कोविड के दौरान आयुष और होम्योपेथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा हैः त्रिवेंद्र सिंह

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के साथ वन, सेवायोजन एवं कौशल विकास, श्रम तथा आयुष विभाग की समीक्षा की।
वन विभाग- वन विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के वन्यजीव संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुकिंग के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया जाय। ऑनलाईन बुकिंग के लिए एप्प विकसित किया जाए। लकड़ी एवं आरबीएम के लिए लोगों को एप्लाई करने के बाद निश्चित समयावधि में अनुमति मिल जाय, इसके लिए लोगों को अनावश्यक परेशानी न हो। लोगों के हक-हकूकों का पूरा ध्यान रखा जाय। इसको सेवा के अधिकार के तहत सम्मिलित किया जाय। व्यावसाईयों के लिए जो रवन्ने जारी हो रहे हैं, उनकी चेक पोस्ट पर नियमित चेकिंग की जाए।
कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कार्बेट टाइगर रिजर्व के अन्तर्गत ढेला ‘रेस्क्यू सेन्टर’ एवं पाखरो ‘टाइगर सफारी’ की स्थापना का कार्य प्रगति पर है, गर्जिया टूरिज्म जोन की स्थापना की जा रही है। धनगढ़ी म्यूजियम का उच्चीकरण किया जा रहा है।
आयुष विभाग- आयुष विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि आयुष विभाग द्वारा लोगों को योग, प्रणायाम डाइट चार्ट एवं आयुष से संबधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय। कोविड के दौरान आयुष और होम्योपेथी की ओर लोगों का रूझान बढ़ा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रयास किये जाय कि अधिकांश जगह पर लोगों को आयुष, होम्योपैथी एवं ऐलोपैथिक सुविधाएं मिल जाये। जिन जनपदों में आयुष विभाग का अपना भवन नहीं हैं, जिलाधिकारियों के माध्यम से लंबे समय से खाली सरकारी भवनों या स्कूलों में व्यवस्था की जाय। चरक डांडा में अन्तरराष्ट्रीय शोध संस्थान के लिए जल्द डीपीआर बनाई जाय।
आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोविड के दौरान आयुष विभाग द्वारा 02 लाख से अधिक काढ़ा के रूप में सुरक्षा किट वितरित की गई। आयुष विभाग द्वारा प्री कोविड और पोस्ट कोविड किट तैयार की गई है।
सेवायोजन एवं कौशल विकास- सेवायोजन एवं कौशल विकास की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन 25 आईटीआई को अपग्रेड किया जा रहा है। उनमें प्रशिक्षण की बेहतर व्यवस्था के साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के प्रतिभा प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित करने के लिए प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग की व्यवस्था भी की जाय।
श्रम विभाग- श्रम विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वर्ष 2017 में उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन अधिनियम में संशोधन किया गया जिसके अंतर्गत दस से कम कर्मकार नियोजित करने वाले दुकानों एवं स्थापनां को पंजीयन की आवश्यकता नहीं रह गई है। पंजीयन एक बार किया जायेगा। नवीनीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है।

युवा कांग्रेस ने धरना देकर उत्तराखंड सरकार से पूछे कई सवाल

युवा कांग्रेस के विस अध्यक्ष अमरजीत धीमान के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए पूछता है उत्तराखंड के तहत एक दिवसीय धरना दिया। धीमान ने कहा कि सरकार रोजगार देने में विफल रही है। ऋषिकेश में व्याप्त संसाधन व भूमि होने के बावजूद यहां रोजगार नहीं दिया जा रहा है, मजबूरन यहां के युवा दूसरे शहर का रूख कर रहे है। साथ ही यहां क्वारंटीन सेंटर की हालत खस्ता है।
युकां प्रदेश अध्यक्ष सुमित भुल्लर ने कहा कि युवा नशे में डूब रहे हैं और रोजगार न होने के चलते आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे है। जिलाध्यक्ष भूपेंद्र नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की जनता सरकार से पूछती है कि महिलाओं के विकास के लिए उन्होंने क्या किया। बेरोजगारी हटाने के लिए क्या है। पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण ने कहा कि किसानों की समस्या कर्ज है, मगर सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं किया। मौके पर एआईसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एनएसयूआई विवेक तिवाड़ी, संजय गुप्ता, मनीष शर्मा, राकेश सिंह मियां, देवेंद्र प्रजापति, जगत नेगी, एकांत गोयल, दीपक जाटव, संदीप चमोली, जितेंद्र पाल पाठी, सन्नी प्रजापति, राहुल पांडेय, अभिषेक पारस, कृष्णा राजभर आदि उपस्थित रहे।

कांग्रेस प्रदेशभर में धरना देकर कर रही नौटंकी, अपना इतिहास देखेंः विपिन कैंथोला

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बिपिन कैंथोला ने कहा कि कांग्रेस का आज का प्रदेश भर में किया जा रहा प्रदर्शन महज एक धोखा और छलावा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस देश में सीधेतौर पर 55 साल तक राज किया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि सत्ता में रहते हुए 55 सालों में कांग्रेस ने दलितों को केवल वोट बैंक के रूप में देखा और उनका उपयोग किया।
कैंथोला ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में दलितों के उत्थान के लिए कोई नीति नहीं बनाई। नतीजा यह रहा कि दलित समाज हमेशा पिछड़ता चला गया। उनके उत्थान के लिए जो काम किए जाने चाहिए थे। कांग्रेस ने उनके उत्थान की योजनाएं बनाने के बजाय दलितों की हमेशा उपेक्षा की।
बिपिन कैंथोला ने कहा कि जो पार्टी अपने दल में ही दलितों को उचित स्थान नहीं देती हो। वह आज पूरे प्रदेश में दलितों के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से छलावा करती आई और यही वजह है कि कांग्रेस को इस तरह के प्रदर्शनों का नैतिक अधिकार नहीं हैं।

स्वरोजगार पर आधारित वीडियो गीत यू-ट्यूब पर हुआ लांच

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वरोजगार पर आधारित ऑडियो-वीडियो गीत यू-ट्यूब पर लॉन्च किया। इस गीत को बीबी इंटरटेनमेंट चैनल पर अपलोड किया गया है तथा इस गीत के गीतकार एवं गायक भूपेन्द्र सिंह बसेड़ा हैं। इस गीत में हाल ही में लॉन्च की गयी ‘‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’’ का उल्लेख करते हुये बेरोजगारों को स्वरोजगार अपनाने तथा स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रेरित किया गया है।

गीत में योजनान्तर्गत कौशल विकास, आसान ऋण की सुविधा, प्रशिक्षण आदि के साथ ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होने व वेबसाइट का उल्लेख किया गया है। गीत की लॉन्चिंग के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने निर्माताओं को बधाई दी एवं कहा कि इस गीत के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार अपनाने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।

इस अवसर पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार एसएस नेगी, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आरके सुधांशु, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर आदि उपस्थित थे।

हाईकोर्ट के फैसले पर हैरानी जताई, कहा-समीक्षा करेंगे, फिलहाल अन्य कोई नही की कोई टिप्पणी

-विपक्षी खेमे में फैसला आने के बाद बची खलबली

आखिरकार देश की सर्वोच्च अदालत में सत्य की जीत हुई। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ हाईकोर्ट के सीबीआई जांच कराने वाले आदेश ने हैरान जरूर किया था। मगर, सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द करते हुए आश्चर्य जताया कि हाईकोर्ट ने ऐसा आदेश कैसे पारित किया? जबकि मुख्यमंत्री इस मामले में पक्षकार ही नहीं थे। उनके खिलाफ जांच की कोई मांग भी नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है, साथ ही सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किए हैं। इनका जवाब दाखिल करने का चार सप्ताह का समय भी दिया है।

एससी में सीएम के वकील ने कहा, बेवजह नाम घसीटा गया
सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के वकील ने कहा कि राज्य की जनता ने उन्हें चुना है, राजनीतिक लाभ के लिए विवाद में उनका नाम बेवजह डाला गया है। उन्होंने कोर्ट में यह भी तर्क दिया कि हाईकोर्ट में उमेश शर्मा ने सीबीआई जांच जैसा कोई मांग नहीं की थी। उमेश शर्मा की याचिका में सिर्फ उसके खिलाफ देहरादून में दर्ज एफआइआर को रद्द करने की मांग की गई थी। इसके विपरीत हाईकोर्ट ने न सिर्फ उमेश के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद्द करने का आदेश सुनाया बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच करने का आदेश दे दिया। सीएम ने अपनी याचिका में लगाए गए आरोप को फर्जी और आधारहीन कहा।

मूल मुद्दा तो भटक गया…
दरअसल देहरादून के राजपुर थाने में पत्रकार उमेश शर्मा सहित अन्य के खिलाफ सेवानिवृत प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत ने ब्लैकमेलिंग, दस्तावेजों की कूट रचना और गलत तरीके से बैंक खातों की जानकारी हासिल करने का मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया का दुरूपयोग किया और एक वीडियो डाली। इसमें प्रोफेसर रावत और उनकी पत्नी सविता रावत के खाते में नोटबंदी के दौरान झारखंड के अमृतेश चैहान की ओर से 25 लाख रुपये जमा करने की बात कही गई थी और यह रकम को त्रिवेंद्र सिंह रावत को देने को कहा गया था। इसके अलावा सविता रावत को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सगी बहन बताया गया था। प्रोफेसर हरेंद्र सिंह ने सभी तथ्यों को झूठा बताया था।
बड़ा सवाल तो यह है कि कैसे हम दूसरे अनजान व्यक्ति की बैंक संबंधी डिटेल प्राप्त कर सकते है? आयकर विभाग के अलावा यह जानकारी बैंक भी अन्य किसी को नही देता है। मसलन यदि कोई आपराधिक मामला है तो बैंक जांच के दौरान पुलिस अथवा जांच एजेंसी को जानकारी मुहैया कराता है। इस मामले में देखे तो तथाकथित पत्रकार ना तो जांच एजेंसी है ना ही अधिकृत व्यक्ति। ऐसे में बैंकों की भूमिका भी संदिग्ध हो जाती है। सेवानिवृत प्रोफेसर हरेंद्र सिंह रावत की शिकायत पर तो अभी तक कोर्ट के द्वारा कार्रवाई भी नही की गई है?

व्यक्ति एक दलीलें दो….
देश के जाने माने वकील कपिल सिब्बल भी गजब के आदमी निकले। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में इन्ही वकील साहब ने कोर्ट को उमेश कुमार को ब्लेकमेलर बताया है। जबकि इस मामले में वकील साहब तथाकथित पत्रकार को ईमानदार बता रहे है। अन्य राज्यों में लंबित मुकदमें को लेकर उन्हें झूठा फंसाने की बात कह रहे है। वकील साहब पहले तय कर ले कि आप किस केस में सच बोल रहे है और किस केस में झूठ?

केस को हाईप्रोफाइल बनाने और सुर्खियां बटोरने की कोशिश…
तथाकिथत पत्रकार उमेश जे कुमार की और से इस मामले को हाईप्रोफाइल बनाने और सुर्खियां बटोरने के लिए इस्तेमाल करना प्रतीत हो रहा है। जानकार बताते है कि अपनी गर्दन बचाने के लिए हाईकोर्ट में केस का रुख मोड़ा गया है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील जानेमाने वकील कपिल सिब्बल और चालाक पत्रकार की चालो में उलझ गये। जिससे केस ने दूसरा ही रुख मोड़ लिया।

कथित पत्रकार की सीबीआई जांच मांग जोर पकड़ने लगी
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सोशल मीडिया में कथित पत्रकार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग जोर पकड़ने लगी है। बेशुमार दौलत के मालिक और कथित तौर पर अन्य राज्यों में कई मुकदमों का सामना कर रहे पत्रकार को लेकर लोगों में नाराजगी दिखाई दे रही है। लोग ईमानदार मुख्यमंत्री पर लांछन लगाने को लेकर इसकी ही सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे है।

कुम्भ मेला क्षेत्र की सड़को का होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण के लिए 20.62 लाख रूपए की स्वीकृति दी है। आईडीटीआर झाझरा देहरादून में आटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण की यह प्रथम किस्त होगी। इस आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक की कुल लागत 51.56 लाख है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र के अन्तर्गत नगर निगम हरिद्वार की 08 सड़कांे के सीसी टाइल्स द्वारा नवीनीकरण किये जाने हेतु 103.94 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस पोर्टल पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को ही अपलोड किया जायेगा, इसके लिये एक बार में रूपये 05 लाख तक के उत्पादों के क्रय की व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने तथा उनके विपणन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी।

वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत राज सहायता के रूप में 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 10 जनपदों में एक-एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को स्वरोजगार के लिये प्रेरित करने के लिये इस योजना को प्रभावी माध्यम बताया है।

मुख्यमंत्री ने किया कोरोना विनर्स के लिए वाकाथन और बैडमिंटन मैच का शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने को कोरोना विनर्स के लिये आयोजित वाकाथन और बैडमिंटन स्पर्धा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वाकाथन को फ्लैग ऑफ किया। उन्होंने कोरोना विनर्स के साथ बैडमिंटन का मैच भी खेला। डबल्स में एक तरफ मुख्यमंत्री व एक कोरोना विनर थे जबकि दूसरी तरफ सचिव खेल बीके संत व एक अन्य कोरोना विनर थे। इसमें मुख्यमंत्री की टीम ने 10-5 से गेम जीता।

समाज में कोविड-19 से लङाई के जज्बे को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर ’कोरोना वारियर से विनर’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसमें खेल विभाग के तत्वावधान में कोरोना से ठीक हुए लोगों के लिए अनेक खेल स्पर्धाएं आयोजित की गई हैं। इसी के तहत रविवार को मुख्यमंत्री ने सीएम आवास से वाकाथन का फ्लैग ऑफ किया और बैडमिंटन का मैच खेला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे विश्व के देश कोरोना से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य पर कोरोना के अनेक दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हम सभी एकजुट होकर ही इससे लङाई में जीत सकते हैं। कोरोना संक्रमण की दर में कमी आई है परंतु हम सभी अब और अधिक सावधान व सतर्क रहने की जरूरत है। विशेष तौर पर आने वाले त्यौहारों को देखते हुए मास्क का प्रयोग, दो गज की दूरी का ध्यान रखना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले कोरोना से ठीक हुए लोगों के मनोबल को बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जाती थी लेकिन अब यही कोरोना विनर्स कोरोना से लड़ाई में हम सभी का हौंसला बढ़ा रहे हैं। कोरोना विनर्स के लिए आयोजित इन कार्यक्रमों से निश्चित रूप से समाज में कोविड-19 को लेकर और अधिक जागरूकता आएगी। हम सभी को समझना होगा कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।

कराटे खिलाड़ियों ने गंगा तट पर लिया तीर्थनगरी के अमन को विजेता बनाने का संकल्प

गढ़वाल महासभा सोनी टीवी के रियलिटी शो इंडियाज बेस्ट डांसर में तीर्थनगरी से अमन शाह को विजयी बनाने के लिए कैंपेनिंग चलाएगी। इसकी शुरूआत गंगा तट से कराटे खिलाड़ियों के साथ हुई। कराटे कोच शिवानी गुप्ता ने अपने निशुल्क कराटे प्रशिक्षण शिविर में अमन को विजयी बनाने का संकल्प लिया।

ेसमाजसेवी व महासभा अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी प्रशिक्षण शिविर में नागरिकों एवं जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रशिक्षु बच्चों से ऋषिकेश के डांसिंग स्टार अमन शाह को विजेता बनाने के लिए उसके पक्ष में वोटिंग की अपील की। डॉ नेगी ने बताया कि तीर्थ नगरी के लाल अमन शाह ने देश के नंबर वन डांसिंग शो में अपनी जबरदस्त नृत्य प्रतिभा के माध्यम से देश और दुनिया में तीर्थ नगरी का नाम रोशन किया है। कहा कि वोटिंग केवल शनिवार को रात 8 बजे से रात 12 बजे तक ही सोनी लिव एप पर की जा सकेगी। एक व्यक्ति एकबार में 50 वोट कर सकता है। इस दौरान कराटे कोच शिवानी गुप्ता ने भी अपने तमाम प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं की ओर से अमन शाह के पक्ष में जबरदस्त कैंपेनिंग चलाने की बात कही। इस अवसर पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योति सजवान, वरिष्ठ पार्षद शिव कुमार गौतम, पार्षद ऋषि कांत गुप्ता, प्रमोद शर्मा, पार्षद संजीव पाल, नीलम मिश्रा,डीपी रतूड़ी,खुशहाल,डा बी एन तिवारी, समाजसेविका सीमा रानी, शिक्षिका सरोजनी थपलियाल, संगीता सागर आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने सामाजिक उद्यमियों की किया संवाद, सरकार की योजनाओं को रखा आगे


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उत्तराखण्ड के सामाजिक उद्यमियों से संवाद करते हुए कहा कि हमें स्थानीय संसाधनों को आधार मानकर आगे बढ़ेंगे, तो आत्मनिर्भर बनने में सुविधा होगी। प्रकृति ने देवभूमि उत्तराखण्ड को बहुत कुछ दिया है। अनेक प्रकार की जैव विविधताएं उत्तराखण्ड में हैं। हिमालयी एवं तराई क्षेत्र के साथ ही राज्य के सम्यक विकास के लिए अनेक संपदाएं उत्तराखण्ड के पास हैं। स्वरोजगार की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक कार्य किये जा रहे हैं। इस दिशा में सोचने की जरूरत है कि हम अपने साथ कितने और लोगों को रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन्वेस्टर समिट के दौरान राज्य में 01 लाख 25 हजार करोङ रूपये के एमओयू हुए, जिसमें से 25 हजार करोड़ रूपये के कार्यों की ग्राउंडिंग हो चुकी है। राज्य बनने से औद्योगिक क्षेत्र में 2017 तक राज्य में 40 हजार करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट हुआ, जबकि पिछले साढ़े तीन सालों में 25 हजार करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट हो चुका है। राज्य में चीड़ की पत्तियों से बिजली एवं चारकोल बनाने के कार्य शुरू किये गये हैं। उत्तराखण्ड के वन क्षेत्र में 27 प्रतिशत क्षेत्र में चीड़ होता है। चीड़ की पत्तियों से वनाग्नि की समस्याएं भी बहुत रहती थी। चीड़ के सदुपयोग एवं स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने में यह पॉलिसी काफी कारगर होगी। इससे 40 हजार लोगों को रोजगार दिया जा सकता है और पर्यावरणीय लाभ भी होंगे। लीसे से अनेक किस्म के आईटम बनते है। ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए हर न्याय पंचायत में रूरल ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। अलग-अलग थीम पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को हिमालयी ब्रांड से पहचान दिलाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। आर्गेनिक उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में टूरिज्म के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। इस दिशा में सरकार अनेक कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 तरह के कार्य किये जा सकते हैं। राज्य में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसके तहत 10 हजार युवाओं एवं उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जायेंगी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वरोजगार के लिए काफी कारगर साबित होगी। होम स्टे को राज्य में बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी तक 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस अवसर सामाजिक उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले विभिन्न लोगों से बात की। उन्होंने मशरूम उत्पादन में कार्य करने और इसके लिए अन्य लोगों को प्रशिक्षित कर रही दिव्या रावत, हेल्थ एवं पर्सनल केयर प्रोडक्ट में कार्य करने के साथ ही अन्य लोगों को इससे जोड़ने वाले हर्षपाल चैधरी, ईको टूरिज्म एवं स्थानीय संस्कृति के क्षेत्र में कार्य नुपुर अग्रवाल, होम स्टे चला रही निवेदिता कार्की, आर्टिफिशल इन्टेलीजेंसी के क्षेत्र में कार्य कर रही प्रेक्षा कपरवाण, एडवेंचर और टूरिज्म के क्षेत्र में कार्य कर रहे विक्रम सिंह पंवार एवं मशरूम उत्पादन का कार्य कर रही प्रीति भंडारी से वार्ता की। प्रीति भंडारी ने कहा कि उन्होंने 500 रूपये से मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया था और आज वे 40 हजार रूपये तक प्रतिमाह कमा लेती हैं।

मौक पर उच्च शिक्षा उन्नयन समिति की उपाध्यक्ष दीप्ति रावत, सचिव राधिका झा, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एस.एस.नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकि सलाहकार डॉ. नरेन्द्र सिंह, आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल, कार्यक्रम संयोजक अखिलेश रावत आदि उपस्थित थे।

सीएम ने मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का किया शुभारंभ

सोलर फार्मिंग द्वारा स्वरोजगार के लिए उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार मे आयेजित कार्यक्रम में योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिलने वाले सभी लाभ इस योजना के विकासकर्ताओं को भी अनुमन्य होंगे।
बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका, जिलाधिकारी बैंकों से समन्वय बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। जिलाधिकारी बैंकों से लगातार सम्पर्क और समन्वय बनाए रखें। स्वरोजगार योजनाओं को सकारात्मक तरीके से लिए जाने की जरूरत है। डीएलसीसी बैठकों में स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता से हो। हम सभी का दायित्व है कि युवा बिना किसी परेशानी के स्वरोजगार योजनाओं से लाभ उठा सकें।
भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक समय न लगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के आवेदन की प्रक्रिया को सरलतम रखा जाए। भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक नहीं लगना चाहिए। इससे अधिक समय लगने पर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो टार्गेट तय किए जाते हैं, वे निर्धारित समयावधि में जरूर पूरे हो जाने चाहिए। संबंधित अधिकारी योजना के प्रति पूरी तरह से समर्पित होकर काम करें। कोविड के कारण व्यर्थ चले गए चार माह की भरपाई अगले आठ माह में करनी है। इसलिए दोगुनी ऊर्जा से काम करना होगा।
स्वरोजगार और हरित ऊर्जा का उत्पादन मुख्य उद्देश्य
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना, योजना का लक्ष्य है। इसमें 25 किलोवाट क्षमता के ही सोलर प्लांट अनुमन्य किए जाएंगे। राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं।
इटीग्रेटेड फार्मिंग से होगी आय
इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ी-बूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना में 10 हजार परियोजनाएं पात्र आवेदकों को आवंटित किए जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए वर्षवार और जिलावार लक्ष्यां का निर्धारण एमएसएमई के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें एमएसएमई की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान और मार्जिन मनी व लाभ मिल सकेंगे। एमएसएमई के आनलाईन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन उरेडा द्वारा किया जाएगा।
परियोजना के तकनीकी मानक
तकनीकी मानकों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए लगभग 1.5 से 2 नाली भूमि की आवश्यकता होगी। 40 हजार रूपए प्रति किलोवाट की दर से कुल लागत लगभग 10 लाख रूपए सम्भावित है। राज्य में औसतन धूप की उपलब्धता के आधार पर 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से पूरे वर्ष में लगभग 38 हजार यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत उत्पादन हो सकता है। इस योजना के अंतर्गत यूपीसीएल द्वारा स्थापित 63 केवीए और इससे अधिक क्षमता के स्थापित ट्रांसफार्मर्स से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे। इन ट्रांसफार्मर्स की सूची आनलाईन उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के अंतर्गत आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी। इसके लिए संबंधित लाभार्थी के साथ बिजली खरीद अनुबंध (पीपीए) किया जाएगा।
यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध
लाभार्थी सहकारी या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से ऋण ले सकता है। सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के लिए 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए ऋण दिया जाएगा। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर करने के लिए जिलाधिकरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा गया है। परियोजना आवंटन पत्र मिलने के बाद लाभार्थी द्वारा यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। लाभार्थी द्वारा परियेजना आवंटन पत्र, यूपीसीएल के साथ अनुबंध की प्रति, और अन्य आवश्यक अभिलेख जमा कराने के सात दिन के भीतर महाप्रबंधक, जिला उद्योग संबंधित बैंक शाखा को अग्रसारित कर देंगे। इसके 15 दिनों के भीतर बैंक शाखा से स्वीकृति या अस्वीकृति सूचना लाभार्थी को बता दी जाएगी।