गुणवत्तायुक्त सस्ती दवाएं हर नागरिक का अधिकारः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से आम आदमी तक जन औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि गरीबों को गुणवत्तायुक्त सस्ती दवा उपलब्ध हो यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक से अधिक जन औषधि केन्द्रों की स्थापना के साथ ही रेलवे स्टेशनों पर भी जन औषधि की विपणन व्यवस्था बनाये जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से भी लोगों को जन औषधि दवा क्रय करने हेतु पहल करने में सहयोग करने को कहा।
मुख्यमंत्री आवास में जन औषधि वितरण केन्द्रों एवं इसके लिये प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये कारगर तंत्र विकसित करने से सम्बन्धित प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत गरीबों तक गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना समय की जरूरत है। यह व्यवस्था प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तक प्रभावी हो इसके लिये प्रयास किये जाने चाहिए। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने एथिक्स ग्रुप के सीएमडी विपिन केवडिया द्वारा दिये गये प्रस्तुतिकरण का अध्ययन कर इस सम्बन्ध में कार्यवाही के निर्देश भी सचिव स्वास्थ्य को दिये।
इस अवसर पर सचिव अमित सिंह नेगी, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।

कोविड के चलते अस्पतालों में भर्ती मरीजों से मुख्यमंत्री ने वर्चुअल बात की

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना संक्रमितों के उपचार मे लगे चिकित्सकों का काम तपस्या की भांति है। जिस तरह से कठिन परिस्थितियों में मरीजों के बीच में रहकर उनका ईलाज कर रहे हैं, इसे एक बड़ी तपस्या ही कहा जा सकता है। धैर्य और तत्परता से चिकित्सक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नेे कहा कि चिकित्सक जिस मनोयोग से कार्य कर रहे हैं, विश्वास है कि हम कोविड-19 से लड़ाई में हमारी जीत अवश्य होगी। जो मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं, वे जल्द स्वस्थ होकर अपने घर जायेंगे। मुख्यमंत्री ने सीएम आवास से वर्चुअल कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड अस्पतालों में तैनात चिकित्सा अधिकारियों एवं उपचाराधीन मरीजों से बात की।
मुख्यमंत्री ने दून, हल्द्वानी, श्रीनगर मेडिकल काॅलेज एवं जिला अस्पतालों में तैनात डाक्टर्स एवं मरीजों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से मरीजों की स्थिति, वंेटिलेटर, आईसीयू, आक्सीजन बैड, कोविड से निपटने के लिए आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोविड पर नियंत्रण के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। डाॅक्टरों द्वारा अतुलनीय योगदान दिया जा रहा है। मरीजों से बातचीत कर जिस तरह से उन्होंने अस्पतालों की व्यवस्थाओं से वे संतुष्ट हैं, इसके लिए सभी अस्पताल बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए डाॅक्टरों द्वारा कठिन परिस्थितियों में पूरे सेवाभाव से मरीजों का उपचार किया जा रहा है। अस्पतालों में भर्ती कोरोना के मरीजों से मुख्यमंत्री ने इलाज, रहने एवं खाने के बारे में जानकारी ली। सभी मरीजों ने अस्पताल प्रशासन की व्यवस्थाओं की सराहना की। मुख्यमंत्री ने दून मेडिकल काॅलेज के प्रिंसिपल डाॅ. आशुतोष सयाना से दून मेडिकल काॅलेज की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। डाॅ. सयाना कहा कि दून मेडिकल काॅलेज आगे की चुनौतियों का समाना करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। आईसीयू बैड की संख्या बढ़ा दी गई है। 33 पेसेंट अभी आईसीयू में हैं। पीपीई किट्स, मास्क, आक्सीजन सपोर्ट सिस्टम एवं अन्य आवश्यक सामग्री की उचित व्यवस्था है। अस्पताल में भर्ती मरीजों द्वारा भी काफी सपोर्ट दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दून अस्पताल में भर्ती कोविड के मरीज बलजीत सिंह एवं महावीर कण्डारी से बातचीत कर उनका हालचाल जाना। उन्होंने बताया की उनका उपचार चिकित्सकों की देखरेख में सही तरीके से हो रहा है। खानपान एवं रहने की भी उचित व्यवस्था है।
मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी मेडिकल काॅलेज में डाॅ. परमजीत सिंह से वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी में प्लाज्मा थेरेपी पर भी कार्य किया जा रहा है। लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए अपील की जा रही है। जिससे मरीज जल्द रिकवर हो जाय। मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी में उपचार करा रहे जगजीवन वर्मा, धूम सिंह, नीरज, उदय सिंह से बात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। इन मरीजों ने बताया कि उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। डाॅक्टर्स द्वारा काफी अच्छी केयर की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने श्रीनगर मेडिकल काॅलेज में डाॅ. कलम सिंह बुटोला, कोटद्वार बेस अस्पताल में डाॅ. वी.सी. काला, मेला अस्पताल हरिद्वार में डाॅ. राजेश गुप्ता एवं डाॅ. देवेन्द्र रावत एवं चमोली में डाॅ. अमित जैन से बातचीत कर इन जनपदों में कोविड की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की जानकारी ली। डाॅक्टरों द्वारा जानकारी दी गई कि व्यवस्थाएं सभी अस्पतालों में ठीक है। को-माॅर्बिड पेशेंट को हायर सेंटर रैफर किया जा रहा है।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि लोगों को अच्छा ट्रीटमेंट मिले। इसमें और जितनी सुधार की गुंजाइश होगी वह किया जायेगा। सैंपल टैस्टिंग को और बढ़ाया जायेगा। हमारे डाॅक्टर्स कोरोना से जिस तरह से जंग लड़ रहे हैं, निश्चित रूप से सभी डाॅक्टरों के प्रयास सराहनीय है।

सीएम की विधानसभा में हाईटेक अस्पताल के निर्माण का रास्ता साफ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर शासन द्वारा हर्रावाला, देहरादून में 300 शैय्या युक्त शकुन्तला रानी सरदारी मैटर्निटी व कैंसर चिकित्सालय के निर्माण के लिये 10 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह धनराशि मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को उपलब्ध करायी गई है। मुख्यमंत्री ने इस अस्पताल के निर्माण को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि हर्रावाला क्षेत्र में सुविधायुक्त अस्पताल की जरूरत भी थी। इससे क्षेत्रवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
सचिव अमित सिंह नेगी द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि जनपद देहरादून के हर्रावाला में जीवन ज्योति कैंसर हॉस्पिटल ट्रस्ट द्वारा उपहार स्वरूप स्वास्थ्य विभाग को प्रदत्त भूमि पर 300 शैय्या युक्त चिकित्सालय का निर्माण किया जायेगा। चिकित्सालय निर्माण की अनुमोदित लागत रू. 106 करोड़ 84 लाख 70 हजार है। इसमें से भारत सरकार द्वारा 97.60 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की गई है।

ऋषिकेश एम्स पर हेलीपैड का शुभारंभ, नौ मिनट के अंदर एंबुलेंस से ट्रामा सेंटर जाने की व्यवस्था

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के नव निर्मित हेलीपैड का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश परिसर में हेलीपैड बनने से गंभीर रोगियों एवं दुर्घटना होने पर घायलों को हेली सेवा से अस्पताल लाने में सुविधा होगी। एम्स ऋषिकेष में इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। हेली से उतरने के बाद मरीज को मात्र 09 मिनट में एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग है। अतिवृष्टि होने पर राज्य में आपदायें अधिक होती हैं। पहाड़ी टेरिन होने से दुर्घटनाएं भी अधिक होती है। दुर्घटना होने पर लोगों को हेली सेवा से उपचार के लिए जल्द एम्स लाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 03 सालों में प्रदेश में 100 से अधिक लोगों की जान हेली सेवा से सीधे अस्पतालों में लाकर बचाई गई। इसके लिए सरकारी हेलीकॉप्टर एवं किराये पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की।

उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां परिसर के अन्दर हेलीपैड की सुविधा है। मुख्यमंत्री ने एम्स के डॉक्टरों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में सीनियर डॉक्टर कोरोना के मरीजों का विशेष ध्यान रखें। जिस तरह कोरोना अपना स्वरूप बदल रहा है, यह चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रशासन, पुलिस एवं डॉक्टरों के आपसी तालमेल से समस्याओं का समाधान आसानी से किया जा सकता है। कोरोना काल में आशा, आंगनबाड़ी, नर्स एवं डॉक्टर और स्वच्छता कर्मचारी जो ग्राउण्ड लेबल पर कार्य कर रहे हैं, वे जनता के लिए देवदूत के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मरीजों को परीक्षण के साथ ही मनोवैज्ञानिक तरीके से भी मजबूत रखना जरूरी है। एम्स ऋषिकेश की पहुंच दुर्गम स्थानों के मराजों तक होनी चाहिए। सेवा सार्थक तभी होती है, जब सेवा गरीबों तक पहुंचे। इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने हेलीसेवा से मरीज को लाने एवं एम्बुलेंस से ट्रामा सेंटर तक ले जाने की प्रक्रिया का मॉक ड्रिल भी किया।

मुख्यमंत्री ने 300 बेड के कोविड अस्पताल में 320 लाख रुपये की योजनाओं को लोकार्पण किया

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रपुर में पंडित राम सुमेर शुक्ल राजकीय मेडिकल कालेज में 1012.33 लाख लागत के 300 बेड के कोविड-19 हॅास्पिटल भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राजकीय मेडिकल कालेज रूद्रपुर के अन्तर्गत 299.76 लाख की लागत से रेस्पिरेटरी एण्ड स्किन डिजीज ब्लाक, 537.23 लाख की लागत से रेडियोलॉजी ब्लॉक तथा विश्व बैंक पोषित 90.35 लाख की लागत से ऑक्सीजन सप्लाई पाइप लाइन कार्य का भी लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएसआर के तहत टाटा प्रोजेक्टस लि0 के वित्तीय सहयोग से 320 लाख की लागत से 300 बेड कोविड हॉस्पिटल रूद्रपुर मे मेडिकल उपकरण की आपूर्ति एवं अधिष्ठान कार्यो का लोकार्पण के साथ ही प्लान इंडिया व रैकिट बैंकाइजर (इंडिया) प्रा0लि0 के सौजन्य से 50 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र किच्छा के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड बाजपुर वित्तीय सहयोग से 60 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बाजपुर के आधुनिकीकरण कार्य, पालीप्लेक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड खटीमा के वित्तीय सहयोग से 125 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खटीमा के आधुनिकीकरण कार्य, बालाजी एक्शन बिल्डवेल सितारगंज के वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र के आधुनिकीकरण कार्य, बजाज ऑटो लिमिटेड पंतनगर एवं जानकी देवी बजाज ग्राम विकास संस्था के वित्तीय सहयोग से 300 लाख की लागत से पं0ज0ला0ने0 जिला चिकित्सालय, रूद्रपुर के आधुनिकीकरण कार्य, नैनी पेपर्स मिल काशीपुर मे वित्तीय सहयोग से 200 लाख की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र काशीपुर के आधुनिकीकरण कार्यों का शिलान्यास किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र रूद्रपुर मे लोनिवि की 684.44 लाख लागत की विभिन्न सीसी मार्गां का लोकार्पण तथा 385.47 लाख की लागत से विभिन्न सडको के पुनर्निर्माण कार्यों के शिलान्यास के साथ ही नगर निगम रूद्रपुर के वार्ड नम्बर 25 फाजलपुर महरौला में स्थित 08 एकड भूमि मे जैविक ठोस अपशिष्ट से 50 मिट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के कम्पोस्ट बायोगैस प्लान्ट का शिलान्यास के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित 28 लाख लागत के सरस मार्केट सेंटर रूद्रपुर एवं 194.39 लाख की लागत से क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये प्रदेश में स्थापित किये जा रहे ग्रोथ सेन्टरों के अंतर्गत 65.84 लाख लागत के विकास खण्ड रूद्रपुर मे बेकरी ग्रोथ सेंटर, 48 लाख लागत के मत्स्य ग्रोथ सेंटर काशीपुर, 18 लाख लागत के गोविन्दपुर मसाला ग्रोथ सेंटर गदरपुर, 24.10 लाख लागत के मेघावाला दुग्ध ग्रोथ सेंटर जसपुर एवं 20 लाख लागत के पहेनिया हस्तशिल्प ग्रोथ सेंटर खटीमा का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष जिला पंचायत रेनू गंगवार, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, विधायक राजकुमार ठुकराल, हरभजन सिंह चीमा, पुष्कर सिंह धामी, राजेश शुक्ला, मेयर रामपाल सिंह, अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी कुमायूं अजय रौतेला, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य, पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी डाॅ. नीरज खैरवाल आदि उपस्थित थे।

राजकीय अस्पताल ऋषिकेश में एमआर के साथ दिखने पर चिकित्साधिकारी पर दर्ज होगा मुकदमा

एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में अब दवा प्रतिनिधि (एमआर) प्रवेश पर प्रतिबंध लग गया है। इन दवा प्रतिनिधियों के साथ यदि कोई डॉक्टर दिखाई देता है, तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ आपदा एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह आदेश मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. एनएस तोमर अस्पताल में महिला एमआर के कोरोना पॉजीटिव आने के बाद दिए हैं।

मुख्य चिकित्साधीक्षक (सीएसएस) डा. एनएस तोमर ने अस्पताल में तैनात सभी डॉक्टर्स को पत्र भेजा है। आदेश दिया है कि कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। इसके लिए सभी को अस्पताल में सामाजिक दूरी बनाने पर ध्यान देना होगा। साथ ही इससे संबंधित सभी गाइडलाइन का पालन भी करना है। उन्होंने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी दवा प्रतिनिधि (एमआर) को अपने कक्ष में प्रवेश न करने दें और न ही अपने साथ बैठने दें। यदि इस आदेश के बावजूद कोई भी चिकित्साधिकारी एमआर के संपर्क में दिखाई दिया तो चिकित्साधिकारी पर आपदा एक्ट में दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

इस मामला के बाद दिया आदेश

ऋषिकेश। भरत विहार की एक महिला दवा प्रतिनिधि (एमआर) और उसके पिता की कोविड रिपोर्ट एक साथ पिछले 17 जुलाई को पॉजीटिव आई थी। वह 16 जुलाई को एम्स अस्पताल में गले में खरांश और बुखार होने की शिकायत लेकर पहुंची थी। हैरान करने वाली बात यह है कि उक्त महिला एमआर राजकीय चिकित्सालय में 15 जुलाई तक लगातार आ रही थी।

किसी भी पंजीकृत अस्पताल में बिना रेफर के असीमित खर्चे पर इलाज की सुविधा

उत्तराखंड के तीन लाख राजकीय कर्मचारी-पेंशनरों को एक सितंबर से असीमित खर्चे पर कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अटल आयुष्मान योजना के तहत अगस्त में इनके गोल्डन कार्ड बनाने की तैयारी कर ली है। अगस्त के वेतन और पेंशन से उनके अंशदान की कटौती होगी, जो राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के खाते में जमा होगी।
कोरोना महामारी के बीच अगर सब कुछ सामान्य रहा तो प्रदेश के कर्मचारी-पेंशनरों को एक सितंबर से अटल आयुष्मान योजना में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। इस योजना का लाभ कर्मचारी-पेंशनरों के परिवार के सदस्यों को भी मिलेगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने 31 जुलाई 2020 तक सभी कर्मचारी-पेंशनरों से गोल्डन कार्ड बनाने के लिए परिवार के सदस्यों का ब्योरा मांगा गया है। इसके बाद अगस्त में गोल्डन कार्ड बनाए जाएंगे। कार्ड बनाने के लिए प्राधिकरण की ओर से गाइडलाइन जारी की जाएगी। प्राधिकरण की ओर कार्ड बनाने के लिए निजी कंपनी को भी अधिकृत किया जाएगा, जिससे कर्मचारी-पेंशनरों के कार्ड आसानी से बन सकें।
योजना के तहत कर्मचारी, पेंशनर और उनके परिजनों को किसी भी पंजीकृत अस्पताल में बिना रेफर के असीमित खर्चे पर इलाज की सुविधा मिलेगी। इलाज पर व्यय होने वाली राशि के लिए कोई सीमा तय नहीं है। ओपीडी और आईपीडी दोनों में इलाज उपलब्ध होगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना में कर्मचारी-पेंशनरों के लिए कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू करने को एक सितंबर की तारीख प्रस्तावित की गई है। अगस्त में कार्ड बनाए जाएंगे और अगस्त के वेतन से ही अंशदान लिया जाएगा।

कोविड-19 के साथ हमें डेंगू से भी रहना होगा सजगः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सीएम आवास और आवासीय कार्यालय परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने गमलों, नालियों आदि को चेक किया कि कहीं पानी तो इकट्ठा नहीं हो रखा है। जिन गमलों में पानी था, उन्हें खाली किया। मुख्यमंत्री ने पानी की टंकियों में भी देखा कि डेंगू के लार्वा तो नहीं पनप रहे हैं।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने डेंगू पर वार करने के लिए आमजन से हर रविवार को 15 मिनट का समय निकालकर घर और घर के आस पास एकत्र पानी को हटाने का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के साथ-साथ हमें डेंगू को लेकर भी बहुत सजग रहना है। साफ पानी में ही डेंगू पनपता है। हमें डेंगू को पनपने नहीं देना है। इसके लिए अपने घर और घर के आस पास पानी इकट्ठा न होने दें। हम हर सप्ताह रविवार को केवल 15 मिनट का समय निकालें और डेंगू पर वार करें। आमजन का योगदान बहुत जरूरी है।

रिकवरी रेट में उत्तराखण्ड देश में दूसरे नम्बर पर: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम तथा बचाव के लिए किये जा रहे कार्यों की वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि होम क्वारंटीन पर रखे गये लोगों की नियमित मॉनिटरिंग की जाय। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया जाय। होम क्वारंटीन एवं पर्यटन स्थलों पर सतत निगरानी के लिए पीआरडी, होमगार्ड एवं अन्य लोगों की ड्यूटी लगाई जाय। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कारवाई की जाय। हाई रिस्क मामलों एवं आरोग्य सेतु एप पर भी नियमित निगरानी रखी जाय। सर्विलांस सिस्टम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार मैदानी जनपदों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर एवं नैनीताल में विशेष सतर्कता की आवश्यकता है। इन जनपदों में सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाय। अभी प्रदेश में 558 कोविड के सक्रिय मामलों में से 473 इन चार जनपदों में हैं। शेष 9 जनपदों में 85 एक्टिव केस हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सब्जी मण्डियों एवं पर्यटक स्थलों पर फिजिकल डिस्टेंसिंग एवं कोविड-19 के अन्य मानकों का पूरा अनुपालन किया जाय। मानकों का अनुपालन न करने वालों पर कारवाई की जाय। कन्टेंटमेंट जोन माइक्रो लेबल पर बनाये जाय, ताकि उनकी निगरानी भी सही तरीके से हो एवं लोगों को अनावश्यक परेशानियां न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड सैंपल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई गई है। जल्द ही कुछ और ट्रू-नेट मशीन राज्य को मिलने वाली हैं, जिससे सैंपलिंग में और तेजी आयेगी। उन्होंने जिलाधिकारी नैनीताल को निर्देश दिये कि एसडीआरएफ के सहयोग से नैनीताल में 500 बैड का कोविड केयर सेंटर बनाया जाय। अभी उत्तराखण्ड रिकवरी रेट में देश में लद्दाख के बाद दूसरे नम्बर पर है। उन्होंने कहा कि कोविड पर प्रभावी नियंत्रण हेतु जिन जनपदों की सीमाएं अन्य प्रदेशों के जनपदों की सीमाओं से लगी हैं, सतर्कता के दृष्टिगत उस जनपद के प्रशासन से समन्वय रखा जाय। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये दिये की मानसून के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखी जाय, रिस्पांस सिस्टम कम से कम किया जाय। डेंगू से बचाव हेतु सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान सभी जिलाधिकारी एवं उनकी टीम अच्छा कार्य कर रहे हैं। लेकिन अभी हमको पूरी सतर्कता के साथ कार्य करने होंगे। जनता का भी सकारात्मक सहयोग मिला है।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि सर्विलांस सिंस्टम को प्राथमिकता पर रखा जाय। सभी जिलों में सैंपल टेस्टिंग टारगेटेड हो। हमें कोरोना से बचाव के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भी ध्यान देना होगा। प्रधानमंत्री जी के जान और जहान दोनों कांसेप्ट पर काम करना होगा। कान्टेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय। राज्य में स्थिति नियंत्रण में हैं, आगे भी हमारे प्रयास इसी तरह के होने चाहिए। बैठक में बताया गया कि काशीपुर में अधिक एक्टिव केस के दृष्टिगत काशीपुर में लॉकडाउन किया गया है।

बिना मास्क और सोशल डिस्टेसिंग का पालन नही करने पर दो बसे सीज

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश के रायवाला थानाक्षेत्र में अवैध तरीके से 70 और 69 सवारियों को लेकर आ रही यूपी नंबर की दो बसों को सीज किया है। साथ ही दोनों बस के मालिक और चालकों पर मुकदमा भी दर्ज किया है।
थानाध्यक्ष रायवाला हेमंत खंडूरी ने बताया कि सप्त ऋषि बैरियर पर चेकिंग के दौरान मंगलवार को बस संख्या यूपी53ईटी-9901 और यूपी95टी-4135 को रोककर जांचा गया। जांच के दौरान बस के अंदर सामाजिक दूरी का उल्लंघन मिला, अधिकांश यात्री बिना मास्क के बैठे मिले। थानाध्यक्ष ने बताया कि दोनों बसे देहरादून आ रही थी। दोनों ही बसों में 32-32 यात्रियों के बैठने की अनुमति हैं, मगर, बस में 70 और 69 यात्री भरे हुए मिले। बताया कि बस चालक पर सक्षम अधिकारी द्वारा निर्मित पास भी नहीं मिला।
थानाध्यक्ष ने यूपी53ईटी-9901 बस के चालक जयराम पुत्र भगरासन निवासी ग्राम कहला थाना बढ़ोली जिला गोपालगंज बिहार एवं वाहन स्वामी अभिषेक निवासी गोरखपुर उत्तर प्रदेश तथा बस संख्या यूपी95टी-4135 के चालक अजय पाण्डे पुत्र चन्द्रिका पाण्डे निवासी ग्राम तेलियां बसोली थाना बसंतपुर जिला सीवान बिहार एवं वाहन स्वामी केसी जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही दोनों बसों को सीज किया है।