क्या हकीकत में देश की सबसे बड़ी एफआइआर उत्तराखंड में लिखी जा रही? जानिए…

कहा जा रहा है कि देश की सबसे बड़ी एफआइआर अपने राज्य में दर्ज होने जा रही है। अभी तक पांच दिन में 43 पेज की लिखत-पढ़त हो चुकी है। जबकि अभी 11 पेज और लिखा जाना बाकी है। इन पेजों के लेखाजोखा में पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं। इसके पीछे का कारण स्वास्थ्य विभाग है। जिसने आयुष्मान योजना में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट ही पुलिस को एफआइआर के रूप में दे दी है। वहीं एसएसपी ऊधमसिंहनगर बरिंदरजीत सिंह का इस बारे में कहना है कि देश की सबसे बड़ी एफआइआर है, ऐसा कहना संभव नहीं है। इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। एफआइआर लंबी है, इसलिए समय अधिक लग रहा है। विवेचक को विवेचना करने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। तथ्यों के आधार पर विवेचना की जाएगी।
आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अटल आयुष्मान योजना के तहत एमपी मेमोरियल अस्पताल और देवकी नंदन अस्पताल में भारी अनियमितताएं पकड़ी थीं। जांच में सामने आया कि अस्पताल के संचालक नियमों के खिलाफ मरीजों के फर्जी इलाज के बिलों का क्लेम वसूल रहे हैं। एमपी अस्पताल में मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद भी उनको कई-कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती दिखाया गया। इसके अलावा आइसीयू में भी क्षमता से ज्यादा रोगियों का इलाज होना बताया गया। मामले की पूरी जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पूरी जांच रिपोर्ट ही पुलिस को एफआइआर दर्ज करने के लिए दे दी। स्वास्थ्य विभाग की जांच ही पुलिस के गले की फांस बनी हुई है। यदि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जांच का निष्कर्ष निकालकर दिया गया होता तो पुलिस को इतनी दिक्कतें नहीं झेलनी पड़तीं। हालांकि बांसफोड़ान पुलिस चैकी में देवकी नंदन अस्पताल संचालक पुनीत बंसल के खिलाफ 22 पेज की एफआइआर लिखी जा चुकी है। जबकि अभी एमपी मेमोरियल अस्पताल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का सिलसिला जारी है।
एफआइआर को लिखने में लिपिक के सामने सबसे बड़ी दिक्कत भाषाएं बनी हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एफआइआर लिखने को दी गई जांच रिपोर्ट हिंदी-अंग्रेजी और गणित की भाषा में है। जिससे एक पेज लिखने में घंटों का समय लग रहा है। हालांकि मैनुअली लिखे जाने के साथ ही एफआइआर को साथ ही साथ पुलिस के सॉफ्टवेयर सीसीटीएनएस दर्ज किया जा रहा है। कटोराताल पुलिस चैकी में एमपी मेमोरियल अस्पताल के खिलाफ लिखी जा रही एफआइआर में अभी तक आठ रिफिल लग चुके हैं। जबकि अभी तीन-चार रिफिल और खर्च हो सकते हैं। इतना ही नहीं एफआइआर को लिखने में लिपिक को प्रतिदिन 14 घंटे का समय देना पड़ रहा है। जिसके बाद अन्य काम किए जा रहे हैं।

हरिद्वार और यूएस नगर में बिजली चोरी को रोकने को प्राधिकृत होंगे दो थानें

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विद्युत लाईनों को ठीक करते हुए होने वाली दुर्घटनाओं को राकने के लिए पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इन दुर्घटनाओं के प्रभावितों को तुरंत मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। बिजली चोरी को रोकने के लिए उच्च अधिकारी भी फील्ड में जाएं। सौर ऊर्जा व पिरूल आधारित ऊर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाए। सरकारी भवनों को सोलर रूफ टॉप अंतर्गत लाया जाए। एलईडी उपकरणों की बाजार में मांग का विश्लेषण कर उसी अनुरूप इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में बिजली चोरी को रोकने के लिए दो थानों को प्राधिकृत कर दिया जाए। मुख्यमंत्री सचिवालय में ऊर्जा विभाग की सीएम डेशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ में केपीआई के आधार पर समीक्षा कर रहे थे।

बैठक में सचिव राधिका झा ने बताया कि जल विद्युत परियोजनाओं से इस वर्ष 13.5 मेगावाट क्षमता की वृद्धि हो जाएगी। अगले छः माह में सरकारी कार्यालयों में 25 किलोवाट तक के प्री-पैड मीटर लगा दिए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में विद्युत हानि अधिक है वहां ओपेक्स मॉडल पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। ऊर्जा विभाग में 10 केपीआई लिए गए हैं। इसमें 13 हाइड्रो पो्रजेक्ट से 4700 मिलियन यूनिट उत्पादन के सापेक्ष 4663 मिलियन यूनिट उत्पादन किया जा रहा है। 2.25 लाख घरों की मीटरिंग के लक्ष्य के सापेक्ष 2.32 लाख घरों की मीटरिंग की जा चुकी है। एटी एंड सी हानियों को 16.53 प्रतिशत तक लाया जा चुका है। इसे 14 प्रतिशत तक लाया जाना है। 7.76 लाख एलईडी बल्ब का वितरण किया जा चुका है। औसत बिजली उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में 23.20 घंटे प्रतिदिन व शहरी क्षेत्रों में 23.35 घंटे है। बिलिंग एफिशिएंसी 85.78 प्रतिशत की जा चुकी है। सौर ऊर्जा की 148.85 मेगावाट की परियोजनाएं आवंटित की जा चुकी हैं। पिरूल नीति के अंतर्गत 675 कि0वा0 की परियोजना आवंटित की जा चुकी हैं।

रूपया जमा करने पहुंचे युवक से दो युवकों ने की लूट, पुलिस ने गंग नहर से आरोपियों को पकड़ा

जिला हरिद्वार के रुड़की में पिरान कलियर क्षेत्र में बैंक में पैसा जमा करने आए युवक से दो युवकों ने दुस्साहस करते हुए बैंक के अंदर से ही हजारों की नकदी लूट ली और भागने लगे। युवक ने शोर मचाकर उनका पीछा किया तो दोनों गंगनहर में कूद गए। वहीं, सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों दोनों आरोपियों को गंगनहर से बाहर निकाला। पुलिस ने दोनों के खिलाफ लूट का केस दर्ज कर लिया है।

भगवानपुर थाना क्षेत्र के मानुबास गांव निवासी शहजाद का कलियर-रुड़की मार्ग स्थित पंजाब नेशनल बैंक में खाता है। बृहस्पतिवार को वह खाते में पैसे जमा करने बैंक आए थे। अभी उन्होंने फार्म भरना शुरू ही किया था कि दो युवक उनके पास पहुंचे।

दोनों ने खुद को अनपढ़ बताते हुए शहजाद से अपना भी पैसे जमा करने वाला फार्म भरने कहा। इस पर शहजाद ने अपने करीब साढ़े बारह हजार रुपये काउंटर पर ही रख दिए और उनका फार्म भरने लगा।
इस बीच शहजाद का ध्यान हटते ही एक युवक ने रुपये उठा लिए और उनकी जगह रुमाल में लपटेकर नोटनुमा कागज के टुकड़े रखकर भाग निकला। इसी बीच दूसरा युवक भी बिना फार्म जमा करवाए ही भागने लगा। शक होने पर शहजाद ने रुमाल उठाकर देखा तो रुपये गायब थे। इसके बाद उन्होंने शोर मचाते हुए भाग रहे युवकों का पीछा किया।

देखते ही देखते कई लोग युवकों को पकड़ने के लिए दौड़ पड़े। भीड़ को आता देख दोनों युवकों ने पुरानी गंगनहर में छलांग लगा दी। साथ ही रुके पानी में खड़ी (समुंदर सोक) घास में छिप गए। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और दोनों की तलाश की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

लिहाजा कलियर पुलिस ने जल पुलिस के जवानों को बुलाकर दोनों की तलाश शुरू की। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद जल पुलिस के जवानों ने दोनों युवकों को तलाश कर गंगनहर से बाहर निकाला।

इसके बाद पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले आई और उनके पास से लूटी गई रकम बरामद कर ली। एसओ अजय सिंह ने बताया कि इमरान निवासी खजूरी, दिल्ली और राजू गोम्स निवासी कलकत्ता हाल निवासी सोनिक सिटी, गाजियाबाद के खिलाफ लूट का केस दर्ज कर दोनों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।

परीक्षा में पास कराने के नाम पर हुई ठगी, युवक काट रहा कोतवाली के चक्कर

कोतवाली ऋषिकेश क्षेत्र में 10वीं की परीक्षा पास करवाने के नाम पर 18 हजार ऐंठने का मामला प्रकाश में आया है। खुद को इंस्टीट्यूट की संचालिका बताने वाली एक महिला ने पीड़ित की परीक्षा भी कराई लेकिन छह माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी परीक्षा का परिणाम नहीं आया। पीड़ित ने जब संचालिका से संपर्क करने की कोशिश की तो उससे बात हो पाई। आफिस भी महीनों से बंद पड़ा हुआ है। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने कोतवाली पुलिस को तहरीर भी दी है। वहीं पुलिस तहरीर के आधार पर मुकदमा लिखने को राजी नहीं दिख रही है। बता दें कि महिला ने स्वयं को एनआईओएस का अधिकारी भी बताया था।

तहरीर में शिवाजी नगर निवासी शिवा मंडल ने बताया कि वह हरिद्वार मार्ग स्थित एक संस्थान में गया। यहां संस्थान की संचालिका डूटिमॉनी बगलानी ने बताया कि उनकी एक ओपन स्कूल में अच्छी बातचीत है। वह 10 कक्षा में उन्हें पास करा देंगी। इसके लिए संचालिका ने बीते वर्ष नौ जुलाई 2018 को छह हजार रुपये जमा करवाने को कहा और रसीद दी। पीड़ित का कहना है कि अचानक नवंबर माह में संचालिका ने दूसरी किश्त में नौ हजार रुपये और जमा करने को कहा। यह धनराशि भी पीड़ित ने 27 नवंबर 2018 को जमा कर दी। इसके बाद उसने दिसंबर में देहरादून स्थित केंद्रीय विद्यालय में परीक्षा भी दी। छह माह से अधिक समय बीत जाने और परीक्षा का रिजल्ट नहीं आने पर पीड़ित ने उक्त महिला से संपर्क करना चाहा। उक्त महिला का आफिस भी बंद है और महिला का फोन भी बंद आ रहा है।

आरटीआई से खुली पोल, जहरीली शराब कांड की आज तक नहीं बन पाई जांच कमेटी

हरिद्वार जिले के रुड़की में बीते आठ फरवरी को हुए जहरीली शराब कांड और इससे हुई मौतों के बाद हैरतअंगेज मामला प्रकाश में आया है। जहरीली शराब से हुई दर्जनों मौतों के बाद सरकार और शासन ने मामले की जांच करवाने का मरहम लगाने की कोशिश की थी, जो कि झूठी बयानबाजी साबित हुई है। इसका खुलासा आरटीआई के तहत उपलब्ध हुए दस्तावेजों से हुआ है। गंभीर बात ये है कि जिस जांच कमेटी का ढिंढोरा पीटा जाता रहा वह कभी गठित ही नहीं हो पाई।

इस मामले में फौरी तौर पर आबकारी विभाग के कुछ अफसरों पर कार्रवाई भी हुई। इसके अलावा मामले की विस्तृत जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने का दावा किया गया था। आबकारी विभाग का रवैया कितना ढींठ और लापरवाह है इसकी नई बानगी देखने को मिली है।

अधिकारी नामित किए जाने का पत्रालेख ही जारी नहीं किया
आरटीआई के तहत उपलब्ध हुए दस्तावेजों के मुताबिक जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद आबकारी निरीक्षक और उप आबकारी निरीक्षकों के सबंध में उप आबकारी आयुक्त प्रदीप कुमार को सौंपे जाने की बात कही गई थी।

इसके अलावा प्रधान आबकारी सिपाही और आबकारी सिपाहियों की भूमिका की जांच का जिम्मा सहायक आबकारी आयुक्त राजीव सिंह चौहान को सौंपने का दावा किया गया था। हकीकत ये है कि विभाग के अन्य अफसरों की लापरवाही की थाह लगाने से पहले उच्चाधिकारी खुद ही वादाखिलाफी का शिकार हो गए। दस्तावेजों के मुताबिक जांच अधिकारी नामित किए जाने का पत्रालेख ही जारी नहीं किया गया।

जानिए, तिहाड़ जाने से अच्छा है घर में नजर बंद रहुं, किसने कहा?

दिल्ली की शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम की सीबीआई हिरासत पांच सितंबर तक बढ़ा दी है। चिदंबरम के वकील ने कहा कि वे फिलहाल अंतरिम जमानत पर जोर नहीं दे रहे हैं। उन्होंने इसकी सुनवाई पांच सितंबर को निर्धारित करने की मांग की। सीबीआई ने मामले में चिदंबरम की हिरासत में पूछताछ की अवधि दो दिन बढ़ाने की मांग की थी।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पांच सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में रहेंगे। शीर्ष अदालत ने चिदंबरम के वकील से कहा कि फिलहाल वह निचली अदालत में सोमवार को दायर अंतरिम जमानत याचिका पर पांच सितंबर तक जोर नहीं दें। न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और उन्हें सीबीआई की हिरासत में भेजने के निचली अदालत के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर पांच सितंबर को सुनवाई की जाएगी। पीठ ने इस मामले को पांच सितंबर के लिये सूचीबद्ध करते हुए कहा कि हम इस बात के प्रति सजग हैं कि हमें संबंधित निचली अदालत का अधिकार क्षेत्र नहीं छीनना चाहिए।
इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने न्यायालय से कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाए बल्कि घर में ही नजरबंद कर दिया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि निचली अदालत सोमवार को ही चिदंबरम के अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार नहीं करती है तो उनकी सीबीआई हिरासत की अवधि और तीन दिन के लिए बढ़ा दी जाएगी। पीठ ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह निचली अदालत द्वारा चिदंबरम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने और बाद में उन्हें जांच ब्यूरो की हिरासत में देने के आदेश को चुनौती देने के मामले में अपना जवाब दाखिल करे।
सीबीआई की विशेष अदालत ने 30 अगस्त को पूर्व वित्त मंत्री को दो सितंबर तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर आरोप है कि वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने रिश्वत लेकर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में 305 करोड़ रुपये लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी।

पति को मां को एक ही बेड पर देख दंग रह गई बेटी, पहुंची थाने

पति और पत्नी के बीच ‘वो’ यानी दूसरी महिला के आने पर काफी बहस होती है और कई विवाद जन्म लेते है। मगर, जब वो दूसरी महिला पत्नी की मां ही हो, तो ऐसे में दंग रहना लाजिमी है। उत्तराखंड के रुद्रपुर ट्रांजिट कैंप थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने अपनी मां और पति के बीच अवैध संबंध होने का आरोप लगाकर पुलिस को तहरीर दी है। महिला ने पति और मां पर उसे मारपीट कर घर से निकालने का भी आरोप लगाया है। तहरीर मिलते ही पुलिस तहकीकात में लग गई है।

बेटी के इस आरोप पर पुलिस भी सन्न है। पुलिस को दी तहरीर में ट्रांजिट कैंप निवासी पीड़ित महिला ने कहा कि 13 वर्ष पहले उसका विवाह हुआ था। विवाह के कुछ समय तक सब कुछ ठीक चला, लेकिन कुछ समय बाद ही उसकी मां उसके पास आकर रहने लगी।

इस दौरान पति का उसके प्रति व्यवहार बदलने लगा। बात-बात पर पति उससे मारपीट करता और अधिकतर समय उसकी मां के साथ रहता था। शक होने पर जब उसने मां और पति पर नजर रखनी शुरू की तो उसे दोनों के बीच अवैध संबंधों का पता चला।

आरोप है कि जब उसने पति को समझाने का प्रयास किया तो पति ने उसे ही पीट दिया। वहीं समझाने पर मां भी उसकी दुश्मन बन गई और पति को भड़काकर घर के ही दूसरे कमरे में रहने का फरमान सुना दिया। बीते बुधवार रात जब उसने पति और मां को आपत्तिजनक हालत में देख विरोध किया तो दोनों ने उसे पीटकर घर से निकाल दिया।

शादी के लिए किया मना तो प्रेमी ने प्रेमिका को उतारा मौत के घाट

शादी के लिए मना करने पर एक सिरफिरे आशिक ने घर में घुसकर प्रेमिका पर चाकू से वार कर हत्या कर दी। युवक ने खुद के गले व हाथ पर भी चाकू से वार कर आत्महत्या का प्रयास किया। युवक एम्स ऋषिकेश में भर्ती है। वहंी, युवती के शव को पोस्टमार्टम के बाद उसकी आंखे एम्स को दान कर दी गईं है।

ठेकेदार सुखराम यादव बनखंडी गली नं. दो में अपने परिवार के साथ रहते हैं। बुधवार की सुबह वह आरएसएस की शाखा में गए थे, जबकि उनकी पत्नी प्रातः करीब साढ़े छह बजे मार्निंग वॉक के लिए गई हुई थी। घर पर उनकी बेटी कल्याणी (27) मौजूद थी। सुबह करीब पौने सात बजे एक युवक उनके घर के बाहर स्कूटी खड़ी करके अंदर घुस गया। युवक की कल्याणी के साथ कहासुनी होने लगी। घर की ऊपरी मंजिल पर किराये पर रहने वाले रवि ने जब आवाज सुनी तो वह नीचे आ गया। देखा कि बरामदे में युवक व कल्याणी के बीच छीनाझपटी हो रही थी, जिसे देख रवि ने बीच बचाव करना चाहा।

मगर, युवक ने बरामदे में भीतर से कुंडी लगा दी। यह बात अन्य लोगों को बताने के लिए रवि बाहर की ओर दौड़ा। इस बीच युवक ने पेपर काटने वाले धारदार चाकू से कल्याणी का गला रेत दिया और शरीर पर अन्य जगह भी वार कर दिए। युवक ने खुद के गले पर भी चाकू से गहरा वार कर दिया और हाथ की नसें भी काट दी। सूचना पर घर पहुंचे परिजनों ने आसपास के लोगों की मदद से ग्रिल की जाली काटकर भीतर प्रवेश किया। बरामदे में कल्याणी व युवक लहूलुहान हालत में पड़े थे। इस बीच कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। मगर, तब तक युवती दम तोड़ चुकी थी। जबकि गंभीर रूप से घायल युवक को पुलिस ने एम्स ऋषिकेश पहुंचाया। वहंी, मृतक युवती की आंखे उसके पिता सुखराम ने दान की है। बुधवार दोपहर बाद एम्स पहुंचे मृतका के पिता सुखराम ने एम्स को बेटी की आंखे दान करने का निर्णय लिया है।

सरकार ने भेजा नोटिस, हाईकोर्ट से भी नही मिली डाॅक्टरों को राहत

उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कालेजों से बांड के तहत एमबीबीएस करने वाले गैरहाजिर डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग ने ज्वाइनिंग का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है। इसके बाद बांड की शर्तों के मुताबिक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं न देने वाले बांड धारक डॉक्टरों से 18 प्रतिशत ब्याज के साथ फीस की वसूलने की कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने सरकारी मेडिकल कालेजों में बांड योजना शुरू की थी। जिसमें बांड भरकर एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को फीस में भारी छूट दी गई। लेकिन एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ डॉक्टर ने युवाओं ने दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देने से इनकार कर दिया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सख्ती करने पर ऑल इंडिया रैकिंग से बांड के तहत एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
जिसमें हाल ही में हाईकोर्ट ने बांड की शर्त के अनुसार ज्वाइनिंग न करने वाले डॉक्टरों से 18 प्रतिशत ब्याज के साथ फीस वसूलने के आदेश दिए। अपर सचिव, स्वास्थ्य विभाग, युगल किशोर पंत ने बताया स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों से गैरहाजिर चल रहे बांड धारक डॉक्टरों का रिकॉर्ड तैयार कर नोटिस जारी किए गये हैं। जिसमें ऑल इंडिया रैकिंग के करीब 22 डॉक्टर हैं। वहीं राज्य कोटे की सीट से बांड भरने वाले डॉक्टरों को नोटिस संबंधित कालेजों को भेजे गए हैं।
वहीं, इस साल से सरकार ने दून और हल्द्वानी मेडिकल कालेज में बांड के माध्यम से एमबीबीएस करने की योजना को समाप्त कर दिया है। अब श्रीनगर मेडिकल कालेज और अगले साल से अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में ही बांड भरकर कम फीस पर एमबीबीएस की सुविधा मिलेगी।
बांड से प्रशिक्षित डॉक्टरों से एमबीबीएस की 15, 25, 50 हजार रुपये की फीस ली जाती है। जबकि बिना बांड के फीस चार लाख रुपये सालाना देनी होती है। बांड से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को एक साल तक मेडिकल कालेजों में सेवाएं देनी होती हैं। इसके बाद दो साल तक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों और दो वर्ष तक जिला चिकित्सालयों में सेवाएं देनी अनिवार्य हैं।

ऋषिकेश पुलिस ने चोरी की घटना को अंजाम देने वाले दो धरे

कोतवाली क्षेत्रांतर्गत बीते दिनों हुई दो चोरियों का ऋषिकेश पुलिस ने बुधवार को खुलासा कर दिया। पुलिस ने दो शातिरों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी के दो मोबाइल, दो चांदी की चेन, एक जोड़ा चांदी का पाजेब, चांदी के तीन बिछुए और 40 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं।

बीते सात अगस्त को दिनेश कुमार पुत्र नत्थीमल निवासी गली नंबर पांच गंगानगर ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि छह अगस्त को अज्ञात लोगों ने उनकी दुकान से चांदी की ज्वेलरी चोरी कर ली। वहीं, शिकायतकर्ता अमनदीप गुप्ता पुत्र राजेश कुमार गुप्ता निवासी गुर्जर प्लाट गुमानीवाला ऋषिकेश ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि रोडवेज बस अड्डा पर उनकी दुकान से दो लड़के दो मोबाइल और आठ हजार रुपए लेकी भाग गए। दोनों ही मामलों में कोतवाली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपियों को बस अड्डा स्थित निर्माणाधीन हिमालयन म्यूजियम के पास से गिरफ्तार किया।

शातिरों की पहचान दीपक जोशी पुत्र शंकर दत्त निवासी ग्राम सुखीढांग चक जिला चंपावत और सागर थापा पुत्र अर्जुन सिंह निवासी भोगपुर, रानीपोखरी, देहरादून के रूप में हुई। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि दीपक जोशी एक शातिर किस्म का चोर है, जो पूर्व में एक बार पंजाब तथा दो बार कोतवाली ऋषिकेश से जेल भी जा चुका है।