गोवा और उत्तराखंड ने आपसी सहयोग के लिये किया एमओयू हस्ताक्षरित

पर्यटन के विभिन्न आयामों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखण्ड और गोवा राज्य मिलकर कार्य करेंगे। दोनो राज्य पर्यटन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के माध्यम से संयुक्त कार्य योजना के आधार पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने तथा पर्यटन सुविधाओं के विकास में दोनों राज्यों के मध्य यात्रा सुविधाओं को बेहतर बनाने के भी प्रयास किये जायेंगे।
इस संबंध में मंगलवार को सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किये गये। समझौता ज्ञापन पर सचिव पर्यटन उत्तराखण्ड सरकार सचिन कुर्वे तथा गोवा के पर्यटन निदेशक सुनील अचिंपका द्वारा हस्ताक्षर किये गये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह पहल अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगी आज गोवा से देहरादून की पहली डायरेक्ट उड़ान को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा दिया इस सीधी उड़ान सेवा का लाभ दोनों राज्यों के नागरिक भी उठा सकेंगे जिससे दोनों राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेवलपिंग टूरिज्म इन मिशन मोड की बात कही थी आज का यह एमओयू दोनों राज्यों के लिए इस दिशा में एक और कदम होगा। गोवा तथा देहरादून के बीच यह सीधी उड़ान दोनों राज्यों के लोगों को यात्रा के लिए प्रेरित करेगी, सागर से हिमालय के दर्शन का अवसर पर्यटकों को मिलेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस एमओयू के पश्चात दोनों राज्यों को पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ एक दूसरे राज्यों समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित होने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड तथा गोवा दोनों ही पर्यटन प्रधान छोटे राज्य हैं दोनों राज्य आपसी समन्वय से इन अवसरों का लाभ उठा सकते हैं तथा समस्याओं का निवारण भी कर सकते हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की चार धाम यात्रा ऐतिहासिक रही थी इस वर्ष भी यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा और अधिक लोग आएंगे अभी तक 15 लाख लोग चार धाम यात्रा कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से पूरा उत्तराखण्ड ही एक डेस्टिनेशन है। पर्यटन के साथ एडवेंचर टूरिज्म एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न क्षेत्रों को विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी का मजबूत आधार होने के नाते पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उद्यमी हमारे ब्रांड अम्बेसडर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा रहा है। दूरस्थ क्षेत्रों को हैली सेवा से जोड़ने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है तथा जौलीग्रांट एयरपोर्ट के साथ पन्तनगर एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे है। पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन शीघ्र ही भारतीय वायु सेना द्वारा किया जायेगा। आज पहाड़ में रेल का सपना पूरा हो रहा है। राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य के कारण पर्यटन, उद्योग क एवं व्यापार की यहां अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन हमारी आर्थिकी का आधार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में होम स्टे को और बढ़ावा दिया जा रहा हैं। इसमें लोगों को घर जैसा वातावरण मिले इसकी व्यवस्था की गई है।
गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने भी गोवा एवं उत्तराखंड बीच हुए एमओयू को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि होगा। उन्होंने कहा गोवा में विभिन्न तरह के पर्यटन स्थलों को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। गोवा की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन है। गोवा में 35ः से अधिक रोजगार पर्यटन से पैदा होते हैं। बीते सालों में लगातार पर्यटन बड़ा है परंतु कोविड काल के बाद पर्यटकों के व्यवहार में भी बदलाव आया है। उन्होंने कहा गोवा सरकार ट्रेड, टेक्नोलॉजी और टूरिज्म के विजन पर कार्य कर रही है। हमारे राज्य आपसी समन्वय के साथ अपने क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं। आज गोवा सन, सेंड एवं सी के सिद्धांत से भी आगे बढ़ गया हैं। हम साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म, आध्यात्म पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर कार्य कर रहे।
गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे ने कहा कि और अखंड गोवा सरकार मिलकर पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक कार्य कर सकती है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन एवं मार्गदर्शन में सभी राज्य आपस में मिलकर कार्य करें, उसी का नतीजा आज का यह कार्यक्रम है। गोवा एवं देहरादून के बीच सीधी फ्लाइट चलने से बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा हमने इतिहास को संवार कर अपने यहां पर्यटन को बढ़ावा देने पर बल दिया है। पर्यटन के क्षेत्र में दोनों राज्य और अधिक आगे बढ़े इसके लिए यहां के आमजन होटल व्यापार एवं अन्य व्यापारियों से जुड़े लोगों का भी विशेष सहयोग चाहिए होगा। सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे तथा निदेशक पर्यटन गोवा सुनील अचिंपका ने एमओयू से संबंधित जानकारी देने के साथ पर्यटन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी भी दी।
समझौता ज्ञापन के तहत पर्यटकों की सुविधा के लिये गोवा से उत्तराखण्ड के लिये एक से अधिक सीधी उडान कनेक्टिविटी सुविधा पर ध्यान देने, गोवा एवं उत्तराखण्ड की विशिष्ट सांस्कृतिक विरासत से पर्यटकों को परिचित कराने के लिये सांस्कृतिक आदान प्रदान के कार्यक्रमों, रोड शो, आपसी पर्वों के आयोजन, स्थानीय व्यंजनों, लोक संस्कृति हस्त शिल्पों को प्रदर्शित करने के अवसर पैदा करने के प्रयास किये जायेंगे। विभिन्न पर्यटन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त पैकेजों के अन्वेषण पर दोनों पक्ष पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखकर कार्य करेंगे। दोनों राज्य पर्यटन के क्षेत्र की बेस्ट प्रेक्टिस को भी साझा करेंगे।
साहसिक पर्यटन गतिविधियों में दोनों राज्य प्रमुख साहसिक गतिविधियों जैसे वाटर स्पोर्ट्स एयरो स्पोर्ट्स और भूमि आधारित गतिविधियाँ जिन्हें संयुक्त रूप से विकसित और बढ़ावा दिया जायेगा। साहसिक पर्यटन गतिविधियों को विकसित करने के लिए राज्य निजी क्षेत्र एवं युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जायेगा। पैराग्लाइडिंग, स्काई डाइविंग, हॉट एयर बैलून, स्कीइंग आदि भूमि आधारित गतिविधियां माउंटेन बाइकिंग ट्रेकिंग/हाइकिंग, सभी टेरेना मोटर बाइकिंग, बजी गाडेस्टिनेशन जैसे टिहरी नैनीताल बौर जला उत्तराखंड में नानकमत्ता और अन्य जल निकाय क्षेत्रों में सम्भावनायें तलासी जायेगी। इन गतिविधियों में एयरो स्पोर्ट्स पावर्ड हैंग ग्लाइडर शामिल वाटर स्पोर्ट्स पैरासेलिंग, स्कूबा डाइविंग ना चलाना व्हाइट वाटर राफ्टिंग जेट बोट्सवर जेट्स वॉट्स, फ्लाई बोर्डिंग, वॉटर गोवा के जल क्रीड़ा के साथ-साथ जल क्रीड़ाओं के लिए संयुक्त रूप से विकसित और प्रचारित किये जाने पर भी ध्यान दिया जायेगा।
इको टूरिज्म के क्षेत्र में दोनों राज्यों में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव है अभयारण्य जिन्हें इकोटूरिज्म के रूप में बढ़ावा दिया जा सकता है आध्यात्मिक पर्यटन उत्तराखंड कई महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों जैसे चार धाम यात्रा का घर है कि गांव में कई प्राचीन पर्य और मंदिर हैं। दोनों राज्य संयुक्त रूप से आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने के लिए रणनीति के लिए संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं जिसे संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है। वेलनेस टूरिज्म के क्षेत्र में उत्तराखंड में आयुर्वेदिक और योग के क्षेत्र में बडी संभावनायें हैं, जबकि गोवा में कई स्पा और वेलनेस रिसॉर्ट है जिन्हें संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जा सकता है।
इसी प्रकार विरासत पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड और गोवा दोनों का औपनिवेशिक इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़े स्थान है, जिसके लिए संयुक्त प्रचार रणनीति पर काम किया जा सकता है। मानव संसाधन विकास, दोनों पक्ष मिलकर काम करेंगे और पर्यटन के क्षेत्र में ज्ञान और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने की दिशा में भी सहयोगी बनेंगे।
इस अवसर पर अध्यक्ष होटल एसोसिएशन सुनील साहनी के साथ गोवा एवं उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्यटन व्यवसायी एवं उद्यमी मौजूद रहे।

हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र, देहरादून में देख सकेंगे गणतंत्र दिवस परेड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त उत्तराखण्ड की झांकी ‘मानसखण्ड’

दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की झांकी ‘मानसखण्ड’ को सम्पूर्ण उत्तराखण्ड भ्रमण के पश्चात गढ़ी कैण्ट स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में स्थायी रुप से स्थापित कर दिया गया है। इस झांकी को प्रदेश की आम जनता के अवलोकनार्थ प्रदेश के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर डेढ़ माह तक पूरे प्रदेश में भ्रमण कराया गया था, जिसका शुभारम्भ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री आवास से दिनांक 05 अप्रैल, 2023 को किया गया था।

मुख्यमंत्री ने इस झांकी को गढ़ी कैण्ट स्थित संस्कृति विभाग के हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र परिसर में संरक्षित रखने के निर्देश दिये थे। इस झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिर समूह तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया गया था, साथ ही कुमांऊ की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी में समावेश किया गया था।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2021 में गणतंत्र दिवस परेड में तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली उत्तराखण्ड की झांकी ‘केदारखण्ड’ को भी इसी परिसर में स्थापित किया गया है। भविष्य में प्रदेश की आम जनता द्वारा इन झांकियों का अवलोकन कभी भी किया जा सकता है।

पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री से मिले वरिष्ठ अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल तथा विशेष कार्याधिकारी श्री केदारनाथ बद्रीनाथ रिडेवलपमेंट वर्क्स भाष्कर खुल्बे ने भेंट की। केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में संचालित कार्यों के निरीक्षण के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ में मास्टर प्लान के तहत संचालित कार्यों के संबंध में चर्चा की। मंगेश घिल्डियाल ने मुख्यमंत्री को बताया कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ में संचालित कार्यों में हाल ही में मौसम की खराबी के कारण निर्माण कार्यों में कुछ व्यवधान जरूर रहा किन्तु अब मौसम अनुकूल होने के बाद कार्यों में तेजी आयी है। इस अवसर पर जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के साथ ही मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना पर चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा एवं बर्फबारी के बावजूद बडी संख्या में यात्री चार धामों के दर्शन हेतु आ रहे हैं। यात्रा व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किये जाने के लिये यात्रा मार्गों पर आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में श्री बद्रीनाथ एवं श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से चल रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुमाऊं में मानसखण्ड मंदिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इसके तहत जागेश्वर धाम का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक/ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री/पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके।
इस अवसर पर श्री केदारनाथ उत्थान चेरिटेबल ट्रस्ट के विशेष कार्याधिकारी सतीश बहुगुणा भी उपस्थित थे।

जागेश्वर धाम को विकसित करने पर जोर दे रही सरकार-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज डोल आश्रम पहुॅचकर श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने 1100 कन्याओं का पूजन करने के साथ ही नर-नारायण मूर्तियों का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने श्रीयंत्र में पूजा-अर्चना की और देश एवं प्रदेश की सुख समृद्वि की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परम पूज्य महाराज कल्याणदास जी ने एक साधक के रूप में पांच दशकों तक लगातार साधना की और सम्पूर्ण भारत वर्ष के अन्दर अनेकों ऐसे प्रकंल्प खड़े किये जिनके माध्यम से सामान्य घर में पैदा होने वाले, गरीब घर में पैदा होने वाले लोगों के उत्थान का कार्य, शिक्षा देने का कार्य, स्वास्थ्य सुविधा देने का कार्य, एवं उन्हें आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने इस आश्रम में जिस प्रकार से श्रीयंत्र स्थापित किया है आने वाले समय में केवल भारतवर्ष ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व के लोग इस आश्रम में शान्ति, आध्यात्म और संस्कृति को जानने के लिए आयेंगे।
मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों को बुद्व पूर्णिमा की बधाई दी और महात्मा बुद्व के धर्म, शान्ति एवं अंहिसा के मार्ग पर चलने को कहा। उन्होंने कहा कि बाबा जी की जो सोच है कि आने वाले समय पर यहॉ से पलायन पर रोक लगे और यहॉ के लोगों को यहीं पर कार्य करने का अवसर मिले, इस क्षेत्र में यह केन्द्र सभी के अन्दर कही न कही जागृति लाने और उस दिशा में प्रेरित करने का कार्य भी कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आश्रम जहां एक ओर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, वहीं युवाओं को भारतीय संस्कृति के बारे में शिक्षित करने का महान कार्य भी इसके माध्यम से हो रहा है। देवभूमि उत्तराखंड में जन्म लेना अपने आप में बहुत बड़ा सौभाग्य है। यह आश्रम हमारी जो पुरानी सभ्यता, संस्कृति है उसकी जीती-जागती मिशाल है। यह साधना और आध्यात्म का एक भव्य और दिव्य केन्द्र है। उन्होंने कहा कि आज हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नये उत्तराखण्ड का संकल्प लेकर निरन्तरता से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम भी पॉचवें धाम के रूप में विकसित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका सम्पूर्ण विश्व में लहरा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृति संरक्षण हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्व है, इसके लिए हमारी सरकार एक कठोर धमार्न्तरण का कानून लेकर आयी है। हमारी सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि भूमि अतिक्रमण को भी समाप्त किया जायेगा तथा समान नागरिक संहिता को लागू किया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यहॉ पर 03 नये पार्किग स्थल विकसित किये जायेंगे तथा आश्रम में जो संस्कृत विद्यालय संचालित किया जा रहा है उसका महाविद्यालय बनाने के लिए या विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि डोल आश्रम को पूज्य महाराज कल्याणदास जी ने स्थापित किया। उनकी सोच के अनुरूप धर्म, आध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा के एक बड़े केन्द्र के रूप में यह आगे बढ़ रहा है एवं विकसित हो रहा है। उन्होंने महाराज जी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि उन्होंने सम्पूर्ण जीवन यहॉ के लोगों की सेवा एवं परमार्थ के कार्यों में लगाया। उन्होंने कहा कि जो हमारा मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन है उस मिशन के अन्तर्गत यह आश्रम भी एक अंग के रूप में विकसित होगा तथा आने वाले समय में जिस प्रकार चारधाम यात्रा चलती है उसी प्रकार मानसखण्ड यात्रा एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा भी चलेगी तथा उसका एक बहुत बड़ा पड़ाव डोल आश्रम तथा जागेश्वर धाम भी होगा। उन्होंने कहा कि शासन का जो मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन का मास्टर प्लान है वह पूर्णरूप से तैयार हो चुका है, उसकी शुरूआत जागेश्वर धाम से की जायेगी।
इस अवसर पर जागेश्वर विधायक मोहन सिंह मेहरा, विधायक अल्मोड़ा मनोज तिवारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, पूज्य महाराज कल्याणदास, भाजपा जिलाध्यक्ष रमेश बहुगुणा, सुभाष पाण्डे, जिलाधिकारी वन्दना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रचिता जुयाल, सहित अनेक अखाड़ों के मंहत, अनेक जनप्रतिनिधि एवं श्रद्वालु उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का संचालन स्वामी हरि चौतन्य ने किया।

25 लाख के करीब पहुंचने वाला है श्रद्धालुओं का पंजीकरण

चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण का आंकड़ा 25 लाख पार पहुंचने वाला है। इसमें केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक 8.65 लाख यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। मौसम खराब होने से फिलहाल आठ मई तक केदारनाथ के लिए पंजीकरण पर रोक लगाई गई है। पूर्व में जिन यात्रियों ने पंजीकरण किया है, उन्हें ही यात्रा की अनुमति होगी।
सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्य किया है। चारों धामों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कोई संख्या तय नहीं है। लेकिन लगातार मौसम खराब होने के कारण यात्रा प्रभावित हो रही है। पर्यटन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार 22 फरवरी से अब तक चारधाम यात्रा के लिए 24.53 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इसमें 22 अप्रैल से 5 मई तक चार लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
पर्यटन विभाग के अनुसार चारधाम यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में काफी उत्साह है। खराब मौसम को देखते हुए केदारनाथ धाम का पंजीकरण रोका गया है। बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के लिए नियमित रूप से पंजीकरण हो रहे हैं।

चारधाम के लिए पंजीकरण की स्थिति
धाम पंजीकरण की संख्या
केदारनाथ 864597
बदरीनाथ 725370
गंगोत्री 442372
यमुनोत्री 394896
हेमकुंड साहिब 25674

मुख्यमंत्री धामी ने ईको टास्क फोर्स को वाहन सौंपे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को गढ़ी कैंट, देहरादून में उत्तराखंड बागवानी विभाग के माध्यम से इको टास्क फोर्स को उपलब्ध कराए गये बोलेरो वाहनों एवं मोटर साइकिलो का फ्लैग ऑफ किया। इस दौरान 2 बोलेरो पिकअप और 10 मोटर साइकिलें ईको टास्क फोर्स को सौंपी गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की, कि भविष्य में हॉर्टिकल्चर विभाग ईको टास्क फोर्स को 6 पॉलीहाउस बनाकर देगा, जिसमें चार पॉलीहाउस परियोजना क्षेत्रों तथा दो पॉलीहाउस बटालियन मुख्यालय में स्थापित किये जायेंगे। लोक निर्माण विभाग से दोनों परियोजना क्षेत्रों में मानसून आने से पूर्व बरसात के पानी के संरक्षण हेतु 120 दिनों के लिए दो जेसीबी प्रदान की जायेंगी। ईको टास्क फोर्स के सहिया, कस्याली तथा बटालियन मुख्यालय में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जल भण्डारण हेतु 50 हजार लीटर की क्षमता की टंकियों का निर्माण कराया जायेगा। ईको टास्क फोर्स की 10 नर्सरियों में सिंचाई प्रणाली की स्थापना की जाएगी। उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूआरडीए) द्वारा देहरादून, सहिया तथा कस्याली परियोजना स्थलों में 100 किलोवाट के सौर पैनल का प्रावधान किया जाएगा। सभी सरकारी विभागों में प्राप्त होने वाले ईको टास्क फोर्स के प्रस्तावों को पूरी प्राथमिकता दी जायेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए इको टास्क फोर्स की स्थापना की गई थी, उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह टीम निरंतर प्रयासरत है। 127 ईको टास्क फोर्स प्रदेश की प्रथम पर्यावरण यूनिट है, जिसकी स्थापना 1 दिसम्बर 1982 में गढवाल रायफल्स रेजिमेण्ट सेन्टर लैन्सडाउन में हुयी थी। उन्होंने कहा कि 127 इको टास्क फोर्स नें स्थापना के बाद से गढ़वाल क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लगातार अच्छा कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 40 वर्षाे में 127 ईको टास्क फोर्स ने उत्तराखण्ड राज्य के 1200 से अधिक भूतपूर्व सैनिकों को यूनिट में भर्ती करके टिहरी, चमोली, देहरादून, तथा सीमान्त क्षेत्रों माणा तथा मलारी में लगभग 20,698 हैक्टेयर भूमि पर करीब 1 करोड 98 लाख पौधों का रोपण किया, यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि वन विभाग को 127 और 130 ईको टास्क फोर्स की चार वित्त पोषित कम्पनियों के लिये पाँच साल एफ. ई. के विस्तार की सहमति देने के लिये आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। ईको टास्क फोर्स का भी इसके लिए निरंतर सहयोग मिल रहा है। उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिये सरकार संकल्प नये उत्तराखण्ड के साथ आगे बढ़ रही है।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इको टास्क फोर्स द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखण्ड में सराहनीय कार्य किया जा रहा है। वृक्षारोपण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियां इनके द्वारा राज्य में की जा रही हैं।
इस अवसर पर जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल संजीव खत्री, कर्नल रोहित श्रीवास्तव, हीरो मोटोकॉर्प के प्लांट हेड यशपाल सरदाना एवं ईको टास्क फोर्स के सदस्य उपस्थित रहे।

आईटीबीपी के जवानों ने श्री बदरीनाथ धाम में चलाया स्वच्छता अभियान

उत्तराखण्ड में चारधाम यात्रा के आरम्भ के साथ ही आईटीबीपी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम एवं इसके आस-पास स्वच्छता बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। आईटीबीपी के जवानों द्वारा बद्रीनाथ मंदिर के निकट पहाड़ियों व जलस्रोतों को स्वच्छ रखने हेतु अभियान चलाया गया है। गुरूवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा श्री बदरीनाथ मंदिर के निकट दुर्गम पहाड़ी पर रैपलिंग करते हुए यात्रियों द्वारा फेंके गए कूड़े को हटाया गया। आईटीबीपी द्वारा यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा। प्रशासन ने भी आईटीबीपी के जवानों के इस स्वच्छता अभियान की प्रशंसा की। इससे चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय लोगों को धामों व चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वच्छता बनाए रखने की प्रेरणा मिलेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी आईटीबीपी के जवानों को श्री बदरीनाथ धाम में स्वच्छता अभियान संचालित करने के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन देने का रास्ता साफ

राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए अथवा घायल हुए आंदोलनकारियों से इतर चिह्नित आंदोलनकारियों के आश्रित पति या पत्नी भी अब पेंशन के हकदार हो गए हैं।
यह पेंशन उन्हीं आश्रितों को मिलेगी, जिन आंदोलनकारियों की मृत्यु एक जून, 2016 से पहले हो चुकी है। उन्हें प्रतिमाह 4500 रुपये पेंशन देने का निर्णय लिया गया है। इन आश्रितों को अभी तक पेंशन के दायरे में नहीं लिया गया था।
अलग चिह्नित किए गए आंदोलनकारी, जिनकी मृत्यु एक जून, 2016 को पेंशन स्वीकृत होने का शासनादेश जारी होने से पहले हो चुकी है, उनके आश्रित पति या पत्नी को अब पेंशन मिलेगी। पहले यह आश्रित पेंशन 3100 रुपये प्रतिमाह थी। 17 दिसंबर, 2021 के शासनादेश में पेंशन राशि को बढ़ाकर प्रतिमाह 4500 रुपये किया गया है।

कपाट खुलने के शुभ मुहुर्त में सीएम रहे मौजूद, पीएम के नाम पर कराई पहली पूजा

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट विधि विधान के साथ अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। तय कार्यक्रमानुसार गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर और यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12 बजकर 41 मिनट पर श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए है। अब अगले छह माह तक श्रद्धालु गंगोत्री में मां गंगा एवं यमुनोत्री धाम में मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। आज पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को खरशाली, यमुनोत्री में पूजा अर्चना की। उसके बाद मां यमुना जी की उत्सव डोली को शनि देव की अगुवाई में खरशाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज मां यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो चुका है। 25 अप्रैल को श्री केदारनाथ एवं 27 अप्रैल को श्री बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का देव भूमि आगमन पर स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से पुष्प वर्षा की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा हर्षाेल्लास के साथ होगी। उन्होंने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान बद्री विशाल, बाबा केदार, मां यमुनोत्री एवं गंगोत्री की कृपा सभी पर बनी रहे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देश एवं प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंगोत्री धाम में पूजा-अर्चना कर मां गंगा जी का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए देश विदेश से जो भी श्रद्धालु आएंगे उन्हे दर्शन कराए जाएंगे। चार धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी तैयारियां की गई है। सुरक्षित एवं सुगम यात्रा के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। राज्य में श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्रा की सभी व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जा रही है।
गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री हरीश सेमवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12ः15 मिनट पर मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। रात्री विश्राम भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में करने के उपरांत अगले दिन सुबह 8 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम पहुंची। जहां विधिविधान के साथ गंगा पूजन, गंगा सहस्त्रनाम पाठ एवं विशेष पूजा अर्चना के बाद सर्वार्थ अमृत सिद्ध योग पर 12ः35 पर गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि मां यमुना की डोली शनिवार सुबह अक्षय तृतीया के पर्व पर अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव से प्रातः 8 बजे शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम को रवाना हुई। डोली 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। जहां पूजा अर्चना एवं हवन करने के बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ अभिजीत मुहूर्त में 12ः41 पर यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए गए है।
इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान, जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, एसपी अर्पण यदुवंशी, जिलाध्यक्ष बीजेपी सतेंद्र सिंह राणा, अध्यक्ष कॉपरेटिव बैंक विक्रम सिंह सहित मंदिर समिति के पदाधिकारी, श्रद्धालु एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

धामी ने सैन्यधाम के निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सैन्यधाम के निर्माण कार्यों में और तेजी लाई जाए। सैन्य धाम का स्वरूप भव्य एवं दिव्य हो, इसके लिए अन्य राज्यों के सैन्य धामों (शौर्य स्थलों) की जो स्टडी की गई है, उनमें जो बेहतर कार्य किये गये हैं, उन कार्यों का समावेश सैन्य धाम में किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सैन्यधाम में उत्तराखण्ड की झलक दिखे। सैन्यधाम के आसपास केदारखण्ड एवं मानसखण्ड की थीम पर आधारित क्या गतिविधियां हो सकती हैं, इस पर भी ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सचिवालय में सैन्य धाम (शौर्य स्थल) की उच्च स्तरीय बैठक के दौरान ये निर्देश अधिकारियों को दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि सैन्यधाम के निर्माण की कार्य प्रगति 45 प्रतिशत तक हो चुकी है। जिसके अन्तर्गत ऑडिटोरियम, टैंक प्लेटफॉर्म, मुख्य द्वार, बाबा जसवंत सिंह एवं बाबा हरभजन सिंह मन्दिर, शौर्य स्तम्भ, बुकिंग काउंटर, चाहरदीवारी एवं म्यूजियम का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, जी.ओ.सी उत्तराखण्ड सब-एरिया मेजर जनरल संजीव खत्री, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (से.नि) सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र चौधरी, एस.एन. पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।