ड्राइवर भाई इस मुसीबत में ऐसा व्यवहार मत करो हमारे भाईयों के साथ!

पंजाब के भटिंडा से 18 प्रवासियों को लेकर पहंुची जीएमओयू बस के ड्राइवर ने उन्हें दुगड्डा में उतार दिया। इससे उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि बाद में पुलिस ने जीएमओयू की दूसरी बस की व्यवस्था की और कुछ प्रवासियों को पौखाल के लिए रवाना किए। जबकि कुछ टैक्सी बुक कर घरों के लिए रवाना हुए।
पौखाल क्षेत्र के मुंडगांव के युवाओं ने पुलिस को बताया कि लॉकडाउन के चलते वे भटिंडा में फंस गए थे। उन्होंने गांव आने के लिए प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर आवेदन किया था। उन्हें बीती 16 मई को भटिंडा से देहरादून लाया गया। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद शासन की ओर से उन्हें अगले दिन बसों से पौड़ी लाया गया। जहां फिर से स्वास्थ्य जांच के बाद दुगड्डा ब्लॉक के पौखाल क्षेत्र के 18 लोगों को जीएमओयू की बस से रवाना किया गया, लेकिन बस ड्राइवर उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने के बजाय दुगड्डा में ही छोड़कर चला गया।
कई मिन्नतें करने के बावजूद ड्राइवर ने उनकी नही सुनी। जिससे दुगड्डा जाने के लिए उन्हें काफी परेशानी हुई। उन्होंने बताया कि जिनके पास पैसे थे, वे टैक्सियां बुक कराकर अपने घर चले गए, लेकिन जिनके पास पैसे नहीं थे, उन्होंने किसी माध्यम से पुलिस को इसकी सूचना दिलवाई। दुगड्डा चैकी इंचार्ज ओमप्रकाश ने तत्काल मदद करते हुए दूसरी बस की व्यवस्था कर प्रवासियों के लिए व्यवस्था की।

लॉकडाउन में भी पीएम-किसान योजना के लिए आवेदन करे!

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि केन्द्र सरकार ने मार्च से जारी लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान योजना के तहत 9.13 करोड़ किसानों को कुल 18,253 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। पीएम किसान योजना के तहत सरकार पात्र किसानों को साल में तीन बराबर किस्त में 6,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजती है। लॉकडाउन की वजह से देश के गरीब किसानों की मुश्किलों को देखते हुए सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत चालू वित्त वर्ष की पहली किस्त को अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भेजने का फैसला किया था। अगर आप किसान हैं और इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि ऐसा करना बहुत ही आसान है।

पीएम-किसान योजना के लिए ऐसे करे रजिस्ट्रेशन-
सबसे पहले पीएम-किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करिए।
वेबसाइट पर आपको फारमर्स काॅनर्स पर अपने माउस के कर्सर को ले जाना है।
ड्रॉप डाउन लिस्ट में आपको सबसे ऊपर न्यू फारमर्स कारनर्स का विकल्प मिलेगा।
इसके बाद आपको आधार कार्ड का नंबर एवं कैप्चा डालकर आगे बढ़ना होगा।
इसके बाद खुले पेज पर आपको जरूरी जानकारी डालकर रजिस्ट्रेशन करना होगा।
आप इस वेबसाइट के जरिए ही अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। साथ ही लाभार्थियों की सूची भी देख सकते हैं।
बतातें चले कि सीतारमण ने एक ट्वीट कर जानकारी दी, लॉकडाउन के दौरान मार्च, 2020 से अब तक सरकार ने 9.13 करोड़ किसानों को पीएम-किसान के तहत 18,253 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। कुल 4,22,113 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लेने वाले करीब तीन करोड़ किसानों ने लोन पर तीन माह के मोराटोरियम के विकल्प का फायदा उठाया है।

अब स्पेशल ट्रेनों से लाये जा रहे प्रवासी उत्तराखंडीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज सुबह 4 बजे गुजरात के सूरत से काठगोदाम के लिए एक ट्रेन चलेगी। इसी तरह 12 मई को दूसरी ट्रेन सूरत से हरिद्वार के लिए चलेगी, इसका अभी समय तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने ट्रेनों के संचालन के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल का आभार जताया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काठगोदाम आने वाली ट्रेन में कुमाऊं मंडल के लोग आएंगे, जबकि 12 मई को सूरत से आने वाली ट्रेन में गढ़वाल मंडल के लोगों को लाया जाएगा। हरिद्वार आने वाली ट्रेन का समय जल्द निर्धारित हो जाएगा। अन्य राज्यों से लौट रहे प्रवासियों को लाने की सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश भाई पटेल, गोपाल गोस्वामी और राहुल शर्मा का धन्यवाद करना चाहता हूं। इन लोगों ने उत्तराखंड वासियों की लिए तमाम व्यवस्थाएं की हैं। फंसे हुए लोगों को खाना खिलाने का इंतजाम भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के जितने भी प्रवासी लौट रहे हैं, वह गांव में आकर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए तय मानकों का पालन करें। पंचायत प्रधान होम क्वारंटीन किए जाने वालों की पूरी निगरानी करेंगे। उन्होंने जनता से अपील की है कि कोरोना रोकथाम के लिए सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। मास्क पहनें और नियमित हाथ धोयें, इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।

हरिद्वार में तैयारी शुरु
दूर दराज के प्रदेशों से प्रवासी लोगों को ट्रेनों से लाने की प्रक्रिया शुरू हो गई। उनके लिए व्यवस्था जुटाने, स्वास्थ्य जांच करने, गंतव्य तक पहुंचाने, ठहरने आदि के लिए हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने समिति बनाकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। हालांकि अभी ट्रेन के संचालन का समय, तिथि निर्धारित नहीं है। सबसे अहम बात यह होगी कि संक्रमण के फैलने की संभावना को रोकने को पूरे इंतजाम करने होंगे।
जिलाधिकारी सी रविशंकर और एसएसपी सैंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने भी रेलवे स्टेशन परिसर का निरीक्षण किया और अधिकारियों से आवाजाही के बारे में चर्चा की। विभिन्न प्रदेशों में फंसे उत्तराखंड के प्रवासी लोग प्रथम चरण में ट्रेनों से अहमदाबाद, सूरत, से हरिद्वार पहुंचेंगे। इसमें प्रत्येक ट्रिप में करीब 1000 से 1200 लोगों के पहुंचने की संभावना है।

रेलवे पहुंचायेगा प्रवासी भारतीयों को उनके घर

लॉकडाउन में जगह-जगह फंसे लोगों के लिए राहत की खबर है। रेलवे ने देशभर के पंद्रह स्टेशनों के लिए कुछ स्टॉपेज के साथ चुनिंदा ट्रेनें चलाने की तैयारी कर ली है। 12 मई से ये ट्रेनें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चलेंगी। सभी ट्रेनें वातानुकुलित होंगी। सोमवार शाम 4 बजे से बुकिंग शुरू की जाएगी। यात्रा किराया राजधानी एक्सप्रेस के बराबर होगा। डायनेमिक फेयर भी लागू किया जा सकता है। हालांकि, यात्रियों को लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन नहीं होने से परेशान होना पड़ सकता है। इन 15 रूटों पर ट्रेन शुरू होने के बाद रेलवे कुछ और रूटों पर विशेष ट्रेन चलाएगा। गौरतलब है कि 25 मार्च से सभी यात्री ट्रेन सेवा बंद कर दी गई थीं। 
इन ट्रेनों के टिकट की बुकिंग स्टेशन काउंटर से नहीं होगी। आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही टिकट बुक हो सकेगा। सिर्फ आरक्षित टिकट वाले ही यात्रा कर सकेंगे। तत्काल कोटा नहीं होगा। किसी तरह की छूट भी नहीं मिलेगी। प्लेटफार्म पर वे ही प्रवेश कर पाएंगे जिनके पास कन्फर्म टिकट होगा। 
फेस मास्क पहने बगैर प्लेटफार्म पर यात्रियों को प्रवेश नहीं मिलेगा। थर्मल स्कैनर से चेकिंग के बाद ही यात्रा की इजाजत दी जाएगी। किसी तरह का लक्षण पाए जाने पर यात्रा नहीं कर पाएंगे।
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे रोज 300 ट्रेनें चलाकर प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने को तैयार है। गोयल ने ट्वीट किया, मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने लोगों को वापस लाने की अनुमति दें ताकि 3-4 दिन में उन्हें घर पहुंचाया जा सके। रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत योजना का निर्माण किया है। शुरुआत में कम संख्या में ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य और कोरोना संक्रमण की जांच भी की जाएगी।

दिल्ली से 15 शहरों के लिए चलेंगी ये ट्रेन
नई दिल्ली-डिब्रूगढ़
नई दिल्ली-अगरतला
नई दिल्ली- हावड़ा
नई दिल्ली-पटना
नई दिल्ली-बिलासपुर
नई दिल्ली-रांची
नई दिल्ली-भुवनेश्वर
नई दिल्ली-सिकंदराबाद
नई दिल्ली-बंगलुरू
नई दिल्ली-चेन्नई
नई दिल्ली-तिरुवनंतपुरम
नई दिल्ली-मडगांव
नई दिल्ली-मुंबई सेंट्रल
नई दिल्ली-अहमदाबाद
नई दिल्ली-जम्मू तवी 

एम्स का स्टाफ अब अधिग्रहित होटलों में ठहराया जायेगा

ऋषिकेश एम्स में भर्ती कोरोना पॉजिटिव महिला की मौत के बाद नगर निगम प्रशासन सहित जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। हालांकि महिला की मौत ब्रेन हैमरेज से हुई है। शुक्रवार सुबह आनन फानन में मेयर अनिता ममगाईं ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की और ताजा हालातों पर चर्चा की।
इस दौरान ऋषिकेश नगर निगम प्रशासन ने एम्स हॉस्पिटल के चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के रहने के लिए शहर के तमाम प्रमुख होटलों को अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है। तेजी से बदल रहे हालातों को देखते हुए शहर के होटलों को क्वारंटीन सेंटर बनाए जाने की कवायद तेज कर दी गई है। शुक्रवार को बैठक में ऋषिकेश के होटलों को क्वारंटीन सेंटर बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण परिस्थितियां रोज बदल रही हैं। माना जा रहा कि आने वाले कुछ दिन और चुनौती भरे हैं। इनसे निपटने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। लॉकडाउन के चलते पर्यटकों की आवाजाही रुकी हुई है। सभी होटल खाली हैं। प्रशासन अपनी तरफ से ज्यादा से ज्यादा क्वारंटीन सेंटर बनाकर उन्हें आरक्षित रखना चाहता है। निगम आज से ही इन होटल को सैनिटाइजेशन करने का कार्य शुरू कर देगा।
बैठक में नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वींरियाल, उपजिलाधिकारी प्रेमलाल, आईएएस अधिकारी अपूर्वा पांडेय, पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र रावत, तहसीलदार रेखा आर्य, कोतवाली प्रभारी रितेश शाह, मौजूद थे।

एम्स कर्मियों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य की जांच शुरू
टिहरी जिले में कोरोना संक्रमण के प्रवेश को रोकने के लिए सीआरटी (सिटी रिस्पांस टीम) ने एम्स कर्मियों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य की जांच शुरू कर दी है। सभी की थर्मल स्क्रीनिंग और सामान्य परीक्षण किए जा रहे हैं। इस दौरान सभी को होम क्वारंटीन रहने के विशेष निर्देश भी दिए गए। बीते दिनों सीआरटी की टीम ने ढालवाला, मुनिकीरेती और तपोवन क्षेत्र से एम्स में कार्य करने वाले 40 कर्मियों को चिह्नित किया था।
तहसीलदार मंजू राजपूत के नेतृत्व में सीआरटी ने इन एम्स कर्मियों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य की जांच शुरू की। स्वास्थ्य विभाग फकोट के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. जगदीश जोशी ने बताया कि निश्चित अंतराल पर लगातार इन सभी के स्वास्थ्य की पुनरू जांच की जाएगी। पालिका के अधिशासी अधिकारी और सीआरटी के नोडल अधिकारी बद्री प्रसाद भट्ट ने बताया कि होम क्वारंटीन के दौरान केवल एम्स में कार्यरत कर्मी ही घर से बाहर ड्यूटी के लिए आवाजाही कर सकेगा। इस मौके पर सीआरटी के प्रभारी रूपेश भट्ट, अनूप सकलानी, जाबिर अली, विकास सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

एम्स में भर्ती महिला की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स में भर्ती हल्द्वानी, नैनीताल निवासी 56 वर्षीय महिला की शुक्रवार तड़के ब्रेन हैमरेज के कारण मौत हो गई। हालांकि पांच दिन पहले कराई गई कोरोना वायसर जांच में महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। मगर एम्स प्रशासन ने ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से गंभीर रूप ग्रसित महिला की मौत की वजह ब्रेन ब्लीड बताई है। इस दौरान महिला की मौत के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया।
महिला की मौत को कोरोना की वजह से प्रदेश में पहली मौत की तरह प्रसारित किया जाने लगा। आखिरकार एम्स प्रशासन ने सामने आकर महिला की मौत का कारण स्पष्ट किया। शुक्रवार को यहां जारी मेडिकल बुलेटिन में एम्स प्रशासन ने हल्द्वानी, नैनीताल निवासी 56 वर्षीय महिला की मौत की पुष्टि की है। एम्स निदेशक प्रो. रविकांत ने बताया कि बीते माह 22 अप्रैल को ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी से ग्रसित इस महिला को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसका उपचार चल रहा था। महिला की 27 अप्रैल को कोरोना वायरस की जांच भी की गई थी, जिसमें वह पॉजिटिव पाई गई। उन्होंने बताया कि उक्त महिला की शुक्रवार सुबह मृत्यु हो गई है। निदेशक एम्स ने महिला की मौत की वजह ब्रेन ब्लिड की समस्या से होना बताया है। उन्होंने बताया कि उच्च रक्तचाप की वजह से इस महिला के ब्रेन के ऐसे हिस्से में जहां पर शरीर का सारा सिस्टम कंट्रोल होता है, वहां पर स्ट्रोक की वजह से ब्रेन ब्लिड की समस्या थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। उन्होंने बताया कि हालांकि महिला कोरोना पॉजिटिव थी, मगर उसे सबसे बड़ी समस्या अत्यधिक ब्लड प्रेशर के कारण ब्लिडिंग थी, साथ ही महिला को निमोनिया व यूरिन इंफेक्शन भी था, गंभीर बीमारियों और अधिक उम्र की वजह से शुक्रवार को उसकी मृत्यु हो गई।

एम्स से पहले नैनीताल और फिर बरेली में भर्ती रही थी महिला
एम्स ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि नैनीताल निवासी 56 वर्षीया महिला बीती 22 अप्रैल को एम्स में भर्ती हुई थी। जिसे ब्रेन स्ट्रोक की शिकायत थी। यह महिला नैनीताल में पहले बृजलाल अस्पताल फिर स्वामी विवेकानंद अस्पताल में भर्ती थी, जहां इसका स्ट्रोक का उपचार चल रहा था। वहां से महिला श्रीराम मूर्ति हॉस्पिटल बरेली रेफर किया गया था। श्रीराममूर्ति अस्पताल से महिला 22 को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया गया था।
उन्होंने बताया कि उक्त दोनों अस्पतालों से प्राप्त रिपोर्ट में महिला रोगी का कोरोना का टेस्ट भी हुआ था, लेकिन वहा महिला की रिपोर्ट निगेटिव आई थी। एम्स में भर्ती इस महिला को 27 अप्रैल को फीवर आया था, जिसके कारण इसका संस्थान में कोरोना का टेस्ट किया गया। जिसकी रिपोर्ट बीते मंगलवार पॉजिटिव आई थी।

प्राइमरी कांट्रेक्ट में आए सभी लोगों होंगे क्वारंटीन
एम्स में संकायाध्यक्ष (अस्पताल प्रशासन) प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाई गई महिला के प्राइमरी कांटेक्ट में आए लोगों की जांच चल रही है। स्वामी विवेकानंद अस्पताल नैनीताल व श्रीराममूर्ति अस्पताल बरेली में इस महिला के संपर्क में करीब 50 लोग आए थे। बताया कि इस बाबत महिला जिन अस्पतालों में भर्ती रही है, वहां भी इसकी जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान में इस महिला के प्राइमरी व सेकेंड्री कांटेक्ट में आए करीब 70 से 80 स्टाफ को क्वारंटीन किया गया है।

अन्य बीमारियों का भी किया जा रहा इलाज
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि एम्स संस्थान लगातार सभी तरह के गंभीर रोगियों के इलाज में जुटा हुआ है। चाहे मरीज कोरोना पॉजिटिव, कोरोना निगेटिव अथवा किसी भी अन्य तरह की बीमारी से ग्रसित हो। उन्होंने बताया कि संस्थान में सभी तरह के सुरक्षात्मक उपाय बरते जा रहे हैं। ऐसा नही है कि एम्स में कोरोना पॉजिटिव केस आ गए हैं तो अन्य बीमारियों का इलाज बंद कर दिया गया हो।

उत्तराखंड के 243 लोगों को लेकर पहुंची हरियाणा की बसें

बीते शनिवार की रात्रि उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से हरियाणा में कार्यरत 243 लोगों को ऋषिकेश लाया गया। यहां सभी को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज परिसर में ठहराकर थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इनमें पांच लोग ऋषिकेश के ही मिले। शेष 238 लोगों को 13 बसों से उनके घरों के लिए रवाना किया गया।

सहायक महाप्रबंधक पीके भारती ने बताया कि कुल 243 लोग यहां लाए गए हैं। इनमें हरिद्वार के सर्वाधिक 51ए देहरादून के 30ए चमोलीए बागेश्वर और पिथौरागढ़ के 13ए रूद्रप्रयाग और पौड़ी के 13ए अल्मोड़ा के 18ए ऊधमसिंह नगर के 37ए टिहरी और उत्तरकाशी के 44ए चंपावत के 19ए नैनीताल के 13 लोग शामिल हैए जबकि पांच लोग ऋषिकेश के ही रहने वाले है। बताया कि सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद सभी को परिवहन विभाग की 13 बसों से अलग.अलग जिलों के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि ये सभी लोग अलग.अलग जगहों पर क्वारंटीन किए गए थे। बावजूद इसके सुरक्षा की दृष्टि से सभी को घर पहुंचने पर होम क्वारंटीन की हिदायद दी गई है।

लाॅकडाउन के चलते घर पहुंचे प्रवासियों को मुख्यमंत्री ने लिखा पत्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोविड-19 के चलते अपनी जन्मभूमि पर लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों के स्वस्थ एवं सुखी जीवन की कामना की। उन्हें गढ़वाली भाषा में लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि प्रवासी भाइयों ने देश व विदेश में रहकर अपनी मेहनत से अपनी पहचान बनाई है। अब वह यही कार्य अपने घर गांव में भी कर सकते हैं, इससे उनका परिवार एवं हमारा प्रदेश भी आर्थिक रूप से खुशहाल होगा।
सर्वाधिक पलायन की मार झेल रहे पौड़ी जिले के प्रवासियों को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारे पूर्वजों ने पहाड़ों को काटकर खेत बनाए, उन खेतों को उपजाऊ बनाकर हमारा पालन-पोषण किया। आज यही खेती हमारी भागमभाग की जिंदगी के कारण बंजर पड़ी है। जबकि हमारे इन खेतों के उत्पादों की मांग देश व दुनिया में हो रही है। हमारे मंडुवा, झंगोरा, दाल, गहत, राई, जौ, तिल, शहद, गाय का घी और बुरांश के जूस की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनेक सुविधाएं दे रही है।

कार्य योजनाओं की दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम स्टे, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली, पर्यटन स्वरोजगार योजना, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, उद्यानीकरण, सब्जी उत्पादन, मसाला फसलों का उत्पादन, पुष्प उत्पादन हेतु प्रोत्साहित कर रही है। यही नहीं इन उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही इसके विपणन की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रवासी अपने घर में रहकर कार्य करना चाहते हैं तो राज्य सरकार उनकी पूर्ण रूप से मदद करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अपने गांव लौटे लोग अपना स्वयं का कार्य आरंभ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना मनचाहा कार्य करने के लिए वे अपने विकास खंड कार्यालय अथवा जिला मुख्यालय में स्थापित आजीविका सेल के फोन नंबर 01368-223084 या मोबाइल नंबर 9412028718 पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कुंभ क्षेत्र में गैस लाइन डालने को मिली हरी झंडी

राज्य सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गेल को गैस पाइप लाइन डालने का काम शुरू करने की हरी झंडी दे दी है। गेल को कुंभ क्षेत्र और अखाड़ों के अंदर तक गैस पाइप लाइन पहुंचानी है। विदित हो कि लॉकडाउन के चलते कुंभ के सभी काम रोक दिए गए थे। अब तक तो हरकी पैड़ी और व्यस्त बाजार क्षेत्र तक गैस पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो गया होता।
राज्य सरकार के अनुमति पत्र को जिलाधिकारी ने कार्य शुरू की परमिशन देने के लिए मेलाधिकारी कुंभ के पास भेज दिया है। मेन रोड पर आर्यनगर से शहर कोतवाली तक और निष्काम सेवा ट्रस्ट भूपतवाला से कांगड़ा मोड़ हरकी पैड़ी के पास तक गैस पाइप लाइन डाली जा चुकी है।

15 किलोमीटर की लाइन डलवानी है
रेलवे रोड से सप्तसरोवर तक और देश रक्षक से आईटीआई जगजीतपुर तक कुंभ एरिया में लगभग 15 किलोमीटर ट्रंक लाइन दो महीने के अंदर डालनी है। इस काम के लिए मई व जून का ही समय गेल के पास है। इसके बाद मानसून में काम नहीं होगा और मानसून समाप्त होने के तुरंत बाद खुदी सड़कों का पुनर्निर्माण व सुदृढ़ीकरण कार्य किया जाना है।
गेल के परियोजना प्रबंधक प्रंजय जोशी ने बताया कि उत्तरी हरिद्वार में भारतमाता मंदिर से रेलवे रोड तक लगभग आठ किमी और देश रक्षक चैक से आईटीआई जगजीतपुर तक एरिया में लगभग छह किमी मेन ट्रंक लाइन डालने का काम प्राथमिकता में है। राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है और सोमवार तक मेला प्रशासन से अनुमति मिलने की उम्मीद है। मंगलवार से काम शुरू हो जाएगा।

कपाट खोलने की तिथियां बदली, देश-दुनिया को राष्ट्रधर्म के अनुपालन का दिया संदेश

श्री बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तित की गई है। जिसका धर्माचार्यो और धर्म विशेषज्ञों ने स्वागत किया है। वहीं, केदारनाथ के कपाट खुलने की नई तिथि आज घोषित होगी। धर्म मर्मज्ञों का कहना है कि पहले कभी भी ऐसी परिस्थितियां नहीं आई, जब बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि बदलनी पड़ी हो। बदरीनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने भी राजाज्ञा के अनुसार क्वारंटाइन रहना स्वीकार कर देश-दुनिया को राष्ट्रधर्म के अनुपालन का संदेश दिया है। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल कहते हैं कि आपातकाल में राजधर्म ही सब धर्मों में श्रेष्ठ है। ऐसे में बदरीनाथ के कपाट खोलने की तिथि परिवर्तित किया जाना राजधर्म के पालन के साथ ही धर्मग्रंथों के हिसाब से भी उचित है। कहा कि शीतकाल में भगवान नारायण के धाम में देवपूजा का विधान है। देवताओं की ओर से स्वयं देवर्षि नारद भगवान नारायण की पूजा करते हैं। कपाट खुलने के बाद नर पूजा का विधान है। लेकिन, देश में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन से हर व्यक्ति घरों में ही रह रहा है। ऐसे में हक-हकूकधारी, श्रद्धालु व स्थानीय लोगों के बिना कपाट खोलने से नर पूजा के मायने नहीं रह जाते। कहा कि कई प्रांतों से गुजरकर आए मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी भी नियमानुसार स्वास्थ्य परीक्षण करा चुके हैं। साथ ही उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का पालन कर क्वारंटाइन को स्वीकार किया। यह अनुकरणीय पहल है।
धर्माधिकारी ने कहा कि टिहरी के राजा को ’’बोलांदा बदरी’’ माना गया है। ऐसे में राजा का निर्णय स्वयं नारायण का निर्णय है और यह प्रजा के हित में भी है। बदरीनाथ पूर्व धर्माधिकारी जगदंबा प्रसाद सती का कहना है कि संकटकाल के दौरान राजधर्म में ही सारे धर्म लीन हो जाते हैं। इन दिनों कोरोना महामारी के चलते देश में महाभय का वातावरण है। ऐसे में राजधर्म का पालन कर तिथि आगे बढ़ाने का निर्णय धर्मसंगत है। कहा कि जनता से ही जनार्दन की शोभा है और वर्तमान परिस्थितियां जनार्दन के दर पर जाने से जनता को रोकती हैं।