राज्य सरकार माफिया तंत्र से मुक्ति के लिए संकल्पबद्धः सीएम

हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत है। माफिया तंत्रों जो अवैध रूप से प्रदेश के अन्दर घुसने का प्रयास करते हैं, चाहे नशा माफिया हो, खनन माफिया हो, वन माफिया हो इनके खिलाफ एक होकर हमें लड़ना है। राज्य सरकार माफिया तंत्र से मुक्ति के लिए संकल्पबद्ध है। सरदार बल्लभ भाई पटेल का जीवन हमें प्रेरणा और बल देगा। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस लाईन में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर रैति परेड में प्रतिभाग के दौरान कही।

उन्होंने परेड का निरीक्षण किया व राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने पोखरी थाना को सर्वश्रेष्ठ थाना चयनित होने पर ट्रॉफी एवं एक लाख रूपये का चेक देकर सम्मानित किया। पुलिस के अधिकारियों को अग्निशमन के क्षेत्र में विशिष्ट पदक तथा सेवा पदक, उत्कृष्ट विवेचना एवं उत्कृष्ट अनावरण के पदकों से सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश की आजादी के लिए लंबा संघर्ष किया। आजादी के बाद उन्होंने मजबूत इच्छा शक्ति से देश की रियासतों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया। किसी भी देश, राज्य एवं बल की मजबूती के लिए एकता होना सबसे जरूरी है। समाज की शक्ति एकता से ही बढ़ती है। सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने समाज के हर वर्ग के समान विकास के लिए प्रयास किये। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र और पुलिस को मजबूती देने का कार्य किया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से सरदार वल्लभ भाई पटेल के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार हो रहा है।

इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, मुन्ना सिंह चैहान, मेयर सुनील उनियाल गामा, नरेश बंसल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।

श्री भरत मंदिर इंटर काॅलेज में दो नवंबर से दो पालियों में होंगी कक्षा संचालित

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश के प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत ने बताया कि दो नवंबर 2020 से शासन के निर्देश पर विद्यालय खोला जाएगा। जिसमें शासन के निर्देशानुसार प्रथम पाली में कक्षा 10 के विद्यार्थियों को समय प्रातः नौ से दोपहर 12 और द्वितीय पाली में कक्षा 12 के विद्यार्थियों को दोपहर एक बजे से साढे़ तीन बजे तक बुलाया जाएगा और शिक्षण कार्य करवाया जाएगा।

प्रधानाचाय ने बताया कि विद्यालय में सैनिटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है और सभी छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था भी पहले से ही कर ली गई है और सभी विद्यालय आने वाले छात्र-छात्राओं को कोविड-19 में शिक्षा विभाग के दिशा निर्देश अनुसार अपने माता-पिता, अभिभावकों से सहमति पत्र लाना अनिवार्य होगा।

साथ ही विद्यालय में सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जाएगा और शासन के दिशा निर्देशों को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। इस अवसर पर लखविंदर सिंह, डा. सुनील दत्त थपलियाल, नवीन मेंदोला, रंजन अंथवाल, रमेश बुटोला आदि उपस्थित थे।

ऋषिकेश की कनुप्रिया का यूरोप में क्लिनिकल साइकोलाॅजिस्ट में रिसर्च के लिए हुआ चयन

ऋषिकेश। तीर्थनगरी की बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमा रही है। इसी क्रम में अब कनुप्रिया रावत का भी नाम जुड़ गया है। कनुप्रिया यूरोप में जाकर रिसर्च करेंगी। रायवाला निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी ने भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। उनकी उपलब्धि पर अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया। नवरात्र उत्सव के समापन मौके पर मिले सम्मान को पाकर कनुप्रियाा बेहद अभिभुत नजर आई।

डा. राजे नेगी ने बताया कि कनुप्रिया को भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट में रिसर्च के लिए चुना है। वह भारत से चुनी गई इकलौती स्कॉलर हैं। जो वहां पर रिसर्च करेंगीं। कनुप्रिया की पढ़ाई का खर्चा भी यूनिवर्सिटी उठाएगी यूनिवर्सिटी ने कुल 5 रिसर्च स्कॉलर को चुना है जिनमें कनुप्रिया भी एक है। उन्होंने वर्ष 2018 में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार से एमएससी की थी। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने पीएचडी के लिए तैयारी की और चयनित हो गई। डॉ नेगी ने बताया कि वह जुडो की खिलाड़ी भी रही है चारों भाई बहनों में सबसे बड़ी है और उनके छोटे भाई बहन उनको अपना रोल मॉडल मानते हैं।कनुप्रिया की छोटी बहन निधि रावत बॉलीबाल की नेशनल खिलाड़ी रही है और वर्तमान में योग शिक्षका के रूप में कार्य कर रही है।
कनुप्रिया मूल रूप से चमोली जिले में थराली के पास गूंगा गांव के रहने वाली है। उनके पिता पुलिस में अधिकारी थे जिनका कुछ वर्ष पहले देहांत हो गया था। कनुप्रिया ने कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी कर वह वापस उत्तराखंड के दूरगामी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी। इस मौके पर महासभा के उत्तम सिंह असवाल, लोक गायक धूम सिंह रावत, खेल शिक्षक दिनेश पैन्यूली, अंजली वर्मा, मोनिका पंवार, मनोज नेगी, मनोज रौतेला, लक्ष्मी प्रसाद रतूड़ी आदि उपस्थित रहे।

निगम क्षेत्र में लोगों को कूड़ा एकत्र को मिलेंगे 50 हजार कूड़ादान

ऋषिकेश को साफ और स्वच्छ रखने की मुहिम में नगर निगम प्रशासन प्रतिबद्धता के साथ जुटा हुआ नजर आ रहा है। शहर में घरों से निकली गंदगी सड़कों पर बिखर कर शहर की सुंदरता पर दाग ना लगा सके इसके लिए नगर निगम ने तमाम चालीस वार्डो के प्रत्येक घर में डस्टबिन बांटने का अभियान शुरू किया है। नगर निगम प्रांगण सहित बापू ग्राम स्थित निगम के ग्रामीण क्षेत्र के कैम्प कार्यालय में महापौर ने अभियान का श्रीगणेश लोगों को डस्टबिन बांटकर किया।

नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में अव्वल आने के संकल्प के साथ साथ निगम काम कर रहा है। घरों की गंदगी सड़कों पर नजर ना आए इसके लिए निगम क्षेत्र के प्रत्येक घर में निगम की ओर से दो-दो निशुल्क डस्टबिन दिए जाएंगे। जिसमें लोगों को सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग डालकर रोजाना निगम के स्वच्छता वाहन में डालना होगा। स्वच्छता वाहन में जीपीएस सिस्टम के अलावा हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल भी किया जाएगा। जिसके जरिए नियमित रूप से निगम के वाहन घर-घर तक पहुंचकर कूड़ा एकत्र करेंगे। बताया कि कूड़े के निस्तारण के लिए यूएनडीपी एचडीएफसी बैंक के माध्यम से निस्तारण प्लांट लगा दिया गया है। गीले कूड़े के निस्तारण के लिए कंपोस्ट पिट बनाई जा रही हैं जिससे खाद बनाई जा सकेगी। मौके पर एसएनए एलम दास, विनोद लाल, पार्षद विजेंद्र मोगा, पार्षद विजय बडोनी, पार्षद अनीता प्रधान, पार्षद अनीता रैना, पार्षद विपिन पंत,पार्षद लष्मी रावत,पार्षद रश्मि देवी, पार्षद कमलेश जैन, पार्षद रीना शर्मा, पार्षद सुंदरी कंडवाल, पार्षद पुष्पा मिश्रा, पार्षद शकुंतला शर्मा, पार्षद शोकत अली, ग्रामीण जन संपर्क अधिकारी प्रदीप धस्माना, अनिकेत गुप्ता, रंजन अंथवाल, राजीव राणा राणा आदि मौजूद रहे।

त्यूनी में 100 बेड वाले अस्पताल को सात करोड़ की धनराशि स्वीकृत

देहरादून की विभिन्न पेयजल योजनाओं के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 4.65 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के वार्ड संख्या- 68 एवं 99 के अन्तर्गत विभिन्न मोहल्लों में पेयजल लाइन बिछाने हेतु अवशेष 03 करोड़ 65 लाख 49 हजार की धनराशि स्वीकृत की है। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा डांडा लखौण्ड एवं तरला नागल क्षेत्र की पेयजल योजनाओं के लिये भी एक करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। स्वीकृत धनराशि से नगर निगम क्षेत्र में शामिल हुए इन क्षेत्रों की पेयजल समस्या का समाधान होगा।

इसके अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद देहरादून के दूरस्थ क्षेत्र त्यूनी में 100 शैय्यायुक्त हॉस्पिटल के निर्माण के लिये 07 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। त्यूनी में इस अस्पताल के निर्माण के बाद क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा की एप्रोच रोड तथा मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के अन्य निर्माण कार्यों हेतु 1.89 करोड़ धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।

उत्तराखंड में दो नवंबर से खुल रहे हैं 10वीं और 12वीं कक्षा के स्कूल

उत्तराखंड में एक नवंबर को रविवार होने के कारण दो नवंबर से 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए स्कूल खोले जा रहे है। कैबिनेट में हुए फैसले के बाद पहले चरण में अभी 10वीं और 12वीं कक्षा ही शामिल है। फैसले के बाद दो नवंबर से राज्य के सभी सरकारी, प्राइवेट स्कूलों में परम्परागत तरीके से पढ़ाई कराई जाएगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 18 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रथम चरण में दो नवंबर से सिर्फ दसवीं और बाहरवीं के छात्रों के लिए स्कूल में पढ़ाई परम्परागत माध्यम से होगी। केंद्र सरकार स्कूल खोलने के लिए पहले ही राज्य सरकार को अधिकृत कर चुकी थी, इसी क्रम में एसओपी भी जारी हो चुकी है। कक्षा संचालन के समय एसओपी का पालन किया जाएगा।

बताया कि डिग्री कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज आदि कक्षाओं के संचालन के संबंध में बाद में निर्णय लिया जाएगा। कहा कि यदि स्कूल तय एसओपी का पालन नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

सिलेबस में 30 फीसदी कटौती के साथ परीक्षा देंगे छात्रः मीनाक्षी सुंदरम

कोरोना महामारी के बीच छात्रों के लिए राहत देने वाली खबर है। संक्रमण के चलते विद्यालयों के बंद रहने की वजह से उत्तराखंड सरकार ने सिलेबस में 30 फीसदी कटौती करने का निश्चय कर दिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए है। इस आदेश के अनुसार राज्य में एनसीईआरटी के स्तर से सिलेबस इस वर्ष 70 फीसदी ही रहेगा।

इस क्रम में वर्ष 2020-21 शैक्षिक सत्र में गृह और बोर्ड परीक्षाएं करवाई जाएंगी। यह फैसला शिक्षा विभाग की ओर से संचालित सरकारी, अशासकीय सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त स्कूलों पर लागू होगा। शिक्षा सचिव ने बताया कि पहली से आठवीं तक एनसीईआरटी से तय सिलेबस लागू किया जाएगा। नौवीं से 12वीं तक का सिलेबस विद्यालयी शिक्षा परिषद की ओर से तय होगा।

उत्तराखंड में पहली से 12वीं तक एनसीईआरटी किताबें लागू हैं। लेकिन राज्यस्तर से भी कुछ किताब पढ़ाई जातीं हैं। इन किताबों में भी तीस फीसदी की कटौती होनी है। सचिव ने कहा, परीक्षा को देखते हुए जरूर सिलेबस में कटौती हो गई है।

दीक्षांत समारोह को सीएम ने किया संबोधित, युवा पीढ़ी के सोचने का तरीका बेहतर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पटेलनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को उपाधियां प्रदान की। विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2019-20 के कुल 922 अभ्यर्थियों को उपाधियां प्रदान की गई।

मौके पर संजय गांधी पी.जी.आई.एम.एस लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष (पद्मश्री) प्रो. सुनील प्रधान, एम्स जोधपुर के निदेशक प्रो. संजीव मिश्रा, भूतपूर्व कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा, उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. सौदान सिंह एवं एम्स नई दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा को ‘‘डी एस सी’’ की मानद उपाधि दी गई। चिकित्सा क्षेत्र में श्रेष्ठ शोध पत्र के लिए डॉ. प्रियंका चैरसिया, डॉ. स्मृति, डॉ. प्रेरणा सिंह एवं डॉ. दीपिका लोहानी को प्रो. (डॉ.) एन.सी.पंत पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेम चन्द्र द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘‘हेल्थ केयर डिलीवरी सिस्टम इन इंडिया’’ का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन पर्यन्त सीखने की प्रक्रिया है। इन विद्यार्थियों को अब एक नये जीवन की शुरूआत करनी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 06 वर्षों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कई गुणात्मक कार्य किये हैं, यह टीम वर्क का एक अच्छा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 पूरे विश्व के लिए चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। कोरोना महामारी ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया। कोविड से लड़ने के लिए हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। इस महामारी से लड़ने के लिए हमारे चिकित्सकों की सबसे अहम भूमिका रही है। लोगों की जीवन रक्षा के लिए देश में सैकड़ो चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। चिकित्सकों के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस कोरोना काल में सभी लोग आशावादी जीवन जी रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया है। इसके लिए अपने अनुभवों को साझा करने के लिए एवं इससे बचाव हेतु लोगों से सुझाव भी मांगे गये हैं। समाज के प्रबुद्ध लोगों, चिकित्सकों, कोरोना वॉरियर्स, कारोना विनर्स एवं अन्य लोग अपने अनुभवों को विभिन्न माध्यमों से साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी एडवांस सोचती है और उनका कार्य करने का तरीका भी नया होता है। उन्हें अपने विचारों को विभिन्न माध्यमों से जरूर व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों ने देवदूत की भूमिका निभाई है।

कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद हमने स्वास्थ्य सुविधाओं को पहली प्राथमिकता में रखा। 2017 तक राज्य में केवल एक हजार डॉक्टर थे। अभी प्रदेश में 2500 डॉक्टर हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों को भेजा गया है। 03 मेडिकल कॉलेज राज्य में चल रहे हैं, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भी जल्द चालू हो जायेगा। भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए 03 मेडिकल कॉलेज और स्वीकृत किये गये हैं। सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हमें और चिकित्सकों की आवश्यकता है। प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना शुरू की गई। इससे प्रदेश के सभी 23 लाख परिवारों को सुरक्षा कवच दिया है।

इस अवसर पर कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेम चन्द्र, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पाण्डेय, निदेशक चिकित्सा शिक्षा युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।

आनलाइन कार्यक्रम में सीएम बोले, देहरादून मेडिकल हब के रूप में उभर रहा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चैबे की उपस्थिति में ऑनलाइन आयोजित कार्यक्रम में स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय जौलीग्रांट देहरादून और ग्लोबल हेल्थ एलायंस यूनाइटेड किंगडम के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। ग्लोबल हेल्थ एलायंस, विभिन्न कोर्सेज के माध्यम से मेडिकल स्टाफ विशेष तौर पर पैरामेडिकल स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ को क्वालिटी प्रशिक्षण देगा। इसी प्रकार मोटर बाईक पैरामेडिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों संस्थाओं के मध्य इस समझौते से स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को काफी लाभ होगा। मोटर बाईक पैरामेडिक से पर्वतीय क्षेत्रों में मौके पर जाकर मरीजों को त्वरित चिकित्सा दी जा सकेगी। विश्व स्तरीय संस्था ग्लोबल हेल्थ एलायंस के द्वारा डिजाइन किये गये पाठ्यक्रमों से यहां के मेडिकल और पैरामेडिकल छात्रों का कौशल विकास होगा। रोजगार की दृष्टि से भी युवाओं को लाभ मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून मेडिकल हब के रूप में उभर रहा है। हृदय रोग और डायबिटीज के इलाज की सुविधा पर विशेष ध्यान देना होगा।
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ विजय धस्माना ने स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के कार्यो की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधा बढाना पहली प्राथमिकता है। इस एमओयू से पैरामेडिकल स्टाफ की गुणवत्ता बढेगी।

इस अवसर पर नई दिल्ली में ब्रिटिश हाईकमिश्नर जेन थाम्पसन, ग्लोबल हेल्थ एलायंस के डॉ राजे नारायण, भारत में यूएनडीपी के मुख्य सलाहकार डा राकेश कुमार, उत्तराखण्ड शासन में सचिव अमित नेगी, एसआरएचयू के कुलसचिव डॉ विनीत महरोत्रा, डीन डॉ मुश्ताक अहमद उपस्थित थे।

बेटियों के बाद नीरजा ने अब दिव्यांग बच्चों का उठाया पढ़ाई का खर्च

नीरजा देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से बेटियों के शिक्षा का खर्च उठाने के बाद अब दिव्यांग बच्चों की मदद की है। ट्रस्ट की संस्थापक नीरजा ने दो बच्चों की स्कूल की चार माह की फीस स्कूल जाकर भरी है।

लॉकडाउन में कामकाज न हो पाने के चलते आईडीपीएल निवासी दो दिव्यांग बच्चों की स्कूल की सात माह की फीस देनी बाकी थी। इसकी जानकारी पैरा ओलंपिक खिलाड़ी व ट्रस्ट की संस्थापक नीरजा गोयल को मालूम हुई। उन्होंने बच्चों के स्कूल सेंट मदर टेरेसा जाकर प्रधानचार्य अमित जसवाल से बात की। नीरजा के आग्रह पर प्रधानाचार्य ने दोनों बच्चों के 3 माह की फीस माफ की। वहीं ट्रस्ट की ओर से दोनों बच्चो के चार माह की करीब 4 हजार रुपए जमा कराए। साथ की स्कूल का फीस माफ करने पर आभार भी जताया।

बता दें कि ट्रस्ट की ओर से बीते दिनों बिटिया दिवस पर बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के तहत शांति नगर निवासी 2 बेटियों की शिक्षा की जिम्मेदारी ली गयी है। इस अवसर पर ट्रस्ट की सह संस्थापक नूपुर गोयल भी मौजूद रहीं।