भैया दूज पर शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदारनाथ के कपाट

भैया दूज के पावन अवसर पर प्रात: 8.30 बजे 11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा के कपाट बंद हुए और सेना के बैंड की मधुर धुन के बीच बाबा केदार की चल विग्रह डोली को मंदिर से बाहर लाकर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कराया गया। इस अवसर पर 2500 से ज्यादा श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने। (portal of shri kedarnath dham closed for winter season)

प्रांत 3.30 बजे ही केदारनाथ मंदिर खुल गया था। चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल,भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों- पत्तों, आदि से ढ़क दिया गया।इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आव्हान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदार पुरी अस्तित्व में आ चुकी है जहां तीर्थयात्रियों को हर संभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी।

इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उदघोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है।

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल राम पुर पहुंचेगी। कल 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवारको श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा तथा पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।

इस यात्रा वर्ष चार धाम यात्रा में 43 लाख से अधिक तीर्थ यात्री दर्शन को पहुंचे। हेमकुंट साहिब को मिला कर यह संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी। 26 अक्टूबर गौवर्धन पूजा के अवसर पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये है। आज दोपहर में श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

27 अक्टूबर को बंद होंगे बाबा केदार और यमुनोत्री के कपाट, आज गंगोत्री के हुए बंद

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर आज दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर बंद हो गए। इस अवसर पर तीर्थ यात्रियों की भीड़ उमड़ी। साथ ही बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु भी पहुंचे हैं।

इस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के जवान सेना के बैंड के साथ मौजूद हैं। अब कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे।

27 अक्टूबर को बंद होंगे केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट
वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 27 अक्टूबर को दोपहर 12रू 09 बजे बंद होंगे। यमुना की डोली लेने के लिए खरशाली गांव से शनि महाराज की डोली 27 अक्टूबर की सुबह यमुनोत्री पहुंचेगी। शीतकाल में यमुना के दर्शन खरशाली स्थित यमुना मंदिर में होंगे।

उधर, द्वादश ज्योर्तिलिंगों में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर यानी भैयादूज पर्व पर सुबह साढ़े आठ बजे वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
कपाट बंद होने के बाद भगवान की पंचमुखी उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पड़ाव फाटा, 28 अक्टूबर को भोले बाबा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं व भक्त दर्शन कर सकेंगे।

प्रधानमंत्री ने मंदाकिनी आस्था पथ व सरस्वती पथ पर विकास कार्यों का किया निरीक्षण

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री केदारनाथ धाम में रुद्राभिषेक कर सबकी सुख एवं समृद्धि की कामना की। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद 6वीं बार बाबा केदार के धाम पहुंचे। उन्होंने आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल पर पहुंचकर दर्शन किए। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद थे।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे का शिलान्यास किया। 1267 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 9.7 किमी. के इस रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए सुगमता होगी। गौरीकुंड से श्री केदारनाथ पहुंचने में अभी श्रद्धालुओं को 6 से 7 घंटे लगते हैं, इस रोपवे के बन जाने से यह यात्रा सिर्फ आधा घंटे में पूरी हो जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद मंदाकिनी आस्था पथ एवं सरस्वती आस्था पथ पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने श्री केदारनाथ में चल रहे विभिन्न पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का जायजा भी लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को विभिन्न विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे श्रमजीवियों के साथ बैठकर उनसे मुलाकात की और उनका हौंसला बढ़ाया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक शैला रानी रावत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, एसपी आयुष अग्रवाल, तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण, कुबेर नाथ एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

सीएम धामी ने बदरीनाथ में चल रहे मास्टर प्लान का निरीक्षण किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित बदरीनाथ दौरे को लेकर बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बदरीनाथ धाम में यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सभी कार्यक्रमों की तैयारियों को देखने के साथ ही सीएम ने बदरीनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। बदरीनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ मास्टर प्लान का कार्य जोर शोर पर चल रहा है।

बदरीनाथ पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बहुआयामी निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। सीएम धामी ने प्रधानमंत्री के भ्रमण से पूर्व बुधवार को बदरीनाथ में संचालित मास्टर प्लान के विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बदरीनाथ पहुंचने पर बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने स्वागत किया। आज सुबह बदरीनाथ दर्शनार्थ और यहां चल रहे बदरीनाथ मास्टर प्लान कार्यों का निरीक्षण करने आये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बीकेटीसी अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने स्वागत किया। समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार भी मौके पर मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी से भी भेंट की। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को बदरीनाथ केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं और इस यात्रा सीजन ने अब तक रिकार्ड संख्या में आते यात्रियों की संख्या और अन्य जानकारियां दीं।

आर्यन कंपनी का हेलीकॉप्टर केदारनाथ जाते वक्त दुर्घटनाग्रस्त, सात यात्रियों की मौत

केदारनाथ धाम में हेली सर्विस में शामिल आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर आज अचानक दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 7 लोगों की मौत की सूचना है। मारे गए लोगों में चॉपर के पायलट औऱ यात्री शामिल हैं। बताया जा रहा है कि खराब मौसम के कारण ये हादसा हुआ। 7 people died as chopper crash in kedarnath route

मिली जानकारी के अनुसार आर्यन कंपनी का हेलिकॉप्टर-VTRPN गुप्तकाशी से केदारनाथ धाम के लिए 6 यात्रियों के साथ उड़ान भर रहा था। लेकिन बीच में बेहद खराब मौसम औऱ घने कोहरे के कारण पायलट का आगे जा पाना संभव नहीं था। इसी दौरान करीब 12 बजे पायलट ने वापस गुप्तकाशी में लैंडिंग की सोची। लेकिन गरुड़चट्टी के पास जैसे ही पायलट टर्न लेने की कोशिश कर रहा था, चॉपर का नियंत्रण बिगड़ गया और पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया। हादसे में चॉपर के पायलट कैप्टन अनिल समेत 6 अन्य यात्रियों की मौत हो गई है।

हादसे की सूचना के बाद रेस्‍क्‍यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू अभियान चलाया। क्रैश होने से हेलीकॉप्टर कई हिस्सों में टूट गया है और बीच का हिस्सा जलकर राख हो गया। मृतकों की पहचान अनिल कुमार (हेलीकॉप्टर के पायलट) उर्वी बरार (25), कुर्ती बरार (30), पूर्वा रामानुज (26), प्रेम कुमार वी (63), सुजाता (56) कला (60) के तौर पर हुई है।

2019 में भी केदारनाथ में हेलीकॉप्‍टर क्रैश हुआ था। केदारनाथ से यात्रियों को लेकर फाटा के लिए उड़ान भरते समय हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आने से पायलट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी और इस दौरान हेलीकॉप्‍टर क्रैश हो गया था। इससे पहले 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू करते हुए वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टर समेत तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। इन दुर्घटनाओं में 23 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में मिली खामियां, कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने लगाई फटकार

त्रिवेणी घाट स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने औचक निरीक्षण किया। मंत्री डा. अग्रवाल ने यहां गंदगी देख यहां कार्यरत कर्मचारी को फटकार लगाई। साथ ही मौके पर जल संस्थान की सीवर वींग के अधिशासी अभियंता को दूरभाष पर कड़े निर्देश भी दिए।
रविवार को मंत्री डा. अग्रवाल एसटीपी प्लांट में रात्रिकालीन सीवर का गंदा पानी गंगा नदी में डालने की शिकायत मिलने पर अचानक पहुंचे। उन्होंने एसटीपी प्लांट के आसपास बिखरे कूड़े पर नाराजगी व्यक्त करते हुए यहां कार्यरत कर्मचारी की फटकार लगाई।
डा. अग्रवाल ने मौके से ही जल संस्थान की सीवर विंग के अधिशासी अभियंता हरीश बंसल को दूरभाष पर वार्ता की। उन्होंने यहां फैले कूड़े को हटाने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा मंत्री डा. अग्रवाल ने निर्देशित करते हुए कहा कि रात्रिकाल में जेनरेटर नहीं चलाने की लगातार शिकायत मिल रही हैं, इससे सीवर का गंदा पानी गंगा नदी में गिर रहा है। इसके लिए अधिशासी अभियंता को रात्रिकाल में लाइट की व्यवस्था के लिए जेनरेटर चलाने के निर्देश दिए।
डा. अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है, गंगा को अविरल बनाने के लिए सरकार स्पर्श गंगा, नमामि गंगे जैसे अनेक अभियान चला रही है, ऐसे में एसटीपी प्लांट से गंगा में सीवर का गंदा पानी किसी भी कीमत पर नहीं डाला जाएगा। डा. अग्रवाल ने कहा कि एसटीपी प्लांट पर लगा पंप 24 घंटे गतिमान रहना चाहिए।
डा. अग्रवाल ने इस अवसर पर एसटीपी प्लांट में बाहर जाली नहीं लगी होने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने यहां जाली लगाने के भी निदेश दिए।

बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण की झांकियों ने मोहा मन, मधुबन आश्रम से निकली झांकी

शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री मधुबन आश्रम द्वारा नगर में भव्य श्री जगन्नाथ यात्रा निकाली गई। आश्रम के परमाध्यक्ष परमानंद दास जी महाराज, कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, श्री कृष्णाचार्य जी महाराज, महंत वत्सल शर्मा, पंडित रवि शास्त्री आदि ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना की।

मुनिकीरेती स्थित मंदिर परिसर से यात्रा की रवानगी से पूर्व मंत्री डॉ अग्रवाल ने जगन्नाथ भगवान की विधिवत पूजा-अर्चना और छप्पन भोग चढ़ाया गया। मंत्री डॉ अग्रवाल जी ने भगवान बलदेव, सुभद्रा और श्रीकृष्ण जी की 25वीं झांकी निकालने पर मधुबन आश्रम को बधाई दी।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि रथ यात्रा का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि रथ के आगे झाड़ू लगाने तथा रथ को रस्सी के सहारे खींचने से इस सांसारिक जीवन में दोबारा जन्म नहीं लेना पड़ता। भगवान उन्हें इस जन्म के बाद मोक्ष प्रदान करते हैं।

इस मौके पर डॉ अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के साथ रथयात्रा के आगे झाड़ू लगाया और भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन कर देश और प्रदेश की उन्नति की कामना की। साथ ही रस्सी के सहारे रथ को खींचा।

मधुबन आश्रम से शुरू हुई 25वीं रथयात्रा का हरिद्वार व लक्ष्मण झूला मुख्य मार्ग पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा पुष्प वर्षा के साथ विधिवत पूजा की गई।

यात्रा में डांडिया सहित राधा माधव कीर्तन मंडली के भजनों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र बनी रही। यात्रा में साधु-संत सहित नगर तथा आस-पास क्षेत्र जाए श्रद्धालु शामिल हुए।

एकीकृत अवस्थापना विकास परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर कैबिनेट मंत्री ने दिये निर्देश

ऋषिकेश, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम में मूलभूत सुविधाओं के लिए एकीकृत अवस्थापना विकास परियोजना लागू होनी है। इस परियोजना के तहत 1600 करोड़ से कार्य किए जाने हैं। शनिवार को परियोजना की प्रगति के लिए शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपर मुख्य सचिव को आवश्यक निर्देश दिए।
शनिवार को मंत्री अग्रवाल ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन से दूरभाष पर वार्ता की। उन्होंने कहा कि नगर निगम ऋषिकेश, नगर पालिका मुनिकीरेती और नगर पंचायत स्वर्गाश्रम के लिए बनी परियोजना के लिए तीनों निकायों के पैनल के साथ शीघ्र बैठक करें। इस महीने केएफडब्ल्यू विशेषज्ञ पहुंचेंगे। इसमें ऋषिकेश, मुनिकीरेती और स्वर्गाश्रम से संबंधित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस प्रशासन के अधिकारियों, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग, पेयजल निगम, जल संस्थान, एमडीडीए, वन विभाग तथा नगर निगम व नगर पालिका के अधिकारियों सहित अन्य विभिन्न स्टेकहोल्डरों से मुलाकात की जायेगी।
मंत्री ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग से स्वीकृत 1600 करोड़ रुपए की परियोजना में पेयजल आपूर्ति प्रणाली, पेयजल मीटर, वर्षाजल प्रबंधन व बाढ़ सुरक्षा, सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाएं, स्मार्ट शहरी स्थल, परिधान व सामान कक्ष, प्रतीक्षालय, घाट और व्यापारिक स्थलों का विकास, सड़कें और यातायात प्रबंधन, नागरिक सुरक्षा और सुविधाओं हेतु विकसित एकीकृत नियंत्रण व आदेश केंद्र, स्मार्ट स्तम्भ व ऊर्जा बचत के लिए उपकरणों की स्थापना, परिवहन केंद्र, बस टर्मिनल और पार्किंग इत्यादि के कार्य किए जाने हैं। इससे स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

उत्तराखंड के लिए नासूर हैं गड़बड़ियां, नहीं बख्शे जायेंगे भर्ती घोटाले के दोषी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भर्तियों में गड़बड़ी से योग्य छात्रों के भविष्य प्रभावित हुआ है। इसलिए केदारबाबा की सौगंध खाता हूं कि भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करूंगा। इसमें अब तक हुई जांच में जिसका भी नाम आया उसे जेल भेजा गया है। अंतिम आरोपित के पकड़े जाने तक हमारी कार्रवाई जारी रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद की कुल 46680.95 लाख रुपए की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद में प्रवास कार्यक्रम के तहत रुद्रप्रयाग पहुंचे हैं। इस मौके पर उन्होंने भर्तियों में नकल प्रकरण को लेकर यह बातें कहीं।

घपले व घोटाले हुए, पर जांच नहीं हुई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में समूह ग की परीक्षाओं के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया। तब से अब तक घपले व घोटाले हुए हैं, लेकिन जांच कभी भी नहीं हुई।

मैंने बाबा केदार की खाई है सौगंध
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भर्तियों में गड़बड़ी आने पर मैंने बाबा केदार की सौगंध खाई है कि कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कठोर करवाई करूंगा। उत्तराखंड के लिए यह गड़बड़ियां नासूर हैं।

हमने उठाया हैं सख्त कदम
हमारे पास होनहार युवा हैं जिनके पास योग्यता है। होनहार छात्र अपनी शिक्षा के बल पर आगे बढ़ना चाहता है। इन होनहार छात्रों का रास्ता रोकने का कार्य नकल माफिया ने किया है। इसलिए हमने सख्त कदम उठाया है।

श्री बदरीनाथ सहित चारों धामों के बंद होने की तिथि की हुई घोषणा

उत्तराखंड में चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर शनिवार शाम 3 बजकर 35 मिनट के लिए बंद कर दिए जाएंगे। जबकि, गंगोत्री धाम के कपाट 26 अक्टूबर को 12 बजकर 1 मिनट पर अनकूट के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
भैया दूज के अवसर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धामी के कपाट बंद किए दिए जाएंगे। भैया दूज के पावन पर्व पर आने वाली 27 अक्टूबर को विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ छह माह तक शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
बुधवार को यमुना मंदिर में यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल एवं पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल की उपस्थिति ने यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों द्वारा दशहरे के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकाला गया।
भैया दूज के पावन पर्व पर 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर सर्व सिद्धि योग, अभिजीत मुहूर्त के शुभ अवसर पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए छह माह तक बंद कर दिए जाएंगे। शीतकाल में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) में कर सकेंगे। जिसके बाद अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ग्रीष्म काल के लिए यमुनोत्री धाम में पुनः मां यमुना के कपाट विधिवत दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
यमुनोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त निकालने के इस दौरान यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, पंच पंडा पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, लखन उनियाल, अमित उनियाल, सच्चिदानंद उनियाल, रामस्वरूप उनियाल सहित तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।

तीर्थ यात्रियों का टूटा रिकॉर्ड
बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारों धामों में दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का रिकॉर्ड टूटा है। इस साल 2022 में अब तक 38 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री दर्शन करने को धामों में पहुंचे हैं। 8 मई से खुले बदरीनाथ धाम में 3 अक्टूबर तक 1443174 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए। जबकि, 6 मई से खुले केदारनाथ धाम में 3अक्टूबर तक 1323949 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। 3 मई से खुले यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम में क्रमश 456885 और 580170 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किया है।