मुख्यमंत्री ने योगाभ्यास कर दिया स्वस्थ रहने का संदेश

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सीएम आवास में योगाभ्यास किया। मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के योगाभ्यास प्रोटोकोल के अनुसार योगासन किए। इस वर्ष कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए योग का सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने-अपने घरों में रहकर ही योग करने का आह्वान किया गया। इसी क्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी अपने आवास में योगाभ्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के सफल प्रयासों से सारा विश्व 21 जून को योग दिवस के रूप में मना रहा। इस बार के योग दिवस का आयोजन विशेष परिस्थिति में हम लोग कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी से बचने के लिए हमारी इम्यूनिटी मजबूत होना बहुत जरूरी है और योग के द्वारा हम अपनी इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने नियमित योगाभ्यास को अपनी दैनिक जीवनचर्या में लाने का आह्वान करते हुए कहा कि हम सभी रोजाना एक घंटा अवश्य योगाभ्यास करें। स्वयं भी निरोग रहे, स्वयं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए और औरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें।

बुजुर्ग, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं का डेटा तैयार करने के निर्देश

(एनएन सर्विस)
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने शनिवार को सचिवालय में कोविड-19 के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रवासी की ट्रैवल्स हिस्ट्री की जानकारी प्राप्त करते हुए उनका कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होंने कम टेस्टिंग रेसियो वाले जनपदों को टेस्टिंग रेशियो बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण को रोकने एवं इसके नियंत्रण में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को खुद की भी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए इस संक्रमण को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को इस कार्य में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हुए, उन्हें सुरक्षा किट उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रवासियों का बेहतर ढंग से डाटा तैयार किया जाए ताकि पॉजीटिव पाए जाने पर उसकी टै्रवल हिस्ट्री की जानकारी तत्काल उपलब्ध हो सके और संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने पोर्टल पर लगातार डाटा अपलोड करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए अपने-अपने जनपदों में छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग व गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों का डाटा तैयार करते हुए उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर घूमने-फिरने को पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित करवाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्वारंटीन सेंटरों हेतु बनाए गए प्रभारी अधिकारियों के पास अनिवार्य रूप से सुरक्षा किट की उपलब्धता के साथ ही उन्हें निर्धारित प्रोटोकॉल की पूर्ण जानकारी दी जाए। क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों की टै्रवल हिस्ट्री आदि की जानकारी का रजिस्टर भी मेन्टेन किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि क्वारंटीन सेंटरों में काउन्सलरों के माध्यम से प्रवासियों की निरन्तर काउंसिलिंग की जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को क्वारंटीन सेंटरों की व्यवस्थाओं का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होने सभी जिलाधिकारियों को सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने तथा सभी व्यक्तियों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क का उपयोग अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नियमों का पालन नहीं करने वालों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को कोरोना संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गंभीरता एवं उत्साह के साथ बेहतर ढंग से कार्य किये जाने पर बधाई देते हुए आगे भी इसी उत्साह के साथ कार्य करने की बात कही।
सचिव स्वास्थ अमित नेगी ने सभी जिलाधिकारियों से कहा कि जनपद में आने वाले प्रवासियों को बेहतर ढंग से डाटा तैयार हो तथा उनकी निगरानी के लिए एक्टिव सर्विलांस को और अधिक बढ़ाया जाए। उन्होंने आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से होम एवं संस्थागत क्वारंटीन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों का सर्विलांस कराते हुए कोविड केयर सेंटरों में सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए।

पाॅजीटिव पाये गये स्वास्थ्यकर्मियों की रिपोर्ट पर संदेह, दोबारा होगी जांच

(एनएन सर्विस)
राज्य में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को 28 स्वास्थ्यकर्मियों समेत 104 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। अब प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 2206 पहुंच गई है। संक्रमित स्वास्थ्यकर्मियों में 17 देहरादून और 11 टिहरी के बताए जा रहे हैं। जबकि 1433 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। प्रदेश में अब 663 एक्टिव केस हैं।
स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को अल्मोड़ा में 14, बागेश्वर में सात, देहरादून में चार (17 स्वास्थ्यकर्मी भी, जिन्हें रिपोर्ट में जोड़ा नहीं गया), हरिद्वार में आठ, नैनीताल में आठ, पौड़ी में दो, पिथौरागढ़ में चार, ऊधमसिंह नगर में 12 और टिहरी में तीन कोरोना संक्रमित मिले हैं।
टिहरी जिले में 28 संक्रमित मरीज मिले हैं। इनमें सीएचसी हिंडोलाखाल में 11 स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना की पुष्टि हुई है, जबकि छह महाराष्ट्र व मुंबई, एक राजस्थान, दो नासिक से लौटे हैं और आठ मरीज संपर्क में आए हुए हैं। अल्मोड़ा जिले में 14 मरीजों में 12 की ट्रेवल हिस्ट्री दिल्ली की है। हरिद्वार और नैनीताल जिले में आठ-आठ, बागेश्वर जिले में सात, पिथौरागढ़ जिले में चार और पौड़ी जिले में एक ही परिवार के 2 लोग संक्रमित मिले हैं। वहीं, देर रात ऊधमसिंह नगर जिले में भी 12 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
वहीं देहरादून जिले में शुक्रवार को चार डॉक्टरों और 13 स्वास्थ्य कर्मियों समेत 21 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। डॉक्टरों में एक वीवीआईपी के वरिष्ठ फिजीशियन भी शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.बीसी रमोला ने 17 स्वास्थ्यकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने की पुष्टी की है। लेकिन संदेह जताते हुए सभी के सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजने की बात भी कही है।

कोटद्वार के दो मार्केट 20 जून तक बंद
कोटद्वार में मालिनी मार्केट और जिला परिषद मार्केट अब शनिवार 20 जून तक बंद रहेंगे। व्यापारी के परिवार के पांच लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद बाजार बंद रहने की अवधि बढ़ाई गई है। यहां व्यापारी परिवार की तीन दुकानें हैं। इससे पूर्व गुरुवार की सुबह व्यापारी तीन दिन से बंद दुकानें खोलने के लिए पहुंचे। लेकिन पुलिस ने प्रशासन के आदेश बताते हुए उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। लिहाजा, चैथे दिन भी मालिनी और जिला परिषद बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। एसडीएम योगेश मेहरा ने बताया कि पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर संक्रमण को फैलने से बचाने के लिए एहतियात के तौर पर 20 जून तक मालिनी मार्केट और जिला परिषद मार्केट को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद आगे फैसला लिया जाएगा।

योगाचार्य को धन वसूली और जान से मारने की धमकी मिली

(एनएन सर्विस)
मुनिकीरेती थाना क्षेत्र में योग शिक्षक को अमेरिका के नंबर से व्हाट्सअप पर जबरन धन वसूली और जान से मारने की धमकी मिली है। योग शिक्षक ने थाना मुनिकीरेती में तहरीर दी है। वहीं पुलिस की साइबर सेल मामले की जांच में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक, तपोवन स्थित वेदांशा इंटरनेेशनल योग एकेडमी के संचालक संजीव कुमार पांडेय को बीते माह 21 मई को व्हाट्सअप घ्पर विदेशी नंबर से मैसेज आया। उन्होंने मैसेज को पढ़ा तो अमेरिकन लैंग्वेज में उनकी पूरी लोकेशन बताई हुई थी। साथ ही कुछ रूपयों की डिमांड की गई थी। मैसेज में साफ तौर पर यह भी कहा गया था कि यदि मामले में पुलिस की शरण ली तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा। मैसेज में उक्त व्यक्ति ने अपना नाम न बताकर किसी से उनके नाम की सुपारी देने की बात कही है। घबराए संचालक संजीव कुमार ने मुनिकीरेेती पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की।
वहीं, थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी ने कहा कि मामले को लेकर तहरीर प्राप्त हुई है। साइबर सेल से जांच कराने पर मालूम हुआ है कि उक्त नंबर अमेरिका का है। फिलहाल इस मामले में साइबर एक्सपर्ट उक्त नंबर की लोकेशन तलाश रहे है।

पूर्व में भी हो चुकी है धनवसूली
वेदांशा इंटरनेेशनल योग एकेडमी के संचालक संजीव कुमार पांडेय के साथ पूर्व में भी जबरन धन वसूली का मामला हो रखा है। वर्ष 2018 में ऋषिकेश कोतवाली में स्पेशल ब्रांच में तैनात महिला एसआई ने कुछ स्थानीय लोगों के साथ मिलकर पांच लाख रूपये की धनवसूली की थी। उक्त मामले में स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने पर संजीव कुमार उच्चाधिकारियों से मिले थे। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर उक्त महिला एसआई सहित छह लोगों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। फिलहाल महिला एसआई का कुमांऊ मंडल में स्थानांतरण हो चुका है।

मुकदमा वापस लेने का बन चुका है दबाव
पीड़ित को उक्त मुकदमें को वापस लेने के लिए छह माह बाद 2018 में ही चार लोगों ने घर में घुसकर दबाव बनाया था। साथ ही मुकदमा वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी तक दे डाली थी। उक्त मामले में भी पुलिस ने चार लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था।

मुख्यमंत्री नाराज, क्वारंटीन सेंटर में आत्महत्या करने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर गिरी गाज

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा व आंगनबाङी कार्यकत्रियों की सहायता से सर्विलांस को बढाएं। यह सर्विलांस नियमित रूप से होना है। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित किया जाए। कोविड-19 से संबंधित हर मृत्यु की ऑडिट कराई जाए।

कोविड-19 से संबंधित लक्षण पर अनिवार्य तौर पर सेम्पलिंग
सर्विलांस में जिन लोगों में कोविड-19 से संबंधित लक्षण दिखाई दें, उनकी हेल्थ टीम के माध्यम से अनिवार्य रूप से सेम्पलिंग कराई जाए। फ्रंटलाईन वर्कर्स को आवश्यकताअनुसार थर्मल स्कैनर, फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क आदि जरूर उपलब्ध कराए जाएं। इससे उनका कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है। ओपीडी में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों को भी फेस शील्ड उपलब्ध हों।

लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप लोगों में व्यवहारात्मक परिवर्तन लाने होंगे। इसके लिए आईईसी कार्यक्रम संचालित करें। फिजीकल डिस्टेंसिंग, मास्क का अनिवार्यता से उपयोग, नियमित रूप से हाथ धोना आदि बातों को आदत में लाना होगा। बाजारों में एक जगह पर भीड़ को सख्ती से नियंत्रित किया जाए।

कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट
मुख्यमंत्री ने देहरादून के क्वारेंटाईन सेंटर में युवक के आत्महत्या पर संबंधित नोडल अधिकारी व डाक्टर को निलंबित करते हुए जांच के निर्देश दिये। देहरादून में एक गर्भवती महिला की इलाज न मिलने पर मृत्यु की भी शीघ्र जांच की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कन्टेनमेंट जोन में पूरी सख्ती रखी जाए। कान्टेक्ट ट्रेसिंग बहुत महत्वपूर्ण है। कोविड-19 से संबंधित हर डेथ का आडिट किया जाए। हर मृत्यु के कारण का विश्लेषण किया जाए। कोविड केयर सेंटर में सारी आधारभूत सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्वारेंटाईन सेंटर में भी सुविधाएं उपलब्ध हों। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आइसोलेशन में सारे प्रोटोकोल का पालन हो। डिस्चार्ज कर होम आइसोलेशन में भेजे जाने वालों की काउंसिल की जाए।

कोविड-19 से संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु पर उसके अंतिम संस्कार में विवाद न हो। लोगों को इस संबंध में जारी दिशानिर्देशों की जानकारी दी जाए। मृत्यु के बाद भी व्यक्ति का सम्मान बरकरार रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी व हरिद्वार में विद्युत शव-दाह गृह का कार्य शुरू करने के निर्देश देते हुए देहरादून में भी शव-दाह गृह की घोषणा की।

जिला स्तर पर अधिकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि धन की कोई समस्या नहीं है। आवश्यकता अनुसार कार्मिकों की नियुक्ति के लिए जिलाधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं। इसी प्रकार आवश्यक चिकित्सा संबंधित उपकरणों के क्रय के लिए भी अधिकार दिए गए हैं।

होम क्वारेंटाईन में प्रोटोकॉल का पालन
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि हर केस को पूरी गम्भीरता से लिया जाना है। होम क्वारेंटाईन के लिए डिस्चार्ज करने से पूर्व पूरी तरह आश्वस्त हो जाएं कि घर में मानकों के अनुरूप सारी व्यवस्थाएं उपलब्ध हों। सर्विलांस को बढाया जाना है।

पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट से मृत्यु दर पर नियंत्रण
सचिव अमित नेगी ने कहा कि अगले 15-20 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमारी रिकवरी रेट और डबलिंग रेट में सुधार हो रहा है। एक्टिव केस लगभग स्थिरता की ओर जा रहे हैं। पेशेंट केयर मेनेजमेन्ट पर अधिक ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के अलावा सामान्य चिकित्सा भी प्रभावित नहीं हो। लोगों को सामान्य इलाज मिलता रहे।

प्रदेश में आने वालों का ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी
सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि बाहर से प्रदेश में आने वालों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इससे भविष्य में उन्हें ट्रेक करने में आसानी होगी।

वीडियो कांफ्रेंसिग में आयुक्त कुमाऊँ अरविंद सिंह ह्यांकी, आयुक्त गढवाल रविनाथ रमन, सचिव डाॅ पंकज पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।

ओएसडी पंवार पहुंचे क्वारंटीन सेंटर, अधिकारियों में मचा हड़कंप

देहरादून के क्वारंटीन सेंटर में हुई युवक की मौत को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहद नाराज बताये जा रहे है। उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को क्वारंटीन सेंटरों का औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश मिलने पर आज मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी धीरेंद्र सिंह पवार ने बीते रोज हुए मृतक के क्वारंटाइन सेंटर में जाकर निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद डाक्टरों व अधिकारियों से जानकारी ली, मौके पर उन्होंने जरुरी निर्देश भी दिये।
धीरेंद्र सिंह पवार ने डोईवाला विधानसभा के ग्राम सभा कालूवाला में प्राथमिक विद्यालय और बड़ोवाला इंटर कॉलेज के साथ ही नगरपालिका डोईवाला के अंतर्गत लच्छीवाला पंचायत घर व केशवपुरी बस्ती के प्राथमिक विद्यालय में बने क्वारंटीन सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। वह व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो वहीं अधिकारियों के समय-समय पर क्वारंटाइन सेंटरों में निरीक्षण न करने की शिकायत के बाद अपनी नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई ।
धीरेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि इन क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे उत्तराखंड राज्य के प्रवासी इस राज्य का अभिन्न अंग है और उनकी सुरक्षा खाने पीने की व्यवस्था रहने की व्यवस्था सरकार की जिम्मेदारी है जिसके लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है। इन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है जिसके लिए सरकार ने ग्राम सभाओं को एक निश्चित धनराशि भी उपलब्ध कराई है कि जिससे इन क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत पेश न आये ।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अधिकारी इन सेंटरों में समुचित व्यवस्था बनाए रखने में अपना सहयोग दें अगर किसी प्रकार की लापरवाही सामने आती है तो सरकार कार्यवाही करने से पीछे नहीं हटेगी उन्होंने अधिकारियों को समय-समय पर इन क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे प्रवासियों के स्वास्थ्य परीक्षण साफ-सफाई व भोजन इत्यादि की व्यवस्था जांचने परखने हेतु समय-समय पर निरीक्षण के निर्देश दिए हैं तो वहीं उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी इन व्यवस्थाओं के लिए लगातार औचक निरीक्षण किया जाता रहेगा जिससे कि किसी को भी किसी प्रकार की दिक्कत पेश न आये।
निरीक्षण के दौरान कालूवाला व बड़ोवाला में ग्राम प्रधान पंकज रावत, पूर्व प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी, पूर्व प्रधान राजकुमार सिंह पुंडीर सहित केशवपुरी में निरीक्षण के दौरान सभासद प्रतिनिधि अमित कुमार भी मौजूद रहे।

नौ पर्वतीय जिलों में अल्मोड़ा की स्थिति सबसे बेहतर

पर्वतीय जिलों में स्थिति अब नियंत्रण में आती दिख रही है। लॉकडाउन-3 में मिली छूट के बाद सैकड़ों की संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौटे, जिसके बाद पहाड़ी क्षेत्रों में एकाएक कोरोना संक्रमण के मरीज मिलने शुरु हुए। लेकिन सुकुन की बात है कि अब उसी रफ्तार से लोग रिकवर भी होने लगे हैं।
नौ पर्वतीय जिलों की बात करें तो अल्मोड़ा सबसे बेहतर स्थिति में है। उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, चंपावत और बागेश्वर में भी पचास फीसद से अधिक मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि पिथौरागढ़, चमोली और पौड़ी गढ़वाल में भी स्थिति में सुधार दिख रहा है। रुद्रप्रयाग का रिकवरी रेट जरूर कम है। इधर, प्रदेश की राजधानी दून में रिकवरी रेट अभी भी बहुत कम है। यहां पर मरीजों के ठीक होने की रफ्तार 30 फीसद है।
वहीं, प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित जिन चैदह मरीजों की मौत हुई है, उनमें नौ मरीज देहरादून जनपद की सूची में शामिल हैं। रिकवरी रेट में नैनीताल और ऊधमसिंहनगर दून से कई बेहतर स्थिति में हैं। जबकि हरिद्वार भी दून के आसपास ही खड़ा दिख रहा है।
उत्तराखंड में कोरोना के 127 नए मामले, टिहरी में सबसे ज्यादा 72 केस
वहीं, अधिकांश मेडिकल स्टोर संचालक केन्द्र की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। शासन द्वारा साफ किया गया है कि कोई भी मेडिकल स्टोर संचालक सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार की दवा बिना चिकित्सक के पर्चे के नहीं बेचेगा। अगर बेचेगा तो उसे मरीज का डाटा और दवा का ब्योरा प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा। मरीज का नाम, मोबाइल नंबर, ई-मेल का विवरण अलग एक रजिस्टर में अंकित किया जाएगा। पर अभी भी बड़ी संख्या में मेडिकल स्टोर इसका पालन नहीं कर रहे हैं।
वहीं, प्रदेशभर के सभी निजी अस्पतालों की जानकारी भी शासन-प्रशासन को नहीं मिल पा रही है। उनका रिकॉर्ड रखना भी मुश्किल हो रहा है। अस्पताल रोजाना कितने मरीज देख रहे हैं, क्या दवाएं दे रहे हैं इसकी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है।
चार जिलें सबसे ज्यादा प्रभावित
प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि एक समय तेजी से पहाड़ चढ़ रहे कोरोना के मामले फिलहाल प्रदेश के चार जिलों में ही सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं। ये जिले हैं देहरादून, नैनीताल, टिहरी और हरिद्वार। कोरोना के 70.29 फीसद मरीज इन्हीं चार जिलों में हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा 26.59 फीसद मरीज देहरादून में हैं। इसके बाद मरीजों के मामले में नैनीताल की हिस्सेदारी 22.98 तो टिहरी की 10.53 व हरिद्वार की 10.18 फीसद है।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार के साथ प्रदेश में संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक 14 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें भी सबसे ज्यादा नौ मौतें देहरादून जिले में हुई हैं।

साप्ताहिक बंदी पर निगम कर्मचारियों के साथ जुटी रही महापौर

महापौर अनीता ममगाई ने रविवार को हो रही साप्ताहिक बंदी का लाभ उठाते हुए पूरे बाजार क्षेत्र को एक बार फिर से सैनेटाइज करवाया। बता दें कि शहर के व्यापारियों द्वारा महापौर से अनलॉक वन में बाजार में लोगों की बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर सैनेटाइजेशन कराने का आग्रह किया गया था। जिस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए महापौर रविवार सुबह से ही मोर्चे पर डट गई। तमाम प्रमुख बाजारों और यहां पड़ने वाले आश्रमों और धर्मशालाओं में सैनेटाइजेशन कराया।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए नगर निगम लोगों की सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को शहर के तमाम प्रमुख बाजारों में सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। महापौर अनिता ममगाई की अगुवाई में नगर निगम अमले ने सैनिटाइजर टैंकर और फॉगिंग मशीनो के साथ मुख्य बाजार में छिड़काव किया। हरिद्वार रोड़, त्रिवेणी घाट बाजार, रेलवे रोड, मुखर्जी मार्ग, देहरादून मार्ग सहित विभिन्न बाजारों में निगम प्रशासन की ओर से सप्ताहिक अवकाश पर जोरदार तरीके से सैनेटाइजेशन कराया गया। महापौर ने दुकानों के बाहर सेनेटाइजर का छिड़काव की कमान खुद संभाली। क्षेत्रवासियों से घरों से बाहर न निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील भी की।
महापौर अनीता ममगाई ने बताया कि वैश्विक महामारी को देखते हुए मार्च माह से ही निगम का फोकस सैनेटाइजेशन पर रहा है। लेकिन कुछ कपड़ों की दुकानों एवं अन्य व्यापारिक प्रतिषठानों में सेनेटाइजिंग मे दिक्कतें आ रही थी जिसे देख आज साप्ताहिक बंदी पर बाजारों को पूर्ण सैनेटाइजेशन कराया गया है। उन्होंने बताया कि अभियान के लिए उपजिलाधिकारी, सहायक नगर आयुक्त और सैनेट्री इंस्पेक्टर को आदेशित किया गया है कि अपनी निगरानी में यह कार्य पूर्ण करायें। महापौर के अनुसार अनलॉक वन में अब सरकार का ध्यान लोगों की परेशानियों को दूर करने के साथ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरी तरह से बाजारों को खोलने पर है। आने वाले दिनों में शहर के बाजारों में भी लोगों की आवाजाही और बढ़ेगी जिसके लिए आज बाजारों को पूरी तरह से सैनेटाइजेशन कराया गया है। आगे भी यह अभियान समय-समय पर निरंतर जारी रहेगा। इस दौरान पार्षद गुरविंदर सिंह, राजपाल ठाकुर, पवन शर्मा, हितेंद्र पवार, राजेश भट्ट, संजय पंवार आदि मौजूद रहे।

क्वारंटीन सेंटर में किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरतें अधिकरीः डीएम मंगेश घिल्डियाल

कोरोना वायरस को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के उप जिलाधिकारियों एवं प्रभारी चिकिसा अधिकारियो की बैठक ली। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए जब तक कोरोना की जांच रिपोर्ट नही आ जाती तब तक क्वारंटीन सेंटर में रखे व्यक्ति को घर जाने की अनुमति किसी भी दशा में न दी जाए। जिलाधिकारी ने कहा, कन्टेनमेंट जोन में किसी भी तरह का आवागम नही होगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया की यदि कन्टेनमेंट जोन में केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का उलंघन पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि कन्टेनमेंट जोन एक गंभीर विषय है, इसमे किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि कन्टेनमेंट जोन का औचक निरीक्षण किया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वही कल से कन्टेनमेंट जोन पर लगाये गए बैरियर की फोटो अनिवार्य रूप से उपलब्ध करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिरारियो को कन्टेनमेंट जोन में प्रत्येक परिवार का दैनिक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया की कोरोना पाॅजीटिव व्यक्ति के संपर्क में आये व्यक्तियो (कांटेक्ट ट्रेसिंग से) उन व्यक्तियो को अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटीन किये जाने के निर्देश दिए है। कोरोना महामारी आपदा के दौरान तमाम व्यवस्थाओ हेतु तहसील स्तर पर प्रयाप्त धनराशि की उपलब्धता के बावजूद लंबित बीजकांे के भुगतान न किये जाने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। प्रभारी चिकिसाधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दिए की कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति को कौन सी दवाई देनी है कौन सी नही, इस हेतु हेल्थ टीमों को नियमित रूप से प्रशिक्षित करने के निर्देश भी दिए है।

रात्रिकालीन कर्फ्यू रहेगा, रात नौ से सुबह पांच बजे तक पाबंदी

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 68 दिनों की बंदी के बाद चरणबद्ध तरीके से बंदिशें हटाने का एलान कर दिया। 30 जून तक चलने वाले लॉकडाउन-5.0 के दौरान पाबंदियां सिर्फ कंटेनमेंट जोन में रहेंगी। इसके अलावा बाकी जगहों पर सभी गतिविधियां चरणबद्ध तरीके से शुरू होंगी। एक जून से पूरे देश में कहीं भी लोग आ जा सकेंगे। इसके लिए किसी पास या मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। वहीं, देशभर में रात का कर्फ्यू अब रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक रहेगा। इस दौरान सिर्फ आवश्यक गतिविधियों की मंजूरी होगी।
अनलॉक-1 के पहले चरण में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक आठ जून से सभी धार्मिक स्थल, होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल खुल सकेंगे। वहीं, दूसरे चरण में स्कूल-कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को खोलने की तैयारी है। हालांकि इसकी तारीख राज्यों से पहले चरण के फीडबैक के आधार पर जुलाई में तय होगी। इसके बाद तीसरे चरण में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल, स्वीमिंग पूल, जिम, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल, राजनीतिक गतिविधियां शुरू करने पर फैसला होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-1 के विस्तृत दिशा-निर्देश के तहत कंटेनमेंट जोन में पाबंदियां पहले की तरह ही 30 जून तक लागू रहेंगी। कंटेनमेंट जोन का निर्धारण संक्रमण स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन करेगा। इस जोन में सिर्फ चिकित्सा तथा आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की ही मंजूरी होगी। राज्य और केंद्र शासित क्षेत्र कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन तय कर हालात के मुताबिक कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी जरूरत के हिसाब से पाबंदियां लगाई जा सकेंगी।

दूसरे राज्य में जाने के लिए पास जरूरी नहीं, नियम तोड़ने पर होगी सजा
सोमवार से एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने या राज्य के भीतर कहीं भी लोगों और वस्तुओं की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं होगी। इसके लिए अलग से कोई मंजूरी या ई-पास भी जरूरी नहीं होगा। हालांकि कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश अगर स्वास्थ्य कारणों से आवाजाही रोकना चाहता है तो इस बारे में पहले व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करना होगा। श्रमिक स्पेशल, विशेष ट्रेनें, घरेलू विमान सेवाएं तथा विदेश में फंसे भारतीयों की वापसी जारी रहेगी। कोई भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश वस्तुओं की आपूर्ति या आवाजाही पर रोक नहीं लगा सकेगा।

नियम तोड़ने पर सजा का प्रावधान
महामारी के दौरान सरकार आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 और आईपीसी की धारा-188 के तहत कार्रवाई करेगी। आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत निमभन परिस्थितियों में कार्रवाई की जाएगी।
अकारण किसी अधिकारी या अन्य सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने पर धारा-51 के तहत एक साल की सजा व जुर्माना
केंद्र या राज्य सरकार की तरफ से दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करने पर भी धारा-51 के तहत एक साल की सजा व जुर्माना
सरकारी राहत कार्यों को लेकर किसी तरह का झूठा दावा करने पर धारा-52 के तहत दो साल की सजा व जुर्माना
राहत अभियान के तहत मिले सामान या पैसे में घपला करने पर धारा-53 की तहत दो साल की सजा व जुर्माना
आपदा या महामारी को लेकर किसी तरह की झूठी अफवाह फैलाने पर धारा-54 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना
किसी सरकारी विभाग की तरफ से किए गए अपराध के लिए विभागीय प्रमुख होगा दोषी, धारा-55 (1) के तहत कार्रवाई
यदि यह साबित हो कि अपराध विभागीय प्रमुख के बजाय अन्य अधिकारी ने किया है तो धारा-55 (2) के तहत कार्रवाई
बिना इजाजत लिए आपदा के दौरान ड्यूटी से गायब रहने वाले सरकारी अधिकारी को धारा-56 के तहत एक साल की सजा या जुर्माना
धारा-65 के तहत दिए गए आदेश का पालन करने में असफल रहने वाले व्यक्ति को एक साल कैद या जुर्माना या दोनों सजा
कंपनियों द्वारा अधिनियम के तहत जारी निर्देशों का पालन नहीं करने पर धारा-58 के तहत आपराधिक कार्रवाई
धारा-55 व धारा-56 के तहत किए गए अपराध में अभियान की कार्रवाई धारा-59 के तहत पूरी की जाएगी
अधिनियम की धारा-60 के तहत कोई भी अदालत कुछ खास परिस्थितियों में मामले का संज्ञान नहीं लेगी

पहला चरण
धार्मिक स्थल, सार्वजनिक पूजा स्थल, होटल, रेस्तरां और शॉपिंग मॉल आठ जून से खुलेंगे। इनके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय दिशा-निर्देश जारी करेगा।

दूसरा चरण
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि शिक्षण संस्थान राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चर्चा के बाद खुलेंगे। राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अभिभावकों तथा शिक्षण संस्थान संचालकों से विचार विमर्श कर केंद्र को फीडबैक देंगे। इसके आधार जुलाई में इन्हें खोलने पर फैसला होगा।

तीसरा चरण
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, मेट्रो रेल, सिनेमाघर, जिम, स्वीमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, बार, सभागार, सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक समारोह और अन्य बड़े कार्यक्रमों को शुरू करने की तारीखों का फैसला हालात के आकलन के बाद तीसरे चरण में होगा।
कार्य स्थलों के लिए ये हैं दिशानिर्देश, चेहरा ढकना और सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य
सार्वजनिक जगहों, कार्य स्थलों और सफर के दौरान चेहरा ढकना अनिवार्य होगा।
सार्वजनिक स्थलों पर हर किसी को दो गज (छह फुट) की दूरी का पालन करना होगा।
बड़ी सार्वजनिक सभाओं व कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। शादी में 50 से ज्यादा और अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने पर पाबंदी।
सार्वजनिक जगहों पर थूकना होगा दंडनीय अपराध, लगेगा जुर्माना।
सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीना, गुटखा और तंबाकू इत्यादि खाने पर रहेगी रोक।
 
कार्यालयों के लिए दिशानिर्देश
यथासंभव वर्क फ्रॉम होम लागू हो
दफ्तरों, कार्यस्थलों, दुकानों, बाजारों, उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में बिजनेस ऑवर का पालन हो
कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग, हाथ धोने और आने जाने वाले द्वार पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था हो
कार्यस्थलों में नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन हो। शिफ्ट बदलने के दौरान भी रखें सफाई का ध्यान
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। शिफ्ट के बीच पर्याप्त अंतराल हो
कर्मचारियों के आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाए