लॉकडाउन में शहरवासियों के स्वास्थ्य को लेकर निगम सचेत

लॉकडाउन के दौरान नगर निगम प्रशासन शहरवासियों के स्वास्थ्य को लेकर सचेत है। नगर निगम क्षेत्र को सेनेटाइजर करने के साथ शनिवार से सोशल डिस्टेसिंग के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बीटीसी परिसर और निगम प्रांगण में प्रशासन की ओर से सब्जी मंडी को शिफ्ट कराकर फल एवं सब्जी की ठेलियां लगवाई गई। इसके बेहतर नतीजे भी देखने को मिले और बिना भीड़भाड़ के आराम से लोगों ने खरीदारी की।

प्रतिदिन की तरह ऋषिकेश की पहली मेयर अनिता ममगाई और नगर आयुक्त नरेन्द्र सिंह क्वीरियाल के दिशा निर्देशन में निगम की विभिन्न टीमों ने देहरादून रोड़, काली कमली, सपेरा बस्ती सहित कई क्षेत्रों में लोगों को भोजन वितरित किया। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए नगर निगम मेयर अनिता ममगाई ने शहरवासियों से अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा से ज्यादा कोशिश हो, घर से बाहर न ही निकले। यदि जरूरी सामान के लिए बाहर निकलते भी हैं तो मास्क और ग्लब्स का इस्तेमाल करें। साथ ही सेनिटाइजर या साबुन से हाथ को 20 सेकंड तक रगड़कर साफ करें।

उन्होंने बताया सोशल डिस्टेसिंग के परिपालन में नगर निगम परिसर एवं बस टर्मिनल कंपाउंड में सब्जी मंडी की व्यवस्था शनिवार से शुरू कर दी गई है। हरिद्वार रोड स्थित फुटकर सब्जी मंडी में भीड़ होने के कारण लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर पा रहे थे। जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया था। नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने अलग-अलग क्षेत्रों में सब्जी मंडी को शिफ्ट करने का निर्णय लिया था ।यह व्यवस्था शनिवार से लागू कर दी गई। इन सभी को नगर निगम की ओर से पास जारी किए गए हैं। नगर निगम में 50 और बस अड्डे में 50 सब्जी एवं फल विक्रेताओं को बैठाया गया है। इसके अलावा मोहल्ले में फेरी लगाकर बिक्री की व्यवस्था भी की गई है।

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण पहले स्टेज में, सावधानी बरतने की जरुरत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देर सांय वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना वायरस की अद्यतन स्थिति और इसके संक्रमण को कम करने के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गेहूँ की आटा मिलें चलती रहें, ये सुनिश्चित कर लिया जाए। पंजीकृत और अन्य श्रमिकों व अन्य जरूरतमंदों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराई जाए। आवश्यक सावधानियां बरतते हुए फार्मा इंडस्ट्री चलती रहें। जो लोग बाहर से आ रहे हैं, उनको होम क्वारेंटाईन कराया जाए। कोरोना संदिग्ध लोगों जिनकी रिपोर्ट लम्बित है, को सख्ती के साथ घर पर क्वारेंटाईन किया जाए। इस पर लगातार चैकिंग भी की जाए। जिलाधिकारी इनको क्रास चेक करा लें। जिलों में होम डिलीवरी व्यवस्था को मजबूत करें। सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने अभी तक की स्थिति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसी प्रकार आपसी समन्वय से आगे भी काम करना है। कोई छोटी से छोटी कोताही भी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यकता होने पर देहरादून व हल्द्वानी में 500 बेड के प्री फैब कोरोना अस्पताल बनाए जा सकते हैं, इसके लिए संबंधित जिलाधिकारी 5 एकङ भूमि चयनित कर लें। जिन भी सीएमओ व अन्य अधिकारियों के नम्बर सार्वजनिक कर रहे हैं उन्हें सहायक भी दे दे। छोटी आटा चक्कियो को चलने दे। थोक सप्लाई को न रोके। दुकानों पर रेट लिस्ट अवश्य लगें। फूड प्रोसेसिंग से संबंधित फेक्ट्री चलती रहें। कल मार्केट आवश्यक वस्तुओं के लिए सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक खुले रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि कम समय होने पर भीङ एक साथ आ जाती है। फल सब्जी, दूध दिनभर उपलब्ध होगी। सब्जियों की ठेलिया चल सकती हैं। चार पहिया वाहन पूरी तरह बंद रहेंगे। दोपहिया वाहन सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक चलेंगे परंतु इनपर एक ही व्यक्ति बैठेगा।
बैठक में सचिव नितेश झा ने बताया कि अभी उत्तराखंड कोरोना के फेज एक में ही है। यहां पाए गए पाजिटिव केस बाहर से आए हुए हैं। स्थानीय संक्रमण नहीं हुआ है। सोशल डिस्टेंसिंग रखने में सफल रहे तो राज्य में कोरोना मामलों को रोकने में अवश्य कामयाब रहेंगे। आयुष चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जाएंगी। जिला चिकित्सालयों में कोरोना स्पेसिफिक अस्पताल स्थापित कर रहे हैं। आवश्यक दवाओं और उपकरणों की व्यवस्था की गई है।
सचिव सुशील कुमार ने बताया कि खाद्यान्न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी अन्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

राहतः सरकार ने कहा-किसी भी गेस्ट टीचर नही निकाला जायेगा

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद शिक्षा विभाग में दो हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। अधिकतर प्रमोशन सहायक अध्यापक से लेक्चरर के पदों पर होने हैं। जबकि सरकार की ओर से हाल ही में इन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। ऐसे में नियमित लेक्चरर मिलने के बाद गेस्ट टीचरों को उन पदों से हटाने को लेकर गेस्ट टीचरों में भय बन रहा है। लेकिन राहत देने वाली बात है कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी गेस्ट टीचर को विभाग से बाहर न किया जाए। प्रमोशन से जो पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों को तैनाती दी जाए।
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के चार हजार से अधिक पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग से लेक्चरर और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से सहायक अध्यापक समय पर न मिलने से शिक्षकों की कमी बनी थी। सरकार की ओर से शिक्षकों के खाली पदों पर खासी कवायद के बाद गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है। जिन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की गई है वे अधिकतर लेक्चरर के पद हैं। लेकिन अब प्रमोशन में आरक्षण समाप्त होने के बाद सहायक अध्यापक से लेक्चरर के 1949 पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। विभाग को नियमित तैनाती के 1949 लेक्चरर मिलने से उन स्कूलों से गेस्ट टीचरों को हटना होगा, जिन स्कूलों में इनकी तैनाती की गई है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रमोशन से जितने पद खाली होंगे उन पदों पर गेस्ट टीचरों की तैनाती की जाएगी। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसी गेस्ट टीचर को बाहर न किया जाए। प्रदेश के दुर्गम और अति दुर्गम स्कूलों में गेस्ट टीचरों को तैनाती दी गई है।

त्रिवेन्द्र सरकार ने सरकारी काॅलेजों के लिए खजाना खोला

त्रिवेन्द्र सरकार प्रदेश में सरकारी महाविद्यालयों की तस्वीर बदलने जा रही है। उच्च शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए सरकार कोई कसर नही छोड़ना चाहती है। इसी के तहत भवनों से वंचित सरकारी कॉलेजों की नए भवनों की मुराद पूरी होने जा रही है, वहीं पुराने भवनों को मरम्मत और नए निर्माण कार्यों के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। तकरीबन एक दर्जन सरकारी कॉलेजों पर राज्य सरकार ने धन वर्षा की है। 11 कॉलेजों को भवन निर्माण कार्यों के लिए 15.59 करोड़ से ज्यादा धनराशि दी गई है। वहीं ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित गैरसैंण के डिग्री कॉलेज का खेल मैदान दुरुस्त करने के लिए सरकार ने 76 लाख रुपये जार किये है।
उत्तराखंड में भवनविहीन सरकारी डिग्री कॉलेजों को भवन निर्माण के लिए धनराशि देने को सरकार पहले ही अपनी प्राथमिकता बता चुकी है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के अंतिम महीने में सरकार ने करीब दर्जनभर डिग्री कॉलेजों को तोहफा दिया है। इनमें पाबौ डिग्री कॉलेज को 1.18 करोड़, नागनाथ पोखरी को 1.98 करोड़, रामनगर को 96 लाख, बेतालघाट को 90 लाख, पिथौरागढ़ को एक करोड़, नंदासैंण को 1.19 करोड़, गणाई गंगोली को एक करोड़, कोटद्वार कॉलेज को 2.03 करोड़, बेरीनाग को एक करोड़, भिकियासैंण को 87.46 लाख और कपकोट को 47.32 लाख की धनराशि दी गई है। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने आदेश जारी कर उच्च शिक्षा निदेशक के लिए धनराशि अवमुक्त की है।
जिन कॉलेजों को पहली किस्त के रूप में धनराशि दी गई है, उन्हें इसका इस्तेमाल चार महीनों के भीतर करना होगा। शेष कॉलेजों को 31 मार्च, 2020 तक उक्त राशि का सदुपयोग करने की हिदायत सरकार ने दी है। हालांकि चालू महीने में अब काफी कम वक्त बचा है। ऐसे में अभी तक इन कॉलेजों से संबंधित कार्यदायी संस्थाओं तक धनराशि पहुंचने में अभी वक्त लग सकता है। इस महीने के भीतर इस धनराशि का उपयोग मुमकिन नहीं है। शासन ने एक हफ्ते के भीतर उक्त धनराशि निर्माण इकाई को जारी करने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पहले ही कहा था कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नही आने देगी। उन्होंने पर्वतीय सरकार काॅलेजों को दुरस्त करने और पलायन रोकने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है।

प्रत्येक तीसरी लोकसभा में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्यः अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि देश को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में नंबर वन बनाने के लिए मोदी सरकार लगातार कार्य कर रही है। केंद्र सरकार ने देश के प्रत्येक राज्य में एम्स खोलने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीसरी लोकसभा में एक मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य हम वर्ष 2024 तक पूरा करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के द्वितीय दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त करने वाले चिकित्सकों एवं उनके परिजनों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश एम्स ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कम समय में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत से कदम उठाए हैं, जिनमें अटल आयुष्मान योजना एवं प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के साथ ही देश में एम्स की संख्या को बढ़ाकर 22 करना जैसे कार्य शामिल हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के अनुसार अपनी जगह दूसरे के सुख का विचार करने वाला ही सच्चा ज्ञानी है। देश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। देश के नागरिक स्वस्थ हों, दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें, इसके लिए आप सभी को अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना है, जिससे अब तक लगभग एक करोड़ लोग लाभान्वित हुए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के कार्यकाल में एम्स की स्थापना हुई। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज ने इस काम को आगे बढ़ाया। ऋषिकेश में एम्स की स्थापना उन्हीं के कार्यकाल में हुई थी, मुझे खुशी है इस बात की कि तेजी के साथ विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां से उपाधि लेने वालों सम्मानित करने का मौका मिल रहा है यह भी हमारे लिए गौरव की बात है। कहा कि यहां स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसका लाभ सिर्फ उत्तराखंड कोई नहीं मिल रहा है, बल्कि देश के पश्चिम क्षेत्र को भी इसका लाभ मिल रहा है। आने वाले समय में देश को 22 और एम्स मिलने वाले हैं। अटल बिहारी वाजपेई ने छह एम्स से शुरुआत की थी। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस काम को तेजी के साथ आगे बढ़ाया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि ऋषिकेश पूरे विश्व में योग की राजधानी है। अध्यात्म के शिखर का यह स्थान है। यहां दीक्षा समारोह का होना गौरव की बात है। उपाधि ग्रहण करने वालों को समाज में जाकर लोगों के जीवन की रक्षा करनी है। देश के विराट व्यक्तित्व गृह मंत्री अमित शाह के हाथों आप सभी को उपाधि मिल रही है, यह बड़े गौरव की बात है।

एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत ने युवा चिकित्सकों को दुनिया से सीखो और दुनिया को भी सिखाओ की सीख दी। उन्होंने कहा कि युवा चिकित्सकों को सदा स्मरण रखना चाहिए कि चिकित्सा व्यवसाय में रोगियों के लिए हर समय उपलब्ध होना, अपने कार्य में दक्ष होना और मिलनसार होना अनिवार्य है। एक डॉक्टर के कार्य की कुशलता इतनी ही नहीं है कि वह मरीज को कितनी जल्दी ठीक करता है, बल्कि मरीज का ठीक होना बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि डॉक्टर का मरीज के साथ कैसा व्यवहार है। उन्होंने युवा चिकित्सकों से कहा कि प्रारंभिक वर्षों में आपका व्यवहार ही आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक रोगी से बातचीत आपकी क्षमताओं का परीक्षण और सीखने का अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने युवा चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे वंचित तबके के लोगों पर विशेष ध्यान दें। अपकी डॉक्टरी तभी सभी सफल होगी, जब आपकी उत्कृष्टता का लाभ समाज के निचले तबके तक पहुंचेगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, डॉ. हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, राज्य मंत्री धन सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, डीजीपी अनिल रतूड़ी, विधायक एवं अध्यक्ष एम्स ऋषिकेश पद्मश्री डॉ. समीरन नंदी भी उपस्थित थे।

दूसरा दीक्षांत समारोह हुआ सम्पन्न
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 13 पीएचडी, पीजी, एमबीबीएस 2013, 2014, बीएससी नर्सिंग, एमएससी नर्सिंग के विद्यार्थियों को डिग्री और मेडल देकर सम्मानित करेंगे। उन्होंने बताया कि कुल 252 विद्यार्थियों को डिग्री दी जानी है। साथ ही 132 विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र भी दिए जाने हैं। एम्स के प्रथम दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की थी।

शिक्षा मंत्री ने स्कूलों की मान्यता प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने के दिये निर्देश

शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में माध्यमिक तथा बेसिक शिक्षा की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। शिक्षा मंत्री ने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत शत् प्रतिशत छात्रों को स्कूल में पंजीकृत कराकर शिक्षा का लाभ दिलाये। उन्होंने कहा कि 10 छात्र संख्या से कम वाले 600 स्कूलों को आस-पास के स्कूलों में संविलियन किया जाए तथा ऐसे विद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापक तैनात कर छात्रों को शिक्षा अधिकार अधिनियम के मानक को पूरा करते हुए गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए तथा विद्यालयों के मान्यता प्रकरणों को समाधान हेतु प्रत्येक माह का प्रथम बुधवार निश्चित किया जाए। शिक्षा मंत्री ने विकासखण्ड स्तर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा शासन स्तर पर इस दिन मान्यता प्रकरणों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने मान्यता के प्रकरणों में अनदेखी न करने के निर्देश देते हुए पारदर्शिता से मान्यता प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रायः इस कार्य में लापरवाही से विभाग की छवि खराब होती है। यह बात उन्होंने वित्त विहीन विद्यालयों के मान्यता प्रकरणों की समीक्षा के दौरान दिए। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2017-18 में आए 114 प्रकरण में 67 प्रकरण पर मान्यता दी गई तथा 42 प्रकरण समिति द्वारा स्थगित किये गए तथा 05 प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन है। वर्ष 2018-19 में शिक्षा परिषद को प्राप्त 128 प्रकरण में से 60 प्रकरण में मान्यता प्रदान की गई तथा 37 प्रकरण स्थगित एवं 31 प्रकरण लंबित जिनमें 13 प्रकरण शासन स्तर पर विचाराधीन तथा 18 प्रकरण जिला स्तर में संस्तुति के उपरान्त रखे जाने है। वर्ष 2019-20 में कुल 86 प्रकरणों में से 04 प्रकरणों में मान्यता प्रदान की गई तथा 61 प्रकरण स्थगित किए गए तथा 21 प्रकरण शासन स्तर पर लंबित है।
शिक्षा मंत्री ने बुक बैंक स्थापना योजना में जिस विद्यालय में अच्छी व्यवस्था होगी, वहां के नामित अध्यापक को सम्मानित करने की भी घोषणा की तथा विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षकों से गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की अपील की। पाण्डेय ने अध्यापकों की नियुक्ति विषय पर चर्चा के दौरान माननीय न्यायालय में लंबित प्रकरणों को तेजी से निपटाने के लिए प्रयास करने के निर्देश दिए तथा तदालोक में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया सत्र आरंभ होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुपालन में गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए किन्हीं कारणों से ज्वाइन न करने वाले गैस्ट टीचरों के स्थान पर तत्काल प्रतीक्षा सूची से अध्यापक को ज्वाइन करवाकर विद्यालय की पढ़ाई सुचारू करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रवक्ता संवर्ग में 4598 पद रिक्त है तथा 4066 पदों के सापेक्ष 1729 गेस्ट टीचर्स का चयन किया गया है एवं 04 जनपदों में यथा टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं अल्मोड़ा में 1517 पदों पर कांउसिलिंग की जानी है। वहीं सहायक अध्यापक(एल.टी.) संवर्ग में 2180 पद रिक्त है तथा 834 पदों के सापेक्ष 402 गेस्ट टीचर्स का चयन किया गया है तथा उपरोक्त चारों जनपदों में 273 पदों पर कांउसिलिंग की जानी है। बैठक में प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर चर्चा के दौरान अवगत कराया गया कि वर्तमान में पदोन्नति प्रक्रिया बाधित होने के कारण रिक्त पदों में पदोन्नति का कार्य किया जाना है। समीक्षा के दौरान बताया गया कि प्रधानाचार्य के 1387 पदों के सापेक्ष 220 पद पूर्णकालिक तथा 292 पद तदर्थ प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत है। शिक्षा मंत्री ने रिक्त 875 पदों पर वरिष्ठ अध्यापकों को नियंत्रण अधिकारी के रूप में आदेश जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार प्रधानाध्यापक के रिक्त 493 पदों पर भी वरिष्ठतम शिक्षकों को नियंत्रण अधिकारी के रूप में आदेश जारी करने के निर्देश दिए। नियंत्रण अधिकारियों को आहरण वितरण का अधिकार दिलाने पर भी चर्चा हुई। आगामी सत्र में विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के बिन्दु पर शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी 07-08 अप्रैल में प्रत्येक विद्यालय में प्रवेशोत्सव के माध्यम से छात्र-छात्राओं का प्रवेश सुनिश्चित कराया जाए तथा इन समारोह में अधिकारियों तथा विधायकों को भी प्रतिभाग कराया जाए। उन्होंने स्वयं भी किसी विद्यालय में प्रतिभाग करने की जिज्ञासा व्यक्त की।
प्राथमिक शिक्षा में प्रत्येक विकासखण्ड में स्थापित दो प्राथमिक तथा एक उच्च प्राथमिक मॉडल स्कूलों में विकासखण्ड तथा जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों को निरंतर भ्रमण करने के निर्देश दिए तथा इन विद्यालयों में आवश्यकतानुसार प्रत्येक विषय के अध्यापक तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश मुख्य शिक्षा अधिकारियों को दिए। उन्हांने सत्रारंभ में डी.बी.टी. के माध्यम से छात्रों के खाते में पुस्तक क्रय करने हेतु धन क्रेडिट करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा निःशुल्क ड्रेस छात्रों को प्रदान कर ब्लाकवार रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

दिल्ली लौटते ही शाह से की मुलाकात, त्रिवेन्द्र भी पहुंचे घर

उत्तराखण्ड से राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी मुम्बई में उपचार पूर्ण होने के पश्चात दिल्ली लौट आये हैं। उन्होंने आज प्रातः सोशल मीडिया पर उपचार पूर्ण होने और दिल्ली लौटने की जानकारी दी।
वहीं, बलूनी ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। बतातें चले कि सांसद बलूनी गत साढ़े चार माह से मुंबई में उपचार करा रहे थे। सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात में कई विषयों पर चर्चा हुई। वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी आज दिल्ली प्रवास के दौरान अनिल बलूनी के आवास पर जाकर हालचाल लिया और उनके पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की।
सांसद बलूनी ने सोशल मीडिया पर अपने मित्रों, शुभचिन्तकों का आभार जताया। अस्वस्थता के दौरान निरन्तर मनोबल बढ़ाने, स्वस्थ होने की कामना करने हेतु धन्यवाद दिया। हमारे ब्यूरो से बातचीत में बलूनी ने कहा कि दिल्ली लौटकर वह फिर से अपने कार्यों को गति दे रहे है। उत्तराखंड के विकास में कोई कमी नही रहे, इसका वह प्रयास करेंगे।

युवाओं को तरजीह देगी सरकार, युवा आयोग का गठन करने की तैयारी में सरकार

राज्य सरकार ने युवा वर्ग के हितों का संरक्षण करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत राज्य में युवा आयोग का गठन किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो आयोग के गठन का मकसद युवा शक्ति के सर्वांगीण विकास के साथ ही रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। प्रस्तावित युवा आयोग का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे कैबिनेट के समक्ष मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
बताया जा रहा कि उत्तराखंड में युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है। अगर मतदाताओं के लिहाज से आकलन करें तो 18 से 39 वर्ष तक के युवा वर्ग का हिस्सा 55 फीसद से ज्यादा है। राजनीतिक नजरिये से देखे तो युवा तबका उत्तराखंड में एक बड़े वोट बैंक की भूमिका में है। राज्य में दो साल बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा सरकार अब इन्हें लक्ष्य कर भावी योजनाओं को आकार दे रही है। युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार ही है, इसलिए आने वाले दो वर्षों में सरकार का फोकस ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा करने पर है। प्रस्तावित युवा आयोग का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण उद्देश्य भी यही है।
यूं तो उत्तराखंड में युवा नीति वर्ष 2011 से ही वजूद में है लेकिन अब इसमें कुछ अहम संशोधन किए जाने की तैयारी है। दरअसल, पिछले साल संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड आया था। प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के विभिन्न विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं और सिविल सोसायटी के सदस्यों से विचार-विमर्श किया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर अब प्रदेश में संशोधित युवा नीति पर काम चल रहा है। अब नीति में युवा कल्याण विभाग को नोडल विभाग बनाने की तैयारी है। सभी विभाग अपने यहां युवा विकास की कार्ययोजना बनाने के साथ ही इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। इनके बीच आपसी समन्वय बनाने का काम युवा कल्याण विभाग करेगा।
संशोधित युवा नीति के मुताबिक ही अलग युवा आयोग का गठन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आयोग में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के अलावा लगभग आधा दर्जन सदस्य शामिल किए जाएंगे। इनमें विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों को तरजीह दी जाएगी। यह भी संभव है कि स्वयं मुख्यमंत्री युवा आयोग के पदेन अध्यक्ष हों। युवा आयोग के गठन से पहले सभी विभागों को युवाओं के विकास के लिए अलग-अलग कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। युवा आयोग के जरिये रोजगार के साथ ही विकास में युवाओं की भूमिका सुनिश्चित की जाएगी।
वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार युवा आयोग के गठन के संबंध में गंभीरता से विचार कर रही है। संभवतया इस तरह के आयोग का गठन करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा। युवाओं के चहुंमुखी विकास और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।

बिचैलिये का खेल खत्म नही हुआ तो सीबीआई जांच करायेगी सरकार

बजट सत्र के सातवां दिन भी सदन में काफी शोर शराबा रहा। राहुल गांधी के बयान को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामे की वजह से दो बार लोकसभा स्थगित करनी पड़ी। तीसरी बार जब कार्यवाही शुरू हुई तो फिर दोनों पक्षों ने हंगामा किया इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने कल तक के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इसी बीच केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि एक देश एक राशन कार्ड योजना के तहत पूरे देश में एक जून से एक राशन कार्ड लागू कर दिया जाएगा। यह योजना अभी 12 राज्यों में लागू है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को देश में कहीं भी राशन लेने की सुविधा देने के लिये ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना को एक आगामी एक जून से लागू कर दिया जायेगा।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2013 में 11 राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अब इसके दायरे में सभी राज्य आ गए हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के अगले चरण में सरकार ने पूरे देश के लिये एक ही राशन कार्ड जारी करने की पहल गत एक जनवरी को 12 राज्यों (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, केरल कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा, त्रिपुरा गोवा, झारखंड और मध्य प्रदेश) से शुरू कर दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक देश एक राशन कार्ड के लिये नए कार्ड की जरूरत नहीं होगी। साथ ही पासवान ने नए कार्ड जारी किए जाने की अफवाहों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि यह बिचैलियों का खेल है, अगर यह खेल नहीं रुका तो मंत्रालय इसकी सीबीआई जांच कराने से भी पीछे नहीं हटेगा।
पासवान ने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि मंत्रालय ने एक जून से पूरे देश में एक देश एक राशन कार्ड लागू करने का लक्ष्य तय किया है। इस समयसीमा से सिर्फ पूर्वोत्तर राज्यों को अलग रखा गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सभी राशन की दुकानों को फिंगर प्रिंट पहचान मशीन (पॉश मशीन) से लैस करने और राशन कार्ड को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता को देखते हुए पूर्वोत्तर राज्यों को इस समय सीमा से मुक्त रखा गश है।
राशन कार्ड पर मिलने वाले खाद्यान्न की कीमत सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजने (डीबीटी) की योजना के बारे में पासवान ने बताया कि तीन केन्द्र शासित क्षेत्र (पुदुचेरी, चंडीगढ़ और दादर नगर हवेली) में पायलट प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो पाया है। इसके लिए उन्होंने पुड्डुचेरी सरकार की असहमित को मुख्य वजह बताते हुए कहा कि राज्य सरकारों की सहमति के बिना राशन कार्ड योजना को डीबीटी से नहीं जोड़ा जा सकता है। इसलिये फिलहाल एक देश एक राशन कार्ड योजना को लागू करने पर ही सरकार ने ध्यान केन्द्रित किया है।

यदि तैरना सीखना है तो तालाब में जाना पड़ेगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आत्म सुरक्षा की दृष्टि से महिलाओं का शारिरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। इससे उनके मन में अपनी असुरक्षा का भाव समाप्त होगा तथा आत्म विश्वास मजबूत होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी पहल भी स्वयं उन्हें करनी होगी क्योंकि यदि तैरना सीखना है तो तालाब में जाना ही पड़ेगा।

शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून में आयोजित दो दिवसीय ‘‘सेल्फ डिफेंस वर्कशाप फार गर्ल्स’’ से सम्बन्धित कार्यशाला को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय जूडो-कराटे एवं अन्य सुरक्षा से सम्बन्धित उपायों के प्रशिक्षण से छात्राओं में आत्म विश्वास एवं आत्म सुरक्षा का भाव जागृत होगा। उन्होंने कहा कि जब भी महिलाओं से सम्बन्धित कोई कार्यक्रम होता है तो वहां पर महिलाओं की सुरक्षा की बात भी जरूर होती है। यह महिलाओं के सम्मान से जुड़ा विषय भी है। महिलाओं के अन्दर आत्म सुरक्षा का भाव जागृत हो इसके लिए उनका शारिरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है। उन्हें आत्म सुरक्षा के विभिन्न विषयों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने छात्राओं से अपेक्षा की कि वे शारिरिक व्यायाम योग, मार्शल आर्ट आदि के लिए प्रतिदिन एक घंटा अवश्य निकालें। इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, इससे उन्हें अपने को फिट रखने में भी मदद मिलेगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विद्यालय में स्थापित शौर्य दीवार पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन किया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति दीप्ति रावत ने कहा कि आज लड़कियों के साथ ही लड़कों को भी अच्छे व्यवहार एवं नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता की सीख देने की जरूरत है। इसके लिए परिवार के जिम्मेदार लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने छात्राओं को सजग एवं सतर्क रहते हुए ऊँचे मनोबल के साथ आगे बढ़ने को कहा। उन्होंने कहा कि छात्राओं को निडर होकर अपनी बात रखनी चाहिए इसके लिए यदि जरूरत पड़े तो उन्हें महिला सुरक्षा हेतु उपलब्ध विभिन्न हैल्प लाइनों एवं पोर्टलों का भी उपयोग करना चाहिए।
मेयर सुनील अनियाल गामा ने कहा कि नगर निगम द्वारा गांधी पार्क के साथ ही नगर के 100 वार्डों में भी जिम बनाये जायेंगे ताकि हमारे लोग शारिरिक रूप से स्वस्थ रहें। उन्होंने सभी से देहरादून को सुन्दर व स्वच्छ बनाने तथा शहर प्लास्टिक मुक्त बनाने में भी मददगार बनने की अपेक्षा की।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सिविल डिफेंस की असस्टिन्ट डिप्टी कमाण्डेंड जनरल एकता उनियाल ने कहा कि सेल्फ डिफेंस आज वक्त की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आत्म सुरक्षा के उपयोग सम्बन्धी प्रशिक्षण उन्हें मजबूत बनायेंगे। छात्राओं को हर परिस्थिति का सामना करने के लिये अपने को तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस द्वारा दिये जाने वाला प्रशिक्षण भी उन्हें आत्म विश्वास बढ़ाने में मददगार होगा।