एम्स ऋषिकेश की कार्यप्रणाली से अवगत हुए मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स, ऋषिकेश में आयोजित बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री को ऋषिकेश एम्स द्वारा किए जा रहे विभिन्न कार्य, जन सेवा कार्यों, एम्स में मौजूद डॉक्टर, फैकल्टी, छात्रों एवं एडमिट मरीजों की संख्या, विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत करवाया गया।

एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि ऐम्स ऋषिकेश में आधुनिक तकनीकी के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है, उन्होंने कहा एम्स ऋषिकेश में हेली सर्विस के माध्यम से दूरदराज पहाड़ों से गंभीर मरीजों को इलाज हेतु लाया जाता है उत्तराखंड राज्य के साथ ही अन्य राज्य से भी बड़ी संख्या में मरीज इलाज हेतु एम्स ऋषिकेश आते हैं। प्रो. मीनू सिंह ने कहा की आने वाले समय में एम्स ऋषिकेश ड्रोन के माध्यम से दूरदराज पहाड़ी इलाकों में आवश्यक दवाइयों को पहुंचाने का कार्य भी करेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एम्स ऋषिकेश को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ समन्वय बनाने की बात कही, उन्होंने कहा आपदाओं के दौरान एम्स ऋषिकेश अपनी अहम भूमिका निभाता आया है, आपदा पीड़ित लोगों को जल्दी इलाज मिल सके इसके लिए राज्य सरकार एवं एम्स ऋषिकेश में आपसी समन्वय होना जरूरी है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य के विभिन्न जगहों पर डॉक्टरों द्वारा कैंप लगाए जाएं, जिससे गांव में ही मरीजों के इलाज मिल सके । मुख्यमंत्री ने एम्स ऋषिकेश के विस्तार हेतु राज्य सरकार द्वारा हर संभव मदद किए जाने की बात कही।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, मेडिकल सुपरिटेंडेंट संजीव मित्तल, प्रो. जया चतुर्वेदी, प्रो. मनोज गुप्ता एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

एम्स ने सेटेलाइट सेंटर के लिए चयनित भूमि पर कब्जा लिया

एम्स ऋषिकेश को राज्य सरकार की ओर से कुमाऊं मंडल में सेटेलाईट सेंटर निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण कर ली गई है। एम्स जल्द यहां सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण शुरू करेगा।
कुमाऊं सेंटर ऑफ एम्स ऋषिकेश के लिए मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया संपन्न कराई गई। इस दौरान एम्स के अधिकारियों ने सेटेलाइट सेंटर के लिए चयनित भूमि पर कब्जा ले लिया है। इसके लिए एम्स के डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता की अगुवाई में संस्थान के अधिकारी उप निदेशक प्रशासन ले. कर्नल अच्युत रंजन मुखर्जी, अधिशासी अभियंता अजय गुप्ता व जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल मौके पर मौजूद रहे। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा कुमाऊं मंडल के किच्छा, उधमसिंहनगर में एम्स के सेटेलाईट सेंटर के लिए 100 एकड़ भूमि हस्तांतरित की गई है। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने बताया कि उक्त हस्तांतरित भूमि पर एम्स एक से डेढ़ वर्ष में टर्सरी केयर सेंटर स्थापित करेगा।
कुमाऊं सेंटर ऑफ एम्स ऋषिकेश में सभी प्रकार की सुपरस्पेशलिटी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि संस्थान की प्राथमिकता रहेगी कि कुमाऊं मंडल के लोगों को सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं, जिससे उन्हें इलाज के लिए ऋषिकेश तक की दूरी तय नहीं करनी पड़े।

एम्स के प्रो. संतोष कुमार और आईआईटी दिल्ली ने तैयार की ‘‘कोरोना से बचाव एक सजग पहल’’ पुस्तक, हुआ लोकार्पण

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार और उनकी टीम द्वारा उन्नत भारत अभियान, व आई.आई.टी. दिल्ली के तत्वावधान में तैयार की गई ‘कोरोना से बचाव एक सजग पहल’ नामक पुस्तक का विधिवत लोकार्पण किया गया। आयोजित कार्यक्रम में अभियान के राष्ट्रीय संयोजक मुख्य अतिथि प्रो. वीरेंद्र के. विजय व विशिष्ट अतिथि आर.सी.आई. समन्वयक आई.आई.टी. रुड़की प्रो.आशीष पाण्डेय,एम्स के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता व सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो.वर्तिका सक्सेना व पुस्तक के लेखक डा.संतोष कुमार ने संयुक्तरूप से विधिवत विमोचन किया। इस अवसर पर उन्नत भारत अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो. वी.के. विजय ने प्रकाशित पुस्तक की सराहना की और इसे वृहद जनउपयोगी दस्तावेज बताया। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक कोरोना से लड़ने के लिए मील का पत्थर साबित होगी और देशभर में अधिकांश लोग व शिक्षण संस्थान, ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोग जिन्हें कुछ अनुभव या सुझाव, कोविड के बारे में जानकारी व कोरोना ग्रसित होने की स्थिति में क्या करें,किस तरह से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें आदि समग्र जानकारियां इस पुस्तक के माध्यम से मिल सकेगी।
आई.आई.टी. रुड़की के आरसीआई समन्वयक प्रो.आशीष पांडेय ने बताया कि उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत कई कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें शिक्षा, जल, कृषि और स्वास्थ्य में सहभागिता से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने कोरोना काल में बेहतर चिकित्सा सेवाएं देने के लिए पुस्तक के लेखक डा. संतोष कुमार की प्रशंसा की। बताया कि इसी कड़ी में आज उनकी यह पुस्तक जनसामान्य को समर्पित की जा रही है,जिससे लोग कोरोना वायरस से जुड़ी विस्तृत जानकारियां प्राप्त कर सकें।
एम्स के सीएफएम विभागाध्यक्ष डॉ. वर्तिका सक्सेना ने बताया कि इस पुस्तक के लेखन की डॉ. संतोष कुमार की महत्वपूर्ण पहल है, इस पुनीत कार्य में विषयवस्तु, लेखन, प्रकाशन आदि मामलों में उन्होंने अहम योगदान दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि दूरदराज क्षेत्रों, ग्रामीण इलाकों में बसे लोगों तक इस पुस्तक की जानकारी पहुंचेगी और यह कोरोना जनजागरुकता के लिए महत्वपूर्ण कार्य होगा, जिससे कोविड 19 के नए-नए वैरिएंट से लोगों को स्वयं के बचाव में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि पुस्तक में कोविड के नए वैरिएंटों से बचाव से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां भी समाहित हैं। जिसमें मानसिक स्थिति से उबरने आदि सभी अहम बिंदु दिए गए हैं।
बताया कि पुस्तक की खासियत यह है कि इसके लेखक व एम्स के सह आचार्य डॉ. संतोष कुमार ने इसे सामान्य हिंदी भाषा में तैयार किया है, जिससे सभी लोग इसका लाभ उठा सकें। साथ ही इसमें तीसरी लहर का मुकाबला करने के लिए स्वयं की तैयारियों के बाबत भी अहम जानकारियां दी गई हैं। लोगों में महामारी को लेकर उत्पन्न भ्रांतियां व भय के वातावरण को दूर करने की कोशिश की गई है। लेखक डा. संतोष कुमार ने बताया कि “कोरोना एक सजग पहल” पुस्तक के प्रकाशन का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग को कोविड की संपूर्ण जानकारी मुहैया कराना है जिससे कि कठिन समय पर कोई भी व्यक्ति बीमारी को लेकर अनावश्यकरूप से परेशान नहीं हो। बताया कि पुस्तक में कोरोना से बचाव के उपाय, उसके इलाज को लेकर सरल एवं व्यवहारिक उपायों का वर्णन किया गया है, जिससे कि किसी भी व्यक्ति के कोविड पॉजिटिव होने की स्थिति में उसे क्या करना चाहिए, कौन सी मेडिसिन का उपयोग नहीं करना चाहिए, कौन-कौन सी महत्वपूर्ण जांच करानी चाहिए, जिससे कि कठिन समय में व्यक्ति सूझबूझ के साथ काम ले सके व पैनिक होने से बच सके। साथ ही पुस्तक में कोविड के बचाव व उपचार के अलावा योग एवं मेडिटेशन के वैज्ञानिक तथ्यों को भी प्रस्तुत किया गया है।
पुस्तक के आकर्षक बिंदु इस प्रकार हैं-
ऽ कोविड पॉजिटिव होने पर क्या करें ?
ऽ कोविड-19 होने से कैसे बचें ?
ऽ पोस्ट कोविड समस्याओं का समाधान में योग एवं व्यायाम की भूमिका।
ऽ पोस्ट कोविड लक्षण-व्यवहारिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का समाधान।
ऽ कोविड-19 और बच्चे।
ऽ कोविड-19 से शरीर के अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव।
ऽ कोरोना की तीसरी लहर से बचने की तैयारी।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मी ही रोज़गार के लिये धरने पर बैठक शर्मनाकः जयेन्द्र रमोला

डीआरडीओ से हटाये गये नर्सिंग स्टाफ़ के द्वारा चलाये जा रहे धरने को आज त्रिवेणी घाट में चलने वाले धरने को कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने अपना समर्थन दिया। उनके द्वारा धरने के साथ चलाये जा रहे हस्ताक्षर अभियान को समर्थन देते हुए हस्ताक्षर किये।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि जहॉं एक ओर पूरा देश विश्व स्वास्थ्य दिवस मना रहा है वहीं दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे शहर सहित पूरे प्रदेश में कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर कार्य करने वाले कोरोना योद्धा नर्सिंग स्टाफ़ को अपने रोज़गार व रोज़ी रोटी के लिये धरने पर बैठकर आंदोलन करना पड़ रहा है सरकार जो चुनाव से पूर्व जहॉं रोज़गार देने की बात करती थी। आज वही सरकार पुनः सत्ता में आते ही रोज़गार छीनने का काम कर रही है मेरी सरकार से माँग है कि चार धाम यात्रा को देखते हुए इन सभी लोगों की क़ाबिलियत व सेना का लाभ आने वाले यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को मिलना चाहिये ताकि जो मरीज़ एम्स में बैड ना होने के कारण दर दर भटकता है उसे आसानी से शहर में इलाज सम्भव हो सके। रमोला ने बताया कि मैं इनके हर आंदोलन में साथ हूँ।

अस्पताल की बिजली काटने के नाम पर कर्मियों को बेरोजगार करना चाह रहा एम्सः रमोला


कोरोना काल में डीआरडीओ की ओर से आईडीपीएल में स्थापित शहीद जसवंत सिंह रावत कोविड अस्पताल बनाया गया था। जिसको संचालित एम्स ऋषिकेश द्वारा किया जा रहा था। 2.20 करोड़ रुपये की बिजली उपयोग का भुगतान ना होने के कारण अस्पताल की बिजली काट दी है।

बिजली काटने से वँहा कार्यरत नर्सिंग ओर अन्य स्टाफ को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसी घटनाक्रम को देखते हुए ऋषिकेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयेंद्र रमोला ने एम्स ऋषिकेश ओर ऊर्जा निगम के खिलाफ बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि एम्स ऋषिकेश और ऊर्जा निगम की सांठगांठ के कारण अस्पताल की बिजली काटी गई है, देश व उत्तराखंड में कोरोना का संक्रमण काफी कम हो गया है जिसको देखते हुए एम्स प्रशासन द्वारा संविदा और आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्यरत स्टाफ ओर कर्मचारियों को बाहर निकालने की साजिश कर रही है, पूर्व में भी एम्स द्वारा ऐसे कृत्य किये गए है। कोरोना अस्पताल को बंद करने के बाद कर्मचारियों को निकालने की बात कहेंगे। जिसका कांग्रेस विरोध करेगी। उन्हें कहा कि जब अस्पताल सरकार ओर एम्स द्वारा संचालित हो था था तो ऊर्जा निगम को उपयोग राशि का भुगतान क्यों नही किया गया। एम्स ओर सरकार के पास पैसों की कोई कमी नही है। एम्स प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं, जहॉं एक ओर आमदनी बेरोज़गारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर सरकार पेट्रोल डीजल ओर महंगाई के नाम अपना खजाना भरने में लगी है।

रमोला ने कहा कि इस प्रकरण की जॉंच की होनी चाहिये और दोषियों को दंडित करना चाहिये। करोड़ों रूपये सरकार ने अस्थायी अस्पताल में लगाये जबकि ऋषिकेश का सरकारी अस्पताल फंड के लिये बाट जोट रही है जहॉं की स्थिति दयनीय है, सरकार को उस ओर भी ध्यान देना चाहिये।

एम्स ऋषिकेश के आई बैंक ने 200 लोगों को दी नेत्र ज्योति

अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश का आई बैंक नेत्रहींन लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। संस्थान में नेत्र कोष की स्थापना के बाद से अब तक 200 पीड़ित लोगों को सफलतापूर्वक कॉर्निया प्रत्यारोपित किए जा चुके हैं। संस्थान ने भारत से नेत्रहीनता का अभिशाप मिटाने के लिए लोगों से नेत्र दान का संकल्प लेने का आह्वान ​किया है। कहा गया है कि आई डोनेशन के प्रण से ही लोग अंधता से मुक्ति पा सकते हैं।
गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश में 26 अगस्त 2019 को आई बैंक की स्थापना की गई थी। नेत्र कोष की स्थापना के बाद से संस्थान में लगभग 2 साल 7 माह के अंतराल में अब तक 200 लोगों को सफलतापूर्वक कॉर्निया प्रत्यारोपण से नेत्र ज्योति प्राप्त हो चुकी है। संस्थान के नेत्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव मितल ने बताया कि एम्स ऋषिकेश में कॉर्निया प्रत्यारोपण की सभी विश्वस्तरीय आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि नेत्र दान महादान के संकल्प के साथ मृत्यु उपरांत अपनी आंखें दान करने के इच्छुक व्यक्ति अपने इस संकल्प को साकार करने के लिए एम्स आई बैंक में संपर्क कर सकते हैं। ऋषिकेश आई बैंक से ऑनलाइन जुड़कर कोई भी व्यक्ति इस महान कार्य में अपना योगदान सुनिश्चित कर सकते हैं। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रो. संजीव मित्तल ने बताया कि अब तक ऋषिकेश आई बैंक में 506 लोग नेत्रदान करने का संकल्प पत्र भर चुके हैं। नेत्र बैंक की टीम व एम्स अस्पताल के कर्मचारी नेत्रदान को लेकर जनजागरुकता मुहिम में जुटे हैं और इसके लिए लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि हमारे विभाग की कॉर्निया- प्रत्यारोपण सर्जन डॉक्टर नीति गुप्ता द्वारा 200 रोगियों की आंखों की नष्ट हो चुकी पुतली ( कॉर्निया) के ऑपरेशन सफलता-पूर्वक किए जा चुके हैं। संस्थान में देश के विभिन्न प्रांतों से मरीज यहां अपना नेत्र प्रत्यारोपण के लिए पहुंच रहे हैं। जिनमें उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के कई मरीजों का एम्स नेत्र कोष में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कर उनके जीवन को रोशन किया जा चुका है। खास बात यह है कि एम्स आई बैंक में कॉर्निया प्रत्यारोपण के तहत अब तक जिन नेत्रहीन बच्चों को कॉर्निया प्रत्यारोपित किया गया है वह अब अपनी शिक्षा ग्रहण कर पा रहे हैं। संस्थान की आई बैंक की निदेशक डा. नीति गुप्ता ने बताया कि हम सबको नेत्रदान महादान के अभियान से जुड़ना चाहिए और नेत्रहीन लोगों के अंधेरे जीवन में उजियारा लाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी के जीवन को रोशनी से भरने से बढ़कर कोई दूसरा परोपकार नहीं है। नेत्रदान का संकल्प लेने वाले व्यक्ति ऋषिकेश आई बैंक, एम्स ऋषिकेश के दूरभाष नंबर 90685 63883 पर संपर्क कर सकते हैं।

एम्स ऋषिकेश में नियुक्तियों, दवा और मशीनों की खरीद में धांधली की जांच में जुटी सीबीआई

एम्स ऋषिकेश में सीबीआई की टीम ने पिछले तीन दिन से डेरा डाला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक एम्स में नियुक्तियों, दवा और मशीनों की खरीद में धांधली की शिकायत पर सीबीआई जांच कर रही है। देर शाम तक एम्स प्रशासन इस मामले में कुछ भी कहने से बचता रहा।
जानकारी के मुताबिक वीरभद्र पशुलोक मार्ग पर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सीबीआई की चार टीमें पिछले तीन दिन से विभिन्न दस्तावेजों को खंगाल रही हैं। सीबीआई की छापेमारी की कार्रवाई से एम्स में हड़कंप की स्थिति है। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक एम्स में पिछले काफी समय से विभिन्न पदों पर नियुक्तियों से लेकर दवा और मशीनों की खरीद में धांधली की शिकायतें आ रही थी। इस पर सीबीआई ने औचक छापेमारी की कार्रवाई की है। हालांकि अभी तक किसी तरह की गड़बड़ी मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। छानबीन जारी है। जांच पूरी होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। सीबीआई टीम में निरीक्षक, उपनिरीक्षक से लेकर कांस्टेबल तक शामिल हैं।

मामूली विवाद में भाई ने भाई को मारा चाकू, मौत

ऋषिकेश कोतवाली पुलिस के मुताबिक चंद्रेश्वर नगर में रहने वाले शिवा का अपने ही कमरे में रहने वाले रिश्तेदार में भाई छोटू के साथ खाना खाने के दौरान किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। बात इतनी बढ़ गई कि छोटू ने शिवा की छाती पर चाकू से हमला कर दिया।
लहूलुहान हालत में शिवा को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत को देखते हुए शिवा को एम्स के लिए रेफर कर दिया। इलाज के दौरान एम्स में शिवा ने दम तोड़ दिया।

आखिरकार मेडिकल स्टोर को ड्रग इंस्पेक्टर ने लगाया ताला

एम्स ऋषिकेश के पास न्यू साईं मेडिकल स्टोर को अग्रिम आदेश तक के लिए ड्रग इंस्पेक्टर ने ताला लगाकर बंद कर दिया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने यह कार्रवाई मेडिकल स्टोर के संचालक और कर्मचारियों के द्वारा लोगों के साथ दुर्व्यवहार करने और दवाइयां नहीं देने कि शिकायत मिलने के बाद की है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले एम्स में भर्ती एक मासूम के इलाज के लिए दवाइयां नहीं देने का आरोप मेडिकल स्टोर संचालक पर लगा था। उससे पहले भी कई बार मेडिकल स्टोर संचालक पर इसी प्रकार के आरोप लगते रहे हैं। लगातार कई बार शिकायत मिलने के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने निरीक्षण कर मेडिकल स्टोर संचालक को हिदायत भी दी। बावजूद इसके मेडिकल स्टोर संचालक अपनी हरकत से बाज नहीं आया। आखिरकार ड्रग इंस्पेक्टर को उच्चाधिकारियों के आदेश पर मेडिकल स्टोर पर ताला लगाना पड़ा। कार्रवाई के दौरान मेडिकल स्टोर संचालक और कर्मचारी ड्रग इंस्पेक्टर के साथ भी बहस करते हुए दिखाई दिए। ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि लगातार मेडिकल स्टोर संचालक की शिकायतें स्वास्थ विभाग को मिल रही थी। इसको लेकर कई बार मेडिकल स्टोर संचालक को चेतावनी देकर छोड़ा गया। लेकिन मेडिकल स्टोर संचालक ना तो खुद सुधरा न हीं अपने कर्मचारियों को सुधारने की नसीहत दी। आखिरकार मजबूरी में स्वास्थ्य विभाग को मेडिकल स्टोर पर ताला लगाना पड़ा है।

इंजेक्शन लगाने के बाद झोलाझाप मौके से फरार, युवक की मौत

मुनिकीरेती के शीशम झाड़ी क्षेत्र में स्थित एक झोलाछाप के इंजेक्शन लगाने के बाद एक युवक की कुछ ही देर में मौत हो गई। पेट में दर्द की शिकायत लेकर यह युवक क्लीनिक पहुंचा था।
सूचना पाकर मौके पर भीड़ जमा हो गई और क्लीनिक में लोगो ने तोड़फोड़ कर दी। झोलाछाप मौके से फरार हो गया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पूछताछ की। मृतक के घर जमा भीड़ ने ऐसे झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। दरअसल, शीशम झाड़ी मुख्य मार्ग गली नंबर-12 निवासी सुनील पाल (35 वर्ष ) पुत्र घसीटू पाल को सोमवार की सुबह पेट में दर्द की शिकायत हुई। इसके बाद वह बगल में स्थित एक क्लीनिक में गया, जहां स्वयं को डाक्टर बता कर श्री हरि मेडिकल एंड क्लीनिक के नाम से क्लीनिक का संचालन कर रहे मृत्युंजय ने उसका इलाज किया।
स्वजन के मुताबिक मृत्युंजय ने सुनील को दो इंजेक्शन लगाए।इंजेक्शन लगवाने के बाद जैसे ही सुनील 50 कदम की दूरी पर स्थित अपने घर पहुंचने को निकला तो सड़क पर ही गिर गया। उसे राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर भीड़ जमा हो गई। गुस्साए लोग ने झोलाछाप की क्लीनिक पर तोड़फोड़ की। झोलाछाप मृत्युंजय मौके से फरार हो गया। कैलाश गेट पुलिस चौकी को सूचना दी गई, जिसके बाद चौकी प्रभारी योगेश पांडे मौके पर पहुंचे। मृतक के पिता घसीटू पाल ने बताया कि सुनील शादीशुदा है, उसके दो बच्चे हैं, वह आटो चलाता है। गुस्साए लोग झोलाछाप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।