सीएम त्रिवेंद्र ने राज्य स्थापना दिवस के मौके पर किया माउंटेन टैरेन बाइकिंग रैली का फ्लैग आफ

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आयोजित माउंटेन टैरेन बाइकिंग रैली का फ्लैग ऑफ कर शुभारम्भ किया। राज्य के 21वें वर्ष में प्रवेश के लिए सभी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य भौगोलिक विषमताओं से भरा प्रदेश है, जिसमें साहसिक खेलों की बहुत अधिक संभावनाएं हैं। प्रदेश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में अलग से विभाग बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सीएम आवास से जॉर्ज एवरेस्ट तक की यह साइकिल रैली, एक साहसिक यात्रा एडवेंचर से भरपूर होगी। मुख्यमंत्री ने माउंटेन बाइकिंग रैली में 13 महिलाओं के प्रतिभाग करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे साहसिक खेलों के प्रति अन्य महिलाएं भी जागरूक होंगी।

विधायक गणेश जोशी ने राज्य के 21वें वर्ष में प्रवेश पर बधाई देते हुए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद ने विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के कारण सभी सावधानियों व दिशानिर्देशों का पालन करते हुए इन कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यटकों को आमंत्रित कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों की शुरुआत माउंटेन टैरेन बाइकिंग से कार्यक्रमों की शुरुआत की जा रही है। इस रैली का समापन मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट पर होगा, जहां पर बलून फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया है।

देहरादून के कौलागढ जोन में सीवर लाइन बदलने के लिए 99.53 लाख रूपए स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की विभिन्न पेयजल एवं स्वच्छता संबंधी योजनाओं के लिये धनराशि का अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न पेयजल अभावग्रस्त क्षेत्रों में 26 हैण्डपम्प एवं 11 आयरन रिमूवल यूनिट अधिष्ठापन कार्य हेतु 89.30 लाख, देहरादून के कौलागढ़ जोन में सीवर लाईन बदलने तथा रख रखाव आदि के लिये 99.53 लाख, पित्थूवाला के अन्तर्गत इन्दिरा नगर में सीवर लाईन बिछाने हेतु 12.43 लाख, पित्थूवाला वार्ड 87 सेवलाखुर्द में 5 किमी पेयजल लाईन कार्य हेतु प्रथम किस्त के रूप में 115.90 लाख, पित्थूवाला के मोहित नगर में नलकूप निर्माण हेतु प्रथम किस्त 14.80 लाख, विधानसभा क्षेत्र राजपुर के करनपुर जोन में जर्जर पेयजल लाईनों के पुनर्निर्माण-मरम्मत हेतु प्रथम किस्त के रूप में 90.62 लाख की धनराशि का अनुमोदन प्रदान किया है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा जनपद चमोली के विकास खण्ड कर्णप्रयाग के अंतर्गत सोनला नगरीय पेयजल योजना में आरबीएम पद्धति से ट्यूबवेल निर्माण हेतु 27.50 लाख, एन.आई.टी सुमाडी पेयजल योजना के लिये 1192.88 लाख के साथ ही जनपद पिथौरागढ़ के दौला टैंक से पवन विहार कॉलोनी तक पेयजल लाईन विस्तार हेतु 10.50 लाख की धनराशि का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

महिला सशक्तिकरण के साथ प्रदेश के व्यंजनों को भी मिलेगा बढ़ावाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने महिला स्वयं सहायता समूहों को महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन का मजबूत आधार बताया है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का भी यह मजबूत आधार है।
सरस्वती जागृति स्वयं सहायता समूह एवं महिला हथकरघा बुनकर समूह द्वारा संचालित ‘‘स्वावलम्बनी’’ का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के साथ ही प्रदेश के परम्परागत व्यंजनों को बढ़ावा देने एवं राज्य में आने वाले पर्यटकों के माध्यम से इसकी पहचान बनाने मे इस प्रकार के प्रयास कारगर साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि महिला समूह द्वारा किया गया यह प्रयास महिला सशक्तिकरण की भी मजबूत पहल है। उन्होंने इसे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणादायी भी बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रदेश पर्यटन प्रदेश है। यहां आने वाले पर्यटकों को पर्वतीय व्यंजनों की चाहत रहती है। इससे हमारे उत्पादों को देश व दुनिया में पहचान मिलने के साथ ही पारम्परिक खेती के उत्पादन के प्रति हमारे लोग प्रेरित होंगे। इससे पारम्परिक उत्पादों व खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, सरस्वती जागृति महिला स्वयं सहायता समूह की पूजा तोमर, सुषमा वर्मा, गायत्री श्रीवास्तव, रिद्धि कांबोज आदि उपस्थित थे।

दुर्घटना में पीड़ित बागड़ियों की सीएम त्रिवेंद्र ने की आर्थिक मदद

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिनांक 22 अक्टूबर को ऋषिकेश में हुई दुर्घटना में मृतक आश्रित को एक-एक लाख रूपये और घायल को 50 हजार रूपये की सहायता स्वीकृत की है।
गौरतलब है कि ऋषिकेश स्थित देहरादून मार्ग पर बालाजी बगीचे के पास बागड़ियों के डेरे में ट्रक घुस गया था जिस कारण तीन लोगों की मृत्यु हो गयी थी और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था।

कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति को सिडकुल जारी करे एनओसी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सितारगंज चीनी मिल को पीपीपी के तहत संचालित करने संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश एमडी शूगर फेडरेशन को दिये हैं। इसके साथ ही सितारगंज के कैलाश नदी क्षेत्र में खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एन.ओ.सी निर्गत करने के लिये एम.डी सिडकुल को भी उन्होंने निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के भी निर्देश अधिकारियों को दिये हैं।

सितारगंज क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के समाधान के सम्बन्ध में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने क्षेत्रीय समस्याओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि सितारगंज चीनी मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने तथा विनिवेशक को मिल परिसर में अनुपूरक इकाइयों की स्थापना आदि के सम्बन्ध में पूर्व में सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। उन्होंने मिल को दीर्घ कालिक लीज पर दिये जाने के साथ पीपीपी की संभावनाओं पर यथा शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होंने इसके लिये समय सीमा भी तय करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में उन राज्यों की चीनी मिलों का भी अध्ययन किया जाय, जहाँ इस प्रकार की प्रक्रिया सफल रही हो। उन्होंने मिल बन्द होने से क्षेत्रीय गन्ना किसानों को गन्ना बिक्री में कोई कठिनाई न हो इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।

इस सम्बन्ध में प्रबन्ध निदेशक शूगर फेडरेशन चंदेश यादव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि चीनी मिल की विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एवं आरएफपी तैयार करने हेतु नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। उनके द्वारा आरएफपी तैयार कर उपलब्ध करा दी गई है जिसे नियोजन विभाग के परामर्श से प्री फिजिविलिटी रिपोर्ट तैयार करने हेतु निर्धारित शुल्क के साथ नेशनल शूगर इंस्टिट्यूट कानपुर को भेजा गया है। उनके द्वारा 30 नवम्बर तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। रिपोर्ट प्राप्त होते ही इस सम्बन्ध में निर्देशानुसार कार्यवाही कर दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने सितारगंज की कैलाश नदी के खनन पट्टों की स्वीकृति हेतु एमडी सिडकुल को निर्देश देते हुए कहा कि नदियों की रीवर ट्रेडिंग से नदियों में एकत्र सामग्री की सफाई भी होती है। इससे सतह ऊंची होने से बरसात में नदी के बहाव से नदी क्षेत्रों को होने वाले नुकसान को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

बैठक में विधायक सौरभ बहुगुणा, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, एम.डी सिडकुल एस.ए. मुरूगेशन, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव मुख्यमंत्री डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जल संस्थान व निगम टारगेट बनाकर जल जीवन मिशन के काम समय पर कराएंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जल जीवन मिशन की समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों को इस दिसम्बर तक सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता का टारेगट पूरा करने का निर्देश दिया। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जो कनेक्शन दिये जा रहे हैं, उसमें निर्धारित मानकों को पूर्णतः पालन हो। जिलाधिकारी इसकी नियमित निगरानी भी रखें। पानी के नल अडंरग्राउंड किये जाय। जल जीवन मिशन के तहत निर्धारित समयावधि में लक्ष्य पूर्ण हो, इसके लिए जल संस्थान एवं जल निगम द्वारा प्रत्येक दिन का टारगेट निर्धारित होना चाहिए। जिलाधिकारी भी कार्यों की प्रगति बैठक समय-समय पर लेते रहें। हर घर नल एवं शुद्ध जल के लक्ष्य को जल्द प्राप्त करने के लिए संबधित विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर जनपदों में इस दिशा में अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि जो नये कनेक्शन दिये जा रहे हैं, इससे डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क बढ़ जायेगा। प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता में कमी न हो इसके लिए जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण एवं संरक्षण की दिशा में विशेष प्रयास किये जाए। अनुबन्ध गठन और वर्क ऑर्डर की प्रक्रिया में तेजी लाई जाय। जल जीवन मिशन के तहत कार्यों में तेजी लाने के लिए ठेकेदारों की संख्या बढ़ाई जाय। आवश्यकतानुसार रजिस्ट्रेशन कैम्प लगाये जाय। ऊधम सिंह नगर एवं हरिद्वार में इस मिशन के तहत बड़ा चैलेंज है, इन जनपदों में टारगेट समय पर पूरा हो, अतिरिक्त स्टाफ की व्यवस्था की जाय।

सचिव नितेश झा ने बैठक में जानकारी दी कि जल जीवन मिशन के ग्रामीण क्षेत्र में 14.26 लाख कनेक्शन दिये जाने हैं। जिसमें से 3.53 लाख कनेक्शन दिये जा चुके हैं। जिसमें से पिछले 06 माह में 1.36 लाख कनेक्शन दिये गये। इस वर्ष चमोली, देहरादून एवं बागेश्वर में हर घर पानी पंहुचाने का लक्ष्य रखा गया है।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री अरविंद पाण्डेय, अपर सचिव आशीष जोशी, जल संस्थान एवं जल निगम के अधिकारी तथा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

250 सेवाएं अपणि सरकार पोर्टल के जरिए तीन माह में जनता के समक्ष होंगी

उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत अधिसूचित सेवाओं सहित लगभग 250 सेवाओं को अपणि सरकार पोर्टल के अंतर्गत तीन माह में जनता के लिए उपलब्ध कराने का है लक्ष्य
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। इसमें नागरिकों को सुविधा के लिए सेवायें उपलब्ध कराये जाने हेतु ‘’अपणि सरकार’’ ऑनलाईन सर्विस पोर्टल को विकसित करने का निर्णय लिया।

राजस्व विभाग के साथ बैठक
राजस्व विभाग के साथ बैठक में आईटीडीए एवं एनआईसी सहित गढ़वाल मण्डल के देहरादून जनपद के अधिकारी व्यक्तिगत रूप से तथा कुमाँऊ मण्डल के नैनीताल जनपद के अधिकारी वीडियो काँफ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए। बैठक के दौरान सेवाओं के वर्कफ्लो, आवेदन-प्रारूपों, अतिरिक्त सेवाओं को जोड़े जाने आदि के संबंध में चर्चा हुयी।
आयोग ने पाया कि सामान्य जाति प्रमाण-पत्र की सेवा के संबंध में शासनादेश का अभाव है। हैसियत प्रमाण-पत्र की सेवा में भवनों के आंकलन के संबंध में प्रक्रियात्मक सुधार आवश्यक है तथा राजस्व मैनुअल्स के अनुसार प्रत्येक 06 वर्ष में नयी खतौनी तैयार की जानी प्राविधानित है परंतु यह कार्य दृढतापूर्वक नहीं किया जा रहा है। अतः इन विषयों पर आयोग ने राज्य सरकार को सुविचारित शासनादेश जारी करने हेतु अपनी संस्तुति प्रेषित कर दी है। बैठक के दौरान 05 नयी सेवाओं को अधिसूचित किये जाने हेतु चिन्हित किया गया। पोर्टल पर कतिपय विशेष प्राविधान यथा फोटो सहित अथवा फोटो रहित प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की सुविधा तथा पूर्व में जारी किसी प्रमाण-पत्र के गुम होनेध्नष्ट होनेध्अपठनीयध्खराब हो जाने की दशा में नागरिकों को द्वितीय प्रति प्रिंट करने की सुविधा देने हेतु प्ज्क्। एवं छप्ब् को निर्देशित किया गया। बैठक का कार्यवृत्त मुख्य आयुक्त के अनुमोदनोपरांत संबंधितों को कार्यवाही हेतु जारी किया जा चुका है।

गृह विभाग के साथ बैठक
गृह विभाग के साथ बैठक में पुलिस अधीक्षक सहित थाना स्तर तक के कार्मिक उपस्थित रहे। जिला प्रशासन, देहरादून का प्रतिनिधित्व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं प्रशासन) द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देशानुसार शीघ्र ही अन्य सभी विभागों के साथ एस रामास्वामी, मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में अपणि सरकार पोर्टल में सेवा के अधिकार से संबंधित सेवाओं को जनता को उपलब्ध कराने के लिए बैठकें की जाएगी एवं उत्तराखण्ड की जनता के लिए अपणि सरकार पोर्टल को तीन माह के भीतर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे घर बैठे-बैठे सरकार द्वारा दी जा रही सेवाओं का लाभ लिया जा सके और अधिकारी भी निश्चित दिनों के भीतर जनता को सेवाएं उपलब्ध कराएं।

प्रदेश के मुखिया पर कीचड़ उछालने के बहाने विपक्ष को मिला काम

बीते दिनों उत्तराखंड में जिस तरह का माहौल रहा, जिसमें पहले हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर स्वतः संज्ञान लेकर न्यायधीश ने राज्य के मुखिया के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दे दिया। इस आदेश पर राजनीतिज्ञों, कानूनी जानकारों सहित केंद्र तक आश्चर्य जताया गया। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश को प्रदेश के मुखिया और प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी। सरकार सुप्रीम कोर्ट को यह समझाने में कामयाब रही कि जब हाईकोर्ट में याचिका करने वाले पत्रकार उमेश शर्मा ने सीबीआई जांच जैसी कोई मांग ही नहीं की थी तो उनके खिलाफ यह आदेश देने का मतलब क्या रह जाता है और इस बात को सुप्रीम कोर्ट ने भी समझा और सीएम त्रिवेंद्र के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया।

इन दोनों घटनाओं हाईकोर्ट का आदेश देना और सुप्रीम कोर्ट का आदेश आना..। …तक के समयावधि के बीच विपक्ष को मानों सीएम त्रिवेंद्र के खिलाफ बोलने का मुद्दा मिल गया हो। उन्होंने प्रदेश भर में सीएम के खिलाफ मोर्चा खोला और इस्तीफा देने की मांग भी कर डाली। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को आपस में साथ घूमना और समय बीताने का भी अवसर मिला। कार्यकर्ताओं में बेवजह का उत्साह नजर आया। जो अल्प ही समय में बिखर गया, जब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बदल दिया।

यह बात तो तय है कि त्रिवेंद्र सिंह के खिलाफ साजिश में विपक्ष का ही हाथ था। मगर, क्या राजनीति इस स्तर पर पहुंच जाएगी, ऐसा किसी ने नहीं सोचा होगा। विपक्ष ने भ्रष्टाचारियों और माफियाओं के साथ मिलकर राज्य की सरकार को हिलाने की कोशिश की। वह तो त्रिवेंद्र सिंह रावत थे, जो अपने राज्य हित के लिए मजबूत फैसलों और ईमानदारी की छवि रखते है। इसके चलते विपक्ष और माफिया सफल नहीं हो सके। विपक्ष को कुछ वक्त के लिए रोजगार तो मिला।

सरकार ईमानदारी से करती रहेगी काम
बतौर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कहा है कि हम पहले दिन से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, हम आज भी इसपर कायम हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे। हमारी कार्रवाई से भ्रष्टाचारी परेशान हैं इसलिए सरकार को धमकाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, हमारे कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर हो रही कार्रवाई से ये लोग बौखलाए हुए हैं इसलिए ऐसा कर रहे हैं. लेकिन इन लोगों की यह कोशिश असफल रहेगी और सरकार ईमानदारी से काम करती रहेगी।

उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान देने पर चार शिक्षक गौरव पुरस्कार से सम्मानित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले चार शिक्षकों को ‘‘डाॅ. भक्त दर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार-2020’’ से सम्मानित किया। जिन चार शिक्षकों को सम्मानित किया। उनमें राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. मोहन चन्द्र पाण्डेय को वाणिज्य एवं प्रबंधन के क्षेत्र में, एम.बी काॅलेज हल्द्वानी के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ. शिव दत्त तिवारी को वनस्पति विज्ञान के क्षेत्र में, पं. ललित मोहन शर्मा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश के प्रो. (डाॅ.) सतेन्द्र कुमार को साहित्य के क्षेत्र में एवं प्रो. डाॅ. संजय कुमार को इतिहास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डाॅ. डीएस रावत के नाम पर उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों के विज्ञान, काॅमर्स, सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वालों को छात्रवृत्ति दी जायेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कर्नल (डाॅ.) डी.पी. डिमरी द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘उद्यमिता एवं हिमालय के प्रेरणादायक उद्यमी’’ का विमोचन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दून विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य का अवलोकन भी किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सराहनीय कार्य किये। वे एक कुशल राजनीतिज्ञ, शिक्षक, सम्पादक थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अहम योगदान दिया। वे सरल स्वभाव एवं बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव पहल किये। उन्हें पहाड़ से विशेष प्रेम था। डाॅ. भक्त दर्शन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये उत्कृष्ट योगदान के कारण राज्य सरकार ने उनके नाम पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के स्थानीय संसाधनों से किस तरह लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक जीवन में सुधार लाया जा सकता है, इस विषय पर शोध की आवश्यकता है। हम अपने प्राकृतिक संसाधनों एवं स्थानीय उपजों का कैसे बेहतर इस्तेमाल कर सकें। इन क्षेत्रों में विभिन्न विषयों पर आधारित शोध हो। प्रकृति ने देवभूमि उत्तराखण्ड को बहुत कुछ दिया है। इसका सही तरीके से उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर की शुरूआत की गई है। पिछले 06 माह में इन सेंटरों से 06 करोड़ से अधिक की बिक्री हुई है व इनमें कार्य करने वालों को 60 लाख से अधिक का शुद्ध लाभ हुआ है। राज्य में महिला स्वयं सहायता समूहों को 05 लाख तक एवं कृषकों को 03 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है।

उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा कि अगले साल से डाॅ. भक्त दर्शन पुरस्कार उनके जन्म दिवस के अवसर पर 12 फरवरी को दिया जायेगा। जयहरीखाल डिग्री काॅलेज का नाम डाॅ. भक्त दर्शन के नाम पर रखा गया है। पौड़ी जनपद में मुसेटी गांव में उनका स्मारक बनाया गया है, अब मुसेटी में डाॅ. भक्त दर्शन द्वार बनाया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी डिग्री काॅलेजों में 93 प्रतिशत फैकल्टी है। इसे जल्द शत प्रतिशत किया जायेगा। उच्च शिक्षा में चार लाख छात्रों को बड़ी सौगात मिलने वाली है। जल्द की हर डिग्री काॅलेज में 4जी कनेक्टिविटी और वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन का जीवन दर्शन व्यावहारिक, राजनीतिक सुचिता, पहाड़ के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने कहा कि डाॅ. भक्त दर्शन के बारे में लोगों को अधिक जानकारी प्राप्त हो सके इसलिए उनके जीवन एवं कार्यों पर आधारित जानकारी स्कूली पाठ्यक्रमों में होनी चाहिए।

सीएम त्रिवेंद्र के मामलें में अटार्नी जनरल ने हाईकोर्ट के फैसले को बताया गलत

अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल सहित कानून के जानकारों ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के मामले में हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराया। साथ ही इतने कठोर आदेश देने पर आश्चर्य भी जताया।
सीएम को सीबीआई जांच के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली तो है मगर, मामले में कई गंभीर सवाल पैदा हो रहे है। सरकार का पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने तो हाई कोर्ट के निर्णय को गलत बताया ही, कानून के कई जानकारों ने भी हाई कोर्ट के फैसले पर हैरानी जाहिर की है।

कानून विशेषज्ञों का मानना है कि जब रावत इस मामले में पक्षकार ही नहीं थे और याचिकाकर्ता की तरफ से भी ऐसी कोई याचना नहीं की गई, तब हाई कोर्ट का इतना कठोर आदेश देना आश्चर्यचकित करता है।

आदेश सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सदस्य जस्टिस एमआर शाह ने फैसला सुनाते वक्त टिप्पणी भी की कि स्वतः संज्ञान की शक्ति का प्रयोग कर दिया गया हाईकोर्ट का आदेश आश्चर्यचकित करता है। मुख्यमंत्री के वकील मुकुल रोहतगी ने तो इस फैसले को कानून का उल्लंघन बताया है।

कानून के जानकार और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकार्ड एम पी शोरावाला का मानना है कि हाई कोर्ट को इस तरह का आदेश देने से पूर्व मुख्यमंत्री का पक्ष भी सुनना चाहिए था। इससे मुख्यमंत्री को अपनी बात अदालत के सामने रखने का मौका मिलता।

जानकारों का कहना है कि बिना सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का पक्ष सुने केवल उनके खिलाफ इतना बड़ा फैसला उत्तराखंड की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।