मंत्री धन सिंह पीएम विश्वकर्मा योजना व विकसित भारत संकल्प यात्रा में करेंगे प्रतिभाग

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जनपदों में चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। गढ़वाल मंडल के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान वह विभिन्न स्थानों पर विकसित भारत संकल्प यात्रा तथा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की कार्यशाला में प्रतिभाग कर आम लोगों को भारत सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा वह भ्रमण के दौरान विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास व लोर्कापण भी करेंगे।

गढ़वाल मंडल के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि सोमवार से जनपदों में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में नये नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति होने से स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार होगा और इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। 8 जनवरी से लेकर 10 जनवरी 2024 तक गढ़वाल मंडल के तीन दिवसीय दौरे के दौरान डा. रावत विभिन्न जनपदों में विकसित भारत संकल्प यात्रा की अगुवाई करेंगे साथ ही वह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की कार्यशालाओं में प्रतिभाग कर लाभार्थियों को इस योजना से होने वाले फायदों से भी अवगत करायेंगे।

गढ़वाल भ्रमण के दौरान डॉ. रावत सोमवार को सबसे पहले अपनी विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर के अंतर्गत सी0डी0एस0 विपिन रावत स्टेडियम की सड़क एवं पार्किंग का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके उपरांत वह गौचर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चमोली जनपद में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इसके बाद वह रूद्रप्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में पहुंकर नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। इसके उपरांत वह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 42 शैय्यायुक्त मनोरोग गहन चिकित्सा इकाई (पीकू) वार्ड का लोकार्पण करेंगे साथ ही मेडिकल कॉलेज में विभिन्न निर्माण कार्यों, रंग-रोगन, जिम-पार्क का शिलान्यास भी करेंगे।

तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत श्रीनगर में पीएम-श्री राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के विज्ञान प्रयोगशाला तथा सौन्दर्यीकरण का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वह पौड़ी में संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम में पौड़ी जनपद के नवयुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इसके उपरांत वह जिला सभागार में विभिन्न विकास योजनाओं के संबंध में जिलाधिकारी की उपस्थिति में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसके उपरांत वह भारतीय जनता पार्टी की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद वह चढ़ीगांव डायट में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित नव-नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे। इसके अलावा वह गंगादर्शन मोड श्रीनगर में निर्माणाधीन कार्यों का भी निरीक्षण करेंगे।

बुधवार को डा. रावत नई टिहरी में नव निर्मित छह हैल्थ एवं वैलनेस सेंटरों का लोकार्पण करेंगे इसके अलावा वह टिहरी जनपद में नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे। इसके उपरांत वह चिन्यालीसौड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयेजित कार्यक्रम में पहुंकर जनपद उत्तरकाशी में नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे।

सीएम ने अल्मोड़ा के लाभार्थियों से संवाद कर जाना हाल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय से वर्चुअल माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत अल्मोड़ा जनपद के लाभार्थियों से संवाद किया। इन्हें विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 12 लाभार्थियों से संवाद भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल में समाज के हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर योजनाएं बनाई गई और उनका लाभ समाज के अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा का मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिले। राज्य की सभी ग्राम पंचायतों तक विकसित भारत संकल्प यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के 9 साल के कार्यकाल में देश में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। 2047 तक भारत हर क्षेत्र में दुनिया का विकसित देश बने, इस दिशा में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड का तेजी से विकास हो रहा है। इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हर क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभागों द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को आम जन तक पहुचाने के लिए शिविरों के आयोजन और व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। समाज के हर पात्र व्यक्ति को योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए उन्होंने विभिन्न योजनाओं का लाभ ले चुके लोगों को भी अन्य लोगों को इनकी जानकारी देने का आह्वाहन किया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी अल्मोड़ा को निर्देश दिये कि पी.एम विश्वकर्मा योजना के तहत पात्र लोगों को पूरा लाभ मिल सके, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं।
मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान अल्मोड़ा के पान सिंह परिहार ने बताया कि उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 3 लाख रूपये का लोन लिया था। वे पोल्ट्री फार्म का कार्य कर रहे हैं। इस व्यवसाय से उनकी सालाना 8 से 10 लाख रूपये की आय हो रही है। प्रीति भंडारी ने बताया कि उन्होंने 2014 से मशरूम का कार्य शुरू किया। सरकार का इसके लिए पूरा सहयोग मिला। 2021 में दीन दयाल किसान कल्याण योजना से उन्होंने 3 लाख का लोन लिया। अभी उनकी संस्था से 26 महिलाएं जुड़ी हैं। सीमा कुमारी ने बताया कि वे 2021 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी। उन्हें सीआईएफ और आर.एफ के तहत धनराशि मिली। उनके द्वारा अन्य महिलाओं के साथ जूट बैग बनाये जा रहे हैं। उनका सालाना लाभांश तीन से साढ़े तीन लाख रूपये का है। अमर सिंह मेहता ने कहा कि उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड और आयुष्मान योजना का लाभ लिया। उन्होंने बताया कि ग्राम प्रधान रहते हुए उन्होंने ग्राम सभा के सभी परिवारों के आयुष्मान कार्ड बनाये। इस योजना का गांव से अनेक लोग फायदा भी ले चुके हैं। सभी लाभार्थियों ने इन विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, आनंद स्वरूप, वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी अल्मोड़ा विनीत तोमर और मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे उपस्थित रहे।

धामी के निर्देश, हाइड्रो और सोलर ऊर्जा में उत्पादन को तेजी से बढ़ाया जाए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि राज्य में ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कार्य किये जाएं। राज्य में निवेश में तेजी से वृद्धि होगी, इसको ध्यान में रखते हुए गतिमान परियोजनाओं पर तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यों को तेजी से धरातल पर उतारने के लिए और प्रयासों की जरूरत है। यह प्रयास किये जाएं कि परियोजनाओं को पूर्ण करने की जो समयावधि है, उस समयावधि के अन्दर पूर्ण हो जाएं। यदि कहीं पर किसी भी प्रकार की समस्याएं आ रही हैं, तो समस्याएं बताई जाएं, उनका उचित समाधान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा से संबंधित जिन प्रस्तावों पर केन्द्र सरकार के स्तर से आवश्यक कार्यवाही होनी है, उनका विस्तृत प्रस्ताव बनाया जाय।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि हाइड्रो और सोलर ऊर्जा में उत्पादन को तेजी से बढ़ाया जाए। यू.जे.वी.एन.एल की अतिरिक्त भूमि पर पर्यटन आधारित गतिविधियों और सोलर के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जाए। इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के लिए जिन परियोजनाओं के लिए करार किये गये हैं, उनकी ग्राउंडिग जल्द की जाए। लखवाड़ और किशाऊ बहुउदद्शीय परियोजनाओं पर भी तेजी से कार्य करने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये डिजिटल भुगतान को तेजी से बढ़ावा दिया जाय। राजस्व वृद्धि के लिए लगातार प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री ने पिटकुल से विद्युत पारेषण तंत्र की मजबूती की दिशा में ध्यान देने को कहा। अल्प, मध्य एवं दीर्घकालिक योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी ध्यान देने के निर्देश दिये।
बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में हाइड्रो और सोलर ऊर्जा उत्पादन 7513 मिलियन यूनिट है, जिसे 2031 तक 18740 मिलियन यूनिट तक करने का लक्ष्य रखा गया है। 17 मे.वा. कीकुल 03 सौर ऊर्जा परियोजनाएं 2024 से शुरू होंगी। 29.25 मे.वा. की कुल 06 परियोजनाएं अक्टूबर 2025 तक शुरू होंगी। 2026 तक 5.5 मे.वा की नादेही, 18 मे.वा. की कर्मी कपकोट और 11.5 मे.वा. की बागेश्वर के पास शामा गांव सौर ऊर्जा परियोजना को 2026 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में जानकारी दी गई कि अभी तक 21520 करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउडिंग हो चुकी है। जिसमें 6780 करोड़ रूपये की जल विद्युत परियोजनाएं, 14670 रूपये करोड़ की पंप स्टोरेज परियोजनाएं और 70 करोड़ रूपये की सौर आधारित परियोजनाएं शामिल हैं। जबकि इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के लिए हुए करारों पर 54977 करोड़ रूपये की जल विद्युत, पंप स्टोरेज, सौर आधारित एवं अन्य परियोजनाओं की ग्राउडिंग की कार्यवाही गतिमान है।
इस अवसर पर तिलोथ विद्युत गृह (मनेरी भाली प्रथम चरण) के आर.एम.यू के बारे में भी प्रस्तुतीकरण दिया गया। यू.जे.वी.एन.एल द्वारा नवाचार के रूप में हाइड्रो काइनेटिक टरबाइन के लिए आई.आई.टी रूड़की के साथ अनुसंधान और विकास कार्य किया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन के लिए प्रथम चरण में पथरी मोहम्मदपुर में एक मेगावाट क्षमता का प्लांट स्थापित किया जा रहा है। ‘‘जीरो इन्वेस्टमेंट/एक्सपेंस मॉडल’’ के आधार पर 01 जनवरी 2026 के बाद ऊर्जीकृत परियोजनाओं को ग्लोबल कार्बन काउंसिल के ग्रीनहाउस मिटिगेशन प्रोग्राम में पंजीकृत कर ‘कार्बन क्रेडिट’ जारी करा कर विक्रय करने की प्रक्रिया गतिमान है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण समिति विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एमडी यू.जे.वी.एन.एल संदीप सिंघल, एमडी यूपीसीएल अनिल कुमार, एमडी पिटकुल पी.सी.ध्यानी एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से पहली बार प्रदेश को मिले 1376 नर्सिंग अधिकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित, मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। कार्यक्रम के दौरान चयनित 1376 अभ्यर्थियों में से 200 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये। शेष सभी अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले नर्सिंग अधिकारियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि चयनित सभी नर्सिंग अधिकारी लगन व कड़ी मेहनत के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और राज्य के विकास व जनसेवा के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग अधिकारी का दायित्व बहुत महत्वपूर्ण है। ग्राउंड लेवल पर समाज में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मुद्दों पर जनता को शिक्षित करने का दायित्व भी नर्सिंग अधिकारियों पर है। आपातकालीन स्थितियों में आपकी तत्परता और उत्कृष्टता लोगों के लिए जीवन रक्षा का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि हमारी डबल इंजन की सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ’आयुष्मान भारत योजना’ प्रदेशवासियों के लिए वरदान साबित हुई है। राज्य में सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले,इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड अटल आयुष्मान योजना से लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवाएं सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई हैं। सरकार जच्चा-बच्चा की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं चला रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए ’’जननी सुरक्षा योजना’’ संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा भारत को क्षय मुक्त बनाने के लिए 2025 का लक्ष्य के सापेक्ष राज्य सरकार द्वारा 2024 तक उत्तराखण्ड को क्षय मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें भी नर्सिंग अधिकारियों को अहम भूमिका होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने दो-दो वैक्सीनों द्वारा देश की जनता की ही नहीं बल्कि अन्य देशों की भी मदद की। हमें अभी भी कोरोना के प्रति सावधानी रखनी है और लोगों को इसके प्रति जागरूक बनाए रखने हेतु कार्य करना है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को 13 वर्ष के उपरांत 1376 नर्सिंग अधिकारी मिले हैं। उन्होंने कहा कि सभी चयनित नर्सिंग अधिकारियों के पहले पांच साल राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में सेवाएं देनी होगी, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को जेआरडी टाटा मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया है। यह अवार्ड 42 स्वास्थ्य सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन पर राज्य को मिला। उन्होंने कहा कि टाटा रिसर्च सेंटर के सर्वे के अनुसार उत्तराखण्ड में क्रिटिकल मरीजों के लिए हवाई सेवा उपलब्ध कराने, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, 276 प्रकार की निःशुल्क जांच और 90 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव कराने का सराहनीय प्रयास किया गया है।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, खजानदास, सविता कपूर, राजकुमार पोरी, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, कुलपति उत्तराखण्ड चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द्र, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना बन रही वरदान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयासों में जुटे हैं। उत्तराखंड ही नहीं अब विदेशों में भी नौकरी का मौका सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना युवाओं के लिए वरदान बन रही है। योजना के तहत 15 युवाओं ने जापान में सेवायोजन के लिए ली जाने वाली नेट-4 दक्षता परीक्षा में सफलता हासिल की है।

सफल युवाओं में से दो अभ्यर्थियों को जापान के चीदा प्रान्त में जॉब मिला है। उन्हें वेतन के रूप में प्रति माह 200000 येन (जापानी मुद्रा) मिलेंगे। दोनों अभ्यर्थी फरवरी में जापान जाएंगे। अन्य अभ्यर्थियों का अगले माह जनवरी में जॉब इंटरव्यू प्रस्तावित हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर प्रदेश में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अन्तर्गत विदेश रोजगार प्रकोष्ठ गठित किया गया है। यह प्रकोष्ठ राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। योजना के तहत 33 अभ्यर्थियों को जापानी भाषा का तीन माह प्रशिक्षण दिया गया। इनमें 15 युवाओं ने जापानी एजेंसी द्वारा ली जाने वाली नेट-4 दक्षता परीक्षा उतीर्ण कर ली है।

अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री धामी को धन्यवाद कहा

जापान की सेवायोजन नेट-4 दक्षता परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों और युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद कहा है। पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम ऐंठी निवासी उज्जवल सिंह की पुत्री प्रियंका का भी जापान में जॉब के लिए चयन हुआ है। उनका कहना है कि विदेश जाकर काम करने का अवसर मिलना एक बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि उन्हें भी एक ऐसा अवसर मिलेगा।

टिहरी गढ़वाल निवासी दूसरी छात्रा कल्पना बिष्ट ने भी उत्तराखंड सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की योजना ने उन्हें विदेश में नौकरी का अवसर दिया है।

मिनिस्टीरियल संवर्ग का मुख्य प्रशासनिक अधिकारी पद अब राजपत्रित अधिकारी में शामिल

राज्य सरकार ने मिनिस्टीरियल संवर्ग के ’मुख्य प्रशासनिक अधिकारी’ पद को राजपत्रित अधिकारी की प्रतिष्ठा प्रदान की है।
विदित हो कि मिनिस्ट्रियल संवर्ग के द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मिनिस्ट्रियल संघ को व्यवस्था में शीघ्र बदलाव किए जाने का आश्वासन दिया था। इसी क्रम में राज्य शासन की ओर से इस बाबत गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। राज्यपाल महोदय की स्वीकृति के उपरांत सचिव शैलेश बगोली की ओर से इस आशय के आदेश आज जारी किए गए हैं।

यह आदेश भी हुए जारी
उत्तरांचल फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन की मांग के अनुसार राज्य सरकार ने मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु पात्रता अवधि कुल 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष करने का भी गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों का सीएम ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 और 9 दिसम्बर को एफआरआई, देहरादून में आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकर को कार्यक्रम स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए बनाये गये मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यक्रम आयोजन की सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और सौन्दर्यीकरण के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी समिट है। अभी तक ढ़ाई लाख करोड़ से अधिक के करार हो चुके हैं। करारों की ग्राउडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश आने से स्थानीय लोगों के रोजगार में तेजी से वृद्धि होगी। राज्य में ऐसे करारों को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है, जिनसे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, एडीजी ए.पी अंशुमन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका,महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, एसएसपी देहरादून अजय कुमार एवं आयोजन के कार्यों में लगे अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

680 करोड़ के निवेश के साथ 2290 नये रोजगार होंगे सृजित

राज्य में प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थाओं में दी जा रही शिक्षा की पहुंच साधन विहीन छात्रों को भी हो सके इसके लिए आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दृष्टिगत निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों को आवश्यकता वाले क्षेत्रों में राज्य सरकार की निवेश नीति के अन्तर्गत नये स्कूल (डे/बोर्डिंग) खोले जाने हेतु सोमवार को राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के सभागार में सचिव विद्यालय शिक्षा रविनाथ रामन की अध्यक्षता में में बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों के द्वारा की गयी पृच्छा पर सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रामन एवं श्री बंशीधर तिवारी महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा द्वारा उसका समाधान दिया गया तथा तदनुसार उनके द्वारा बोर्डिंग एवं डे स्कूल अलग-अलग स्थानों पर खोले जाने की सहमति दी गयी। निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों के सहमत होने पर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा/राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड बंशीधर तिवारी द्वारा राज्य सरकार की ओर से एवं इच्छुक विद्यालय के प्रतिनिधि के साथ सचिव विद्यालयी शिक्षा की उपस्थिति में समझौता ज्ञाप पर हस्ताक्षर किये गये।
इस सम्बन्ध में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया कि निजी विद्यालयों के प्रबन्धकों/संचालकों को अवगत कराया गया कि राज्य सरकार द्वारा इसके लिए भूमि बैंक बनाया गया है जिसका लाभ राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गयी नीति के अन्तर्गत निवेश पर मिल सकता है। इस इस कार्य को मूर्तरूप देने का उत्तरदायित्व विभाग द्वारा डॉ० मुकुल कुमार सती, अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा को दिया गया था तथा उनके द्वारा निजी विद्यालयों के प्रबन्धकों/संचालकों के साथ समन्वयन करते हुए इसके क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गयी। उन्होंने बताया कि इस अवधि में कुल 13 निजी विद्यालयों के साथ प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12 वीं तक के विद्यालय खोले जाने हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षर किया गया जिसमें लगभग 680 करोड़ का निवेश तथा 2290 नये रोजगार सृजन प्रस्तावित हैं। उक्त नये विद्यालयों को खोले जाने हेतु निजी विद्यालयों के संचालकों/प्रबन्धकों के द्वारा जनपद ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार, बागेश्वर आदि जनपदों के लिए सहमति दी गयी है तथा 2 वर्ष की अवधि में विद्यालय प्रारम्भ कर लिए जाने का भी आश्वासन दिया गया है।
महानिदेशक शिक्षा ने बताया कि राज्य में प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से दी जा रही स्कूली शिक्षा की उपलब्धता प्रायः असमान रही है तथा यह केवल घनी आबादी वाले मैदानी क्षेत्रों तक ही सीमित रह गयी है। परिणामस्वरूप साधन विहीन छात्रों की पहुँच इन विद्यालयों तक नहीं हो पाती है तथा कुछ सीमा तक राज्य में पलायन को बल मिला है।
इस अवसर पर निजी विद्यालयों की ओर से डीएस मान, राकेश ओबेराय, गगनजीत जुनेजा, संजय सेठी, भूपेश सिंह, मीता शर्मा, शरद, प्रेम कश्यप एवं विभागीय स्तर से मदन मोहन जोशी उप राज्य परियोजना निदेशक, मुकेश कुमेड़ी समन्वयक, हिमांशु रावत आदि उपस्थित रहे।

एक दिन में सर्वाधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला उत्तराखण्ड बना पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं। अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। राज्य को जो 18 नये जी.आई प्रमाण पत्र मिले हैं उनमें उत्तराखण्ड चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखोरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहत, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमांऊनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं। उत्तराखण्ड के नौ उत्पादों तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जी.आई टैग प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी सोच के कारण ही आज भारत सरकार से उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक टैग युक्त प्रमाण पत्र मिल पाए हैं। जिन उत्पादों को जीआई टैग प्रमाण पत्र प्रदान किये गये, उनके उत्पादकों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक है। 2003 में जीआई कानून बनने से लेकर 2023 तक के बीस वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में, एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र निर्गत किये गए हैं। इस उपलब्धि से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों के साथ ही कई अन्य वस्तुओं तथा इनसे संबंधित कलाकारों को काफी लाभ होने के साथ ही दुनियाभर में उत्तराखंड को अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीआई टैग युक्त उत्तराखण्ड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रयासों को इससे और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सभी जिलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना पर राज्य में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इस योजना के तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन, रॉ मैटेरियल, नई तकनीक आदि के आधार पर प्रत्येक जिले में दो उत्पादों का विकास किया जा रहा है। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना से स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिए जहां एक ओर स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हर जिले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए आज का दिन बेहद हर्ष का दिन है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के मोटे अनाज मण्डुआ, झंगोरा, लाल चावल सहित 18 उत्पादों को एक साथ भौगोलिक सकेंतक (जीआई टैग) प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत तथा लोकल फॉर ग्लोबल अभियान को बढ़ावा देने एवं श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए जो मार्ग दर्शन दिये गये हैं, उसके अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने जीआई के लिए प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राज्य को एक साथ 18 उत्पादों के जीआई टैग प्राप्त हुए हैं जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड के 9 उत्पादों को जीआई टैग पहले ही मिल चुका है। कृषि मंत्री ने कहा कि 12 से 18 जनवरी 2024 तक एक सप्ताह का देहरादून में प्रदेश स्तरीय जी.आई महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड मंडी परिषद एवं विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पद्मश्री एवं जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान और वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार के महानियंत्रक प्रो. उन्नत पी. पंडित उपस्थित रहे।

इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों के संबन्ध में बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में 8 एवं 9 दिसम्बर, 2023 को देहरादून में आयोजित हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को सभी तैयारियों समय से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिट के दौरान आयोजित हो रहे प्रत्येक इवेंट की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर ली जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान शहर के यातायात एवं सुरक्षा से सम्बन्धित सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यातायात के कारण देश-विदेश से आ रहे निवेशकों के साथ ही आमजन को परेशानी न झेलनी पड़े इसका ध्यान रखा जाए। इसके लिए अन्य जनपदों से भी यातायात पुलिस की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल के आसपास पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निवेशकों को आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कराया जा सकता है। उन्होंने समिट से पहले शहर के सौन्दर्यीकरण कार्य को पूरा करने के साथ ही सड़कों की स्थिति दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, फाईबर लाइन्स एवं केबल टीवी आदि की तारों को अंडरग्राउण्ड किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी. षणमुगम, विनोद कुमार सुमन एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।