नगर निगम में मेयर अनिता देशभक्ति के रंग से रंगी नजर आईं, ध्वजारोहण के बाद किया पौधारोपण

नगर निगम ऋषिकेश में मेयर अनिता ममगाईं देशभक्ति के रंग से रंगी नजर आईं। तिरंगा रंग के परिधान पहने मेयर अनिता ममगाईं ने ध्वजारोहण को सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके बाद पौधारोपण कर शहीदों को नमन भी किया।

नगर निगम ऋषिकेश में मेयर अनिता ममगाईं ने आन, बान और शान के साथ तिरंगा लहराया। उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज को नमन करते हुए परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने देशभक्ति पर आधारित अपनी नृत्य कला का मनोहारी प्रदर्शन किया। रविवार की सुबह साढे नौ बजे ’नगर निगम प्रांगण में मेयर अनिता ने ’ध्वजारोहण’ किया। इससे पूर्व उन्होंने निगम के स्वर्णजयंती सभागार’ के समीप स्थित ’शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण’ कर आजादी के महानायक को अपने श्रद्वा सुमन अर्पित किए।

इस अवसर पर शहरवासियों को ’गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए मेयर ममगाई ने कहा’ कि आज के दिन ही हमारा गौरवशाली संविधान अस्तित्व में आया। संविधान ने हमें मौलिक अधिकार देने के साथ ही कर्तव्य भी निर्धारित किए हैं। ये हमारी जिम्मेदारी हैं कि हम केवल अधिकारों की बात न कर अपनी क्षमता और योग्यता के मुताबिक राष्ट्र निर्माण और समाज की उन्नति के लिए कर्तव्यों का गंभीरता से निर्वहन करें।

इस मौके पर महापौर’ ने शहर के विकास के लिए किए जा रहे विकास कार्यों सहित विभिन्न योजनाओं की भी जानकारी दी। समारोह के प्रश्चात निगम प्रांगण में पौधरोपण भी किया गया। नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल के संचालन में चले कार्यक्रम में तमाम पार्षद एवं नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

एसआईटी जांच में दोषी शिक्षकों पर कठोर कार्रवाई के पक्ष में मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रबंध तंत्र द्वारा निजी स्रोत से शिक्षण कार्य हेतु रखे गए पी.टी.ए. शिक्षकों के मानदेय के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में पी.टी.ए. शिक्षकों की नियुक्ति में पारदर्शिता, निर्धारित आवश्यक अर्हता एवं योग्यता के साथ ही नियमानुसार सम्यक प्रकियाओं के तहत कार्यवाही किये जाने पर विचार किया गया। इस सम्बन्ध में दिसम्बर, 2016 में जारी शासनादेश के अनुसार कार्यवाही किये जाने पर भी सहमति बनी। बैठक में विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव वित्त अमित नेगी एवं सचिव विद्यालयी शिक्षा आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि शिक्षा के व्यापक हित में योग्यता पर ध्यान दिया जाय, एस.आई.टी की जांच में गलत तरीके से शिक्षक बनने वालो के विरूद्व अविलम्ब योग्य अधिकारियों की समिति गठित कर सुनवाई की कार्यवाही आरंभ की जाय। उन्होंनें कहा कि इस सम्बन्ध में त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिये समर्पित कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार अधिकारियों को समिति में रखा जाय। उन्होंने कहा कि समय समय पर स्कूलों का निरीक्षण किया जाए। जिन स्कूलों में कम बच्चे है अथवा जिस कैम्पस में कई स्कूल संचालित हो रहे है उनका आपस में विलय कर छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की जाए। इसके लिए यदि परिवहन की सुविधा दी जानी हो तो उसकी व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग्य शिक्षक ही शिक्षा का भला कर सकते है तभी छात्रों को अच्छी शिक्षा भी उपलब्ध हो सकती है। हमें हर हाल में शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखनी होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित विभिन्न अशासकीय प्राप्त विद्यालयों को अनुदान दिये जाने के सम्बन्ध में स्पष्ठ कार्ययोजना के निर्धारण पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में जनवरी 2017 में जारी शासनादेश में निर्धारित मानकों के अनुसार कार्यवाही अमल में लायी जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय कार्यकलापों के क्रियान्वयन में शासन द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उक्त शासनादेश में इस सम्बन्ध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी स्पष्ट किये गये है। शासनादेश में निर्धारित मानकों में व्यवस्था है कि जूनियर हाईस्कूल स्तर पर प्रति छात्र एक हजार रूपये अथवा अधिकतम एक लाख, हाईस्कूल स्तर पर एक हजार पांच सौ प्रति छात्र अथवा अधिकतम दो लाख एवं इण्टर स्तर पर प्रति छात्र दो हजार रूपये अथवा अधिकतम तीन लाख प्रतिह वर्ष जो कम हो की धनराशि विद्यालयों को टोकन राशि उपलब्ध करायी जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों की शिक्षा के व्यापक हित में यदि आवश्यकता हो ते इस धनराशि को पुननिर्धारण पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालयों मं अध्यपाक की व्यवस्थाओं एवं फीस निर्धारण आदि की भी कार्ययोजना निर्धारित की जानी चाहिए। हमारा उद्देश्य छात्रों को शिक्षा का बेहतर अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना है।

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से गिरी दीवार, दबकर बच्चे की मौत, दो बुरी तरह जख्मी

राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय नंबर-1 की 10 फुट ऊंची दीवार बुधवार करीब सवा छह बजे ढह गई। इसकी चपेट में आकर एक बच्चा दब गया जिससे उसकी मौत हो गई है। इसके अलावा दो लोग बुरी तरह घायल हैं। बच्चे के शव को राजकीय चिकित्सालय में रखा गया है, जबकि दोनों घायलों को राजकीय चिकित्सालय से प्राथमिक उपचार करने के बाद एम्स रेफर कर दिया गया। घटना के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई। तत्काल एहतियात बरतते हुए निगम टीम ने बची हुई दीवार को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया है। साथ ही सड़क पर बिखरे मलबे को हटवाया गया।

जानकारी के मुताबिक, बुधवार की शाम करीब सवा छह बजे वार्ड संख्या पांच पुष्कर मंदिर मार्ग स्थित राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय नंबर एक की 10 फुट ऊंची और करीब 15 फिट दीवार अचानक ढह गई। इस दौरान दीवार से सटे मार्ग से गुजर रहा एक बच्चा, एक महिला तथा एक व्यक्ति चपेट में आ गए। बच्चा दीवार के ज्यादा करीब था। इस कारण वह दीवार के नीचे आ गया। यह देख मौके पर चीख पुकार मच गई और स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित कर दीवार के मलबे में दबे बच्चे को काफी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। इस घटना का शिकार हुए तीनों को आननफानन में राजकीय चिकित्सालय ले जाया गया। यहां चिकित्सकों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। वहीं दो अन्य घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद एम्स रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने बच्चे के शव की शिनाख्त के लिए राजकीय चिकित्सालय की मोर्चरी में शिफ्ट करवा दिया है। मृतक की उम्र करीब 15 वर्ष बताई जा रही है। मगर, उसकी पहचान नहीं हो पाई है। वहीं, घायलों की पहचान शांतिनगर निवासी 57 वर्षीय कृपाल सिंह और पुष्कर मंदिर मार्ग निवासी 65 वर्षीय स्नेहलता गुप्ता पत्नी सतपाल गुप्ता के रूप में हुई है।

घटना के बाद देखते ही देखते मौके पर मजमा लग गया। इस मौके पर मेयर अनिता ममगाईं, स्थानीय पार्षद देवेन्द्र प्रजाघ्पति भी घटनास्थल पर पहुंचे। मेयर ने निर्माण विभाग के निगम के एई आनंद सिंह मिश्रवाण और अन्य निगम कर्मियों को मौके पर बुलवाकर जेसीबी से जर्जर हुई बची दीवार को भी गिरवाया। साथ ही सड़क पर बिखरे मलबे को भी साफ करवाया गया।

मुख्यमंत्री ने आइएएस अधिकारियों से मांगा सहयोग, बोले राज्य का सर्वागींण विकास हो लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रशासन में किए जा रहे प्रयोग आम व्यक्ति पर केंद्रित होना चाहिए। हर काम का लक्ष्य निर्धारित किया जाए। टीम भावना से काम किया जाए। हरेला पर एक दिन में पूरे प्रदेश में वृक्षारोपण किया जाएगा। शहरों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री आईएएस वीक पर वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार, विश्वकर्मा भवन, सचिवालय में आयोजित डीएम सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री के थ्री टी-ट्रेड, टेक्नोलोजी और टूरिज्म मंत्र पर करें काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने थ्री टी-ट्रेड, टेक्नोलोजी और टूरिज्म पर विशेष बल दिया है। इन तीन सेक्टर पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जनता की सेवा का मौका मिला है। इसलिए हमारी जिम्मेवारी भी अधिक है। गरीबों की सेवा से स्वयं को अच्छा महसूस होता है।
हर व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओ का लाभ
सरकार की योजनाओं का लाभ दूर दराज के व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। जिलों में अधिकारियों द्वारा शुरू किए गए नवाचारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्य निर्धारित कर काम किया जाए। फील्ड में टीम भावना के साथ काम हो। जिलाधिकारी अपने सहयोगियों को प्रोत्साहित करें। टीम उत्साहित होती है तो काम सरल हो जाता है।
शहरों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरीकरण को देखते हुए साफ-सफाई व स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। स्वच्छता को रूटीन में लाया जाए। इसके लिए जागरूकता अभियान निरंतर संचालित किए जाएं।

जिले के प्रमुख लोगों से संवाद कायम करें जिलाधिकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी जिले के गणमान्य लोगों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ लगातार संवाद करें। उनसे फीडबैक और सुझाव प्राप्त करें। कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया था। उनकी दशा में कितना सुधार हो रहा है, इसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाए।
हरेला पर पूरे प्रदेश में होगा व्यापक वृक्षारोपण
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हरेला त्यौंहार पर प्रदेश वृक्षारोपण का वृहद अभियान संचालित किया जाएगा। हरेला पर एक ही दिन में पूरे प्रदेश में वृक्षारोपण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 9 नवम्बर 2020 तक पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य निर्धारित कर मिशन मोड में काम किया जाए। अगर हर व्यक्ति यह तय कर ले कि वह एक निरक्षर व्यक्ति को साक्षर करेगा तो पूर्ण साक्षरता का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
जिले बनें आत्मनिर्भर, मांग की पूर्ति जिले से ही हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी विकासात्मक निर्माण कार्य प्रारम्भ करते समय उसके पूर्ण होने की अवधि भी निश्चित की जानी चाहिए। जिलों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किये जाए। कोशिश की जाए वहां की मांग की पूर्ति जिले में ही उत्पादित व निर्मित उत्पादों से पूरी की जा सके।
इस बार की आईएएस वीक कई मायनों में रही अलग
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को आईएएस वीक का ब्यौरा देते हुए बताया कि इस वर्ष का आईएएस वीक कई मायनों में विशेष रहा है। इस वर्ष मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर आईएएस वीक में ओपन हाउस के अन्तर्गत जनपद स्तर के अधिकारियों को भी अपने अपने क्षेत्र में आ रही समस्याओं को रखने का अवसर दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों ने अपने अपने जनपदों में शुरू की गयी विभिन्न पहलों के विषय में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी।
मातृ मृत्यु के हर मामले का हो परीक्षण
मुख्य सचिव ने महिलाओं के बेरोजगारी स्तर में सुधार लाने पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि महिलाओं की बेरोजगारी को दूर करके ही महिला सशक्तिकरण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पिरूल से विद्युत उत्पादन योजना में जिलाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। जिलाधिकारी फैसिलिटेटर की भूमिका निभाते हुए प्रोजेक्ट्स के फोरेस्ट क्लीयरेंस और बैंक सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। विश्वकर्मा भवन, सचिवालय के वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में आयोजित बैठक के द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा ईज ऑफ गवर्नेंस के क्षेत्र में राज्य की विभिन्न पहलों एवं योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई।

ई-गवर्नेस में हुई महत्वपूर्ण पहल
सर्वप्रथम अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने ई-गवर्नेंस से सम्बन्धित विभिन्न पहलुओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के विकास में प्रशासन की प्रभावी सर्विस डिलीवरी बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक आईएएस अधिकारी को आम जनता के लिए सुलभ होना बहुत जरूरी है। आम नागरिक की गरिमा और सम्मान का भी ध्यान रखना होगा। उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए जिला स्तर में भी ई-ऑफिस की ओर बढ़ना होगा।
डिजिटल उत्तराखंड
सचिव सूचना प्रोद्योगिकी आर के सुधांशु ने ई गवर्नेंस में आईटी इनिशिएटिव पर चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश में सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत सी पहल की गई हैं। डिजिटल इंडिया के अनुरूप ही राज्य, डिजिटल उत्तराखण्ड की ओर बढ़ रहा है। राज्य में स्टेट डाटा सेंटर, ड्रॉन एप्लीकेशन सेंटर, ई-डिस्ट्रिक्ट जैसे विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर कार्य चल रहा है।
सीएम डैशबोर्ड से हो रही आउटकम आधारित मानिटरिंग
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने सीएम डैशबोर्ड एवं सीएसआर पोर्टल की जानकारी देते हुए बताया कि हमें प्रोफेशनल होने की आवश्यकता है। इसके लिए सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से आउटकम बेस्ड मॉनिटरिंग करने की जा रही है। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन, पारदर्शिता और सर्विस डिलीवरी में काफी सुधार हुआ है।
ईज आफ डूईंग बिजनेस से उद्योगो को मिल रहा बढावा
दिवस के द्वितीय सत्र में प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने राज्य में उद्योग और एमएसएमई के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के क्षेत्र में प्रदेश में काफी कार्य हुए है। राइट टु सर्विस एक्ट और सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम के माध्यम से प्रदेश में उद्योग बढ़ावा दिया जा रहा है। सिंगल विंडो में जनपद स्तर पर विशेष मेहनत किए जाने की आवश्यकता है।
राजस्व सिस्टम को किया जा रहा आटोमेटेड
सचिव राजस्व सुशील कुमार ने कहा कि प्रदेश में राजस्व के क्षेत्र में अपने सिस्टम को फुल्ली आटोमेटेड हो रहा है। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भूमि लीज पर दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि म्यूटेशन के क्षेत्र में पेंडिंग केसों का तेजी से निपटान करने हेतु जिलाधिकारियों को इसमें विशेष ध्यान देना होगा। लैंड रिकॉर्ड डिजिटाईजेशन में भी तेजी लाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने प्रतिभागी अधिकारियों को कन्डाली से बने जैकेट प्रदान किए। ये जैकेट चमोली के स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए हैं।

रानी लक्ष्मीबाई चौक के नाम से जाना जाएगा चौदहबीघा चौक

यत्र नारिस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता, जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते है। लोगों में नारियों के प्रति सम्मान जगाने के लिए चौदहबीघा पुल चौक पर 10 फीट ऊंची रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने जा रही है। इससे चौदहबीघा पुल चौक को भी रानी लक्ष्मीबाई चौक के रूप में भी पहचान मिलेगी। इस वहन नगर पालिका मुनिकीरेती करेगी।

नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला के वार्ड संख्या सात के सभासद गजेन्द्र सजवाण ने बताया कि वर्तमान में नारियों के प्रति सम्मान लोगों में कम हो रहा है, जबकि देश को आजाद कराने में नारियों की भी अहम भूमिका रही है। यही बात पर उन्होंने अपने वार्ड में 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने की ठानी और बोर्ड की पहली ही बैठक में इसका प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी सहित बोर्ड के सभी सदस्यों ने सर्व सहमति से पास कर दिया। बैठक में तय हुआ कि प्रतिमा 10 फीट ऊंची रहेगी और इसे चौदहबीघा पुल चौके समीप लगाया जाएगा। प्रतिमा का निर्माण जयपुर राजस्थान में किया जा रहा है।

सभासद ने बताया कि प्रतिमा लगाने का मकसद प्रत्येक नागरिक खासतौर पर युवाओं में नारियों के प्रति सम्मान जगाना है। उन्होंने बताया कि प्रतिमा के चारों और फैंसी लाइटें लगाई जाएंगी। इससे यह सेल्फी प्वाइंट के रूप में भी विकसित हो सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिमा लगाने में करीब 15 लाख रुपए खर्च होंगे। सभासद गजेन्द्र सजवाण ने प्रतिमा लगाने के लिए पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी और अधिशासी अधिकारी बद्री प्रसाद भट्ट का आभार व्यक्त किया है।

गांव में शराब बनाई तो 10 हजार रूपए का लगेगा जुर्माना

ऋषिकेश की ग्राम सभा गुमानीवाला क्षेत्र में शराब बनाई और बेची तो दस हजार रूपए के जुमाने के साथ सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। यह निर्णय ग्राम सभा की आम सभा की बैठक में लिया गया।

गुमानीवाला की ग्राम प्रधान दीपिका व्यास की अध्यक्षता और ग्राम विकास अधिकारी जगेंद्र राणा के संचालन में आहूत की गई बैठक में शराब जैसी कुरीतियों को रोकने के लिए इसे एक अच्छी पहल बताया गया। गांव की पिंकी गुसाईं ने मांग रखी कि गांव में शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने बताया कि शराब ने कई परिवार बर्बाद कर दिए हैं। नौनिहालों का भी जीवन बर्बाद हो रहा है। इसके बाद ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जो व्यक्ति गांव में शराब बनाएगा और बेचेगा उस पर पंचायत की ओर से 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और ऐसे व्यक्ति का सामाजिक बहिष्कार भी किया जाएगा।

इस अवसर पर विभिन्न विभागों को प्रस्ताव भेजे गए। इसमें वृद्धा पेंशन के 45, विधवा पेंशन के 17, विकलांग के 11 लोगों के प्रस्ताव समाज कल्याण विभाग को भेजे गये। पंचायत सदस्य राजेश व्यास ने प्रस्ताव रखा कि गुमानीवाला ग्राम पंचायत में सम्मिलित राजस्व गांव बीबीवाला का नाम बदल कर शहीद हमीर पोखरियाल के नाम पर हमीरपुर रखा जाए। साथ ही प्रस्ताव संख्या 06 में राजेश व्यास ने प्रस्ताव रखा कि कांजी हाउस की तीन बीघा जमीन पर 16 बेड वाला हॉस्पिटल बनाया जाए।

राजकीय महाविद्यालय में प्रोफेशनल कोर्स की राह आसान

श्री देव सुमन विश्व विद्यालय के ऋषिकेश कैंपस में विवि की संपूर्ण गतिविधियां, परीक्षाएं व अन्य सभी काम संचालित होंगे। विवि के कुलपति ने शुक्रवार को ऋषिकेश महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने महाविद्यालय में जल्द ही बीएससी एग्रीक्लचर, बीएससी होम साइंस, एमबीए आदि कोर्स संचालित करने की बात कही। उन्होंने बताया कि बीएससी एग्रीकल्चर और बीएससी होम साइंस को विज्ञान संकाय से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार एमकॉम, एमबीए आदि कोर्स को वाणिज्य संकाय से जोड़ा जाएगा। इस दौरान उन्होंने महाविद्यालय का भी निरीक्षण किया।

कहा कि नए निर्माण से पूर्व पुराने निर्माण के भी नवीनीकरण की आवश्यकता है। उन्होंने महाविद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष जोर दिया तथा सभी से सहयोग की आशा व्यक्त की। मौके पर प्राचार्य डॉ. सुधा भारद्वाज, डॉ. दयाधर दीक्षित, डॉ. विजेंद्र लिंगवाल, डॉ. गुलशन कुमार ढिंगड़ा, डॉ. मुक्तिनाथ यादव, डॉ. राजेश नौटियाल, डॉ. हेमंत परमार, डॉ. अनिल कुमार आदि उपस्थित थे।

बंद होगा दून स्थित परिसर
कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी ने कहा कि विवि का दून स्थित परिसर बंद कर दिया जाएगा। ऋषिकेश के विवि कैंपस से ही सारी गतिविधियां संचालित होंगी। श्रीदेव सुमन विवि की सभी परीक्षाएं अब विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर से ही संचालित होंगी। ऋषिकेश महाविद्यालय के तीन संकाय प्रमुख अब विश्वविद्यालय का भी काम देखेंगे।

बीआरओ ने देश को डबल लेन सड़क और पुल किया समर्पित

जोशीमठ-मलारी टू-लेन राज्यमार्ग और पुनार पुल का लोकार्पण कर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीमांतवासियों को बड़ी सौगात दी है। इस मोटर मार्ग से जहॉ भारत-तिब्बत सीमा पर आवगमन आसान होगा वही सीमांत क्षेत्र के दर्जनों गांवों को इस सड़क से लाभ मिलेगा। इस अवसर पर सेना के गढवाल स्काउट बैंड ने मधुर धुन बजाकर तथा स्थानीय महिलाओं ने पौणा नृत्य से मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत किया गया।

मुख्यमंत्री ने मंगलवार को जोशीमठ के सीमांत क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन द्वारा 265 करोड़ की लागत से निर्मित 62.66 किमी. जोशीमठ-मलारी टू-लेन राज्यमार्ग और 494.30 लाख लागत से निर्मित पुनार पुल का लोकापर्ण किया। उन्होंने सीमा सडक संगठन द्वारा निर्धारित समय से पहले मोटर मार्ग का निर्माण कार्य पूरा करने पर बधाई दी और बीआरओ के कार्यशौली की जमकर सराहना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आचार्य डा. प्रदीप सेमवाल द्वारा ज्योतिष एवं आपदा पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया। वही जनपद फिस आउटलेट वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। कार्यक्रम के दौरान बद्रीनाथ विधायक महेन्द्र भट्ट, बीकेटीसी अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर बिष्ट आदि मौजूद रहे।

लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण ही दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की परिकल्पना से हुआ है, और सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए उनकी सरकार हमेशा तत्पर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 27 विकासखण्डों की सीमाएं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुडी है और इसकी संवेदनशीलता को देखते हुए अगले साल से राज्य में सीमांत क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की जाएगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जोशीमठ नगर पालिका में पार्किग निर्माण, रविग्राम में स्टैडियम निर्माण, लांसी-द्वींग-तपोण मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा भी की। इसके अलावा मारवाडी-थेंग मोटर मार्ग पर त्वरित गति से कार्य कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम की तर्ज पर बद्रीनाथ धाम को भी विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया है और शीघ्र ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जनपद फिस आउटलेट वैन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर सीमा सडक संगठन के मुख्य अभियंता एएस राठौर ने बताया कि जोशीमठ से रिमखिम पहुॅचने मे पहले 8 घंटे लगते थे, लेकिन जोशीमठ-मलारी टू-लेन सड़क निर्माण पूरा होने से यह दूरी सिर्फ 3 घंटे में तय होगी।

खुशखबरीः सरकार ने अशासकीय स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया शुरु की

प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में लटकी शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती के प्रस्ताव पर शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद भर्ती का रास्ता साफ हो गया। शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को लोक सभा और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते पूरा नहीं किया जा सका था।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक भर्ती की अधूरी प्रक्रिया को अब पूरा किया जाएगा। प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षकों, प्रिंसिपलों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की इसी वर्ष जनवरी और फरवरी में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
विभिन्न जनपदों की ओर से इसके लिए नियुक्ति विज्ञप्ति निकालकर अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक तीन महीने के भीतर भर्ती की प्रक्रिया पूरी होनी थी, लेकिन फरवरी 2019 में लोक सभा चुनाव और इसके बाद पंचायत चुनाव की आचार संहिता के चलते भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सका। शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के विभिन्न पदों पर लटकी भर्ती को पूरा करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन से अनुमोदन मांगा गया था। शासन की ओर से प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे को भेजा गया था।
शिक्षा मंत्री के मुताबिक शुक्रवार को इस पर अनुमोदन दे दिया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि भर्ती केवल उन पदों पर होगी, जिन पदों पर इसकी प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका था। वहीं, राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से मिलकर शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की भर्ती चयन प्रक्रिया पूरी करने की मांग की।

बाल आयोग ने आरटीई में फर्जी दस्तावेजों पर एडमिशन पाने वाले उठाया यह कदम, जानिए

शिक्षा का अधिकार अधिनियम का दुरुपयोग कर तीर्थनगरी के स्कूलों में दाखिले लेने वालों को अब स्कूूल की पूरी फीस वापस करनी होगी। यह आदेश उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने बुधवार को आयोग में हुई सुनवाई के बाद जारी किया है।
बता दें, ऋषिकेश में आईटीई के तहत कुल 45 बच्चे विभिन्न स्कूलों में शिक्षा ले रहे हैं। तीर्थनगरी की एक युवती ने तहसील प्रशासन पर आईटीई के तहत गलत आय प्रमाणपत्र बनाने का आरोप लगाया था तथा इसकी शिकायत बाल आयोग से की थी। बाल आयोग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और पटवारी की फटकार लगाई थी। साथ ही इस पर सभी विद्यालयों में आरटीई के तहत शिक्षा लेने वालों की सूची तैयार कर उनके भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए थे। आयोग में बुधवार को इस मामले में सुनवाई हुई। इसमें तहसीलदार रेखा आर्य ने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन रिपोर्ट पर शिकायतकर्ता युवती ने आपत्ति जाहिर की। इसके बाद आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का गलत तरीके से उपयोग कर शिक्षा लेने वाले बच्चों को स्कूलों की पूरी फीस वापस करनी होगी। इसके अलावा जो निर्धन वर्ग के बच्चे हैं, उन्हें नए सत्र से आवेदन कराने तथा ऐसे बच्चे जो इस अधिनियम का लाभ नहीं उठा सके हैं, उन्हें स्पांसरशिप योजना के तहत दो हजार रुपये मासिक दिए जाने के लिए आवेदन करना होगा।