायनेमिक्स का इस्तेमाल किया गया है। इस स्टडी में ये देखा गया कि खांसते हुए आदमी के मुंह से निकलने वाली लार की हर बूंद किस तरह मूव करती है। उमस का उस बूंद पर क्या प्रभाव होता है। बूंदों का आपस में और हवा के साथ कैसा बर्ताव रहता है, और किस तरह ये बूंदें लिक्विड से गैस बनकर हवा होती हैं।
स्टडी में रिसर्चर्स ने ये कहा है कि उन्होंने ये पता लगाने की पूरी कोशिश की है कि सर्दी और बसंत के मौसम का इन बूंदों पर क्या प्रभाव होता है। ड्रक्कैकिस कहते हैं, ‘हमें बूंदो के वाष्पीकरण को अभी और गहराई से समझना है। अलग-अलग वातावरण को लेकर भी स्टडी करनी है। काम अभी चल ही रहा है। इनडोर वातारवरण में बूंद का बर्ताव कैसा होगा, ये जानना बहुत जरूरी है।
वैज्ञानिक कह रहे हैं कि अभी अलग-अलग वातावरण के हिसाब से स्टडी करना बाकी है। लेकिन ये स्टडी सोशल डिस्टेंसिंग के सुझाव के लिहाज से समझना और होना बेहद जरूरी है।

देहरादून की निरंजनपुर मंडी बंद, कोरोना संक्रमित मरीज की हुई थी पुष्टि

राज्य में आज सात और कोरोना से संक्रमित मरीज मिले हैं। जिसमें देहरादून जनपद में तीन और ऊधमसिंह नगर जनपद के जसपुर में दो व हरिद्वार जनपद में दो और संक्रमित मरीज शामिल हैं। प्रदेश में अब संक्रमित मरीजों का आंकड़ा डेढ़ सौ के पार हो गया है। प्रदेश में कुल संक्रमित मरीज 153 हो गए हैं।
कल प्रदेश में 16 नए संक्रमित मरीज और बुधवार देर रात देहरादून और टिहरी में चार संक्रमित मरीज मिले थे। अकेले देहरादून जनपद में आंकड़ा 54 पहुंच गया है। जबकि राज्य में 56 मरीज सही हो चुके हैं। आज कोरोना संक्रमित मिलने पर प्रशासन ने देहरादून की गुरु रोड को सील कर दिया है। यहां अग्रिम आदेश तक लोग पूरी तरह से कॉलोनी के अंदर ही रहेंगे। इस दौरान क्षेत्र के बैंक, दुकानें और अन्य सभी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने आदेश जारी करते हुए कहा कि इस इलाके में जरूरी वस्तुओं की सप्लाई प्रशासन कराएगा। परिवार का एक सदस्य खरीदारी के लिए बाहर निकल सकता है। मोबाइल वैन के जरिए दूध की सप्लाई की जाएगी। नगर निगम को क्षेत्र की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ ही मुनादी कर लोगों को जागरूक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
सीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी है तो कॉलोनी के लोग पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। आदेश का पालन न करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, कल कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद देहरादून की निरंजनपुर मंडी बंद कर दी गई है। पूरी मंडी को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया चल रही है। सभी दुकानों और गोदामों को सैनिटाइज किया जा रहा है।
गुरुवार को मंडी में एक व्यक्ति में कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। मंडी अध्यक्ष राजेश शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर सोमवार तक के लिए मंडी को बंद किया जा रहा है। पहले पीड़ित की दुकान के दोनों तरफ की पांच-पांच दुकानों को बंद किया गया। इसके अलावा अन्य सभी दुकानों को भी सैनिटाइज किया जा रहा है। इस दौरान बाजार में फल सब्जियों की कमी न हो, इसके लिए प्लान तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मंडी अब मंगलवार से ही खुलेगी।

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