वन कर्मियों की कमी केंद्र और राज्य सरकार को देना है जवाब

उत्तराखंड में वनों को बचाने के लिए वन विभाग के पास जरुरी उपकरणों की कमी है। साथ ही एक तिहाई फील्ड कर्मचारियों कमी है। वन विभाग की मुताबिक, राज्य के वन 95 हजार करोड़ की पर्यावरणीय सेवा प्रदान कर रहे हैं। यहां गंगा-यमुना का कैचमेंट भी है, लेकिन वनों का प्रबंधन व सुरक्षा की बेहद खराब हालत है। फील्ड स्टाफ की कमी की वजह से एक फॉरेस्ट गार्ड सैकड़ों वर्ग किमी वनों की सुरक्षा में तैनात हैं। इस वजह से कर्मचारी श्रम कानूनों के अनुसार नियमित आठ घंटे के अतिरिक्त 24 घंटे ड्यूटी देने को मजबूर हैं। हाईकोर्ट ने वन विभाग की इन तमाम दुश्वारियों के मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र और उत्तराखंड सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव रहे संदीप तिवारी ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वन विभाग के पास वनों को बचाने के लिए जरूरी उपकरण जैसे आग बुझाने के उपकरण, बंदूक, कर्मचारियों की फायर वर्दी, सेटेलाइट मोबाइल आदि का अभाव है। उत्तराखंड में हर साल आगजनी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। वन कर्मचारियों के पास अत्याधुनिक संचार सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। वहीं, जंगली जानवरों का अवैध शिकार किया जा रहा है। अवैध तरीके से वन एवं खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है। वन कर्मचारी पैदल गश्त करते हैं। वन चैकियों या चेक पोस्ट में धर्मकांटा और सीसीटीवी का भी अभाव हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र या बुग्यालों में गश्त के लिए जरूरी उपकरण भी वन कर्मचारियों के पास नहीं हैं। आरोप लगाया कि दुर्लभ वन्यजीवों के अंगों की तस्करी हो रही है। उन्होंने याचिका में पुलिस आधुनिकीकरण की तर्ज पर वन विभाग को बजट मुहैया कराने, रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने, उपकरण उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देशित करने की गुहार लगाई गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

गलोबल वार्मिंग से बचना है तो अधिक से अधिक पेड़ लगाएंः रमेश भटट

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने भीमताल के ऐतिहासिक हरेला पर्व में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज हरेला पर्व के रुप में हमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे गये हैं जिसे हम सब को मिलकर आगे बढ़ाना है। उन्होंने हरेला पर्व से जुड़ी अपने बचपन की यादें भी ताजा की। बतातें चले कि मीडिया सलाहकार रमेश भटट भी भीमताल के ही रहने वाले है।
भीमताल के हरेला पर्व में पहंुचने पर स्थानीय लोगों और आयोजकों ने मीडिया सलाहकार रमेश भटटक ा जोरदार स्वागत किया। स्थानीय लोगों का मानना है कि रमेश भटट को मुख्यमंत्री का मीडिया सलाहकार बनाने से भीमताल को एक नई पहचान मिली है। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहंुचे रमेश भटट ने सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। हमारे संवाददाता से बातचीत में उन्होंने कहा कि अपने लोगों के बीच पहंुचना और उनसे बातें करने से ऊर्जा का संचार होता है। भीमताल उनका घर है वह हर किसी को पहचानते है। कार्यक्रम में उन्होंने हरेला पर्व की सभी को शुभकामनायें दी। कहा कि आज हमारी संस्कृति को नई पहचान मिली है। हरेला पर्व आज कई प्रदेशों में मनाया जाने लगा है। उत्तराखंड ने पूरे विश्व को सिखाया है कि पर्यावरण की सुरक्षा कैसे की जाती है।

मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हरेला पर्व के माध्यम से विलुप्त हो रही नदियां और सूख रहे प्राकृतिक स्रोतों को फिर से पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री का मानना है कि नदियों के किनारे और सूख रहे प्राकृतिक स्रोतों को वृहद पौधरोपण कर फिर से जीवित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री के इस अभियान को व्यापक समर्थन मिल रहा है। रमेश भटट ने सभी से अधिक से अधिक पौधें लगाकर उनका सवंर्धन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा व वातावरण मिल सके इसके लिए सबको वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि हरेला सुख-समृद्धि व जागरूकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को अच्छा पर्यावरण मिले मिले इसके लिए हमें संकल्प लेना होगा।

मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने कहा कि आज पूरा विश्व गलोबल वार्मिग की समस्या से जूझ रहा है। ऐसे में सभी की नजर वन आच्छादित उत्तराखंड में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधता वाला राज्य है। भारत की कुल जैव विविधता में 28 प्रतिशत योगदान उत्तराखण्ड का है। ईकोलॉजी को बचाने की उत्तराखण्ड पर बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों की याद व बच्चों के जन्म व शादी पर वृक्षारोपण करने की पंरपरा को बनाये रखना होगा।

हरेला पर्व पर प्रदेश भर में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है। इस बार हरेला पर्व पर 6.25 लाख पौधे लगाये जा रहे हैं। कार्यक्रम में उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी और अधिक से अधिक लाभ उठाने को कहा। मीडिया सलाहकार रमेश भटट ने हरेला पर्व पर लगाई गई पांरपरिक स्टाॅलों का निरीक्षण भी किया। मौके पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओं में अव्वल आने पर उन्होंने कई बच्चों और छात्रों को सम्मानित भी किया।

पहाड़ी फलों की मांग अब मैदानी क्षेत्रों में भी हो रही

उत्तराखंड के पहाड़ी फलों की मांग अब मैदानी क्षेत्रों में भी हो रही है। नैनीताल और अल्मोड़ा क्षेत्र में विकसित की गई फल पट्टी से आडू, खुमानी, पुलम, काफल और लीची लोगों को काफी पंसद आ रही है। इस बार पहाड़ी फलों की पैदावार अच्छी होने से किसानों के चेहरे खिले हुए थे। लेकिन ओलावृष्टि और बरसात ने इन फलों को काफी नुकसान पहुंचाया। वहीं किसानों का कहना है कि मैदानी क्षेत्रों से आ रही मांग से पहाड़ी फलों के मूल्य में बढ़ोत्तरी हुई है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है।

यह भी पढ़े …
भारतीय सेना के अंग बने 382 युवा अधिकारी

पहाड़ी फलों के मैदानी क्षेत्रों में बेहतर दाम मिलने से किसान उत्साहित है। लेकिन पैदावार कम होने से निराश भी। पहाड़ी फल और सब्जी की मांग इतनी ज्यादा है कि हल्द्वानी मण्डी में रोजाना 2 करोड रुपए के पहाड़ी फल और सब्जी पहुंच रही हैं। फल और सब्जी के आढ़ती और एसोसिएशन के अध्यक्ष जीवन सिंह कार्की का कहना है कि गर्मी में पहाड़ी फलों की डिमांड मैदानी इलाकों में बढ़ने से मुनाफा बढ़ गया है। लेकिन ओलावृष्टि और अंधड से फलों के उत्पादन में कमी होने से किसानों को निराशा भी हाथ लगी है।

यह भी पढ़े …
श्रद्धांजलि देते समय भावुक हुए साथी, बताया अपना गुरु
राजकीय सम्मान के साथ “श्रीमन” को अंतिम विदाई

राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाकर 2100 की: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हल्द्वानी में मेडिकल काॅलेज प्रांगण में रू.197 करोड़ 50 लाख की लागत की 42 विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। इसमें रू.148 करोड़ 65 लाख की 22 योजनाओं का शिलान्यास तथा 48 करोड़ 85 लाख की 20 योजनाओं का लोकार्पण सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों तक विकास की किरणें पहुॅचे, इसके लिए प्रदेश सरकार पूरी दृढ़ शक्ति के साथ प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि करोड़ों की लागत के विकास कार्य प्रदेश के सभी जनपदों में गतिमान हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ ही जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुॅचाना सरकार की प्राथमिकताओं में है। प्रदेश के हर गरीब व आम व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिले, इसके लिए प्रदेश में अटल आयुष्मान योजना संचालित की गई है, जिसके तहत प्रदेश में शतप्रतिशत लोगों के गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर गतिमान है। इस योजना के तहत रू.5 लाख तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाएं हैं। दो वर्ष पहले जहां महज 1034 चिकित्सक ही सरकारी अस्पतालों में कार्यरत थें, जो आज उनकी संख्या बढ़कर 2100 हो गयी है। मेडिकल काॅलेज के छात्र-छात्राओं से कहा कि मानवीय सेवा महान गुण है। मेडिकल छात्र पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुॅचाने में सरकार के मिशन में सच्ची भावना से शामिल हों। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य हमारे प्रदेश की दो महत्वपूर्ण चुनौतियाॅ हैं। तकनीकि के जरिये आम आदमी की मुश्किलों को आसान करने के लिए राज्य के 43 अस्पतालों में आॅन लाईन रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। टेली रेडियोलोजी के माध्यम से सुदूरवर्ती 35 मेडिकल सेन्टरों में एक्स-रे, सीटी स्कैन तथा मैमोग्राफी की सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के तहत बालिकाओं को जन्म देने वाली माताओं को वैष्णवी किट प्रदान की जा रही है। स्पर्श योजना के तहत बहुत ही कम मूल्य पर बालिकाओं को सैनेट्री नैपकिन उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्होंने कहा कि नैनीताल जिले में वर्ष 2007 में निर्मित मालधनचैड़ राजकीय चिकित्सालय में पद सृजित करते हुए चिकित्सकों की तैनाती कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सत्र से राजकीय मेडिकल काॅलेज अल्मोड़ा विधिवत रूप से अपना कार्य प्रारंभ कर देगा, कुमाऊॅ मण्डल के पर्वतीय क्षेत्र के इस मेडिकल काॅलेज के लिए बजट की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राजकीय मेडिकल काॅलेज हल्द्वानी में एमबीबीएस की सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 कर दी गई है।
इस अवसर पर सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा लागू की गयी योजनाओं को लेकर जनमानस में काफी उत्साह है। योजनाओं का लाभ गरीब लोगों के साथ ही आम जनमानस को मिल रहा है। विकास हमारी परम्परा एवं संस्कृति है। इस उद्देश्य को लेकर सरकार हर पल विकास के कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए पूरी तत्परता से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत, विधायक बंशीधर भगत, नवीन दुम्का, संजीव आर्य, महेश नेगी, राम सिंह कैडा, मेयर डाॅ. जोगेन्द्र पाल सिंह रौतेला, ब्लाॅक प्रमुख आनन्द सिंह दरम्वाल, अध्यक्ष मण्डी समिति गजराज सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट आदि मौजूद थे।

नये जजों ने शपथ लेकर संभाला पदभार

हाईकोर्ट नैनीताल में तीन नये जजों के शपथ ग्रहण करने के बाद अब जजों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है। इन तीनों जजों में न्यायधीश नारायण सिंह धानिक, रमेश चंद्र खुल्बे, रवींद्र मैठाणी रहे। तीनों ही जजों को मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन ने शपथ दिलाई।

मुख्य न्यायाधीश कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन ने जस्टिस धानिक, जस्टिस खुल्बे व जस्टिस मैठाणी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इससे पहले रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत द्वारा राष्ट्रपति की ओर से संविधान के अनुच्छेद-217(ए) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने संबंधी तथा विधि एवं न्याय मंत्रालय की नैनीताल हाई कार्ट का जज नियुक्त होने की अधिसूचना का वाचन किया।

न्यायधीश सुधांशु धूलिया, न्यायधीश आलोक सिंह, न्यायधीश लोकपाल सिंह, न्यायधीश शरद कुमार शर्मा, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, अपर महाधिवक्ता मोहन चंद्र पाण्डे, जीए गजेंद्र सिंह संधू, असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल राकेश थपलियाल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश पीसी पंत, पूर्व जस्टिस बीसी कांडपाल, पूर्व जस्टिस यूसी ध्यानी, पूर्व जस्टिस बीएस वर्मा, पूर्व जस्टिस जेसीएस रावत, पूर्व जस्टिस इरशाद हुसैन, प्रमुख सचिव न्याय आलोक कुमार वर्मा, जिला जज नरेंद्र दत्त, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव प्रशांत जोशी, आइजी पूरन सिंह रावत, डीएम विनोद कुमार सुमन, एसएसपी जन्मेजय खंडूरी, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार अनुज संगल, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष ललित बेलवाल, सचिव नरेंद्र बाली, पूर्व अध्यक्ष डीके शर्मा, नदीम मून, बीसीआई सदस्य विजय भट्ट, पूर्व सांसद डॉ महेंद्र पाल, वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत, बीसी पाण्डे, ललित शर्मा, संजय भट्ट, चंद्रशेखर जोशी, भुवनेश जोशी, समेत तमाम अधिवक्ता, न्यायिक, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

दो या तीन लाख रूपये कम पड़ने पर विकास कार्य न रूकेः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नैनीताल के राज्य अतिथि गृह में विकास कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य में विकास कार्याें के लिये कुशल अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के अनुभवों और तालमेल की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को विकास कार्याें को मूर्तरूप देने से पूर्व विधायकों और सांसदो से राय लेने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है। धन आंवटन के बाद भी खर्चे की कम गति यह दर्शाती है कि हमारे अधिकारी पूरी तत्परता के साथ कार्य नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि अधिकारी नई कार्य संस्कृति अपने अनुभवो का समावेश करते हुये तत्परता के साथ विकास कार्यो को निर्धारित समयसीमा मे पूरा करें, विलम्ब से जहां सम्बन्धित परियोजना की लागत बढ़ती है वहीं जनता में भी सकारात्मक संदेश नहीं जाता है। उन्होंने कहा कि रामनगर स्थित रामदत्त जोशी संयुक्त चिकित्साल का संचालन आधुनिक उपकरणों एवं चिकित्सको के साथ किये जाने के लिए सरकार इस महत्वपूर्ण एवं उपयोगी चिकित्सालय को पीपीपी मोड में देने जा रही है। इससे स्वास्थ सेवाओं मे बेहतर सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि बड़े प्रोजेक्टों मे यदि छोटीमोटी कोई धनराशि की आवश्यकता हो तो वह स्थानीय विधायक से सम्पर्क कर विधायक निधि से वांछित सहयोग ले सकते है। उन्होने कहा कि मात्र दो तीन लाख की धनराशि कम पड़ जाने से किसी भी मेगा प्रोजेक्ट यथा सड़क, बिजली, पानी के प्रोजेक्टों को रोकना जनहित में उचित नहीं होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुसार प्रदेश के किसानों की 2022 तक आय दोगुनी की जानी है, इसके लिए कृषि, उद्यान, पशुपालन, दुग्ध विकास, सहकारिता विभाग सभी आपसी तालमेल से नई कार्य संस्कृति के अनुरूप किसानों से दोतरफा संवाद करें, उनकी समस्याओ को सुनें और उनकी समस्याओ का समाधान करें। इसके साथ ही रियायती दरो पर जो भी कृषि निवेश सरकार द्वारा दिये जा रहे है उनकी आपूर्ति किसानो तक अवश्य करें।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नगर निगम एवं नगर पालिका क्षेत्रों का विस्तार करने से कई ग्रामीण इलाके उसमे शामिल हो गये हैं। ग्रामीण इलाको मे बहुत सी नई सडकें बन चुकी है लोगो ंकी मांग है कि इन सड़को पर ग्रामीण लोगों की सुविधा के लिए छोटे वाहनों, टैक्सीयों आदि को भी परमिट दिये जांए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके संज्ञान मे आया है कि भीमताल औद्योगिक आस्थान में बहुत से उद्यमियो ने भूखण्ड आंवटित कराये जिस पर उद्योग न लगाकर उसका उपयोग व्यक्तिगत कार्यो एवं होटल आदि व्यवसायों मे किया जा रहा है। इस बात पर नाराज मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन से कहा कि वह एक सप्ताह मे इसकी जांच कर अपनी रिर्पोट सरकार को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई माह से पूर्ण रूप से पालीथीन की बिक्री एवं प्रयोग को पूर्णतया प्रतिबन्धित कर दिया गया है। लिहाजा समय-समय पर विशेष अभियान संचालित कराकर पालीथीन की धरपकड़ की जाए तथा इसका प्रयोग करने वाले व्यवासायियों को सुसंगत धाराओं मे दंडित भी किया जाए।

इस मौके पर शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने अधिकारियो से कहा कि सरकार समय से बजट अवमुक्त कर रही है ऐसे में अधिकारियों को चाहिए कि प्राप्त होने वाले बजट का शतप्रतिशत उपयोग करें तथा जो योजनाये पूर्ण हो चुकी है, उनके लोकापर्ण एवं नई योजनाओं के शिलान्यास जिलाधिकारी से कराये।

उत्तराखंड के मुख्य न्यायाधीश होंगे आंध्र प्रदेश एचसी के वरिष्ठ न्यायधीश रमेश रंगनाथन

उत्तराखंड के नैनीताल स्थित हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के वरिष्ठ न्यायधीश रमेश रंगनाथन होंगे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से नियुक्ति के बादकेंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। वहीं उत्तराखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति विजय कुमार सिंह बिष्ट सिक्किम हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश होंगे।

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केएम जोसफ के सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त होने के बाद मुख्य न्यायाधीश का पद रिक्त चल रहा था और वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम की बैठक में आंध्र प्रदेश-तेलंगाना के वरिष्ठ न्यायाधीश रमेश रंगराथन को उत्तराखंड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश व उत्तराखंड हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट को सिक्किम हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई थी।

कोलेजियम की सिफारिश स्वीकार करने के बाद केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेज दिया था। राष्ट्रपति ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए जस्टिस रंगनाथन की नियुक्ति उत्तराखंड मुख्य न्यायाधीश के रूप में कर दी है। बुधवार को केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजेंद्र कश्यप की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई, जो उत्तराखंड हाई कोर्ट पहुंच गई है, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद-217 के तहत प्राप्त शक्ति का उपयोग करते हुए जस्टिस रंगनाथन को उत्तराखंड हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश व नैनीताल हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट को सिक्किम हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है।

हाईकोर्ट के इस फैसले से सांसद आदर्श गांव में बसे पांच सौ परिवारों को खतरा

नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की खंड पीठ ने ऊधमसिंह नगर की ग्राम पंचायत सरपुड़ा के बग्गाचौवन में रिजर्व फॉरेस्ट से चार माह में अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किये है। न्यायालय के इस आदेश के बाद सांसद आदर्श गांव बग्गाचौवन में बसे करीब पांच सौ परिवारों पर बेदखली का खतरा पैदा हो गया है।

शुक्रवार को न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की खंडपीठ ने ऊधमसिंह नगर के खटीमा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत सरपुड़ा निवासी होशियार चंद की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में होशियार चंद ने कहा है कि उनकी ग्राम पंचायत में बग्गाचौवन को मिला दिया गया। सरपुड़ा ग्राम पंचायत की आबादी 2116 तथा मतदाता 1365 हैं। 50 फीसद आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सरपुड़ा के विकास कार्यों व जनसुविधाएं बग्गाचौवन के लोगों को दी जा रही हैं। जिससे उनकी ग्राम पंचायत का विकास थम गया है।

हाईकोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले की ग्राम पंचायत सरपुड़ा के बग्गाचौवन में रिजर्व फॉरेस्ट से चार माह में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के इस आदेश से सांसद आदर्श गांव बग्गाचौवन में बसे करीब पांच सौ परिवारों पर बेदखली का खतरा पैदा हो गया है। गांव को सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने सांसद आदर्श योजना के अंतर्गत गोद लिया है।

शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की खंडपीठ ने ऊधमसिंह नगर के खटीमा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत सरपुड़ा निवासी होशियार चंद की जनहित याचिका पर सुनवाई की। याचिका में होशियार चंद ने कहा है कि उनकी ग्राम पंचायत में बग्गाचौवन को मिला दिया गया। सरपुड़ा ग्राम पंचायत की आबादी 2116 तथा मतदाता 1365 हैं। 50 फीसद आबादी अनुसूचित जाति के लोगों की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत सरपुड़ा के विकास कार्यों व जनसुविधाएं बग्गाचौवन के लोगों को दी जा रही हैं। जिससे उनकी ग्राम पंचायत का विकास थम गया है।

याचिका में कहा गया है कि इस वजह से मूल ग्रामीण सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। सड़क, खड़ंजा, शौचालय, स्कूल, वृद्धावस्था, विधवा पेंशन, राशन कार्ड आदि के लिए बजट सरपुड़ा के लिए मंजूर होता है, जबकि विकास बग्गाचौवन का होता है, लिहाजा बग्गाचौवन को ग्राम पंचायत सरपुड़ा से अलग कर दिया जाए। यहां के पांच सौ परिवारों ने रिजर्व फॉरेस्ट की 517 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा किया हुआ है। यह राजस्व भूमि भी नहीं है। खंडपीठ ने चार माह के भीतर रिजर्व फॉरेस्ट से अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित किए।

राज्य सरकार के लेटलतीफी पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 23 अप्रैल तक निकायों के परिसीमन की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को देने के आदेश दिए है। अगली सुनवाई 24 अप्रैल की नियत की है।

इस मामले में सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ में हुई। निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता संजय भट्ट ने बताया कि कोर्ट ने परिसीमन, आरक्षण निर्धारण, मतदाता सूची आदि की मौजूदा स्थिति के अनुसार चुनाव कराने व बेवजह चुनाव न टालने को कहा है।

सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार चुनाव को पूरी तरह तैयार है। 12 मई को चुनाव कार्यक्रम आयोग को सौंप दिया जाएगा। इससे पहले परिसीमन, आरक्षण निर्धारण व अन्य कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

यहां बता दें कि राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी ना करने पर चुनाव आयोग द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिसमें कहा है कि तीन मई से पहले राज्य में निकाय कराना संवैधानिक बाध्यता है, इसलिये राज्य सरकार को निर्देश दिये जाएं कि चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए।

राज्य में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का अधिकार राज्य सरकार को है। राज्य सरकार ने चुनाव आयोग की इस याचिका का जवाब दाखिल किया था। हाईकोर्ट ने सरकार से 23 अप्रैल तक चुनाव को लेकर अंतिम रिपोर्ट भी दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

काठगोदाम में युवती ने किया दो महिला का यौन उत्पीड़न, सेक्स टॉय से बनाये संबंध

युवक ने युवतियों का यौन उत्पीड़न किया, यह आपने अक्सर सुना होगा। मगर, एक युवती पुरूष का वेष धर महिलाओं से शादी कर उनका यौन शोषण करे। यह शायद ही आपने सुना हो। ताजा मामला उत्तराखंड के काठगोदाम का है, जहां एक युवती ने पुरुष बनकर दो महिलाओं से शादी रचा ली। दोनों महिलाओं के साथ तीन साल तक मियां-बीवी की तरह रही। हैरानी की बात यह है कि इन दोनों महिलाओं को भनक तक नहीं लगी कि उनके साथ पति के रूप में कोई महिला रह रही है। आखिर सच सामने आ ही जाता है, पुरुष बनी महिला का भंडाफोड़ हो गया।

जानकारी के मुताबिक, यूपी के बिजनौर के धामपुर की रहने वाली स्वीटी ऊर्फ कृष्णा सेन ने साल 2013 में फेसबुक के जरिए एक लड़की से दोस्ती कर ली। कुछ दिनों बाद काठगोदाम की रहने वाली उस लड़की को प्रेम जाल में फांसकर उसने शादी कर ली। दोनों हल्द्वानी में किराये के एक मकान में रहने लगे, लेकिन शादी के बाद से ही दोनों के बीच झगड़ा होने लगा।

पहली शादी के करीब तीन साल बाद कृष्णा सेन ने एक दूसरी लड़की से शादी कर ली। दोनों बीवीओं को एक ही घर में साथ रखने लगा। इसके कुछ दिन बाद पहली पत्नी ने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाकर केस दर्ज करा दिया। पुलिस ने तलाशी के बाद आरोपी पति को हिरासत में लिया। जेल में पूछताछ के दौरान जो राज खुला, सभी भौंचक्के रह गए।

आरोप कृष्णा सेन ने पुलिस को बताया कि वह महिला है। ऐसे में वह किसी महिला से ही कैसे शादी कर सकता है। इसके बाद पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच कराई, तो इस बात की पुष्टि हो गई कि वह महिला ही है, लेकिन पुलिस भी इस बात से हैरान थी कि तीन साल तक दो महिलाओं के साथ वह कैसे रही और किस तरह उनसे शारीरिक संबंध बनाए।

पुलिस पूछताछ में स्वीटी ऊर्फ कृष्णा सेन ने बताया कि उसने ऑनलाइन साइट से सेक्स टॉय मंगाए थे। रात को कमरे में अंधेरा करने के बाद सेक्स टॉयज के जरिए वह महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाती थी। वह कभी उनके सामने न तो कपड़े बदलती, न ही नहाने के बाद बिना कपड़े के बाहर आती थी। पुरुषों के सारे व्यवहार करती थी।

पुलिस ने बताया कि आरोपी स्वीटी ऊर्फ कृष्णा सेन के खिलाफ केस दर्ज करके जेल भेज दिया गया है। युवती ने जालसाली के साथ ही दोनों महिलाओं के साथ ठगी भी की है। उनका यौन उत्पीड़न किया है। यहां तक की उसने सारे दस्तावेज भी पुरुष के तौर पर फर्जी बनाए हुए हैं। इन दस्तावेजों को जब्त करके उसके खिलाफ जांच की जा रही है।