भारत सरकार की नजर में होगा नैनी झील का संरक्षण

पर्वतीय क्षेत्र नैनीताल यूं तो देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिये जाना जाता है। हों भी क्यों ना? आखिर यहां नैनी झील ने सबको अपनी ओर आने पर विवश जो कर रखा है। आप यहां कभी भी आकर नैैनी झील में बोटिंग का लुफ्त उठा सकते है, परंतु इस बार नैैनी झील का जलस्तर घटने से जहां नैैनीताल की जनता के सम्मुख पेयजल की समस्या बनी हुयी है, तो वही पर्यटकों को आकर्षित करने वाली नैनी झील अब कम आकर्षित कर रही है और इसका प्रभाव यह देखने को मिला कि यहां पर्यटकों की संख्या अन्य वर्षों की तुलना में कम आंकी गई। लेकिन अब नैैनी झील के जलस्तर की डोर केद्र सरकार की अमृत योजना से दूर होगी।
भारत सरकार की अमृत योजना से नैनी झील में गिरने वाले क्षतिग्रस्त नालों को दुरुस्त करने, नालों की कवरिंग, पार्किंग आदि के लिए सात करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है। झील का स्वामित्व सिंचाई विभाग को सौंपने के बाद लोक निर्माण विभाग ने यह प्रस्ताव भी सिंचाई विभाग को सौंप दिया है। दरअसल, ब्रिटिश शासनकाल में नैनी झील के संरक्षण-संवर्धन के लिए शहर की पहाड़ियों पर 62 नाले बनाए गए थे। इनमें से सात नाले झील के जलागम क्षेत्र सूखाताल में गिरते हैं, जबकि छह बलियानाला में। टूट-फूट व अन्य वजहों से इनमें से तीन नालों का अस्तित्व खत्म हो चुका है। 44 नाले सीधे नैनी झील में गिरते हैं। बारिश में इन्हीं नालों के माध्यम से झील रीचार्ज होती है। अतिक्रमण, कूड़ा-कचरा आदि की वजह से नालों का अस्तित्व खतरे में पड़ा तो हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा। झील में गिरने वाले नालों के किनारे से अतिक्रमण हटाने का आदेश पारित किया गया। इसके बाद हरकत में आई मशीनरी द्वारा अतिक्रमण की वजह से बंद किए गए नालों को खोला गया। इसी साल गर्मियों में झील का जलस्तर रिकार्ड स्तर पर नीचे चला गया तो पूरी सरकार और शासन तंत्र हिल गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत खुद झील का निरीक्षण करने व स्थानीय विशेषज्ञों से बात करने नैनीताल पहुंचे तो राज्यपाल ने उच्चस्तरीय बैठक कर कमिश्नर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई।
नालों के ऊपर जाली लगाने का प्रस्ताव
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एमपीएस कालाकोटी के अनुसार अमृत योजनांतर्गत नालों को कवर करने का भी प्रावधान है, ताकि अतिक्रमण और कूड़ा-करकट से उनको बचाया जा सके। 23 नंबर नाले के दोनों ओर घनी आबादी है। इसलिए नाले के ऊपर जाली लगाने का भी प्रावधान किया गया है। मल्लीताल मस्जिद के पीछे तथा बीडी पांडे अस्पताल के समीप पार्किंग का भी प्रस्ताव है। झील के समीप के खुले नाले पर स्कवर बनाने की योजना है, ताकि अत्यधिक बारिश में पानी सड़क के बजाय सीधे झील में जाए।

महिला क्रिकेटर से ऐसा कौन सा गिफ्ट पाकर कोच हुए गदगद

राज्य सरकार द्वारा खेल दिवस पर मानसी जोशी को सम्मानित किये जाने के बाद मानसी ने अपने गुरू को सम्मानित न करने पर नाराजगी जताई थी और वह खुद भी राज्य सरकार की ओर से सम्मान में दिए जाने वाली राशि पर नाखुश थी, लेकिन अपने गुरू के प्रति सच्ची श्रद्धा व सम्मान का भाव रखनी वाली मानसी ने उन्हें सरप्राइज गिफ्ट देने की मन में ठान ली थी।
गुरु की प्रेरणा से अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंची महिला क्रिकेटर मानसी जोशी ने अपने गुरु को उपहार स्वरूप कार भेंट की है। मानसी का कहना है कि कोच वीरेंद्र रौतेला की मेहनत का फल है कि वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं।
महिला विश्वकप की उपविजेता भारतीय टीम की सदस्य मानसी जोशी पिछले चार साल से क्रिकेट कोच वीरेंद्र सिंह रावत से प्रशिक्षण ले रही है। उनके सिखाए गुर और कठिन परिश्रम से मानसी ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया।
सालभर के अंदर ही उन्होंने भारतीय महिला टीम में अपना स्थान पक्का करते हुए विश्वकप के लिए चुनी गई टीम तेज गेंदबाज के रूप में जगह बनाई। मानसी ने अपनी सफलता का श्रेय देते हुए कहा कि आज जो कुछ भी हूं वो रौतेला सर की बदौलत हूं। सेंट जोजफ्स ऐकेडमी में उन्हीं के प्रयासों से प्रैक्टिस शुरू कर सकी। अपने गुरु को सम्मानित करने के लिए उन्होंने गुरू वीरेन्द्र रौतेला को स्विफ्ट डिजायर कार भेंट की। अपनी शिष्य से उपहार पाकर वीरेंद्र रौतेला गदगद हो गए। वीरेंद्र सिंह रौतेला ने कहा कि उन्हें इस तरह के सरप्राइज गिफ्ट की कल्पना नहीं थी। मानसी ने जो सम्मान दिया है उससे कोई भी गुरु फर्क महसूस कर सकता है। कोच का काम खिलाड़ी तैयार करना होता है। बिना लालच के अपने अनुभव और परिश्रम से वह देश के लिए खिलाड़ी तैयार करता है। मुझ गर्व है कि मानसी ने मुझे इस काबिल समझा।

उत्तराखंड सरकार के इनाम से क्यों नाखुश हुयी ये महिला क्रिकेटर

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नाम कमा चुकी मूल रूप से उत्तराखंड की महिला क्रिकेटर एकता बिष्ट और मानसी जोशी उत्तराखंड सरकार के सरप्राइज गिफ्ट से नाखुश हैं। दोनों ही महिला क्रिकेटरों का कहना है कि जिस तरह से सरकार की ओर से बड़ी-बड़ी बातें हो रही थीं, उस हिसाब से यह गिफ्ट कुछ भी नहीं है। दोनों ने अपने प्रशिक्षकों को सम्मानित न करने पर भी ऐतराज जताया।
आईसीसी महिला विश्वकप खेलकर लौटीं अल्मोड़ा की एकता बिष्ट और दून की मानसी जोशी को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दोनों खिलाड़ियों को पांच-पांच लाख रुपये की धनराशि दी गई। पत्रकारों से बातचीत में एकता ने सरकार के इस पुरस्कार पर नाराजगी जताई। वहीं क्रिकेटर मानसी जोशी ने उत्तराखंड सरकार की नौकरी ठुकराई,। एकता ने कहा कि खेलमंत्री ने वादा किया था कि उम्मीद से दोगुना इनाम मिलेगा, लेकिन यह तो उम्मीद से कई गुणा कम है। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों की सरकारों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेटरों को अपना घर बनाने के लिए जमीन दी है या उसके एवज में पैसा दिया है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। सरकार को इन चीजों पर विचार करना चाहिए, जिससे आने वाले युवा खिलाड़ियों को लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस तरह से अन्य खिलाड़ियों के प्रशिक्षकों को इनामी राशि दी गई है, उसी तरह हमारे प्रशिक्षकों को भी पुरस्कृत किया जाना चाहिए था। प्रशिक्षकों को सम्मानित न किए जाने से भी दोनों क्रिकेटर नाराज हैं। वहीं, मानसी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने उन्हें पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर बनाने की बात कही है। लेकिन सरकार के शासनादेश में केवल 30 दिन की छुट्टी का प्रस्ताव है। यहां नौकरी करके वे राष्ट्रीय स्तर पर खेल भी नहीं पाएंगी। इससे उनको कोई लाभ नहीं मिलेगा। उधर, खेल मंत्री अरविंद पांडे का कहना है कि मानसी की मांग पर उन्हें डिप्टी एसपी पद दिया जाए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को नियमावली में संशोधन करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने भी इसकी संस्तुति की है।

बच्चों को बेहतर खेल सुविधा मिले, इसके लिये हो रहा है कामः त्रिवेन्द्र

29 अगस्त यानी राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्रदेश के मुखिया त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गाँधी पार्क में आयोजित ‘रन फॉर उत्तराखण्ड‘ का हरी झण्डी दिखाकर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री बोले राष्ट्रीय खेल दिवस एक ऐसे खिलाड़ी, मेजर ध्यान चंद कीे याद में मनाया जाता है जिसने देश की आन बान और शान के लिये जी-तोड़ मेहनत की। भारत को हॉकी का सरताज बना दिया। कभी हार न मानना, मुश्किलों में बहाना नहीं बनाना, जुझारूपन, लीडरशिप क्वालिटी जैसी बातें हम मेजर ध्यान चंद के जीवन से सीख सकते हैं। ‘रन फॉर उत्तराखण्ड‘ में नौजवानों एवं बड़ी उम्र के लोगों को भाग लेते हुए देख कर बहुत खुशी हो रही है। हम राज्य के विकास के लिये दौड़ें, हम जो भी करें राज्य के लिये करें। हमारे लिये राज्य का विकास ही सर्वोच्च होना चाहिए। आप लोगों के मजबूत इरादे, जोश और खेल भावना को देखकर ही इस रैली को ‘रन फॉर उत्तराखण्ड‘ नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल होने हैं। उसकी तैयारियों के लिये एक महत्वपूर्ण शुरूवात हुयी है। इसके लिये हम आयोजन स्थलों को भी तैयार कर रहे हैं। बच्चों को बेहतर खेल सुविधाएं मिलें, इस पर सरकार गम्भीरता से काम कर रही है। समय-समय पर ऐसे आयोजन होते रहेंगे, ताकि राज्य राष्ट्रीय खेलों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सके। इस वर्ष यह दौड़ उत्तराखण्ड के लिये हो रही है, अगले वर्ष यह दौड़ देश के लिये होगी। इस अवसर पर खेल मंत्री अरविन्द पाण्डे, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, हरबंस कपूर, खजानदास, शूटिंग टेªनर जसपाल राणा सहित बड़ी संख्या में स्कूलकॉलेजों के छाघ्त्रछात्राएं और एनसीसी कैडेट्स उपस्थित थे।

कैसे होगी पढ़ाई जब प्रदेश में शिक्षकों के 7 हजार पद रिक्त है!

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि प्रदेश में 7 हजार शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। सरकार भी इन पदो को भरे जाने के लिए गंभीर है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति का मामला हाईकोर्ट की शरण में है जिस कारण सरकार कोई फैसला नही कर पा रही है। शिक्षामंत्री का कहना है कि जैसे ही हाईकोर्ट की तरफ से आदेश आएगा। सरकार द्धारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर चयन आयोग को निर्देश दे दिए जाएंगे।
वहीं, शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेहतर पठन पाठन व शैक्षणिक माहौल के लिए प्रदेश में बोर्ड बदलने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो पाठ्यक्रम बदने की जिसके लिए सरकार ने सैलेबस बदलने की पहल की है। जिसे केबिनेट में भी पास करा लिया गया है। जिसके बाद अब विद्यार्थी एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ सकेंगे। कक्षा एक से लेकर इंटरमीडिएट तक के सभी विद्यालयों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया है। एनसीईआरटी पुस्तकों के माध्यम से ही मेडिकल, इंजीनियरिंग तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र तैयार किए जाते हैं। इस व्यवस्था के बाद हमारे विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर करेंगे।

कुमॉउ में नंदा देवी मेले की है अलग पहचान

कुमॉउ का प्रसिद्ध मॉं नंदा देवी मेले की आज विधिवत शुरुआत हो गई। यह मेला इस लिए भी खास है कि कुमॉउ में मां नन्दा देवी को अपनी आराध्य माना जाता है। मॉं नंदा देवी मंदिर में आज मॉं नंदा सुनंदा की मूर्तियों के लिए लाये गये कदली वृक्षों का पूजन किया गया। मौके पर चंद वंष के वंषज केसी बाबा पूर्व सांसद नैनीताल ने पूजा सम्पन्न कराई। प्रदेष के पर्यटन, सिंचाई व संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी पूजा कार्यक्रम में षिरकत की। मॉं नंदा देवी मेला समिति के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने बताया कि मॉं नंदा देवी उत्तराखण्ड की अधिष्ठात्री देवी के रुप में पूज्य है। अल्मोड़ा मॉं नंदा देवी मेला ऐतिहासिक पहचान रखता है। मेले को भव्य बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

डेरा प्रमुख के बहाने चीन ने कसा भारत पर तंज, कहा भारत पहले अपने आंतरिक मामले सुझलाए

चीन अब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के मामले में भी कूद पड़ा है और भारत पर तंज कसते हुए कहा है कि वह पहले अपने आंतरिक मामले सुलझा ले।
ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया है कि भारत पहले अपने आंतरिक मामलों को सुलझाए। उसमें यह भी कहा गया है कि डेरा सच्चा सौदा की लोकप्रियता और ताजा हिंसा ने भारत की राजनीतिक और सामाजिक समस्या को सबके सामने लाकर रख दिया है।
लेख के जरिए चीन एक बार फिर अपना पुराना राग भी अलापा है। इसमें भारतीय जवानों को वापस बुलाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि डोकलाम को लेकर पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई। जब चीन ने भारतीय जवानों पर सिक्किम सीमा पार करने और डोकलाम में चल रहे एक सड़क निर्माण के काम में बाधा डालने का आरोप लगाया। इस विवाद को दो महीने से ज्यादा समय हो गए और चीन लगातार भारत से अपने जवानों को वापस बुलाने की मांग कर रहा है।
राम रहीम का जिक्र करते हुए लेख में लिखा गया है कि पिछले हफ्ते अपने साध्वियों के साथ दुष्कर्म मामले में एक धार्मिक गुरु को दोषी करार दिए जाने के बाद 36 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों जख्घ्मी हो गए। हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली में हिंसा फैल गई है।
इस धर्म गुरु की जबरदस्त लोकप्रियता दर्शाती है कि भारत एक हाथी की तरह फंस गया है, जो परंपरा और आधुनिकता की मुश्किल से जूझ रहा है। भारतीयों ने दुनिया में हमेशा अपने देश को पवित्रता का गढ़ बताया है, मगर अंधविश्वास और दकियानूसी परंपरा वाली सोच उसके आधुनिकीकरण में मुश्किल बनी है। हम चिंतित हैं कि भारत आंतरिक हिंसा से ध्यान भटकाने के लिए डोकलाम विवाद का इस्तेमाल कर सकता है। राम रहीम की घटना दर्शाती है कि भारत की जनता देश की पारंपरिक राजनीति से मायूस है। बड़ी संख्या में ऐसे नाखुश भारतीय गैर-पारंपरिक धार्मिक गुटों की ओर जा रहे हैं।

अव्यवस्था देख नाराज हुई डीएम, ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश

बागेश्वर में जिलाधिकारी रंजना ने राजकीय बद्रीदत्त पांडे स्नातकोत्तर महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बीएससी भवन को ठीक करने के निर्देश दिए। नौ साल पहले यह भवन अभी तक महाविद्यालय को हैंडओवर नहीं हुआ है। उन्होंने संबंधित ठेकेदार के खिलाफ विभाग को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
डीएम रंजना ने शनिवार को पीजी कालेज का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने नौ साल पहले बने बीएसएसी भवन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टर गिर रहा है। छत की ढाल ठीक नहीं है। अभी तक महाविद्यालय को भवन हैंडओवर भी नहीं हुआ है। उन्होंने कार्यदायी संस्था जल निगम को भवन की मरम्मत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार मरम्मत नहीं करता है, तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। उन्होंने पुस्तकालय देखा तो कंप्यूटर कक्ष धूल से सना मिला। एक साल से कक्ष बंद था। उन्होंने बीएसएनएल को कालेज में वाईफाई सेवा जोड़ने के निर्देश दिए। ई-लर्निंग कक्षाओं का संचालन नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन की सुविधा नहीं मिल पा रही है। छात्रावास में गंदगी मिली। कूड़ा और खाली बोतल फेंक हुए मिले। उन्होंने स्वच्छता के प्रति कालेज प्रशासन को सावधान किया। डीएम ने कालेज में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने लैब को अपडेट रखने को कहा। उन्होंने कहा कि कालेज को ग्रॉंड दिलाने के लिए शासन स्तर पर बात करने का भरोसा दिलाया। डीएम ने कहा कि कालेज स्तर की समस्याओं को स्वयं ठीक किया जा सकता है। जिला प्रशासन भी इसमें मदद करेगा। उन्होंने पानी टंकी आदि का भी निरीक्षण किया।

तो क्या रेल हादसों का इंतजार कर रहा रुद्रपुर रेलवे स्टेशन!

बढ़ते रेल हादसों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से बरेली मंडल के डीआरएम निखिल पांडेय ने रुद्रपुर रेलवे स्टेशन का दौरा करके कई खामियों को पकड़ा। उन्होंने लापरवाही बरतने पर सीनियर सेक्शन इंजीनियर टेलीकॉम को निलंबित कर दिया। बरेली मंडल के डीआरएम निखिल पांडेय ने रेलवे स्टेशन का दौरा करके कई खामियों को पकड़ा। डीआरएम को निरीक्षण के दौरान इलैक्ट्रॉनिक सिस्टम में अनियिमतिताएं मिली। बताया जाता है कि रेलवे ट्रेक में भी गड़बड़ी पाई गई, जिस पर डीआरएम ने स्थानीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने यहां मिली तकनीकी गड़बडिय़ों के लिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर टेलीकॉम के पद पर तैनात मनोज जंगपांगी को निलंबित करने के आदेश दिये। इसके अलावा डीआरएम ने रेलवे स्टेशन का बारीकी से निरीक्षण करके सफाई व्यवस्था पर नाराजगी जताई। उन्होंने रेलवे के स्टेशन अधीक्षक को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीआरएम ने कहा कि रेलवे हादसों को रोकने के लिए सभी उपाय कर रहा है। इसी क्रम में उनका दौरा हुआ है।

हरियाणा दंगे के बाद राम रहिम के अनुयायियों पर पुलिस रख रही नजर!

यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद हरियाणा में हुई हिंसा के बाद ऊधमसिंह नगर जिले में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है। संदिग्धों पर नजर रखने के साथ ही पुलिस ने उत्तरप्रदेश से सटे जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकिंग अभियान चलाना शुरू कर दिया है। साथ ही खुफिया तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है।
आपको बत दे कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की गिरफ्तारी के बाद पंजाब, हरियाणा में उनके समर्थक हिंसा व आगजनी पर उतर आए। इससे प्रशासन सतर्क हो गया। ऊधमसिंह नगर जिले में पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जिले के गदरपुर, बाजपुर और रुद्रपुर क्षेत्र में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के समर्थक होने के कारण खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है। पुलिस ने बार्डर क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाकर संदिग्धों से पूछताछ भी की। ऊधमसिंह नगर के एएसपी देवेंद्र पींचा का कहना है कि जिले में एहतियातन अलर्ट घोषित कर दिया गया है। खासकर बाजपुर और गदरपुर क्षेत्र में संदिग्धों पर नजर रखने के लिए खुफिया तंत्र को सक्रिय किया गया है। विरोध स्वरूप सड़कों पर उतरने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।