मुख्यमंत्री ने किया वन विकास निगम सॉफ्टवेयर के ई-ऑक्शन पोर्टल का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड वन विकास निगम सॉफ्टवेयर के ई-ऑक्शन पोर्टल का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस की दिशा में वन विकास निगम का यह एक अच्छा प्रयास है। वन उपजों एवं प्रकाष्ठ के लिए ई-ऑक्शन प्रक्रिया से वन विकास निगम के कार्यों में तेजी आयेगी। प्रकाष्ठ एवं वनोपज क्रय करने वालों को ई-ऑक्शन प्रक्रिया होने से अनावश्यक परेशानी भी नहीं होगी। ई-ऑक्शन की प्रक्रिया से वन विकास निगम के राजस्व में वृद्धि होगी।

कहा कि ई-गवर्नेंस की दिशा में राज्य सरकार का विशेष फोकस है, ऑनलाईन माध्यम से लोगों को हर सुविधा मिले इस दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। ऑनलाईन प्रक्रिया से लोगों को अनावश्यक सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं एवं समय तथा धन दोनों की बचत होती है। कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने एवं समय की बचत के लिए डिजिटल माध्यमों का अधिकतम उपयोग जरूरी है।

उत्तराखण्ड वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार ने कहा कि उत्तराखण्ड वन विकास निगम द्वारा वनों के संवर्द्धन, पर्यावरण संरक्षण, लोगों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रकाष्ठ, उपखनिज का उचित दरों पर आपूर्ति में योगदान किया जा रहा है। निगम द्वारा अपने 30 प्रभागों के माध्यम से वन क्षेत्रों में वैज्ञानिक वन प्रबंधन के दृष्टिगत सूखे, उखड़े, गिरे वृक्षों से प्रकाष्ठ का उत्पादन, उपखनिज चुगान एवं प्रकाष्ठ के विक्रय की कार्यवाही की जा रही है।

उत्तराखण्ड वन निगम के प्रबंध निदेशक विनोद कुमार ने कहा कि इस डिजिटल पहल से वनोपज एवं प्रकाष्ठ के विक्रय में प्रगति आयेगी। देशभर से क्रेता ई-ऑक्शन के माध्यम से घर बैठे ही प्रकाष्ठ का क्रय कर सकते हैं। ई-ऑक्शन कार्यवाही से प्रकाष्ठ की नीलामी की कार्यवाही से कार्यप्रणाली में और अधिक तेजी आयेगी। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से अब वनोपज एवं प्रकाष्ठ के विक्रय की कार्यवाही ई-ऑक्शन के माध्यम से की जायेंगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, अपर प्रमुख वन संरक्षक डीजे के. शर्मा, डा. शमीर सिन्हा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, उत्तराखण्ड वन विकास निगम के अपर प्रबंध निदेशक केएम राव, महाप्रबंधक निशान्त वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक आकाश वर्मा, इन्द्र सिंह नेगी, उमेश त्रिपाठी, चीफ प्रेजक्ट कॉर्डिनेटर हिमांशु चन्द्रा, शोभित वर्मा आदि उपस्थित थे।

सिद्ध पीठ मंशा व चंडी देवी मंदिर मार्ग को किया जाए सुदृढ़ः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मेला नियंत्रण कक्ष, हरिद्वार में स्वच्छ, सुरक्षित, हरित और भव्य, दिव्य हरिद्वार कुम्भ 2021 के आयोजन के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि कुम्भ के कार्य हर हाल में समय पर पूर्णं कर लिये जाएं, यदि आवश्यकता पड़े तो कार्य में लेबर की संख्या बढाई जाए और शिफ्ट की संख्या भी बढ़ा ली जाए।

लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि कुम्भ क्षेत्र के मठ, मन्दिर, आश्रम, धर्मशाल, अखाड़ा और पेशवाई मार्ग को दुरूस्त कर लिया जाए। इसके साथ ही मंशा देवी और चण्डी देवी मार्ग का सुदढ़ीकरण कर लिया जाए। कुम्भ क्षेत्र के साज-सज्जा और सौंदर्यीकरण के कार्य कुम्भ श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा।

कुम्भ कार्यों में पारदर्शिता और ईमानदारी बनाएं रखने को गम्भीरता से लेने को कहा तथा कहा कि कुम्भ के बाद और कुम्भ के दौरान किसी प्रकार के प्रश्न चिह्न उठने की सम्भावना को समाप्त करें।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेले की बैठक के उपरांत यूपीसीएल के 33-11 के.वी. उपसंस्थान जगजीतपुर-ललतारौ का लोकार्पण किया। कुम्भ मेला-2021 के अन्तर्गत हरिद्वार क्षेत्र में अस्थायी सैक्टरों एवं पार्किंग में कुम्भ की विद्युत मांग को देखते हुए तथा वर्तमान उपसंस्थानों का बेहतर लोड मैनेजमेंट करने के लिये 2 नये उपसंस्थान ललतारों एवं जगजीतपुर में बनाये गये हैं।

कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित कनखल, बैरागी कैम्प सेक्टरों को विद्युत आपूर्ति के लिये आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क की विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों बैरागी कैम्प एवं कनखल-प्प् का लोड कम करने के लिये प्रस्तावित जगजीतपुर उपसंस्थान का निर्माण किया गया है। इससे कुम्भ मेला-2021 में प्रस्तावित रोडीवाला, बेलवाला एवं हर की पैडी सेक्टरों में आवश्यक अस्थायी विद्युत नेटवर्क को विद्युत आपूर्ति करने वाले उपसंस्थानों लालजीवाला एवं मायापुर का लोड कम करने के लिये एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति होगी। यह उपसंस्थान 2 अलग-अलग 132 के0वी0 उपसंस्थानों भूपतवाला एवं ज्वालापुर से निकलने वाले 33 के०वी० फीडरों से पोषित होगा, इस प्रकार अलग-अलग सोर्स से कनेक्टिविटी बनी रहेगी। साथ ही लगभग 4000 वर्तमान निवासरत विद्युत उपभोक्ता इस उपसंस्थान से लाभान्वित होंगे। यह उपसंस्थान प्री-फेब्रिकेटेड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर आधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह आधुनिक क्षमता का तकनीक पर आधारित देवभूमि उत्तराखण्ड के कुम्भ क्षेत्र हरिद्वार में पहला उपसंस्थान है।

इस अवसर पर नगर विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल नीरज खैरवाल, मेलाधिकारी दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार सी रविशंकर उपस्थित थे।

नारसन से रूड़की के मध्य एनएच कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम, जताई संतुष्टि

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नारसन से रूड़की के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्यों एवं रूड़की बाईपास पर चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने कुंभ क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों एवं पुलों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 31 दिसम्बर 2020 तक स्थाई प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाय। 31 जनवरी, 2021 तक कुम्भ से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिये जाए। उन्होंने पुहाना-छुटमलपुर बाईपास, फ्लाईओवर ब्रिज, कोर कॉलेज के समीप से मंगलौर को जोड़ने वाले बाईपास, रानीपुल झाल में बनाये जा रहे पुल एवं लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाये जा रहे विभिन्न पुलों एवं मेला क्षेत्र के अन्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आगामी कुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत 98 प्रतिशत कार्य दिसम्बर 2020 के अंत तक पूर्ण हो जाएंगे। जनवरी अंत तक सभी कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि पुलों, बाईपास को जोड़ने एवं सड़क निर्माण के जो कार्य हो रहे हैं, इससे लोगों को आने वाले समय में काफी फायदा होगा। हरिद्वार में सालभर में अनेक स्नान पर्व एवं कांवड़ मेले का आयोजन होता है। इन पर्वों में भी श्रद्धालुओं को आवागमन के लिए काफी सुविधा होगी एवं स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी। हरिद्वार देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र है। हरिद्वार में श्रद्धालुओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी न इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये कि कुंभ मेला क्षेत्र में सौन्दर्यीकरण के कार्यों पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। यात्रा मार्गों पर साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था हो। पार्किंग स्थलों, स्वच्छता, पेयजल एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की उचित व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि कोविड के कारण बीच में जो निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं, उनमें और तेजी लाई जाय। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय।

मुख्यमंत्री ने कुंभ कार्यों का निरीक्षण करने के बाद हरकी पैड़ी पर पूजा-अर्चना की एवं प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना ही।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेला क्षेत्र में चल रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थाई प्रकृति के अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर हैं, अवशेष कार्य भी कुंभ शुरू होने से पूर्व पूर्णं हो जायेंगे। सौन्दर्यीकरण, घाटों की सफाई, अतिक्रमण हटाने, स्वच्छता आदि के कार्य लगातार किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, विधायक आदेश चैहान, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव चैंपियन, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगौली, आईजी मेला संजय गुंज्याल, जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर, एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

50.25 करोड़ की लागत से बनी सूर्यधार झील का सीएम त्रिवेंद्र ने किया लोकार्पित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी, जलाशय सूर्याधार का लोकार्पण किया। 50.25 करोड़ रूपये की लागत से बनी इस झील की धारण क्षमता 77 हजार घन मीटर है। यह झील 550 मी. लम्बी, 28 मीटर चैड़ी एवं 10 मीटर गहरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने झील पर नौकायन किया एवं मत्स्य के बीज डाले। यह झील मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में है।

मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड डोईवाला में सुसवा नदी के दायें किनारे पर लाल माटी खाले से बडकली पुल तक सुरक्षात्मक कार्य के लिए 2.63 करोड़ की सुरक्षात्मक कार्ययोजना, विकासखण्ड रायपुर के बांदल नदी पर सरखेत ग्राम की 1.85 करोड़ रूपये की लागत की बाढ़ सुरक्षा योजना एवं डोईवाला विकासखण्ड के अन्तर्गत सिमलासग्रान्ट नहर के विस्तारीकरण व सुरक्षा एवं नवीनीकरण की 2.31 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सूर्याधार क्षेत्र में लोगों को संचार सुविधाओं हेतु जियो का टावर लगाया जायेगा।

सूर्यधार झील से 18 गांवों को ग्रेविटी वाटर मिलेगाः त्रिवेंद्र
कहा कि आज उत्तराखण्ड को एक ऐसा प्रोजेक्ट समर्पित किया जा रहा है, जिसके पीछे एक दूरगामी सोच है। इसका प्रयोजन व संदेश बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि इस झील को बनाने का उद्देश्य सिर्फ पेयजल एवं सिंचाई ही नहीं है, इसके व्यापक परिणाम आयेंगे। इससे पानी के सोर्स रिचार्ज होंगे, पर्यावरण के लिए बेहतर ईको सिस्टम होगा। राज्य सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से बेहतर डेस्टिनेशन बने। इससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि झील से 18 गांवों को ग्रैविटी वाटर की उपलब्धता होगी एवं 1247 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। पहले इस क्षेत्र में 534 हेक्टेयर क्षेत्र में ही सिंचाई हो पाती थी। इस जलाशय के बनने से क्षेत्र की 30 हजार आबादी की प्रति व्यक्ति की प्रतिदिन 40 लीटर पानी की उपलब्धता से बढ़कर 100 लीटर प्रतिदिन हो जायेगी, अर्थात् प्रतिव्यक्ति को ढाई गुना अधिक पानी की उपलब्धता हो जायेगी। इस सूर्याधार में वाटर स्पोर्ट्स को विकसित करने के प्रयास किये जायेंगे। यहां पर साल में 3-4 दिन के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी जी के नाम पर इस झील का नाम रखा गया है। नैथानी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित किया। वे हमेशा से आरएसएस संघ की विधारधारा से जुड़े रहे। समाज की सेवा करना ही उनका एकमात्र धेय था।

इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुण्डीर, राज्यमंत्री करन बोहरा, कृष्ण कुमार सिंघल, खेमपाल सिंह, सचिव सिंचाई नितेश झा, प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेन्द्र पंवार, मुख्य अभियंता सिंचाई जयपाल सिंह, अधिशासी अभियंता सिंचाई डीके सिंह, स्व. गजेन्द्र दत्त नैथानी के भतीजे संजीव नैथानी आदि उपस्थित थे।

सीएम त्रिवेंद्र ने किया दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसाना कल्याण योजना का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रपुर में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का शुभारम्भ किया। उन्होंने योजना के तहत लाभार्थियों को बिना ब्याज के 03 लाख रूपये का ऋण के चैक वितरित करते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा इससे पूर्व किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर 01 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये तथा किसानों के द्वारा इस धनराशि का बेहतर सदुपयोग करने का ही प्रतिफल है कि उनके हित में अब यह धनराशि 03 लाख की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 43 विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। जिसमें 2578.74 लाख की योजनाओ का लोकार्पण तथा 9444.77 लाख की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

सीएम ने 19 किसानों को दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत तीन-तीन लाख का बिना ब्याज का ऋण व तीन किसानों को कृषि यंत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्वयं सहायता समुहों को बिना ब्याज के 05 लाख की धनराशि के चेक भी वितरित किये। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय किस प्रकार से दोगुनी हो इस पर लगातार कार्य कर रही है ताकि हमारे प्रदेश के किसानों का जीवन स्तर सुधरे व एक अलग पहचान उत्तराखण्ड के किसानों को प्रदेश ही नही देश स्तर पर मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना बिमारी की विपरित परिस्थितियों के बावजुद भी हमारे किसानों ने राज्य में अपने उत्पादों का उत्पादन बढ़ाया है। हमने किसानों का रिकार्ड समय में उनकी उत्पादों का भुगतान की व्यवस्था की है। 250 करोड़ रूपये का प्राविधान कर रिकार्ड समय में गन्ना किसानो का शत प्रतिशत भुगतान किया गया। 10 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय 242 क्रय सेन्टरों के माध्यम से किया गया है। उन्होंने घोषणा की कि किसानों को एक सप्ताह के अन्दर धान क्रय का भुगतान कर दिया जायेगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई यूएस नगर से की शुरूः त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध राज्य सरकार जीरो टालरेन्स की नीति पर चल रही है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध धर्म युद्ध की शुरूआत भी हमने ऊधम सिंह नगर से की है। एन एच 74 में हुई लगभग 200 करोड़ की गड़बडी में दोषी पाये गये 111 कर्मचारियों-अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है तथा कुछ अन्य के खिलाफ भी कार्यवाही की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्यवाही का अभियान जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्वामित्व योजना के तहत विभिन्न लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। उन्होने कहा कि प्रदेश के देहरादून व पंतनगर के एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय तर्ज पर बनाया जायेगा वही 11 सौ एकड भूमि में ग्रीन एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जायेगा। यह एयरपोर्ट इन्टरनेशनल एयरपोर्ट होगा। जो भारत को ही नही बल्कि उधमसिंह नगर को भी पूरी दूनियां को जोडेगा, जिससे यहा का चहुमुखी विकास होगा व अपार रोजगार की सम्भावनाऐं बढे़गी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये विकास परक योजनाओं से सम्बन्धित स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।

सीएम ने आईटीबीपी के जवानों के साथ मनाई दीपावली

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने आईटीबीपी कैम्प कोपांग उत्तरकाशी में आईटीबीपी के जवानों एवं हर्षिल उत्तरकाशी में 9वीं बटालियन बिहार रेजिमेंट के सेना के जवानों के साथ दीपावली मनाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जवानों का हौंसला बढ़ाया एवं जवानों व उनके परिवारजनों को दीपावली की शुभकामनाएं दी। जवानों ने मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इससे कार्य करने का जज्बा और होंसला बढ़ता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी सेना और अर्द्ध सैनिक बलों के जवान सीमान्त एवं दुर्गम क्षेत्रों में देश की रक्षा के लिए कठिन परिस्थितियों में कार्य करते हैं। इन सैनिकों की वजह से पूरा देश चैन की नींद सोता है। हमारे जवान अपने परिवारों से दूर रहकर देश की रक्षा के लिए जिस वीरता एवं साहस से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते है। इसके लिए वे निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज सेना एवं आईटीबीपी के जवानों के साथ मुझे कुछ समय बिताने का मौका मिला, यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है। उत्तराखण्ड का सेना एवं अर्द्धसैन्य बलों से गहरा नाता रहा है। उत्तराखण्ड के अनेक जवान इन सैन्य बलों में सेवाएं दे चुके हैं एवं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे पिताजी भी सेना में रहे हैं, एक सैनिक परिवार से होने के नाते मेरा सैनिकों से व्यक्तिगत लगाव भी है। सेना एवं अर्द्ध सैन्यबलों के प्रति देश का सम्मान, श्रद्धा एवं विश्वास का भाव रहता है। हमारे सैन्य बल दुनिया के सर्वोत्कृष्ट सैन्य बल माना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने दुर्गम एवं सीमान्त क्षेत्रों में महिला अधिकारी जिस जज्बे के साथ ड्यूटी कर रहे हैं, यह सबके लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के आईएएस, आईएफएस एवं आईपीएस अधिकारियों की कैम्पिंग हम सीमांत क्षेत्रों में हर साल करेंगे।

इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह रावत, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ. केएस पंवार, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, सेना एवं आईटीबीपी के जवान उपस्थित थे।

उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत 84.59 करोड़ रूपये की मिली स्वीकृति

दीपावली पर केन्द्र सरकार की ओर से उत्तराखण्ड को बड़ा तोहफा मिला है। कुम्भ मेले के दृष्टिगत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के अनुरोध पर इसके तहत 84.59 करोड़ रूपये की स्वीकृति मिली है। हरिद्वार कुंभ मेले में स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं अन्य गतिविधियों के लिए 79.12 करोड़ रूपये, पेयजल निगम को 2.55 करोड़ रूपये एवं उत्तराखण्ड जल संस्थान को 2.92 करोड़ रूपये की धनराशि इसमें शामिल है। स्वच्छ गंगा मिशन के तहत हरिद्वार कुंभ मेले में स्वच्छता के साथ ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की कार्य योजना के क्रियान्वयन में इस धनराशि की स्वीकृति से गति मिलेगी तथा कुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को इससे लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा उत्तराखण्ड में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में हरिद्वार कुंभ मेले के आयोजन से सम्बन्धित कार्यों के अंतर्गत केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा के तहत विभिन्न कार्यों के लिए सहायता का अनुरोध किया था, जिसके तहत यह धनराशि राज्य को प्राप्त हुई है।

इसके साथ ही आगामी कुम्भ मेले के दृष्टिगत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने ऋषिकेश क्षेत्र में त्रिवेणी घाट पर सरस्वती नाले की टेपिंग किये जाने के कारण क्षतिग्रस्त घाट एवं प्लेट फार्म पुनर्निर्माण के लिये 1 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार जलोत्सरण योजना में सीवर लाइनों को बदलने एवं मैन हॉल चेम्बरों के पुनर्निर्माण आदि के लिये भी 4.87 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। यह धनराशि मेलाधिकारी कुम्भ मेले के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी।

उत्तराखंड में बढ़ेगी कोविड टेस्टिंग, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड के रोकथाम एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में कोविड टेस्टिंग और बढ़ाई जाय। देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल जनपद को इस दिशा में विशेष प्रयास करने होंगे। कोविड से बचाव के लिए नियमित रूप से विभिन्न माध्यमों से जन जागरण अभियान चलाये जाय। त्योहारों का समय चल रहा है, लोगों का आवागमन भी तेजी से बढ़ा है। भीड़-भाड़ वाले स्थानों एवं पर्यटक व धार्मिक स्थलों पर जन जागरण के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की अनिवार्यता का पूरा अनुपालन कराया जाय। व्यापारिक संगठनों एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से त्योहारों के सीजन में दुकानों में सेनिटाइजर एवं स्वच्छता प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाय।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए मानव संसाधन की पूरी व्यवस्था हो, अगले 15 दिन विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। यह सुनिश्चित किया जाय कि शहरी जनपदों में 24 घण्टे एवं ग्रामीण जनपदों में 48 घण्टे के अन्दर कोविड सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट लोगों को मिल जाय। जिन लोगों का एंटिजन टेस्ट सिम्पटमैटिक है, उनका अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर टेस्ट हो। हाई रिस्क कॉन्टेक्ट का शत प्रतिशत टेस्टिंग कराई जाय। त्योहरों के सीजन में अधिकारी लगातार फील्ड विजिट करें। लेब टेक्निशियन, रेडियोलॉजिस्ट और आशा वर्कर बढ़ाये जाय। सभी जिलों में इनकी पर्याप्त उपलब्धता हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टरों की बड़ी जिम्मेदारी है कि वे मनोवैज्ञानिक रूप से कोविड मरीजों को मजबूत करें एवं वरिष्ट चिकित्सक निरंतर मरीजों के सम्पर्क में रहें।

सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि इस सप्ताह प्रदेश में कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। इसे नियंत्रित करने के लिए जिलाधिकारियों को और प्रयासों की जरूरत है। ट्रू-नॉट टेस्टिंग और बढ़ाई जाय। सभी जिलाधिकारी कोविड के दृष्टिगत आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखें। कोविड केयर सेंटर में रहने, खाने एवं स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी रखी जाय।

पुलिस महानिदेशक लॉ एण्ड आर्डर अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा कोविड से बचाव हेतु पैदल मार्च, पोस्टर, वॉल पेंटिंग एवं अन्य माध्यमों से जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। गाइर्डलाईन का अनुपालन न करने वालों के चालान भी किये जा रहे हैं, लेकिन उन्हें निःशुल्क मास्क भी दिये जा रहे हैं।

बैठक शुरू होने से पूर्व सल्ट विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना के निधन पर 02 मिनट का मौन रखा गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र एवं सभी अधिकारियों ने मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की एवं शोक संतप्त परिवारजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य प्रदान करने की कामना की।

गैरसैंण में हुआ 240 करोड़ 16 लाख रूपए के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण में उत्तराखण्ड सचिवालय गैरसैंण का शिलान्यास किया। इसकी अनुमानित लागत 110 करोड़ रूपए है। गैरसैंण भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन के बाद अब सचिवालय भी जल्द ही बनेगा। ’

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 240 करोड़ 16 लाख 18 हजार रूपए के अन्य विकास कार्यों का भी लोकार्पण और शिलान्यास किया। कुल 81 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया। इनमें 207 करोड़ 24 लाख 75 हजार रूपए लागत के 46 कार्यों का शिलान्यास किया गया जबकि 32 करोड़ 91 लाख 43 हजार रूपए के 35 विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया।

लोकार्पित किए गए विकास कायों में मलारी में खेल को बढ़ावा देने के लिए मिनी स्टेडियम का निर्माण लागत 35 लाख, मलारी नीति मोटर मार्ग के मेहरगांव तक 1.5 किलोमीटर का डामरीकरण लागत 20 लाख, कर्णप्रयाग में आई.टी. आई से सुभाषनगर तक पैदल पुल का निर्माण लागत 588.36 लाख, उज्ज्वलपुर- बैनोली मोटर मार्ग से ऐरोली तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 96.70 लाख, किमधार-स्यान-किशनपुर मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 92.12 लाख, महावीर चक्र विजेता सिपाही स्व0 अनुसूया प्रसाद के पैतृक गांव नौना को जोड़ने हेतु मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 60.20 लाख, अनुसूया माता मन्दिर में यात्री शैड का निर्माण लागत 51.76 लाख, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में आक्सीजन पाइप लाईन का निर्माण लागत 30.29 लाख, लंगासू में पंचकर्मा हॉल का निर्माण लागत 11.51 लाख, बैरासकुण्ड मन्दिर का सौन्दर्यीकरण कार्य लागत 49.80 लाख, रा0इ0का0 नारायणबगड में कक्षा कक्षों का निर्माण लागत 20 लाख, जनपद चमोली के अन्तर्गत विभिन्न आंगनवाड़ी केन्द्रों का सुदृढीकरण व मरम्मत कार्य लागत 15.30 लाख, जनपद चमोली के अन्तर्गत विभिन्न चिकित्सालयों में लेवर रूम का सुदृढीकरण कार्य लागत 30 लाख, बद्रीनाथ में सीवर सफाई हेतु सैक्शन कम जैटिंग मशीन क्रय 35 लाख, ऐरवाडी सिरपा, सिमतोली पेयजल योजना निर्माण लागत 85.62 लाख, गैरोली मल्ली, कनोठ, कोली मल्ली पेयजल योजना निर्माण लागत 154.77 लाख, बेरफाला, नाकोट लगा डिम्मर, नाकोट पेयजल योजना निर्माण लागत 19.20 लाख, वार्ड न0 6 गांवली पेयजल योजना निर्माण लागत 82.91 लाख, उतरों पेयजल योजना निर्माण लागत 44.93 लाख, लामबगड़ पेयजल योजना निर्माण लागत 58.19 लाख, सुनाली पेयजल योजना निर्माण लागत 38.54 लाख, थिरपाक पेयजल योजना निर्माण लागत 39.97 लाख, पिण्डवाली पेयजल योजना निर्माण लागत 16.85 लाख, ग्राम बैरों व क्वीराली पेयजल योजना निर्माण लागत 92.85 लाख, चिरखून पेयजल योजना का निर्माण 67.53 लाख, कौब पेयजल योजना का निर्माण 75.88 लाख, कुलसारी से आलकोट मोटर मार्ग स्टेज -1 लागत 356.91 लाख, थराली डुग्री रूईसाण मोटर मार्ग के किमी 7 से मैन मोटर मार्ग लागत 230.07 लाख, सैंजी बाढ़ सुरक्षा कार्य 107.60 लाख, देवाल में बुस्तरातोक में पिंडर नदी के दायीं तरफ बाढ़ सुरक्षा कार्य लागत 244.98 लाख, थराली में कोलपुडी टेंक नहर निर्माण कार्य लागत 123.85 लाख, राजकीय इंटर कालेज पीपलकोटी में चार अतिरिक्त कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 73.24 लाख रूपए, कलैक्ट्रेट परिसर में पहाड़ी संग्रहालय का निर्माणध् जीर्णोद्धार लागत 6.5 लाख, हापला लघुजल विद्युत परियोजना लागत 220 लाख, रिंगालध्वुडन ग्रोथ सेन्टर पीपलकोटी लागत 15 लाख रूपए शामिल हैं।

जिन विकास कार्यों का शिलान्यास किया गया उनमें गैरसैंण शहर एव एडजवांइनिंग आबादी में पेयजल आपूर्ति हेतु रामगंगा नदी पर बांध निर्माण कार्य लागत 6535.64 लाख, विकास खण्ड दशोली में बछेरधार से बछेर गांव तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 204.17 लाख, कुण्ड कॉलोनी गोपेश्वर में राजस्व विभाग के टाईप 1 के चार आवासों का निर्माण लागत 52 लाख, श्री बद्रीनाथ में चिकित्सा अधिकारियों एवं अन्य विभागीय स्टाफ हेतु हॉस्टल का निर्माण लागत 100 लाख, श्री बद्रीनाथ में यात्रियों की सुविधा हेतु चार कक्षों का निर्माण लागत 50 लाख, सिरोपाणी गंजेड मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 117.43 लाख, राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद चमोली के विधान सभा क्षेत्र कर्णप्रयाग के विकास खण्ड गैरसैंण में बूंगीधार-मेहलचोरी-बछुवाबाण मोटर मार्ग के किमी-51 में डामरीकरण एवं सुधारीकरण(द्वितीय चरण) कार्य लागत 60 लाख, जनपद चमोली के अन्तर्गत विधान सभा क्षेत्र कर्णप्रयाग के विकासखण्ड गैरसैंण में पुनगांव-विषौणा मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण कार्य लागत 312.93 लाख, पंयाताल-त्युखर-चिरबटिया मोटर मार्ग का निर्माण लागत 133.63 लाख, मरघट- बाराकोट से सिंगोण गांव सिल्ला तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 215.71 लाख, चैमासी निवत्तर तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 134.51 लाख, मुख्यालय गोपेश्वर में वन स्टाप सेन्टर का निर्माण लागत 48.06 लाख, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में तीरमदारों हेतु भवन निर्माण लागत 31.76 लाख, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में आक्सीजन जनरेशन प्लान्ट का निर्माण लागत 45.90, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नन्दप्रयाग का निर्माण लागत 418.44 लाख, गोपेश्वर(नैग्वाड)में बैडमिन्टन हॉल का निर्माण लागत 47.87 लाख, प्रा0स्वास्थ्य केन्द्र गैरसैंण में 50 बैड के सब-जिला चिकित्सालय भवन एवं आवासीय भवन निर्माण लागत 1150 लाख, पुलिस चैकी ग्वालदम में टाईप 2 के दो आवासीय भवन निर्माण लागत 31.80 लाख, ग्राम हरनी में ग्रामीण मोटर मार्ग का निर्माण लागत 523.60 लाख, देवर खडोरा पेयजल योजना निर्माण लागत 93.71 लाख, बमोथ पेयजल योजना निर्माण लागत 119.64 लाख, सलना पेयजल योजना निर्माण लागत 52.03 लाख, ग्वाड जसपुर डुंग्री पेयजल योजना निर्माण लागत 52.61 लाख, पैणी से कुजासू मोटर मार्ग का अपग्रेडेशन लागत 186.23 लाख, सेमी पनाई से उत्तरों मोटर मार्ग स्टेज 2 और स्टेज 1 का अवशेष कार्य लागत 909.12 लाख, सैंजी लगा मैकोट-बेमरु मोटर मार्ग स्टेज 2 कार्य लागत 1714.89 लाख, देवलधार से कलचुना मोटर मार्ग स्टेज 2 कार्य लागत 314.31 लाख, जंगलचट्टी सिराणा मोटर मार्ग स्टेज 2 कार्य लागत 435.14 लाख, बूंगीधार मैहलचोरी बछुवाबाण मोटर मार्ग से देवपुरी मोटर मार्ग स्टेज 1 कार्य लागत 627.50 लाख, बूंगीधार मैहलचोरी बछुवावाण मोटर मार्ग किमी0 25 से स्यूणी तल्ली मोटर मार्ग स्टेज 2 से देवपुरी मोटर मार्ग स्टेज 1 कार्य लागत 198.67 लाख, पाण्डुवाखाल से गोगना मल्ला मोटर मोटर मार्ग स्टेज 2 लागत 311.10 लाख, लंगासू से मैखुरा मोटर मार्ग स्टेज 1 लागत 725.95 लाख, हाटकल्याणी से सवाड़ मोटर मार्ग अपग्रेडेशन लागत 680.39 लाख, थराली से घाट(डुंग्री) मोटर मार्ग अपग्रेडेशन लागत 678.96 लाख, नारायणबगड से चोपता मोटर मार्ग अपग्रेडेशन लागत 1672.73 लाख,सांसद आदर्श ग्राम लामबगड का बाढ़ सुरक्षा कार्य लागत 170.29 लाख, रा.इ.का. गैरसैंण में प्रेक्षागृह का निर्माण लागत 437.86 लाख, रा0उ0मा0वि0 गोगना में दो अतिरिक्त कक्षा-कक्ष का निर्माण लागत 21.58 लाख, रा0बा0इ0का0 गैरसैंण में चार अतिरिक्त कक्षा-कक्ष का निर्माण लागत 79.36 लाख, राजकीय महाविद्यालय गैरसैंण में चारदीवारी फेंसिंग तथा गैट निर्माण कार्य लागत 59.01 लाख, राजकीय महाविद्यालय गैरसैंण में खेल मैदान का निर्माण लागत 76.03 लाख, वी0सी स्व0 दरवान सिंह नेगी खेल मैदान सैंज खैतोली का विस्तारीकरण लागत 66.22 लाख, दुर्मीताल में पर्यटन की दृष्टि से अवस्थापना सुविधाओं का विकास लागत 20.00 लाख, द्रोणगिरी में संजीवनी गार्डन की स्थापना लागत 15 लाख, भराड़ीसैंण से परवाड़ी मोटर मार्ग निर्माणध्मरम्मत कार्य स्टेज 1 लागत 504.95 लाख रूपए शामिल हैं।

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली ने सदैव पहाड़ की पीड़ा को समझाः त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दूधातोली में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली एक महान देशभक्त के साथ दूरदृष्टा भी थे। उन्होंने पहाड़ की पीड़ा को समझा था। वे दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की बात उठाते रहे। दृढ़ निश्चय के धनी थे। वे हम सभी को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।

राज्य निर्माण आंदोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैण को राजधानी बनाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही। गैरसैंण भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का नाम भी चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम पर ही है। हमने प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। केवल घोषणा ही नहीं की बल्कि अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने जा रहे हैं। गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। अल्पकालीन और दीर्घकालिक विकास योजनाएं तैयार की गई है। सचिवालय भी बनाने जा रहे हैं। बड़ी पेयजल योजना पर भी काम कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को क्षेत्र का हाईड्रोलोजिकल सर्वे करवाकर वाटर रिचार्जिंग के लिये वृहद पौधारोपण करवाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक महेन्द्र भट्ट, सुरेन्द्र सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।