ऋषिकेश मेयर को दी जान से मारने की धमकी, पुलिस ने पकड़ा

बीते रोज मेयर अनिता ममगाईं को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अभद्र भाषा का प्रयोग तथा जान से मारने की धमकी देने वाले युवक की पहचान हो गई है। कोतवाली पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया है तथा मामले में पूछताछ कर रही है।

बता दें रविवार को नटराज चौक का नाम इंद्रमणि बडोनी चौक रखे जाने को लेकर बीते शनिवार की रात मेयर अनिता ममगाई ने अपनी फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट के जरिए मेयर ने लोगों को मूर्ति के अनावरण की जानकारी दी थी। इस पर एक युवक ने मेयर अनिता ममगाईं के लिए अभद्र भाषा तथा उन्हें जान से मार देने की धमकी दी थी। इस पर मेयर ने कोतवाली पुलिस को आरोपी युवक के खिलाफ तहरीर दी थी साथ ही फेसबुक पेज के स्क्रीनशॉट भी उपलब्ध कराए थे।

रविवार को उक्त युवक की पहचान हो गई है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि युवक इंदिरा नगर गली नंबर 2 का रहने वाला है। आरोपी युवक का नाम जितेंद्र कुमार पुत्र स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह है। मूल रूप से मऊ उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। कोतवाल ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

मधुबन आश्रम संचालक परमानंद पर लगे गंभीर आरोप, इन धाराओं में हुआ मुकदमा

मधुबन आश्रम संचालक परमानंद दास महाराज पर ट्रस्टियों ने संपत्ति का उपयोग निजी तौर पर करने, आश्रम की आय का गबन करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ट्रस्टियों ने संचालक की नियुक्ति पर भी सवाल पैदा किए हैं। ट्रस्टियों ने थाना मुनिकीरेती में तहरीर भी दी है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आश्रम संचालक परमानंद दास महाराज के खिलाफ अमानत कर खयानात, धोखाधड़ी तथा गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

घटनाक्रम के अनुसार, बुधवार को स्कॉन न्यू वृंदावन ईस्ट ट्रस्ट के सदस्य आरके माहेश्वरी, डॉ. रवि खतान्हार, हेमंत ठाकुर, रविंद्र मल्ल्या मधुबन आश्रम पहुंचे। यहां मधुबन आश्रम की सिक्योरिटी ने उन्हें आश्रम में प्रवेश नहीं करने दिया। ट्रस्टियों ने इसका कड़ा विरोध जताया। उन्होंने आश्रम संचालक को उनसे बात करने को कह, लेकिन संचालक ने उनसे कोई बात नहीं की। इसके बाद वहां हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची, और किसी तरह हंगामे को शांत कराया। इसके बाद ट्रस्टियों ने थाना पहुंच तहरीर दी।

उन्होंने बताया कि ट्रस्ट का गठन 1986 में किया गया था। ट्रस्ट मुंबई में रजिस्टर्ड है। ट्रस्ट की ओर से मधुबन आश्रम पर भक्तियोग स्वामी को मंदिर की पूजा अर्चना के लिए नियुक्त किया गया था, जिनकी 12 अप्रैल वर्ष 2017 को हो गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अपने को आश्रम संचालक बताने वाला व्यक्ति धोखाधड़ी तथा कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत से संचालन कर रहा है, जबकि ट्रस्ट की ओर से इन्हें नियुक्त नहीं किया गया है। साथ ही ट्रस्ट के बैंक अकाउंट के बजाए निजी अकाउंट पर चढ़ावे की धनराशि डाली जा रही है। साथ ही आश्रम की संपत्ति को निजी तौर पर प्रयोग में लाया जा रहा है। तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

थानाध्यक्ष मुनिकीरेती राम किशोर सकलानी ने बताया कि ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से दिए गए कागजात के आधार पर यह प्रतीत होता है कि उक्त लोग ही ट्रस्टी हैं तथा वर्तमान में आश्रम का संचालन कर रहे प्रेम प्रकाश राणा उर्फ परमानंद दास अवैध रूप से आश्रम पर बैठे हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ अमानत पर खयानात, धोखाधड़ी तथा गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मैनेजर से आश्रम संचालक बन बैठा परमानंद
बुधवार को आश्रम ट्रस्टियों ने बताया कि वर्तमान में स्वयं को आश्रम का संचालक बताने वाला प्रेम प्रकाश राणा उर्फ परमानंद दास पूर्व में मंदिर के रेस्टोरेंट का मैनेंजर के पद पर तैनात था। ट्रस्ट की ओर से नियुक्त भक्तियोग स्वामी की मृत्यु के पश्चात परमानंद दास ने स्वयं साधु बनकर अपने को स्वयंभू महाराज घोषित कर दिया है।

ट्रस्ट ने बैंक अकाउंट कराया फ्रीज
ट्रस्ट के सदस्यों ने कहा कि परमानंद दास की ओर से आश्रम में ठहरने वाले श्रद्धालुओं से लिए जाने वाला शुल्क तथा मंदिर के दानपात्र पर आने वाला शुल्क अपने निजी अकाउंट में डाला जा रहा है। उन्होंने इस पर जब परमानंद दास से वार्ता करनी चाही तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। इस पर ट्रस्ट ने आश्रम के पंजाब नेशनल बैंक के अकाउंट को फ्रीज करा दिया है।

ऑन लाइन बुकिंग के जरिये दिया जा रहा कमरा
परमानंद दास पर ट्रस्ट के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त व्यक्ति ने आश्रम को निजी होटल बनाया हुआ है। यहां ऑनलाइन बुकिंग के जरिये टूरिस्टों को महंगे दाम पर कमरा दिया जा रहा है। इसका ट्रस्ट घोर विरोध करता है। साथ ही यहां अपने परिवार के सभी सदस्यों को बैठा रखा है।

परमानंद बोले, जो ट्रस्टी नहीं, वह कर रहे दावा
मधुबन आश्रम संचालक परमानंद दास महाराज ने कहा कि उक्त लोग जो ट्रस्टी होने का दावा कर रहे हैं, दरअसल वह ट्रस्ट के सदस्य ही नहीं हैं। आश्रम का ट्रस्ट वर्ष 1986 में आठ सदस्यीय बना था। इनमें से छह ट्रस्ट के सदस्य ठीक से काम नहीं कर रहे थे तथा मधुबन आश्रम को स्कॉन ट्रस्ट के साथ मिलाकर खुर्दबुर्द करना चाहते थे। ट्रस्ट के मुख्य आर्बिटर किरतनानंद भक्तिपाद ने वर्ष 1995 में इन्हें पत्र भेजकर निकाल दिया था। उक्त सारे पत्र हमारे पास सुरक्षित है। किरतनानंद भक्तिपाद की मृत्यु के बाद यह लोग भक्तियोग स्वामी के पास भी गए, लेकिन वह भी इनके झांसे में नहीं आए। इसके बाद यह लोग सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले और झूठी कहानी सुनाई। बुधवार को अमित रावत नामक व्यक्ति आश्रम पहुंचा और सीएम के आदेश का हवाला देकर निकाले गए इन छह ट्रस्टियों को कब्जा दिलाने की बात कहने लगा। जब हमने इनका प्रस्ताव नहीं स्वीकार किया। तो पुलिस में जाकर झूठी तहरीर दी और झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। परमानंद दास ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि पुलिस ने बिना जांच पड़ताल किए उनके ऊपर गंभीर धाराएं लगा दी हैं।

ओटीपी के अंक जान खाते से निकाले 48 हजार पांच सौ

ऋषिकेश स्थित गुलजार फार्म अभिषेक विहार हाट वाली रोड श्यामपुर निवासी ममता मारवाड़ी पत्नी सुधीर मारवाड़ी का गूगल पे एप्लीकेशन पर अकाउंट बना हुआ है। बीते 20 जून को उनके अकाउंट में कुछ तकनीकी दिक्कतें आ गई थी। उसी दिन महिला के मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। उसने स्वयं को गूगल पे कस्टमर केयर से होना बताया तथा गूगल पे पर आ रही दिक्कत के बारे में पूछा। साथ ही उनके बैंक की डिटेल मांगी। महिला ने भी अपने एटीएम का नंबर बता दिया।

इसके बाद उनके मोबाइल पर एक ओटीपी आया। उक्त पासवर्ड को महिला ने उक्त अज्ञात व्यक्ति को दे दिया। इसके बाद फोन कट गया और महिला के फोन पर 48,500 रुपए कटने का संदेश आया। खाते से रुपये उड़ने पर महिला के होश उड़ गए। उन्होंने कोतवाली पुलिस से अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि मामला साइबर क्राइम से जुड़ा है। मामले की जानकारी जुटाकर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस मामले में जांच की जा रही है।

सड़क दुर्घटना में एसडीएम सहित नौ घायल, एक किशोरी की मौत

ऋषिकेश-देहरादून बाईपास मार्ग पर एक कार ने विक्रम और एक अन्य कार को जोरदार टक्कर मार दी। इससे विक्रम सवार सात घायल हो गए, जबकि एक युवती की मौत हो गई। वहीं, दूसरी कार में एसडीएम ऋषिकेश और नाजीर घायल हो गए।

बुधवार को विक्रम संख्या यूके 07-टीसी 1653 में सवारी भरकर ऋषिकेश आ रहा। इनके ठीक पीछे ऋषिकेश तहसील के नाजीर सुनील भट्ट अपनी कार यूके-07डीएफ-7996 पर एसडीएम प्रेमलाल को लेकर आ रहे थे। तभी ऋषिकेश से देहरादून जा रही तेज रफ्तार कार संख्या यूके-07डीजे-8724 ने काली मंदिर के समीप विक्रम को जोरदार टक्कर मार दी। इससे विक्रम हाईवे किनारे लगी रेलिंग पर पिछले हिस्से से चढ़ गया। इसमें विक्रम चालक को छोड़कर बाकी सवारी बुरी तरह घायल हो गए।

इसके बाद उक्त कार ने एसडीएम सवार कार को भी जोरदार टक्कर मार दी। इसमें कार चालक व तहसील ऋषिकेश नाजीर सहित एसडीएम प्रेमलाल भी घायल हो गए। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। एसडीएम को पुलिस की गाड़ी से एम्स तथा अन्य घायलों को एंबुलेंस के जरिये राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को एम्स और जौलीग्रांट अस्पताल रैफर किया गया। जौलीग्रांट अस्पताल में दाखिल तनु की इलाज के दौरान मौत हो गई। चिकित्सकों के अनुसार तनु के सिर पर गहरी चोट आई थी। वहीं, सब इंस्पेक्टर दिनेश चमोली ने बताया कि मामला तेज रफ्तार तथा लापरवाही से वाहन चलाने से जुड़ा है। फिलहाल इस संबंध में पीड़ित पक्ष की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

मृतक का नाम
तनु (17) पुत्री दिनेश निवासी रानीपोखरी
घायलों का नाम
प्रेमलाल उप जिलाधिकारी ऋषिकेश
सुनील भट्ट (31) पुत्र स्व. भरोसेराम निवासी शांति विहार फेस-2 अजबपुर कलां देहरादून
अनीषा (16) पुत्री दिनेश निवासी रानीपोखरी
वर्षा (19) पुत्री शत्रुघन निवासी रायवाला
ऋचा (21) पत्नी एमआर कोठियाल निवासी पंसुआ बड़कोट डांडी रानीपोखरी
शोभा (40) पत्नी दिनेश निवासी रानीपोखरी
रश्मि (30) पुत्री अशोक निवासी भोगपुर रानीपोखरी
पुष्पा (40) पुत्री धीरेंद्र निवासी भोगपुर
श्याम सिंह (32) पुत्र स्व. मुखराम निवासी ढूढ़ीधार नई टिहरी

एसडीएम का उतरा कंधा
उप जिलाधिकारी प्रेमलाल के दुर्घटना में घायल होने की सूचना पाकर पार्षद राकेश मियां भी एम्स पहुंचे। उन्होंने एसडीएम से मुलाकात की। साथ ही निदेशक प्रो. रविकांत से भी स्वास्थ्य की जानकारी जुटाई। वहीं, एम्स के जन संपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि चिकित्सकों के अनुसार एसडीएम प्रेमलाल को कंधा उतर गया है। फिलहाल वह स्वस्थ हैं, उनका उपचार चल रहा है।

शराब के नशे में धुत युवक ने ठेली से उठाए फल, रूपए मांगने पर कर दी धुनाई

मुनिकीरेती क्षेत्र के शीशमझाड़ी वार्ड संख्या दो निवासी सुभाष कुमार पुत्र रामकिशन ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि बीते आठ अगस्त की रात करीब 10 बजे वह ठेली लेकर अपनी दुकान पहुंचे थे। वहां कुछ लोग शराब पी रहे थे। इनमें से आशीष गौड़ नामक युवक को छोड़कर बाकी सभी चले गए। आशीष गौड़ ने अत्यधिक शराब पी हुई थी और उसने अपनी मर्जी से ठेली से फल उठा लिए।

उसने जब रुपये मांगे तो आशीष ने मारपीट कर ठेली पलट दी। इसके बाद वह पुलिस चौकी शिकायत दर्ज कराने आ रहे थे। तभी उनके मोबाइल पर एक फोन आया कि आशीष गौड़ दोबारा उनकी दुकान पर आ गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि वह फिर अपनी दुकान पहुंचे तो वहां आशीष गौड़ ने कहा कि अगर पुलिस चौकी गया तो जान से मार दूंगा। नौ अगस्त को वह अपनी दुकान में बैठे थे। तभी आशीष गौड़ अपने साथी मोहित के साथ दुकान पर पहुंचा और दुकान बंद कर उसे दो घंटे तक बंधक बनाए रखा।

शिकायतकर्ता ने बताया कि आशीष गौड़ पूर्व में भी कई बार उनकी दुकान से फल लेकर जाता रहा है। इसके रुपये भी नहीं देता है। फल के बदले में रुपये मांगने मार पिटाई करता है। उन्होंने अपनी जान माल की गुहार लगाई है। साथ ही दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। थानाध्यक्ष मुनिकीरेती राम किशोर सकलानी ने बताया कि मामला संज्ञान में है, फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

दिनदहाड़े युवक को बदमाशों ने मारी गोली, दशहत

मंगलवार को पौड़ी जनपद के कोटद्वार थाना क्षेत्र के अंतर्गत दिनदहाड़े बदमाशों ने एक युवक पर गोली चला दी। आननफानन में युवक को बेस अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस और वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। तब तक बदमाश फरार हो चुके थे।

सिमलचौड़ में एएसपी आवास और एआरटीओ कार्यालय के पीछे शिव केबल नेटवर्क का मुख्यालय है। यहीं पर केबल संचालक अजय सिंह रावत का आवास भी है। दो महीने से यहां पर शिमला बाईपास देहरादून निवासी शेखर चंद्र ढौंडियाल (43) पुत्र रमेश चंद्र रह रहा था। मंगलवार शाम करीब साढ़े तीन बजे शेखर केबल मुख्यालय के बाहर बरामदे में मोबाइल से बात करते हुए टहल रहा था। इसी बीच सड़क की ओर से पड़ने वाले छोटे गेट से बदमाशों ने उस पर फायर झोंक दिया। वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर गया। गोली की आवाज सुनकर केबल कंट्रोल रूम से दूसरे लोग बाहर निकले। तभी केबल संचालक अजय रावत भी बाहर आया और आनन-फानन में शेखर को कार में डालकर बेस अस्पताल ले गया। अस्पताल में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के हाथ पांव फूल गए। यूपी से सटे मार्गों की नाकेबंदी कर दी गई। यूपी बार्डर से लेकर चिलरखाल फारेस्ट चौकी बैरियर पर आने जाने वाले हर वाहन और दो पहिया वाहन की सघन चेकिंग की गई, लेकिन बदमाश हत्थे नहीं चढ़ सके। एएसपी प्रदीप राय और कोतवाल मनोज रतूड़ी की अगुवाई में पुलिस ने केबल कंट्रोल रूम और आसपास के सीसीटीवी खंगालने शुरू कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में बदमाशों की संख्या तीन बताई जा रही है। हत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है। पुलिस का मानना है कि रंजिश की वजह देहरादून से जुड़ी हुई है। हत्या को शार्प शूटर ने अंजाम दिया है।

महिला से घर में घुसकर की मारपीट फाड़े कपड़े, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

कोतवाली ऋषिकेश क्षेत्र में दो सगे भाइयों पर महिला के घर में घुसकर गाली गलौच, मारपीट और गलत नियत से कपड़े फाड़ने का आरोप लगा है। महिला की तहरीर पर पुलिस ने सगे भाइयों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार आरोपियों ने भी शिकायतकर्ता पर नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ की बात कही है।

जानकारी के मुताबिक बीती 11 जुलाई को बनखंडी रामलीला ग्राउंड निवासी बसंती देवी पत्नी लाल बहादुर अपने कमरे में अकेली थी और उनके पति और बेटा दूसरे कमरे में थे। शिकायतकर्ता महिला का आरोप है कि मंशा देवी निवासी राजेंद्र और राजकुमार दोनों पुत्र सत्यदेव करीब एक दर्जन लोगों को लेकर उनके घर में रात 10 बजे घुस आए थे। इसके बाद पति और बेटे को कमरे में बंद कर दिया और उनके कमरेे में घुसकर गाली गलौच की। विरोध करने पर उक्त लोगों ने मारपीट की और मेरे कपड़े फाड़ दिए। शोर सुनकर आसपास के लोग वहां आ गए। लोगों के आने पर सभी आरोपी भाग निकले। कोतवाली पुलिस ने दोनों आरोपियों राजेंद्र और राजकुमार के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।

रुपयों के लेन-देन का है मामला
बसंती देवी के अनुसार लाल बहादुर ने बीते वर्ष 2018 में दोनों आरोपियों के घर पर लोहे की ग्रिल, रेलिंग और दरवाजा लगाया था। इसकी कीमत 20 हजार रुपये थी। इसके अलावा लाल बहादुर ने आरोपियों को पूर्व में 20 हजार रुपये उधार दिए थे। कुल 40 हजार राशि को जब उनके पति बार-बार मांगने लगे तो 11 जुलाई की रात को आरोपी अपने साथ दर्जनों लोगों को लेकर उनके घर आए और गालीगलौच, मारपीट कर बदनीयत से कपड़े तक फाड़ दिए।

नकली नोट रखने और चलाने के आरोप में कोर्ट ने सुनाई चार साल की सजा

नकली नोट रखने तथा उन्हें चलन में लाने के मामले में प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोषी को चार साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। बीते वर्ष 30 नवंबर 2018 को रायवाला स्थित एक होटल के समीप एक स्थानीय दुकानदार महेंद्र सिंह ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी थी कि एक व्यक्ति उनकी दुकान पर आया और 200 रुपये लेकर चला गया। व्यक्ति ने सामान लेने के बदले जो 100 रुपये के दो नोट उन्हें दिए, वह नकली हैं। सूचना पाकर रायवाला पुलिस मौके पर पहुंची और कुछ ही दूरी पर अजय पुत्र सूरजभान निवासी ग्राम नेहरड़ा पोस्ट व थाना जुलाना जिला जींद हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया। तलाशी के दौरान उसके पास कुल 2900 रुपये बरामद किए गए। इनमें 500 रुपये का एक नोट, जबकि 100 रुपये के 24 नोट नकली पाए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नकली नोट रखने तथा उन्हें चलाने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।

पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान वर्दी में रहेंगेः एसएसपी

देहरादून जिले का चार्ज संभालते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने थाना और चौकी प्रभारियों के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जो थाना और चौकी प्रभारी घर बैठे ही काम कर रहा है, वह दूसरी जगह पोस्टिंग तलाश लें। इसके अलावा तिराहे, चौराहे से लेकर भीड़ वाले इलाकों में हर वक्त पुलिस फोर्स को तैनाती के निर्देश दिए।

राजधानी के एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन थानेदारों के पेंच कसने शुरू कर दिए। रविवार को सभी थानेदारों को लिखित और मौखिक रूप से आदेश जारी किए गए कि घर से थाना-चौकी नहीं चल सकती है। उन्होंने ड्यूटी के दौरान वर्दी के साथ तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी ने कहा कि राजधानी के कुछ थाना-चौकी इंचार्ज आरामतलब नौकरी कर रहे हैं। इनकी सूचना उनके पास पहले से मौजूद है। उन्होंने सभी इंचार्ज को थाना-चौकी से बाहर निकलकर गश्त, चेकिंग पर रहने के निर्देश दिए। शहर में पुलिस की मौजूदगी शत फीसद हो, इसके लिए ट्रैफिक और थाना पुलिस को समन्वय बनाकर व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए गए।

थानेदारों और चौकी इंचार्ज की जीपीएस लोकेशन को भी अपडेट रखने के निर्देश दिए हैं। इसकी जिम्मेदारी एसपी सिटी श्वेता चौबे को सौंपी गई है। एसएसपी ने सीसीटीवी कैमरों और औचक निरीक्षण से भी मॉनिटरिग करने की बात कही। ताकि ट्रैफिक व्यवस्था से लेकर आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण लग सके।

हत्या मामले में आरोपी पति और ससुर को कोर्ट ने माना दोषी, मिली आजीवन कारावास की सजा

नवविवाहिता की हत्या मामले में न्यायालय ने पति और ससुर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोनों आरोपियों पर दस-दस हजार रूपए का अर्थदंड भी लगाया है। जिसे न चुकाने पर दोनों आरोपियों को तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। वहीं, अदालत ने दोनों आरोपियों को हत्या का कारण दहेज नहीं पाया है। लिहाजा दहेज के आरोपों से दोनों को बरी किया गया है।

थाना रायवाला में पंकज शर्मा ने तहरीर दी थी। उन्होंने बताया था कि उनकी बहन मंजू तिवारी का विवाह हरिपुर कलां निवासी रोहित तिवारी पुत्र ओम प्रकाश तिवारी के साथ नौ फरवरी 2018 को हुआ था। एक जुलाई 2018 को रोहित ने उन्हें फोन पर सूचना दी कि उनकी बहन ने आत्महत्या कर ली है। इसके बाद वह दो जुलाई को बहन के ससुराल पहुंचे। उन्हें बहन की आत्महत्या वाले पहलू पर आशंका हुई और थाना रायवाला में लिखित शिकायत देकर मामले की जांच की मांग की।

थाना रायवाला ने जांच कर आरोपी पति और ससुर पर हत्या का मामला दर्ज करते हुए आरोपपत्र न्यायालय में दाखिल किया। शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय की अदालत में दोनों पक्षों की अंतिम बहस हुई। इसमें शासन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) राजेश पैंयूली ने ठोस पैरवी की। इसके आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों रोहित तिवारी पुत्र ओम प्रकाश तिवारी तथा ओम प्रकाश तिवारी पुत्र गंगाराम निवासीगण ग्राम सुरजीपुर, थाना गोकुल बहेटा हरदोई उत्तर प्रदेश, हाल किराएदार श्रीबालाजी धाम गली नंबर 03, हरिपुरकलां थाना रायवाला देहरादून को मंजू तिवारी की हत्या का दोषी पाया।