मुख्य सचिव ने पुनर्निर्माण कार्याे का निरीक्षण किया

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही मास्टर प्लान के तहत संचालित पुनर्निर्माण कार्याे का निरीक्षण किया।
हेमकुंड साहिब में इमरजेंसी रेस्क्यू कार्याे के लिए नव निर्मित हैलीपेड, ट्रैक रेलिंग, सुलभ शौचालय व अन्य निर्माण कार्याे का निरीक्षण करने के साथ मुख्य सचिव ने हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा पहुंचकर गुरु दरवार में मत्था टेका।
इसके बाद मुख्य सचिव हेलीकॉप्टर से बद्रीनाथ पहुंचे और यहां पर मास्टर प्लान के अन्तर्गत संचालित पहले चरण के पुनर्निर्माण कार्याे का जायजा लेते हुए निर्माण कार्याे में तेजी लाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को बद्रीनाथ में निर्माण कार्याे की प्रगति से अवगत कराया। इस दौरान मुख्य सचिव ने भगवान बद्रीनाथ के दर्शन करने के साथ ही बद्रीनाथ से मूसा पानी ताक बॉर्डर डेवलपमेंट प्लान के अन्तर्गत सड़क मार्ग का निरीक्षण भी किया।
निरीक्षण के दौरान अधीक्षण अभियंता राजेश शर्मा, एसडीएम कुमकुम जोशी, गावर कन्स्ट्रक्शन लि. के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीएल सोनी, ईओ सुनील पुरोहित सहित निर्माणदायी एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने बदरीनाथ व केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय से इस बैठक में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, विशेष कार्याधिकारी पर्यटन विभाग भाष्कर खुल्बे, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे वर्चुअल माध्यम से सचिव संस्कृति भारत सरकार गोविन्द मोहन, संयुक्त सचिव भारत सरकार रोहित यादव, उप सचिव भारत सरकार मंगेश घिल्डियाल भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की पूरी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ेगी। श्री केदारनाथ के निकटवर्ती स्थानों को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए आस-पास के एरिया के डेवलपमेंट की दिशा में प्रयास करने होंगे। रामबाड़ा और केदारनाथ के बीच श्रद्धालुओं को ठहरने एवं कौन सी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकती हैं, इस ओर भी ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि वासुकीताल, गरूड़ चट्टी, लिंचोली और उनके आस-पास श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक दृष्टि से क्या किया जा सकता है, इसका पूरा प्लान तैयार किया जाए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री बद्रीनाथ के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों को मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए भी योजना बनाई जाए। माणा गांव एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों को रूरल टूरिज्म के लिए विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए। इनमें स्थानीय कल्चर एवं स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देकर ईकोनॉमी का अच्छा मॉडल बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सेवकों एवं डॉक्टरों से भी अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। सरकारी व्यवस्थाओं के साथ जन सहयोग भी जरूरी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। दिसम्बर 2023 तक सभी कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस साल अभी तक 35 लाख से अधिक पंजीकृत श्रद्धालु चारधाम यात्रा में आ चुके हैं।
मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने श्री केदारनाथ एवं श्री बद्रीनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों का प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में प्रथम चरण के पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। द्वितीय चरण में 188 करोड़ रूपये के 21 कार्य किये जा रहे हैं। जिनमें से 03 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 06 कार्य दिसम्बर 2022 तक पूर्ण हो जायेंगे। अवशेष 12 कार्यों को जुलाई 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। गौरीकुण्ड में गेट का निर्माण किया जा चुका है। संगम घाट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण किया जायेगा। ईशानेश्वर टेम्पल का कार्य भी एक माह में पूर्ण हो जायेगा। मास्टर प्लान के अनुसार सभी कार्य दिसम्बर 2023 तक पूर्ण किये जायेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि श्री बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के अनुसार तेजी से कार्य हो रहे हैं। शीश नेत्र लेक एवं बद्रीश लेक का कार्य 03 माह में पूर्ण हो जायेगा। रिवर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का कार्य जून 2023 तक पूर्ण हो जायेगा।
सचिव संस्कृति, भारत सरकार गोविन्द मोहन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से जानकारी दी कि श्री केदारनाथ के लिए संस्कृति मंत्रालय के तहत चार प्रकार के कार्य होने हैं। जो जल्द शुरू किये जायेंगे। सोनप्रयाग में ओरिएंटेशन सेंटर की स्थापना, रामबाड़ा, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली एवं चन्नी कैंप में चिन्तन स्थल (ध्यान स्थल), श्री केदारनाथ में शिव उद्यान एवं श्री केदारनाथ में श्री केदार गाथा म्यूजियम का निर्माण किया जायेगा। इन सभी कार्यों की पूरी योजना बनाकर तैयारी कर ली गई है।

चारधाम यात्रा में देश ही विदेशों से भी पहुंच रहे श्रद्धालु

चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड टूटता जा रहा है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री सहित यमुनोत्री धामों में देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों की लगातार बढ़ रही संख्या को देखते हुए सचिव पर्यटन और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सीईओ सचिन कुर्वे ने उम्मीद जताई है कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या का नया रिकॉर्ड बनेगा।
चारधाम में अब तक 33,47,287 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जबकि सितंबर माह के लिए 5 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। चारधाम यात्रियों के लिए हेली सेवाएं भी दोबारा बहाल हो गई हैं। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने कहा कि इस वर्ष चार धाम यात्रियों की संख्या एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर अग्रसर है।
पर्यटन विभाग देवभूमि उत्तराखंड में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत करता है और उन्हें अधिकतम सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सर्वथा प्रतिबद्ध है। यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वह चार धाम यात्रा पोर्टल पर पंजीकरण करने के उपरांत ही यात्रा आरंभ करें।
गौरतलब है कि खराब मौसम के कारण रोकी गई यात्रा को फिर से शुरू किया गया और केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं फिर से शुरु कर दी गई हैं। चारधाम के साथ ही हेमकुंड साहिब में अब तक 33,47,287 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जिसमें यमुनोत्री में 394573, गंगोत्री में 506073, केदारनाथ में 1100890, बद्रीनाथ में 1176666 और हेमकुंड साहिब में 169085 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।
वहीं, केदारनाथ धाम की यात्रा में इस साल लगातार रिकार्ड बन रहा है। अब तक धाम के दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 11 लाख पार कर गई है। यह अब तक की सबसे अधिक संख्या है। हालांकि अभी इस संख्या के और भी अधिक होने की उम्मीद है। यात्रा के लिए सितम्बर के साथ ही अक्तूबर पूरा महीना शेष है। ऐसे में कपाट बंद होने तक इस बार केदारनाथ दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का नया रिकार्ड बनेगा।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान की समीक्षा कर सीएस ने दिए आवश्यक निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक के दौरान केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य पूर्ण किए जाएं। उन्होंने नाइट शिफ्ट करते हुए प्रोडक्टिव आवर्स को बढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मजदूरों की संख्या भी बढ़ाए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने मजदूरों के रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून सीजन समाप्त होते ही चारधाम यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है, इसके चलते निर्माण सामग्री केदारनाथ पहुंचाने में थोड़ा दिक्कतें आ सकती हैं, इसको देखते हुए निर्माण सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने फ्यूचर स्पेसिफिक निर्माण अथवा अन्य सभी प्रकार की सामग्री का स्टॉक पहले से तैयार कर लिया जाए, साथ ही, निर्माण सामग्री की उपलब्धता के लिए लोकल सिस्टम भी विकसित किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां से निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान कार्यों पर भी निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन और तीर्थाटन स्थलों के आसपास पार्किंग स्थलों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खूबसूरत पर्यटन स्थलों में बड़ी – बड़ी पार्किंग बना कर उस क्षेत्र की खूबसूरती को बर्बाद कर देते हैं। उन्होंने पार्किंग स्थलों के लिए अलग – अलग स्थानों पर सड़कों के किनारे छोटी – छोटी पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव श्री सचिन कुर्वे द्वारा केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

सरकार ने ऋषिकेश में अवस्थापना विकास के लिए 1600 करोड रुपये मांगे

धर्म एवं योग नगरी ऋषिकेश को पूर्णरूप से सुविधा सम्पन्न बनाये जाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री की पहल पर ऋषिकेश नगर के एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास परियोजना हेतु वित्तीय मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा यूरोपीय वित्तपोषण संस्था को 160 मीलियन यूरो की सहायता हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। परियोजना की कुल लागत लगभग 200 मीलियन यूरो (लगभग रू0 1600 करोड़) है। परियोजना हेतु भारत सरकार व राज्य सरकार का वित्तीय अनुपात 80ः20 प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड में इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व विकास हो रहा है। ऋषिकेश में एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास परियोजना से विश्व में योग नगरी के रूप में विख्यात ऋषिकेश नगर में स्थानीय नागरिकों एवं पर्यटकों को बेहतर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
परियोजना के अंतर्गत चौबीसों घंटे पेयजल आपूर्ति प्रणाली, पेयजल मीटर वर्षाजल प्रबन्धन व बाद सुरक्षा, सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएं, स्मार्ट शहरी स्थल, परिधान व सामान कक्ष, प्रतीक्षालय, घाट और व्यापारिक स्थल का विकास, सड़के और यातायात प्रबंधन भूमिगत उपयोगिता नालिका नागरिक सुरक्षा और सुविधाओं हेतु विकसित एकीकृत नियंत्रण व आदेश केन्द्र, स्मार्ट स्तम्भ व ऊर्जा बचत हेतु उपकरणों की स्थापना, परिवहन केंद्र, बस टर्मिनल और पार्किंग इत्यादि के कार्य किए जायेंगे।
प्रत्येक वर्ष ऋषिकेश में लाखों पर्यटकों का आवागमन धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन गतिविधियों के लिए किया जाता है। ऐसे में अतिरिक्त सुविधाओं को विकसित किए जाने के दृष्टिगत विकास कार्य किए जाने की आवश्यकता है। यातायात संकुलन से होने वाली परेशानी को कम करने के उद्देश्य से ऊंचे पथों का निर्माण किया जायेगा।
परियोजना के पूर्ण होने पर नागरिक जीवनशैली व जीवन योग्यता मानकों में वृद्धि होगी, स्थानीयों के व्यापारिक व आजीविका स्तर में सुधार होगा, नागरिकों व पर्यटकों को बेहतर पेयजल एवं स्वच्छता सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी, जीविकोपार्जन गतिविधियों में वृद्धि होगी, यातायात में सरलता होगी तथा पर्यटकों को उच्चस्तरीय सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी।

नगर में संस्कृत शोभायात्रा और तिरंगा यात्रा निकालीं

संस्कृत सप्ताह के समापन अवसर पर संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों तथा संस्कृत छात्र सेवा समिति द्वारा नगर में एक भव्य संस्कृत शोभायात्रा एवं तिरंगा यात्रा निकाली गयी। जिसमें नगर के समस्त संस्कृत विद्यालयों के छात्र, प्रधानाचार्य, अध्यापक, संत महात्मा, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग सम्मिलित हुए।
यात्रा का शुभारंभ ऋषिकेश नारायण श्री भरत भगवान के मन्दिर से हुआ। यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए त्रिवेणी घाट पर समपन्न हुई। उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल भरत मन्दिर के महन्त वत्सल प्रपन्नाचार्य, भाजपा के वरिष्ठ नेता संजय शास्त्री, अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष गोपालाचार्य, जनार्दन आश्रम के प्रबंधक केशवस्वरूप ब्रह्मचारी, महन्त रवि प्रपन्नाचार्य, प्रदीप शर्मा, काली कमली के प्रबंधक स्वामी अच्युतानंद, पार्षद रीना शर्मा आदि ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारम्भ किया।
इस मौके पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह हम सबके लिए गौरव का क्षण है। जहाँ एक और हम सब मिलकर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं वहीं दूसरी और संस्कृत सप्ताह भी सम्पूर्ण देश में बडे हर्ष के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा संस्कृत प्राचीन काल से ही हमारे देश का गौरव रही है। संस्कृत के बल पर ही भारत को विश्व गुरु जैसी उपाधि प्राप्त थी। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सबको संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने वर्तमान में परिवारों में संस्कारों के आभाव पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि संस्कृत संस्कारों की जननी है। संस्कृत का संरक्षण-सम्वर्द्धन होगा तो संस्कृति भी मजबूत होगी और समाज संस्कारों कौ और मजबूती के साथ ग्रहण करेंगे।
महन्त वत्सल प्रपन्न शर्मा ने भी सभी को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि ये सभी का सामूहिक प्रयास अत्यन्त सराहनीय है। इससे संस्कृत भाषा के प्रति समाज में जागृति होगी। शोभायात्रा के शुभ अवसर पर प्रधानाचार्य डाँ. ओमप्रकाश पूर्वाल, डॉ. जनार्दन कैरवान, डॉ. गिरीश पाण्डेय, सुरेन्द्र दत्त भट्ट, विनायक भट्ट, आचार्य सुभाष चन्द्र डोभाल, सुशील नौटियाल, जितेन्द्र भट्ट, नरेन्द्र मैठाणी, डॉ. सुनील थपलियाल, डॉ. हर्षानंद उनियाल, डॉ. संदीप भट्ट, सूर्यप्रकाश रतूड़ी, सुबोध बमोला, संस्कृत छात्र सेवा समिति के संगठन मंत्री विकास कोठारी, निमाई चरण दास, प्रेम प्रकाश नवानी, नरेन्द्र सकलानी, अध्यक्ष सर्वेश तिवाडी, महामंत्री विनोद नौटियाल, कमल डिमरी, पुरुषोत्तम कोठारी, सूरज विजल्वाण, विपिन बहुगुणा, मनोज कुमार द्विवेदी सहित सभी संस्कृत विद्यालयों के अध्यापक एवं छात्र उपस्थित रहे।

तिरंगा अभियान को लेकर श्रद्धालुओं में भी खासा उत्साह

आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भगवान बदरी विशाल के मंदिर में सेना के जवानों विदेशी और स्वदेशी श्रद्धालुओं ने तिरंगा यात्रा निकाली। वहीं बाबा केदारनाथ में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में बाबा केदारनाथ धाम में जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व मन्दिर समिति के संयुक्त तत्वाधान में कार्यक्रम आयोजित कर केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों एवं केदारनाथ धाम मे यात्रा व्यवस्था में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों तीर्थ पुरोहितों व्यापारियों द्बारा मानव श्रृंखला बनाकर कर तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ केदारनाथ मंदिर परिसर से किया गया। तिरंगा रैली कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हर घर तिरंगा फहराये जाने के लिए जनपद वासियों सहित प्रदेश वासियों को जागरूकता संदेश दिया गया। जिससे सभी लोग इस राष्ट्रीय पर्व में शामिल होकर अपने घरों में तिरंगा अवश्य फहराये।
जिला मुख्यालय रूद्रप्रयाग में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र छात्राओं ने नगर में तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों द्बारा अपने घरों में तिरंगा लगाने के लिए तिरंगा झंडा उपलब्ध कराने के साथ साथ लोगों को सभी घरों मे 13 से 15 अगस्त तक राष्ट्रीय ध्वज लगाये जाने के लिए जागरुक किया गया।

बग्वाल मेले में पहुंचे सीएम, हजारों श्रद्धालुओं के साथ देखी पौराणिक परंपरा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले प्रसिद्ध बग्वाल मेले में प्रतिभाग किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने माँ वाराही मंदिर में विधि विधान से पूजा कर राज्य की खुशहाली की कामना की एवं मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच खेले जाने वाले प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने। इस अवसर पर उन्होंने देवीधुरा में पुलिस चौकी के निर्माण कार्य किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा की संस्कृति और संस्कार के इस उत्तराखंड प्रदेश के चम्पावत, देवीधुरा में स्थित मां वाराही धाम को शीश झुकाकर कोटिश प्रणाम करता हूं। इस क्षेत्र में अवस्थित भीम शिला, आदि शक्ति गुफा, एवं समस्त देवी-देवताओं के आशीर्वाद से 2021 को बग्वाल मेले को राजकीय मेला घोषित किया गया था। कोरोना काल में दो साल से प्रतीकात्मक बग्वाल आयोजित की जा रही थी। उन्होंने कहा कि रक्षा बन्धन के शुभ अवसर पर बग्वाल युक्त इस मेले से देवीधुरा चम्पावत की प्रसिद्धि, ख्याति पूरे देश भर में ही नहीं अपितु विदेशों में भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा की जोशीमठ के सितूण में स्थित माता सीता के 4 दशक एवं 2 वर्ष बाद हो रहे महायज्ञ में जाने का अवसर प्राप्त हुआ था, जहां माता सीता जी को प्रसन्न किये जाने हेतु उनकी विराजमान पाषाण शिला की अर्चना की जाती है, तो वहीं माँ वाराही देवी को प्रसन्न किये जाने हेतु पाषाण युद्ध अर्थात बग्वाल खेला जाता है। उन्होंने कहा देवीधुरा के बग्वाल पूजन से क्षेत्र में खुशहाली आए, फसलों की अच्छी पैदावार हो, क्षेत्र वासी रोग मुक्त हों, निवासियों को अन्न-धन की प्राप्ति हो, ऐसी मेरी प्रार्थना है। उन्होंने कहा कुमायूं के प्राचीन मंदिरों को भव्य बनाने के लिये मानसखण्ड मंदिर माला मिशन की शुरुआत की गई है। इस मिशन के अन्तर्गत ही माँ वाराही धाम देवीधूरा को भी जोड़ा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केदारनाथ मंदिर का भव्य एवं दिव्य निर्माण कार्य हुआ है, साथ ही बद्रीनाथ धाम का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जाएगा। चार धाम यात्रा में इस साल रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। उन्होंने कहा ऑल वेदर रोड के निर्माण कार्य से पर्यटक एवं श्रद्धालुओं का सफर सुगम एवं सुरक्षित हुआ है। संपूर्ण देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा हमारी सरकार ने संकल्प लिया है कि हम उत्तराखंड राज्य के 25 वें राज्य स्थापना दिवस पर देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य बने।
इस अवसर पर सांसद अजय टम्टा, अध्यक्ष वन विकास निगम उत्तराखंड कैलाश चन्द्र गहतोड़ी, अध्यक्ष जिला पंचायत ज्योति राय, विधायक लोहाघाट खुशाल सिंह अधिकारी, भीमताल राम सिंह कैड़ा, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व सांसद महेंद्र पाल, पूर्व दर्जा मंत्री हयात सिंह मेहरा, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आर एस रावत, मंदिर समिति के संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष खीम सिंह लमगड़िया, खाम प्रमुख त्रिलोक सिंह बिष्ट, गंगा सिंह चम्याल, बद्री सिंह बिष्ट, वीरेंद्र सिंह लमगड़िया एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

जोशीमठ में सीता माता अखंड महायज्ञ में सीएम ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बड़ागांव में सीता-माता (सितूण) अखण्ड महायज्ञ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बडागांव में 42 साल बाद सीता माता का महायज्ञ हो रहा है, हम सौभाग्यशाली हैं कि इसके साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सब पर भगवान श्री राम एवं माता सीता का आशीर्वाद एवं कृपा बनी रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बडागांव में माता सीता मंदिर के निर्माण के लिए धनराशि दी जायेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। वैश्विक स्तर पर भारत का मान, सम्मान एवं स्वाभिमान बढ़ा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में नई कार्य संस्कृति आई है। कोविड पर भारत ने प्रभावी नियंत्रण किया। दो स्वदेशी वैक्सीन बनाई और 20 करोड़ से अधिक कोविड डोज अन्य देशों को भी भारत ने दी। जल जीवन मिशन के तहत राज्य में 07 लाख से अधिक परिवारों को पेयजल के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। राज्य में गरीबों को साल में 03 सिलेण्डर मुफ्त देने का जो संकल्प लिया गया। इसके लिए इस बार के बजट में व्यवस्था की गई है और इसका शासनादेश भी हो चुका है। बुजुर्गों एवं विधवाओं को दी जाने वाली पेंशन में भी वृद्धि की गई है। किसी परिवार में पति-पत्नी दोनों बुजुर्ग हैं, तो दोनों को पेंशन देने की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के लिए 280 करोड़ रूपये की धनराशि जारी की गई है। चारधाम सर्किट में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। नगरीय क्षेत्र में पार्किंग सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए 1064 एप लांच किया गया है। अधिकारियों को प्रत्येक कार्यदिवस में 10 बजे से 12 बजे तक जनसुनवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में 207 प्रकार की जांचे निःशुल्क की जा रही हैं।

इस अवसर पर विधायक अनिल नौटियाल, भोपाल राम टम्टा, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना, एसपी स्वेता चौबे, मेला समिति के अध्यक्ष डॉ. मोहन सिंह रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मी रावत, ग्राम प्रधान विमला भंडारी आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड में लिंगानुपात बढ़ाने को लेकर मंत्री आर्या ने निकाली कांवड़ यात्रा

सावन मास की शिवरात्रि को प्रदेश की महिला सशक्तिकरण व बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने‌‌ उत्तराखंड में लिंगानुपात को प्रति 1000 बालकों पर 1000 बालिकाएं करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ हर की पौड़ी से वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश तक संकल्प कांवड यात्रा निकाली। यात्रा का समापन वीरभद्र महादेव मंदिर ऋषिकेश में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का जलाभिषेक कर किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उनका जगह-जगह पुष्प वर्षा कर भव्यय स्वागत किया।
इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के साथ लिंगानुपात के प्रति जागरूक किए जाने को लेकर समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उत्तराखंड में देवभूमि की तरह देवी भूमि के रूप में पहचान दिलाए जाने की पहल भी है। हरकीपैड़ी से इस यात्रा में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखंड के सचिव हरि चंद्र सेमवाल, डिप्टी डायरेक्टर सतीश कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी देहरादून अखिलेश मिश्रा, डीपीओ निदेशालय विक्रम सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी हरिद्वार सुलेखा सहगल, सुपरवाइजर गीता शर्मा, सुनीता जोशी, कविता जाखड़ एवं शहर परियोजना तथा डोईवाला परियोजना की आंगनवाड़ी सुपरवाइजर प्रीति भंडारी, आंगनबाडी-अनुराधा, सुलोचना, पिंकी, संगीता गोयल, देहरादून से आगंबाडी इन्दू छेत्री, आशा थापा, सुधा शर्मा प्रमुख रूप से चल रहे थे। जिनका ऋषिकेश पहुंचने पर वित्त एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, पूर्व राज्यमंत्री संदीप गुप्ता आदि ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया।