माल्या को सुप्रीम कोर्ट से चाहिए राहत, अर्जी दाखिल की

भारतीय बैंकों का कर्जदार और देश छोड़कर भागे कारोबारी विजय माल्या ने अपने और अपने रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली संपत्तियों को कुर्क किए जाने पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। माल्या ने अपनी याचिका में कहा कि सिर्फ किंगफिशर कंपनी से संबंधित संपत्ति ही कुर्क की जाए। सुप्रीम कोर्ट 29 जुलाई यानी कि सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगा। अपनी दलील में माल्या ने कहा है कि उसकी निजी संपत्ति और परिवार के अन्य सदस्यों क संपत्ति जब्त नहीं की जाए।

माल्या पर भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये लोन लेने और बिना चुकाए फरार होने का आरोप है। शराब कारोबारी विजय माल्या को 11 जुलाई को झटका लगा था। बंबई हाई कोर्ट ने इससे पहले विजय माल्या की इसी याचिका को खारिज कर दिया था। इस याचिका के जरिए माल्या ने सरकारी एजेंसियों द्वारा उसकी संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की थी।

गन प्वाइंट पर चेन लुटने वालों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, एक हुआ फरार

बीती 15 जुलाई को कोतवाली क्षेत्र में दिनदहाड़े पिस्तौल की नोक पर चेन लुटने वालों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, घटना में शामिल एक अन्य आरोपी को पुलिस पकड़ने में नाकाम रही। पुलिस का दावा है कि दोनों लुटेरे दिल्ली के कोबरा गैंग के है, इनके कब्जे से पुलिस ने छह सोने की चौन, दो दोपहिया वाहन सहित दो तमंचे भी बरामद किए है।

कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि बीती 15 जुलाई को आरपीएस स्कूल बालाजी बगीचे के समीप से एक महिला से बाइक सवार दो बदमाशों ने पिस्तौल की नोक पर सोने की चेन लूट ली थी। इसी तरह ऋषिलोक कॉलोनी स्थित बालाजी बगीचे के समीप से भी एक छात्रा से पिस्तौल की नोक पर सोने की चेन लूट कर बाइक सवार दोनों बदमाश फरार हो गए थे। कोतवाल ने बताया कि दोनों की मामले गंभीर पाते हुए अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपियों की पहचान को तीर्थनगरी तथा आसपास क्षेत्र के करीब 300 सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई तथा मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया। इसके आधार पर तीन आरोपियों की पुष्टि हुई। इनमें से दो आरोपियों को रूड़की कलियर से गिरफ्तार किया गया है।

कोतवाल ने आरोपियों की पहचान 22 वर्षीय मोहम्मद लिंटोन उर्फ हंसमुख पुत्र मोहम्मद शमीम निवासी ग्राम मकुवा, पोस्ट मोईरापुर, थाना मुरारोई, जिला बीरभम पश्चिम बंगाल हाल निवासी शमशाद का किराएदार, नेहरूल बस्ती, मिंटो रोड, थाना आईपी एस्टेट नई दिल्ली तथा 24 वर्षीय मोहम्मद अनवर उर्फ बिहारी पुत्र मोहम्मद कलीम निवासी महाराणा प्रताप चौक, जिला सहरसा, बिहार हाल निवासी किराएदार समसुदीन निवासी गली नंबर जीरो, अली मस्जिद के बराबर में, वजीराबाद, थाना तिमारपुर, नई दिल्ली के रूप में कराई। कोतवाल ने बताया कि घटना में शामिल तीसरा आरोपी मोहम्मद अरशद पुत्र जाकिर अहमद निवासी मकान नंबर 69, गली नंबर दो वजीराबाद, दिल्ली फरार चल रहा है। कोतवाल ने बताया कि दोनों आरोपी दिल्ली के प्रसिद्घ कोबरा गैंग के सदस्य है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो दुपहिया वाहन, छह सोने की चेन, दो तमंचे भी बरामद किए है।

लूटी गई चेन को बेचने रूड़की कलियार आ रहे थे आरोपी
कोतवाल ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि चौन स्नैचिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपी सामान बेचने कलियर क्षेत्र (निकट रुड़की) में आ रहे हैं। सूचना पाकर पुलिस टीम ने तय स्थान से पहले मेवड़ पुल के पास जाकर चेकिंग अभियान चलाया गया, तो रुड़की की ओर से कलियर आने वाले रास्ते पर बिना नंबर की मोटर साइकिल व जूपिटर स्कूटी को रूकने का इशारा किया। इसी दौरान दो वाहन चालक गाड़ी मोड़ कर भागने लगे तथा हड़बड़ाहट में वहीं गिर गए। इस पर टीम ने दोनों को मौके से पकड़ लिया, जबकि एक अन्य भागने में सफल रहा।

दोनों की आरोपियों का है आपराधिक रिकॉर्ड
कोतवाली पुलिस के मुताबिक आरोपी लिंटोन उर्फ हंसमुख वर्ष 2012 में दिल्ली से चोरी के आरोप में जेल जा चुका है। इसके अलावा वर्ष 2016 में थाना दरियागंज नई दिल्ली से दस लाख रुपए की लूट, वर्ष 2017 में दिल्ली रेलवे स्टेशन से पाँच लाख रुपये की लूट में जेल जा चुका है। वहीं, दूसरा आरोपी अनवर उर्फ बिहारी भी वर्ष 2016 में जयपुर (राजस्थान) से
चांदी के व्यापारी से रुपये बीस लाख रुपए लूटने के आरोप में जेल की हवा खा चुका है।

अपराध करने का तरीका
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि घटना करने से पूर्व वह अपनी गाड़ियों की नंबर प्लेट निकाल देते हैं। यदि कहीं चेकिंग होती है, तो अपने गाड़ियों में फर्जी नंबर प्लेट लगा देते हैं। पूछताछ में बताया कि घटना के दौरान स्कूटी की डिग्गी में वह एक जोड़ी कपड़े रखते हैं तथा घटना के बाद पहचान छुपाने को कपड़े बदल लेते है।

कबाड़ से नहीं चला खर्चा तो कर डाली चोरी
पूछताछ में आरोपी मौहम्मद लिटोन उर्फ हसमुख ने पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2008 में पश्चिम बंगाल से कबाड़ी का काम करने दिल्ली आया था। यहां एक वर्ष कबाड़ी का काम करने के बाद नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में वार्ड ब्वॉय का काम किया। जब खर्चा नहीं चला तो मैने नौकरी छोड़कर चोरी करनी शुरू कर दी तथा दिल्ली में कई स्थानों पर चोरी व लूट की घटना की करीब एक माह उसकी मुलाकात मौहम्मद अनवर उर्फ बिहारी व अरशद से हुई थी। वह भी पूर्व में लूट और चोरी की घटना में जेल जा चुके हैं।

फोन में हासिल की खाते की डिटेल, निकाले सवा लाख

स्वयं को बैंक का कर्मचारी बताकर फोन में ही खाते संबंधी सारी डिटेल पता कर सवा लाख रूपए ठगने का मामला प्रकाश में आया है। महिला के खाते से सात चरणों में रूपए निकाले गए है। महिला जब बैंक पहुंची तो बैंक अधिकारी इसे बैंक की कोई गलती न होना बताकर महिला की ही गलती निकाल रहे हैं।

जानकारी के अनुसार मंशा देवी गुमानीवाला निवासी संजना बिष्ट पत्नी राकेश सिंह बिष्ट का आईडीपीएल स्थित पंजाब नेशनल बैंक में खाता है। बीती 13 जुलाई को महिला अपने बेटे की दवाई लेने ऋषिकेश बाजार पहुंची थी। मगर, दवाई लेने के लिए रुपए की कमी पड़ी तो त्रिवेणी घाट स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक के एटीएम बूथ का प्रयोग कर तीन हजार रुपए निकालने का प्रयास किया। मगर, रुपए एटीएम बूथ से नहीं निकले और खाते से तीन हजार रुपए निकलने का संदेश आ गया। इसकी शिकायत महिला ने 15 जुलाई को संबंधित बैंक को दी। इसके अलावा महिला ने टोल फ्री नंबर 18001802222 पर भी शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद 17 जुलाई को महिला के खाते में तीन हजार रुपए आ गए।

हर गतिविधि पर ठग रख रहे थे नजर
पीड़ित महिला को 21 जुलाई की दोपहर 12 बजे 6289930758 नंबर सेफोन आया। कॉलर ने स्वयं को बैंक कर्मचारी बताया और तीन हजार रुपए उसकेखाते में डाल दिए जाने की जानकारी दी। कॉलर ने महिला को अपनी शिकायत वापस लेने की सलाह भी दी। इसके साथ ही खाता संबंधी अन्य जानकारी झांसा देकरजुटा ली। महिला ने अनजान व्यक्ति को बैंक कर्मी समझ खाता संबंधी सभी जानकारी दे डाली। सारी जानकारी हासिल करने के बाद कॉलर ने फोन काट दिया। कुछ ही देर बाद महिला मोबाइल पर धड़ाधड़ पैसे निकासी के मैसेज आने शुरू हो गए। वहीं, महिला का रो-रो कर बुरा हाल है।

अधिकारी का तर्क
इसमें बैंक की किसी भी प्रकार की गलती नहीं है। महिला के साथ ठगी हुई है, महिला को सुझाव दिया गया है कि वह ठगी मामले में एफआईआर दर्ज कराएं।
– एपी कुड़ियाल, बैंक मैनेजर पीएनबी आईडीपीएल शाखा।

दो तमंचे और तीन जिंदा कारतूस के साथ पांच गिरफ्तार

पौड़ी जनपद की लक्ष्मणझूला पुलिस ने अवैध शस्त्र रखने के आरोप में हरियाणा के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से दो तमंचे तथा तीन कारतूस बरामद किए गए हैं। पुलिस ने सभी के खिलाफ अवैध शस्त्र रखने के आरोप में आर्म्स एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही बरामद कार को सीज कर दिया है।

आरोपियों की पहचान सागर सिंह पुत्र राजेश कुमार, तनुज जांगड़ा पुत्र संजीव कुमार दोनों निवासी नई बस्ती गली नंबर एक वार्ड नंबर 22 थाना लाइन पार जिला इज्जर हरियाणा, नीरज उर्फ भांजा पुत्र पवन कुमार निवासी वार्ड संख्या सात गली नंबर तीन थाना लाइन पार जिला इज्जर हरियाणा, टीनू पुत्र अतर सिंह निवासी वार्ड संख्या 13 गली नंबर 11 डिफेंस कॉलोनी बहादुरगढ़ जिला इज्जर हरियाणा और नवीन पुत्र सतीश कुमार निवासी ग्राम भूपनिया जिला इज्जर हरियाणा के रूप में हुई है।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि वे लोगों को डराने धमकाने के लिए अवैध असलहा साथ लेकर चलते हैं। थानाध्यक्ष लक्ष्मणझूला राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई आपराधिक प्रवृत्ति के लोग घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश करते हैं।

ऐसे लोगों की पहचान के लिए पुलिस की टीम अलग-अलग क्षेत्र में चेकिंग अभियान चला रही है। इसी क्रम में शुक्रवार को टीम ने एक वीआईपी नंबर की कार एचआर-13एन-070 को रोका। तलाशी और पूछताछ में पुलिस ने दो अवैध तमंचे (एक 315 बोर, 12 बोर) और तीन कारतूस बरामद किए।

बसपा सरकार में 18 हजार गुना बढ़ी बसपा सुप्रीमो के भाई की सम्पत्ति

बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार व पत्नी के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई होते ही इनके करीबी भूमिगत हो गए हैं। आनंद और करीबियों के खिलाफ आयकर विभाग पुख्ता सबूत एकत्र कर चुका है और कभी भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यादव सिंह प्रकरण के दौरान भी आयकर छापे में मिली डायरियों व अन्य सबूतों के माध्यम से आयकर के रडार पर आनंद और उनके सहयोगी चल रहे हैं।
प्रदेश में 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही थी। उस वक्त कहा जाता था कि लखनऊ से भले ही सरकार चल रही हो, लेकिन इसका रिमोट नोएडा में ही था। आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि किस बिल्डर को जमीन देनी है, किसे इंडस्ट्री या आईटी का प्लॉट देना है या फिर किसी तरह का आवंटन किया जाए यह भाई साहब यानी आनंद की इजाजत के बिना नहीं होता था। खास बात यह रही कि किसी भी आवंटन में लिखित तौर से उनका दखल नहीं होता था, लेकिन बिना उनकी अनुमति से पत्ता भी नहीं हिलता था। पूरी आवंटन की प्रक्रिया करने के लिए आनंद के करीबियों की भूमिका रहती थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में जितनी भी जमीन आवंटित की गई थी, सभी में अप्रत्यक्ष रूप से टीम की भूमिका रही थी। प्राधिकरण के अधिकारी उनके आवास पर फाइलें लेकर दौड़ लगाते रहते थे।
सूत्र बताते हैं कि नवंबर 2014 में जब तीनों प्राधिकरण के तत्कालीन चीफ इंजीनियर यादव सिंह के यहां पर आयकर विभाग का छापा पड़ा था, तब भी अफसरों को यह जानकारी मिली थी कि घोटालों में और लोग भी हैं, लेकिन सीधे तौर से कोई साक्ष्य नहीं मिले थे, लेकिन आयकर विभाग ने इसकी गोपनीय जांच जारी रखी। साथ ही, यादव सिंह समेत उनके अन्य करीबियों के यहां जो दस्तावेज मिले थे, उनमें कहीं न कहीं नाम नाम आया था। आयकर विभाग की टीम ने प्राधिकरण से भी उन सभी दस्तावेज को निकलवा लिया था, जिसमें आनंद कुमार और उनके करीबियों के नाम से आवंटन थे। अब आईटी ने उन संपत्तियों को अटैच करना शुरू कर दिया है।

पांच सितारा होटल बनाने की योजना पर फिरा पानी
आयकर विभाग ने बसपा प्रमुख मायावती के भाई और भाभी का नोएडा स्थित 400 करोड़ रुपये कीमत का बेनामी प्लॉट जब्त किया है। आधिकारिक आदेश के मुताबिक, मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता के लाभकारी मालिकाना हक वाले सात एकड़ प्लॉट को जब्त करने का अस्थायी आदेश आयकर विभाग की दिल्ली स्थित बेनामी निषेध इकाई (बीपीयू) ने 16 जुलाई को जारी किया था।
मायावती ने हाल ही में आनंद को बसपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। 28,328.07 वर्ग मीटर या सात एकड़ का प्लॉट नोएडा के सेक्टर 94 में 2ए से पंजीकृत है। इस जमीन पर पांच सितारा होटल और अन्य लग्जरी सुविधाओं का निर्माण किए जाने की योजना थी। जब्ती का आदेश बेनामी संपत्ति लेनदेन निषेध अधिनियम 1988 की धारा 24 (3) के तहत जारी किया गया। बेनामी कानून का उल्लंघन करने पर सात साल की कैद या बेनामी संपत्ति की बाजार कीमत के हिसाब से 25 फीसदी जुर्माने का प्रावधान है।

आनंद पर रियल एस्टेट में दूसरों के नाम पर निवेश कर करोड़ों रुपये मुनाफा कमाने का भी आरोप है। इस मामले को लेकर आयकर विभाग जांच कर रहा था। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय भी इसकी जांच कर रहा है। जांच में आयकर विभाग ने कम से कम छह फर्म के मालिकाना हक को संदिग्ध पाया। जिन कंपनियों की बेनामी संपत्ति के तहत पहचान की गई, वे विजन टाउन प्लानर्स प्राइवेट लिमिटेड, बीपीटीपी इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर प्राइवेट लिमिटेड, यूरो एशिया मर्चेंटाइल प्राइवेट लिमिटेड, सन्नी कास्ट एंड फोर्ज प्राइवेट लिमिटेड, करिश्मा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और एड-फिन कैपिटल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। आनंद कुमार और उनकी पत्नी विचित्र लता इन कंपनियों के जरिये किए गए लेनदेन की इकलौती लाभार्थी हैं।

नोटबंदी के दौरान चर्चा में आए आनंद
आनंद कभी नोएडा प्राधिकरण में मामूली क्लर्क थे। बहन मायावती के सत्ता में आने के बाद उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ी। उन पर फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का कर्ज लेने का भी आरोप लगा था। बसपा शासन के दौरान उन्होंने एक के बाद एक 49 कंपनियां खोलीं। 2014 में उनकी संपत्ति 1316 करोड़ रुपये आंकी गई थी। 2016 में नोटबंदी के दौरान उनके खाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा होने पर वह चर्चा में आए थे। जांच एजेंसियां पहले भी उनके घर व कार्यालयों में छापेमारी कर चुकी हैं।

मुख्यमंत्री के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने पर हवालात की सैर

अगर आप सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे है तो सवधान हो जाइए। सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करना आप को भारी पड़ सकता है। अमूमन सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी से लोग सोचते है कुछ नही होगा। लेकिन सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी जेल भी भिजवा सकती है। दरअसल सोशल मीडिया पर लोग अपनी बात रखने की बजाय आपत्तिजनक पोस्ट डालने लग गए है। जिसका असर समाज में तो पड़ ही रहा है लेकिन जिसके खिलाफ टिप्पणी की जा रही है उसकी भी मानहानि होती है।
ऐसा ही कुछ उत्तरकाशी जिले में हुआ जहां एक युवक को मुख्यमंत्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना भारी पड़ गया। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पर की गई टिप्पणी के मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर युवक को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
थाना पुरोला प्रभारी रितुराज ने बताया कि पुरोला भाजपा नगर मंडल कार्यकारिणी अध्यक्ष पवन नौटियाल ने थाने में युवक के खिलाफ तहरीर दी। तहरीर के माध्यम से उन्होंने अवगत कराया कि डेरिका निवासी राजपाल सिंह (34) पुत्र दलवीर सिंह ने फेसबुक में मुख्यमंत्री के क्रियाकलापों को लेकर अभद्र टिप्पणी की। कहा कि एक बार आरोपित को समझाकर छोड़ दिया गया था, लेकिन अपने कृत्य से बाज न आने के चलते शनिवार देर शाम उसने फिर अभद्र टिप्पणी, लाइव वीडियो प्रसारित किया, जिसके चलते पुलिस ने युवक को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है। युवक से पूछताछ की जा रही है।

विधायक के उत्तराखंड अपमान के बाद बैकफुट पर भाजपा

हाथों में बंदूक और तमंचा लहरा कर नाचने का वीडियो वायरल होने के कारण चर्चा में हुए उत्तराखंड के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भाजपा से निष्कासित होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने संसद भवन में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से इस दिशा में तत्काल कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि विधायक को पार्टी पहले ही अनुशासनहीनता के आरोप में तीन महीने के लिए निलंबित कर चुकी है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने बुधवार को इस मामले को अध्यक्ष अमित शाह के संज्ञान में लाया। बलूनी ने चैंपियन की कई अन्य करतूतों के बारे में शाह को अवगत कराया। इसके बाद संसद भवन में ही शाह ने प्रदेश अध्यक्ष भट्ट और बलूनी के साथ चर्चा की। इस दौरान पूरे मामले की शाह ने विस्तृत जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि विधायक बनने के बाद से ही चैंपियन लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे चैंपियन ने वर्तमान मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को प्रवासी पक्षी बताया था। इसी बैठक में शाह ने चैंपियन को पार्टी से निष्कासित करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

निष्कासित हुए तो बढ़ेंगी मुश्किलें
विधायक चैंपियन की असली मुश्किलें पार्टी से निष्काषण के बाद शुरू होगी। वायरल वीडियो की जांच होगी। इस दौरान पता लगाया जाएगा कि जिस बंदूक और तमंचे को लहराते हुए विधायक ने नृत्य किया था वह लाइसेंसी है या नहीं।
इसके अलावा उनके द्वारा सरकारी संपत्ति पर नियम विरुद्ध कब्जा करने की भी जांच होगी। दरअसल शाह ने निष्कासन का आदेश देने के साथ ही उनसे जुड़े मामलों की जांच केभी आदेश दिए हैं।

पहले भी हो चुके हैं निलंबित
भाजपा प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा कि विधायक के खिलाफ इससे पहले भी कई गंभीर और अस्वीकार्य शिकायतें आ चुकी हैं। वीडियो अत्यंत आपत्तिजनक है। ऐसी शिकायतों के करण ही उन्हें तीन महीने के लिए निलंबित किया गया था। अब इस मामले में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फर्जी क्लेम पाने को प्राईवेट अस्पताल कर रहे सरकार से धोखाधड़ी

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में सूचीबद्ध प्राईवेट अस्पताल फर्जीवाड़े से बाज नही आ रहे है। फर्जी ढंग से क्लेम हड़पने की होड़ में सभी हदें पार कर सरकार के साथ धोखाधड़ी कर रहे है। नया मामला काशीपुर स्थित एमपी मेमोरियल अस्पताल से जुड़ा है।
जहां योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां डिस्चार्ज होने के बाद भी मरीज कई-कई दिन तक अस्पताल में भर्ती दिखाए गए। इतना ही नहीं आइसीयू में भी क्षमता से अधिक रोगियों का उपचार दर्शाया गया है। ताज्जुब ये कि डायलिसिस एमबीबीएस डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है। वह भी क्षमता से कई अधिक। फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका। ऐसे भी प्रकरण हैं जहां बिना इलाज क्लेम प्राप्त किया गया है। जिसकी मरीज को भनक तक नहीं है।
यह सारी अनियमितताएं उजागर होने पर तमाम भुगतान पर रोक लगाते हुए अस्पताल की सूचीबद्धता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी युगल किशोर पंत के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभिकरण के सिस्टम पर अस्पताल की लॉगइन आइडी भी ब्लॉक की गई है। वहीं, अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसका उसे 15 दिन के भीतर जवाब देना होगा।

डिस्चार्ज होने के बाद भी रिकॉर्ड में भर्ती रहे मरीज
अस्पताल में एकाध नहीं कई स्तर पर गड़बडियां पकड़ में आई हैं। अभिलेखों के परीक्षण में 85 मामले ऐसे पाए गए हैं जिनमें मरीज जितने दिन वास्तव में अस्पताल में भर्ती रहे हैं, उससे ज्यादा दिनों के लिए मरीजों को अस्पताल में भर्ती दिखाकर अधिक धनराशि का क्लेम प्रस्तुत किया गया। 22 मामले ऐसे मिले जिनमें मरीज को डिस्चार्ज करने के बाद प्री-ऑथ इनीशियेट किया गया है।

दस बेड का आइसीयू, 20 मरीज भर्ती
अस्पताल में आइसीयू में उपचारित 263 मरीजों के भर्ती व डिस्चार्ज तिथि का अध्ययन करने पर चैंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। आइसीयू में दस बेड हैं, पर विभिन्न दिवसों पर 11 से 20 मरीजों तक का उपचार करना दिखाया गया है। उस पर आइसीयू में केवल अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के मरीज भर्ती दिखाए गए हैं। जबकि काशीपुर का क्षेत्र उप्र से लगा हुआ है और वहां से भी मरीज उपचार के लिए यहां आते हैं। ऐसे में इस बात पर भी संदेह जताया गया है कि योजना से इतर आइसीयू में किसी अन्य का उपचार ही नहीं किया गया।

क्षमता से कई अधिक डायलिसिस
अस्पताल में सबसे बड़ी खामी डायलिसिस को लेकर सामने आई है। यहां दो मरीजों की एक दिन में दो बार डायलिसिस होना दर्शाया गया है। जबकि ऐसा संभव नहीं है। तीन अक्टूबर 2018 से नौ जून 2019 तक यहां कुल 1773 डायलिसिस होना दर्शाया गया है। अस्पताल में पांच डायलिसिस मशीन हैं। जिनमें मानकों के अनुसार प्रति दिन दस मरीजों का ही डायलिसिस किया जा सकता है। पर डायलिसिस इससे कई अधिक दिखाए गए हैं।

एमबीबीएस कर रहे डायलिसिस, दर्शाया एमडी
अस्पताल में डायलिसिस कर रहे डॉक्टर न तो नेफ्रोलॉजिस्ट हैं, न एमडी और न इसके विशेषज्ञ हैं। यानी एक ऐसे व्यक्ति द्वारा डायलिसिस किया जा रहा है जो इसके योग्य ही नहीं हैं। अस्पताल ने सूचीबद्धता के अपने आवेदन में भी किसी नेफ्रोलॉजिस्ट का उल्लेख नहीं किया था। उक्त डॉक्टर को एमडी मेडिसिन दर्शाया गया है। जबकि उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल में वह केवल एमबीबीएस डॉक्टर के रूप में पंजीकृत हैं।

अनुबंध में पांच, नौ विशेषज्ञताओं में कर रहे इलाज
अस्पताल के अनुबंध में केवल जनरल मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, हड्डी रोग, जनरल सर्जरी व नियोनेटोलॉजी का ही उल्लेख है। पर इन पांच विशेषज्ञता से अलग 29 अन्य मरीजों का उपचार भी यहां किया गया। जिनमें यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, पोलीट्रॉमा और प्लास्टिक व रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के मामले शामिल हैं।

सारे नियम किए दरकिनार
अस्पताल ने सूचीबद्धता के आवेदन में हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट कॉलम में एनए अंकित किया गया है। यानी हॉस्पिटल को चलाने के लिए प्रासंगिक कानूनध्नियम के अंतर्गत सर्टिफिकेट भी नहीं है। नेशनल काउंसिल फॉर क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट द्वारा तय न्यूनतम मानकों के अनुसार अस्पताल में प्रत्येक विशेषज्ञता के लिए न्यूनतम एक एमबीबीएस डॉक्टर 24 घंटे अस्पताल में उपलब्ध होना चाहिये। पर अस्पताल इस नियम का भी पालन नहीं कर रहा है।

सरकारी चिकित्सक भी दे रहे सेवा
अस्पताल में एक चिकित्सक डॉ. एके सिरोही द्वारा भी इलाज करना दर्शाया गया है। जबकि वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महुआखेड़ागंज ऊधमसिंहनगर में पूर्णकालिक संविदा चिकित्सक हैं। इनका सूचीबद्धता के आवेदन में कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया था।

बिना इलाज ले लिया क्लेम
एमपी मेमोरियल अस्पताल में एक से बड़े एक फर्जीवाड़े अंजाम दिए गए हैं। अस्पताल ने एक मोहल्ले में स्वास्थ्य शिविर लगाया था। जहां लोगों को अल्ट्रासाउंड में छूट प्रदान की गई। इनमें एक महिला को दिक्कत बता भर्ती होने की सलाह दी गई। जहां उसकी फोटो खींचकर कुछ जांचें लिख दी गई और उसे घर भेज दिया। आयुष्मान कार्ड की फोटो खींचकर उसे वापस कर दिया गया। अगले दिन वह रिपोर्ट लेने आई तो कहा गया कि भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। जबकि उसे एंट्रिक फीवर के इलाज के लिए इमरजेंसी में भर्ती दिखाया गया। गलत ढंग से उसका क्लेम प्रस्तुत किया गया।

राहगीर को मोबाईल पकड़ा गंगा में लगाई छलांग

हरिद्वार के एक युवक ने रहस्यमय परिस्थितियों में लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। घटना बीती सोमवार रात लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र में घटी है। मंगलवार को युवक की खोजबीन को एसडीआरएफ और जल पुलिस टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन लापता का कहीं पता नहीं चल पाया। बताया जा रहा जा रहा है कि युवक ने गंगा में छलांग लगाने से पहले एक यात्री को मोबाइल दिया, उसके बाद आत्मघाती कदम उठाया।
लक्ष्मणझूला पुलिस के मुताबिक, मुंडलाना, मंगलौर, जिला हरिद्वार निवासी राहुल (26) पुत्र रामपाल बीती रात 11 बजे लक्ष्मणझूला पुल के पास पहुंचा और मार्ग से गुजर रहे एक यात्री को अपना मोबाइल पकड़ने के लिए दिया। यात्री कुछ समझ पाता कि राहुल ने अचानक लक्ष्मणझूला पुल से गंगा में छलांग लगा दी। यात्री ने इसकी सूचना लक्ष्मणझूला पुलिस को दी। देर रात अचानक युवक द्वारा गंगा में कूदने की घटना से पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक युवक गंगा की तेज लहरों में ओझल हो गया। मंगलवार सुबह जल पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने युवक की खोजबीन को सर्च अभियान चलाया। मगर उसका कहीं पता नहीं चल सका। लक्ष्मणझूला थानाध्यक्ष राकेंद्र कठैत ने बताया की राहुल सात महीने से लक्ष्मणझूला में योग सेंटर में रह रहा था। युवक द्वारा आत्मघाती कदम का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया। पूछताछ में पता चला कि उसका किसी युवती के संग प्रेम प्रंसग चल रहा था। जिस वजह से वह काफी समय से परेशान था। संभवतः इस कारण उसने यह आत्मघाती कदम उठाया हो। फिलहाल मामले में पुलिस परिजनों और दोस्तों से पूछताछ कर रही है। कूदने से पहले उसने एक यात्री को अपना मोबाइल पकड़ने के लिए दिया था। घटनास्थल के पास से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।

शारीरिक संबंध बनाने के बाद अब मंगेतर को कह रहा टाटा बाय बाय

डोईवाला के सिमलाट ग्रांट क्षेत्र में मंगेतर के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद शादी न करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि युवक ने बहला फुसला कर संबंध बनाए और अब शादी से इंकार कर रहा है।

पीड़ित युवती ने कोतवाली को तहरीर देकर देहज न देने का भी आरोप जड़ा है। पीड़िता ने कोतवाली में आरोपी युवक उसके माता-पिता और मौसा के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

पीड़िता ने बताया कि बीते दिसंबर में उसकी रीति रिवाज के साथ सगाई हुई थी। विवाह आगामी अक्तूूबर माह में तय हुआ। इसी दौरान दोनों के बीच फोन पर बातचीत होने लगी। आरोपी युवक ने बाहर घूमने के बहाने बुलाकर उसको अपनी होने वाली पत्नि बताकर जबरन शारीरिक संबंध बना लिए। इसके बाद दहेज में कार और दस लाख की मांग शुरू कर दी। पीड़ित ने बताया कि उसके माता पिता ने विवाह की सभी तैयारियां करनी शुरू कर दिया दी हैं। अब आरोपी शादी करने से मुकर रहा है। वरिष्ठ उप निरीक्षक मनमोहन नेगी ने बताया कि युवती की ओर से तहरीर मिलने के बाद मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। जांच के बाद पुलिस मामले में उचित कार्रवाई करेगी।