यूपी और उत्तराखंड की बसों के अस्थाई परमिट की व्यवस्था हुई खत्म, दोनों सरकारों ने लिया फैसला

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारस्परिक परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस मौके पर सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि इस समझौते के बाद अब यूपी और उत्तराखंड की जनता को परिवहन में बेहतर सुविधा मिलेगी। पिछले 18 सालों से चला आ रहा इंतजार अब खत्म हो गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि दोनों राज्यों की सरकारें समाधान में विश्वास करती हैं। दोनों ही सरकारें राज्य के विकास के लिये निरंतर कार्यरत है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा भी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच परिवहन समझौता होने से दोनों राज्यों के बीच बसों का आवागमन बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सब साझी विरासत का हिस्सा है। इसलिए आने वाले दिनों में हमारे संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे।

इस समझौते से अब यूपी परिवहन निगम की बसें उत्तराखंड में 216 मार्गों पर एक लाख 39 हजार किलोमीटर चलेंगी। वहीं उत्तराखंड की बसें यूपी में 335 मार्गों पर दो लाख 52 हजार किलोमीटर हर रोज चलेंगी।

उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में यूपी से उत्तराखंड जा रहीं और वहां से यूपी आ रहीं बसों का संचालन अस्थाई परमिट के आधार पर हो रहा है। परमिट की अवधि खत्म हो जाने के बाद दोनों राज्य एक-दूसरे की सीमा में प्रवेश करने वाली बसों को रोक दिया जाता है। इसके चलते बस यात्रियों को अत्यंत परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस समझौते के होने के बाद दोनों राज्यों को अपनी बस चलाने के लिए किसी परमिट की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही अस्थाई परमिट की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व उत्तराखण्ड के परिवहन मंत्री यशपाल आर्य भी उपस्थित थे।

कोर्ट में पेश होने पर उमेश कुमार बोला, मेरे खिलाफ हुई साजिश

उत्तराखंड में स्टिंग के जरिये राजनेताओं और नौकरशाहों को ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तृतीय रिंकी साहनी की अदालत ने समाचार प्लस चैनल के मालिक उमेश कुमार को आठ नवंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वहीं, उमेश शर्मा पर पत्रकार आयुष गौड़ ने आरोपों को फिर से दोहराकर कई नई बातें बताई।

समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश जे कुमार को रविवार को उप्र के गाजियाबाद में एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 से गिरफ्तार किया गया था। उमेश पर उसके ही चैनल के कर्मचारी आयुष गौड़ ने उत्तराखंड के नेताओं और नौकरशाहों का स्टिंग करने का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। मुख्य आरोपित उमेश जे कुमार को लेकर पुलिस टीम रविवार रात करीब तीन बजे देहरादून पहुंची। यहां पुलिस अधिकारियों ने उससे पांच घंटे तक पूछताछ की।

सोमवार पूर्वाह्न् करीब 11 बजे पुलिस उसे लेकर अदालत पहुंची। पुलिस ने अदालत में अभी तक की जांच रिपोर्ट रखी। इसके बाद अदालत ने आरोपित का पक्ष भी सुना। हालांकि बचाव पक्ष ने दिल्ली से अपने वकील को बुला रखा था, लेकिन अदालत में आरोपित ने खुद ही अपना पक्ष रखा। करीब चार घंटे तक दोनों पक्ष अदालत में मौजूद रहे। उनका पक्ष सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को आठ नवंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजने के आदेश दिए। पेशी के दौरान कचहरी परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

उमेश कुमार ने कहा मेरे खिलाफ हुई साजिश
उमेश कुमार ने अदालत में अपनी पैरवी करते हुए साजिश के तहत फंसाये जाने की बात कही। उसने यह भी कहा कि सरकार उसके पीछे पड़ी है और उसे और उसके परिवार को जान का खतरा हो सकता है।

ये अभी भी बाहर घूम रहे
नेताओं और नौकरशाहों का स्टिंग करने की साजिश के मामले में देहरादून के राजपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज है। इस मुकदमे में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र के साथ ही प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया भी नामजद हैं। ये चारों अभी गिरफ्त से बाहर हैं।

समाचार प्लस के मालिक उमेश जे कुमार को पुलिस ने किया गिरफ्तार, राज्य में स्टिंग को लेकर थी ये मंशा

उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने के उद्देश्य से एक पत्रकार पर स्टिंग ऑपरेशन करने का दबाव बनाने वाले एक निजी चैनल के मालिक उमेश जे कुमार को उत्तखंड और उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाजियाबाद स्थित घर से दबोच लिया। यहां से पुलिस ने 39 लाख रुपये नगदी के साथ ही विदेशी मुद्रा और स्टिंग के उपकरण भी बरामद किए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस सिलसिले में उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के निलंबित कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र और चैनल के तीन कर्मचारियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है।

शिकायतकर्ता आयुष गौड़ के मुताबिक आरोपितों ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव और कुछ अन्य नेताओं को भी फंसाने का षडयंत्र रचा था। गिरफ्तार आरोपित ने वर्ष 2016 में उत्तराखंड में तत्कालीन सीएम हरीश रावत का स्ंिटग कर राजनीतिक हलचल मचा दी थी। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने की पुलिस और उत्तराखंड पुलिस ने एटीएस एडवांटेज सोसायटी के टावर नंबर 19 के टॉप फ्लोर पर स्थित आरोपित उमेश के फ्लैट पर छापा मारा। टीम की वहां तैनात सीआरपीएफ जवानों से नोकझोंक भी हुई। घर की तलाशी के बाद पुलिस टीम ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। अभी आरोपित से इंदिरापुरम थाने में पूछताछ की जा रही है।

ये सामान मिला फ्लैट से
39,73000 रुपये नगद, 116,279 अमेरिकी डालर, 11,030 थाई मुद्रा, कई मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, आईपैड, लैपटॉप, कैमरा व डीवीडी।
उक्त प्रकरण के सामने आने पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह सब जांच का विषय है और जांच के बाद देखा जाएगा कि और क्या हो सकता है। किसी भी रूप में लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किसी भी स्तर पर नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र के सभी अंगों को समाज की बेहतरी के लिए कार्य करना चाहिए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, उत्तराखंड अशोक कुमार ने कहा कि निजी चौनल के मालिक समेत साजिश में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश की जा रही है।

पूरी तैयारी के साथ गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
मुख्य आरोपी उमेश जे कुमार की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड पुलिस पूरी तैयारी के साथ रविवार सुबह गाजियाबाद पहुंची। हाईप्रोफाइल मामला होने के चलते वह अपने साथ कोर्ट से सर्च और गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट लेकर गई थी।

ऐसे आया मामला सामने
समाचार प्लस चैनल के मुलाजिम आयुष गौड़ ने बीती 10 अगस्त को देहरादून में राजपुर थाने में चैनल के सीईओ के साथ ही उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के पूर्व कुल सचिव मृत्युंजय मिश्र, प्रवीण साहनी, सौरभ साहनी और राहुल भाटिया के खिलाफ तहरीर दी थी। आयुष का आरोप था कि उस पर वरिष्ठ नौकरशाहों और नेताओं का स्टिंग करने का दबाव बनाया जा रहा है, जान से मारने की धमकी जा रही है। करीब ढाई महीने की जांच के बाद पुलिस ने रविवार को इसमें बड़ी कार्रवाई की।

वहीं शासन ने विवादित अधिकारी डॉ. मृत्युंजय कुमार मिश्र को उनका नाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश समेत अन्य अधिकारियों के स्टिंग के प्रयास को लेकर दर्ज एफआइआर में आने के बाद निलंबित कर दिया है। हालांकि, शासन ने अधिकारिक तौर पर निलंबन का आधार उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बतौर कुलसचिव उनके विरुद्व सतर्कता विभाग में चल रही खुली जांच व अन्य जांच को बनाया है। सचिव आयुष शैलेश बगौली द्वार जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह अंदेशा जताया है कि मृत्युंजय मिश्र के आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलसचिव पद पर बने रहने से जांच प्रभावित हो सकती है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभावित से निलंबित किया गया है।

आगरा की पूर्व मेयर बेबी राम मौर्य बनी उत्तराखंड की राज्यपाल

उत्तराखंड के सातवें राज्यपाल के रूप में उत्तर प्रदेश की बेबी राम मौर्य को नियुक्ति मिली है। बेबी राम मौर्य यूपी में भाजपा नेता होने के साथ ही वहां महिला आयोग से जुड़ी हुयी है। विदित हो कि बेबी राम मौर्य आगरा में वर्ष 1995 में मेयर रह चुकी है।

बेबी रानी मौर्य को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। उत्तराखंड में केके पाल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बेबी राम मौर्य को राज्यपाल बनाया गया। वहीं लगभग साढ़े तीन दशक बाद जम्मू एवं कश्मीर को राजनीतिज्ञ राज्यपाल मिला है। बिहार के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू एवं कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है। चार राज्यपालों के राज्य बदलने के साथ ही तीन नए राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं। नए नियुक्त राज्यपालों में उत्तर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन, सत्यदेव नारायण आर्य और बेबी रानी मौर्य शामिल हैं।

वर्ष 1984 में जगमोहन के राज्यपाल बनने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में कभी किसी राजनीतिज्ञ को राज्यपाल नियुक्त नहीं किया गया। आतंकवाद से ग्रस्त और कानून-व्यवस्था की समस्या से जूझ रहे राज्य में सेवानिवृत नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों को ही राज्यपाल नियुक्त किया जाता रहा है। 31 अगस्त को 10 साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे एनएन वोहरा पूर्व नौकरशाह हैं। साढ़े तीन दशक बाद राजनीतिज्ञ को राज्यपाल नियुक्त कर केंद्र सरकार ने राज्य में राजनीतिक प्रक्रिया को तेज करने का संकेत दिया है।

लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द ही जम्मू एवं कश्मीर में पंचायतों और स्थानीय निकायों का चुनाव कराने की घोषणा की थी। इससे निचले स्तर पर आम जनता को राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिलेगा। केंद्र की ओर से नियुक्त वार्ताकार पूर्व आइबी प्रमुख दिनेश्वर शर्मा पहले से राज्य में सभी वर्गो से संपर्क कर बातचीत का सिलसिला शुरू कर चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि सत्यपाल मलिक आतंकवाद और अलगाववाद से त्रस्त आम लोगों की आवाज को तवज्जो देंगे।

सत्यपाल मलिक की जगह अब उत्तर प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल होंगे। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नजदीकी माने जाते रहे हैं और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से पहले लखनऊ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सत्यदेव नारायण आर्य को हरियाणा का नया राज्यपाल बनाया गया है। हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया है और वहां के मौजूदा राज्यपाल तथागत राय को मेघालय भेज दिया गया है। जबकि मेघालय के मौजूदा राज्यपाल गंगा प्रसाद को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया है।

त्रिवेन्द्र सरकार के पॉलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के प्रयासों की योगी ने की प्रशंसा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के सार्थक प्रयासों के कारण दोनों राज्यों के बीच अनेक मसले सुलझे है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली की जमकर तारीफ की। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने भी त्रिवेन्द्र सरकार द्वारा पॉलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि योगी जी की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के मध्य नहरों एवं अलकनन्दा होटल के सम्बन्ध में समझौता हुआ है। अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम और सुदृढ़ बनाने के लिए दोनों राज्यों के बीच पारस्परिक समझौता किया गया। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य आपसी तालमेल से शीघ्र ही परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित मामलों में निर्णय लेंगे और उनका निस्तारण करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दोनों राज्यों को ज्वाइंट वेंचर बनाकर कार्य करना होगा। जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए दोनों राज्यों को दीर्घकालीन योजना बनानी होगी। जल को संचय करने के लिए वर्षा जल को एकत्रित करना जरूरी है। जल संरक्षण से ईको सिस्टम भी ठीक होगा। जल संरक्षण के लिए दोनों राज्यों को मिल जुलकर प्रयास करने होंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप अलकनन्दा होटल से जुड़ी समस्या का समाधान होकर उत्तर प्रदेश सरकार ने हरिद्वार में उत्तर प्रदेश भवन के नाम पर एक नवीन आवास पर्यटक गृह के निर्माण के लिए भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर्यटक आवास का नाम भागीरथी पर्यटन गृह रखा जायेगा। इस आवास को उत्तराखण्ड की वास्तु शैली में बनाया जायेगा। आगामी दो माह में दोनों राज्य परिसम्पत्तियों से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान आपस में बैठकर करेंगे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखण्ड जो भी सार्थक पहल करेगा उत्तर प्रदेश की ओर से उसमें पूरा सहयोग दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखण्ड सरकार की पॉलीथीन मुक्त एवं जल संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि गंगा कि अविरलता एवं निर्मलता को बनाये रखने के लिए हम सबको अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। ‘नमामि गंगे’ केवल सरकार का अभियान न रहे, इसमें सबकी भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि 2019 में इलाहबाद में होने वाले कुंभ से पहले उत्तर प्रदेश में 15 दिसम्बर 2018 तक सीवरेज एवं नालों के पानी को गंगा में जाने से रोकने के लिए कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए गंगा के किनारे उत्तर प्रदेश के सभी 27 जनपदों के 1556 गांवों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच पिछले 17-18 वर्षों से चल रहे विवादों का निपटारा दोनों राज्य सौहार्दपूर्ण माहौल में किया जायेगा। यह कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को लेकर किया जायेगा।

इस अवसर पर हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, उत्तर प्रदेश की पर्यटन मंत्री प्रो. रीता बहुगुण जोशी, आदि उपस्थित थे।

संत समाज दें सीएम त्रिवेन्द्र को अपना आशीर्वादः योगी

अपने गुरू गोरक्षनाथ के ऋषिकेश स्थित मंदिर पहुंच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरू गोरक्षनाथ की मूर्ति का अनावरण किया। इस मौके पर मौजूद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की योगी ने सराहना की। उन्होंने संत समाज से सीएम त्रिवेन्द्र सिंह को अपना आशीर्वाद देने को कहा। तभी सीएम त्रिवेन्द्र ने भी योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुये कहा कि योगी के सीएम बनने के बाद से ही गुंडाराज समाप्त हो गया है। राज्य की जनता अब सुकुन से रह पा रही है, तो वह सीएम योगी की बदौलत ही।

ऋषिकेश स्थित श्री गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में गुरु की मूर्ति का अनावारण यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड में जन्मभूमि रही है। मेरी भावनात्मक यादें यहां से जुड़ी है। उन्होंनें कहा कि पूरे देश को गंगा और यमुना उत्तराखंड की ही देन है।

उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की सराहना कर योगी बोले कि उत्तराखंड किस तरह से आध्यात्मिक और भौतिक रूप से समृद्ध बने इसके लिये प्रदेश सरकार गंभीर है। उन्होंने संत समाज से त्रिवेन्द्र सिंह रावत को अपना आशीर्वाद देने को कहा।

वहीं उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा योगी आदित्यनाथ समस्या के समाधान में विश्वास रखते हैं। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के एक वर्ष के भीतर उन्होंने यूपी से गुंडाराज का खात्मा कर दिया। उन्होंने कहा कि संत किसी एक का नहीं, सबका होता है। पूरे देश में योगी हिंदुत्व की ध्वज पताका फैला रहे हैं।

इस दौरान योगी आदित्यनाथ की बहन शशि को भाई के यहां आने की खबर मिली। तो वह अपने को रोक न सकी और पहुंच गयी अपने भाई यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने। योगी भी अपनी बहन को देख भावुक हो उठे और उन्हें अपने पास बुलाकर बातचीत कर हाल जाना। योगी बहन शशि ने बताया कि योगी के यहां आने की सूचना उन्हें मीडिया के जरिये मिली।

इससे पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऋषिकेश पहुंच कर सर्वप्रथम श्री गोरक्षनाथ मंदिर में नाथ परंपरा के गुरु योगेंद्र शैलेंद्र शीलनाथ की समाधि पर पुष्प अर्पित किये। उन्होंने बताया कि गुरु शील नाथ ने ऋषिकेश में समाधि ली।

मुजफ्फरनगर कांड की परत खुलेगी, हाईकोर्ट ने दिए ये आदेश

राज्य के निर्माण के वक्त हुयी आंदोलनकारियों की हत्या व बलात्कार की घटना पर उच्च न्यायालय नैनीताल ने जिला जज देहरादून से दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उन्होंने राज्य सरकार, सीबीआई और जिला जज देहरादून को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल को भी कहा है।

अधिवक्ता रमन शाह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि मुजफ्फरनगर कांड की पुनः सुनवाई हो। साथ ही मामले के दोषियों को सजा मिलने और सीबीआई जांच हो। याचिका में कहा गया है कि मामले से जुड़ी फाइल गायब करने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई हो।

विदित हो कि उत्तराखंड राज्य के गठन से पूर्व आंदोलनकारियों ने आंदोलन किया था। जिन्हें मुजफ्फरनगर के आगे जाने ही नहीं दिया गया था। इस दौरान 28 आंदोलनकारियों की हत्या कर दी गयी थी। साथ ही महिलाओं के साथ बलात्कार जैसी घटना भी सामने आई थी। 17 आंदोलनकारियों के साथ छेड़छाड की घटना सीबीआइ की रिपोट में सामने आई है। हांलाकि 1996 में सीबीआइ ने तत्कालीन डीएम मुजफ्फरनगर अनंत कुमार सिंह समेत अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दाखिल की।

लेकिन इसके खिलाफ 2003 में डीएम ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। कोर्ट ने डीएम को राहत देते हुए मामले पर स्टे लगा गिया। जिसके बाद 22 अगस्त 2003 को हाई कोर्ट की एकलपीठ ने अपने फैसले को रिकॉल कर लिया। फिर मामले में सुनवाई नहीं हो सकी तो मामले से जुड़ी फाइल भी गायब हो गई। अब 24 साल बाद एक बार पुनः हाईकोर्ट ने मामले को उजागर किया है।

गैंगरेप पीड़िता बोली बीजेपी विधायक के हाथ में है पूरा प्रशासन

लखनऊ उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश करने वाली रेप पीड़िता के पिता की मौत हो गई है। पीड़िता ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर उसके पिता से मारपीट का आरोप लगाया है, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में रेप पीड़िता ने बीजेपी विधायक पर गंभीर इल्जाम लगाए। पीड़िता ने एक प्राइवेट चैनल को बताया, ये घटना चार जून 2017 की की रात आठ बजे की है। उस रात एक महिला हमें विधायक कुलदीप सेंगर के पास ले गई थी। जो बीजेपी के नेता हैं। जहां उन्होंने मेरे साथ रेप किया।

पीड़िता ने बताया कि जब उन्होंने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया तो बीजेपी विधायक ने परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी। जब वो थाने में गई तो पुलिस द्वारा एफआईआर नहीं लिखी गई। इसके बाद तहरीर बदल दी गई।

पीड़िता ने बताया, मैं जून 2017 में सीएम योगी से मिली थी। उन्होंने कहा था कि बेटा इंसाफ मिलेगा, लेकिन एक साल हो चला है और अब तक कुछ नहीं हुआ। मैंने हर जगह तहरीर भेजी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

पीड़िता ने बताया कि उनके पापा छोटे बच्चे को देखने के लिए घर आए थे। जिसके बाद विधायक के लोगों ने मेरे पिता को बहुत मारा। पीड़िता ने बताया, पुलिस पहुंच गई तब भी उन्होंने मेरे पापा को मारा। हमारा दरवाजा खोलकर पापा को घसीटकर ले गए और खूब पिटाई की। पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने के निर्देश दिये गये हैं। सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिये तफ्तीश को लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है।

चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि मामले के चार नामजद अभियुक्तों सोनू, बउवा, विनीत और शैलू को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, माखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है। जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने बताया कि दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था।

भारत बंद के बाद दलितों पर हो रहा अत्याचारः उदित राज

उत्तर प्रदेश के भाजपा के चार दलित सांसदों की प्रदेश सरकार के विरूद्ध नाराजगी को पीएम नरेंद्र मोदी ने बहुत गंभीरता से लिया है। पिछले दिनों सावित्रीबाई फुले, छोटे लाल, इटावा के सांसद अशोक कुमार, नगिना के यशवंत सिंह दलितों के मसले पर राज्य और केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।

पीएम मोदी ने शनिवार को चारों दलित सांसदों की नाराजगी की चिंता करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिल्ली बुलाया और इस विषय पर न केवल चर्चा की बल्कि इस मसले पर विस्तृत रिपोर्ट भी यूपी बीजेपी से मांगी है।

दरअसल, बीजेपी आलाकमान पहले ही गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में हार से पहले परेशान था। अब एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पार्टी के एक के बाद एक यूपी के चार बीजेपी दलित सांसदों की नाराजगी पीएम मोदी के लिए भी सिरदर्द बन गई है।

सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ को साफ तौर से ये बता दिया है कि इस मसले को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाए। साथ ही इस बात की भी हिदायत दी कि जरूरत पड़े तो नाराज सांसद से पार्टी बैठकर बात करे और इनकी समस्या का समाधान किया जाए। इनके अलावा बीजेपी सांसद उदित राज ने शनिवार रात आरोप लगाया कि इस सप्ताह के शुरू में भारत बंद के दौरान प्रदर्शन के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में दलित समुदाय के सदस्यों को प्रताड़ित किया जा रहा है।

उदित राज ने इस बारे में सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने कहा, दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही हैं और यह रुकना चाहिए।

यूपी में 500 एकड़ भूमि पर बनेगी नई अयोध्या

उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में भगवान राम की 100 मीटर ऊंची प्रतिमा की योजना बनाने और यहां नई अयोध्या बसाने की तैयारी में जुटी हुयी है।

योगी आदित्यनाथ सरकार की योजना अयोध्या में नई अयोध्या टाउनशिप बसाने की है। यह टाउनशिप करीब 500 एकड़ जमीन में फैली होगी और इसके निर्माण पर करीब 350 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने अनौपचारिक तौर से इस प्रोजेक्ट के लिए अपना काम शुरू कर दिया है, हालांकि औपचारिक तौर पर महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को क्षेत्रीय स्तर पर सहमति मिलने के बाद इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। अयोध्या फैजाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से अनुमति मिलने के बाद यह योजना आगे बढ़ेगी।

कार्यकारी इंजीनियर मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि नई अयोध्या टाउनशिप की योजना को लेकर प्रारंभिक सहमति हाल ही में कमिश्नर और जिलाधिकारी की बैठक में मिल गई थी। अब इस प्रस्ताव को अथॉरिटी के पास भेजा जाना है जो 13 अप्रैल को होने वाली बैठक में फैसला ले सकती है, इसके बाद इसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा।

सरयू नदी के दाईं ओर बनेगा टाउनशिप

नई अयोध्या टाउनशिप को कई चरणों में सरयू नदी के दाईं तरफ बसाया जाएगा। जो 500 एकड़ के दायरे में फैला होगा। निर्माण के पहले चरण में 100 एकड़ में टाउनशिप बनाई जाएगी जिस पर 110 करोड़ का खर्च आने की संभावना है। इस खर्च में जमीन की कीमत भी शामिल है जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 70 करोड़ आंकी जा रही है।

इस प्रोजेक्ट के शुरू के बाद टाउनशिप के पहले चरण का निर्माण पूरा होने में 12 से 18 महीने का वक्त लगेगा। अथॉरिटी प्रोजेक्ट के लिए लोन लेने की योजना बना रही है।

नई अयोध्या टाउनशिप लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर माझा बरहटा और जयसिंह मऊ गांव के पास बसाया जाएगा। इस टाउनशिप में आवासीय क्षेत्रों के अलावा मंदिर, सार्वजनिक कार्यस्थल, पार्क, होटल और शॉपिंग गलियारे होंगे ही, साथ में विश्व स्तर के पेयजल और सीवर सुविधाएं भी होंगी।

इससे पहले योगी राज में राज्य सरकार ने अयोध्या में भगवान राम की 100 मीटर ऊंची प्रतिमा बनाने का प्रस्ताव रखा है जिसके निर्माण पर 330 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों से भी निवेश करने का अनुरोध किया है।