मुख्यमंत्री घस्यारी योजना से महिलाओं के आर्थिक व सामाजिक स्तर पर होगा सुधार

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने द्वाराहाट में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 18 मार्च को राज्य सरकार के कार्यकाल के चार साल पूरे हो जायेंगे। इस अवधि में राज्य सरकार द्वारा सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन के क्षेत्र में अनेक प्रयास किये हैं। महिलाओं के कल्याण हेतु मुख्यमंत्री घस्यारी योजना लाई जा रही है। जिसमें महिलाओं को अब जंगल से सिर पर गठरी लाने से छुटकारा मिल जायेगा।

उन्होंने कहा कि इस योजना से महिलाओं के आर्थिक व सामजिक स्तर में सुधार आयेगा। राज्य सरकार द्वारा महिलाओ को पैतृक सम्पत्ति में सह खातेदारी दी गयी है जिससे आने वाले समय में व्यापक परिवर्तन देखने को मिलेगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार द्वारा 2200 से अधिक डाक्टर की तैनाती के साथ 765 डाक्टर व 2500 नर्सों की भर्ती की प्रक्रिया गतिमान है। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चैखुटिया हवाई पट्टी व तड़ागताल झील आने वाले समय में पर्यटको के लिये आर्कषण का केन्द्र बनेगी साथ ही स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के नये अवसर पैदा करेगी जिससे आस-पास के क्षेत्र का विकास होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व के दिन पूरे प्रदेश में सभी लोगों द्वारा एक पौधा अवश्य लगाया जायेगा। उन्होंने कहा कि साल भर में होने वाले पौध रोपण को इस वर्ष हरेला के दिन एक साथ पूरे प्रदेश में वृहद रूप से पौध रोपण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यहां की ऐपण कला अब घर तक नहीं रह जायेगी इस कला को देश-विदेश तक पहचान दिलाने के लिये हम प्रयासरत है। इसी वर्ष में ऐपण व हस्तशिल्प का कार्य करने वाले लोगों के लिये 05 करोड़ रूपये का बजट प्राविधानित किया जायेगा जिससे ऐसी कलाओं को संरक्षित किया जा सके। ऐपण से बनने वाले चीजों के विपणन के लिये देहरादून में विश्वस्तरीय सेन्ट्रर ऑफ एक्सलेंस इम्पोरियम बनाया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में अनेक अभिनव प्रयास किये जा रहे है 500 विद्यालयों को वर्चुअल क्लासों से जोड़ दिया गया है 600 विद्यालयों में यह प्रक्रिया गतिमान है, जिससे आने वाले समय में कुछ अच्छे सुधार देखने को मिलेंगे।

प्राइमरी स्तर के कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को क्लब किया जा रहा है। क्लब करने के बाद प्रत्येक स्कूल में कम से कम पांच-पांच शिक्षक तैनात किए जाएंगे और इन स्कूलों में स्कूल वैन के जरिए छात्र छात्राओं को घर से लाने और ले जाने की व्यवस्था की जायेगी।

द्वाराहाट विधायक महेश नेगी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में की गयी 90 प्रतिशत से अधिक घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। उन्होंने इस बात के लिये क्षेत्रीय जनता की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया। विधायक ने कहा कि क्षेत्र में कई विकास के कार्य किये जा रहे है जो शीध्र ही पूर्ण हो जायेगें। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 01 हजार करोड़ के विकास कार्य हो चुके है। उनका प्रयास है कि अब प्रत्येक तोक तक सड़क पहुॅचायी जाय।

इस अवसर पर चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष गोविन्द सिंह पिल्खवाल, राज्य महिला आयोग उपाध्यक्ष ज्योति साह मिश्रा, भाजपा जिला अध्यक्ष रवि रौतेला, कुमांयू कमिश्नर अरविन्द सिंह ह्यांकी, आईजी अजय रौतेला, अपर सचिव मुख्यमंत्री व महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट आदि उपस्थित थे।

कुमाऊ मंडल के तीन जनपदों की सीएम घोषणाओं की हुई समीक्षा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं चंपावत जिलों की मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा की। बैठक में विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, चन्दन राम दास, कैलाश चन्द्र गहतौड़ी, वर्चुअल माध्यम से विधायक चन्द्रा पंत, विशन सिंह चुफाल उपस्थित थे। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम घोषणाओं को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाय। स्थानीय स्तर पर समस्या के त्वरित समाधान के लिए संबंधित विधायकगणों से समन्वय स्थापित किये जाए। हर माह मुख्यमंत्री सीएम घोषणाओं की समीक्षा करेंगे। कार्यों में तेजी लाने के लिए जिलाधिकारियों को 15 दिनों में घोषणाओं की कार्य प्रगति की समीक्षा करने के निर्देश दिये गये हैं। सीएम घोषणा पोर्टल पर भी सभी घोषणाओं को अपडेट रखने के निर्देश दिये गये।

जनपद पिथौरागढ़ में मुख्यमंत्री की 152 घोषणाओं में से 98 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। शेष पर कार्य प्रगति पर है। जनपद बागेश्वर में 58 घोषणाओं में से 36 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि शेष पर कार्य चल रहा है। चम्पावत जनपद में 88 घोषणाओं में से 53 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, अवशेष पर कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि घोषणाओं को समय पर पूर्ण करने के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाय। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों पर पेयजल, आवागमन एवं अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाय। शौचालयों के निर्माण के साथ ही उनके मेंटिनेंस की व्यवस्था भी की जाए। जल के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए। पेयजल, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं वाले कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।

पिथौरागढ़ः पिथौरागढ़ जनपद में मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत मुख्यतः बरम-कनार मोटर मार्ग, सिमल से नाग मोटर मार्ग, डुंगातोली से चुनरगांव मोटर मार्ग, बनकोट से भटृटीगांव मोटर मार्ग के नव निर्माण कार्यों, अनेक मोटरमार्गों के डामरीकरण सुधारीकरण एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। डिगरा मुवानी कलौन गाड एवं गुंजी पेयजल योजना की स्वीकृति दी जा चुकी है। ऑवला घाट से पिथौरागढ़ पेयजल योजना पूर्ण की जा चुकी हैं। डीडीहाट पेयजल योजना एवं मुनस्यारी नगर पेयजल योजना का कार्य पूर्ण हो चुका है। पिथौरागढ़ को पर्यटक शहर के रूप में विकसित करने के लिए 85.80 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की गई। पिथौरागढ़ में पार्किंग के निर्माण, मदकोट एवं सेरा स्थित गर्म पानी के स्रोतों के विकास, मुनस्यारी को पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने, होम स्टे को बढ़ावा देने एवं हाई टैक शौचालय निर्माण की घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। थरकोट झील के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। ऐलागाड, तवाघाट एवं धारचुला में तटबंध निर्माण हेतु प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां दी जा चुकी हैं। पिथौरागढ़ जिला अस्पताल में टेलीरेडियोलॉजी की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं।

बागेश्वरः बागेश्वर जनपद में सीएम घोषणाओं के तहत मुख्यतः पिण्डारी ग्लेशियर ट्रेकिंग रूट के दवाली में 60 मी. स्पान झूला पुल एवं सोराग से सुन्दर ढ़ुंगा तक नये ट्रेकिंग रूट की घोषणा पूर्ण हो चुकी है। बिलौना, कालापैरकापडी, म्यून्डा लिफ्ट सिंचाई योजना, विभिन्न सड़क मार्गों का नव निर्माण एवं डामरीकरण एवं पेयजल योजनाओं से संबंधित घोषणाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। बागनाथ मंदिर में धर्मशाला एवं बैजनाथ मंदिर गरूड़ में संग्रहालय निर्माण की घोषणा पूर्ण हो चुकी है।

चम्पावतः चम्पावत जनपद में मुख्यमंत्री घोषणाओं के तहत मुख्यतः जनपद मुख्यालय के सौन्दर्यीकरण, चम्पावत एवं टनकपुर में आधुनिक शौचालयों के निर्माण , जनपद में विभिन्न पार्कों के सौन्दर्यीकरण, वाणासुर एवं चम्पावत में ट्रेक रूट के विकास, चम्पावत में पार्किंग व बस अड्डा के निर्माण एवं विभिन्न सड़को के नव निर्माण एवं डामरीकरण के कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. के. सुधांशु, अमित नेगी, दिलीप जावलकर, हरबंस सिंह चुघ, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, कुमाऊं कमिश्नर अरविन्द सिंह ह्यांकी, शासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं सबंधित विभागों के निदेशक उपस्थित थे।

सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने को डबल लेन से जुडे़ंगे विकासखंडः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में विकास खण्ड स्तर तक बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास एवं सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये विकास खण्ड मुख्यालयों को डबल लेन सड़क से जोड़ा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास खण्ड मुख्यालयों को जोड़ने वाली अधिकांश सड़कें कम चैड़ी होने के कारण यातायात की सुगमता के लिये कम आबादी वाले विकास खण्डों को जोड़ने वाली सड़कों को डेढ़ लेन तथा अधिक आबादी वाले विकास खण्डों को डबल लेन सड़क से जोड़ा जायेगा। डबल लेन सडक से इन क्षेत्रों में अवागमन और अधिक सुरक्षित तथा सुविधापूर्ण हो सकेगा। यातायात नियंत्रण एवं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में भी इससे मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास खण्डों को जोड़ने वाली सड़कों के चैड़ीकरण से राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक आवागमन सुरक्षित होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी गांवों को सडक से जोड़ने का लक्ष्य भी पूर्ण होने वाला है। इससे विकास खण्डों तक ग्रामीण क्षेत्र वासियों को आवगमन में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सडकों का सुदृढ़ीकरण क्षेत्रीय विकास की राह भी प्रशस्त करती है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश की राजधानी से राज्य को जोड़ने वाली सड़कों के और अधिक सुदृढ़ीकरण एवं चारधाम तथा भारतमाला सड़क परियोजनाओं से राज्य के सभी लोग बेहतर सड़कों से जुड़ जायेंगे। कर्णप्रयाग तक रेल पहुंचने से राज्य वासियों को तो सुविधा होगी ही, चार धाम यात्रा को भी नये आयाम प्राप्त होंगे।

सीएम ने किया पुरकुल गांव में राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुरकुल गांव में भारतीय सेना के जज्बे, शौर्य और बलिदान के प्रतीक राज्य स्तरीय सैन्य धाम का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओं, आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने उपनल के मुख्यालय का शिलान्यास भी किया। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस को ‘‘पराक्रम दिवस’’ के रूप में मनाये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पंचम धाम के रूप में आज सैन्यधाम का शिलान्यास किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब सैन्यधाम को पंचम धाम की संज्ञा दी गई उसके बाद इस दिशा में तेजी से प्रयास किये गये। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि यह सैन्यधाम जीवंत और जागृत हो। यहां कोई भी आये तो उसको इसकी वास्तविकता की पूर्ण अनुभूति हो। जो लोग यहां आयेंगे इस सैन्यधाम की मिट्टी पर पैर रखें तो उन्हें इससे प्रेरणा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं चाहता हूं कि भविष्य में उत्तराखण्ड में सरकार का शपथ ग्रहण इस शहीद स्थल (सैन्यधाम) में हो। प्रदेश की राजधानी में अन्य देशों एवं अन्य राज्यों से कोई देहरादून आते हैं तो सैन्यधाम में जरूर आयें। उन्होंने कहा कि राज्य के शहीदों के गांवों की मिट्टी और शिला इस सैन्यधाम में आनी चाहिए। राज्य की प्रमुख नदियों एवं प्रमुख धार्मिक स्थलों की मिट्टी सैन्यधाम में आये। गढ़वाल राइफल, कुमायूं रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट में दुश्मनों के दांत खट्टे करने की ताकत एवं पहचान हैं। हमारे सैनिकों की प्रेरणा देशवासियों को प्रेरित करती रहे यह परिकल्पना सैन्यधाम के पीछे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि और वीरभूमि है। जब भी देश को जरूरत पड़ी हमारे जवानों ने देश की सेवा के लिए अपना सब कुछ अर्पित कर दिया और पूरी बहादुरी का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि हमारे शहीद सैनिकों के घरों में यदि उनकी कोई निशानी हो तो उनके संरक्षण के लिए सैन्यधाम में एक संग्रहालय बनाया जायेगा। लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां यहां पर होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग सेना में जाना चाहते हैं, उनके लिए यहां पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। यहां पर एडवेंचर एवं उससे संबंधित गतिविधियां कर सकते हैं। देहरादून में इस भव्य सैन्यधाम को बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किये जायेंगे। विशेषज्ञ समिति इन सभी सुझावों को देखेगी, जो सुझाव सही लगेंगे। अपर मुख्य सचिव सैनिक कल्याण को सभी लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं।
विधायक गणेज जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने सैनिकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। सैनिकों और पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए शासन स्तर अपर मुख्य सचिव और जिला स्तर अपर जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी तैनात किया है। सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिकों व अर्ध सैनिकों के एक परिजन को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी में समायोजित करने की व्यवस्था की है। सचिवालय में प्रवेश के लिए सैनिकों और पूर्व सैनिकों को अलग से प्रवेश पत्र बनवाने की आवश्यकता नहीं है। वे अपने आईकार्ड से ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं। वीरता पदक प्राप्तकर्ता सैनिकों एवं उनकी विधवाओं को दी जाने वाली वार्षिकी राशि 30 वर्ष के स्थान पर अब आजीवन दिये जाने की व्यवस्था की गई है। पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार की सेवाओं में समूह ‘ग’ की रिक्तियों में 5 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण अनुमन्य किया गया हैं।

साइंस सिटी देहरादून की स्थापना को होगा समिति का गठन, मिली स्वीकृति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कार्यरत 309 होमगार्डस को 25-04-2017 से 02-07-2018 तक के अवशेष ड्यूटी भत्ते के एरियर भुगतान हेतु प्रथम किस्त के रूप में रू0 1 करोड़ 24 लाख 38 हजार 6 सौ रूपये की धनराशि स्वीकृति की है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आश्रम पद्धति विद्यालयों की भांति जनजाति कल्याण के संस्थानों व विद्यालयों में भी भोजन भत्ता 4500 रूपये किये जाने की दी स्वीकृति।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने समाज कल्याण एवं जनजाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति की अन्य संस्थाओं जिसमें औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रावासों, एकलव्य आवासीय विद्यालयों, राजकीय वृद्ध अशक्त गृह, राजकीय मिक्षुक गृह में भी अब आश्रम पद्धति विद्यालयों की भांति भोजन भत्ते की दर 3000 के स्थान पर 4500 रूपये किये जाने की स्वीकृति प्रदान की हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदान की ऊधमसिंहनगर के लालकोठी शारदा घाट मंदिर व भारामल मंदिर के सौन्दर्यीकरण हेतु रू0 49.72 लाख की धनराशि।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद ऊधमसिंहनगर के लालकोठी शारदा घाट मंदिर एवं भारामल मंदिर के सौन्दर्यीकरण हेतु रू0 49.72 लाख की धनराशि प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने साइंस सिटी देहरादून की स्थापना से सम्बन्धित कार्यों में तेजी लाये जाने के लिये तीन समितियों के गठन को मंजूरी प्रदान की है। गठित की जाने वाली समितियों में प्रबंध निकाय समिति, कार्यकारिणी समिति तथा प्रकल्प अनुश्रवण समिति शामिल हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजकीय इण्टर कॉलेज मिसराश पट्टी सहसपुर, देहरादून के भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता श्री रमेश प्रसाद बडोनी को 01 अगस्त, 2021 से 31 दिसम्बर, 2021 तक यूनाइटेड स्टेट-इण्डिया एजुकेशन फाउण्डेशन के तहत USIEF( FULBRIGHT DAI) प्रशिक्षण में प्रतिभाग हेतु निर्धारित आयुसीमा में एक वर्ष का शिथिलीकरण प्रदान करते हुए प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने हेतु यूनाइटेड स्टेट, अमेरिका में जाने की अनुमति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जे0एल0एन0 जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर ऊधमसिंहनगर में मरीज के उपचार में हुई लापरवाही पर अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ0 मनोज कुमार तिवारी को कठोरतम चेतावनी निर्गत करने की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने अपने जन्म दिवस के कार्यक्रम में वर्चुअली किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जन्म दिवस पर देहरादून के बालावाला में आयोजित कार्यकम में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव के नियमों का अनुपालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरा स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है। आप भी अपना ध्यान रखें। बता दें कि गत दिवस मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत जी कोरोना पाजिटिव आ गए थे और अब होम आइसोलेशन में हैं। आवास से ही उन्होंने अपने शुभचिंतकों को संबोधित किया।
अपने वर्चुअल संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव में हमने जो वादे किए थे हम उन पर खरे उतरे हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार मिटाने का जो हमने संकल्प लिया था उस पर पूरी ताकत के साथ काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। प्रदेश में महिलाओं की आर्थिकी मजबूत करने के लिए उन्हें स्वरोजगार की दिशा में अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रदेश में कई ग्रोथ सेंटरों में महिलाएं बहुत अच्छा काम कर रही हैं। ग्रोथ सेंटर में बेहतर कार्य करने वाली लोहाघाट की महिलाओं का सीएम ने उदाहरण दिया तो पहाड़ी रसोई के जरिए पचास लोगों को रोजगार देने वाली पूजा तोमर की भी बात कही। वहीं प्रदेश की उर्गम घाटी में संचालित महिला समूह का भी मुख्यमंत्री ने जिक्र किया। कहा कि लीसा और प्लास्टिक के बेहतर उपयोग पर भी काम हो रहा है। सरकार का लक्ष्य शहर से लेकर दूरस्थ गांवों का भी विकास करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मां बहनों का आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना जरूरी है। सरकार ने स्वामित्व योजना के जरिए महिलाओें को पति की सम्पत्ति में सहभागी बनाया है। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसोई गैस कनेक्शन देकर महिलाओं के सिर से लकड़ी की गठरी हटा दी है। हमने प्रदेश में महिलाओं की सिर से घास की गठरी हटाने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं। स्वरोजगार अपनाकर महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी। तो घास इकट्ठा करने के सभी जोखिम खत्म हो जायेगे। कहा कि राज्य में 40 फीसद बजट स्वरोजगार के क्षेत्र में खर्च किया जा रहा है।
कोरोना से बचाव का संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से करें। अगर किसी को लक्षण महसूस होते हैं तो डाक्टर का परामर्श लें। और नियमों का पालन करें। तभी जाकर हम कोरोना को हरा पायेंगे।

कृषि सुधार कानून को लेकर किसानों को बरगलाना उचित नहींः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों के हित में लाए गए कानून है। कृषि विज्ञानी स्वामीनाथन कमीटी की रिपोर्ट पर कार्यवाही किये जाने की लम्बे समय से मांग की जा रही थी, उसी रिपोर्ट के आधार पर यह कानून बनाये गये हैं जो किसानों के व्यापक हित में हैं। इसमें किसानों के लिए अनेक विकल्प रखे गये हैं, पहले केवल मण्डी ही खरीदारी करती थी, आज उसके लिए ओपन मार्केट की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि इस मामले में किसानों को बरगलाना उचित नहीं है। देश में खाद्यान्न के क्षेत्र में स्वावलम्बन एवं हरित क्रांति लाने के लिए कृषि क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा अवसंरचना निर्माण हेतु एक लाख करोड़ रूपये की कोष की स्थापना की गई है तथा किसाने की आर्थिक बेहतरी के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना लागु की गई है जिसमें 6000 रूपये प्रतिवर्ष किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। एमएसपी पर खरीद को लगातार सुढ़ढ किया गया है। इससे किसानों को खेती, बीज व पानी की आधुनिक तौर तरीके की सुविधा उपलब्ध हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दुगुनी करने का जो भारत सरकार का लक्ष्य रखा गया है उसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। किसानों को मण्डी के साथ ही कहीं भी उत्पादों को बेचने की आजादी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में औद्यानिक फसले ज्यादा है। प्रदेश में उधम सिंह नगर की कुछ घटनाओं को छोड़कर किसानों द्वारा कही भी प्रर्दशन नही किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से उनके द्वारा वार्ता कर उनकी समस्या का समाधान किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एमएसपी समाप्त करने के सम्बन्ध में किसानों में भ्रम फैलाने का प्रयास हो रहा है जबकि एमएसपी कही भी समाप्त नही की जा रही है। किसानों का एमएसपी पर धान क्रय किया गया है तथा एमएसपी पर क्रय की व्यवस्था जारी है, इसके बावजुद भी किसानों को भ्रमित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। किसानों के वास्तवित हित के लिए केन्द्र हो या राज्य सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकारी गन्ना मिलों द्वारा गन्ना किसानों को सौ प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। धान मूल्य का भुगतान ऑनलाईन 24 घण्टे के अन्दर ही बिल प्राप्त होते ही आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में जमा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि नये पैराई सत्र से पहले गन्ना किसानो को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की इकबालपुर शुगर मिल जो बन्द हो गई थी जिससे 22,500 किसान जुड़े थे, राज्य सरकार ने इस मिल को 36 करोड़ की गारन्टी देकर खुलवाया है ताकि किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान हो सके। राज्य में खाद्य की सब्सिडी दो साल पहले से ही दी जा रही है। किसानों को 03 लाख तक का ऋण एवं किसानों समुहों को 05 लाख तक का ऋण बिना ब्याज का दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य में लौटे प्रवासियों में से 30 प्रतिशत ने खेती में रूचि दिखाई है। इससे वर्षों से ऐेसे खेतों में खेती शुरू हुई है जो बंजर पड़े थे। ऐसे लोगों के लिए स्वरोजगार के लिए अनेक योजनाये चलाई गई है। इसके लिए जिला योजना में भी 40 प्रतिशत धनराशि जिसका योग 250 करोड़ होता है, प्राविधानित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना बीमारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन को लेकर राज्य में जिला एवं ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस संवेदनशील कार्य के लिए कूल चैन की जरूरत है उसके लिए आवश्यक उपकरण जनवरी तक राज्य को उपलब्ध हो जायेंगे। कूल चैन स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है इसके लिए अनुभवी टीम हमारे पास है। वैक्सीन आते ही इसको लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जायेगा।

एक्शन में मुख्यमंत्री, ई-गवर्नेंस को लेकर अब होगी कार्रवाई

उत्तराखंड सरकार ने 2017 के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ सुशासन को अपने शीर्ष एजेंडे में रखा है। इसके लिए सरकारी कामकाज और सेवाओं को सुधारने को प्राथमिकता दी गई है। उत्तराखंड के जिलों में ई-गवर्नेंस का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जा चुका है। राज्य स्तर पर प्रारंभ की गई सुशासन की योजनाओं की अब मुख्यमंत्री खुद मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए सीएम डैश बोर्ड को ज्यादा दुरुस्त किया जा रहा है। यह पहली बार होगा कि डैश बोर्ड पर विभागों के कामकाज को लेकर जनता की शिकायतों और सुझावों को दोनों को शामिल किया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह विभागों में जन समस्याओं के समाधान को लेकर की जा रही कार्यवाही का सच मुख्यमंत्री के सामने रहे। इसमें पहली बार जवाबदेही भी तय की जा रही है।
इसी वजह से सीएम डैश बोर्ड और सीएम हेल्पलाइन को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस हेल्पलाइन में आम आदमी जन सेवाओं से जुड़े विभागों से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराता है। हेल्पलाइन में शिकायतों के निवारण के लिए समयबद्ध व्यवस्था की गई है। डैश बोर्ड से जुड़ने के बाद हेल्पलाइन में दर्ज होने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर विभागों के स्तर पर की जाने वाली तैयारी और सतत रणनीति भी सामने आएगी।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि सीएम डैश बोर्ड से जुड़े विभागों ने जन सुझावों पर अमल और शिकायतों का त्वरित निराकरण नहीं किया तो उनकी वार्षिक प्रविष्टियों में रेड एंट्री होगी। ऐसे में संबंधित अधिकारियों को जन शिकायतों में देरी या ढिलाई बरतने का दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डैश बोर्ड पर 50 फीसद से कम प्रगति वाले विभागों को डैश बोर्ड से स्वतः पत्र जारी किए जाएंगे।

स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज का जीवन प्रेरणादायीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राघव कुटीर भारत माता जनहित ट्रस्ट, हरिपुर कलां में निवृत्त जगद्गुरू शंकराचार्य पद्मभूषण ब्रह्मलीन पूज्य गुरूदेव स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज की दिव्य स्मृति में नवनिर्मित समाधि मन्दिर के शिलान्यास कार्यक्रम व श्री सद्गुरूदेव पुण्य स्मृति दर्शन सभागार के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। श्री सद्गुरूदेव पुण्य स्मृति दर्शन सभागार में स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के जीवन से सम्बन्धित दुर्लभ चित्रों, महान हस्तियों की प्रतिमायें, ग्रन्थों व पुस्तकों के संकलन को बड़े ही व्यवस्थित ढंग से प्रत्येक के लिये निर्धारित स्थानों में प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर पर सहकार्यवाह डॉ0 कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह, भारत माता मन्दिर एवं समन्वय ट्रस्ट के अध्यक्ष जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विशिष्ट जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज के जीवन से सम्बन्धित संकलित वस्तुओं का अवलोकन किया तथा उन्हें प्रेरणादायी बताया।
इस अवसर पर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने मुख्यमंत्री व उपस्थित विशिष्टजनों को अंगवस्त्रम् भेंटकर सम्मानित किया। आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में महाकुम्भ सम्पन्न होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि महाराज प्रेरणादायी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने भारत माता ट्रस्ट मन्दिर की स्थापना की। वह एक बहुत बड़े सन्त थे। उनको शंकराचार्य की उपाधि मिली और उन्होंने उसका परित्याग किया और जो धर्मदण्ड है, उसे उन्होंने मां गंगा को समर्पित किया। वे आध्यात्म व व्यवहार दोनों के समन्वयक थे। आज उनकी याद में स्मृति मन्दिर का शिलान्यास किया गया है, जो युगों-युगों तक हमारे आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगा।
इस अवसर पर आई0डी0 शास्त्री, सचिव समन्वय सेवा ट्रस्ट एवं भारत माता जनहित ट्रस्ट, भारत माता मन्दिर, महामण्डलेश्वर गोविन्द गिरि महाराज, स्वामी ललितानन्द, स्वामी रामदेव, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्वामी हरचेतनानन्द, सतपाल ब्रह्मचारी, लक्सर विधायक संजय गुप्ता, ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर, मेला अधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी सी0 रविशंकर आदि उपस्थित थे।

किसानों को समय से भुगतान हो सरकार कर रही प्रयासः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को शुगर कम्पनी लि. डोईवाला के पराई सत्र 2020-21 का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन सालों में सरकार का प्रयास रहा है कि किसानों को भुगतान समय पर एवं पारदर्शिता के साथ हो। धान का किसानों को ऑनलाइन पेमेंट किया और 24 घण्टे के अन्दर भी भुगतान किया। खाद का भी डीबीटी के माध्यम से भुगतान किया। दुग्ध उत्पादकों को भी ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। सरकार ने कोशिश की कि किसानों को उनका पैसा सीधे उनके खाते में मिले। कोविड के कारण लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस वर्ष राज्य सरकार ने ढ़ाई सौ करोड़ रूपये किसानों को अनुदान के रूप में दिया। गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान किया गया है। हरिद्वार जनपद में एक प्राइवेट शुगर मिल बंद पड़ी थी। राज्य सरकार ने अपनी गारंटी पर मिल को ऋण दिया। 22 हजार किसान इस मिल में कार्य कर रहे थे। आज उस शुगर मिल में किसानों का 80 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। राज्य सरकार ने किसानों के हित में हर सम्भव प्रयास किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डोईवाला के इस प्लांट का आधुनिकीकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने की आधुनिक किस्म को अपनाना जरूरी है। उत्पादकता बढ़ाने एवं मिलों को बचाये रखने के लिए आधुनिक प्रयोगों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र विकास के लिए एक-दूसरे पर निर्भर हैं। समग्र विकास के लिए दोनों का विकास जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को 3 लाख रूपये तक एवं स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिकी के विकास के लिए हर न्याय पंचायत पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं। 16400 किसान इस मिल से जुड़े हैं, यह अच्छी बात है कि इस बार मिल की रिकवरी अब तक की सबसे अच्छी रिकवरी रही।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि देश में गन्ना किसानों का शत प्रतिशत भुगतान करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। किसानों के प्रति राज्य सरकार कितनी गंभीर है, यह इस बात को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस मिल के आधुनिकीकरण से गन्ना किसानों को तो फायदा होगा ही, मिल से अनेक लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस अवसर अध्यक्ष गन्ना विकास समिति भगत राम कोठारी, भाजपा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुण्डीर, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष खेम पाल सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र सिंह पंवार, आशा कोठारी, सचिव गन्ना विकास चन्द्रेश यादव, डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह आदि उपस्थित थे।