स्वयंसेवियों ने जानी गंगा की महत्वता

नमामि गंगे और राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ ऋषिकेश परिक्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों तथा नमामि गंगे के संयुक्त तत्वाधान में आज स्पर्श गंगा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें नमामि गंगे के प्रदेश संयोजक कपिल गुप्ता ने कहा कि मां गंगा स्वर्ग से अवतरित हैं तथा इनकी महत्ता को समझते हुए हमें इसको सदैव साफ एवं स्वच्छ रखना चाहिए।

कार्यक्रम के अध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल ने कहा गंगा देवप्रयाग में अलकनंदा तथा भागीरथी के संगम से बनती है परंतु गोमुख से गंगासागर तक मां गंगा सबको आर्थिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक एवं पुरातन संस्कृति को समेटे हुए सिंचित कर रही है

यमकेश्वर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने कहा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के छात्र छात्रा एवं कार्यक्रम अधिकारी पूरी लगन निष्ठा और सेवा भाव से समाज को संदेश दे रहे हैं तथा गंगा मैया की स्वच्छता के लिए अपना योगदान दे रहे हैं जो कि प्रेरणादाई है।

देहरादून जनपद के जिला समन्वयक दिले राम रवि ने कहा की जिसके स्पर्श क्षेत्र की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के छात्र छात्रा एवं कार्यक्रम अधिकारी बहुत अच्छे कार्यक्रमों के द्वारा समाज को स्वच्छता जन जागरूकता के लिए प्रेरित करते हैं जोकि अनुकरणीय कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार गुप्ता जी ने किया।

इस मौके जिला समन्वयक डा. दीलेराम रवि, नेहा नेगी (प्रदेश सह संयोजक), मनोज गुप्ता, विजय पाल सिंह, जयकृत रावत, रामगोपाल रतूड़ी, ज्योति सडाना, कमला शर्मा, महेश शर्मा, मोनिका रावत, अनिल नेगी, राजेश थपलियाल, पंकज गुप्ता, अनुराग अमोली, प्रकाश कुमार पूर्व सभासद महेश शर्मा, अमन हैदर, विश्व विख्यात शायर हैदर अमान हैदर आदि उपस्थित रहे।

कुंभ मेला के तहत साधुओं का पुलिस ने किया सत्यापन

ऋषिकेश कोतवाली पुलिस ने कुंभ मेला को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर रह रहे साधुओं की हिस्ट्री जानी। अपराध की रोकथाम को लेकर उच्चाधिकारियों से पुलिस को निर्देश मिले थे। इसके तहत आज त्रिवेणी घाट पर पुलिस की एक टीम सभी साधू बाबाओं को घाट परिसर में ही एकतित्र किया, इसके बाद सभी के आधार कार्ड एवं अन्य आईडी जांची गईं। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि सभी 165 साधु बाबाओं की पहचान कर मूल पते पर सत्यापन के लिए भेजा जाएगा। बताया कि सत्यापन की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की पहचान की जा सके।

संत समाज ने की नागरिकों से अपील, गंगा में न डालें पूजन सामाग्री

गंगा में राफ्टिंग का संत समाज विरोध नहीं करता है, मगर राफ्टिंग की आड़ में गंगा में मादक पदार्थ लेकर पर्यटकों का जाना से अमर्यादित है। इससे गंगा तो दूषित हो ही रही है, साथ ही आस्था पर भी ठेस पहुंचती है, तो ऐसे लोग जो गंगा में मादक पदार्थ लेकर आते है, इसका विरोध संत समाज करता है। संत समाज सरकार से यह भी मांग करता है कि इसके लिए कानून बनाया जाए। यह बात महामंडलेश्वर ईश्वरदार महाराज ने कही।

आज नमामि गंगे और अखिल भारतीय संत समिति की महाकुंभ 2021 को लेकर मायाकुंड स्थित कृष्ण कुंज आश्रम में आयोजित की गई। इसमें नमामि गंगे के प्रदेश प्रमुख कपिल गुप्ता व उनकी टीम ने संत समाज के साथ एक स्वर में ऋषिकेश में भी महाकुंभ को लेकर विकास कार्य किए जाने पर सहमति बनाई। साथ ही गंगा की अविरलता को बनाए रखने के लिए लोगों से भी अपील की। संत समाज ने कहा कि गंगा में पूजन सामग्री न प्रवाहित की जाए। संतों की ओर से निश्चित तिथि पर गंगा की सफाई के लिए प्रयास किए जाएं। कुंभ में स्नान के लिए त्रिवेणी घाट का विस्तार किया जाए।

इस मौके पर महामंडलेश्वर दयाराम दास, महामंडलेश्वर गणेश दास, महंत केशव स्वरूव ब्रह्मचारी, महंत बलवीर सिंह, महंत सुखवीर सिंह, महंत स्वामी अखंडानंद महाराज, महंत गोपाल गिरी, महंत लोकेश दास, पंडित रवि शास्त्री, जुगल किशोर शर्मा, संतोष मुनि, अभिषेक शर्मा, हर्षित गुप्ता, मिंटू तिवारी, पंकज गुप्ता, प्रदीप कोहली, सिमरन गाबा, दिनेश शर्मा, अशोक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।

टेरी की रिसर्च में हरिद्वार तक स्नान व ऋषिकेश तक पीने लायक गंगाजलः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्चुवल माध्यम से आयोजित राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन एवं गंगा नदी घाटी प्रबंधन और अध्ययन केन्द्र द्वारा आयोजित पंचम वाटर इम्पेक्ट शिखर सम्मेलन में प्रतिभाग किया।

उन्होंनें कहा कि उत्तराखण्ड गंगा का उद्गम क्षेत्र है। गंगा 6 राज्यों से होते हुए लगभग 2500 किमी यात्रा तय कर गंगा सागर में मिलती है। गंगा जल के बिना जीवन का विचार ही निरर्थक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमे गंगा का वरदान प्राप्त है, गंगा भारत की संस्कृति भी है, जब हम गंगा की बात करते है तो इसमें मिलने वाली तमाम सहायक नदियों का भी हमें ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि हिमालय नदियो का श्रोत है। हमारे संत महात्माओ की संस्कृति भी इससे जुड़ी है। हमे अपनी इस सांस्कृतिक परम्परा का भी ध्यान रखना होगा इसमें कोई व्यवधान न हो इस पर विचार की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टेरी की रिसर्च में ऋषिकेश तक गंगाजल पीने लायक तथा हरिद्वार में स्नान करने के लिये उपयुक्त पाया गया है। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेले में लोग स्वच्छ गंगा में स्नान करके जाएं ऐसा हमने संकल्प लिया है, गंगा नदी अर्थव्यवस्था की संवाहक भी है, जिससे देश की 40 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को लाभ प्राप्त होता है। कृषि, पर्यटन एवं संस्कृति, ऊर्जा और जल निकायों के कार्याकल्प को विकसित करने हेतु अर्थ गंगा मॉडल विकसित किए जाने से हमारी जीडीपी दर का 03 प्रतिशत हिस्सा अर्थ गंगा से प्राप्त हो सकेगा।

गंगा ईश्वर की श्रेष्ठ रचनाः केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री
इस अवसर पर केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि गंगा से प्रकृति पर्यटन एवं ऊर्जा संस्कृति भी जुड़ी है। गंगा ईश्वर की श्रेष्ठ रचना है। गंगा को स्वच्छ बनाने के साथ ही इसके निरन्तर प्रवाह पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इसके किनारे संस्कृतियां पनपी है। यह हमारी आध्यात्मिक ऊर्जा का श्रोत है। इसके प्रदूषण को दूर करने से ही हम अपने सांस्कृतिक जीवन मूल्यों के प्रदूषण को कम करने में सफल हो सकेंगे। गंगा के महत्व को इसके तट पर आयोजित होने वाली कुंभ परम्परा है जिसमें लाखों लोग बिना आमंत्रण शामिल होकर कुंभ के विमर्श का माध्यम बनते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा हमारे सांस्कृतिक उत्थान का मेरूदण्ड है। साधकों को ऊर्जा देने वाली गंगा पर्यटको का भी आकर्षक का केन्द्र रही है। हमें गंगा को स्वच्छता एवं निर्मलता के लिये मिलकर प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर डॉ अजय माथुर, महानिदेशक टेरी, महानिदेशक नमामि गंगे राजीव रंजन मिश्रा, सी गंगा के फाउडिंग हेड प्रो. विनोद तारे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अपर सचिव राम विलास यादव भी इस वचुअर्ल कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

सीएम के सोशल मीडिया काॅर्डिनेटर ने की भरत मंदिर परिवार से शिष्टाचार भेंट

हृषिकेश नारायण श्री भरत मंदिर में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सोशल मीडिया काॅर्डिनेटर नितिन रावत पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान श्री भरत जी के दर्शन किए। मंदिर के पुजारियों ने उन्हें भगवान भरत का आशीर्वाद स्वरूप पट्टा पहनाया। यहां के बाद नितिन रावत को श्री भरत मंदिर की ओर से वरूण शर्मा ने प्राचीन व अलौकिक शिवलिंग के दर्शन कराए। यहां नितिन रावत ने कुछ पल गुजारकर पुनः परिवार सहित आने की इच्छा जताई। वरूण शर्मा ने सीएम के सोशल मीडिया काॅर्डिनेटर नितिन रावत को हृषिकेश का पौराणिक महत्व बतलाया। साथ ही मंदिर को लेकर लोगों में आस्था से भी रूबरू कराया।

इसके बाद श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल शर्मा ने उन्होंने शिष्टाचार भेंट की। दोनों के बीच काफी देर तक सामाजिक कार्यों को लेकर वार्ता भी हुई। नितिन रावत ने श्री भरत मंदिर सोसाइटी की ओर से किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा भी की। यहां के बाद नितिन रावत ने मंदिर परिसर पर स्थित म्जूजियम का भी रूख किया। श्री भरत मंदिर की ओर से वरूण शर्मा ने उन्हें एक-एक शिलालेख की विस्तार से जानकारी दी। यहां के बाद नितिन रावत अन्यत्र जगह के लिए रवाना हुए।

बसंतोत्सव 12 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक

श्री भरत मंदिर के सभागार में हृषिकेश बसंतोत्सव 2021 को लेकर आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बसंतोत्सव 12 फरवरी से लेकर 16 फरवरी तक मनाया जाएगा।
गौरतलब है कि इस बार बसंतोत्सव को कोरोना महामारी के अनुसार समाज हित में उपयोगी बनाने को लेकर विशेष ध्यान दिया गया। जिसमें रोटरी क्लब एवं मारवाड़ी युवा मंच के द्वारा 12, 13, 14 फरवरी को दिव्यांग व्यक्तियों को आवश्यकता अनुसार कृत्रिम अंग वितरित किए जाएंगे। साथ ही 12, 13, 14 फरवरी को आयुर्वेद चिकित्सकों के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमें कोविड-19 से बचने के उपाय और प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के बारे में जागरूक भी किया जाएगा। वहीं, आमजन को रक्त की कमी ना हो इसके लिए 15 फरवरी को रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। रोटरी क्लब ऋषिकेश के द्वारा ऑनलाइन कला प्रतियोगिता भी कराई जाएगी।
इस अवसर पर श्री भरत मंदिर स्कूल सोसायटी के सचिव हर्षवर्धन शर्मा जी, महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज, दीप शर्मा, विनय उनियाल, वरुण शर्मा, मेजर गोविंद सिंह रावत प्रधानाचार्य श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज, पार्षद राजेन्द्र प्रेमसिंह बिष्ट, राकेश मियां, डॉ डीके श्रीवास्तव, सीमा सक्सेना, डॉ. जी एच अरोड़ा, धीरेंद्र जोशी, बचन पोखरियाल, श्रीकांता शर्मा, अंजू रस्तोगी, विमला रावत, विजय लक्ष्मी शर्मा, राधा रमोला, रवि शास्त्री, चंद्रशेखर शर्मा, जितेंद्र बिष्ट, लखविंदर सिंह, चेतन शर्मा, अशोक रस्तोगी, रंजन अंथवाल आदि उपस्थित रहे।

कुंभ के तहत आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण का कार्य शुरु

आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण के साथ ही गंगा की जलधारा को मोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। सिंचाई विभाग के अनुसार, 40 से 50 प्रतिशत गंगा का पानी डार्यवट करने के बाद ही आस्था पथ के पुररोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा के कार्य शुरू हो पाएंगे।
आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण के कार्य कुंभ शुरू होने से पहले पूरे किए जाने हैं। लेकिन गंगा का जलस्तर कम नहीं होने की वजह से सिंचाई विभाग काम शुरू नहीं कर पा रहा है। कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने बताया कि क्यू-नेट चैनल बनाकर गंगा की धारा को मोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके लिए करीब छह पोकलैंड को काम पर लगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस काम के लिए बाकायदा वन विभाग और मेला अधिकारी की परमिशन ली गई है। उन्होंने बताया कि गंगा का 40 से 50 प्रतिशत पानी इस चैनल की ओर डायर्वट किया जाएगा, इसके बाद आस्था पथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। महाकुंभ-2021 के तहत 1157.65 लाख की लागत से आस्थापथ के पुनरोद्धार एवं बाढ़ सुरक्षा निर्माण का काम किया जाना है। इसके तहत 2013 की आपदा में क्षतिग्रस्त हुए आस्थापथ के सीसी ब्लाक का निर्माण, नए ब्लाक का निर्माण और जो ब्लाक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, उन्हें तोड़कर नए ब्लाक लगाए जाने हैं।
वहीं, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल ने बताया कि गंगा डायवर्जन के दौरान त्रिवेणीघाट पर गंगा अविरल बहती रहेगी। एक दिन पहले बृहस्पतिवार को गंगा का जलस्तर घटने से घाट पर पानी कम हो गया था। लेकिन फिर से जेसीबी लगाकर धारा को पुनरू घाट की तरफ मोड़ दिया गया। इसके अलावा गंगा की धारा को क्यू-नेट चैलन की ओर मोड़ने के दौरान भी गंगा की धारा को त्रिवेणीघाट पर अविरल रखा जाएगा। ताकि स्ननार्थियों को कोई दिक्कत न हो।

सिद्ध पीठ मंशा व चंडी देवी मंदिर मार्ग को किया जाए सुदृढ़ः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मेला नियंत्रण कक्ष, हरिद्वार में स्वच्छ, सुरक्षित, हरित और भव्य, दिव्य हरिद्वार कुम्भ 2021 के आयोजन के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्भ के कार्य हर हाल में समय पर पूर्णं कर लिये जाएं, यदि आवश्यकता पड़े तो कार्य में लेबर की संख्या बढाई जाए और शिफ्ट की संख्या भी बढ़ा ली जाए।

लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि कुम्भ क्षेत्र के मठ, मन्दिर, आश्रम, धर्मशाल, अखाड़ा और पेशवाई मार्ग को दुरूस्त कर लिया जाए। इसके साथ ही मंशा देवी और चण्डी देवी मार्ग का सुदढ़ीकरण कर लिया जाए। कुम्भ क्षेत्र के साज-सज्जा और सौंदर्यीकरण के कार्य कुम्भ श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा।

कुम्भ कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाएं रखने को गम्भीरता से लेने को कहा तथा कहा कि कुम्भ के बाद और कुम्भ के दौरान किसी प्रकार के प्रश्न चिह्न उठने की सम्भावना को समाप्त करें।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेले की बैठक के उपरांत यूपीसीएल के 33-11 के.वी. उपसंस्थान जगजीतपुर-ललतारौ का लोकार्पण किया। कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत हरिद्वार क्षेत्र में अस्थायी सैक्टरों एवं पार्किंग में कुम्भ की विद्युत मांग को देखते हुए तथा वर्तमान उपसंस्थानों का बेहतर लोड मैनेजमेंट करने के लिये 2 नये उपसंस्थान ललतारों एवं जगजीतपुर में बनाये गये हैं।

कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित कनखल, बैरागी कैम्प सेक्टरों को विद्युत आपूर्ति के लिये आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क की विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों बैरागी कैम्प एवं कनखल-प्प् का लोड कम करने के लिये प्रस्तावित जगजीतपुर उपसंस्थान का निर्माण किया गया है। इससे कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित रोडीवाला, बेलवाला एवं हर की पैडी सेक्टरों में आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क को विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों लालजीवाला एवं मायापुर का लोड कम करने के लिये एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी। यह उपसंस्थान 2 अलग-अलग 132 के0वी0 उपसंस्थानों भूपतवाला एवं ज्वालापुर से निकलने वाले 33 के०वी० फीडरों से पोषित होगा, इस प्रकार अलग-अलग सोर्स से कनेक्टिविटी बनी रहेगी। साथ ही लगभग 4000 वर्तमान निवासरत विद्युत उपभोक्ता इस उपसंस्थान से लाभान्वित होंगे। यह उपसंस्थान प्री-फेब्रिकेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर आधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह आधुनिक क्षमता का तकनीक पर आधारित देवभूमि उत्तराखण्ड के कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार में पहला उपसंस्थान है।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल नीरज खैरवाल, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर उपस्थित थे।

नारसन से रूड़की के मध्य एनएच कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम, जताई संतुष्टि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी, 2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए। उन्होंने पुहाना-छुटमलपुर बाईपास, फ्लाईओवर ब्रिज, कोर कॉलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपास, रानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। जनवरी अंत तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलों, बाईपास को जोड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैं, इससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलों, स्वच्छता, पेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं, उनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।

मुख्यमंत्री ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैं, अवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव चैंपियन, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगौली, आईजी मेला संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

एक माह के भीतर दूसरी घटना, नाव घाट पर मिला नवजात शिशु का शव

करीब एक माह के भीतर तीर्थनगरी में एक और नवजात शिशु का शव मिला है, जिसे देखकर सभी के होश उड़ गए। किसी ने इसे कलियुगी मां की करतूत बताया, तो किसी ने डिलीवरी के दौरान मृत शिशु का पैदा होना बताया। बहरहाल, यह जो भी हो नवजात का इस तरह से शव छोड़ जाना वाकई निर्दयता की निशानी है।

दरअसल आज दोपहर करीब पौने एक बजे नाव घाट के समीप गंगा किनारे एक नवजात शिशु का शव पड़ा मिला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पीएम के एम्स भेजा। नवजात शिशु के शव को देखकर आसपास हड़कंप मचा रहा। वहीं तरह-तरह की बातें जन्म लेती रही। फिलहाल यह कहना सही नहीं होगा कि उक्त शिशु कलियुगी मां की देन है। बिना जांच पड़ताल यह कहना उचित नहीं है। वैसे पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।