मुख्यमंत्री ने विशेष सैक्टर चिन्हित करके रोजगार उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

(एनएन सर्विस)
कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ विशेष सैक्टर चिन्हित किये जाएं, जिसमें लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार विभिन्न क्षेत्रों में उपनल के माध्यम से भर्ती की जा सकती है। स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं तकनीक के क्षेत्र में कार्मिकों की और तैनाती की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपनल के माध्यम से जो भी भर्ती की जायेगी, उसमें पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जायेगी। यदि किसी क्षेत्र में पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रित की उपलब्धता नहीं हो पाती है, तब ही अन्य लोगों को उपनल के माध्यम से भर्ती की जायेगी। नौकरी के लिए विभिन्न क्षेत्र चिन्हित होने के बाद उपनल द्वारा पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी। इसके लिए इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक अर्थात् 31 मार्च 2021 तक आवेदन किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसे क्षेत्र चिन्हित किये जाय जिसमें समय की मांग एवं परिस्थितियों के अनुसार प्रदेशवासियों विशेषकर पूर्व सैनिकों एवं सैनिक आश्रितों एवं महिला समूहों को उपनल के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश के बड़े शहरों देहरादून एवं हल्द्वानी में वरिष्ठ नागरिकों, जो विभिन्न कारणों से अपने घर से बाहर निकलने में असमर्थ हैं। उनके लिए उपनल के माध्यम से मल्टीसर्विस सेंटर स्थापित किये जाय। वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए उपनल के माध्यम से उचित दरों पर सेवाएं दी जा सकती हैं। उपनल के माध्यम से सेवाएं देने पर सेवाकर्ता का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। इससे लोगों में विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल, सचिव वित्त अमित नेगी, अपर सचिव प्रदीप रावत, उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर पी.पी.एस. पहावा (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास ब्रिगेडियर के.वी चन्द (से.नि) आदि उपस्थित थे।

भीमताल में बहुद्देशीय पार्किंग निर्माण को लेकर मीडिया सलाहकार ने अधिकारियों संग किया निरीक्षण

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री की घोषणा में शामिल बहुद्देशीय पार्किंग के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने जिला विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ भीमताल में जमीन तलाशने के लिए संभावित स्थान का निरीक्षण किया। उनके साथ एमडी कुमाऊं मंडल विकास निगम रोहित मीणा, सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय, पर्यटन विकास परिषद सदस्य नितिन राणा ने बुधवार को संयुक्त निरीक्षण कर पार्किंग स्थल की संभावनाएं तलाशीं।
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट ने अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए त्रिवेन्द्र सरकार का साफ नजरिया है। मुख्यमंत्री घोषणा के बाद यह जरुर देखते है कि धरातल पर उनकी घोषणा के बाद कार्य में क्या प्रगति हुई है। रमेश भटट ने बताया कि भीमताल के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से कई बार चर्चाएं हुई है। सरकार भीमताल को पर्यटक हब के रुप में और अधिक विकसित करना चाहती है। जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़े। इस लिए पार्किंग का निर्माण यहां के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
स्थलीय निरीक्षण के बाद सचिव जिला विकास प्राधिकरण पंकज उपाध्याय ने जानकारी दी कि निरीक्षण के दौरान पाया कि मल्लीताल में मत्स्य विभाग कार्यालय के लगभग 1200 वर्ग मीटर भूमि पर पिलर देकर लगभग सौ वाहनों की पार्किंग बनाई जा सकती है। बताया कि वर्ष 2018 में मत्स्य विभाग को हस्तांतरित भूमि जिसका क्षेत्रफल लगभग सवा तीन हजार वर्ग मीटर का है, उसमें नीचे पार्किग और ऊपर भीमताल क्लब की स्थापना की जा सकती है। कहा कि भीमताल क्लब के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत है।
निरीक्षण के दौरान प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष सौरभ रौतेला, देवभूमि व्यापार मंडल अध्यक्ष संदीप पांडे, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज भट्ट, पंकज जोशी, प्रदीप पाठक, शरद पांडे आदि मौजूद थे।

राज्य में फिल्मांकन के लिए राज्य सरकार ने गाइडलाइन जारी की

(एनएन सर्विस)
राज्य सरकार ने प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत कोविड-19 के चलते प्रदेश में पहले से लागू नियम शूटिंग दल पर प्रभावी रहेंगे। फिल्म निर्माता को शूटिंग यूनिट का वेबसाइट पर पंजीकरण करवाना होगा। महानिदेशक सूचना कार्यालय देहरादून में शूटिंग दल, अवधि और लोकेशन को लेकर पूरा विवरण देना होगा।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गाइडलाइन जारी करते हुए बताया कि कोई भी फिल्म निर्माता इसका पालने करते हुए राज्य में फिल्मांकन कर पाएगा। फिल्म प्रोडक्शन कंपनी को कोविड-19 की रोकथाम के लिए उठाए गए समस्त कदमों का विवरण राज्य सूचना विभाग को देना जरुरी होगा। महानिदेशक सूचना की तरफ से समस्त सूचनाएं और अनुमतियां संबंधित जिलाधिकारियों को भेजी जाएंगी। शूटिंग में आने वाले दल के प्रत्येक व्यक्ति की कोविड को लेकर ट्रेनिंग अनिवार्य रहेगी। सोशल डिस्टेसिंग, फेस्क मास्क, दस्ताने और अन्य सुरक्षा उपकरणों को दल साथ में लाएगा। अगर दल के किसी सदस्य में कोरोना के लक्षण दिखते हैं, तो तुरंत निकटवर्ती सरकारी अस्पताल और जिला प्रशासन को इसकी जानकारी देगा।
वहीं, शूटिंग के दौरान प्रोडक्शन कंपनी को एक नोडल अधिकारी की तैनाती भी करनी होगी। जो जिला प्रशासन को प्रत्येक सदस्य का डाटा बेस तैयार करके देगा। थर्मल स्कैनिंग से लेकर पीपीई किट व अन्य उपकरणों की जानकारी रखनी होगी। इस्तेमाल के बाद उन्हें कैसे नष्ट किया जा रहा है इसकी भी सूचना प्रशासन को देनी होगी।  
प्रोडक्शन कंपनी कोे फिल्म सेट का दिन में दो बार सैनिटाइजेशन करना अनिवार्य होगा। फोर्क लिफ्ट का कम से कम इस्तेमाल करने, सेट के बाहर, वेटिंग रूम, रेस्ट रूम में हैंड सैनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा। स्टाफ में 65 साल से अधिक के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं लाने की अनुमति नहीं दी गई है। गाइडलाइन में कहा गया है कि अगर लाना बेहद जरूरी है तो इसकी अनुमति जिलाधिकारी से प्राप्त करनी होगी।
वहीं, शूटिंग स्थल पर व्यक्तियों की संख्या भी कम से कम रखने पर जोर दिया गया है। इंडोर में होने वाली शूटिंग में अनिवार्य स्टाफ की संख्या 15 और आउटडोर में 30 लोग ही रहेंगे। मेकअप और हेयर ड्रेंसिंग के स्थान पर बार बार सैनिटाइजेशन करना होगा। शूटिंग स्थल पर सभी को मास्क, दस्ताने व फेस शील्ड पहननी होगी। 
एक अन्य निर्देश में शूटिंग दल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए ट्रैवलिंग प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। जिला प्रशासन इसकी निगरानी करेगा। वाहनों में यात्रियों की संख्या गाइडलाइन के अनुसार ही रहेगी। प्राइवेट प्रापर्टी पर शूटिंग के लिए अनिवार्य अनुमति के साथ लोकेशन के सैनिटाइजेशन का खास ख्याल रखना होगा।

कैबिनेट का फैसला, 80 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए होंगे आरक्षित, जानिए

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में रेहड़ी, ठेली, चलती-फिरती दुकान लगाने वालों के लिए रोजगार से अवसर मुहैया करवाने का निर्णय लिया गया। महत्वपूर्ण निर्णय में केंद्र सरकार की बिना गांरटी के ऋण योजना के तहत अब त्रिवेन्द्र सरकार ऋण पर दो प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी देगी।
इसका लाभ शहरी क्षेत्रों में 70 हजार लोगों को रोजगार देने में मिलेगा। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि योजना के लिए सहकारी बैंक ही ऋण देंगे। वहीं, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अब मोटर साइकिल टैक्सी भी चलेंगी। प्रथम चरण में 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। योजना में 60 हजार रुपये का ऋण मिलेगा।

80 प्रतिशत पद महिलाओं से भरे जाएंगे
प्रदेश सरकार ने उत्तराखंड अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा नियमावली 2020 को मंजूरी दे दी है। अब नर्सों की सीधी भर्ती में पदों पर 80 प्रतिशत महिलाएं और 20 प्रतिशत पुरुषों की नियुक्ति की जाएगी। नियमावली बनने से सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में नर्सों की नियमित भर्ती की जा सकेगी। सेवा नियमावली में नर्सों के खाली पदों की सीधी भर्ती में कुल पदों में 70 प्रतिशत पदों में नर्सिंग में डिप्लोमा धारक और 30 प्रतिशत पर डिग्री धारक उम्मीदवारों से भरे जाएंगे। नर्सों की भर्ती के लिए भारतीय नर्सिंग परिषद से मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएससी नर्सिंग या मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से जनरल नर्सिंग एवं मिड वाइफरी, मनोरोग विज्ञान का डिप्लोमा होना अनिवार्य होगा। राजकीय चिकित्सालय या मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थान से एक साल का अनुभव होना चाहिए। बता दें कि नियमावली में संशोधन से सरकारी अस्पतालों में नियमित नर्सों की भर्ती की जा सकेगी। स्वास्थ्य विभाग को इस समय लगभग चार हजार से अधिक नर्सों की जरूरत है।

अन्य प्रमुख फैसले
– आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गाइडलाइन सरल की। अब छोटे पुल, पेयजल लाइन, पैदल मार्ग, सड़क मार्ग, चैक डेम, स्कूल भवन, सिंचाई नहर और सुरक्षात्मक कार्य राज्य आपदा मोचन निधि से किए जा सकेंगे।
– बाजपुर चीनी मिल में एक एथनॉल प्लांट पीपीपी मोड में लगेगा, जिसकी क्षमता 100 केएलपीडी होगी। 
– सहकारिता नियमावली में संशोधन के तहत अब समिति को एक निश्चित धनराशि की जगह शुद्ध लाभ के आधार पर धनराशि देनी होगी।
– भीमताल केंद्रीय विद्यालय के लिए 0.25 हेक्टेयर भूमि आवंटन के लिए दो करोड़ रुपये माफ। 
– अल्मोड़ा कुंम्ट्रान लिमिटेड 1999 बंद हो जाने के बाद पांच कर्मचारियों को वीआरएस आवेदन को मंजूरी। वर्ष 2004 तक अवैतनिक मानते हुए सेवाकाल की गणना शामिल करने का निर्णय। 
– कुंभ 2021 में श्रद्वालुओं एवं संतों की व्यवस्था के लिए शौचालय इत्यादि के लिए धन प्रबंधन का निर्णय लेने का अधिकार मुख्यमंत्री को दिया गया।
– उत्तराखंड मोबाइल टावर नियमावली के तहत नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति पोल (खंभा) 500 रुपये किराये की जगह शहरी क्षेत्रों में 100 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 50 रुपये किराया लिया जाएगा। 
– केंद्र के जीएसटी के संशोधन को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
– खाद्य विभाग में उपविपणन अधिकारी के लिए सेवा नियमावली बनाई गई।
– राज्य कोषीय उत्तरदायित्व बजट प्रबंधन के लिए जीडीपी का तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत करने की छूट दी गई।
– नर्स भर्ती नियमावली को मंजूरी दी गई।
– उत्तराखंड ऑन डिमांड परिवहन सुविधा के लिए नियमावली बनाई गई। मोबाइल एप से टैक्सी बुक की जा सकती है।

ऋषिकेश मंडी 24 जून तक के लिए सील

(एनएन सर्विस)
ऋषिकेश क्षेत्र में अब कृषि उत्पादन मंडी समिति परिसर में कोरोना वायरस ने पैर पसार लिए हैं। यहां मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती सहित छह अन्य लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रशासन इन सभी के प्रथम और द्वितीय संपर्क में आने वाले लोगों की खोजबीन कर रहा है।
देहरादून निरंजनपुर स्थित कृषि उत्पादन मंडी समिति में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कृषि उत्पादन मंडी समिति ऋषिकेश में रैंडम सैंपलिंग ली गई थी। 13 जून को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ऋषिकेश कृषि मंडी समिति में 97 लोगों के सैंपल लिए थे। जिनमें मंडी समिति अध्यक्ष, कर्मचारी, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर और पल्लेदार शामिल थे। इन सभी के सैंपल को जांच के लिए चंडीगढ़ लैब भेजा गया था। वहां से जांच रिपोर्ट बुधवार रात 9 बजे पहंुची है। इस रिपोर्ट में मंडी समिति परिसर में सात लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह सभी लोग एसिम्टोमेटिक यानी बिना कोरोना लक्षण वाले पाए गए हैं। इन सात लोगों में मंडी समिति अध्यक्ष विनोद कुकरेती सहित छह अन्य व्यापारी शामिल है। मंडी समिति अध्यक्ष ने फोन पर इस बात की पुष्टि की है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण की उपब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश

(एनएन सर्विस)
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तराखण्ड की विशेष बैठक आयोजित हुई। बैठक में वार्षिक ऋण योजना 2020-21 पर चर्चा करते हुए स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को संचालित किये जाने की पर्याप्त संभावनाओं पर विचार करते हुए वार्षिक ऋण योजना को बढ़ाकर 25 हजार 793 करोड़ की संशोधित वार्षिक ऋण योजना अनुमोदित की गई। ज्ञातव्य है कि पूर्व में यह वार्षिक योजना 23 हजार 980 करोड़ की स्वीकृति थी जिसे राज्य में स्थानीय प्रवासी युवाओं के स्वरोजगार की संभावनाओं के आर्थिक गतिविधियों को संचालित किये जाने की संभावना को देखते हुए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति उत्तराखण्ड द्वारा डी.एल.आर.सी/डी.सी.सी द्वारा अनुमोदित वार्षिक ऋण योजना में विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के लक्ष्यों को बढ़ाकर योजना का आकार बढ़ाया गया, तथा इस योजना में 1 हजार 913 करोड़ रूपये की वृद्धि की गयी।
मुख्य सचिव द्वारा चर्चा के दौरान बैंकर्स एवं अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा घोषित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में व्यक्तिगत ध्यान देकर अधिक से अधिक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया जाए। बैठक में बताया गया कि युवा उद्यमियों द्वारा डेरी एवं कुक्कुट पालन के क्षेत्र में अधिक उत्साह दिखाया जा रहा है। मुख्य सचिव ने संबंधित विभागाध्यक्ष को निर्देश दिये कि युवा उद्यमियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को तकनीकी दृष्टि से मदद कराकर बैंकर्स से स्वीकृत कराने में सक्रिय सहयोग दें।
मुख्य सचिव द्वारा जिला स्तरीय पुर्ननिरीक्षण समितिध्जिला परामर्शदात्री समिति की प्रगति की समीक्षा के दौरान एजीएम राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति एसबीआई रमेश कुमार पंत द्वारा बताया गया कि जनपद देहरादून, नैनीताल एवं रुद्रप्रयाग जिलों में मई माह में बैठक नहीं हो पायी है बाकी सभी जिलों में जिला स्तरीय पुर्ननिरीक्षण समितिध्जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक की जा चुकी है। इस पर मुख्य सचिव द्वारा अवशेष तीनों जनपदों में शीघ्र बैठक कराये जाने हेतु वित्त सचिव सौजन्या को सम्बन्धित जिलाधिकारियों से समन्वय कर क्रियान्वित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एम.एस.एम.ई मनीषा पंवार, सचिव कृषि एवं पशुपालन आर. मीनाक्षी सुन्दरम, वित्त सचिव सौजन्या, अपर सचिव सोनिका, इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता, उप महाप्रबंधक एस.बी.आई बी.एल सैनी तथा सहायक महाप्रबंधक एन.एस रावत, सी.जी.एम नाबार्ड सुनील चांवला, डीजीएम आर.बी.आई तारिका सिंह, क्षेत्रीय निदेशक आर.बी.आई राजेश कुमार सहित समस्त विभागों के सचिव एवं विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

अमेजन प्राइम के माध्यम से बेचेंगे उत्पाद, उत्तराखंड के उद्योगों को मिलेगा फायदा

(एनएन सर्विस)
कोरोना महामारी के कारण उद्योगों के सामने आ रही बाजार की दिक्कत अब जल्द खत्म होगी। उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए अमेजन प्राइम सामने आया है। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (आईएयू) के पहल के बाद अमेजन प्राइम प्रबंधन उद्योगों के प्रोडक्ट उसके माध्यम से बेचने पर सहमत हो गया है। इससे उत्तराखंड के उद्योगों को काफी फायदा हो सकता है। इसके साथ ही आईएयू ने बिजनेस प्लेटफार्म तैयार किया है। जिसके माध्यम से राज्य के उद्योग अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकेंगे।
आईएयू के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि कोरोना संकट के चलते उद्योगों के सामने बाजार की चुनौती खड़ी हो गई है। इसके समाधान के लिए सोमवार को आईएयू की ओर से वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अमेजन प्राइम के सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए। आईएयू की पहल पर अमेजन प्रबंधन उद्योगों के रजिस्ट्रेशन को तैयार हो गया है। जिसके बाद उद्योग अमेजन के माध्यम से और डायरेक्ट भी अपने प्रोडक्ट बेच सकते हैं।
इसके साथ ही इस दौरान एसोसिएशन की ओर से आईएयू बिजनेस प्लेट फार्म की घोषणा की है। इसके माध्यम से राज्य का कोई भी उद्योग अपने माल की मार्केटिंग कर सकता है। इससे उद्योगों को बड़ा फायदा होगा और उनके माल की अधिक बिक्री हो पाएगी। अभी तक यहां के उद्योगों में बनने वाले माल के बारे में लोगों को पता नहीं चल पाता है और जो माल यहां बन रहा है, लोग उसे बाहर से खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। कहा कि यह बिजनेस प्लेटफार्म उद्योगों को एक मार्केटिंग का प्लेटफार्म देगा।
पंकज गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में कई उद्योग ऐसे हैं जिनके प्रोडक्ट की डिमांड खत्म हो चुकी है लेकिन उद्योगों के सामने कोरोना के बाद कई नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। खासकर जो माल चीन से आता था, उसे अपने देश या प्रदेश में भी बना सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार भी कार्ययोजना तैयार कर रही है। इसलिए आईएयू मेडिकल डिवाइस, डिस्पोजेबल मैन्युफैक्चरिंग पर काम कर रहा है। इसके लिए सौ ऐसे आइटम की लिस्ट तैयार कर ली गई है। जिसकी टेक्नोलॉजी लेकर यहां आसानी से बनाया जा सकता है। इसमें लागत भी कम आएगी।
20 से 25 करोड़ में इस प्रकार के उद्योगों को लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई तीन लाख करोड़ की आत्मनिर्भर इकोनॉमिक पैकेज का उत्तराखंड के उद्योग फायदा नहीं उठा रहे हैं। अभी तक मात्र दस हजार उद्योग ही इसका फायदा उठा रहे हैं। जबकि 75 हजार उद्योग इसका फायदा उठा सकते हैं। सेमिनार में इस पैकेज के बारे में उद्योगों को बताया गया और उन्हें पैकेज की सीमा खत्म होने से पहले इसका लाभ लेने की अपील की गई। सेमिनार में प्रदेशभर के उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मुख्यमंत्री ने भूमि खाताधारक के साथ पत्नी का नाम भी शामिल करने का दिया सुझाव

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की तीसरी बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा प्रस्तुत जनपद टिहरी की रिपोर्ट का विमोचन किया।
मुख्यमत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं। यह भी आकलन किया जाय कि उत्तराखण्ड में जो प्रवासी उत्तराखण्डी आये हैं, उनमें से कितने लोग प्रदेश में रहकर ही रोजगार करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए महिलाओं को बैंक से लोन लेने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए भूमि खाताधारक के साथ उनकी पत्नी का नाम भी शामिल किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेशवासियों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराये जायेंगे। इसकी भी पूरी स्टडी की जाय कि किन क्षेत्रों में कार्य करने के लिए लोग अधिक रूचि दिखा रहे हैं। लोगों की आमदनी में कैसे वृद्धि की जा सकती है, किन क्षेत्रों में रोजगार की अधिक सम्भावना है। इसकी पूरी स्टडी की जाय। जो गांव अभी तक सड़क की सुविधाओं से नहीं जुड़ पाये हैं और जिन गांवों में पेयजल की समस्या है, उनको भी चिन्हित किया जाय। हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उसकी, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष प्रयास करने होंगे। ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं एवं जन कल्याणकारी योजनाओं की दिशा में और तेजी से कार्य करने की जरूरत है। चाल-खाल के निर्माण की दिशा में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में हमें प्रयास करने होंगे।
उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ. एस.एस.नेगी ने अवगत कराया कि आयोग द्वारा अब तक तीन रिपोर्टें राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई हैं, जिसमें पलायन को कम करने हेतु सिफारिशें दी गई हैं। आयोग द्वारा जनपद अल्मोड़ा के ग्राम पंचायतों में पलायन के विभिन्न पहलुओं पर अंतरिम रिपोर्ट जून 2019 प्रस्तुत की गई। सितम्बर 2019 में ग्राम्य विकास के क्षेत्र में योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विश्लेषण एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आयोग द्वारा सिफारिशें राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई। जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने से संबंधित रिपोर्ट आयोग द्वारा अक्टूबर 2019 में सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा आज जनपद टिहरी गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। आयोग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर बैठकें आयोजित की गई एवं स्थानीय नागरिकों से संवाद किया गया। जनपद टिहरी की रिपोर्ट में विकास खण्डवार सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण एवं रूझान, पलायन की स्थिति, वर्तमान ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों के बारे में विश्लेषण तथा सिफारिशें की गई हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि आगामी वर्ष में जनपद चमोली, रूद्रप्रयाग एवं बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन और सबंधित आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने पर रिपोर्ट तैयार की जायेगी। कोविड-19 के प्रकोप के बाद उत्तराखण्ड राज्य में पर्वतीय जनपदों में घर लौटे प्रवासियों के आर्थिक पुनर्वास हेतु सिफारिशें राज्य सरकार को प्रस्तुत करना आयोग की प्राथमिकता है।

333 युवा सैन्य अफसर बनकर देश सेवा को हुए समर्पित

देश के 333 भावी सैन्य अफसर आज देश सेवा में समर्पित हुए। इसके अलावा 90 विदेशी कैडेट्स भी अपने देश की सेना में शामिल हुए। इनमें 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ न्यू गिनी, श्रीलंका व वियतनाम की सेना का अभिन्न अंग बने। कड़े प्रशिक्षण में खरा उतरने के बाद जांबाज कैडेट्स ने आज आईएमए में अंतिम पग भरा। इसके साथ ही वे भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। परेड में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर भाग लिया।

आज सुबह छह बजकर 42 मिनट पर कैडेट परेड स्थल पहुंचे और परेड शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट ने सबसे पहले परेड की सलामी ली। ठीक सात बजकर पांच मिनट पर कमांडेंट ले. ज. जयवीर सिंह नेगी ने परेड की सलामी ली। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने परेड का निरीक्षण किया। रिव्यूइंग ऑफिसर ने विजेताओं को पुरुस्कार वितरित किए। फिर ये जांबाज अंतिम पग भर सेना में शामिल हो गए। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 423 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए।

मुंह पर मास्क पहनकर की परेड
इस बार 333 भारतीय और 90 विदेशी कैडेट आईएमए से प्रशिक्षण पूरा कर भारतीय सेना और विदेशी कैडेट अपने देशों की कमान संभालने को तैयार हो गए हैं। ऐसा पहली बार है जब कैडेट बिना अपने माता-पिता और रिश्तेदारों के अंतिम पग भरा। परेड भी कैडेट मुंह पर मास्क पहनकर कर रहे हैं।
पहली बार ऐसा हुआ कि आईएमए की पासिंग आउट परेड (पीओपी) के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर सीना चैड़ा किए कदमताल करके अपने बेटे को देखने और उसके कंधों पर पीप्स (सितारे) सजाने की माता-पिता की इच्छा पूरी नहीं हुई।
बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार पीओपी में आईएमए की ओर से किसी भी कैडेट्स के परिजनों को बुलावा नहीं भेजा गया है।

ये बने सर्वश्रेष्ठ
– स्वार्ड आफ आनर-आकाशदीप सिंह ढिल्लो
– स्वर्ण-शिवकुमार सिंह चैहान
– सिल्वर-सक्षण राणा
– ब्रांज-सूरज सिंह
– टीजी सिल्वर-भरत योगेंद्र
– सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट-डोनवान सोन वियतनाम
– चीफ आफ आर्मी स्टाफ बैनर-अलामिन/सिंहगढ कंपनी

स्वरोजगारः पिरूल प्रोजेक्ट में प्रति क्विंटल 100 रूपए की धनराशि देगी राज्य सरकार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सौलर व पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वास्तव में जरूरतमंदों और बेरोजगार को प्राथमिकता दी जाए। सभी विभागों में चल रही स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के साथ जोङा जाए। सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट की आवश्यक प्रक्रियाएं समय से पूरी हों। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और सोलर व पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की।

होप पोर्टल पर स्वरोजगार योजनाओं को अपलोड करे
मुख्यमंत्री ने कहा कि होप पोर्टल पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं की सूचना अपलोड की जाए। एक प्लेटफार्म पर आने से लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी और इसका लाभ उठा सकेंगे। जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए।

प्रत्येक जिले में दो-दो स्वरोजगार प्रेरक
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है हर बेरोजगार साथी अपना रोजगार प्रारम्भ कर सके। लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक महिला और एक पुरूष स्वरोजगार प्रेरक तैनात किए जाएंगे।

किसानो के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों की बिक्री के लिए निश्चिंत होना चाहिए। उनके उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था पर काम किया जाए। हॉर्टीकल्चर, पॉल्ट्री, मत्स्य, बकरी और भेड़पालन लाभदायक हो सकते हैं। इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए। कोशिश की जाए कि अदरक, हल्दी आदि के बीज मांग के अनुरूप स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों। किसानों को उन्नतशील खेती का प्रशिक्षण बंद कमरों तक ही सीमित न रहे, यह प्रशिक्षण का लाभ खेतों तक पहुंचे। कृषि विज्ञान केंद्रों का अधिकाधिक उपयोग हो।

लाभकारी प्रोजेक्ट पर संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें
आवेदकों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए सारी जानकारी दें। इसमें ऑफलाईन आवेदन की भी व्यवस्था हो। विभिन्न व्यवसायों के प्रोजेक्ट किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं, इसके लिये संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें। जिला रोजगार समितियां आवेदकों की काउंसिलिंग भी करें। डीएम हर जिले में कुछ मॉडल प्रोजेक्ट स्थापित करें। बैंकों से समन्वय स्थापित किया जाए और ऋण प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का निस्तारण तुरंत किया जाए।

सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट में प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से लिया जाए। किसी भी एसडीएम के पास इनसे संबंधित फाईल एक सप्ताह से ज्यादा लम्बित नहीं रहनी चाहिए। जिलाधिकारी लगातार इसकी समीक्षा करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पिरूल प्रोजेक्ट में पिरूल एकत्रीकरण पर स्वयं सहायता समूहों को एक रूपया प्रति किलो वन विभाग और 1.5 रूपया (एक रूपया पचास पैसे) प्रति किलो विकासकर्ता द्वारा दिया जाता है। अब राज्य सरकार भी अतिरिक्त 1 रूपया प्रति किलो अर्थात 100 रूपए प्रति क्विंटल की राशि देगी।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ट्रेडिंग भी शामिल
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में विनिर्माण व सेवा क्षेत्र के साथ ट्रेडिंग को भी लिया गया है। योजना की वेबसाइट पर मॉडल प्रोजेक्ट अपलोड किए गए हैं। प्रोजेक्टों की डीपीआर के स्टैंडर्ड फार्मेट भी उपलब्ध कराए गए हैं। वेबसाइट लांच करने के कुछ ही दिनों में काफी लोगों ने आवेदन किया है।

सोलर और पिरूल प्रोजेक्ट
सचिव राधिका झा ने प्रदेश में सोलर व पिरूल प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सोलर में 283 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं जिसमें 203 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 800 करोङ रूपए का निवेश होगा। बहुत सी परियोजनाओं का यूपीसीएल का करार हो चुका है। पिरूल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित किए जा चुके हैं। इनका भी यूपीसीएल के साथ करार किया जा चुका है।
वीडियो कांफ्रेंसिग में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट, आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, सचिव एल फैनई, अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित अन्य अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।