कोई अधिवक्ता व बार हड़ताल का आह्वान करें, तो बार काउंसिल आफ इंडिया करे कार्रवाई

हरिद्वार, यूएस नगर और देहरादून में 34 साल से शनिवार को होने वाली वकीलों की हड़ताल और कार्य बहिष्कार को नैनीताल हाईकोर्ट ने असंवैधानिक घोषित किया है। कोर्ट ने यह फैसला एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

हाईकोर्ट ने साफ कहा कि कोई भी अधिवक्ता या बार काउंसिल हड़ताल करता या हड़ताल का आह्वान करता है तो बार काउंसिल ऑफ इंडिया उस पर कार्रवाई करे। कोर्ट ने कहा कि यदि अधिवक्ता हड़ताल पर जाएंगे तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।

कोर्ट ने कहा कि यदि अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहते हैं तो जिला जज इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट को करेंगे और हाईकोर्ट उस रिपोर्ट के आधार पर हड़तालियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। देहरादून निवासी ईश्वर शांडिल्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि दून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पिछले 34 वर्षों से शनिवार को अधिवक्ताओं की ओर से हड़ताल की जाती रही है।
इससे वादकारियों को न्याय से वंचित होना पड़ रहा है। याची ने हड़ताल को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने वादकारियों के हित में अहम फैसला सुनाया है।

कोर्ट ने कहा कि समस्त न्यायिक कार्य सुचारु रूप से चलते रहेंगे। कोई भी न्यायिक अधिकारी हड़ताल की वजह से मुकदमे की तारीख नहीं टालेगा। यदि हड़ताल की वजह से सुनवाई टली तो इसकी जवाबदेही न्यायिक अधिकारी की होगी।

कोर्ट ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों को हड़ताल के समय न्यायालयों को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है ताकि न्यायिक कार्यों में किसी तरह का व्यवधान न हो सके। कोर्ट ने कहा कि यदि वकीलों को किसी भी न्यायिक अधिकारी से शिकायत है तो शिकायत पर हाईकोर्ट जांच करेगा और आरोप सही पाए जाने पर हाईकोर्ट संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी करेगा।

स्कूलों में दैनिक प्रार्थना में बच्चों को मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार की जानकारी देंः टीएसआर

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा के बारे में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव व उपचार की तैयारियां पहले से ही कर ली जानी चाहिए। सर्दियों में फैलने वाले इस इन्फ्लुएंजा से बचाव की जानकारी अधिक से अधिक लोगां तक पहुंचाई जाए। विशेष रूप से स्कूलों में जाकर दैनिक प्रार्थना के समय बच्चों को इसके बारे में बताया जाए कि किन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से इससे बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री आवास में एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा से बचाव व उपचार की तैयारियों पर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी भी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा को लेकर आम लोगों में भय न हो, इसके लिए बीमारी और इससे बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। उपचार के लिए आवश्यक दवाईयां भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे।

बैठक में बताया गया कि एच-1 एन-1 इन्फ्लुएंजा एक सामान्य किस्म का इन्फ्लुएंजा है। इससे घबराने जैसी कोई बात नहीं होती है। इसके मरीजों का बहुत कम प्रतिशत होता है जिन्हें कि भर्ती कराए जाने की जरूरत पड़ती है। इसमें सामान्य सर्दी, जुखाम जैसे लक्षण ही होते हैं। घर पर ही इसका उपचार हो जाता है। बाजार में इसकी दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। परंतु यह दवा केवल डाक्टर का पर्चा दिखाने पर ही दी जा सकती है। केवल डायबिटिज, दमा आदि के रोगियों व उम्रदराज लोगों को सावधानी बरतनी होती है। अधिक से अधिक तरल पदार्थ व पौष्टिक आहार लिया जाना चाहिएा। अगर किसी बच्चे में इसके लक्षण दिखें तो स्कूल नहीं भेजा जाना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जिला अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति की भी जानकारी ली।

जमीन संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए रजिस्ट्री के समय ध्यान देने की आवश्यकताः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य की आय के संसाधनों को बढ़ाने के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रेवेन्यू प्राप्ति की सम्भावना वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर, उन पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। कर चोरी को रोकने के लिए एनफोर्समेंट को मजबूत किया जाए। समस्त फाईनेंसियल सिस्टम को ऑनलाईन किया जाए। कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के लिए वित्त व कार्मिक विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक प्रकोष्ठ बनाया जाए। मुख्यमंत्री, सचिवालय में वित्त व नियोजन विभाग की सीएम डेशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ में केपीआई के आधार पर समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं की समीक्षा, आउटकम आधारित हो। फंड की पार्किंग न हो। मार्च माह में खर्च करने की प्रवृत्ति को रोका जाए। टाईम ओवर रन व कोस्ट ओवर रन को रोकने के लिए योजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। टैक्स व जीडीपी के अनुपात को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए इस तरह की योजना बनाई जाए कि आम जनता पर बिना बोझ डाले राज्य की आय को बढ़ाया जा सके। टैक्स सिस्टम में व्याप्त छिद्रों को बंद करने पर फोकस किया जाए। पिछले कुछ समय में इसमें अच्छा काम किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन संबंधी धोखाधड़ी को रोकने के लिए रजिस्ट्री के समय ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। हाई वैल्यु स्पॉट का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। संबंधित अधिकारियों की जिम्मेवारी तय की जाए। फर्मों व सोसायटियों के रजिस्ट्रीकरण या नवीनीकरण के समय आपत्तियां एक बार में ही बता दी जाएं। राज्य सरकार की सभी योजनाओं को यथासम्भव डीबीटी पर लाया जाए।

हरिद्वार और यूएस नगर में बिजली चोरी को रोकने को प्राधिकृत होंगे दो थानें

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विद्युत लाईनों को ठीक करते हुए होने वाली दुर्घटनाओं को राकने के लिए पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इन दुर्घटनाओं के प्रभावितों को तुरंत मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। बिजली चोरी को रोकने के लिए उच्च अधिकारी भी फील्ड में जाएं। सौर ऊर्जा व पिरूल आधारित ऊर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाया जाए। सरकारी भवनों को सोलर रूफ टॉप अंतर्गत लाया जाए। एलईडी उपकरणों की बाजार में मांग का विश्लेषण कर उसी अनुरूप इनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर में बिजली चोरी को रोकने के लिए दो थानों को प्राधिकृत कर दिया जाए। मुख्यमंत्री सचिवालय में ऊर्जा विभाग की सीएम डेशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ में केपीआई के आधार पर समीक्षा कर रहे थे।

बैठक में सचिव राधिका झा ने बताया कि जल विद्युत परियोजनाओं से इस वर्ष 13.5 मेगावाट क्षमता की वृद्धि हो जाएगी। अगले छः माह में सरकारी कार्यालयों में 25 किलोवाट तक के प्री-पैड मीटर लगा दिए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में विद्युत हानि अधिक है वहां ओपेक्स मॉडल पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। ऊर्जा विभाग में 10 केपीआई लिए गए हैं। इसमें 13 हाइड्रो पो्रजेक्ट से 4700 मिलियन यूनिट उत्पादन के सापेक्ष 4663 मिलियन यूनिट उत्पादन किया जा रहा है। 2.25 लाख घरों की मीटरिंग के लक्ष्य के सापेक्ष 2.32 लाख घरों की मीटरिंग की जा चुकी है। एटी एंड सी हानियों को 16.53 प्रतिशत तक लाया जा चुका है। इसे 14 प्रतिशत तक लाया जाना है। 7.76 लाख एलईडी बल्ब का वितरण किया जा चुका है। औसत बिजली उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में 23.20 घंटे प्रतिदिन व शहरी क्षेत्रों में 23.35 घंटे है। बिलिंग एफिशिएंसी 85.78 प्रतिशत की जा चुकी है। सौर ऊर्जा की 148.85 मेगावाट की परियोजनाएं आवंटित की जा चुकी हैं। पिरूल नीति के अंतर्गत 675 कि0वा0 की परियोजना आवंटित की जा चुकी हैं।

सरकार के प्रयास से हर वर्ग को मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्यामपुर, ऋषिकेश में विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय क्षेत्रों हेतु उत्तराखण्ड पेयजल कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतीत नगर हेतु 25 करोड़ 65 लाख एवं खड़कमाफी हेतु 13 करोड़ 36 लाख रूपये की पेयजल योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर श्रीदेव सुमन डिग्री कॉलेज के ऋषिकेश कैंपस हेतु शिक्षा शास्त्र, समाज शास्त्र एवं गृह विज्ञान की कक्षाएं संचालित करने व चार वर्षीय बी.एड के कोर्स के लिए सहमति दी। उन्होंने कहा कि इस कॉलेज की चारदीवारी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा ऋषिकेश क्षेत्र की जिन विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया हैं उनका परीक्षण कर समाधान करने का हर सम्भव प्रयास किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पेयजल योजना के पूर्ण होने पर ऋषिकेश क्षेत्र की जनता को प्रतिदिन 16 घण्टे पेयजल उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि समाज के हर वर्ग को सरकार की विभिन्न योजनाओं का फायदा मिले। राज्य सरकार द्वारा किसानों को बिना ब्याज के एक लाख तक एवं स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रूपये तक का ऋण दिया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए 58 ग्रोथ सेंटर की स्वीकृति दी जा चुकी है, 40 ग्रोथ सेंटरों की जल्द स्वीकृति प्रदान की जायेगी। राज्य के सभी परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 05 लाख रूपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक 70 हजार से अधिक लोग इस योजना का फायदा ले चुके हैं।
मुख्यमंत्री कहा कि अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए राज्य में पेयजल की कुल 970 करोड़ रूपये की योजना पर कार्य किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत राज्य को सात पुरस्कार मिले। उत्तराखण्ड को कुपोषण मुक्त करने के लिए कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया है। इन बच्चों की निरन्तर निगरानी की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश में अन्तरराष्ट्रीय कन्वेशन सेंटर खोला जा रहा है। इस सेंटर में राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर की गोष्ठियां आयोजित की जायेगी। इससे स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो सालों में ऋषिकेश विधानसभा में सड़क, विद्युत, सीवरेज, घाटों के सौन्दर्यीकरण, नमामि गंगे के तहत अनेक कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में ऋषिकेश विधानसभा में लगभग 25 करोड़ रूपये की सड़कों का कार्य हुआ, विद्युत विभाग के अन्तर्गत 65 ट्रांसफार्मर लगे, 175 कि.मी की बंचिंग केबल लगाई जा रही है। नमामि गंगे के अन्तर्गत 158 करोड़ की लागत के सीवरेज का कार्य चल रहा है। त्रिवेणी घाट के सौन्दर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ऋषिकेश में उच्च शिक्षा के लिए श्रीदेव सुमन का कैंपस खुलने से अब यहां के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए एडमिशन में दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित को देखते हुए ग्रेजुएशन स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम को खत्म किया गया है। ऋषिकेश के डिग्री कॉलेज के लिए मुख्यमंत्री ने 6.5 करोड़ रूपये की स्वीकृति दी है।
इस अवसर पर मेयर अनीता मंमगाई, सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्यांकी आदि उपस्थित थे।

जीरों बजट वाली घोषणाएं अविलंब पूरी होंगीः त्रिवेन्द्र

उत्तराखण्ड को पूर्ण साक्षर बनाने के लिए मिशन मोड में काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक निश्चित समयावधि में पूर्ण साक्षरता के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नियोजित तरीके से काम करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में सीएम घोषणाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक घोषणा के क्रियान्वयन के हर स्तर के लिए टाईम फ्रेम तय किया जाए। जीरो बजट वाली घोषणाएं अविलम्ब पूरी हों। जिन मामलों में भूमि संबंधी दिक्कतें आ रही हैं, उनमें स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हल्द्वानी में तहसील निर्माण में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नागरिक उड्डयन विभाग प्रदेश में जहां भी हैलीपैड बनाए जा सकते हैं, आवश्यकतानुसार स्थान चिन्हित कर लें। खेल विभाग प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बनाए जाने वाले खेल स्टेडियमों की आवश्यक प्रक्रियाओं में तेजी लाए। मुनि की रेती में ईको पार्क की डीपीआर जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए। सतपुली से दिल्ली बस सेवा को जल्द से जल्द शुरू किया जाए। कोसी-बेराज क्षेत्र में साहसिक पर्यटन और मुन्स्यारी को पर्यटन डेस्टीनेशन व रांसी को पर्यटन ग्राम के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। यमुनोत्री में रोपवे निर्माण के लिए उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाए।

कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि उत्तराखण्ड को जैविक राज्य बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। 3900 क्लस्टर चयनित किए जा चुके हैं। मुन्स्यारी को कृषि जैविक हब के रूप में विकसित करने के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है। दारमा व व्यास घाटी में स्थानीय जैविक उत्पादों की खरीद के लिए संग्रहण केंद्र बनाया जाना है।

गृह विभाग ने जानकारी दी कि हरिद्वार में सीसीटीवी कैमरे आगामी कुम्भ मेले के अंतर्गत लगाए जाएंगे। खेल विभाग ने बताया कि स्टेडियमों व मिनी स्टेडियमों के निर्माण के लिए अधिकांश स्थानों पर भूमि चयनित कर ली गई है। गैरसैंण में 200 मीटर टैªक बनाया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग ने बताया कि राज्य में स्थित कॉलेजों में ई-लाईब्रेरी स्थापित करने के लिए एक समिति बनाई गई थी जिसने कि अपनी रिपोर्ट दे दी है। 10 कॉलेजों में आवश्यक उपकरण दे दिए गए हैं। अन्य के लिए भी कार्यवही की जा रही है। विद्यालयी शिक्षा विभाग में विभिन्न इंटर कॉलेजों में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों, प्रयोगशाला आदि के निर्माण के प्रस्ताव नाबार्ड से स्वीकृत हो गए हैं। जीआईसी गैरसैण में प्रेक्षागृह की वित्तीय स्वीकृति हो चुकी है। सैनिक स्कूल घोड़ाखाल को राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दी जाने वाली अनुदान राशि के लिए 5 करोड़ रूपए का प्राविधान कर दिया गया है।

नौजवान होंगे दक्ष तो समाज की उत्पादकता में होगी बढ़ोत्तरीः बेबी रानी मौर्य

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शिक्षक दिवस पर कहा कि आधुनिकीकरण के कारण आज समाज की अपेक्षाएं तेजी से बढ़ रही हैं। विद्यार्थियों पर परीक्षाओं में सफल ही नहीं अच्छे ग्रेड से सफल होने का निरन्तर दवाब रहता है। आज शिक्षा में नवाचार सम्मिलित किये जा रहे हैं। मेरी प्रदेश के शिक्षकों से अपील है कि विद्यार्थियों को विषय ज्ञान देने के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान, वैज्ञानिक ज्ञान व दृष्टिकोण विकसित करने में सहायता करें। समय की मांग है कि व्यक्ति मात्र शिक्षित ही न हो अपितु दक्ष भी हो। राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री द्वारा भी स्किल इंडिया पर बल दिया जा रहा है।

हमारे नौजवान यदि दक्ष होंगे तो समाज की उत्पादकता स्वतः ही बढ़ जाएगी। वे नए-नए उत्पादो पर शोध करेंगे तथा नए-नए उद्यम लगाएंगे व देश की प्रगति में तेजी से अपना योगदान देंगे।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की श्रेष्ठ अकादमिक संस्थाओं से भी अनुरोध है कि वे सूचना तकनीक का प्रयोग बच्चों को अधिक जानकारी देने व उनकी जिज्ञासा को दूर करने के लिये करें। इन्टरनेट, नॉलेज कमीशन, ऑनलाइन सुविधाओं का भी भरपूर सहयोग लिया जाय। उन्होंने कहा कि अटल टिंकरिंग लैब राज्य के सभी स्कूलों में खोली जाए। राज्यपाल ने गुरूवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन में राज्य के उत्कृष्ट शिक्षकों को ‘‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’’ से सम्मानित किया।

पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 एस0 राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये राज्यपाल ने कहा कि डॉ0 राधाकृष्णन शिक्षकों को भविष्य का शिल्पकार मानते थे। उनका मानना था कि सभी बुराईयों का अन्त शिक्षा के प्रसार से ही हो सकता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है। सरकार का प्रयास है कि शिक्षा में सुधार हेतु सरकारी तंत्र के साथ सामाजिक सहयोग लिया जाय। राज्य सरकार ‘‘देश को जानों’’ योजना आरम्भ करने जा रही है जिसके तहत 25 उत्कृष्ट छात्र-छात्राओं को एक सप्ताह तक भारत-भ्रमण करवाया जायेगा। राज्य सरकार छः करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक आवासीय विद्यालय बनाने जा रहा है जिसमें निर्धन मेधावी बच्चों के लिये खोला जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को सामूहिक दायित्व की ओर प्रोत्साहित करना होगा।

इन शिक्षकों का हुआ सम्मान
ऋषिकेश। राज्यपाल मौर्य ने माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’ से रा0बा0इ0का0स्याल्दे, अल्मोड़ा से गीता रानी, प्रवक्ता, रा0इ0का0सिरकोट, गरूड़, बागेश्वर से पूरन सिंह, प्रवक्ता, रा0इ0का0पाण्डुकेश्वर, जोशीमठ, चमोली से नरेन्द्र कुमार बहुगुणा, प्रवक्ता, रा0इ0का0मडलक, चम्पावत से दयाकृष्ण जोशी, स0अ0, रा0इ0का0क्वानू, देहरादून से संजय कुमार, प्रवक्ता, रा0क0उ0मा0वि0 मानकचौक मंगलौर, हरिद्वार से पुष्पांजली अग्रवाल, स0अ0, रा0आ0इ0का0 कोटाबाग, नैनीताल से डॉ0 भवतोष भट्ट, प्रवक्ता, रा0क0इ0का0श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल से सरिता उनियाल, प्रवक्ता, रा0इ0का0थरकोट, विण, पिथौरागढ़ से भाष्करानन्द जोशी, प्रवक्ता, रा0इ0का0क्यंूजा, रूद्रप्रयाग से विजय बैरवाण, प्रवक्ता, रा0इ0का0मंजाकोट चौरास, टिहरी गढ़वाल से डॉ0 अशोक बड़ोनी, प्रवक्ता, रा0इ0का0बौन पंजियाला, उत्तरकाशी से दिवाकर प्रसाद पैन्यूली, प्रवक्ता, रा0उ0मा0वि0मोहम्मदपुर भुडिया, यूएस नगर से प्रकाश चन्द्र पाठक, स0अ0 को सम्मानित किया।
राज्यपाल ने प्रारम्भिक शिक्षा के अन्तर्गत ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’ से रा0आ0जू0हा0महतगांव अल्मोड़ा से पंकज कुमार पंत, स0अ0, रा0क0जू0हा0गन्यूड़ा, गरूड़, बागेश्वर से निर्मला आर्या, स0अ0, रा0प्रा0वि0निजमूला,दशोली, जोशीमठ, चमोली से सुमित्रा फरस्वाण, प्र0अ0, रा0प्रा0वि0 गड्यूड़ा नवीन पाटी, चम्पावत से शंकर सिंह अधिकारी, स0अ0, रा0 प्रा0वि0पौंधा, सहसपुर, देहरादून से अर्चना नौटियाल, स0अ0, रा0उ0प्रा0वि0 तल्ली पाली, नैनीताल से गणेश दत्त, स0अ0, रा0पू0मा0वि0मुस्याखांद, नैनीडांडा, पौड़ी गढ़वाल से गबर सिंह, स0अ0, रा0प्रा0वि0सलकोट, विण, पिथौरागढ़ से अजरा जुनैद, प्र0अ0, रा0प्रा0वि0 बैनोली, रूद्रप्रयाग से अंजू लिंगवाल, प्र0अ0, रा0प्रा0वि0नागराजाधार कड़ाकोट, टिहरी गढ़वाल से गीता कठैत, प्र0अ0, रा0उ0प्रा0वि0 सुनाली, पुरोला, उत्तरकाशी से चन्द्रभूषण बिजल्वाण, स0अ0, रा0प्रा0वि0जसपुर खुर्द, काशीपुर, ऊ0सि0नगर से नमिता पंत, स0अ0 को सम्मानित किया।

राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने संस्कृत विद्यालयों के अन्तर्गत ‘गवर्नर्स टीचर्स अवार्ड 2019’ से रघुनाथ कीर्ति आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, देवप्रयाग, पौडी से डॉ0 शैलेन्द्र नारायण कोटियाल, श्री वेद संस्कृत महाविद्यालय ऋषिकेश, देहरादून से कृष्ण प्रसाद उनियाल, सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय, रेलवे बाजार हल्द्वानी नैनीताल से डॉ0 नवीन चन्द्र बेजवाल, राजकीय संस्कृत विद्यालय, सौडू, टिहरी गढ़वाल से पंकज कुमार, श्री गरीबदासीय साधु संस्कृत महाविद्यालय, जगजीतपुर कनखल, हरिद्वार से डॉ0 गोपाल राम को सम्मानित किया।

जो काम पिछली सरकार ने नहीं किए, वह टीएसआर सरकार ने कर दिखाया

उत्तराखण्ड में कुपोषण से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर बड़ी पहल की गई है। मंगलवार को पोषण अभियान 2019 के अंतर्गत ‘‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’’ की शुरूआत हुई। इसमें प्रदेश में चिन्हित 1600 अति कुपोषित बच्चों को मुख्यमंत्री, मंत्रिगणों, विधायकों, अधिकारियों, उद्योगपतियों व अन्य समाजसेवियों द्वारा गोद लिया जाएगा।

शुभारम्भ कार्यक्रम में 20 अति कुपोषित बच्चों को गोद लिया गया
सीएम आवास में अभियान के शुभारम्भ के अवसर पर 20 बच्चों को गोद लिया गया। सीएम ने स्वयं योगिता पुत्री रेखा, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने अनिषा पुत्री गुड़िया, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने निहारिका पुत्री सीमा, विधायक गणेश जोशी ने भूमिका, मेयर सुनील उनियाल गामा ने निहारिका पुत्री प्रियंका, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नैंसी पुत्री अतर सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार ने विनायक पुत्र शीतल, प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन ने आयुष पुत्र राजेश्वरी, सचिव डॉ. भूपिंदर कौर औलख ने आन्या, आरके सुधांशु ने अरहम, नीतेश झा ने नैना, शैलेश बगोली ने उमर, सौजन्या ने अभिषेक, हरबंस सिंह चुघ ने राज, अरविंद सिंह ह्यांकि ने हमजा, पंकज पाण्डे ने शुभान, विनोद प्रसाद रतूड़ी ने जोया, बीएस मनराल ने प्रियांशु, बीके संत ने शौर्य व एचसी सेमवाल ने दिव्यांशी को गोद लेकर उन्हें कुपोषण से मुक्त करने की जिम्मेदारी ली है। समाजसेवी व उद्योगपति राकेश ऑबेराय ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से 100 कुपोषित बच्चों को गोद लेने की बात कही।

समाज की शक्ति को पहचाना होगाः टीएसआर
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि हमें समाज की शक्ति को पहचानना चाहिए। किसी भी समस्या का हल समाज की भागीदारी से हो सकता है। हमारे पूर्वजों ने समाज की ताकत को पहचाना था। हमें भी यह देखना होगा कि कैसे समाज की शक्ति का उपयोग किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक पौधरोपण अभियान चलाए गए थे। इसमें समाज के सभी लोगों ने बढ़-चढ़कर योगदान दिया। कोई भी समस्या दूर की जा सकती है अगर सही तरीके से नियोजन किया जाए, समाज को इसमें जोड़ा जाए और उसे पर्सनल टच दिया जाए। मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों व समाज का सहयोग लेकर बालिका लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।

प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाएगा
उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट कराया जाएगा। वर्ष 2022 तक प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पक्का भवन युक्त किया जाएगा। प्रत्येक राशनकार्ड पर 2 किग्रा दाल उपलब्ध कराई जाएगी।

मां स्वस्थ तो बच्चा भी स्वस्थ
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों को गोद लिया जा रहा है, उनका नियमित रूप से पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उनके माता पिता के सम्पर्क रहना होगा। बच्चे क्या खा रहे हैं, कैसे खा रहे हैं, हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना होगा। पहला सहयोग बच्चे की मां का चाहिए। अगर मां को पोषण मिले, मां का स्वास्थ्य ठीक हो तो बच्चे का पोषण और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को कुपोषण से मुक्ति की शपथ भी दिलाई।

राज्य वन्य जीव बोर्ड की 13वीं बैठक में वन संरक्षण और ग्रामीणों की आजीविका पर हुई चर्चा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड राज्य वन्य जीव बोर्ड की 13वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत भी उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने वनों के प्रबन्धन में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित किये जाने पर बल देते हुए कहा कि वनों के संरक्षण के साथ ही ग्रामीणों की आजीविका भी प्रभावित न हो इसके लिये प्रभावी पहल होनी चाहिए।

बैठक में मानव वन्य जीव संघर्ष से ग्रसित गांवों में वालेण्टरी विलेज प्रोटेक्शन फोर्स के गठन, संरक्षित क्षेत्रों के अन्दर व निकटस्थ गांवों में इको डेवलपमेंट कार्यक्रम को पंचायतों के माध्यम से संचालित कराये जाने, राज्य मे कस्तुरी मृग व राज्य पक्षी मोनाल के संरक्षण, मत्स्य संरक्षण एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एंगलिंग की अनुमति प्रदान करने के साथ ही कार्बेट टाइगर रिजर्व व राजाजी टाइगर रिजर्व में मानव वन्य जीव संघर्ष को कम करने के लिए बाघो व जंगली हाथियों की जनसंख्या प्रबन्धन व धारण क्षमता के आकलन के लिये दीर्घ कालीन शोध व नीति निर्धारण पर सहमति प्रदान की गई।

बैठक में नन्दौर एवं सुरई को क्षेत्रीय जनता की मांग के दृष्टिगत बफर जोन न बनाये जाने का भी निर्णय लिया गया। लालढ़ांग-चिल्लरखाल सड़क के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई। अब यह प्रस्ताव नेशनल वाईल्ड लाईफ बोर्ड को भेजा जाएगा। नेशनल पार्क व बफर जोन में वर्षों पूर्व स्थापित स्कूलों आदि में सौर उर्जा एवं शौचालयों के निर्माण के लिए कंजरवेटर को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। इसके अतिरिक्त बैठक में विभिन्न सड़को के 16 प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।

बैठक में कंडी मार्ग के सम्बन्ध में इसके सभी पहुलओं पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण के माध्यम से व्यापक चर्चा की गई। इस सम्बन्ध में व्यापक विचार विमर्श के पश्चात् शासन द्वारा इस पर व्यवहारिकता के दृष्टिगत नीतिगत निर्णय किए जाने की भी सहमति बनी।

’’शगुन’’ से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में आयेगा बड़ा सुधारः निशंक

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र को मजबूती देने के मकसद से विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन जंक्शनों में शामिल एकीकृत ऑनलाइन जंक्शन ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ का शुभारंभ नई दिल्ली में किया। इस ऑनलाइन जंक्शन के जरिए स्कूली शिक्षा से जुड़े सभी ऑनलाइन पोर्टल्स और वेबसाइट को जोड़ने की पहल की गई है। इस मौके पर मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय शामराव धोत्रे भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि बेहतर शिक्षा के बिना किसी राष्ट्र, समाज या परिवार की उन्नति नहीं हो सकती। शिक्षा तरक्की की नींव है और नींव जितनी मजबूत होगी, इमारत उतनी ज्यादा बेहतर होगी। ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ एक ऐसा ही प्लैटफॉर्म है, जिसके जरिए शिक्षा की नींव को मजबूती मिलेगी। ‘शगुन’ में श शब्द का आशय शाला से है, जिसका मतलब स्कूल से है और गुन से गुणवत्ता को दर्शाया गया है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 1200 केंद्रीय विद्यालयों, 600 नवोदय विद्यालयों, सीबीएससी से जुड़े 18000 स्कूलों, 30 एससीईआरटी और एनसीटीई से जुड़े 19000 संस्थानों की वेबसाइट्स को ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ पोर्टल से जोड़ा गया है। इस ऑनलाइन प्लैटफॉर्म के जरिए 15 लाख स्कूलों, 92 लाख शिक्षकों और करीब 26 करोड़ विद्यार्थियों की जानकारी ली जा सकती है। इसके जरिए योजनाओं की जानकारी लेने के साथ ही लोगों को स्कूलों से जुड़ी नई सूचनाएं भी मिलेंगी।

पोखरियाल ने कहा कि हम चाहते हैं कि किसी के मन में कोई सवाल है, तो वह सवाल हम तक पहुंच सके। इस एकीकृत ऑनलाइन जंक्शन के जरिए लोग स्कूल के बारे में अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचा सकेंगे। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा से जुड़े समस्त आंकड़े एक जगह से प्राप्त कर सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस नए भारत की कल्पना की है, जिसमें उन्होंने हमेशा कहा कि शिक्षा में तकनीक का बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए। उसी दिशा में ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ स्कूली शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाई पर ले जाने का काम करेगा।
‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ के जरिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ने के लिए सामग्री मिलेगी, साथ ही उन्हें वीडियो आधारित शिक्षा का अवसर भी मिलेगा। वेबसाइट के जरिए यह भी जाना जा सकता है कि आपके क्षेत्र में कौन-कौन से स्कूल हैं और वह क्या-क्या सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री श्री पोखरियाल ने ‘एकीकृत राष्ट्रीय स्कूली शिक्षा निधि’ (INSET) बनाने की भी घोषणा की, जिसके जरिए विद्यार्थियों, शिक्षकों ओर स्कूलों से जुड़ी तमाम सूचनाएं एक मंच से मिल सकेंगी।
कार्यक्रम में मौजूद मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय शामराव धोत्रे ने कहा कि ‘स्कूल एजुकेशन शगुन’ के जरिए स्कूलों से जुड़ी समस्त जानकारी एक साथ मिल सकेगी। स्कूलों की सुविधाओं के बारे में जानने के साथ ही उन्हें जांच कर उन पर अपने सुझाव भी दिए जा सकेंगे। धोत्रे ने कहा कि यह बहुत ही अच्छा कदम है, इससे बच्चों के सम्पूर्ण विकास में और मदद मिलेगी। इस मौके पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के विद्यालय शिक्षा विभाग की सचिव रीना रे समेत मंत्रालय के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
शगुन पोर्टल को इस लिंक पर क्लिक करके देखा जा सकता है : http://seshagun.gov.in