धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मिलकर की चर्चा

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ उत्तराखंड में आयोजित होने वाली देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मेलन को लेकर विस्तृत चर्चा की। डा. रावत ने चार धाम में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में सहयोग को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया, साथ ही उन्होंने केन्द्रीय मंत्री को प्रदेश के ऊधमसिंह नगर जनपद में स्वीकृत एम्स सेटेलाइट सेटर के भूमि पूजन में आमंत्रित किया। मुलाकात के दौरान डा. रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को प्रदेश संचालित स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी, जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने डा. रावत के सकारात्मक पहलों की जमकर तारीफ की।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि दिल्ली प्रवास के दौरान आज उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर राज्य से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मसलों पर लम्बी चर्चा की। डा. रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखंड में देशभर के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन आयोजित होगा, जिसको लेकर केन्द्रीय मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रियों के सम्मलेन में भविष्य की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का रोड़मैप तैयार किया जायेगा। डा. रावत ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को जनपद ऊधमसिंह नगर में स्वीकृत एम्स सेटेलाइट सेंटर के भूमि पूजन हेतु आमंत्रित किया, जिस पर उन्होंने अपनी सहमति प्रदान की है। डा. रावत ने बताया कि चार धाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये जा रहे सहयोग को लेकर उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार जताया। जिस पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भविष्य में भी सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण को लेकर हर संभव सहयोग करने की बात कही। उन्होंने बताया कि चार धाम में स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण एवं तीर्थयात्रियों को सुलभ चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु विगत माह केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत 32.85 करोड़ के अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव भेजा था। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकर के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुये चार धाम यात्रा के लिये अतिरिक्त बजट मंजूर कर 28 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की थी।

नवजात की मौत पर स्वास्थ्य मंत्री ने दिये जांच के आदेश

अल्मोड़ा में सरकारी अस्पताल से रेफर नवजात की हायर सेंटर ले जाते समय हुई मौत के प्रकरण को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में परिजनों को सख्त कार्रवाई का भरोसा देते हुये स्वास्थ्य महानिदेशक एवं जिलाधिकारी अल्मोड़ा को प्रकरण की जांच के आदेश दिये हैं, डॉ. रावत ने जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महानिदेशक से एक सप्ताह के भीतर प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

अल्मोड़ा जिला के फलसीमा निवासी आरती आर्या के नवजात शिशु की मौत का संज्ञान लेते हुये सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसे दुःखद घटना बताया है। मीडिया को जारी बयान में डॉ. रावत ने कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये जिलाधिकारी व विभागीय स्तर पर अलग-अलग जांच कराई जायेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। इस तरह की घटना को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महानिदेशक को एक सप्ताह के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये गये हैं। रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो तथा अस्पताल आने वाले किसी भी मरीज के उपचार में लापरवाही न हो सके।

यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट-स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते है

एम्स ऋषिकेश में आयोजित यूथ-20 कंन्सल्टेशन समिट के दूसरे दिन उदघाटन के दौरान होलेस्टिक हेल्थ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि देश का प्रत्येक युवा शारीरिक और मानसिक तौर से पूर्ण स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए हमें युवाओं का भविष्य संवारना होगा।
जी-20 देशों के विभिन्न युवा प्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य और युवाओं के समग्र विकास पर आधारित सामूहिक परिचर्चा यूथ-20 समिट के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में देर सांय तक जारी रही। शुक्रवार को समिट के मुख्य अतिथि के तौर पर पहंुची केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ0 भारती प्रवीन पवार ने यूथ-20 सम्मेलन की प्राथमिकताओं पर व्यापक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमन्त्री का विजन है कि हमारे देश के युवा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को विशेष पहिचान दिलाएं। यह तभी संभव है जब देश के युवा स्वस्थ रहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वस्थ युवा ही देश के विकास में अपनी शक्ति लगा पाएंगे। कहा कि मोदी जी के विजन का ही परिणाम है कि आज देश में डेढ़ लाख से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। खेलों के माध्यम से युवाओं को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर पहंुचाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में शुरू की गयी ’खेलो इंडिया योजना’ को उन्होंने युवाओं के भविष्य के लिए विशेष कल्याणकारी योजना बताया। केन्द्रीय मंत्री भारती पवार ने ऋषिकेश एम्स द्वारा संचालित टेलिकंन्सलटेशन और ड्रोन द्वारा सुदूर इलाकों तक दवा पहंुचाने की सुविधा का जिक्र करते हुए इसे स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में बहुलाभकारी योजना बताया और इस योजना के संचालन के लिए एम्स ऋषिकेश की सराहना की। उन्होने युवाओं से आह्वान किया कि वह अपने हौसले को मजबूत बनाना सीखें। मजबूत हौसले से ही हमें कामयाबी मिलती है। यूथ-20 के आयोजन को उन्होंने युवाओं के लिए एक वैश्विक मंच बताया और कहा कि केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के मार्गदर्शन में देश भर के विभिन्न स्थानों में आयोजित किए जा रहे यूथ-20 सम्मेलन से हमारे देश के युवाओं एक नई दिशा और विकास परक सोच हासिल होगी।
विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड सरकार के वित्त और नगर विकास मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने उम्मीद जतायी कि इस सम्मेलन से देश के युवा देश हित में अपनी सोच विकसित करने की प्रेरणा हासिल करेंगे और विश्व को नई दिशा प्रदान करने में सक्षम होंगे।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री भारती पवार ने एम्स के हेलीपैड सहित अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों सहित चिकित्सकों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
इस दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, डीन एकेडेमिक्स प्रो0 जया चतुर्वेदी, दिल्ली एम्स के निदेशक प्रो0 श्रीनिवास, मंगलागिरी एम्स के निदेशक प्रो0 मुकेश त्रिपाठी, एम्स रायबरेली के निदेशक प्रो0 अरविन्द राजवंशी, एम्स गुवाहाटी के निदेशक प्रोफेसर अशोक पुराणिक, एम्स ऋषिकेश के वित्तीय सलाहकार ले0 कर्नल एस सिद्धार्थ, प्रशाशनिक अधिकारी गौरव बडोला सहित डॉक्टर गीता नेगी, डॉक्टर मोनिका पठानिया, डॉक्टर नीति गुप्ता, डॉक्टर मयंक मिश्रा, डॉक्टर भावना गुप्ता, डॉक्टर दलजीत, डॉक्टर प्रियंका, डॉक्टर मृदुल धर, डॉक्टर कल्याणी, डॉक्टर अनीश गुप्ता, डॉक्टर शाजिया, डॉक्टर आशीष भूते, डॉक्टर प्रखर शर्मा, डॉक्टर वंदना धींगरा, डॉक्टर विनोद सहित संस्थान का विभिन्न स्टॉफगण मौजूद रहे।

चार धाम यात्रा के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत अतिरिक्त बजट को मिली मंजूरी

चार धाम यात्रा के लिए भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को ओर भी मजबूत किए जाने हेतु यात्रा क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्साधिकारियों, नर्सेस व अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ के लिए प्रोत्साहन राशि की मंजूरी दी है।
स्वास्थ्य सचिव एवं एन.एच.एम. मिशन निदेशक डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि चार धाम यात्रा से पहले कई समीक्षा बैठकों तथा श्री बद्रीनाथ व श्री केदारनाथ धाम में स्थलीय स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण के दौरान यह महसूस किया गया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों में हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी कार्य करते हैं, उनको निश्चित तौर में अतिरिक्त मानदेय दिया जाना चाहिए। जिसके लिए भारत सरकार से अतिरिक्त धनराशि के लिए बजट की मांग की गई थी जिसको भारत सरकार ने स्वीकारा है और चार धाम यात्रा के लिए प्रदेश को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) के अंतर्गत अतिरिक्त बजट की मंजूरी दी है। निश्चित तौर पर इससे चारधाम क्षेत्र में कार्य कर रहे चिकित्साकर्मियों का उत्साहवर्धन होगा।
सचिव द्वारा बताया गया कि श्री केदारनाथ धाम रुट में केदारनाथ 3500-3600 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 1500 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 1000 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 700 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी। भीम बली-बडी लिनचोली 2600-3200 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 1000 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 600 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 400 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी। सोनप्रयाग-जंगल चट्टी 1800-2500 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 700 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 500 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 300 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी। रुद्रप्रयाग-फाटा 700-1500 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 400 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 250 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 150 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी।
वहीं श्री बद्रीनाथ धाम रुट में घांघरिया-बद्रीनाथ 3000-3100 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 1000 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 600 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 400 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी। गौचर-गोविंद घाट 800-1800 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 400 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 250 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 150 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी।
श्री गंगोत्री धाम रुट में हर्षिल-गंगोत्री 2700-3200 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 1000 रुपये, पैरामेडिक एवं नर्सेस को 600 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 400 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी। चिनियालिसौड़-गंगनानी 900-2000 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 450 रुपये, पैरामेडिक एवं नर्सेस को 300 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 200 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी।
श्री यमुनोत्री धाम रुट में जानकी चट्टी-यमुनोत्री 2600-3300 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 1000 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 600 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 400 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी। डामटा-राना चट्टी 650-2200 मीटर की ऊंचाई में तैनात चिकित्सकों को 450 रुपये, पैरामेडिकल स्टॉफ एवं नर्सेस को 300 रुपये व चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 200 रुपये की धनराशि प्रतिदिन दी जाएगी।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया की यात्रा रुट में स्वास्थ्य मित्रों को भी नियुक्त किया जा रहा है, जिनका चयन स्थानीय स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकरी द्वारा किया जाएगा। स्वास्थ्य मित्र स्वास्थ्य कर्मियों व यात्रीगणों की किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य इकाइयों में पहुंचाने का कार्य करेंगे। स्वास्थ्य मित्रों को प्रतिदिन 570 रुपये का मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक स्वास्थ्य मित्रों को दो दिवसीय लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब के लिए भी भारत सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है।

पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम पहुँचे स्वास्थ्य सचिव, सभी स्वास्थ्य ईकाइयों का किया निरीक्षण

अक्षय तृतीया के अवसर पर आज गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किये हैं। इस बार तीर्थयात्रियो को यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार का विशेष फोकस केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहत्तर बनाने पर रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखने सचिव डॉ आर राजेश कुमार पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परख रहे हैं। इस कड़ी में स्वास्थ्य सचिव ने बदरीनाथ धाम के बाद आज केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा कर जगह-जगह स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण कर रहे हैं। बीते रोज देर रात स्वास्थ्य सचिव रुद्रप्रयाग पहुंचे। जहां आज सुबह स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में पढ़ने वाले 10 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट और दो पीएचसी का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर छौड़ी, चीरबासा, जंगल चट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बडी लिनचोली, छानी, रुद्रा पॉइन्ट, बेस कैम्प, केदारनाथ में मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाये गये हैं।
केदारनाथ धाम पैदल यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से पैदल शुरू हुआ सचिव स्वास्थ्य का काफिला दोपहर बाद केदारनाथ धाम में जाकर रूका। इस दौरान रास्ते में मौसम का बदला मिजाज भी देखने को मिला। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भारी बर्फ जमी हुई देखने को मिली। बर्फबारी के बावजूद हर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद नजर आई। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले प्रत्येक मेडिकल रिलीफ प्वाइंट का बारीकी से निरीक्षण कर दवाओं का स्टॉक, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान का स्टॉक जांचा। इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव ने टेली मेडिसन यूनिट का भी निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा टेलीमेडिन सेवा स्वास्थ्य संबधी गंभीर परिस्थिति उत्पन्न होने पर यह यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। इसके द्वारा किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह प्राप्त की जा सकती है। जिससे बीमारी का तुंरत उपचार शुरू हो सकेगा। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण सेवाभाव और मनोयोग से यात्रियों की स्वास्थ्य जांच व सहयोग करने की अपील की। स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं पर संतुष्टि जाहिर की। इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएमओ रूद्रप्रयाग डॉ बिमल गुसाईं, आईसीबीसीसी चमोली के अधिकारी श्री उदय सिहं रावत समेत अन्य स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

10 एमआरपी, 2 सीएचसी, और 5 हैल्थ एटीएम हैं स्थापित
स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर इस बार सरकार का विशेष फोकस है। यहां 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गयी है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर दो पीएचसी सेटर भी स्थापित हैं। प्रत्येक मेडिकल रिलीफ पोस्ट में चिकित्सकों के साथ ही लगभग आधा दर्जन प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ तैनात किया गया है। वहीं दोनों सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पांच स्थानों पर हेल्थ एटीएम की स्वीकृति दी गई थी। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम की स्थापना कर दी गई है। एक हेल्थ एटीएम की स्थापना केदारनाथ धाम से पहले बेस कैंप के एमआरपी में की जा रही है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पांचों हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकि स्टॉप को बुधबार प्राथमिक) स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी में प्रशिक्षण दिया गया है।

डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की प्रयाप्त व्यवस्था
स्वास्थ्य सचिव के अनुसार यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो कि हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों। उन्होंने कहा कि हम चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पित हैं। यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डाक्टर, स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था की गयी है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिये कोविड जांच बढ़ाने के निर्देश

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने चार धाम यात्रा की तैयारियों के मध्यनजर स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने चार धाम यात्रा में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं अन्य सहायोगी कार्मिकों की तैनाती को लेकर विस्तृत समीक्षा की। डा. रावत ने बताया कि राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गों पर 6 दर्जन आपातकालीन सेवा 108 सहित कुल 200 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। जिनमें ऑक्सीजन सिलेंडर सहित आवश्यक जीवन रक्षक सुविधाएं उपलब्ध है। यात्रा मार्गों पर तैनात आपातकालीन सेवा 108 के रिस्पांस टाइम को घटाकर 15 मिनट कर दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चार धाम यात्रा को लेकर समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डा. रावत ने कहा कि विशेष कर केदारनाथ व हेमकुंड साहिब जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिये बनाये गये एमआरपी (मेडिकल रिस्पांस प्वाइंट) पर तैनात मेडिकल स्टॉफ को आवश्यक जीवन रक्षक उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। इसके साथ ही उन्होंने गंगोत्री, यमुनोत्र व बदरीनाथ यात्रा मार्गां पर स्थित स्थाई एवं अस्थाई चिकित्सा इकाईयों में पर्याप्त दवाईयों के साथ ही चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती पर विशेष ध्यान देने को कहा।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर को बदरीकेदार एवं हेमकुंड साहिब यात्रा के लिये बेस कैम्प बनाया गया है जहां पर कार्डिक यूनिट सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात रहेंगे। इसी प्रकार गंगोत्री, यमुनोत्री आने वाले यात्रियों के लिये एम्स ऋषिकेश को बेस कैम्प बनाया गया है ताकि आपातकाल स्थिति में किसी भी यात्री को निश्चित समय के अंतर्गत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, फिर भी सभी को सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को प्रदेशभर में अधिक से अधिक संख्या में कोरोना टेस्टिंग एवं टीकाकरण अभियान संचालित करने के निर्देश दिये साथ ही आम जनमानस को कोरोना के प्रति जागरूक करने को भी कहा।
बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य अमरदीप कौर, अपर सविच अरूणेन्द्र सिंह चौहान, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. भारती राणा, अपर निदेशक डा. मीतू शाह, संयुक्त निदेशक डा. सुनीता चुफाल, कुलसचिव उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी डा.एम.के. पंत, डॉ. अनिल मोहन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने धाम तक पहुंच रहे स्वास्थ्य सचिव

श्री बदरीनाथ धाम पहुंचकर स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा/स्थलीय निरीक्षण किया। बदरीनाथ एवं श्री हेमकुंड साहिब यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य के लिए विशेष इंतजाम के तहत यात्रियों को स्वास्थ्य जोखिम को कम करने के लिए तथा यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंतजामों को पुख्ता करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने श्री बदरीनाथ धाम एवं श्री हेमकुंड साहिब यात्रा पड़ाव में पड़ने वाले यात्रा मार्ग में स्थित स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधाओं के स्थलीय निरीक्षण एवं तैयारियों हेतु स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार निरीक्षण के दूसरे दिन जनपद चमोली के सुप्रसिद्ध धाम श्री बदरीनाथ मैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं मेडिकल रिलीफ पॉइंट का निरीक्षण किया।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी केंद्रों पर यात्रा से पूर्व सभी आवश्यक जीवनदायिनी औषधियों, स्वास्थ्य उपकरण, उच्च हिमालय क्षेत्रों में होने स्वास्थ्य जोखिम को कम करने वाले स्वास्थ्य उपाय व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को यात्रा से पूर्व सुसज्जित करने का मुख्य चिकित्सा अधिकारी निर्देशित किया। सुबह जोशीमठ से आगे 38 किलोमीटर की दूरी पर चार धाम यात्रा निर्माण कार्य के कारण मोटर मार्ग अवरोध था। वहां से पैदल मार्ग को पार करके सचिव स्वास्थ्य एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभी कर्मचारियों सहित बदरीनाथ धाम पहुंचे। वहां पर सर्वप्रथम धाम में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एमआरपी का उन्होंन स्थिलीय निरीक्षण किया। स्वास्थ्य विभाग का निर्माणाधीन ट्रांजित हॉस्टल एवं निर्माणाधीन 50 बेड का हॉस्पिटल का निरीक्षण किया निर्माणाधीन ट्रांजिट हॉस्टल के धीमीगति के लिए निर्माण दाई संस्था को तुरंत निर्माण को पूर्ण करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया। बदरीनाथ धाम एवं सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के पड़ाव में पड़ने वाले पांडुकेश्वर एवं गोविंदघाट में अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं एमआरपी में भी सचिव के द्वारा सभी स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया गोविंदघाट गुरुद्वारा साहिब में पहुंचने पर गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह द्वारा हेमकुंड यात्रा में स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। सचिव ने हेमकुंड जाने वाले यात्रियों के लिए सभी आवश्यक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया।

स्वास्थ्य सचिव जांच रहे चारधाम यात्रा रुट में स्वास्थ्य सुविधाएं

चारधाम यात्रा के मध्य नजर यात्रा के मुख्य पड़ाव श्रीनगर में स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर.राजेश कुमार द्वारा उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर और बेस चिकित्सालय श्रीकोट में स्थापित हेल्थ एटीएम का निरीक्षण किया गया। उनके द्वारा हेल्थ एटीएम के सुचारू रूप से संचालन हेतु चिकित्सालय प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उनके द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए हेल्थ एटीएम पर एक टेक्निकल व्यक्ति तैनात रखने हेतु निर्देशित किया गया।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी को पूरी तैयारियों के साथ यात्रा व्यवस्थाओं में पैरामेडिकल स्टाफ को मुस्तैदी से कार्य करने हेतु निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि यात्रा रूट पर गढ़वाल मंडल में चिन्हित विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में सीएसआर के अंतर्गत हेवलेट पेकर्ड इंटरप्राइजेज द्वारा 50 हेल्थ एटीएम स्वास्थ्य स्क्रीनिंग हेतु स्थापित किए गए हैं। हेल्थ एटीएम पर ब्लड प्रेशर, शुगर,शरीर का तापमान, ऑक्सीजन की मात्रा, बॉडी फैट, इंडेक्स, डिहाईड्रेशन, पल्स रेट सहित 70 निशुल्क जांचें की जाएंगी। उन्होंने कहा कि यात्रा रूट पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारा जा रहा है और आने वाले समय में हेल्थ एटीएम की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही इसके साथ ही उनके द्वारा जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी को जनपद पौड़ी के अंतर्गत आने वाले यात्रा रूट पर टीम बनाकर विभिन्न होटलों ढाबों व रेस्तरां में खाद्य पदार्थों की सघन चेकिंग अभियान चलाने हेतु निर्देशित किया गया।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ सी.एम. एस. रावत, चिकित्सा अधीक्षक डॉ गोविंद पुजारी, डॉ सुरेश कोठियाल व चिकित्सालय स्टाफ मौजूद रहा।

मॉक ड्रिल के दूसरे दिन स्वास्थ्य सचिव ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

कोविड से डरने की नहीं, कोविड को हराने की आवश्यकता है। यह बात सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश कुमार द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्देशित मॉक ड्रिल के द्वितीय दिवस पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय में कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर तैयारियों का जायजा लेते हुए कही। सचिव स्वास्थ्य ने चिकित्सालय में पहुंचकर ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू, वेंटीलेटर, बेड इत्यादि का जायजा लिया।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोरोना के सक्रिय रोगी हैं जिनमें अधिकतर सामान्य लक्षण के साथ है व होम आइसोलेटेड है। कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ रही है। सचिव स्वास्थ्य द्वारा आम जनमानस से कोविड-19 एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने की अपील की गई। सचिव स्वास्थ्य ने सभी चिकित्सकों को रोगियों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है। किसी अन्य गंभीर रोग से ग्रसित लोगों वृद्ध लोगों को अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोविड से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग तत्पर एवं तैयार है। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में आमजनमानस को सुविधाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से मुस्तैद है।
निरीक्षण के दौरान प्राचार्य/निदेशक चिकित्सा शिक्षा राजकीय दून मेडिकल कॉलेज डॉ0 आशुतोष सयाना, डॉ0 अजय नगरकर, अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति, डॉ0 पंकज कुमार, कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

‘‘ईजा-बोई शगुन योजना‘‘ मां और बच्चें के लिए वरदान-स्वास्थ्य सचिव

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को मनाया जाता है जिसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक देखभाल, चिकित्सा जांच, स्वास्थ्य सहायता और सरकारी पहल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देष्य से ही प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले, जन्म के दौरान और बाद में देखभाल के बारे में जागरूक कराना है।
सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया गया कि प्रदेश में विभिन्न जन स्वास्थ्य प्रयासों के उपरान्त मातृ स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न आंकड़ों में प्रगति दर्ज की गई है। हाल ही में जारी नेशनल फैमली हैल्थ सर्वे 2020-21 रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रथम तीमाही में पंजीकृत किए जाने में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी (68.8 प्रतिशत), 04 प्रसव पूर्व जांचों में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी (61.8 प्रतिशत) एवं संस्थागत प्रसवों में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी (83.2 प्रतिशत) दर्ज की गई है।
सचिव स्वास्थ्य द्वारा जानकारी साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में मनाया गया है। साथ ही इस दिवस पर गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय जांच, खान-पान तथा गर्भावस्था के दौरान एवं प्रसव के उपरान्त होने वाले जटिलताओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गई।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड ने मातृ एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य बेहतर करने हेतु जनपद हरिद्वार में 200 बेड एम.सी.एच. विंगचेनराय महिला चिकित्सालय, 50 बेड एम.सी.एच. विंग हल्द्वानी एवं 30 बेड अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेहुवाला जनपद देहरादून में शीघ्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना सरकार का प्राथमिक फोकस बना हुआ है इसी के दृष्टिगत प्रदेश में प्रसूता के लिए ईजा-बोई शगुन योजना लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु प्रसव उपरान्त सरकारी अस्पताल में 48 घण्टे तक रूकने वाली सभी पात्र प्रसूताओं को रू. 2000/- की एक प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दी जानी है। जो कि जननी सुरक्षा योजना में दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि रू. 1400/- (ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) एवं रू. 1000/- (शहरी क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) के अतिरिक्त है। यह नीति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करने और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया कि सुरक्षित प्रसव हेतु उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय / स्वास्थ्य इकाइयों के नजदीक आश्रय प्रदान करने के लिए शीघ्र ही बर्थ वेटिंग होम वन स्टॉप सेन्टर में संचालित कर दिया जायेगा
उन्होंने आम जन से आवाहन किया है कि हम सब मिलकर सुरक्षित मातृत्व के सन्देश को जन-जन तक पहुॅचाकर जननी एवं शिशु को स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य देने में अपना योगदान दें।