हाईस्कूल और इंटर के उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा 20 जून से शुरू

उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में संशोधित कार्यक्रम घोषित किया है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक 20 जून को सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक हाईस्कूल की गणित की परीक्षा होगी। इसी दिन दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक इंटरमीडिएट की संस्कृत, उर्दू और पंजाबी की परीक्षा होगी।

22 जून को सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक हाई स्कूल की उर्दू एवं इसी दिन दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक इंटरमीडिएट की जीव विज्ञान, कृषि, गणित, प्रारंभिक सांख्यिकी पंचम प्रश्न पत्र, कृषि रसायन विज्ञान दशम प्रश्न पत्र की परीक्षा होगी।

इसके अलावा 23 जून मंगलवार को सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक हाईस्कूल की पंजाबी, बंगाली और संस्कृत की परीक्षा होगी। इसी दिन दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक इंटरमीडिएट की भूगोल और भूगर्भ विज्ञान की परीक्षा होगी।

क्वारंटीन सेंटर में किसी प्रकार की कोई लापरवाही न बरतें अधिकरीः डीएम मंगेश घिल्डियाल

कोरोना वायरस को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के उप जिलाधिकारियों एवं प्रभारी चिकिसा अधिकारियो की बैठक ली। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए जब तक कोरोना की जांच रिपोर्ट नही आ जाती तब तक क्वारंटीन सेंटर में रखे व्यक्ति को घर जाने की अनुमति किसी भी दशा में न दी जाए। जिलाधिकारी ने कहा, कन्टेनमेंट जोन में किसी भी तरह का आवागम नही होगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया की यदि कन्टेनमेंट जोन में केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का उलंघन पाया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि कन्टेनमेंट जोन एक गंभीर विषय है, इसमे किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नही होगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि कन्टेनमेंट जोन का औचक निरीक्षण किया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। वही कल से कन्टेनमेंट जोन पर लगाये गए बैरियर की फोटो अनिवार्य रूप से उपलब्ध करने के निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्साधिरारियो को कन्टेनमेंट जोन में प्रत्येक परिवार का दैनिक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया की कोरोना पाॅजीटिव व्यक्ति के संपर्क में आये व्यक्तियो (कांटेक्ट ट्रेसिंग से) उन व्यक्तियो को अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटीन किये जाने के निर्देश दिए है। कोरोना महामारी आपदा के दौरान तमाम व्यवस्थाओ हेतु तहसील स्तर पर प्रयाप्त धनराशि की उपलब्धता के बावजूद लंबित बीजकांे के भुगतान न किये जाने पर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। प्रभारी चिकिसाधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दिए की कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति को कौन सी दवाई देनी है कौन सी नही, इस हेतु हेल्थ टीमों को नियमित रूप से प्रशिक्षित करने के निर्देश भी दिए है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश, गैरसैंण ई-विधानसभा बनने की ओर

ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। पर्यावरण का संरक्षण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण प्रदूषण से मुक्ति एवं जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमें जनभागीदारी से प्रयास करने होंगे। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सचिवालय में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियों कांफ्रेंसिंग के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और मानव के बीच कैसे संतुलन बना रहे, इस दिशा में अनुसंधान की आवश्यकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य की पर्यावरण रिपोर्ट की बुक का विमोचन भी किया।

गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जायेगा। उत्तराखण्ड सरकार ने ई-कैबिनेट की शुरूआत की है। हमने अपने ऑफिसों को ई-ऑफिस बनाने का निर्णय लिया। अभी 17 कार्यालय, ई-ऑफिस हो गये हैं। प्रयास है कि राज्य के ब्लॉक स्तर तक जितने भी कार्यालय हैं, इनको ई-ऑफिस बनाया जाय।

हरेला पर्व पर फिजीकल डिस्टेंस रखते हुए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेला पर्व पर फिजीकल डिस्टेंस का पालन करते हुए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि हरेला पर्व पर वृक्षारोपण के लिए जन सहभागिता पर विशेष ध्यान दिया जाय। किसी भी अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने जनपदों में नदियों, नौलों, एवं जल के स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में कार्य करें। राज्य सरकार ने मिशन रिस्पना टू ऋषिपर्णा एवं कोसी के पुनर्जीवन का लक्ष्य रखा है। रिस्पना नदी के लिए आईआईटी रूड़की ने प्रोजक्ट रिपोर्ट तैयार की है। इस अभियान के तहत मिशन मोड में कार्य किया जायेगा।

भारत में जैव विविधता को बनाये रखने में उत्तराखण्ड का अहम योगदान
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि भारत में जैव विविधता को बनाये रखने में उत्तराखण्ड का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तराखण्ड में देश की 28 प्रतिशत जैव विविधता पायी जाती है। यहां की जैव विविधता का प्रभाव भारत ही नहीं अपितू सम्पूर्ण विश्व पर पड़ता है। प्रकृति हमें सब कुछ देती है। मानव को प्रकृति के साथ पूरा संतुलन बनाकर आगे बढ़ना होगा। पर्यावरण संतुलन के लिए लोगों में सजगता होना बहुत जरूरी है। हम छोटे-छोटे प्रयासों से भी इस दिशा में अपना योगदान दे सकते हैं। हम भावी पीढ़ी को कैसा पर्यावरण देना चाहते हैं, यह हम पर निर्भर है।

बैठक में जानकारी दी गई कि झाझरा, देहरादून में ‘आनंद वन’ के नाम से सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रत्येक जनपद के लिए जनपद स्तरीय प्रदूषण नियंत्रण मैनेजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम जैव विविधता है। बैठक में मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, प्रमुख सचिव वन आनन्द वर्द्धन, पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एस.एस.नेगी, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, निदेशक उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.पी. सुबुद्धि आदि उपस्थित थे।

पालतू कुतिया की जबरन नसंबदी कराई, मुकदमा दर्ज

बीते शनिवार की देर रात प्रदीप पुत्र सुरेंद्र पुंडीर निवासी तपोवन ने मुनिकीरेती थाने में तहरीर दी। उन्होंने बताया कि उनकी पालतू कुतिया मौली दो वर्ष की है। एक अज्ञात महिला उसे बहला फुसला कर घर के प्रांगण से लेकर गई। उन्होंने आरोप लगाया कि गेस्ट हाउस विश्व चंदा की महिला ने उनसे गाली गलौज करते हुए पालतू कुतिया मौली को देने से मना कर दिया। महिला पर आरोप है कि उनकी मर्जी के बिना उक्त महिला ने मौली की नसबंदी भी करा ली।
तहरीर के आधार पर मुनिकीरेती पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। थानाध्यक्ष राम किशोर सकलानी ने बताया कि आरोपी महिला अदिति हरियाणा की निवासी है, जो कर्मा एनिमल ट्रस्ट का संचालन कुछ समय से तपोवन में कर रही है। उन्होंने बताया कि महिला ने मौली को स्ट्रीट डॉग समझ कर उसकी नसबंदी कराना स्वीकार किया है। इस संबंध में राजकीय पशु चिकित्सक हरि सिंह बिष्ट ने नसबंदी की बात स्वीकारी है। पुलिस मौली की तलाश में जुट गई है। मामले की विवेचना भद्रकाली चैकी इंचार्ज उप निरीक्षक अंशुल अग्रवाल को सौंपी गई है।

सतपाल महाराज पाॅजीटिव, कैबिनेट में शामिल हुए मंत्री और अधिकारी होंगे क्वारंटीन

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज व उनके परिवार और स्टाफ के 23 सदस्य कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। बेटे, बहुएं और पांच साल के पोते में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे का सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजा गया है। कल पूर्व मंत्री अमृता रावत कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महाराज और उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ ही आवास में काम करने वाले कर्मचारियों के सैंपल जांच के लिए भेजे थे।
इनमें कैबिनेट मंत्री महाराज, उनके छोटे बेटे सुयश, बड़ी बहू आराध्य, छोटी बहू मोहिनी, पांच साल के पोते श्रेयांश में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जबकि बड़े बेटे श्रद्धेय का सैंपल दोबारा से जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहीं, महाराज के आवास में काम करने वाले 17 कर्मचारी भी संक्रमित मिले है।
महाराज और उनका परिवार कोरोना संक्रमित मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। महाराज की पत्नी अमृता रावत को रविवार सुबह ही एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, इसके बाद दोपहर में महाराज और अन्य लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। जिसके बाद महाराज समेत लोगों को भी एम्स ऋषिकेश में भर्ती करा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि कैबिनेट मंत्री महाराज और उनके परिवार के सदस्यों व स्टाफ में कोरोना की पुष्टि हुई है। विभाग की ओर से 41 सैंपल जांच के लिए गए थे। इसमें 22 सैंपल कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सभी को भर्ती कराया गया है। इन सभी के संपर्क में आए लोगों को चिन्हित करने की कोशिश की जा रही है।

वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के परिवार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर प्रशासन ने सर्कुलर रोड, डालनवाला स्थित उनके आवास के आसपास का क्षेत्र पाबंद (सील) कर दिया है। क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया है। अगले आदेश तक यहां के लोग क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। इस दौरान क्षेत्र के बैंक, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने रविवार को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन मंत्री के सर्कुलर रोड स्थित आवास के पूरब में कर्जन रोड, पश्चिम में अब्दुल्ला खान का मकान, उत्तर में अमित अग्रवाल का मकान और दक्षिण में 13 म्यूनिसिपल रोड के क्षेत्र को पाबंद किया है। डीएम ने कहा कि इस क्षेत्र में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति अब प्रशासन कराएगा।
परिवार का एक सदस्य खरीदारी के लिए बाहर निकल सकता है। मोबाइल वैन के जरिए पाबंद क्षेत्र में दूध की सप्लाई की जाएगी। नगर निगम को क्षेत्र की साफ-सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ मुनादी कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस क्षेत्र की बैरिकेडिंग करेगी। सीएमओ को सामुदायिक स्वास्थ्य पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई इमरजेंसी है तो कंटेनमेंट जोन के लोग पुलिस के टोल फ्री नंबर 112 पर संपर्क कर सकते हैं। आदेश का पालन न करने वाले लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

एहतियात बरतते हुए होंगे होम क्वारंटीन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। पॉजिटिव आने से पहले महाराज मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में मुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित शासन के अन्य उच्च अधिकारी मौजूद थे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एहतियात बरतते हुए सभी बैठकें निरस्त कर दी हैं, जबकि कई मंत्री होम क्वारंटीन में चले गए हैं।
हालांकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक जिस फार्मेट में होती है, वह संक्रमण के लिहाज से लो रिस्क श्रेणी में आती है। महाराज के पॉजिटिव आते ही सरकार में हड़कंप मच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को अपनी सभी बैठकें निरस्त कर दी। उन्होंने किसी से मुलाकात भी नहीं की।
वहीं अधिकांश मंत्रियों ने खुद को होम क्वारंटीन कर लिया है। महाराज के साथ बैठक में मौजूद होने से कई मंत्री भी सहमे हुए हैं कि कहीं उनमें कोरोना का लक्षण न आ जाए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल में जो भी अधिकारी शामिल थे, उनमें से आधे अधिकारी होम क्वारंटीन होंगे और आधे वर्क फ्रॉम होम करेंगे।

पत्नी के पाॅजीटिव होने से एक दिन पहले कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे महाराज

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत कल कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव और अपर सचिव युगल किशोर पंत ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि अमृता रावत की तबीयत खराब थी। शनिवार सुबह देहरादून की एक निजी लैब में उनकी कोरोना जांच की गई, देर शाम रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
अमृता रावत की रिपोर्ट पाॅजीटिव आने की खबर से स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। एक दिन पहले ही कैबिनेट में सतपाल महाराज शामिल हुए थे। ऐसे में राज्य की कैबिनेट और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों में चिंता होना लाजिमी है। सतपाल महाराज के कोविड टेस्ट के बाद ही कुछ स्थिति साफ हो पायेगी। क्योकि रिपोर्ट अगर पाॅजीटिव आती है तो नियमानुसार सभी को क्वारंटीन करना होगा। बता दें कि कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्री भी शामिल थे। ऐसे में यह देश का पहला राज्य होगा जहां पूरी सरकार को ही क्वारंटीन होना पड़ेगा। लेकिन महाराज की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो यह सभी के लिए राहत की बात होगी।  
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही दिल्ली से मंत्री सतपाल महाराज से मिलने आए लोगों को मंत्री आवास में ही क्वांरटीन कर दिया गया था। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के घर के बाहर क्वारंटीन का स्टीकर भी चस्पा किया गया था। 
कुछ लोग दिल्ली से सतपाल महाराज से मिलने उनके सर्कुलर रोड स्थित घर पर आए थे। इसलिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन के हिसाब से महाराज के घर आए तीन लोगों को प्रशासन ने उनके आवास में ही होम क्वांरटीन कर दिया था। वहीं मंत्री ने अपना ऑफिस भी सरकारी आवास में शिफ्ट कर दिया था।

कांग्रेस के निशाने पर आएं महाराज
कांग्रेस पार्टी की ओर से सतपाल महाराज सहित पूरी कैबिनेट और मुख्यमंत्री को क्वारंटीन करने की मांग की गई है। साथ ही ऐसे अधिकारी जो बैठक में शामिल हुए उन्हें भी ऐतिहातन के तौर पर क्वारंटीन करने और सभी का सैंपल लेने की बात की जा रही है। सोशल मीडिया में भी महाराज की पत्नी के पाॅजीटिव पाये जाने पर कई तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिली।

मदन कौशिक पर बढ़ा दबाव
उत्तरी हरिद्वार में एक युवक के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के उपर दबाव बढ़ गया है। कारण यह कि युवक तीन दिन पहले प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक समेत कई लोगों के संपर्क में आया था। दरअसल, युवक खड़खड़ी में मदद के लिए बांटा गया राशन लेने पहुंचा था। वहीं, सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या मंत्री समेत अन्य को भी क्वारंटाइन किया जाएगा। दरअसल, खड़खड़ी क्षेत्र के रामलीला मैदान में गरीब, असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए राशन बांटा गया था। इस कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के अलावा एक बड़े संत, एक कथावाचक व कई पार्षद और बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए थे।

टिकटॉक को आ गया बाय-बाय करने का समय, स्वदेशी एप मित्रों हो रहा पॉपुलर

भारत में टिकटॉक का बाय-बाय करने का वक्त आ गया है। भारत के युवाओं की जुबां पर अब टिकटॉक नहीं बल्कि स्वदेशी निर्मित एप मित्रों का नाम है। अभी तक इस एप को 50 लाख से ज्यादा युवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर चुके है। इसे आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों ने बनाया है। इसे टिकटॉक का क्लोन भी कहा जा रहा है।

आईआईटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि एप लांच करते समय हमें ऐसे ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी। इसे बनाने के पीछे लोगों को सिर्फ भारतीय विकल्प देना था। आईआईटी रुड़की में वर्ष 2011 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच से पासआउट छात्र शिवांक अग्रवाल ने अपने चार साथियों के साथ मित्रों एप बनाया है।

11 अप्रैल को हुआ था मित्रों एप लांच
पेटीएम के पूर्व सीनियर वाइस प्रेजिडेंट दीपक के ट्वीट के बाद इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के एप डाउनलोड करने से नेटवर्क ट्रैफिक भी प्रभावित होने लगा। टीम मेंबर ने बताया कि वास्तव में 11 अप्रैल को एप लांच करते समय यह नहीं सोचा था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। टिकटॉक को पीछे छोड़ना जैसी कोई बात नहीं है। हमारा उद्देश्य लोगों को सिर्फ एक भारतीय विकल्प देना था। लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे या नहीं यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमें लोगों से जो आशीर्वाद मिला, उससे हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमें किसी ने फंड नहीं दिया है, उनका फंड लोगों का प्यार ही है।

मित्रों स्वदेशी नाम, इसलिए देना उचित
टीम मेंबर ने बताया कि मित्रों का अर्थ मित्र ही है। एक तो यह भारतीय उपभोक्ताओं को भारतीय मंच के जरिए सेवा देने के लिए है। हम स्वदेशी नाम देकर भारतीय नामों के खिलाफ पूर्वाग्रहों को भी दूर करना चाहते हैं।

आग लगने की झूठी खबर या फोटो सोशल मीडिया पर डाली, तो कार्रवाई होगी

विदेशी जमीं के जंगलों की आग वाली वीडियों और फोटो को उत्तराखंड का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल करने से कानूनी कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने ट्वीट के जरिए तथा वन मंत्री सहित कई लोगों ने इसे भ्रामक खबर, वीडियों और फोटो बताया है। वहीं, डीजीएलओं ने इस पर कार्रवाई की बात कही है।

बता दें कि इन दिनों सोशल मीडिया पर आग लगने से उत्तराखंड जंगल की 71 हेक्टेयर जमीन पूरी तरह से बर्बाद हो गई है और लोगों की जान सहित कई जानवरों की मौत होने वाली खबर और वीडियों वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर ही जबरदस्त तरीके से ऐसी फेक न्यूज का खंडन शुरू हो गया। खुद वन मंत्री हरक सिंह ने साफ किया कि सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के नाम से जो जंगल की आग की फोटो-वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें कुछ पुराने और कुछ विदेशों के हैं।

वन मंत्री हरक सिंह ने आरोप लगाया कि फेक न्यूज फैलाकर विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है। इसके बाद वन प्रमुख जयराज ने बाकायदा आदेश जारी कर मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को सोशल मीडिया प्रभारी नियुक्त किया, उनसे कहा गया कि तथ्यों से परे सूचनाओं का पुरजोर खंडन करें। वहीं, वन अधिकारियों को भी आदेश दिया कि मीडिया प्रभारी को सटीक और सही जानकारी दी जाए। इसके साथ धकाते भी फेक न्यूज के खिलाफ सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए, उन्होंने सही जानकारी देते हुए एक वीडियो भी अपलोड किया।

पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल उत्तराखंड के जंगलों में आग की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है, वायरल फोटो-वीडियो में कुछ पुराने तो कुछ विदेशों के हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

चारधामः ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड की पहली बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वभर में उत्तराखण्ड आध्यात्म का केन्द्र है। उत्तराखण्ड के मन्दिरों की प्राचीन शैली इसकी विशिष्टता है। इसको बनाये रखने के लिए यह सुनिश्चित किया जाय कि मन्दिरों का प्राचीन स्वरूप बना रहे। जो लोग मन्दिरों के ऑनलाइन दर्शन करना चाहते हैं, उन्हें गर्भगृह को छोङकर बाकी मन्दिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन एवं ऑडियो के माध्यम से पूजा-अर्चना करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। साथ ही इसमें धार्मिक मान्यताओं का भी पूरा ध्यान रखा जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थाम प्रबन्धन बोर्ड में सबके हक-हकूकों का ध्यान रखा जायेगा। बैठक में मन्दिरों एवं उनसे जुड़ी प्रमुख पाण्डुलिपियों एवं अन्य ऐतिहासिक महत्व के सामग्री संग्रहण के लिए संग्रहालय बनाने की बैठक में चर्चा की गई है।
बोर्ड की इस पहली बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार द्वारा धार्मिक यात्रा के समुचित संचालन के लिए अन्तर्विभागीय समन्वय हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग लोगो बनाया जायेगा। मन्दिरों की सम्पति, निधि, बहुमूल्य वस्तुओं को बोर्ड के प्रबंधन में अन्तरित करने हेतु मुख्य कार्यकारी अधिकारी को अधिकृत किया गया है, इसके लिए कार्यवाही सबंधित जिलाधिकारियों द्वारा की जायेगी। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड का अलग बैंक एकाउण्ट होगा। इसके लिए बैठक में राज्य सरकार द्वारा 10 करोड़ रूपये की धनराशि की स्वीकृति दी गई है। बदरी-केदार मंदिर समिति की अवशेष धनराशि भी उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में ट्रांसफर की जायेगी। बद्री-केदार मंदिर समिति के कार्मिकों का समायोजन उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में किया जायेगा। बोर्ड के लिए अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी एवं वित्त नियंत्रक का एक पद सृजित किया जायेगा। उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड में विभिन्न न्यायिक मामलों के लिए ट्रिब्यूनल बनाई जायेगी। एनआईसी द्वारा बदरी-केदार मंदिर समिति के लिए बनाई गई वेबसाइट का अधिग्रहण कर इसका अपग्रेडेशन किया जायेगा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने कोविड-19 के दृष्टिगत बदरी-केदार मन्दिर समिति के कार्मिकों द्वार दिये गये एक दिन के वेतन का 5 लाख रूपये का चेक मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सौंपा।
उत्तराखण्ड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष सतपाल महाराज ने मानव उत्थान सेवा समिति के माध्यम से भी बोर्ड को 5 लाख एक रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर उन्होंने अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखे।
बैठक में विधायक बदरीनाथ महेन्द्र भट्ट, विधायक गंगोत्री गोपाल सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव पर्यटन एवं संस्कृति दिलीप जावलकर, सचिव वित्त सौजन्या उपस्थित थे।

गांव में बनाये जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की साफ-सफाई के लिए 5-5 हजार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ग्राम स्तर पर कार्यरत प्रधानों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा की जाने वाली शिकायतों को गम्भीरता से लिया जाए। मुख्यमंत्री, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क, सेनेटाईजेशन, फिजीकल डिस्टेंस आदि बातों को लेकर निरंतर लोगों को जागरूक किए जाने की जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, मीडिया व समाज के अन्य प्रबुद्धजनों के साथ संवाद कायम रखें। जो लोग भी उत्तराखण्ड आना चाहते हैं, उन्हें लाया जाना है। बाहर से घर लौटने वाले लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से सशक्त भी रखना है और उन्हें व्यस्त भी रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में बनाए जा रहे क्वारेंटाईन सेंटरों की उचित साफ सफाई के लिए ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों को एनएचएम से 5-5 हजार रूपए दिए जा रहे हैं।
प्रधान, ग्रामीण समाज का महत्वपूर्ण अंग होते हैं। इसे देखते हुए प्रधानों को जिम्मेदारी दी गई है। परंतु इसका मतलब ये नहीं है कि उन्हें अकेले इस काम को देखना है। ग्राम स्तर के प्रशासनिक कर्मचारियों को उनके नेतृत्व में काम करना है। प्रधानों का जो भी व्यय होता है, उसकी प्रतिपूर्ति प्राथमिकता से की जाए।
मुख्यमत्री ने कहा कि इन दिनों में पॉजिटिव केस पहले की अपेक्षा अधिक बढ़े है, परंतु हमारी तैयारी बेहतर है। पेशेन्ट केयर का हमारा रिकार्ड बेहतर रहा है। अभी तक बेहतर तरीके से जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। अब नई चुनौती आई है। इस चुनौती पर व्यावहारिकता और कुशलता के साथ खरा उतरना है। कोरोना से लम्बी लड़ाई है। इसके लिए हमें मनोवैज्ञानिक रूप से भी तैयार रहना है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का सहयोग लें। हर वार्ड में चार-पांच लोगों की एक टीम हो। लोगों की आजीविका के लिए भी योजनाओं पर काम करना है। किसानों को बीज उपलब्ध करवाए जाएं। इसी प्रकार केंद्र व राज्य सरकार ने जो योजनाएं घोषित की हैं, उनसे लोग, लाभान्वित हों, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि जो भी लोग बाहर से अपने घरों को आ रहे हैं, उन पर सतत निगरानी रखनी है। इसमें जिलाधिकारी ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों का उपयोग करें। आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जरूरी जांच की जाएं। एक-एक केस को ट्रेस करना है। और उनका हेल्थ चैकअप किया जाए। बीआरटी को सक्रिय रखा जाए। कॉल सेंटर के माध्यम से भी आने वाले लोगों से लगातार सम्पर्क रखा जाता है। रेड जोन से आने वालों को इंन्स्टीट्यूशनल क्वारेंटाईन में रखा जाना है। अच्छी प्रतिष्ठा वाले एनजीओ का भी सहयोग लिया जा सकता है। जिस प्रकार गांवों में प्रधानों का सहयोग लिया जा रहा है, उसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में स्थानीय निकायों को भी अधिकृत किया जाएगा। पार्षदों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि क्वारेंटाईन का उल्लंघन करने वालों, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क न पहनने वालों, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जानी है। हमें लोगों का समझाना भी है और जो न समझे उस पर कार्रवाई की जानी है।
सचिव स्वास्थ्य, नीतेश झा ने प्रदेश में कोविड-19 की अपडेटेड स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि बाहर से लोगों के आने के बाद पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं। अभी तक 120 पॉजिटिव केस हो चुके हैं, इनमें से 53 रिकवर हो चुके हैं। 66 एक्टीव केस हैं। अभी जितने भी केस हैं, उनमें कोई भी गम्भीर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे पास आईसीयू बैड, वेंटिलेटर, पीपीई किट, एन 95 मास्क, अस्पताल/फेसिलिटी सेंटर की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था है।
सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि प्रदेश में वापस आने के लिए अभी तक 2 लाख 33 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। लगभग 1 लाख 29 हजार लोग वापस आ चुके हैं। अभी तक 10 ट्रेनें आ चुकी हैं। और 2 ट्रेनें मार्ग में हैं। निर्धारित एसओपी के अनुसार सारी चेकिंग की प्रक्रिया की जाती है। जिलाधिकारियों को आने वाले लोगों का पूरा विवरण उपलब्ध करवाया जाता है।