अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नेरन्द्र गिरी की मौत, पुलिस जांच में जुटी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को निधन हो गया है। नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फांसी के फंदे से लटकता मिला। उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंची तो उनका शव फंदे से लटका था। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है। सूत्रों के मुताबिक इस सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि पर मानसिक तौर पर परेशान करने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद हरिद्वार पुलिस ने आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया है।
जानकारी के मुताबिक, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि बाघंबरी मठ में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। पुलिस के मुताबिक अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और बाघंबरी मठ में फांसी के फंदे से लटकता मिला। पुलिस के मुताबिक बाघंबरी मठ में जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव फंदे से लटकता मिला, वहां चारो तरफ से गेट बंद मिला। पुलिस ने शुरुआती जांच के आधार पर इसे आत्महत्या बताया है।
गौरतलब है कि आचार्य नरेंद्र गिरि का पिछले दिनों अपने ही शिष्य आनंद गिरि के साथ विवाद हो गया था। हाल ही में इस विवाद का पटाक्षेप हुआ था। महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वामी सव्विदानंद सरस्वती ने इसे साजिश करार दिया। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है, नहीं मान सकती। उन्होंने इसे लेकर और कुछ कहने से इनकार करते हुए कहा कि ये जांच का विषय है।
प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने बताया कि सात पन्नों का सुसाइड नोट मिला है जिसे वसीयत की तरह लिखा गया है। इस सुसाइड नोट में आनंद गिरि का भी नाम है। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि को जानने वाले लोग ये बता रहे हैं कि हैंड राइटिंग उन्हीं की है। हम फॉरेंसिक जांच के बाद लेटर जारी करेंगे। आनंद गिरि ने आईजी की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए कहा कि ये बड़ी साजिश है. उन्होंने कहा कि प्रदेश और देश की सरकार से निवेदन करता हूं कि निष्पक्ष जांच हो। इसमें बड़े लोग शामिल हैं। दोषी हूं तो सजा पाने को तैयार हूं।
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा है कि आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि आनंद गिरि को हरिद्वार से हिरासत में लिया गया। इस संबंध में उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि यूपी पुलिस की ओर से फोन कॉल आने के बाद आनंद गिरि को हरिद्वार आश्रम में ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। यूपी पुलिस के करीब 10 पुलिसकर्मी हरिद्वार पहुंच गए हैं। वहीं, प्रयागराज में लेटे हनुमानजी के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। सुसाइड नोट में इनके भी नाम थे।

भारतीय साहित्य संगम ने ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का किया आयोजन

भारतीय सहित्य संगम के तत्वावधान में गूगल मीट पर ऑनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेएमसी शासकीय महिला महाविद्यालय मंडला मध्य प्रदेश के प्राचार्य प्रोफेसर शरद नारायण खरे, विशिष्ट अतिथि शंखनाद वेब न्यूज़ उत्तराखंड के संपादक भारतेंदु शंकर पांडे तथा अध्यक्षता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद की संयुक्त सचिव मंजू पांडे ’महक जौनपुरी’ ने की।
देशभर से जुटे कवियों ने काव्य धारा बहाते हुए समसामयिक विषयों पर रचनाएं प्रस्तुत की।
भारतीय साहित्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक डॉ धीरेंद्र रांगड़ ने शब्दों का कारवां की 110वीं श्रंखला पर साहित्य मनीषियों को स्वागत किया तथा हिन्दी पखवाड़ा की शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम में अरुणा वशिष्ठ द्वारा सुमधुर वाणी में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई।

आमन्त्रित रचनाकारों ने राष्ट्र भाषा हिंदी की महत्वता पर अपनी रचनाएँ प्रस्तुत की। इस अवसर पर कवि डॉ अशोक गुलशन ने हिन्दी भाषा है सभी भाषाओं की जान, इसको पढ़ करके हुये, तुलसी-सूर महान। शम्भु प्रसाद भट्ट स्नेहिल ने भारतीयता की पहिचान, हिंदी बिना अधूरी है। इसीलिए हिंदी की शिक्षा, सबके लिए जरूरी है। डॉक्टर धीरेंद्र रांगड़ ने मैं दीवाना हिंदी का और तू दीवाना हिंदी का, ये जग दीवाना हिंदी का वो रब दीवाना हिंदी का की शानदार प्रस्तुति दी। महक जौनपुरी ने ग़ैर के ग़म से जो बाख़बर हो गया, जग में सच है वो आला बशर हो गया, मनोज कुमार गुप्ता आचार्य मनुश्री ने साहित्य से कैसी ढिढोली हो रही है, जिसे देख मेरी कलम रो रही है, राजेश डोभाल राज ने सब्र करता रहा मुद्दतों से यूं ही कागज, सब्र टूटा तो सरे बाजार फट गया कागज, अरुण कुमार शास्त्री ने कितनी हंसी है ये जिन्दगी के जबसे, तुमने ये कहा है तेरे होने से सब कुछ यहां है। कवि उमेश पटेल श्रीश ने खड़े हैं बीच चौराहे पर अपनी मंजिल की राह भूलकर, सोचते हैं इन राहों में से कोई राह मेरी मंजिल की भी होगी रचनाये प्रस्तुत की।
इसके अतिरिक्त आमंत्रित कविगणों में डॉ. बालकृष्ण पांडेय, प्रयागराज, डॉ वर्षा पुनवटकर, वर्धा महाराष्ट्र, बबिता शर्मा, कोटा, राजस्थान, डॉ. सत्यानन्द बडोनी, देहरादून, शिवकुमार चंदन, रामपुर उ.प्र., डॉ देवीदीन अविनाशी, हमीरपुर, नवीन डिमरी बादल, कर्णप्रयाग, शिव प्रसाद बहुगुणा आदि ने भी शानदार प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन का संचालन शंभू प्रसाद भट्ट ने किया।

होमवर्क करे और स्पष्ट कार्य योजना तैयार कर मजबूती से राज्य का रखें पक्ष-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश सम्बन्धित विभाग के उच्चाधिकारियों को दिये हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी सम्बन्धित विभाग इस सम्बन्ध में पूरा होमवर्क तैयार कर स्पष्ट कार्ययोजना तैयार करें ताकि उच्चस्तर पर होने वाली बैठकों में संबंधित विषयों पर मजबूती से राज्य का पक्ष रखा जा सके।
मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य पुनर्गठन द्वारा आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग अपनी कार्ययोजना 10 अक्टूबर तक तैयार कराना सुनिश्चित करें ताकि उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के मुख्य सचिवों की आयोजित होने वाली बैठक में इन पर नीतिगत निर्णय लिये जाने के सम्बन्ध में आपसी सहमति बन सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिवों की बैठक में होने वाले विचार विमर्श के बाद संबंधित विषयों पर अंतिम निर्णय लिये जाने के सम्बन्ध में वे स्वयं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्बे समय से लंबित प्रकरणों का निस्तारण राज्य हित में जरूरी है। अतः सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड के विषयों का स्पष्ट विवरण भी तैयार करें ताकि आगामी बैठकों में इन पर निर्णय लिये जाने में सुविधा हो। उन्होंने भारत सरकार के स्तर पर लिये जाने वाले निर्णयों तथा मा. उच्चतम न्यायालय में लंबित प्रकरणों की प्रभावी पैरवी किये जाने के भी निर्देश दिये। इस सम्बन्ध में सचिव ऊर्जा के साथ शासन के किसी उच्चाधिकारी को नामित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएचडीसी में उत्तर प्रदेश सरकार की अंशपूजी उत्तराखण्ड को हस्तांतरित किये जाने का जो प्रकरण वर्तमान मा. उच्चतम न्यायालय में लम्बित है उसके लिये भी प्रभावी पैरवी कर मजबूती के साथ राज्य का पक्ष रखा जाय। उन्होंने कहा कि राज्य के वाजिब हितों के लिये सभी स्तरों पर प्रभावी कार्यवाही की जानी चाहिए।
सचिव पुनर्गठन डॉ. रणजीत सिन्हा ने इस सम्बन्ध में अब तक हुई प्रगति का विवरण प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सिंचाई विभाग उत्तराखण्ड को जनपद उधमसिंह नगर हरिद्वार एवं चम्पावत में कुल 379.385 हेक्टेयर भूमि के हस्तांतरण, जनपद हरिद्वार में आवासीय/अनावासीय भवनों का हस्तांतरण गंग नहर से 665 क्यूसेक जल उपलब्ध कराने, जनपद उधमसिंह नगर तथा हरिद्वार की नहरों को राज्य को दिये जाने, नानक सागर, धौरा तथा बेंगुल जलाशय को पर्यटन एवं जल क्रीड़ा हेतु उपलब्ध कराये जाने के साथ टीएचडीसी में उत्तर प्रदेश की अंश पूंजी उत्तराखण्ड को हस्तांतरित करने, मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना हेतु लिये गये ऋण के समाधान के साथ परिवहन, वित्त, आवास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति वन कृषि से सम्बन्धित कतिपय विषयों पर निर्णय लिया जाना अपेक्षित है।
बैठक में कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, आर मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, प्र. सचिव एस. मनराल, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, उमेश नारायण पाण्डेय, प्रबन्ध निदेशक यूजेवीएनएल मुकेश सिंघल, प्रबंध निदेशक वन विकास निगम डॉ. जे.के. शर्मा आदि उपस्थित थे।

राज्यपाल को दी गई विदाई, सम्मान समारोह का हुआ आयोजन

मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में शनिवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें पौधा भेंट करने के साथ ही शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रदेश की जनता ने उन्हें जो सम्मान दिया है उसके लिये वे आभारी हैं, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वे कभी नहीं भूल सकती हैं। राज्यपाल ने कहा कि यहां के फलों, जड़ी बूटी व अन्य परम्परागत उत्पादों की प्रदर्शनी देश के विभिन्न भागों में आयोजित की जानी चाहिए, इससे राज्य को पहचान मिलेगी, उन्होंने राज्य की महिलाओं के कल्याण के लिये भी बहुत कुछ किये जाने की जरूरत बतायी। राज्यपाल ने कहा कि वे गंगोत्री व यमुनोत्री के दर्शनार्थ यहां आयेंगी। उन्होंने राज्य के लोगों के लिये शुभकामनायें भी दीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सदैव एक अभिभावक की तरह उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने मुझे चूंकि मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है इसका भी स्मरण उन्हें जीवन भर रहेगा। छोटे भाई की तरह उनका स्नेह भी उन्हें प्राप्त होता रहा है। उनके सभी से आत्मीय सम्बन्ध रहे। प्रदेश की जनता में वे काफी लोकप्रिय रहीं। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उनका सम्बन्ध उत्तराखण्ड से सदैव बना रहेगा तथा उत्तराखण्ड भी उनका सहयोगी बना रहेगा। यहां से जाने के बाद भी उत्तराखण्ड के प्रति उनका स्नेह बना रहेगा, इसकी भी उन्होंने कामना की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, सांसद नरेश बंसल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव एल. फैनई, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, मुख्य आयकर आयुक्त विपिन चंद्रा, अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार के साथ ही अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड की राज्यपाल ने दिया इस्तीफा, यूपी में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चा

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राज्यपाल के सचिव बीके संत ने इसकी पुष्टि की है। बेनी रानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर बीती 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।
दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर दिया जोर
हाल ही में बेबी रानी मौर्य राज्यपाल पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मीडिया से रूबरू हुई थीं। उन्होंने प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मुद्दों पर जोर दिया था। उनका कहना था कि प्रदेश की महिलाएं मेहनती और जुझारू हैं। महिलाओं को राजभवन से जो बेहतर सहयोग किया जा सकता है उसके लिए आगे भी ठोस प्रयास किए जाएंगे।

उत्तराखंड की दूसरी महिला राज्यपाल थीं बेबी रानी मौर्य
तीन साल पहले उत्तराखंड में राज्यपाल की कमान संभालने वालीं आगरा निवासी बेबी रानी मौर्य प्रदेश की दूसरी महिला राज्यपाल थीं। उनसे पहले मारग्रेट आल्वा प्रदेश की राज्यपाल रह चुकी थीं।

ये है उनका सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन
– वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक आगरा की महापौर।
– वर्ष 1997 में वर्तमान राष्ट्रपति और तत्कालीन अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा राम नाथ कोविंद के साथ बतौर कोषाध्यक्ष कार्य।
– वर्ष 2001 में प्रदेश, सामाजिक कल्याण बोर्ड की सदस्य।
– वर्ष 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य।

सम्मान
– वर्ष 1996 में सामाजिक कार्यों के लिए समाज रत्न।
– 1997 में उत्तर प्रदेश रत्न।
– 1998 नारी रत्न।

उत्तराखंड में अब तक रहे राज्यपाल, ये रहा कार्यकाल
सुरजीत सिंह बरनाला-09 नवंबर 2000-07 जनवरी 2003
सुदर्शन अग्रवाल-08 जनवरी 2003-28 अक्तूबर 2007
बनवारी लाल जोशी-29 अक्तूबर 2007-05 अगस्त 2009
मार्गरेट अल्वा-06 अगस्त 2009-14 मई 2012
अज़ीज़ कुरैशी-15 मई 2012-08 जनवरी 2015
कृष्ण कांत पॉल-08 जनवरी 2015-25 अगस्त 2018
बेबी रानी मौर्य-26 अगस्त 2018-08 सितंबर 2021

बुलंदशहर में कल्याण सिंह की निकली अंतिम यात्रा, सीएम धामी भी हुए सम्मिलित


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज नरोरा, बुलंदशहर जाकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान के निवर्तमान राज्यपाल कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. कल्याण सिंह योग्य प्रशासक एवं कुशल राजनीतिज्ञ थे, वे हम सभी के लिये हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे।

मुख्यमंत्री के साथ ही केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक एवं भाजपा प्रदेश अक्ष्यक्ष मदन कौशिक ने भी स्व. कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।

यूपी के लखीमपुर खीरी से चार युवतियां पहुंची ऋषिकेश, पुलिस ने किया यूपी पुलिस के सुपुर्द

लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश से मुनिकीरेती थाना क्षेत्र पहुंची चार लड़कियों को पुलिस ने एक होटल से बरामद किया है। चारों लड़कियों को पुलिस ने यूपी से पहुंची पुलिस के सुपुर्द किया है।

थाना प्रभारी राम किशोर सकलानी ने बताया कि उत्‍तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के मोहल्ला हिदायतनगर की रहने वाली चार सहेलियां जो आर्य कन्या इंटर काॅलेज में पढ़ती हैं, इनके नाम बेबी जैनब (17 वर्ष) और रुखसार (20 वर्ष), बहादुरनगर निवासी अभिका गुप्ता (16 वर्ष) व निर्मलनगर निवासी कीर्ति (17 वर्ष) हैं। बीती सोमवार को चारों अपने घर से कॉलेज जाने के लिए निकली थी, जिसके बाद वह घर ही नहीं लौटी।

यूपी पुलिस ने चारों लड़कियों को काफी खोजा। मगर, तलाश नहीं हो पाई। पुलिस जांच में सामने आया है कि चारों ने थरवरनगंज मोहल्ले में रेमंड शोरूम के पास चारों ने अपने कपड़े बदले थे। फिर वह एक रोडवेज बस से सीतापुर पहुंची। सीसीटीवी कैमरों में मिले फुटेज से यह प्रतीत हो रहा है कि चारों अकेले ही अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गई हैं। एक छात्रा अपने घर से कुछ रुपये भी ले गई है। उनकी साइकिल रेमंड शोरूम के पास पाई मिली है।

चारों किशोरियों की लोकेशन ऋषिकेश बदरीनाथ मार्ग पर मुनीकीरेती थाना क्षेत्र के तपोवन में एक होटल में मिली। जिस पर पुलिस व एसओजी की टीम ने चारों छात्राओं को होटल से बरामद कर लिया। थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती आरके सकलानी ने बताया कि बुधवार को चारों किशोरियों को लखीमपुर खीरी से यहां पहुंची एसओजी टीम प्रभारी उप निरीक्षक शिव कुमार के सुपुर्द कर दिया गया है।

यूपी की किशोरी की एम्स ऋषिकेश में हुई सफल हार्ट सर्जरी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश निवासी एक 12 वर्षीय किशोरी के दिल की जन्मजात गंभीर बीमारी का सफल ऑपरेशन कर उत्तराखंड में चिकित्सा क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है।

बताया गया है कि इस किशोरी के दिल में जन्म से छेद था, जिससे उसका शरीर अक्सर नीला पड़ जाता था। अपने शहर के आसपास उच्च चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव के चलते अब तक किशोरी के माता-पिता उसका उपचार नहीं करा पा रहे थे, लिहाजा इस किशोरी को उम्र बढ़ने के साथ साथ दिल की जन्मजात बीमारी के कारण सांस लेने में कठिनाई होने लगी।

इसके बाद किशोरी के परिजनों ने उसके समुचित उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश की ओर रुख किया। एम्स अस्पताल में किए गए सीटी स्कैन से पता चला कि किशोरी को डीओआरवी, पीएस नामक हृदय की बीमारी है,जिसके लिए ऑपरेशन की आवश्यकता है। इसके साथ ही उसके शरीर में कुछ ऐसी नसें भी थी, जिन्हें ऑपरेशन से पहले एन्जियोग्राफी से बंद करना था।

संस्थान की हृदय रोग विभागाध्यक्ष डा. भानु दुग्गल एवं डा. यश श्रीवास्तव ने एन्जियोग्राफी के माध्यम से किशोरी की इन नसों में छल्ला डाला, जिसके बाद सीटीवीएस विभाग के पीडियाट्रिक कॉर्डियक सर्जन डा. अनीश गुप्ता ने उसकी जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

चिकित्सकीय टीम की इस सफलता के लिए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने उन्हें प्रोत्साहित किया, साथ ही निदेशक प्रो. रवि कांत ने चिकित्सकों को भविष्य में भी इसी तरह मरीजों की मदद करने के साथ साथ सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं के सुचारू संचालन का भरोसा दिलाया। डा. अनीश ने बताया ​कि​ सर्जरी के बाद एनेस्थेटिस्ट डा. अजेय मिश्रा की टीम ने किशोरी का भली प्रकार से खयाल रखा। किशोरी को अब पूर्णरूप से स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

क्या है डीओआरवी एवं पीएस बीमारी यह एक जन्मजात हृदय की बीमारी है,जिसमें स्वच्छ व गंदे खून की नसें एक साथ एक ही खाने भाग से निकलती हैं तथा फेफड़े की नस में रुकावट रहती है। जिसके कारण बच्चे का शरीर नीला पड़ता है, साथ ही उसे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। इस बीमारी से बच्चा कभी कभी बेहोश भी हो सकता है। इस बीमारी का पता इको और सीटी स्कैन से चल पाता है। जिसका उपचार ऑपरेशन से ही संभव है। इस बीमारी की जटिलता के हिसाब से बीमारी से संबंधित कई तरह से सर्जरी की जाती है। इस बीमारी के प्रति लापरवाही व बिना इलाज के जान जाने का खतरा होता है।

उत्तराखंड को हर संभव मदद करेगा उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से यूपी के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ धर्म सिंह सैनी एवं श्री विजय कश्यप ने भेंट की। उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र के रैणी क्षेत्र में आयी आपदा से सम्बन्धित बचाव एवं राहत कार्यों के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से चर्चा की।

कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आपदा पीड़ितों की सहायता के लिये हरिद्वार में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। वहां पर एडीएम स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया कि मुख्यमंत्री योगी ने उत्तराखण्ड सरकार को इस आपदा के संकट पर सहयोग देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यूपी के काफी संख्या में लोग इस क्षेत्र की विद्युत परियोजनाओं में कार्यरत रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपद से इस परियोजना में कार्यरत लोगो की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यूपी के लापता लोगों की सूची एवं फोटो राज्य सरकार को प्रेषित कर दी जायेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का आभार जताते हुए कहा कि इस आपदा में फसे लोगो को राहत पहुचाने के लिये सभी एजेन्सियों का सराहनीय सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि रैणी से लेकर नदी तटों के सभी स्थलों पर भी व्यापक खोजबीन की जा रही है ताकि लापता लोगों का पता लग सके।

उन्होंने कहा कि इस आपदा में हमें केदारनाथ के अनुभवों का भी लाभ मिल रहा है, यदि लोगो की पहचान हो सके तो ठीक है नही तो उनके डीएनए की जांच कर रिकार्ड सुरक्षित रखने के प्रयास किये जा रहे हैं।

गंगनहर में नहाने के दौरान हादसा, एक डूबा जबकि दूसरा सकुशल बचा

बीते रोज कौडिया व चीला के बीच शक्ति नगर के पास दो व्यक्ति गंगनहर में नहाने गए। मगर, अनियंत्रित होकर गंगा में जा गिरे। किसी तरह पुलिस व स्थानीय लोगों ने एक व्यक्ति नितिन कुमार शर्मा पुत्र ओमदत्त शर्मा निवासी शेरकोट बिजनौर को डूबने से बचा लिया। मगर, दूसरा व्यक्ति भूदेव शर्मा पुत्र देवदत्त शर्मा ग्राम अमरपुर पालके थाना शेरकोट बिजनौर डूब गया। उसका कोई पता नहंी चल सका। पुलिस के अनुसार दोनों के घर सूचना दे दी गई है। वह दोनों ही नरेंद्रनगर में शटरिंग का काम किया करते थे। जल पुलिस ने आज भी गंगनहर में रेस्क्यू चलाया। मगर, देर शाम तक कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी।