बालिकाओं को सशक्त बनाने की दिशा में हो कार्य-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड देहरादून स्थित नवीन बहुद्देशीय हॉल में ‘महिलाओं की खेल में सहभागिता’ विषय पर आयोजित सेमिनार में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न खेलों में सराहनीय प्रदर्शन करने वाले महिला खिलाड़ियों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी बालिकाओं को राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस महिला सशक्तिकरण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने और बालिकाओं को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को और अधिक मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है। राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते प्रदेश की किसी भी बेटी का अपमान करने वाले के खिलाफ हम कठोरतम कार्रवाई करने से कभी पीछे नहीं हटेंगे। हमारी बेटियां हमारी शान, मान एवं अभिमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में तीलू रौतेली, टिंचरी माई, गौरा देवी, चन्द्रप्रभा ऐतवाल, गंगोत्री गर्ब्याल और बछेंद्री पाल, वंदना कटारिया जैसे अनेक नाम हैं जिन्होंने हर चुनौती को छोटा साबित करते हुए प्रदेश का मान और सम्मान बढ़ाया। आज हमारी बेटियों ने हर क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बनाया है और प्रदेश का नाम रोशन किया है। शिक्षा से लेकर खेल के मैदान और वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर सेना के अभियान तक में हमारी बेटियां बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई विभिन्न योजनाएं हमारी बेटियों को और अधिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने में सहयोग प्रदान कर रही हैं। राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्राविधान किया है। उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व ही राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की 80 हजार बालिकाओं को 323 करोड़ रुपये की धनराशि “नंदा गौरा योजना“ के अंतर्गत हस्तांतरित की गई थी। जो निश्चित ही हमारी बेटियों के बेहतर भविष्य की नींव रखने में काम आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों मे बेटियों के नामांकन में बढ़ोतरी हुई है और लिंगानुपात में सुधार हुआ है, इससे स्पष्ट है कि बेटियों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं सफल हो रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के मूलमंत्र को लेकर राज्य सरकार ने भी बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा,स्वास्थ और कौशल विकास तक के लिए विभिन्न योजनाएं प्रारंभ की हैं, जिनमें “महालक्ष्मी किट योजना“,“खुशियों की सवारी“ योजना, “नंदा गौरा“ योजना, “मुख्यमंत्री आंचल अमृत“ योजना,“मुख्यमंत्री महिला पोषण“ जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनाएगा, उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसमें हमारी बेटियों और मातृशक्ति की अहम भूमिका होगी।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास तथा खेल मंत्री रेखा आर्या ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य महिला आयोग द्वारा खेल को केंद्रित करते हुए बालिकाओं को लेकर सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है, यह सराहनीय पहल है। राज्य में बालिकाएं खेल के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़े इसके लिए राज्य में नई खेल नीति में हर संभव सुविधा देने के प्रयास किए गए हैं। खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभाओं को उजागर करने के लिए आर्थिक संकट से न गुजरना पड़े, इसके लिए नई खेल नीति में हर सुविधा देने के प्रयास किए गए है। खिलाड़ियों को भोजन के लिए दी जाने वाली धनराशि 150 रुपए से बढ़ाकर 175 रुपए की गई है। राज्य में लगभग 3900 बच्चों को मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत 1500 रुपए प्रति बच्चे को छात्रवृत्ति दी जा रही है, जिसमें 50 प्रतिशत बालिकाएं शामिल हैं।

राज्य सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही कुछ महत्वपूर्ण योजनाएं…

राज्य में महिला सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2025 तक राज्य की 1.25 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट दी जा रही है। खुशियों की सवारी योजना के माध्यम से गर्भवती महिला को अस्पताल तक लाने की व्यवस्था एवं बच्चे के जन्म के बाद जच्चा एवं बच्चा को घर तक ले जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई है। नंदा गौरा योजना के तहत राज्य में गरीब कन्याओं के लिए राज्य सरकार द्वारा 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही बालिका के जन्म के समय माता-पिता को 11 हजार रूपये की धनराशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत मां और नवजात शिशु की साफ-सफाई एवं पोषण के लिए राज्य सरकार द्वारा मौसम के हिसाब से अलग-अलग किट प्रदान की जा रही है। राज्य में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण के दृष्टिगत सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में कामकाजी महिलाओं के लिए गौरा शक्ति एप बनाया गया है। गौरा शक्ति के अन्तर्गत स्व रजिस्ट्रेशन के अतिरिक्त महिलाएं ई-शिकायत भी दर्ज करा सकती हैं, साथ ही इसमें महिलाओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी और महत्वपूर्ण फोन नम्बर भी उपलब्ध हैं।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, सविता कपूर, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, खेल निदेशक जितेन्द्र सोनकर एवं राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आई बालिकाएं मौजूद रही।

वंसतोत्सव कार्यक्रम का आगाज, छात्रों ने दिखाई प्रतिभा

वसंतोत्सव का आगाज मंगलवार को श्री भरत मंदिर परिसर में ध्वजारोहण के साथ हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने लोक संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियां देकर समां बांधा। इस दौरान रंगोली, समूह गान, मेहंदी आदि प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे प्रतिभागियों को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सम्मानित किया।
पांच दिवसीय वसंतोत्सव के तहत मंगलवार को एसबीएम इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालय सहित अन्य स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। रंगोली और समूह गान प्रतियोगिताएं हुईं। रंगोली में स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल प्रथम, हैपी होम मोंटसरी द्वितीय, मदर मिरेकल स्कूल और केवीएस आईडीपीएल तीसरे स्थान पर रहे।
प्राइमरी ग्रुप डांस में गंगोत्री विद्या निकेतन पहले, एसबीएम पब्लिक स्कूल दूसरे, सनशाइन पब्लिक स्कूल तीसरे स्थान पर रहे। मेहंदी जूनियर ग्रुप में जीजीआईसी प्रथम, एसबीएम इंटर कॉलेज द्वितीय, एनडीएस श्यामपुर तृतीय स्थान पर रहा। सीनियर वर्गमेंगंगोत्री विद्या निकेतन प्रथम, पंजाब सिंध क्षेत्र द्वितीय, हरीशचंद्र गुप्ता आदर्श कन्या विद्यालय तीसरे और सामूहिक गायन में श्री भरत मंदिर पब्लिक स्कूल प्रथम, श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज द्वितीय और श्री दर्शन महाविद्यालय तीसरे स्थान पर रहे। अंत्याक्षरी जूनियर में एसबीएम पब्लिक स्कूल ने बाजी मारी। वाद विवाद प्रतियोगिता में आरपीएस की निधि शर्मा अव्वल रहीं। वहीं, साईकिल रेस में श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज के संयम सिंह पहले, करण जायसवाल दूसरे और उत्तम यादव तीसरे स्थान में रहे। कार्यक्रम में शिक्षाविद बंशीधर पोखरियाल, प्रधानाचार्य धीरेंद्र जोशी, कमला प्रसाद भट्ट, डा. सुनील दत्त थपलियाल, सुजाता श्रीधर, संगीता नवानी श्रीलता, अन्विता डबराल, सोनिया यादव आदि मौजूद रहे।
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भर्ती परीक्षाओं को लेकर सीएम के निर्देश, हर 15 दिन में समीक्षा की जाए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देश दिए हैं कि भर्ती परीक्षाओं में तेजी लाने के लिए शासन स्तर पर प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा बैठक की जाय। सभी विभागों से रिक्त पदों का पूरा ब्यौरा लेकर जल्द से जल्द अधियाचन भेजे जाएं। जहां पर तदर्थ और आउटसोर्सिंग आदि के माध्यम से नियुक्तियां होनी हैं उसमें भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लायी जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को रोजगार के पर्याप्त अवसर दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि सभी भर्ती प्रक्रियाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित की जाएं। भर्ती प्रक्रियाओं में अगर कोई भी गड़बड़ी के प्रयास करे तो उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी लगातार समीक्षा की जाय। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को ड्रग्स फ्री उत्तराखंड बनाने के लिए 15 दिनों में संबंधित विभागों के साथ बैठक करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।

जैविक राज्य बनाने के लिए प्रभावी कार्ययोजना को धरातल पर उतारना होगा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को “जैविक राज्य“ के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रभावी पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मालसी, देहरादून स्थित एक होटल में उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद द्वारा आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को जैविक कृषि के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए “इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट“ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के सहयोग से “आर्गेनिक कार्यशाला“ का आयोजन निश्चित रूप से समृद्ध उत्तराखण्ड निर्माण की संकल्पना को सार्थक करने का एक उत्कृष्ट माध्यम बनेगा। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को “जैविक राज्य“ के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रभावी पहल की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत का किसान वर्ग तेजी से प्रगति कर रहा है। केंद्र सरकार अनेक लाभकारी योजनाओं से देश के किसानों को समृद्ध बनाने का काम कर रही है। प्रदेश में जैविक कृषि के साथ-साथ प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना “प्राकृतिक कृषि“ को भी वृहद स्तर पर संचालित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें प्रथम चरण में इसी वर्ष से 6400 हेक्टेयर क्षेत्र में “प्राकृतिक कृषि“ की कार्ययोजना को स्वीकृत किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। इसी का परिणाम है कि पिछले वर्षों में प्रदेश ने जैविक कृषि के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है। उत्तराखण्ड के 34 प्रतिशत भाग में जैविक कृषि की जा रही है, इसे बढ़ाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश के समस्त 11 पर्वतीय जनपदों को पूर्ण जैविक जनपदों में परिवर्तित करने के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमने 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में जैविक खेती को तेजी से बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। विषय विशेषज्ञों द्वारा फील्ड भ्रमण कर राज्य में हो रहे जैविक खेती के तरीकों का जायजा लिया जायेगा। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए और क्या प्रयास हो सकते हैं, इसके बारे में भी कार्यशाला में व्यापक स्तर पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जैविक खेती के प्रति लोगों का रूझान बढ़ रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने यूरोप भ्रमण के दौरान जैविक खेती के तौर तरीकों को देखा। राज्य में इसे तेजी से बढ़ावा देने के लिए के साथ एमओयू किया गया है।
इस अवसर पर सचिव कृषि बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, निदेशक राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती डॉ. गगन शर्मा, गबौर फिगैक्सकी, सीनियर मैनेजर पैट्रीसिया फ्लोरेस, कृषि निदेशक गौरी शंकर एवं कृषि विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

बाल युवा समागम को सीएम ने किया संबोधित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय से उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आयोजित ‘द्वितीय बाल-युवा समागम’ कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिरुचि के विकास के लिए यूसर्क द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के छात्र-छात्राओं को वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्रों में एक उत्कृष्ट मंच प्रदान किया जा रहा है, जिससे राज्य के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का मौका मिल रहा है। विद्यार्थियों को विज्ञान प्रदर्शनियों तथा स्किल डेवलपमेंट जैसे कार्यक्रमों से जोड़ कर उनके सर्वांगीण विकास को पूर्णता प्रदान करने के प्रयासों को भी मुख्यमंत्री ने सराहनीय पहल बताया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से ये प्रयास, राज्य सरकार के ’’आत्मनिर्भर युवा- आत्मनिर्भर भारत’’ के संकल्प को पूर्ण करने में भी सहायक सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में संपूर्ण विश्व भारत की युवा शक्ति के सामर्थ्य से लाभान्वित होना चाहता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश को मिली राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने हमारे युवाओं के लिए विशेष अवसरों का सृजन किया है। नई शिक्षा नीति हमारे युवा वर्ग के विकास के लिए नए अवसरों का सृजन कर रही है। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जिसने नई शिक्षा नीति को प्रभावकारी ढंग से लागू करने का कार्य किया है। राज्य सरकार राज्य के विद्यार्थियों की अभिरुचि के अनुरूप हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए विस्तृत योजना पर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवा विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर अपनी प्रतिभा के बल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं तथा खेल, वैज्ञानिक अनुसंधान, कला और संस्कृति के क्षेत्र में उत्तराखण्ड का गौरव बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस अवसर पर ’’स्टेम लैब’’ का उद्घाटन भी किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हमारे विद्यार्थियों को इस लैब के माध्यम से विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, यूसर्क निदेशक डा. अनिता रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी टिहरी ललित मोहन चमोला, प्राचार्य डायट श्री देवेन्द्र सिंह भण्डारी, कार्यक्रम समन्वयक एवं संचालक डॉ. ओमप्रकाश नौटियाल उपस्थित थे।

शहीदों के सपनों का राज्य बनाना ही मेरा लक्ष्य-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को गढ़ी कैंट स्थित शहीद दुर्गामल्ल पार्क में आजाद हिंद फौज के शहीद मेजर दुर्गामल्ल की मूर्ति पर श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांललि दी। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के समय शहीद दुर्गामल्ल के नाम पर डाक टिकट जारी किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद दुर्गामल्ल के नाम पर डाक टिकट जारी किया जाना सम्मान की बात है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद दुर्गामल्ल द्वारा देश की आजादी के लिए दिया गया महत्वपूर्ण योगदान हमारी स्मृति में हमेशा रहेगा। हमारी आने वाली पीढ़ी हमारे ऐसे महाननायकों के बारे में जान सके, इसके लिए आजादी के अमृत महोत्सव में ऐसे महानायकों की याद में देश में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। भारत की आजादी के लिए हमारे अनेक स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। हमारे अमर सेनानियों का बलिदान हमें सदैव प्रेरणा देने का कार्य करेगा। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री श्री गणेश जोशी भी उपस्थित थे।

बैठक कर व्यापारियों ने दिया अनिल गोयल को समर्थन

त्रिवेणी घाट स्थित एक होटल में जिला उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष नरेश अग्रवाल और नगर अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र द्वारा आगामी प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रनितिनिधिमंडल उत्तराखंड के अध्यक्ष पद के होने वाले चुनाव के प्रत्याशी अनिल गोयल के समर्थन में एक बैठक आयोजित की। बैठक में सैंकड़ों की संख्या में व्यापारियों ने शिरकत की।
बैठक में एक स्वर में सांगठनिक जिला ऋषिकेश और नगर ऋषिकेश के समस्त व्यापारियों ने अनिल गोयल को समर्थन देते हुए कहा कि अनिल गोयल सदा से ही व्यापारियों के हित में कार्य करते रहें है चाहे व्यापारियों के हितों के लिये सड़कों पर आंदोलन हो या शासन स्तर पर व्यापारियों के लिये कोई वार्ता हो, वे सदा से ही व्यापारी हित की रक्षा करते रहें है। आज संगठन को अनिल गोयल को जैसे नेतृत्व की आवश्यकत है। आज सब एक स्वर में यह प्रण करते है कि अनिल गोयल को सिर्फ समर्थन ही नही अपना तन मन धन अनिल गोयल के लिये अर्पण करेंगे।
इस अवसर पर सचिन अग्रवाल, कैलाश केसवानी, सुभाष कोहली, विपिन नागलिया, सौरभ भूषण, संजीव नायर, दिनेश डोभाल, श्रवण जैन, पवन शर्मा, अंशु डंग, जितेन्द्र अग्रवाल, आशु अरोरा, अश्वनी गुप्ता, राजकुमार तलवार, धनराज रावत, सुनील गुप्ता, शिवम अग्रवाल, पंकज चावला, अनुज जैन, संदीप खुराना, प्रदीप गुप्ता, गोपाल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, लेखराज भंडारी आदि उपस्थित रहे।

पर्वतीय क्षेत्रों के उत्पादों की मार्केटिंग कर बाजार उपलब्ध कराने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के साथ बैठक आयोजित की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग हमारी ताकत है। पर्वतीय क्षेत्रों में होने वाला उत्पाद बाजार की कमी, मौसम और यातायात बाधित होने के कारण खराब हो जाता है। यह उत्पाद ऐसे ही बर्बाद न हो इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में ही फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां विकसित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने के बाद बाजार की चिंता न रहे। इसमें प्राईवेट सेक्टर को बढ़ावा दिया जाए। जो फूड प्रोसेसिंग यूनिट पहले से चल रहे हैं उन्हें और मजबूती प्रदान करने हेतु कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार भी सृजित होगा। उन्होंने सचिव उद्यान को क्लस्टर आधारित पॉलीहाउस पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस योजना बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए बीज, सैपलिंग और रॉ मटीरियल आदि की पूर्व में ही व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी योजना के लिए व्यावहारिक दृष्टि से आ रही समस्याओं को जाने बिना और उसके निराकरण के बिना किसी भी योजना का सफल होना असम्भव है। उन्होंने कहा कि उत्पाद को बढ़ावा देने से पहले उसके बाजार की व्यवस्था और किसानों और अन्य हितधारकों को विश्वास में लेना आवश्यक है। किसानों और अन्य हितधारकों से लगातार संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को समझ कर उनका निराकरण किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कार्ययोजना और उसकी टाईमलाइन पूर्व में ही निर्धारित किए जाने की बात कही।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, बी.वी.आर.सी. पुरषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डे, अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा एवं निदेशक उद्यान एच.एस. बवेजा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

ढाक गांव, चमोली में मॉडल प्री फैब शेल्टर निर्माण हेतु भूमि का चयन

सचिव आपदा प्रबन्धन डा0 रंजीत कुमार सिन्हा ने सोमवार को मीडिया सेन्टर, सचिवालय में जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत व बचाव तथा स्थायीध्अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.45 करोड़ रूपये की धनराशि 261 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है। उद्यान विभाग, एचडीआरआई, जोशीमठ के पास स्थित भूमि पर केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रूड़की के सहयोग से वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफ्रेब्रिकेटेड शेल्टर का निर्माण कार्य आरम्भ हो चुका है। ढाक गांव, चमोली में वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफ्रेब्रिकेटेड शेल्टर निर्माण हेतु भूमि चयन होने के बाद भूमि समतलीकरण, बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्था हेतु कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। आवश्यकता पड़ने पर भराणीसैंण विधानसभा के हॉस्टलों में विस्थापितों के रहने की व्यवस्था का विकल्प खुला रखा गया है।
सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी है कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 06 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 180 एलपीएम हो गया है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 656 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2940 लोगों की है तथा पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है। अभी तक 863 भवनों में दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होंने जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 278 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 933 है।

सफलता के लिए संयमए नियम और अनुशासित जीवन जरूरी

श्री भरत मन्दिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल ने शिरकत की और छात्रों से संवाद किया। इस अवसर पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने पेंटिंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कार भी प्रदान किये।

शनिवार को विद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल ने माँ शारदा के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इसके बाद विद्यालय की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि सफलता के लिए संयमए नियम और अनुशासित जीवन जरूरी है।

डॉ अग्रवाल ने छात्रों को उत्तराखण्ड एवं देश का भविष्य निर्माता बताते हुए उन्हें परीक्षा की तैयारियों के लिये ज्ञानवर्धक सलाह देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। उन्होंने कहा कि छात्रों के साथ इस आयोजन में शामिल होकर वे स्वयं को और अधिक ऊर्जा से भरा हुआ अनुभव कर रहे हैं। बच्चों की परीक्षाएं आने वाली हैं और उनके साथ इस विषय पर संवाद करना भी एक सुखद अनुभव है। इससे उन्हें अपने स्कूल के दिनों का भी स्मरण करने का अवसर मिला है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि उनके एक शिक्षक ने बचपन में उन्हें विद्यार्थी के पांच मुख्य गुणों के बारे में एक श्लोक के माध्यम से बताया था कि उसमें कौवे की तरह जानने की चेष्टाए बगुले की तरह ध्यान लगाने की क्षमताए श्वान निद्रा और अल्पाहारी और गृहत्यागी गुण पांच गुण होने चाहिये।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि परीक्षाओं में थोड़ा तनाव होना स्वाभाविक बात हैए परन्तु जब यह तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है तो न केवल परीक्षा के परिणाम में इसका विपरीत असर पड़ता है बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।

उन्होंने कहा कि आप लोग डा कलाम या हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक महान लोगों की जब जीवनी पढ़ेंगे तब पाएंगे कि उनमें एक बात समान है और वो है सकारात्मक सोच। जब मेहनत के साथ सकारात्मक सोच का मिश्रण हो जाता है तो व्यक्ति को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि परीक्षा की तैयारियों से संबंधित प्रधानमंत्री जी ने भी एक किताब लिखी हैए इसका नाम है श्एग्जाम वॉरियर्सश् यह किताब अत्यंत ही रूचिपूर्ण और ज्ञानवर्धक है।

इस मौके पर मंत्री डॉ अग्रवाल ने सभी छात्रों को आने वाली परीक्षाओं की सफलता के लिये शुभकामना दी।

इस मौके पर श्री भरत मन्दिर ट्रस्ट के प्रबंधक हर्षवर्धन शर्माए महंत वत्सल प्रपन्नाचार्यए जिला उपाध्यक्ष भाजपा दिनेश सतीए मंडल अध्यक्ष सुमित पवारए विद्यालय अभिभावक संघ के अध्यक्ष रामकृपाल गौतमए जिला शिक्षा अधिकारी सुदर्शन सिंह बिष्टए खंड शिक्षा अधिकारी सुमन अग्रवालए प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावतए जिला कार्यालय प्रभारी देवदत्त शर्माए पार्षद शिव कुमार गौतमए युवा मोर्चा के अध्यक्ष नितिन सक्सेनाए विजय जुगलानए मनीष भट्टए सुनील थपलियाल आदि उपस्थित रहे।