जनता कर्फ्यू से लगातार निर्धनों को सूखा राशन और भोजन उपलब्ध करा रहा रियल एस्टेट

कहते है सही वक्त पर और जरूरतमंद व्यक्ति के चेहरे पर जो मुस्कान ला दे, वहंी वास्तव में समाज को दिशा दे सकता है। देशव्यापी लॉकडाउन में रियल एस्टेट एसोसिएशन यही काम ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंदों के लिए कर रहा है। जनता कर्फ्यू से ऋषिकेश में सक्रिय रियल एस्टेट एसोसिएशन रोजाना उत्तम क्वालिटी का आटा का कट्टा मात्रा 10 किलो, चावल मात्रा 10 किलो, दो किलो दाल, हर तरह के मसाले के पैकेट, एक लीटर सरसों के तेल की शीशी लोगों के जरूरतमंद लोगों के घर-घर जाकर पहुंचा रहा है।

वहीं दूसरी ओर ऐसे लोग जो खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर है और न ही उनके पास खाना पकाने के लिए चूल्हा जैसी कोई व्यवस्था है। इन लोगों का ख्याल भी रियल एस्टेट ने बखूबी से रखा है। इन लोगों के लिए संगठन के अध्यक्ष दिनेश कोठारी ने दो वक्त का बना हुआ भोजन उपलब्ध कराया है। दिनेश कोठारी का मानना है कि जिंदगी बार-बार नहीं मिलती है, अगर हमारे जरिए किसी के चेहरे पर मुस्कान लाई जा सकती है, तो इसे हमें अपनाना चाहिए। उन्होंने तमाम सामर्थ्यवान लोगों से संकट की इस घड़ी में निर्धन वर्ग के लोगों की मदद को आगे आने का भी आह्वान किया।

संगठन अध्यक्ष दिनेश कोठारी को अपनी युवा टीम का भी बहुत सपोर्ट मिल रहा है या यूं कहे कि दिनेश कोठारी की रीढ़ की हड्डी यही युवा है, इसमें विशाल कक्कड़, विवेक तिवारी, सार्थक कोठारी, अंकित अरोड़ा, सोनू किंगर, शिवम किंगर, आशीष छाम, आशीष नरूला, शैलेष जैन आदि युवा शामिल रहते है।

उत्तराखंड बोर्ड की गणित और विज्ञान की परीक्षा लॉकडाउन के बाद संभव

उत्तराखंड बोर्ड की गणित और विज्ञान की परीक्षाओं को छोड़कर अन्य परीक्षाएं रद्द होंगी, जबकि गणित और विज्ञान की परीक्षा लॉकडाउन खुलने के बाद कराई जाएगी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के मुताबिक मंगलवार को इसका आदेश जारी किया जाएगा। प्रदेश में लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की 23, 24 और 25 मार्च को होने वाली परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया था।

अब शासन ने उत्तराखंड बोर्ड की नॉन कोर (जैसे भाषा कला आदि विषयों) की परीक्षाओं को रद्द करने और कोर विषयों (जैसे विज्ञान गणित आदि विषयों) की परीक्षाएं लॉकडाउन खुलने के बाद कराने का निर्णय लिया है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड की ओर से परीक्षाओं को लेकर जो निर्देश जारी किया गया है। उसे उत्तराखंड बोर्ड में भी रिपीट किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि 9वीं और 11वीं की परीक्षाएं भी नहीं होंगी। पूर्व टेस्ट के आधार पर ही बच्चों को पास किया जाएगा। यदि कोई बच्चा फेल हो रहा है और वह परीक्षा के लिए क्लेम करता है तो उसको दो महीने बाद अलग से परीक्षा का मौका दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री की पहल पर संशोधित हुआ आदेश, अब भत्तों में भी 30 प्रतिशत की होगी कटौती

उत्तराखंड के विधायकों का 30 प्रतिशत वेतन के साथ ही उनके भत्ते में भी कटौती होगी। यह पैसा कोरोना महामारी से लड़ने के लिए बने कोविड-19 फंड में जाएगा। विधायकों के वेतन व भत्तों से यह कटौती एक अप्रैल से 31 मार्च 2021 तक होगी। इस संबंध में सचिव विधायी एवं संसदीय कार्य प्रेम सिंह खिमाल ने आदेश जारी किए हैं। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में आगे लड़ाई के लिए आवश्यक फंड जुटाने को प्रदेश मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों बैठक करके विधायकों, मंत्रियों व मुख्यमंत्री के वेतन से 30 फीसदी कटौती का निर्णय लिया था। जिसमें संशोधन करते हुए सरकार ने शासनादेश जारी कर दिया है।
इसके तहत अब विधायकों, मंत्रियों व मुख्यमंत्री को मिलने वाले भत्तों में भी 30 फीसदी की कटौती की जाएगी। कैबिनेट ने अधिनियम की धारा 24 में संशोधन को मंजूरी देते हुए वेतन व भत्तों में कटौती के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। विदित हो कि कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय के बाद यह संशय था कि एक साल के लिए विधायक के सिर्फ वेतन से 30 फीसदी की कटौती होगी या फिर इसमें भत्ते भी शामिल होंगे। प्रदेश में एक विधायक को 30 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता है। इस हिसाब से यदि प्रदेश सरकार के नौ मंत्री व राज्य मंत्रियों को छोड़ दें तो बाकी 62 विधानसभा सदस्यों के 30 हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन के हिसाब से एक साल की सहयोग निधि 66 लाख 96 हजार रुपये बैठती है। यदि इसमें मंत्रियों और राज्य मंत्रियों की राशि को जोड़ दें तो इसमें कुछ और इजाफा हो जाता है। लेकिन, आदेश में निर्वाचन क्षेत्र भत्ता व सचिव भत्ता में भी 30 प्रतिशत की कटौती करने का उल्लेख किया गया है।

पार्थिव शरीर को पैतृक गांव ले जाने से नहीं रोका जा सकता
लॉकडाउन के दौरान पार्थिव देह (डेड बॉडी) को पैतृक गांव ले जाने से नहीं रोका जा सकता है। पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) अशोक कुमार ने इस संबंध में सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने आगाह भी किया कि मेडिकल इमरजेंसी के मामलों में परमिशन देने में हीलाहवाली या लापरवाही करने से कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए पुलिस भी परोक्ष रूप से जिम्मेदार होगी।

लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने पर राज्यों के बीच सहमति बनी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 से निपटने की रणनीति पर विचार-विमर्श करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस की है। कई राज्यों ने प्रधानमंत्री से लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि लॉकडाउन और दो सप्ताह बढ़ाने पर राज्यों के बीच सहमति लगती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ हमारा संघर्ष तब तक मजबूत रहेगा जब तक देश का प्रत्येक नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभायेगा और सरकार तथा प्रशासन के निर्देशों का पालन करेगा।
मोदी ने लॉकडाउन तथा परस्पर सुरक्षित दूरी पर जोर देते हुए कहा कि लोगों का जीवन बचाने के लिए यह आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार का मंत्र जान है तो जहान है के स्थान पर जान भी और जहान भी होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 का प्रकोप घटाने में मदद मिली है, लेकिन अब स्थिति तेजी से बदल रही है और सतर्कता जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगले तीन-चार सप्ताह वायरस के प्रभाव को जानने के लिए महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने कहा कि भारत में आवश्यक दवाई की पर्याप्त आपूर्ति है और अग्रिम पंक्ति में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जरूरी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कालाबाजारी और जमाखोरी करने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी। डॉक्टरों और चिकित्सकर्मियों पर हमले और पूर्वोत्तर तथा कश्मीर के छात्रों के साथ बुरे बर्ताव की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। उन्होंने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर काबू करने तथा परस्पर दूरी बनाये रखने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा मजबूत करने और रोगियों तक टेलीमेडिसन के जरिये पहुंचने को भी कहा। उन्हांेने सुझाव दिया कि कृषि उपज की डायरेक्ट मार्केटिंग करने से मंडियों में भीड़ को रोका जा सकता है। इसके लिए कृषि उत्पाद मंडी समिति प्रावधानों में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे किसानों की मदद हो सकेगी। प्रधानमंत्री ने आरोग्य सेतु एप को लोकप्रिय बनाने को कहा। उन्होंने इसके लिए दक्षिण कोरिया और सिंगापुर में मिली सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव से भारत ने इस एप के माध्यम से यह प्रयास किया है। इस एप को ई-पास के रूप में इस्तेमाल संभावना तलाशने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करने में सहायक होगा।
आर्थिक चुनौतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संकट आत्मनिर्भर बनने और देश को आर्थिक शक्ति बनाने का एक मौका है। बैठक में मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों की स्थिति के बारे में अवगत कराया और महामारी को काबू करने के उपाय, स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार प्रवासी मजदूरों की मदद और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाये रखने के कदमों की जानकारी दी।

उत्तराखंड में मददगार बनी सीएम हेल्पलाइन 1905

पिछले 23 मार्च से सीएम हेल्पलाइन 1905 पर लाकडाउन के दौरान और कोरोना राहत से सबंधित समस्याओं और जानकारी से सबंधित काल को सुना जा रहा है।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविंद्र दत्त ने बताया कि अधिकतम समस्याओं का समाधान 24 घंटे के भीतर ही करवाया जा रहा है, इसके लिए सबंधित अधिकारी को आउटबांड काल करके समस्या का समाधान करने के लिए भी कहा गया है।

उन्होंने बताया कि नागरिक अपनी समस्या का बहुत ही कम समय में समाधान होने पर सीएम हेल्प लाइन पर सकारात्मक फीडबैक वीडियो और ऑडियो के माध्यम से भी दर्ज करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन के जरिए पानी की समस्या, अंतिम संस्कार में आ रही दिक्कत, अटल आयुषमान योजना के तहत डायलसिस के लिए सरकारी रेफर के बिना इलाज कराने में दिक्कत, राशन प्राप्त न होने की समस्या, मजदूर को बुखार होने पर हॉस्टिपल ले जाने जैसी समस्याएं दर्ज की गई। जिसका बहुत कम समय में निस्तारण किया गया। है।

हेल्पलाइन में सेनिटाईजेशन न होने, गैस सिलेंडर की आपूर्ति न होने, चार दिन से गाँव में लाईट न आने, खाद्य सामग्री और एलपीजी गैस उपलब्ध कराने, गर्भवती की जांच कराने जैसी समस्याएं भी दर्ज हुई। इन्हें भी समय रहते निस्तारित किया गया है।

घर बैठे गैजेट्स पर पढ़़ाई कर सकेंगे छात्र, श्रीदेव सुमन विवि ने जारी की व्यवस्था

श्रीदेव सुमन विवि से संबद्ध 53 राजकीय महाविद्यालयों और 114 निजी कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं लॉकडाउन के दौरान घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। विवि प्रशासन ने वेबसाइट पर विभिन्न एजुकेशलन साइट्स, प्रोफेशनल संस्थानों के लिंक शेयर किए हैं।

लॉकडाउन के चलते श्रीदेव सुमन विवि सेमेस्टर परीक्षाओं का केंद्रीय मूल्यांकन नहीं कर पा रहा है। कॉलेज बंद होने के कारण छात्र-छात्राएं भी पढ़ाई से वंचित हैं। कुलपति डा. पीपी ध्यानी और कुछ कर्मचारी लॉकडाउन पीरियड में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए कार्यालय में जरूरी कामकाज निपटाने पहुंच रहे है।

कुलपति डा. ध्यानी का कहना है कि लॉकडाउन में छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक गतिविधियां संचालित करने में कोई दिक्कतें न हो, इसके लिए देश-दुनिया के टॉप विश्वविद्यालय, बिजनेस संस्थान, जॉब सीकर वेब, समाचार एजेंसियों के लिंक विवि की वेबसाइट पर विवि प्रशासन ने हाइपर लिंक कर दिया है। अब छात्र-छात्राएं घर बैठे पीसी, लैपटॉप, मोबाइल, टैबलेट पर इन लिंकस को खोलकर अपडेट रह सकते हैं।

उन्होंने कालेजों के प्राचार्यों और निदेशकों को लॉकडाउन के दौरान छात्र-छात्राओं से निरंतर संवाद बनाए रखने को कहा है। कहा कि छात्रों की कोई भी समस्या हो तो उन्हें सोशल नेटवर्किंग साइट्स, ई-मेल, व्हाट्स एप, ट्वीटर आदि माध्यम से हल करें। कुलपति का कहना है कि यदि लॉकडाउन पीरियड लंबा खिंचता है, तो सेमेस्टर परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने शिक्षकों के घरों पर ही भेजे जाएंगे।

सब इंस्पेक्टर शाहिदा से सीखे, पहले फर्ज कैसे निभाया जाता है

देशभर में कोरोना वायरस के खौफ और लॉकडाउन के बीच ऋषिकेश के मुनिकीरेती थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर शाहिदा परवीन ने जिम्मेदारी की ऐसी मिसाल कायम की है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी नजीर बन जाएगी। शाहिदा ने अपनी आने वाली खूबसूरत जिंदगी के आगे वर्दी के फर्ज को चुना और कोरोना को हराने के बाद ही निकाह करने का फैसला लिया। सब कुछ ठीक रहता तो शाहिदा 5 अप्रैल को दुल्हन के रूप में सजी होतीं। लेकिन, उनके मुंह पर मास्क था और हाथ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए डंडा। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पांच अप्रैल को होने वाली अपनी शादी को अपने कर्तव्य के लिए स्थगित कर दिया है। शाहिदा के इस फैसले से उत्तराखंड पुलिस विभाग में ही नहीं, समाज में भी उनका कद और बढ़ गया है।
2016 बैच की भर्ती सब इंस्पेक्टर शाहिदा परवीन पुत्री रहीम शाह निवासी कान्हरवाला, भानियावाला देहरादून वर्तमान में मुनिकीरेती थाने में तैनात है। उनका निकाह लक्सर जिला हरिद्वार निवासी शाहिद शाह पुत्र गुलाम साबिर के साथ पांच अप्रैल को तय हुआ था। शाहिद शाह वर्तमान में हरिद्वार रेलवे में टीटीई के पद पर कार्यरत हैं। दोनों ही परिवारों ने निकाह की पूरी तैयारी कर ली थी।
यहां तक की सब इंस्पेक्टर ने निकाह के लिए 50 दिनों के अवकाश के लिए आवेदन भी कर दिया था। इसके बाद लॉकडाउन की पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की और शाहिदा परवीन ने निकाह से पहले अपने फर्ज को पूरा करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने होने वाले शौहर से बात की और कोरोना खत्म होने तक निकाह न करने का फैसला किया।
इसे हरिद्वार निवासी शाहिद शाह ने भी स्वीकारा। शाहिदा ने बताया कि यदि पुलिस अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगी तो इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि मैंने जब से खाकी वर्दी पहनी है, मेरे लिए लोगों की परेशानी और ड्यूटी पहले है। यही कारण है कि लॉकडाउन में निकाह से पहले ड्यूटी को चुना। परवीन ने बताया कि निकाह की तारीख बदलने से सबसे ज्यादा उनकी मां अनीशा निराश हुईं। इसके बावजूद मां ने बेटी के फैसले को सहर्ष स्वीकार कर लिया।

सीएम हुए फेसबुक लाइव, सभी के स्वस्थ रहने की कामना

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फेसबुक लाईव के माध्यम से प्रदेशवासियों को सम्बोधित कर सभी के स्वस्थ रहने की कामना की। उन्होंने कहा कि हम सब जान रहे हैं कि कोरोना से लङने में हमारे अनेक ऐसे लोग बिल्कुल फ्रंटलाइन में लड़ रहे हैं। सब जानते हैं कि यह एक वैश्विक महामारी है ऐसे में जो भी हमारे वॉरियर्स है हम उनका सहयोग करें। 24-24 घंटे हमारे डॉक्टर ड्यूटी कर रहे हैं, हमारे पुलिस के जवान और तमाम जो उनके सहयोगी हैं वो रात दिन चौराहों पर खड़े होकर के मोहल्ले में घूम घूम कर सेवा अपनी दे रहे हैं। आप भी उनकी चिंता करें क्योंकि वह सारा जोखिम आपके लिए, मेरे लिए, हमारे लिए उठा रहे हैं । मुझे विश्वास है कि आप उनकी जरूर चिंता करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार बार यह आग्रह किया है कि सोशल डिस्टेंस को हर हाल में बना कर रखना है नहीं तो हमारी सारी तपस्या बेकार हो जाएगी यह सब बेकार हो जाएगा और इसलिए इस वाक्य को हम ब्रह्म वाक्य समझ करके इसका पालन करेंगे तो इस बीमारी से हम लोग न केवल निजात पाएंगे बल्कि हम अपने पड़ोसी अपने प्रदेश व अपने देश को भी बचा पाएंगे।

पांच अप्रैल के आह्वान पर एकजुटता का दें परिचय
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सारी देश की जनता से कहा है कि पांच अप्रैल को हम अपने घरों में रात नौ बजे बत्ती बुझा कर और बाहर अपनी बालकनी में, दरवाजे पर खड़े होकर नौ मिनट हम लोग रोशनी करें। दिया जलाएं, लालटेन जलाएं, टोर्च जलाएं, मोमबत्ती जलाएं या फिर मोबाईल की फ्लैश लाइट को जलाएं और अपनी एकता का परिचय दें। हम कोरोना के खिलाफ एकजुट है, इस एकजुटता का परिचय हमको 5 अप्रैल रात्रि नौ बजे से नौ मिनट यानी कि 9ः09 हमको अपनी एकता का संदेश देना है कि हम सब सैनिक बनकर के कोरोना को इस देश से भगाएंगे।

सीएम ने जनता से मांगा सुझाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के गरीबों के लिए गरीब कल्याण पैकेज दिया है और उसका पैसा अकाउंट में आना शुरू हो गया है राज्य सरकार ने भी जो श्रमिक है उनके अकाउंट में पैसा डालना प्रारंभ कर दिया है। जब कभी बैंक में जाए पैसा लेने के लिए तो उसमें सामाजिक दूरी बनाकर रखेंगे। कम से कम डेढ़ मीटर की दूरी। कई जगह हमारे यहां वृद्ध आश्रम, अनाथ आश्रम है उनकी भी हम चिंता करें वहां पर कोई भूखा ना सोए उनका दायित्व भी हमारे ऊपर है। सीएम ने कहा कि समाज को जागरूक करें, कैसे हम उनको एजुकेट करें किस ढंग से हम अपनी व्यवस्था बनाए कैसे प्लानिंग करें इस संबंध में सुझाव आमंत्रित हैं।

महापौर ने बुलाई आपात बैठक, आपसी सामंजस्य बनाने के लिए संयुक्तरुप से बांटे क्षेत्र

नगर निगम प्रशासन ने बेहतर तालमेल के साथ नगर में गरीब तबके और जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित करने एवं राहत सामग्री बटवाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पिछले दिनों में व्यवस्थाओं में सामने आई कमियों को दुरस्त करते हुए नगर निगम महापौर अनिता ममगाई ने आज नगर के सभी प्रशासनिक अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए महापौर कार्यालय के बाहर बैठक आयोजित की गई। जिसमें स्थानीय पुलिस प्रशासन, उपजिलाधिकारी के दिशा निर्देशन में तहसील प्रशासन और नगर निगम के द्वारा पिछले पांच दिनों से बांटे रहे भोजन एवं राहत सामग्री वितरण कार्यक्रम की समीक्षा करने के बाद अब व्यवस्था फेरबदल किया गया है।
अब तीन अलग-अलग क्षेत्रों का चयन करके मुश्किल हालातों से जूझ रहे लोगों तक भोजन एवं राहत सामग्री पहंुचाने का निर्णरू लिया गया है। बैठक में तय हुआ कि तहसील की टीम बापू ग्राम, अमित ग्राम, सुमन विहार, गुमानीवाला, 20 बीघा, मनसा देवी क्षेत्र में भोजन बाटेगी। जबकि नगर निगम की टीम बैराज रोड, आशुतोष नगर, सपेरा बस्ती, देहरादून रोड, एम्स रोड स्थित बागड़ी परिवार, सर्वहारा नगर, चंद्रेश्वर नगर, रेलवे स्टेशन, देहरादून रोड क्षेत्र में भोजन और खाद्य सामग्री वितरित करेगी। वहीं, कोतवाली पुलिस की टीम त्रिवेणी घाट, मायाकुंड, चार धाम यात्रा बस अड्डा, सड़क किनारे रहने वाले सभी भिक्षुक, शांति नगर, हीरालाल मार्ग स्थित बस्ती, बनखंडी, बैराज कॉलोनी में राहत सामग्री पहंुचायेगी।
महापौर अनीता ममगाई ने बताया कि देश में छाये कोरोना संकट में हर व्यक्ति के जीवन को बचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। वहीं हर गरीब और जरूरत मंद तक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। विगत दिनों में कुछ समस्याएं और शिकायतों के सामने आने के बाद आज आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रशासन की तीन अलग-अलग टीमें क्षेत्र निर्धारित कर भोजन वितरण कार्यक्रम चलायेंगी एवं जरूरत मंद लोगों को आपदा राशन का वितरण करेंगी।
इस दौरान उपजिलाधिकारी प्रेेेम लाल, नगर निगम आयुक्त नरेेंद्र क्ववीरियाल, पुलिस क्षेत्राधिकारी वीरेंद्र रावत, तहसीलदार रेखा आर्य, कोतवाली प्रभारी रितेश शाह, पार्षद राजेश दिवाकर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैंः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फेसबुक लाईव द्वारा प्रदेशवासियों से एक बार फिर से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि बङी संख्या में उत्तराखंड के लोग बाहर हैं जो आना चाहते हैं। परंतु इस समय जो जहां है वहीं रहना है। भारत सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि अपने अपने राज्यों में बाहर के जो लोग फंस गए हैं उनके लिए भोजन आदि की पूरी व्यवस्था करें। कोई भी भूखा नहीं रहेगा। हालांकि दिक्कत जरूर होगी परंतु इन दिक्कतों में संयम और सतर्कता बनाकर रखना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जो लोग बाहर से अपने गांवों में आ चुके हैं, वे सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करे। अपने बच्चों से भी कुछ दिनों के लिए दूर रहें। खुद को भी बचाएं और अपने परिवार और गांव को भी बचाएं। जाने अनजाने में कोई भी गलती नहीं करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में बङी संख्या में दूसरे प्रदेशों के श्रमिक और पर्यटक हैं। इन सभी के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबके सहयोग से ही हम कोरोना वायरस को हरा सकते हैं। कोरोना हारेगा, उत्तराखंड जीतेगा।