रतूड़ी ने नए डीजीपी अशोक कुमार को पुलिस बैटन सौंपी

उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी आज रिटायर हो गए हैं। उनकी जगह 1989 बैच के अधिकारी अशोक कुमार ने चार्ज संभाला है। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने नए डीजीपी अशोक कुमार को पुलिस बैटन सौंपी। आईपीएस अशोक कुमार उत्तराखंड के 11वें डीजीपी बने हैं।
इससे पहले पुलिस लाइन में राज्य के 10वें डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी की विदाई में परेड का आयोजन किया गया। पुलिस लाइन में सुबह करीब नौ बजे से परेड की शुरुआत की गई । इसके लिए पुलिस लाइन में सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी को डीजी अशोक कुमार ने पुलिस लाइन में रिसीव किया। इसके बाद भव्य विदाई परेड आयोजित की गई।
डीजीपी अनिल रतूड़ी के पुलिस मुखिया के तौर पर तीन साल से अधिक का कार्यकाल रहा है। आज सेवानिवृत्त होने के दिन उनकी तीन साल की उपलब्धियों को बताया गया।

ये हैं उनके प्रमुख कार्य-
– गुमशुदा बच्चों को तलाशने के लिए ऑपरेशन स्माइल चलाया गया।
– सीपीयू की तर्ज पर पहाड़ों में हिल पेट्रोल यूनिट शुरू की गई।
– ई-चालन व्यवस्था की शुरुआत की गई।
– इस अवधि में 6 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिलाया गया।
– 2018 में माउंट एवरेस्ट पर पुलिस टीम ने चढ़ाई की।
– कॉमन वेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव की इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में उत्तराखंड पुलिस मानव संसाधनों के उपभोग में दूसरे स्थान पर रही।
– पिछले साल देश के 15000 थानों में प्रदेश के तीन थाने टॉप 10 में शामिल हुए।

एम्स की ओर से कोविड से सुरक्षा को लेकर चलाया गया जागरुकता अभियान

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के तत्वावधान में गठित कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स के द्वारा राजकीय इंटर कॉलेज खदरी खड़कमाफ में निशुल्क मास्क वितरित किए गए। इस दौरान शिक्षकों, विद्यार्थियों व अन्य लोगों को कोरोना वायरस को लेकर जागरूक किया गया।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में संस्थान के द्वारा कोविड19 कम्युनिटी टास्क फोर्स विभिन्न क्षेत्रों में जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत खदरी श्यामपुर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके तहत कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार की अगुवाई में विद्यालय के छात्र- छात्राओं, शिक्षकों व अन्य स्टाफ को 300 से अधिक मास्क वितरित किए गए, साथ ही उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जागरूक किया गया। उन्हें इस विकट समय में सावधानी बरतने, सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने को प्रेरित किया गया। टास्क फोर्स द्वारा छात्र छात्राओं को बताया गया कि अभी कोविड19 वायरस का संक्रमण कम नहीं हुआ है, लिहाजा जब भी घर से बाहर निकलें अथवा सार्वजनिक स्थान या जन समुदाय के बीच जाएं तो एक दूसरे व्यक्ति से कम से कम 2 गज की दूरी बनाकर रखें व साथ ही शल्य चिकित्सा मास्क का उपयोग करें। बताया गया कि कपड़े के मास्क का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जिसे धोने के बाद दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है।
इस दौरान राजकीय इंटर कॉलेज खदरी खड़कमाफ के प्रधानाचार्य मेहताब सिंह व ग्राम प्रधान बबीता देवी द्वारा एम्स की कोविड-19 कम्युनिटी टास्क फोर्स द्वारा चलाई जा रही जनजागरूकता मुहिम की सराहना की गई। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता नवीन मोहन, शांति प्रसाद थपलियाल, एम्स की टीम के सदस्य हिमांशु ग्वाड़ी, विकास सजवाण, त्रिलोक सिंह आदि मौजूद रहे।

सीएम ने कहा-शहरी निकायों के संसाधनों में वृद्धि के प्रयास करने होंगे

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की उपस्थिति में शहरी विकास आवास आदि से सम्बन्धित विभागों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने शहरी विकास एवं आवास से सम्बन्धित राज्य एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन होने से उसका लाभ लाभार्थी को समय पर उपलब्ध होने के साथ ही योजना की लागत में भी अनावश्यक वृद्धि नहीं होती है।
मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, अटल मिशन फॉर रिन्यूनिवेशन (अमृत योजना) के लिये निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष ध्यान देने को कहा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विश्व बैंक सहायतित सम्पत्तियों के रिकॉर्ड को डिजिटिलाइजेशन किये जाने, नगरों के जी.आई पम्पिंग व अन्य अवस्थापना विकास से सम्बन्धित योजनाओं को भी समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को प्रदेश के सभी 91 निकायों में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किये जाने के भी निर्देश दिये। इसके लिये वेडिंग कमीटियों के गठन के साथ ही लाभार्थियों का बैंक से ऋण उपलब्ध कराने में तेजी लाये जाने को कहा। इसके लिये उन्होंने जिलाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपे जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में बस अड्डों एवं पार्किंग निर्माण की योजनाओं में भी तेजी लाने को कहा। पर्वतीय क्षेत्रों के साथ ही पर्यटन स्थल नैनीताल व मसूरी आदि में स्मार्ट पार्किंग की दिशा में भी योजना बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। इसके लिये निजी सहभागिता की दिशा में भी पहल करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं पर लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने की जरूरत है। इस पर अधिकारी ध्यान दें।

मुख्यमंत्री ने निकायों के मास्टर प्लान तैयार करने पर भी ध्यान देने को कहा। इसके लिये धनराशि उपलब्ध करायी गई है। मास्टर प्लान एवं लोकल एरिया के डिटेल प्लानिंग से निकायों के विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने ऑन लाइन मैप एप्रूविंग सिस्टम को प्रभावी बनाये जाने के साथ ही इस सम्बन्ध में जो पोलिसी तैयार की जानी है उसका ड्राफ्ट आगामी कैबिनेट के समक्ष रखा जाय। उन्होंने विभिन्न प्राधिकरणों की समस्याओं के समाधान की दिशा में भी नीति निर्धारण की बात कही।
इस अवसर पर सचिव आवास शैलेश बगोली ने बताया कि उत्तराखण्ड एकीकृत शहरी विकास परियोजना के लिये एशियन विकास बैंक के माध्यम से 1875 करोड़ का वित्त पोषण किया गया है। प्रथम चरण में 900 करोड़ की डीपीआर एडीबी को प्रेषित की जा चुकी है। हल्द्वानी, रूड़की, कोटद्वार, नैनीताल व रामनगर में पेयजल एवं सीवरेज से सम्बन्धित मास्टर प्लानिंग पूर्ण की जा चुकी है। जबकि देहरादून से सम्बन्घित योजना गतिमान है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 44680 ई.डब्लू.यू.एस. आवास में से 13180 आवास स्वीकृत हो चुके है। आवास नीति के अन्तर्गत प्राधिकरणों को निजी निर्माणकर्ताओं के 20330 आवास निर्माण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जबकि आवास विकास परिषद के स्तर पर 30,000 आवास बनाये जाने का प्रस्ताव है।
उन्होंने बताया कि अमृत योजना के तहत 593 करोड़ के सापेक्ष 360 करोड़ की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हो चुकी है तथा 151 कार्य संचालित है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 20939 लाभार्थी चिन्हित है जिसमें से 18324 को आईडेंटी कार्ड जारी किये जा चुके है।
देहरादून स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट सिटी की कुल लागत 1407 करोड़ है जिसके सापेक्ष विभिन्न कार्यों की निविदा आमंत्रित कर कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। इसके अन्तर्गत स्मार्ट स्कूल, स्मार्ट रोड, पल्टन बाजार पेडस्ट्राइजेशन, वाटर सप्लाई आग्मेंटेशन, परेड ग्राउण्ड रेजुविनेशन, मोर्डन दून लाइब्रेरी, सीवरेज इन एबीडी एरिया आदि योजनाओं पर कार्य गतिमान है।
इस अवसर पर प्रभारी सचिव डॉ. रणजीत सिन्हा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ पराग मधुकर धकाते, उपाध्यक्ष एमडीडीए रणवीर सिंह चैहान, अपर सचिव सुरेश जोशी, सचिव एमडीडीए गिरीश गुणवन्त सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सिटी फारेस्ट को विकसित करने को सीएम ने साधना जयराज को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड वन विभाग मुख्यालय में ई-ऑफिस कार्यप्रणाली का शुभारम्भ किया। उन्होंने घोषणा की कि चमोली एवं पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जायेगा। बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। झाझरा में ‘आनंद वन’ सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने साधना जयराज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ई-ऑफिस प्रणाली को जल्द ही जिला एवं क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाय। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की जो शुरूआत की उसके बेहतर परिणाम आज सबके सम्मुख हैं। राज्य में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। 37 ऑफिस, ई-ऑफिस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा।

अगले वर्ष हरेला पर लगेंगे एक करोड़ पौधे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फलदार पौधे लगाये जायेंगे। इसके लिए वन विभाग द्वारा अभी से तैयारियां शुरू की जाय। ये फलदार पौधे जंगलों में भी लगाये जायेंगे, जिससे जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में कम आयेंगे। जंगली जानवरों को आहार की उपलब्धता जंगलों में पूरी हो सके। राज्य में पिरूल पर जो कार्य हो रहा है, इसे और विस्तार देने की जरूरत है। पिरूल एकत्रीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा एवं विकासकर्ता द्वारा 1.5 रूपये प्रति किग्रा एकत्रकर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जायेगा, लेकिन इसका सबसे फायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एकत्रीकरण का कार्य एक अच्छा माध्यम बन रहा है।
मुख्य वन संरक्षक जयराज ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली गुड-गवर्नेंस की दिशा में एक अच्छी पहल है। वन विभाग द्वारा इस प्रणाली को जिला, क्षेत्रीय कार्यालयों एवं वन पंचायतों तक विस्तारित किया जायेगा। कॉर्बेट नेशनल पार्क में ऑनलाईन बुकिंग शुरू की गई है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। वन विभाग द्वारा रिजॉर्ट्स में भी ऑनलाईन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
मौके पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, वन विभाग के सलाहकार ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी, अध्यक्ष वन पंचायत सलाहकार समिति वीरेन्द्र सिंह बिष्ट, पीसीसीएफ रंजना काला, विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आईटी नरेश कुमार आदि उपस्थित रहे।

आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 25 प्रतिशत बेड रखने होंगे आरक्षित

राज्य अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश में पंजीकृत निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का उपचार निशुल्क किया जाएगा। गोल्डन कार्ड धारकों के उपचार का खर्च सरकार तय दरों के आधार पर ही करेगी। साथ ही पंजीकृत अस्पतालों को 25 प्रतिशत बेड आरक्षित भी रखने होंगे।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि गोल्डन कार्ड पर पंजीकृत निजी अस्पतालों में कोरोना का मुफ्त इलाज किया जाएगा। सरकार ने अटल आयुष्मान योजना में प्रदेश के 23 लाख परिवारों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है।

प्रदेश में लगभग 40 लाख से अधिक लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। जिन पात्र लाभार्थियों ने अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बनाया है, उन्हें भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी। अस्पताल में आरोग्य मित्रों के माध्यम से ऐसे लाभार्थियों का तुरंत गोल्डन कार्ड बनाया जाएगा। 

कभी प्रधानमंत्री की लाइन में थे, लेकिन किस्मत ने बनाया महामहिम

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे। आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी बेटे अभिजीत ने ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट किया, “भारी मन के साथ आपको सूचित करना है कि मेरे पिता जी प्रणब मुखर्जी का अभी हाल ही में आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से प्रार्थना, दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद निधन हो गया है! मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।”
पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं और अन्य हस्तियों ने दुख प्रकट किया और आत्मा की शांति की कामना की। दरअसल, मुखर्जी की तबीयत सोमवार को और खराब हो गया थी। उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा था। यह शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल ने बताया था कि मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं। इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था।
2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी को राजनीतिक गलियारों में ‘प्रणब दा’ या ‘दादा’ के नाम से भी पुकारा जाता रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब दा नेहरू-गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में रहे थे। हालांकि, 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रणब दा को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था। यह दावा कांग्रेस के दिवंगत नेता और गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं में शामिल रहे एम एल फोतेदार ने अपनी किताब ‘द चिनार लीव्ज’ में किया है।
किताब में लिखा गया है कि 1990 में वी. पी. सिंह की सरकार गिरने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण चाहते थे कि सरकार कांग्रेस की बने और उसका नेतृत्व प्रणब मुखर्जी करें लेकिन राजीव गाँधी राष्ट्रपति की इस राय के पूरी तरह से खिलाफ थे। किताब में एम एल फोतेदार ने लिखा है कि वी पी सिंह के इस्तीफे के बाद राजनीतिक रायशुमारी के लिए उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण से मुलाकात की थी।मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि अगली सरकार के लिए राजीव गांधी को प्रणब मुखर्जी का समर्थन करना चाहिए।
फोतेदार लिखते हैं, “मैंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह अगली सरकार के गठन के लिए राजीव गांधी को आमंत्रित करें क्योंकि कांग्रेस लोकसभा का अकेला सबसे बड़ा दल है।” इस पर राष्ट्रपति ने यह कहा कि मुझे (फोतेदार) राजीव गाँधी को बताना चाहिए कि अगर वह प्रधानमंत्री पद के लिए प्रणब मुखर्जी का समर्थन करते हैं तो वह उसी शाम को उन्हें शपथ दिला देंगे।
फोतेदार ने किताब में आगे लिखा है, “मैंने जब राष्ट्रपति वेंकटरमण की कही गई सारी बातें राजीव जी को बताई तो वे काफी आश्चर्यचकित हुए। चूँकि कांग्रेस पार्टी के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे, इसलिए राजीव गांधी ने चंद्रशेखर को बाहर से समर्थन देने वाला विवादित फैसला लिया।” इस तरह प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए

अब निजी अस्पताल भी कर सकेंगे कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज

राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों को कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने की छूट दे दी है। अब निजी चिकित्सा विश्वविद्यालय और कॉलेज से संबद्ध अस्पताल भी संक्रमित मरीज का इलाज कर सकेंगे। सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। 
प्रदेश सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 21 अगस्त को गाइडलाइन जारी की थी, लेकिन प्रदेश में नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच) से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों को ही कोरोना मरीजों का इलाज करने की अनुमति दी गई थी। प्रदेश में एनएबीएच से मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों की संख्या मात्र तीन है। सचिव स्वास्थ्य अमित सिंह नेगी की ओर से जारी आदेश के अनुसार निजी चिकित्सा विश्वविद्यालय और कॉलेजों से संबद्ध निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने की अनुमति दे दी गई है।
अस्पतालों को वास्तविक और न्यूनतम दरों पर ही कोरोना मरीज का इलाज करना होगा। वहीं, केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य होगा। सरकार की ओर से दी गई छूट से अब प्रदेश में कई निजी अस्पताल कोरोना मरीज का इलाज कर सकेंगे।

ई-मीटिंग प्रणाली का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का शुभारम्भ किया। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर एक स्मार्ट मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम है। जिसके माध्यम से मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सचिवालय में होने वाली बैठकों को आईटी के माध्यम से और बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सकेगा। बैठक में प्रतिभाग करने वाले अधिकारी, बैठक का एजेंडा और प्रस्तावित चर्चा के बिंदु बैठक से दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए भेंजेंगे, अनुमोदन के बाद ही बैठक होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया की सोच की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ई-मीटिंग प्रणाली से ऊर्जावान युवा सोच को बढ़ावा मिलेगा। राज्य में ई-मंत्रीमण्डल, ई-ऑफिस के बाद ई-मीटिंग की शुरूआत हुई है। ई-मीटिंग प्रणाली से अधिकारियों के कार्य करने की गति में और तेजी आयेगी। राज्य सरकार का प्रयास है कि योजनाओं का लाभ समाज में अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए लीक से हटकर आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है। ई-मीटिंग प्रणाली से शासन एवं अन्य विभागों के कार्यों में भी तेजी आयेगी। मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग के माध्यम से कार्यों को एफिशिएंट व प्रोडक्टिव बनाकर समयबद्धता के साथ निस्तारण के स्थान पर निपुणता पर केन्द्रित किया जाना चाहिए। जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सचिवालय को सरकारी सिस्टम का हृदय माना जाता है। सचिवालय में फाइलों की ट्रेकिंग से विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को जल्द मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम वर्चुअल इंडिया की तरफ बढ़ रहे हैं। आज वर्चुअल ने एक्चुअल को साधने का दृढ़ निश्चय कर लिया है। राज्य सरकार का मुख्य विजन राज्य को आईटी हब बनाने का है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि यह ई-गवर्नेंस की दिशा में अच्छा प्रयास है। ई-मीटिंग प्रणाली से पूर्व में ली गई बैठकों के निर्णय भी सहजता से उपलब्ध होंगे और पेपरलेस कार्य भी होंगे। मंत्रीगणों एवं मुख्य सचिव की बैठकों के लिए भी ई-मीटिंग प्रणाली अपनाई जाय। इसके लिए निजी सचिवों को प्रशिक्षण भी दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि दिसम्बर तक सभी सन्दर्भ ई-ऑफिस पर आ जायें।
ई-मीटिंग का सॉफ्टवेयर एनआईसी द्वारा आईटी विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के सहयोग से बनाया गया है। अब मुख्यमंत्री कार्यालय की बैठक मीटिंग मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम से होंगी। ई-मीटिंग सॉफ्टवेयर का एक पोर्टल बनाया गया जिसकी वेबसाइट मउममजपदह.ना.हवअ.पद है। ई-मीटिंग तकनीक के माध्यम से बैठक का एजेंडा एवं कार्यवृत्त ऑनलाईन स्टोर किये जायेंगे। बैठक के आयोजन के लिए अधिकृत अधिकारी बैठक की तैयारियों एवं बैठक के समय दिखाये जाने वाले डाटा का मीटिंग से पूर्व वैरिफाई करेंगे। मीटिंग में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों की उपस्थिति ऑन लाईन दर्ज की जायेगी। मीटिंग के दौरान दिये गये लक्ष्यों की समय सीमा पूर्ण होने पर ऑटोमैटिक अलर्ट ईमेल और एसएमएस द्वारा अधिकारियों को मिलेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आईटी आर. के. सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा एवं विभिन्न विभागों के सचिव, अपर सचिव, एनआईसी के उप महानिदेशक के.नारायणन एवं तकनीकी निदेशक नरेन्द्र सिंह नेगी उपस्थित थे।

दूरस्थ क्षेत्रों में लैब तक सैपंल भेजने के लिए हेलीकॉप्टर की मदद लेः सीएम

कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय। टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। दूरस्थ क्षेत्रों से टेस्टिंग लैब में सैंपल भेजने में देरी हो रही है, हेलीकॉप्टर से भी भेज सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय की टेस्टिंग में देरी न हो। सर्विलांस सिस्टम मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये गये ‘चिकित्सा सेतु’ मोबाईल एप्प लांच किया। इस मोबाईल एप्प को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, सुरक्षा कर्मी पुलिस तथा कोरोना ड्यूटी में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस अवसर पर होम आइसोलेशन पर बनाये गये एप्प आरोग्य रक्षक के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण काफी लोग बेरोजगार हुए हैं। राज्य में बेरोजगारों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। इन योजनाओं की लोगों को पूरी जानकारी हो इसका जनपद स्तर पर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाय। जिलाधिकारी सरकार की विभिन्न योजनाओं को जनप्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं विभागीय अधिकारियों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचायें। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाय। सीएम सोलर स्वरोजगार योजना जल्द शुरू की जायेगी। 10 हजार लोगों को इस योजना के तहत रोजगार दिया जायेगा। मोटर, बाईक, टैक्सी योजना भी राज्य में जल्द शुरू की जायेगी। पाईन निडिल पॉलिसी में पाईन निडिल से बिजली पैदा करने एवं चारकोल पैदा करने के अच्छे प्रोजक्ट हैं, इनके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाय। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी जिलाधिकारी बैंकर्स के साथ बैठकर सुनियोजित योजना बनाये। जल्द ही राज्य स्तर पर बैंकर्स के साथ बैठक की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का प्रभाव कब तक रहता है, इसकी कोई निश्चित समयावधि नहीं है। उत्तराखण्ड के जो लोग बाहर के राज्यों से आये हैं, उनमें से अधिकांश लोग प्रदेश में ही काम करना चाहेंगे। हमें रोजगार एवं स्वरोजगार के विकल्प तलाशने होंगे। लोगों को काम मिले इसके लिए जिला योजना एवं राज्य सेक्टर में फण्ड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को भी उपनल के माध्यम से सेवायोजित करने की योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों को निर्देश दिये कि लोगों के फोन कॉल अवश्य रिसीव करें। किसी कार्य या मीटिंग में व्यस्त होने पर भी लोगों को इसकी जानकारी दे दें, और उसके बाद उन्हें वापस कॉल करें। यह सुनिश्चित किया जाय कि लोगों को फोन कॉल्स का रिस्पांस मिले। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि डेंगू से बचाव के लिए नियमित जागरूकता के साथ ही स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी स्थान या लोगों के घरों में साफ पानी जमा न हो इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाय।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि कोरोना को कम्यूनिटी स्प्रेड से रोकना जरूरी है। देहरादून, हरिद्वार,, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल जनपद में विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नैनीताल ने जो जीआईएस मैपिंग बेस्ड सॉफ्टवेयर तैयार किया है, यह सॉफ्टवेयर बहुत उपयोगी है। एनआईसी द्वारा इस सॉफ्टवेयर को परिस्कृत किया जाय। चारों मैदानी जनपदों में जल्द इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाय। कन्टनमेंट जोन बनाने में किसी प्रकार की लापरवाही न हो।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्र से आने वाले लोगों, माइग्रेन्टर, को-मॉर्बिड की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। सर्विलांस की एक्टिविटी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय। आईसीयू, आक्सीजन सपोर्ट बैड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाय। जिलाधिकारी कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी चिन्हित कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में टेंस्टिंग की जा सके और लोगों का ईलाज हो। प्रत्येक जनपद में एक ऐसा सेंटर बनाया जाय जहां पर हाई रिस्क क्षेत्र एवं बाहर से आने वालों की सैंपलिंग हो सके। कोविड केयर सेंटर में खाने, रहने एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पेशेंट को हॉस्पिटल लाने के लिए एम्बुलेंस एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

पौड़ी जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दे रही सरकार

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने जनपद पौड़ी में पर्यटन विभाग द्वारा 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना के अन्तर्गत चयनीत योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होने गुमखाल के समीप कीर्तिखाल में कीर्तिखाल से भैरंवगढ़ी रोपवे योजना के साथ ही सतपुली में 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के अन्तर्गत विभिन्न पर्यटन योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियां से कार्य प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
सचिव पर्यटन ने सतपुली में पर्यटन विभाग की 40 शैय्या वाले आवास गृह एवं विवाह समारोह मल्टी परक हाल के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण कर भवन के डिजाईन एवं सुविधा के बारे में मौके पर जानकारी ली। इसके बाद उन्होने सतपुली में चयनीत पार्किग स्थल एवं सतपुली में नयार नदी के उस पार निर्माणधीन एग्लिंग हट्स कम होमस्टे व नयार नदी में बनने वाले अन्य पर्यटन विकास परक कार्यों की संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। इसके उपरान्त सचिव जावलकर दिवा की डाडा रोपवे योजना के स्थलीय निरीक्षण किया।
सचिव जावलकर ने कहा कि इस क्षेत्र में एडवेंचर टूरिज्म की अपार सम्भावनाएं है। नयार नदी में फिशिंग व एंगलिंग का अच्छा स्कोप है। विगत दिनों में पैराग्लाइडिंग व पैरासिलिंग के जो प्रयास किये गये थे, उसके भी अच्छे परिणाम आये है। कहा कि यहां पर राफ्टिंग, क्याकिंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासिलिंग, एंगलिंग आदि की अपार सम्भावनाएं हैं, इसलिए इसे एक अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज जीएमवीएन का टीआरएच 40 बैड कैपसिटी का उद्घाटन भी किया जा रहा है, जो थर्टीन डिस्ट्रिक्ट थर्टीन डेस्टिनेशन का पार्ट है। पैरासिलिंग के जो ट्रायल हुए थे, उसकी रिपोर्ट प्राप्त कर उसके लॉचिंग पार्ट डेवलप किया जा रहे है। कुछ रोपवे भी प्रस्तावित है, जिनका अध्ययन कर उन पर भी कार्य किया जाना प्रस्तावित है।
सचिव जावलकर ने कहा कि दीवा का डांडा से हिमालय का बहुत अच्छा दर्शन होता है और यहां पर रोपवे का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर कार्य चल रहा है कि किस तरह से बनाया जाय। कहा कि क्षेत्र का निरीक्षण किया जायेगा और तत्पश्चात टेण्डर प्रक्रिया की कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी/साहसिक खेल अधिकारी पौड़ी खुशाल सिह नेगी, उपजिलाधिकारी अपर्णा ढौंडियाल सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।