सीएम ने मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का किया शुभारंभ

सोलर फार्मिंग द्वारा स्वरोजगार के लिए उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का विधिवत शुभारम्भ हो गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार मे आयेजित कार्यक्रम में योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मिलने वाले सभी लाभ इस योजना के विकासकर्ताओं को भी अनुमन्य होंगे।
बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका, जिलाधिकारी बैंकों से समन्वय बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों की इसमें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। जिलाधिकारी बैंकों से लगातार सम्पर्क और समन्वय बनाए रखें। स्वरोजगार योजनाओं को सकारात्मक तरीके से लिए जाने की जरूरत है। डीएलसीसी बैठकों में स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता से हो। हम सभी का दायित्व है कि युवा बिना किसी परेशानी के स्वरोजगार योजनाओं से लाभ उठा सकें।
भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक समय न लगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के आवेदन की प्रक्रिया को सरलतम रखा जाए। भू-परिवर्तन में एक सप्ताह से अधिक नहीं लगना चाहिए। इससे अधिक समय लगने पर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो टार्गेट तय किए जाते हैं, वे निर्धारित समयावधि में जरूर पूरे हो जाने चाहिए। संबंधित अधिकारी योजना के प्रति पूरी तरह से समर्पित होकर काम करें। कोविड के कारण व्यर्थ चले गए चार माह की भरपाई अगले आठ माह में करनी है। इसलिए दोगुनी ऊर्जा से काम करना होगा।
स्वरोजगार और हरित ऊर्जा का उत्पादन मुख्य उद्देश्य
सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना, योजना का लक्ष्य है। इसमें 25 किलोवाट क्षमता के ही सोलर प्लांट अनुमन्य किए जाएंगे। राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं।
इटीग्रेटेड फार्मिंग से होगी आय
इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ी-बूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना में 10 हजार परियोजनाएं पात्र आवेदकों को आवंटित किए जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए वर्षवार और जिलावार लक्ष्यां का निर्धारण एमएसएमई के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें एमएसएमई की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत अनुमन्य अनुदान और मार्जिन मनी व लाभ मिल सकेंगे। एमएसएमई के आनलाईन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन उरेडा द्वारा किया जाएगा।
परियोजना के तकनीकी मानक
तकनीकी मानकों की जानकारी देते हुए बताया गया कि 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए लगभग 1.5 से 2 नाली भूमि की आवश्यकता होगी। 40 हजार रूपए प्रति किलोवाट की दर से कुल लागत लगभग 10 लाख रूपए सम्भावित है। राज्य में औसतन धूप की उपलब्धता के आधार पर 25 किलोवाट क्षमता के संयंत्र से पूरे वर्ष में लगभग 38 हजार यूनिट प्रतिवर्ष विद्युत उत्पादन हो सकता है। इस योजना के अंतर्गत यूपीसीएल द्वारा स्थापित 63 केवीए और इससे अधिक क्षमता के स्थापित ट्रांसफार्मर्स से पर्वतीय क्षेत्रों में 300 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 100 मीटर की हवाई दूरी (एरियल डिस्टेंस) तक सोलर पावर प्लांट आवंटित किए जाएंगे। इन ट्रांसफार्मर्स की सूची आनलाईन उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के अंतर्गत आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी। इसके लिए संबंधित लाभार्थी के साथ बिजली खरीद अनुबंध (पीपीए) किया जाएगा।
यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध
लाभार्थी सहकारी या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक से ऋण ले सकता है। सहकारी बैंक द्वारा इस योजना के लिए 8 प्रतिशत की ब्याज दर पर 15 वर्षों के लिए ऋण दिया जाएगा। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भू-परिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर करने के लिए जिलाधिकरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा गया है। परियोजना आवंटन पत्र मिलने के बाद लाभार्थी द्वारा यूपीसीएल के साथ विद्युत क्रय अनुबंध किया जाएगा। लाभार्थी द्वारा परियेजना आवंटन पत्र, यूपीसीएल के साथ अनुबंध की प्रति, और अन्य आवश्यक अभिलेख जमा कराने के सात दिन के भीतर महाप्रबंधक, जिला उद्योग संबंधित बैंक शाखा को अग्रसारित कर देंगे। इसके 15 दिनों के भीतर बैंक शाखा से स्वीकृति या अस्वीकृति सूचना लाभार्थी को बता दी जाएगी।

गुलदस्ता स्मारिका कोविड संबंधित पहलुओं पर शोध में कारगर होगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तरांचल प्रेस क्लब की त्रैमासिक स्मारिका ‘गुलदस्ता’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तरांचल प्रेस क्लब द्वारा इस स्मारिका को कोविड-19 विशेषांक के रूप में जनता को समर्पित किया है। यह विशेषांक भविष्य में लोगों को कोविड से संबधित विभिन्न पहलुओं पर शोध के लिए भी काफी कारगर होगा।

उन्होंने कहा कि इस विशेषांक में समाज के प्रबुद्ध लोगों, स्वास्थ्य विशषज्ञों, कोरोना योद्धाओं के विचारों को भी समाहित किया गया है। कविता एवं लेख के माध्यम से कोविड से संबधित विभिन्न पहलुओं एवं लोगों पर इसके आर्थिक एवं सामाजिक प्रभावों तथा सरकार द्वारा इसके लिए किये गये प्रयासों को जनमानस तक पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया गया है। इस स्मारिका के माध्यम से पत्रकारिता के साथ ही सामाजिक जागरूकता एवं नागरिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया गया है।

उत्तरांचल प्रेस क्लब के अध्यक्ष देवेन्द्र सती ने कहा कि इस स्मारिका को कोरोना विशेषांक के रूप में प्रकाशित करने का मुख्य उद्देश्य कोरोना से उपजी स्थितियों, समाज के विभिन्न वर्गों और प्रकृति पर पड़े इसके प्रभाव एवं विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों के अनुभवों को समाविष्ट करना है। प्रेस क्लब के सदस्यों द्वारा कोरोना काल में जरूरतमंद लोगों व परिवारों को राशन बांटने एवं बीमार व्यक्तियों को हर संभव मदद करने के प्रयास किये गये हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन रावत, उत्तरांचल प्रेस क्लब के महामंत्री संजीव कंडवाल, कोषाध्यक्ष इन्द्रेश कोहली, वरिष्ठ पत्रकार चेतन गुरूंग, जितेन्द्र अंथवाल, दिनेश कुकरेती, राजू पुशोला, सुबोध भट्ट आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड में खेल तकनीक को बढ़ावा देने को खेल विज्ञान केंद्र की होगी स्थापना

खेल विज्ञान केंद्र, खेल विकास निधि और मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा के दौरान दिए।

उन्होंने कहा कि राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं और जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए।

ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करे नई खेल नीति
मुख्यमंत्री ने राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त कर जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें।

खेल अवस्थापना के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए।

खेल नीति में बालिकाओं के लिए हों विशेष प्रावधान
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाए। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।

खिलाड़ियों की समस्याओं के निस्तारण के सिंगल विंडो सिस्टम
मुख्यमंत्री ने आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा इस प्रकार का हो जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।

उत्तराखंड में स्कूल खोलने पर फैसला, तीन चरणों में खुलेंगे स्कूलः शिक्षा मंत्री

उत्तराखंड में विद्यालय तीन चरणों में खुलेंगे। राज्य सरकार ने विद्यालय खोलने को लेकर फैसला किया है। इसके लिए सात दिन के भीतर जिलाधिकारी अपनी रिपोर्ट देंगे। यह बात बैठक के बाद शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कही। उन्होंने कहा कि पहले चरण में कक्षा 9 से 12 तक, दूसरे चरण में कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को और तीसरे चरण में पांचवीं तक स्कूलों को खोला जाएगा। जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद बाद कैबिनेट में यह निर्णय लिया जाएगा।

अनलॉक-पांच को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर दी है। केंद्र ने स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति दी है। यह गाइडलाइन रात्रि जारी होने की वजह से प्रदेश में गुरुवार तक व्यवस्था पूर्ववत रहेगी। प्रदेश सरकार ने 30 सितंबर तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश जारी किया था। केंद्र के निर्देशों के मुताबिक आगे इस संबंध में राज्य सरकार को खुद फैसला लेना है।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि स्कूलों को खोलने के बारे में हर जिले से फीडबैक लिया जाएगा। इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद तय होगा कि 15 अक्टूबर से स्कूल खोले जाएं या नहीं। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 9वीं से 12वीं तक कक्षाएं चलेंगी, जबकि दूसरे चरण में छठी से 8वीं तक कक्षाएं शुरू की जाएंगी। आज शासन और विभाग की बैठक में जिलों से फीडबैक लेने का निर्णय लिया गया।

सीएम बोले, 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने का रखा लक्ष्य

सोलर स्वरोजगार योजना में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है, इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत धनराशि पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन आदि स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्यमियों को ऋण लेने में समस्या न आए इसके लिए बैंकों से लगातार समन्वय किया जा रहा है। ताकि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें। पर्यटन के क्षेत्र में दस हजार मोटर बाइक की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक का ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी विरासत हैं। इनके माध्यम से स्वरोजगार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, दूरसंचार, बिजली, पानी,आदि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। जल्द ही हिमालयन मीट (बकरे का मीट) की ब्रांडिंग करने वाले हैं। प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैम्पा के माध्यम से आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने आदि कामों में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था की गई है। स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है। कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट, व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।

युवा अवस्था में जोखिम लेने का जज्बा भी होता है और समय भीः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस के अवसर पर ‘‘आत्मनिर्भरता से अंत्योदय तक’’ वर्चुअल युवा संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं में जो उत्साह एवं जोश होता है, सही दिशा मिलने पर युवा सब कुछ कर सकता है। युवा अवस्था में जोखिम लेने का जज्बा भी होता है और समय भी। किसी भी कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए वैचारिक दृढ़ता का होना जरूरी है। हमें किस दिशा में आगे बढ़ना है, इसके लिए सोच स्पष्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण में युवाओं एवं महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने के लिए अपार संभावनाएं हैं। प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है, पर्वत श्रृंखलाएं, पर्याप्त जल, जंगल, जैव विविधता जैसी प्राकृतिक चीजें हमें वरदान स्वरूप मिली हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वरोजगार के लिए भी पर्याप्त अवसर हैं। एडवेंचर टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट एवं पर्यटन के क्षेत्र में अनेक गतिविधियां की जा सकती है। युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग सभी प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है। हमें आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में आगे बढ़ना होगा। जब राज्य आत्मनिर्भर होंगे तो देश स्वतः ही आत्म निर्भर हो जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में ग्रोथ सेंटर की शुरुआत की है, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना के तहत बस खरीदने के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। इन बसों का रोडवेज से अनुबंध करने की व्यवस्था भी की गई है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में पर्यटन के तहत हम 10 हजार मोटर बाईक देंगे। इसमें दो साल का ब्याज राज्य सरकार देगी। 25-25 किलोवाट के 10 हजार छोटे सोलर पावर प्रोजेक्ट की योजना मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लाई गई है। इसके तहत 25 प्रतिशत सब्सिडी और बिजली की खरीद की गारंटी है। पिरूल से बिजली उत्पादन का कार्य शुरू किया गया है। सोलर फार्मिंग की शुरूआत की गई है जिसमें 208 मेगावाट के कार्यों की शुरूआत हुई है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कृषकों को 03 लाख तक का एवं स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। उड़ान योजना के तहत हेली सेवाओं को विस्तार दिया गया है। ऑलवेदर रोड पर तेजी से कार्य चल रहा है। हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना होगा। उसकी ब्रान्डिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग करनी होगी। उत्तराखण्ड के लोकल उत्पादों को हिमालयी ब्रान्ड बनाने की दिशा में कार्य करने होंगे।

राज्य के विश्व विद्यालयों में लागू होगा अंब्रेला एक्ट, विस में हुआ पास

विधानसभा में उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 को ध्वनिमत से पास किया गया। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार जताया। साथ ही विस सदस्यों को भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि 1973 के बाद प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एक समान एक्ट लागू होगा। अभी तक सभी विश्वविद्यालय अपने अलग-अलग अधिनियमों से संचालित हो रहे हैं।

इस कारण विश्वविद्यालयों के संचालन में प्रशासनिक एवं शैक्षणिक व्यवस्था करने में एकरूपता नहीं आ रही थी। लिहाजा अंब्रेला एक्ट आने से अब राज्य के समस्त राज्य पोषित विश्वविद्यालयों में एक समान स्वायत्त एवं उत्तरदायी प्रशासन की स्थापना हो सकेगी।

राज्यमंत्री ने बताया कि अंब्रेला एक्ट के तहत विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति में नई व्यवस्था की गई है। अब कुलपति तीन वर्ष की अवधि या 70 वर्ष की आयु तक पद पर नियुक्ति पा सकेंगे। नए नियमों के तहत कुलपति को अधिकतम एक वर्ष का सेवा विस्तार दिया जा सकेगा।

इसके अलावा कुलपति चयन समिति में पांच सदस्य होंगे, पहले तीन सदस्यों का प्रावधन था। कुलसचिव की नियक्ति की प्रक्रिया एवं सेवा शर्तों में भी कुछ बदलाव किया गया है। यूजीसी मानकों के तहत 50 फीसदी पद विभागीय पदोन्नति से जबकि 50 फीसदी सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।

युवाओं को कर्मवीर बनकर अपनी क्षमताओं को पहचानना होगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थानों में जलागम प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित ग्राम्या-2 परियोजना अन्तर्गत स्थापित एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण किया। उन्होंने ग्रोथ सेंटर में बनाये जा रहे उत्पादों का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के कैटलॉग का विमोचन किया एवं स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक भी वितरित किये। स्थानीय किसानों और युवाओं को विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन केन्द्र के रूप में थानों में कृषि पर आधारित ‘‘ ग्राम्यनिधि’’ ग्रोथ सेंटर बनाया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत पर एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाये जा सकते हैं। थानों में बनाये गये ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक कार्य हो सकते हैं। इससे युवा दूसरों को भी अपने साथ रोजगार दे सकते हैं। युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने एवं चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हमें स्थानीय स्तर पर हर प्रकार के उत्पाद तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि थानों एवं कोटाबाग में ग्राम लाईट की जो शुरूआत हुई है। इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आने वाले त्योहारों में हम सभी स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें। कुछ अच्छे डिजायनरों द्वारा विभिन्न उपकरणों के बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी।

जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर की सबसे अच्छी विशेषता है कि इसे स्थानीय किसानों का संगठन ‘मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ संचालित करेगा। जिसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। यह खुशी की बात है कि ‘ मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ कृषक संघ द्वारा एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। इस ग्रोथ सेंटर के बनने से आस-पास के किसानों को भी फायदा मिलेगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।

कुपोषित बच्चों को गोद लेने का अभियान सफल दिशा में जा रहाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुपोषण मुक्त उत्तराखण्ड के लिए शुरू किये गये गोद अभियान में कुपोषण मुक्त बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित किया। कहा कि प्रधानमंत्री ने कुपोषण मुक्त भारत का जो अभियान चलाया है। इस दिशा में स्वयं सेवी संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बच्चों को गोद लेकर उनको कुपोषण मुक्त करने की दिशा में अच्छा कार्य किया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक वर्ष पूर्व अति कुपोषित बच्चों को गोद लेने का जो अभियान शुरू किया गया था, इसके अच्छे परिणाम रहे। बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने में माँ की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चों की नियमित एवं संतुलित खान-पान से कुपोषित बच्चे जल्द सामान्य श्रेणी में आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी बच्चे के कुपोषित होने पर उसका नुकसान न केवल बच्चे के माता-पिता पर पड़ता है, बल्कि पूरे समाज को इसका नुकसान होता है। कुपोषण मुक्त भारत बनाने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे।

सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास सौजन्या ने कहा कि कुपोषण मुक्त उत्तराखण्ड के लिए शुरू किये गये गोद अभियान को आगे भी जारी रखा जायेगा। पिछले वर्ष जब यह अभियान शुरू हुआ था, तब राज्य में 1700 अति कुपोषित एवं 12 हजार कुपोषित बच्चे थे। इस अभियान के तहत 9 हजार 177 बच्चों को गोद लिया गया। जिसमें से 2349 बच्चों के ग्रेड में सुधार हुआ है। बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से टेक होम राशन का घरों में वितरण किया जा रहा है। सरकार द्वारा अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों को प्रति सप्ताह दो-दो दिन अण्डा, केला एवं दूध दिया गया, इससे भी बच्चों को कुपोषण से सामान्य श्रेणी में लाने में मदद मिली।

शिक्षामंत्री ने निर्देश देकर स्कूलों को बंद ही रखने को कहा

21 सिंतबर से उत्तराखंड में स्कूल न खोलने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस मामले में निर्देश दिए हैं। बता दें कि 21 सिंतबर से 50 प्रतिशत स्टाफ स्कूल आने और कंटेनमेंट जोन से बाहर के स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों को स्कूल आने की इजाजत दी गई थीं। मगर, इस संबंध में अभिभावकों की लिखित अनुमति अनिवार्य रखी गई थी। मगर, राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को भांपते हुए प्रदेश में स्कूल बंद ही रखने का ऐलान किया है।

विदित है कि प्रदेश में पाॅजीटिव मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। वर्तमान में 33 हजार के पार इसके मरीज हो गए है। वहीं, एक्टिव केस 10374 के करीब है।