धामी ने सरकार की उपलब्धियां बताई और स्वरोजगार कर रहे समूहों को चेक बांटे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रविवार को खटीमा के रामलीला मैदान में सहाकारिता समूह ऋण वितरण समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा 10 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न व्यवसाय हेतु 5-5 लाख तक तथा मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत लाभार्थियों को चैक प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री ने कहा स्वयं सहायता समूहों को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से 119 करोड़ का पैकेज राज्य सरकार द्वारा दिया गया है। स्वयं सहायता समूहो को 5 लाख तक ऋण बिना ब्याज के वितरित किये जा रहे हैं। समूहां के 6 महीने की ऋण प्रतिपूर्ति का ब्याज सरकार द्वारा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा की सरकार द्वारा समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही हैं। अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत प्रदेश में प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपए तक की चिकित्सा सुविधा सरकार द्वारा दी जा रही है। केन्द्र सरकार के सहयोग से कोरोना की निःशुल्क वैक्सीन लगाई जा रही है। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जायेगा इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। जनहित में पिछले 5 माह में 500 से अधिक फैसले लिए है, जिनका वित्तीय प्रबन्धन कर शासनादेश भी जारी कर दिये है। आशा, आंगनबाडी, उपनल, राज्य आंदोलनकारी, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, भोजन माताओं, पी.आर.डी. जवानों आदि की मांगो पर विचार कर इनका मानदेय बढाया गया। जिनकी मांगे छूट गई है, उनको भी शीघ्र पूरा किया जायेगा। कोरोन महामारी में जो बच्चे अनाथ हो चुके हैं, उन्हे वात्सल्य योजना के अन्तर्गत 3000 रूपये प्रतिमाह की राशि भरण-पोषण हेतु दी जा रही है। उनके लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। नवजात बच्चों और उनकी माताओं को जरूरी सामान की महालक्ष्मी किट दी जा रही है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक डा प्रेम सिंह राणा, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव अरोरा, सहकारी बैंक के अध्यक्ष दान सिंह, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी दलीप सिंह कुॅवर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, अपर जिलाधिकारी ललित नारायण मिश्र सहित अन्य लोग उपथित रहे।

स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करा रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को रूद्रपुर गांधी मैदान में राष्ट्रीय सरस मेला-2021 का शुभारम्भ किया। मेले में आये हुए 147 स्वयं सहायता समूहों का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 119 करोड का पैकेज राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत उन महिला समूहों के लिए दिया गया है जो कोई ने कोई हुनर रखती है। उन्होंने कहा जनपद ऊधमसिंह नगर के 15 क्लस्टर समूहों को 5 लाख रूपये प्रति क्लस्टर के रूप में 90 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठनों, क्लस्टरों से जुड़ी बहनों के हित के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल मे समूहों का कच्चा माल बेकार हुआ या उत्पादित सामान बिक नही पाया था, उनका ब्याज देने का काम भी किया है। विभिन्न समूहों की महिलाए अच्छी कारीगरी कर, विश्व स्तरीय उत्पाद बना रही हैं। स्वयं सहायता समूहों की बहने अन्य महिलाओं को समूह से जोड़ते हुए आजीविका से जोड़ती हैं तथा मेहनत व लगन से काम करती हैं। यह सराहनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना माहमारी के समय उद्योग-धन्धे, कामगारों के साथ ही सरकारों का राजस्व भी प्रभावित हुआ था, इसके बावजूद सरकार द्वारा समूहों का राहत पैकेज देने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में भी राहत पैकेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिकीय वृद्धि हेतु मेहनत से काम करने वाली बहनो के साथ सरकार खड़ी है। समूहों को 5 लाख रुपये तक का ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमत्री ने कहा कि कहा विभिन्न विभागों में रिक्त 12 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उन्होंने कहा कि कुल रिक्त 24000 पदों के भर जाने मात्र से बेरोजगारी दूर नही होगी, रोजगार एंव स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु विभिन रोजगारपरक योजनाएं चलाई जा रही हैं, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली योजना में सब्जिडी राशि 15 से बढाकर 25 लाख की है। उन्होंने कहा कि यदि कोई स्वरोजगार अपनाना चाहते हैं तो धनराशि की कोई कमी नहीं है। स्वरोज़गार एंव राज्य के आर्थिकीय संसाधनों में वृद्धि हेतु शीघ्रता से ऋण मुहैया कराने के निर्देश बैंकों को दिए गए है कि उन्होने कहा ऋण हेतु बैंक मे आने वाली परेशानियों को देखते हुए बैंको को निर्देश दिये है स्थानीय स्तर पर कैंप लगाकर 15 दिसम्बर तक सभी आवेदनों की स्कू्रटनी कर बैंक ऋण उपलब्ध कराये। रोजगार मेलों के माध्यम से एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं देते हुए शीघ्रता से लोन स्वीकृत करने का कार्य किया जा रहा है। स्वरोजगार के इच्छुक व्यक्तियों को विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं में ऋण स्वीकृति हेतु 4 माह में 4 बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं तथा बैंकों के लिए 15 दिसम्बर की डेड लाइन निर्धारित की है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होने लोकल फॉर वॉकल का मंत्र दिया है जिसके अन्तर्गत प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिले, उनके उत्पादों को बाजार मिले। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखण्ड की विशेष चिंता रहती है, उत्तराखण्ड एकमात्र ऐसा प्रदेश है जिसमें दो एम्स है ताकि लोगो एम्स की तरह सारी चिकित्सा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से टनकपुर से बागेश्वर रेल लाईन की मंजूरी मिल गई है साथ ही तराई-भावर की लाइफलाइन जमरानी बांध परियोजना की भी मंजूरी मिल चुकी है। महामारी में जो बच्चे अनाथ हो गए है उन्हे वात्सल्य योजना के अन्तर्गत 3000 रू प्रतिमाह भरण-पोषण हेतु भत्ता तथा शिक्षा का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। नवजात बच्चों की माताओं को जरूरी सामान की महालक्ष्मी किट दी जा रही है। स्वास्थ के क्षेत्र मे आयुष्मान भारत योजना जिन गरीबों के पास संसाधन नही है उनकी बीमारी में 05 लाख तक स्वास्थ खर्च सरकार द्वारा किया जायेगा। उन्होने बताया हमारी सरकार ने गन्ने की अगेती प्रजाति का मूल्य 355 रू प्रति कुन्तल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य 345 रू प्रति कुन्तल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ग, हर क्षेत्र के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। हमारी सरकार ने 500 से अधिक फैसले लिए है, जिनका शासनादेश भी जारी हो चुका है। उन्होने कहा वर्ष 2025 तक जब हम उत्तराखण्ड की रजत जयंती मना रहे होंगे उस वक्त उत्तराखण्ड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा, ये हमारा लक्ष्य है इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का निरीक्षण भी किया।
महिलाओं के शसक्तिकरण तथा स्वयं सहायता समूहो द्वारा उत्पादित उत्पाद को बाजार देने के उद्देश्य से ग्राम्य विकास विभाग द्वारा रूद्रपुर गांधी मैदान मे 1 दिसम्बर से 10 दिसम्बर तक 10 दिवसीय राष्ट्रीय सरस मेला-2021 का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर जनपद प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, अध्यक्ष वन विकास निगम सुरेश परिहार, सचिव अमित नेगी, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई को जरुरी बताया

सेतु फाउंडेशन द्वारा स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और अन्य ग्रामीण महिलाओं को सेनेटरी पैड का वितरण किया गया। इस मौके पर संस्था सचिव सरिता भट्ट ने उपस्थित महिलाओं को उन जरूरी दिनों में साफ सफाई रखने से संबंधित जानकारी दी।
संस्था की ओर से सभी प्रतिभागियों को बताया कि मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई का ध्यान नहीं रखने से गुप्तांगों में इंफेक्शन का खतरा रहता है। जो आगे चल कर गंभीर समस्या खड़ा कर सकता है। संस्था ने सेनेटरी पैड का इस्तेमाल करने पर जोर देते हुए उपयोग करने के बाद सुरक्षित स्थान पर डालने को जरुरी बताया। उन्होंने कहा कि यदि महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल करती हैं तो एक दिन में दो बार कपड़े को बदले और धोने के बाद धूप में ही अच्छी तरह से सुखाये। कार्यक्रम में सरिता पाल, रंजना, कविता रानी, गुंजन बिष्ट सहित 30 महिलाओं ने प्रतिभाग किया।

ऋषिकेशः होली पर्व के लिए सजा हर्बल रंगों का स्टाल

ग्राम सभा खदरी खड़क माफ के अंतर्गत चोपड़ा फार्म, प्रगति पुरम कॉलोनी, भागीरथी पुरम, विस्थापित काॅलोनी, लक्कड़ घाट की स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने हर्बल रंग तैयार कर स्टाल लगाए।

आज चोपड़ा फार्म, लक्कड़ घाट मेन चैक में युवा समाजिक कार्यकर्ता नवीन नेगी व अनिल रावत के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका नेतत्व क्षेत्र पंचायत सदस्य बीना चैहान जी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ष्लाॅकल इज वोकलष् रहा, महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया।

कार्यक्रम में महिलाओं के उत्साह वर्धन के लिए डोईवाला विकास खंड के ब्लाक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल जी मुख्य अतिथि रहे ,विशिष्ट अतिथि कुसुम जोशी, सीआरपी आशा नेगी, उन्होंने महिलाओं के अलग-अलग स्वयं सहायता समूह के स्टालों का उद्घाटन किया गया।

कार्यक्रम में नया सवेरा स्वयं सहायता समूह, दुर्गा शक्ति स्वयं सहायता समूह, साईं स्वयं सहायता समूह, लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह, मां ज्वालापा स्वयं सहायता समूहो की महिलाओं ने स्टाल लगाए। कार्यक्रम में हंबल रंगो से सजी स्टाल आकषिर्त का केंद्र बनी रही।ब्लाक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल जी ने कहा महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में कम नहीं समझना चाहिए,बस हुनर दिखाने की जरूरत है, बड़े हर्ष का विषय है कि हमारे विकासखंड डोईवाला में ऐसे कार्यक्रम महिलाओं द्वारा किए जा रहे हैं।

बीना चैहान ने कहा अगर महिलाएं इसी तरह कार्य करते रहेंगे तो उससे स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होते रहेंगे। वही समाज सेवी नवीन नेगी व अनिल रावत ने बताया महिलाएं स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास में लगी हुई है, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव करते रहेंगे। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की पहल अच्छी है काबिले तारीफ है, समाज को प्रेरणा देने वाली।

मौके पर उपस्थित लक्ष्मण चैहान शिवालिक भागीरथी पब्लिक स्कूल प्रबंधन, विनोद चैहान, नवीन नेगी, अनिल रावत, अनूप रावत, क्षेत्र पंचायत सदस्य बीना चैहान, वार्ड मेंबर लक्ष्मण राणा, सुषमा भट्ट, राजेन्द्र चैहान, ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल, मैत्री संस्था की कुसुम जोशी, सीआरपी आशा नेगी, कविता ध्यानी, आशीष राणा कोटी, आदि रहे।

महिलाओं घर पर ही अपनाएं स्वरोजगार, मिलेगी आर्थिक मददः जयेंद्र रमोला

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने ग्रामसभा छिद्दरवाला में ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाकर स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया।

कार्यशाला में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा की आज पूरे देश में कोरोना महामारी ने अपने पैर पसार रखे हैं साथ ही हमारे प्रदेश के नौजवान जो की दूसरे प्रदेशों में रोजगार के लिए गए थे उसमें से अधिकतर बीमारी और बेरोजगारी के चलते अपने प्रदेश के अंदर वापस लौट आए थे परंतु अब प्रदेश सरकार की रोजगार के प्रति संवेदनहीनता के कारण कि प्रदेश सरकार दूसरे प्रदेशों से लौटे हमारे प्रवासी भाइयों को रोजगार देने में व उनको प्रदेश में रोकने में असमर्थ रहे जिस कारण लगभग सभी लोग वापिस अन्य प्रदेशों को लौट गये परन्तु वहॉं भी रोजगार की स्तिथि अभी जस की तस है और आज बढ़ती महंगाई के दौर में घर चलाना बहुत ही मुश्किल है इसलिये घरेलू महिलाओं के घर पर ही स्वरोजगार जैसे हल्दी पैकिंग, धूप निर्मित व मशरूम उगाने जैसे उत्पादों के माध्यम से स्वयं की कमाई कर घर चलाने में मदद कर सकती है और हम ऐसे रोजगारों के लिये महिलाओं के समूह को हर सम्भव मदद करेंगे।

चन्दा कश्यप ने कहा कि आज के दौर में एक व्यक्ति की कमाई से घर चलना मुश्किल है और नौकरियाँ भी सीमित है साथ ही घरेलू महिलाओं को घर के काम भी जरूरी हैं अगर घर के कामों से बजे समय में घर पर ही या घर के आसपास ऐसे स्वरोजगार उपलब्ध हो जाये तो मध्यम वर्गीय व निम्न वर्गीय परिवारों को बहुत राहत मिल सकती है।

कार्यक्रम में अंशुल त्यागी, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य गोकुल रमोला, जितेन्द्र त्यागी, अंजली कश्यप, रीता देवी, रूबी देवी, सुदेव देवी, मीनाक्षी थापा, वर्षा थापा, पूजा देवी, शशी देवी, जय नेगी आदि मौजूद थे।

वोकल फॉर लोकल की थीम पर एक विंडो उपलब्ध कराई जाएः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी के 11 उद्यमियों को ‘परियोजना आवंटन पत्र‘ वितरित किए। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने एलईडी ग्राम लाईट योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ‘‘एनर्जी वॉरियर्स‘‘ के रूप में सम्मानित किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘ऊर्जा दक्ष ग्राम‘ के प्रधानों को भी प्रशस्ति पत्र वितरित कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी स्वयं सहायता समूहों को ऊर्जा संरक्षण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा अगला फोकस अपनी माँ-बहनों के सिर से घास-लकड़ी का बोझा उतारना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को भी इस दिशा में विचार कर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम में जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित ग्राम प्रधानों एवं स्वयं सहायता समूहों से इस सम्बन्ध में अपने सुझाव देने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एल.ई.डी. निर्माण में लगे सभी स्वयं सहायता समूहों के लिए 50-50 हजार के रिवॉल्विंग फण्ड की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से बात भी की। उन्होंने कहा कि इनका ‘दरांती से सॉल्डरिंग रोड के बीच का सफर‘ अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है। स्वरोजगार से जुड़कर महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ी है। उनके मन में विश्वास पैदा हुआ है कि वे उद्यम के क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर स्वरोजगार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ग्रोथ सेंटर्स की अपार सम्भावनाएं हैं। स्कूल ड्रेस, डॉक्टर्स-नर्स आदि के लिए ड्रेसिज तैयार करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड कैबिनेट ने अभी निर्णय लिया है कि जिलाधिकारी स्तर पर 05 लाख तक की खरीद में, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में अनेकों मंदिर हैं। मंदिरों के कपाट खुलने व बंद होने, व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में सजावटी कार्यों के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो अपने साथ क्षेत्र की स्मृति चिन्ह ले जाना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वयं सहायता समूहों से भी क्रिएटिव होकर राज्य से जुड़ी हुयी अलग-अलग थीम पर स्मृति चिन्ह बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स में फैंसी आईटम पर भी फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए स्पेशिफिक प्रशिक्षण भी कराया जा सकता है। इसके साथ ही, भ्रमण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा सकता है, ताकि स्वयं सहायता समूह कुछ नई चीजें सीख सकें। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि स्थानीय दुकानदारों से बातचीत कर स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने कार्यालयों, हैलीपैड, स्थानीय बाजारों में ‘वोकल फॉर लोकल‘ का प्रचार-प्रसार करते हुए, एक विंडो उपलब्ध करायी जानी चाहिए, ताकि इनके उत्पादों को बाजार मिल सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने ऊर्जा संरक्षण विषय पर सभी जनपदों में छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया। ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेश के चयनित विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन विजेता छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार पेंटिंग को वर्ष 2021 के कैलेंडर के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विमोचन किया गया। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने ‘‘ऊर्जा संरक्षण पुस्तिका‘‘ का विमोचन भी विमोचन किया।

विधायक गणेश जोशी ने कहा कि पहाड़ की आर्थिकी महिलाओं पर आधारित है। उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करने हेतु आगे आना चाहिए।

कुम्भ मेला क्षेत्र की सड़को का होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण के लिए 20.62 लाख रूपए की स्वीकृति दी है। आईडीटीआर झाझरा देहरादून में आटोमेटेड ड्राईविंग टेस्ट ट्रेक के निर्माण की यह प्रथम किस्त होगी। इस आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रेक की कुल लागत 51.56 लाख है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेला क्षेत्र के अन्तर्गत नगर निगम हरिद्वार की 08 सड़कांे के सीसी टाइल्स द्वारा नवीनीकरण किये जाने हेतु 103.94 लाख की धनराशि स्वीकृत की है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को जेम पोर्टल के माध्यम से क्रय किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस पोर्टल पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को ही अपलोड किया जायेगा, इसके लिये एक बार में रूपये 05 लाख तक के उत्पादों के क्रय की व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था से स्वयं सहायता समूहों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने तथा उनके विपणन की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित हो सकेगी।

वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत राज सहायता के रूप में 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 10 जनपदों में एक-एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को स्वरोजगार के लिये प्रेरित करने के लिये इस योजना को प्रभावी माध्यम बताया है।

पिरूल नीति से बिजली उत्पादन और वनाग्नि की समस्या का भी समाधानः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उरेडा द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वैकल्पिक ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाय। उरेडा द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनका विकासखण्ड मुख्यालय पर होर्डिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जाय। पिरूल से बिजली उत्पादन के लिए स्वयं सहायता समूह एवं एनजीओ को कैसे जोड़ा जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पर्वतीय जनपदों में दो-दो ब्लॉक ऐसे चिन्हित किये जाय, जहां पिरूल अधिक है। इन ब्लॉकों में मॉडल ब्लॉक के रूप में कार्य शुरू किये जाय। पिरूल से बिजली उत्पादन में रोजगार में बहुत संभावनाएं है। महिला स्वयं सहायता समूहों को और अधिक एक्टिव किया जाय। इसके लिए जनपद स्तर पर डीएफओ को नोडल अधिकारी बनाया जाय। पिरूल नीति से बिजली उत्पादन के साथ ही वनाग्नि की समस्या का समाधान भी होगा।

सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। सोलर में 272 मेगावाट के कार्य स्थापित हो चुके हैं, वर्ष 2019-20 में 283 विकासकर्ताओं को 203 मेगावाट सौर परियोजनाएं आवंटित की गई है। जिसका कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण हो जायेगा। लघु जल विद्युत के 202 मेगावाट के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, जबकि 1099 मेगावाट के कार्य प्रगति पर हैं। बायोमास एवं को-जनरेशन के क्षेत्र में 131 मेगावाट के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, 39 मेगावाट के कार्य प्रगति पर हैं। नगरीय कूड़े करकट से विद्युत उत्पादन के लिए वेस्ट टू इनर्जी नीति का गठन किया गया है। इसके लिए शहरी विकास विभाग द्वारा निविदा की प्रक्रिया गतिमान है। 203 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं प्रदेश के स्थायी निवासियों को आवंटित की गई थी, कोविड-19 की वजह से इन परियोजनाओं के स्थापित होने में और समय लगेगा।

निदेशक उरेडा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने कहा कि पिरूल नीति-2018 के अन्तर्गत ऊर्जा उत्पादन हेतु 1060 कि.वा. क्षमता की परियोजनाएं 36 विकासकर्ताओं को आवंटित की गई हैं। प्रदेश में वैकल्पिक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु ग्रीन सैस एक्ट पारित किया गया है। प्रदेश के सभी जनपदों में केन्द्र पोषित योजना के अन्तर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर 19,655 सोलर स्ट्रीट लाईटों की स्थापना का कार्य चल रहा है। यह कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण हो जायेगा। प्रदेश के सरकारी आवासीय विद्यालयों में निवासरत छात्रों को गर्म पानी की सुविधा हेतु कुल 50500 ली. प्रतिदिन क्षमता के सोलर वाटर हीटिंग संयंत्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक गांव को ‘‘ऊर्जा दक्ष ग्राम’’ के रूप में विकसित किये जाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य दिसम्बर 2020 तक पूर्ण हो जायेगा। एलईडी ग्राम योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रदेश की लगभग सभी 08 हजार ग्राम पंचायतों में स्ट्रीट लाईट लगाने की योजना तैयार की जा रही है। प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में विद्युत की खपत में कमी करने के लिए सैकी के माध्यम से चयनित फर्मों द्वारा 1.899 पैसा प्रति यूनिट की दर पर सोलर पावर प्लान्ट लगाये जाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है।

ग्रामीणों और किसानों को मिले ग्राम्य परियोजनाओं का लाभः मुख्यमंत्री

ग्राम्य उत्पादों की मार्केटिंग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। आजीविका में संचालित प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियमित तौर पर फील्ड विजिट करें। ग्रामीणों व किसानों को परियोजना का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। सचिवालय में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजीविका, ग्रामीण परिवारों को सक्षम बनाने के अपने उद्देश्य में सफल हो सकें, इसके लिए उन्हें बाजार अर्थव्यवस्था से जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। योजना की धरातल पर सफलता के लिए जरूरी है कि बड़े अधिकारी नियमित रूप से फील्ड भ्रमण करें। यात्रा मार्ग पर फूलों के क्लस्टर विकसित किए जाएं। प्रसाद योजना का केदारनाथ व बद्रीनाथ के साथ अन्य मंदिरों में विस्तार किया जाए। प्रसाद निर्माण की प्रक्रिया में साफ-सफाई पर ध्यान दिया जाए। आजीविका के जिन केंद्रों पर बहुत अच्छा काम हुआ है, वहां स्कूल-कॉलेज के छात्रों का भ्रमण कराकर प्रोत्साहित किया जाए।
बैठक में बताया गया कि एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना वर्तमान में उत्तराखण्ड में 11 पर्वतीय जनपदों अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, पिथौरागढ़, देहरादून, रूद्रप्रयाग, पौड़ी, नैनीताल व चम्पावत के 44 विकासखण्डों में संचालित की जा रही है। परियोजना की कुल लागत 868 करोड़ 60 लाख रूपए है। इसके वित्तपोषण में 63 प्रतिशत आईफैड, 14 प्रतिशत राज्य सरकार, 19 प्रतिशत लाभार्थियों को बैंक फाईनेंस व 4 प्रतिशत लाभार्थी अंशदान है।

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सरकार की इच्छा शक्ति से समय पर बनकर तैयार हुआ फ्लाईओवर

परियोजना के प्रमुख घटक खाद्य सुरक्षा एवं आजीविका संवर्धन, सहभागी जलागम विकास, आजीविका वित्तपोषण व परियोजना प्रबंधन है। उत्तराखण्ड के एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना (आईएलएसपी) को भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग ने लैंडमार्क प्रोजेक्ट के रूप में मान्यता दी है। अनेक देशों में यहां के प्रोजेक्ट को दोहराया गया है। इस परियोजना में उत्तराखण्ड के 11 पर्वतीय जनपदों के 44 विकासखण्ड, 3470 गांव आच्छादित किए गए हैं। इससे 13702 उत्पादक, निर्बल उत्पादक, स्वयं सहायता समूह के 126000 सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं। परियोजना में सिंचाई के लिए 3291 एलडीपीई टैंकों का निर्माण किया गया है। 1828 हेक्टेयर में फेंसिंग द्वारा फसलों को सुरक्षा प्रदान की गई है। 650 हेक्टेयर में चारा विकास कार्यक्रम संचालित हैं। आजीविका परियोजना में 918 बंजर भूमि को उपयोग के तहत लाया गया है। इसी प्रकार 150 क्लस्टर स्तरीय कलेक्शन सेंटर, 599 ग्राम स्तरीय स्मॉल कलेक्शन सेंटर व 129 नेनो पेकेजिंग यूनिट की स्थापना की गई है।
वेल्यू चैन के तहत 4898 समूह बैमोसमी सब्जियां, 4590 समूह डेरी, 3800 समूह मसाले, 4290 समूह पारम्परिक अनाज, 1875 समूह दालें, 3650 समूह फल, 1750 समूह गैर कृषि सेवा क्षेत्र, 798 समूह बकरी पालन, 367 समूह मुर्गी पालन, 290 समूह औषधीय व सगंध पौध, 89 समूह इको-टूरिज्म व 276 समूह गैर कृषि उद्यम से जुड़े हैं। मार्केटिंग के लिए हिलांस नाम से ब्रांड विकसित किया गया है। अनेक बड़ी संस्थाओं से टाई अप किया गया है। अल्मोड़ा में फल व सब्जियों के लिए मदर डेरी, चमोली में आलू के लिए एपीएमसी मंडी हल्द्वानी, उत्तरकाशी में सेब के लिए एफएफटी हिमालयन फ्रेश प्रोड्यूस लि., अल्मोड़ा में पारम्परिक फसलों के लिए ऑरगेनिक इंडिया एसओएस ऑरगेनिक प्रा.लि., पिथौरागढ़ में सोप नट्स के लिए हार्वेस्ट वाईल्ड ऑरगेनिक सोल्यूशन प्रा.लि., अल्मोड़ा में ओएसवी के लिए विनोधरा बायोटेक, अल्मोड़ा व बागेश्वर में मंडुआ बिस्किट के लिए ट्राईफेड, चमोली में कुटकी के लिए इमामी, कृष्ण ट्रेडर्स, चमोली में सब्जियों के लिए मोनाल होटल, देहरादून में फल व सब्जियों के लिए एसएस ट्रेडर व दिल्ली टोमटो कम्पनी दिल्ली से टाई अप किया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में बागेश्वर में आजीविका परियोजना के अंतर्गत संचालित महिला समूह द्वारा उत्पादित मंडुवा बिस्किट का जिक्र किया था। प्रसाद योजना के तहत वर्तमान में जागेश्वर, बैजनाथ, बद्रीनाथ, केदारनाथ, कोटेश्वर, गंगोत्री, महासू, सिद्धबली व सुरकंडा देवी, कुंजापुरी में स्थानीय समूहों द्वारा प्रसाद बनाकर वितरण किया जा रहा है। अभिनव प्रयास करते हुए आईटीसी ग्रुप के साथ सीएसआर के अंतर्गत मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों व पत्तियों को रिसाईकल कर समूहों द्वारा धूपबत्ती बनाने का काम किया जा रहा है।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, अपर सचिव रामविलास यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।